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श्री गुरु सहस्रनामावली

Guru Sahastra Namavali Hindi

MiscSahastranaam (सहस्त्रनाम संग्रह)संस्कृत
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गुरु को आध्यात्मिक मार्गदर्शक और ज्ञान का प्रतीक माना जाता है। वे व्यक्ति को अज्ञान के अंधकार से ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाते हैं। श्री गुरु सहस्रनामावली में गुरु के एक हजार नामों का वर्णन किया गया है, जो उनकी करुणा, ज्ञान, और मार्गदर्शन को दर्शाते हैं। यह सहस्रनामावली भक्त को गुरु तत्व की महिमा और उसकी शक्ति से जोड़ती है। गुरु की उपासना से आत्मिक उन्नति और जीवन में स्थिरता आती है।

श्री गुरु सहस्रनामावली पढ़ने के लाभ

  • सहस्रनामावली का पाठ आत्मज्ञान और आध्यात्मिक चेतना को जागृत करता है।
  • गुरु की कृपा से पाप और नकारात्मक कर्मों का नाश होता है।
  • सहस्रनामावली के पाठ से मन को शांति और संतुलन मिलता है।
  • पाठ करने से जीवन में आने वाले सभी संकट और बाधाएं दूर होती हैं।
  • यह पाठ व्यक्ति को गुरु की कृपा प्राप्त करने और उनके मार्गदर्शन को समझने में मदद करता है।
  • पाठ से साधक का ध्यान गहरा होता है और साधना में प्रगति होती है।
  • गुरु के आशीर्वाद से व्यक्ति को मोक्ष का मार्ग प्राप्त होता है।
  • गुरु की उपासना से आत्मविश्वास और आंतरिक शक्ति का विकास होता है।

श्री गुरु सहस्रनामावली पढ़ने के नियम

  • पाठ से पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। पूजा स्थल को शुद्ध रखें।
  • पाठ आरंभ करने से पहले गुरु के समक्ष अपनी मनोकामना का संकल्प लें।
  • ब्रह्ममुहूर्त और गुरु पूर्णिमा का दिन विशेष रूप से फलदायी होता है। गुरुवार को पाठ करना सर्वोत्तम है।
  • कुश या सफेद वस्त्र का आसन बिछाकर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें।
  • पाठ के दौरान गुरु के दिव्य स्वरूप और उनके मार्गदर्शन का ध्यान करें।
  • सहस्रनामावली का पाठ नियमित रूप से करना चाहिए।

श्री गुरु सहस्रनामावली की पूजा विधि

  • गुरु का चित्र या चरण पादुका, चंदन, कुमकुम और पुष्प, दीपक, धूप और गंगाजल, नैवेद्य (फल, मिष्ठान्न) पूजा सामग्री एकत्रित करें।
  • गुरु के समक्ष दीप प्रज्वलित करें।
  • “ॐ गुरवे नमः” मंत्र का जाप करते हुए पुष्प अर्पित करें।
  • शांतचित्त होकर सहस्रनामावली का पाठ करें।
  • प्रत्येक नाम के साथ गुरु के दिव्य गुणों का चिंतन करें।
  • गुरु को नैवेद्य और फल अर्पित करें।
  • भोग अर्पण के बाद अपनी मनोकामनाओं के लिए प्रार्थना करें।
  • पूजा के अंत में गुरु की आरती करें।
  • प्रसाद सभी परिजनों और भक्तों में वितरित करें।

।। श्री गुरु सहस्रनामावली ।।

ॐ सद्गुरवे नमः।
ॐ अकर्तारवे नमः।
ॐ अकर्मकृते नमः।
ॐ अकाम हताय नमः।
ॐ अक्रोधाय नमः।
ॐ अक्षय मुदाकर निधये नमः।
ॐ अक्षर दीप्ति दर्शकाय नमः।
ॐ अक्षर पद वाक्यार्थ मौल्यमापकाय नमः।
ॐ अक्षरोपासकाय नमः।
ॐ अखण्ड ब्रह्मानुभवे तुरीयाय नमः।
ॐ अखण्डजप निरताय नमः।
ॐ अगणित शास्त्र रहस्यज्ञाय नमः।
ॐ अग्रहण लोपहराय नमः।
ॐ अघराशि हर कृपावर्षाय नमः।
ॐ अङ्गुष्ठमात्र पुरुषं हृदिदर्शकाय नमः।
ॐ अजप गायत्री मन्त्र तत्पराय नमः।
ॐ अजात वैरिणे नमः।
ॐ अज्ञान तिमिरान्धस्य ज्ञानदीप स्थापकाय नमः।
ॐ अज्ञान महार्णव तारकाय नमः।
ॐ अज्ञानविमोहितस्य विभिन्न शिक्षणप्रदाय नमः।
ॐ अणुमहद्व्यापि परतत्व वेत्ताय नमः।
ॐ अतन्द्रिताय नमः।
ॐ अतिथि सेवारत शिष्य प्रशिक्षकाय नमः।
ॐ अद्वितीय आत्मतत्त्व दर्शिने नमः।
ॐ अद्वितीय समुदायोद्धारकाय नमः।
ॐ अद्वितीयाय नमः।
ॐ अद्वैतसुधा स्वातिवृष्टि मूलाय नमः।
ॐ अधर्माभिवृद्धे क्रान्तिपुरुष धर्मस्थापकाय नमः।
ॐ अधिदैविक ज्ञानाधीश ऋषये नमः।
ॐ अधिभौतिक विश्वे धर्म ध्वजारोहिणे नमः।
ॐ अध्यात्म योगनिष्ठाय नमः।
ॐ अध्यात्म योगनिष्ठाय नमः।
ॐ अध्यात्मसाधक मनोदौर्बल्य निवारकाय नमः।
ॐ अनन्त कल्याण गुणनिधये नमः।
ॐ अनन्तजीव प्रज्ञारूप ब्रह्मज्ञाय नमः।
ॐ अनभिषिक्त विश्वाचार्याय नमः।
ॐ अनभिषिक्त विश्वाचार्याय नमः।
ॐ अनर्घ्य सद्विचार रत्नाकराय नमः।
ॐ अनसूयवे नमः।
ॐ अनहं वादिने नमः।
ॐ अनायास ग्रन्थाध्ययनाध्यापन रताय नमः।
ॐ अनाहत चक्रे द्वादश नळिन दर्शकाय नमः।
ॐ अनाहत चक्रे वायु महाभूत स्पर्शज्ञाय नमः।
ॐ अनाहत सदने ‘यं’ बीजाक्षर संलग्नाय नमः।
ॐ अनाहतनाद मुदित योगीश्वराय नमः।
ॐ अनित्य नित्य समदर्शिने नमः।
ॐ अनिरीक्षित घटनावळिमध्ये शिलासदृशाय नमः।
ॐ अनिर्वाच्य पदात्मिका तत्त्वज्ञाय नमः।
ॐ अनिर्विण्ण मानसाय नमः।
ॐ अनुत्तमाय नमः।
ॐ अनुदिन साधनलता संवर्धकाय नमः।
ॐ अनुदिनं प्राण शक्त्योपासकाय नमः।
ॐ अनुदिनाभ्यासे ध्येयगम्यमिति बोधकाय नमः।
ॐ अनुद्विग्न कर्मपटवे नमः।
ॐ अनुद्विग्न मनस्काय नमः।
ॐ अनुपम ग्रहणविधाने आर्जितानन्त ज्ञानाय नमः।
ॐ अनुपम धीवराय नमः।
ॐ अनुपम प्रवचनकाराय नमः।
ॐ अनुपम वात्सल्य सागराय नमः।
ॐ अनुभव तत्पराय नमः।
ॐ अनुभवरहित संवाद दूराय नमः।
ॐ अनेक जन्म वृत्तान्तज्ञाय नमः।
ॐ अनेक मनोविभ्रान्ति विदूराय नमः।
ॐ अन्तः सत्य दर्शकाय नमः।
ॐ अन्तः सत्व प्रवर्धकाय नमः।
ॐ अन्तःकरण वैकल्य भिषजे नमः।
ॐ अन्तःसुखाय नमः।
ॐ अन्तरारामाय नमः।
ॐ अन्तर्ज्योति स्थापकाय नमः।
ॐ अन्तर्बहिर्वृत्ति विलास प्रेक्षकाय नमः।
ॐ अन्तर्मुखे सर्ववृत्ति निरोधकाय नमः।
ॐ अन्तर्विज्ञान सार्वभौमाय नमः।
ॐ अन्धश्रद्धाहरण कोविदाय नमः।
ॐ अन्नमय कोशे सात्विकाहार साफल्यदर्शिने नमः।
ॐ अन्यथाग्रहण निवारकाय नमः।
ॐ अपचारकर्म निवर्तकाय नमः।
ॐ अपर विद्यातट दर्शकाय नमः।
ॐ अपार ललितकलाम्बुधि रसास्वादकाय नमः।
ॐ अपार संसार वारिधि तारकाय नमः।
ॐ अपार्थ कल्पना मकरच्छेदकाय नमः।
ॐ अपार्थ भावकालुष्य दूराय नमः।
ॐ अप्तेजोद्भव प्रधानोपयुक्त लवणरस प्रियाय नमः।
ॐ अप्रतीकाराय नमः।
ॐ अप्रबुद्ध युवजन वैद्याय नमः।
ॐ अभयकराय नमः।
ॐ अभूतपूर्व कृपानिकेतनाय नमः।
ॐ अभोक्ताय नमः।
ॐ अभ्यास समये ज्ञानार्थि नियन्त्रकाय नमः।
ॐ अभ्यासयोगे शिक्षनिरीक्षकाय नमः।
ॐ अभ्यासात् चलित मानसस्य पुनश्चेतनकराय नमः।
ॐ अमनस्क योगस्थाय नमः।
ॐ अमित तेजस्विने नमः।
ॐ अल्पकालिक श्रममल्पेत्युपदेशकाय नमः।
ॐ अल्पमेधसां प्रगत्यर्थं तपोधनाय नमः।
ॐ अवर्णनीय शक्तिनिधये नमः।
ॐ अवसानकाले उत्तरायन दक्षिनायन गतिर्वेत्ताय नमः।
ॐ अवसानकाले गम्यज्ञाने ज्ञातव्यमिति बोधकाय नमः।
ॐ अवस्थात्रय भेदसाक्षिणे नमः।
ॐ अवस्थाधीनोऽपि अवस्थातीताय नमः।
ॐ अविद्यान्धकार क्लेशहराय नमः।
ॐ अविनाशि सञ्चित कर्मवेत्ताय नमः।
ॐ अश्रु स्वेद कम्पन प्रलय वैवर्ण्य परवशाय नमः।
ॐ अश्वत्थ तरुवत् सनातन संसारमिति ज्ञातृवे नमः।
ॐ असङ्ग शस्त्राय नमः।
ॐ असम वचनसुधा वाहकाय नमः।
ॐ अस्त्रविद्या परिणताय नमः।
ॐ अस्मिता पाश विमोचकाय नमः।
ॐ अहं ब्रह्मास्म्यनुभव सिद्धाय नमः।
ॐ अहिंसा ज्योत्यै नमः।
ॐ आकाश वायु पावक वारि पृथ्विगुण वैलक्षण्य वेत्ताय नमः।
ॐ आकाश वायु मिश्रणोद्भव तिक्तरसाकर्षिताय नमः।
ॐ आग्नेय धारण तोषिताय नमः।
ॐ आजानुबाहवे नमः।
ॐ आज्ञा चक्रे ‘ॐ’ बीजाक्षर जपकर्तृवे नमः।
ॐ आज्ञा चक्रे द्विदळयुत नळिन दर्शकाय नमः।
ॐ आज्ञा चक्रे स्थितचित्तस्य त्रिकालज्ञान वेत्ताय नमः।
ॐ आज्ञाधारक शिष्यवृन्देण आश्रम निर्वाहकाय नमः।
ॐ आत्मज्ञान बोधनार्थमागत गुरुरूप देवदूताय नमः।
ॐ आत्मज्ञान हिमशैल धामाय नमः।
ॐ आत्मज्ञानिने नमः।
ॐ आत्मज्ञानैश्वर्य समन्विताय नमः।
ॐ आत्मतृप्ताय नमः।
ॐ आत्मनिवेदना तल्लीनाय नमः।
ॐ आत्मयात्रार्थं पराश्रयाय नमः।
ॐ आत्मश्रद्धा संवर्तकाय नमः।
ॐ आत्मसाक्षात्कारार्थं सुखेषु विगतस्पृहाय नमः।
ॐ आत्मसाम्राज्य पतये नमः।
ॐ आत्मस्वाम्ये आत्मौपम्य श्रीयुताय नमः।
ॐ आत्मस्वाम्ये आत्मौपम्य सुखलीनाय नमः।
ॐ आत्मारामाय नमः।
ॐ आत्मौपम्य प्रकाशिताय नमः।
ॐ आत्यन्तिक निवृत्ति निर्मग्नाय नमः।
ॐ आदरणीय गुण गम्भीराय नमः।
ॐ आदर्श ज्ञानमूर्तये नमः।
ॐ आध्यात्मिकानुभव रत्नाकराय नमः।
ॐ आनन्दमय कोशे प्रमोदाय नमः।
ॐ आनन्दमयकोशे चित्तवृत्ति रूपाकार दर्शकाय नमः।
ॐ आप्तशिष्य नन्दने दैवीवात्सल्य पारिजाताय नमः।
ॐ आबाल गोपाराध्याय नमः।
ॐ आर्जवगुण सम्पन्नाय नमः।
ॐ आर्जित विद्याप्रवृद्ध्यर्थं प्रवचनकाराय नमः।
ॐ आर्जितानन्त ज्ञानदान प्रियाय नमः।
ॐ आर्यकावैद्युति नाडिद्वय स्पर्शाय नमः।
ॐ आर्षसंस्कृति रक्षकाय नमः।
ॐ आलस्य जडत्व दूराय नमः।
ॐ आवृत्त लोचनाय नमः।
ॐ आषाढमास पौर्णिमास्यां विश्वाद्यन्ताराध्याय नमः।
ॐ आसुरीगुण सहितस्य दीर्घकाल विद्याप्रदायकाय नमः।
ॐ आस्तिक समुदायोद्धारकाय नमः।
ॐ आस्तेयापरिग्रह व्रताय नमः।
ॐ इडा पिङ्गळा सुषुम्ना नाडि गमनविदे नमः।
ॐ इडानाडि गङ्गा नद्येत्युपासकाय नमः।
ॐ इडापिङ्गळा नाडिद्वयेन श्वासयान रञ्जनाय नमः।
ॐ इतिहासं घटनप्रधानमेति दर्शकाय नमः।
ॐ इहामुत्रार्थ फलभोगविरक्ताय नमः।
ॐ ईप्सित दायकाय नमः।
ॐ ईर्ष्या विषाद घृणादि दुर्गुण दूराय नमः।
ॐ ईषणत्रय पाशमुक्ताय नमः।
ॐ उत्तरायन गतिर्ज्योतिर्मयमितिवेत्ताय नमः।
ॐ उदार विच्छिन्न तनु प्रसुप्त संस्कार विवेचकाय नमः।
ॐ उदारचरित नमः।
ॐ उदासीनाय नमः।
ॐ उद्योगशीलत्व प्रेरकाय नमः।
ॐ उन्नतकार्य निर्वहणे निरीक्षकाय नमः।
ॐ उपनिषदनुभवज्ञाय नमः।
ॐ उपनिषद्व्याख्यानकाराय नमः।
ॐ उपस्थ स्थाने लकुहा नाडिविदे नमः।
ॐ उपाधि योगात् प्राप्तजन्म रहस्यज्ञाय नमः।
ॐ ऊर्ध्वगति प्रियाय नमः।
ॐ ऊर्ध्वगति प्रियोद्धारकाय नमः।
ॐ ऋषिरचित सद्ग्रन्थ मर्मबोधकाय नमः।
ॐ ऋषिसन्देशामृत प्रसारकाय नमः।
ॐ ऋषिसम्प्रदाय परम्परावनाय नमः।
ॐ एक कार्याचरण नैरन्तर्ये सिद्धीश्वराय नमः।
ॐ ऐहिक मनोरथ त्यागे परिपक्वाय नमः।
ॐ ओजस् वह्निदर्शने सूक्ष्मदर्शकाय नमः।
ॐ ओमित्येकाक्षरोपासकाय नमः।
ॐ औदार्यगुणनिधये नमः।
ॐ कठिण दीक्षाबद्ध कङ्कणाय नमः।
ॐ कठोर तपस्विने नमः।
ॐ कमण्डल धारिणे नमः।
ॐ करण सामरस्य सुखकारणाय नमः।
ॐ कर्तृत्व भोकृत्व रहिताय नमः।
ॐ कर्पूर नीराजनवत् निश्शेषाहं दर्शकाय नमः।
ॐ कर्पूरवत् गुरुपदे विद्रावकाय नमः।
ॐ कर्म भाव ज्ञान ध्यान पोषकाय नमः।
ॐ कर्माकर्म विकर्म भेदज्ञाय नमः।
ॐ कलाविद वृन्द कृत सारस्वतोत्सवानन्दिताय नमः।
ॐ कलिकालुष्य हराय नमः।
ॐ कलोपासक सत्त्व वर्धकाय नमः।
ॐ कल्पना लोकयाने पुलकिताय नमः।
ॐ कवि पुङ्गवाय नमः।
ॐ कवि वृन्द वर्णित गुण सामर्थ्य सहिताय नमः।
ॐ कवित्व स्फूर्ति सागर निशाकराय नमः।
ॐ कान्तिवलये सुधीवराय नमः।
ॐ कामना वेदना रहिताय नमः।
ॐ कामसङ्कल्प वर्जिताय नमः।
ॐ काय क्लेश भयस्थ धृतिकारकाय नमः।
ॐ कारुण्य निधये नमः।
ॐ कारुण्य महिमा पूर्णाय नमः।
ॐ कार्पण्य दोष निवारकाय नमः।
ॐ कार्य निर्वहणे निर्देशकाय नमः।
ॐ काल धर्माधीन कर्मे कृपाकराय नमः।
ॐ काव्य वाचन प्रहर्षाय नमः।
ॐ काव्यकर्म मोदप्रियाय नमः।
ॐ काषाय वस्त्र धारिणे नमः।
ॐ कीर्ति सम्पद् मोह वर्जिताय नमः।
ॐ कुटुम्ब सदृश विश्व सङ्घटनापराय नमः।
ॐ कुटुम्ब सौख्यसाधनं प्रेममात्रमिति वेत्ताय नमः।
ॐ कुण्डलिनी शक्त्युद्दीपने बलशालिने नमः।
ॐ कृत निश्चयाय नमः।
ॐ कृतकृत्याय नमः।
ॐ कृतसाकार तत्त्व साक्षात्काराय नमः।
ॐ कृत्स्नविदे नमः।
ॐ कृपानिकेतनाय नमः।
ॐ केवल जप तप मौन व्रताय नमः।
ॐ केवलाय नमः।
ॐ कोमल हित मित सत्यवादिने नमः।
ॐ क्षण क्षणं कृत सार्थक कर्माय नमः।
ॐ क्षणक्षण विचलित मनो निग्रह बलदायकाय नमः।
ॐ क्षमा कामधेनवे नमः।
ॐ क्षमाशील मातृ हृदयाय नमः।
ॐ क्षराक्षर पुरुषौ विवेचकाय नमः।
ॐ क्षराक्षर भेदज्ञाय नमः।
ॐ क्षिप्तचित्त नियामकाय नमः।
ॐ क्षिप्रं मन्त्रदीक्षाव्रत ज्ञान संवर्धकाय नमः।
ॐ क्षीण दुरित साधकोत्कर्षाय नमः।
ॐ खण्डन मण्डन दूराय नमः।
ॐ खिन्नचित्त परितापोपाय नमः।
ॐ खेदचित्त परिवर्तक चिकित्सकाय नमः।
ॐ गतसङ्गाय नमः।
ॐ गन्ध तन्मात्रा पृथ्वी भूत सृष्टिरिति वेत्ताय नमः।
ॐ गम्य द्रष्टाराय नमः।
ॐ गहनतत्त्ववेत्ताय नमः।
ॐ गाढभक्ति विधाने सञ्चालकाय नमः।
ॐ गायक कवि विचक्षण वन्द्याय नमः।
ॐ गायत्री मन्त्र महिमा वेत्ताय नमः।
ॐ गीतसुधा नीराजनप्रहर्षिताय नमः।
ॐ गीतसुधा स्तुताय नमः।
ॐ गीतसुधापान तल्लीनाय नमः।
ॐ गीतसुधाश्रय कल्पतरवे नमः।
ॐ गीतसुधास्वादकाय नमः।
ॐ गीताभ्यासरत विद्या पोषकाय नमः।
ॐ गुणक्षये कुलक्षयेति बोधकाय नमः।
ॐ गुणगम्भीराय नमः।
ॐ गुणग्रहण तपोवने पुनीताय नमः।
ॐ गुणग्रहणाभ्यासलग्न हृदय वासिने नमः।
ॐ गुणमहात्म्यासक्त भक्तवरेण्याय नमः।
ॐ गुणशेखराय नमः।
ॐ गुणसागराय नमः।
ॐ गुणातीताय नमः।
ॐ गुणावगुण सङ्ग्रामे नित्य विजेताय नमः।
ॐ गुरु शिष्य भावैक्य नन्दन विहारिणे नमः।
ॐ गुरुकुल सागरे नाविकाय नमः।
ॐ गुरुकुल सेवा सन्तुष्टाय नमः।
ॐ गुरुकुलाचार्यत्वे शिष्यगण नियामकाय नमः।
ॐ गुरुसेवा निष्ठाय नमः।
ॐ गुरुस्थाने पूजित प्राज्ञ शेखराय नमः।
ॐ गुहोपम हृदये प्राणस्पर्श मुखेन समाधिस्थाय नमः।
ॐ गूढ योगानुष्ठान बोधकाय नमः।
ॐ गृहस्थाश्रम पावित्र्य रक्षकाय नमः।
ॐ गोचरागोचर तत्त्व कोविदाय नमः।
ॐ गोचरागोचर तत्त्वज्ञान सहिताय नमः।
ॐ गोरक्षा व्रत सम्बद्धाय नमः।
ॐ घनपाठ पठन प्रियाय नमः।
ॐ घर्षणहीन जीवन निर्देशकाय नमः।
ॐ घृतसेवित जिह्वोपमे निर्लिप्ताय नमः।
ॐ चतुरन्तःकरणे स्वयं प्रसन्नाय नमः।
ॐ चरग्रन्थालयाय नमः।
ॐ चराचर भावनाय नमः।
ॐ चलद्देवालयाय नमः।
ॐ चाक्षुष ज्योति दर्शकाय नमः।
ॐ चित्त चाञ्चल्य निवारक बहुविध मन्त्र तन्त्र विशारदाय नमः।
ॐ चित्त चाञ्चल्य निवारकाय नमः।
ॐ चित्तपरिवर्तक योग चिकित्सकाय नमः।
ॐ चित्तप्रसाद नवनीताशुप्रदाय नमः।
ॐ चित्तवृत्ति शुद्धीकराय नमः।
ॐ चित्तशुद्धि लाभार्थं भक्तिपथे शिक्षकाय नमः।
ॐ चिद्विलास रञ्जनाय नमः।
ॐ चिन्ता सन्तति नाशकाय नमः।
ॐ चिन्मयानन्दाय नमः।
ॐ जगद्गुरवे नमः।
ॐ जगन्निवासध्याने मुदिताय नमः।
ॐ जठराग्नि रूपे अग्नितत्त्व दर्शकाय नमः।
ॐ जनन मरण चक्रव्यूह भेदकाय नमः।
ॐ जनन मरण विज्ञान शोधकाय नमः।
ॐ जनानुरागी विरागिणे नमः।
ॐ जन्म कर्म रहस्य वेत्ताय नमः।
ॐ जन्मकर्म फलभोगे निश्चलचित्ताय नमः।
ॐ जन्मकर्म रहस्य प्रसारकाय नमः।
ॐ जप तप ध्यानादि योगे निर्मग्नाय नमः।
ॐ जरा जाड्य यातना निवारकाय नमः।
ॐ जरा व्याधि भीतिहराय नमः।
ॐ जलजदलमम्बुवत् निर्लिप्ताय नमः।
ॐ जलधारा मुखेन कळशे आध्यात्मिक शक्ति वाहकाय नमः।
ॐ जलीय धारण विधान बोधकाय नमः।
ॐ जाग्रत्स्वप्न सुषुप्त्यानुभव विश्लेषकाय नमः।
ॐ जाग्रत्स्वप्नेति सत्यसाक्षिणे नमः।
ॐ जाग्रदवस्थे सर्वपाश दर्शकाय नमः।
ॐ जाति वर्ण कुल भेद प्रकाशकाय नमः।
ॐ जाह्नवी वारिवत् पतित पावकाय नमः।
ॐ जिज्ञासारण्ये दृग्पथ दर्शकाय नमः।
ॐ जिज्ञासु परमाश्रयाय नमः।
ॐ जिज्ञासुवृन्द भगवते नमः।
ॐ जित क्रोधाय नमः।
ॐ जीव शुभ चिन्तकाय नमः।
ॐ जीवन निस्सारत्व प्रबोधकाय नमः।
ॐ जीवन यात्रे आमिषदूर योगिने नमः।
ॐ जीवन्मुक्ताय नमः।
ॐ जीवभाव दूरीकर वचनसुधाकराय नमः।
ॐ जीवभाषाकर्षक वाग्सुधा समेताय नमः।
ॐ जीवरहस्य बोधकाय नमः।
ॐ जीवसंस्करण शास्त्रविदे नमः।
ॐ जीवेश्वराभेद दर्शकाय नमः।
ॐ जीवोत्कर्षाय नमः।
ॐ ज्ञातृ ज्ञान ज्ञेय रहितावस्था लीनाय नमः।
ॐ ज्ञान विज्ञान पूर्णाय नमः।
ॐ ज्ञान सिंहासनारूढाय नमः।
ॐ ज्ञानखड्ग धराय नमः।
ॐ ज्ञानगम्य सिद्धाय नमः।
ॐ ज्ञानतपस्विने नमः।
ॐ ज्ञानदाने आश्चर्यकर वाङ्मिने नमः।
ॐ ज्ञानदीपोत्सव तुष्ठाय नमः।
ॐ ज्ञानपीठ दीप्ति प्रसारकाय नमः।
ॐ ज्ञानप्रसादेन सन्तृप्ताय नमः।
ॐ ज्ञानभूषण तीर्थाय नमः।
ॐ ज्ञानवृद्धाय नमः।
ॐ ज्ञानाग्नि दग्धकर्माय नमः।
ॐ ज्ञानाम्बुधि तल रत्नान्वेषकाय नमः।
ॐ ज्ञानासक्त हृदयेश्वराय नमः।
ॐ ज्ञानोत्सवरूप ज्ञानयज्ञ प्रियाय नमः।
ॐ तत्त्वमस्यादि लक्ष्य दर्शकाय नमः।
ॐ तपोयज्ञ निरताय नमः।
ॐ तमोगुण वृक्ष कुठाराय नमः।
ॐ तापत्रय समरे जयशालिने नमः।
ॐ तापस ध्येयाय नमः।
ॐ तामसिकाहार फलं दुःखमिति संशोधकाय नमः।
ॐ तारक मन्त्रोपासकाय नमः।
ॐ तारतम्य भेद रहिताय नमः।
ॐ तितिक्षोपरति साधन बोधकाय नमः।
ॐ तीर्थरूपाय नमः।
ॐ तुरीयाय नमः।
ॐ तेज वायु सङ्गमसम्भव कटुरसाहार प्रियाय नमः।
ॐ तैजस ज्योति प्रकाशाय नमः।
ॐ त्याग शीलत्वाराधाकाय नमः।
ॐ त्यागधन सदनाय नमः।
ॐ त्रिगुणानुसारे जीव परिवर्तकाय नमः।
ॐ त्रिताप सन्त्रस्थावनाय नमः।
ॐ त्रिपुण्ड्र विराजिताय नमः।
ॐ त्रिविध श्रद्धा यज्ञ दान तपोभिः जीव परिवर्तकाय नमः।
ॐ त्रिविध श्रद्धा विभेदकाय नमः।
ॐ त्रिसन्ध्योपासित गायत्री मन्त्र व्रताय नमः।
ॐ दक्षिण कर्णे पुंसानाडि सहिताय नमः।
ॐ दक्षिण नेत्रे गान्धारि नाडियुताय नमः।
ॐ दयार्द्र भवरोग भिषजे नमः।
ॐ दशदिग्व्यापक पञ्चभूताराधाकाय नमः।
ॐ दशनाद श्रवण भाग्ये प्रहर्षाय नमः।
ॐ दशेन्द्रिय युक्तोऽपि अतीन्द्रियाय नमः।
ॐ दान यज्ञ कर्म परायणाय नमः।
ॐ दिन दिनं दत्तज्ञान कुसुमगुच्छाय नमः।
ॐ दिव्य चेतनाय नमः।
ॐ दिव्य ज्योतिर्विज्ञाने प्रमुदिताय नमः।
ॐ दिव्य नेत्रोन्मीलन योगिवरेण्याय नमः।
ॐ दिव्य स्फुरण पारिजात तरुवे नमः।
ॐ दीन दलित सेवासक्ताय नमः।
ॐ दीर्घकाल साधना साफल्य निधीश्वराय नमः।
ॐ दीर्घसूत्रता हराय नमः।
ॐ दुर्गुणारण्य दाहकाय नमः।
ॐ दुर्लभतर मेधावी जन्मधारिणे नमः।
ॐ दुर्विज्ञेय अन्तर्मर्मविदे नमः।
ॐ दूर समीप देशात् विविध गन्धसेवने गन्धविरागिणे नमः।
ॐ दूरीकृत कपट शिष्याय नमः।
ॐ दृग् दृश्य विवेके चिन्तामण्यैव शोभिताय नमः।
ॐ दृग् दृश्य विवेचन बोधकाय नमः।
ॐ दृढ चित्ताय नमः।
ॐ दृष्टिं ज्ञानमयं कृत्वा ब्रह्ममय जगद्रष्टाराय नमः।
ॐ दृष्टिं ध्यानमयं कृत्वा सृष्टिं शान्तमय दर्शिने नमः।
ॐ दृष्टिं प्रेममयं कृत्वा सुखमय जीवन दर्शिने नमः।
ॐ दृष्टिं विज्ञानमयं कृत्वा गुणमय देहयात्रा दर्शिने नमः।
ॐ देदीप्यमान धी शक्तियुताय नमः।
ॐ देवदानव पूजिताय नमः।
ॐ देवदूताय नमः।
ॐ देवव्रताय नमः।
ॐ देश दिक्काल निमित्ते प्रकटित साकार ब्रह्मवेत्ताय नमः।
ॐ देह नश्वरत्व प्रबोधकाय नमः।
ॐ देहनगर यात्रे अन्तर्योगिने नमः।
ॐ दैवगत प्राणाय नमः।
ॐ दैवापचार कर्मदोष निवारकाय नमः।
ॐ दैवोपचार विधान बोधकाय नमः।
ॐ दोष दुरित दूराय नमः।
ॐ द्युतिमय दिव्य नेत्राय नमः।
ॐ द्वासप्ततिः नाडीषु व्यान सञ्चार स्पर्शज्ञाय नमः।
ॐ द्विसप्ततिः सहस्रनाडीयुक्त देहविज्ञानिने नमः।
ॐ धन कनक वस्तु व्यामोह दूरीकराय नमः।
ॐ धर्म मर्यादा रक्षकाय नमः।
ॐ धर्म साम्राज्य चक्रवर्तिने नमः।
ॐ धर्म स्थापन तत्पराय नमः।
ॐ धर्मक्षेत्रे न्यायाधीशाय नमः।
ॐ धर्मपाठ प्रवचन दीप्ति शोभिताय नमः।
ॐ धर्मसम्मूढोद्धारकाय नमः।
ॐ धारणावस्थे निगृहीत वृत्तिबाहुळ्याय नमः।
ॐ धार्मिक कैङ्कर्य सम्प्रीताय नमः।
ॐ धीर गम्भीर प्राज्ञाय नमः।
ॐ धीर प्रशान्त योगिने नमः।
ॐ धीरोदात्ताय नमः।
ॐ धूममय दक्षिणायनमिति बोधकाय नमः।
ॐ ध्यान ध्यातृ ध्येय त्रिपुटि रहिताय नमः।
ॐ ध्यानरक्त निरुपम शान्त रजसाय नमः।
ॐ ध्यानानन्द निश्चलाय नमः।
ॐ ध्यानाभ्यास नैरन्तर्ये साफल्य स्वामिने नमः।
ॐ नतलोक जनाराधन विश्वासपात्राय नमः।
ॐ नयन मनोहर बहु रूपाकार वर्णवलये विरागिणे नमः।
ॐ नवनवीन मनोनिग्रह तन्त्रज्ञाय नमः।
ॐ नवयुग प्रवर्तकाय नमः।
ॐ नवरसमय भाव जीवन विश्लेषकाय नमः।
ॐ नादबिन्दु कळातीत तत्त्वपराय नमः।
ॐ नाभिस्थाने शङ्खिनी नाडि पूर्णाय नमः।
ॐ नारीकुलात्म शक्ति संवर्धकाय नमः।
ॐ निःश्रेयस परपथ दर्शकाय नमः।
ॐ निगमागम शास्त्राराधकाय नमः।
ॐ निग्रहानुग्रह निधये नमः।
ॐ नित्य संन्यासिने नमः।
ॐ नित्यानित्य पदार्थ विवेकपूर्णाय नमः।
ॐ निन्दा स्तुति समाय नमः।
ॐ निन्दास्तुति समाय नमः।
ॐ निरङ्कुश मति शिष्याराधिताय नमः।
ॐ निरपाय प्राचार्याय नमः।
ॐ निराकार विश्व प्रभूपासन तन्मयाय नमः।
ॐ निराशिने नमः।
ॐ निरुपद्रवकर ध्येयगामिने नमः।
ॐ निरुपम गुणशक्ति प्रसारकाय नमः।
ॐ निरुपम मनीषिणे नमः।
ॐ निरुपाधिक तत्त्वे निर्मग्नाय नमः।
ॐ निर्धूत कलुष साधक प्रियाय नमः।
ॐ निर्भीति सन्तोष तपो प्रेरकाय नमः।
ॐ निर्ममाय नमः।
ॐ निर्लेप योगे कर्मविमुक्ताय नमः।
ॐ निर्लोभाय नमः।
ॐ निर्व्याज कृपा सागराय नमः।
ॐ निवारित सर्वारिष्ठाय नमः।
ॐ निवृत्ति प्रधान साधकानां ध्यानयान शिक्षकाय नमः।
ॐ निश्चिन्त जीव यात्रार्थिने नमः।
ॐ निष्कलङ्काय नमः।
ॐ निष्कलाय नमः।
ॐ निष्काम कर्मचक्र प्रवर्तकाय नमः।
ॐ निष्कामयोग शिक्षकाय नमः।
ॐ निस्पृहाय नमः।
ॐ नीति न्याय रक्षकाय नमः।
ॐ नीरज पत्रवत् निस्सङ्गाय नमः।
ॐ नीराजन कर्पूरवत् शिवपदे विद्रावकाय नमः।
ॐ नेति नेति भावे आत्म संस्पर्शकाय नमः।
ॐ पञ्चकरण वेत्ताय नमः।
ॐ पञ्चक्लेश वश मनुज भक्ति मात्रेण सुखीति निरूपकाय नमः।
ॐ पञ्चतन्मात्रा व्यापकत्व वेत्ताय नमः।
ॐ पञ्चप्राण क्रिया वैचित्र्य चकिताय नमः।
ॐ पञ्चयज्ञ कर्तृवे नमः।
ॐ पञ्चविषय पराङ्मुखाय नमः।
ॐ पञ्चविषय स्पन्दन रहिताय नमः।
ॐ पञ्चविषय स्पन्दन रहिताय नमः।
ॐ पञ्चीकृत पञ्चमहाभूत जन्य ब्रह्माण्ड वैभव वेत्ताय नमः।
ॐ पञ्चोपप्राण स्थूलक्रिया साक्षिणे नमः।
ॐ पतित तारकाय नमः।
ॐ पद्मदळ रूपे अक्षरोत्पत्ति प्रेक्षकाय नमः।
ॐ परकीय स्वकीय भेदातीताय नमः।
ॐ परचित्त ज्ञानसहिताय नमः।
ॐ परतत्त्व भेद दर्शकाय नमः।
ॐ परतत्त्वध्याने एकाकिने नमः।
ॐ परदेश प्रवासे सत्यज्ञानानन्त तत्त्वघोषाय नमः।
ॐ परम विरहासक्ति भक्ति बन्धिताय नमः।
ॐ परम शिष्टाय नमः।
ॐ परम श्रेष्ठ योगिने नमः।
ॐ परमहंसाय नमः।
ॐ परमात्म प्रतिनिधये नमः।
ॐ परमाप्त शिष्य मात्र वेद्य महिमान्विताय नमः।
ॐ परम्परा प्राप्त बहुविद्या पोषकाय नमः।
ॐ परस्परं भावयितुं शिक्षकाय नमः।
ॐ परा विद्यालय स्थापकाय नमः।
ॐ परा विद्यालय स्थापकाय नमः।
ॐ परानाद सम्मुदिताय नमः।
ॐ पराविद्योपासना तन्मयाय नमः।
ॐ परि परि क्रियाकलाप रक्ति जागर्तिने नमः।
ॐ परिपूर्णत्व प्रेमिणे नमः।
ॐ परिप्रश्नेन धी प्रचोदकाय नमः।
ॐ परिशुद्धाय नमः।
ॐ परोपकारार्थं जन्मधराय नमः।
ॐ परोपदेशे भगवत्स्वरूप नमः।
ॐ पर्णकुटीर वासाय नमः।
ॐ पशु पक्षि प्राणिभिः सहस्मित वाग्मिने नमः।
ॐ पश्यन्ती मध्यमा वैखरी वाग्विलास रञ्जनाय नमः।
ॐ पाञ्चभौतिक देह मोह हराय नमः।
ॐ पाठ प्रवचने सत्यतत्त्व निरूपकाय नमः।
ॐ पाप पुण्यादि द्वन्द्वातीताय नमः।
ॐ पार्थिव धारण सौलभ्य निरूपकाय नमः।
ॐ पिङ्गळा नाडि यमुना नद्येतर्चकाय नमः।
ॐ पिण्डाण्ड विज्ञान समायुक्ताय नमः।
ॐ पुण्यफल प्राप्ति समये दैवार्पणे धन्याय नमः।
ॐ पुराण साहित्यं शिक्षाप्रधानमिति विमर्शकाय नमः।
ॐ पुरुषोत्तम ज्ञानविलीनाय नमः।
ॐ पुरुषोत्तम धामारूढाय नमः।
ॐ पूजा प्रसादं मित्यनुभवे दर्शिताय नमः।
ॐ पूजासक्ति प्रियाय नमः।
ॐ पूर्णप्रज्ञ ब्रह्मज्ञाय नमः।
ॐ पृथक् पृथक् निर्माणे पकृति कला कौशलज्ञाय नमः।
ॐ पृथ्वि जल सङ्गमोद्भव मधुरसाकर्षिताय नमः।
ॐ पृथ्वि तेज सङ्गमोदित आम्लरस प्रियाय नमः।
ॐ पृथ्वि वायु मिश्रण रूप कषायौषधरस प्रियाय नमः।
ॐ पोषकाग्नि वीक्षकाय नमः।
ॐ प्रकृति लीलाबोधक वरद मूर्तये नमः।
ॐ प्रकृतिलीला निरूपक वरदमूर्तये नमः।
ॐ प्रज्ञारोहण शक्ति वर्धकाय नमः।
ॐ प्रणव नादानुसन्धान निरताय नमः।
ॐ प्रणिपातेन प्रसन्नाय नमः।
ॐ प्रति शाखे द्वा सप्ततिः नाडी ज्ञानज्ञाय नमः।
ॐ प्रतिभा ज्योतिरुद्दीपकाय नमः।
ॐ प्रत्यक्ष देवाय नमः।
ॐ प्रत्यक्षानुभवस्थाय नमः।
ॐ प्रत्येक चक्रे विशिष्ट कान्ति दर्शकाय नमः।
ॐ प्रथम दर्शने गुरुमुपसङ्गम्य शरणागताय नमः।
ॐ प्रपन्न चिन्तामणि ध्यान सदनाय नमः।
ॐ प्रपन्नमनो विराजिताय नमः।
ॐ प्रबुद्धाय नमः।
ॐ प्रमाणादि पञ्चवृत्ति रहिताय नमः।
ॐ प्रमाणादि पञ्चवृत्ति विश्लेषण कोविदाय नमः।
ॐ प्रमोदाय नमः।
ॐ प्रयाणकाले प्राणत्याग मार्ग निर्देशकाय नमः।
ॐ प्रयासमय कर्मक्षेत्राद् निर्गमिताय नमः।
ॐ प्रवृत्तिप्रिय साधकानां कर्मक्षेत्रे चालकाय नमः।
ॐ प्रशान्त चित्ताय नमः।
ॐ प्रशान्त मानसाय नमः।
ॐ प्रशान्ताय नमः।
ॐ प्रसन्न मनो स्रोताय नमः।
ॐ प्रसन्न मनोसाम्राज्याधिपाय नमः।
ॐ प्रसिद्धाय नमः।
ॐ प्राज्ञ श्रेष्ठाय नमः।
ॐ प्राज्ञमणि व्याख्यात महिमान्विताय नमः।
ॐ प्राणमय कोशे श्वासनियन्त्रकाय नमः।
ॐ प्राणोपासकाय नमः।
ॐ प्रातःस्मरणीयाय नमः।
ॐ प्राप्त सिद्धि कम्पन रोमाञ्चन विस्मिताय नमः।
ॐ प्रारब्धं भोक्तत्वमिति प्रतिपादकाय नमः।
ॐ प्रिय मोद प्रमोद हर्षज्ञाय नमः।
ॐ प्रियं वदाय नमः।
ॐ प्रीति शान्ति सान्त्वनादि भावान् स्पर्शज्ञाय नमः।
ॐ प्रेमयोगेश्वराय नमः।
ॐ फलकामना रहित शुद्ध भक्ताय नमः।
ॐ ब भ म य र ल इति षडक्षरोत्पत्तिविदे नमः।
ॐ बहु द्रव्यमय कार्यं बहुलायासमिति प्रशिक्षकाय नमः।
ॐ बहुक्रिया प्रक्रिया सौधामिनि रूपाय नमः।
ॐ बहुविद्या पारङ्गताय नमः।
ॐ बहुशास्त्र रहस्यविदे नमः।
ॐ बालक बालिका हृदये भक्तिज्योति स्थापकाय नमः।
ॐ बाह्याभ्यन्तर शुचिनिष्ठाय नमः।
ॐ बीजाक्षर जप परिणामज्ञाय नमः।
ॐ बुद्धाय नमः।
ॐ बुद्धि विवेचन पूर्णोऽपि बुद्धाय नमः।
ॐ बुद्धि व्यवसाय चतुराय नमः।
ॐ ब्रह्म कमलोपम दिव्य चरणाय नमः।
ॐ ब्रह्म निर्वाणपदे परमानन्दाय नमः।
ॐ ब्रह्मचारिणे नमः।
ॐ ब्रह्मतत्व्वासनाय नमः।
ॐ ब्रह्मभाव रञ्जनाय नमः।
ॐ ब्रह्मभाव वर्चस्विने नमः।
ॐ ब्रह्मरन्ध्रे मनो बुद्धिवलये मन्त्रजप निष्ठाय नमः।
ॐ ब्रह्मर्षिणे नमः।
ॐ ब्रह्मसूत्रार्थ व्याख्ये सत्य प्रतिपादकाय नमः।
ॐ ब्रह्माण्ड वलये नित्य कल्याणप्रियाय नमः।
ॐ ब्रह्माण्ड विज्ञान प्राप्ति पूर्णाय नमः।
ॐ ब्रह्मानुभव शरधि निमग्नाय नमः।
ॐ ब्राह्मीमुहूर्ते अन्तर्विद्या मग्नाय नमः।
ॐ भक्त शिखामणि सम्प्रीत ज्ञान वैभवाय नमः।
ॐ भक्त समुदाय गेयाय नमः।
ॐ भक्ति ज्ञान वैराग्य श्री सम्पन्नाय नमः।
ॐ भक्तिगान लोलाय नमः।
ॐ भक्तिभाव द्रवित मनस्काय नमः।
ॐ भक्ष्य भोज्य लेह्य चोष्येति चतुर्विधान्न सेवनासक्ताय नमः।
ॐ भगवद्गीता पीयूष रक्ताय नमः।
ॐ भगवद्ध्यानानन्द तल्लीनाय नमः।
ॐ भगवद्विभूति वैविध्यज्ञाय नमः।
ॐ भगवन्निष्ठ जीवयात्रा तत्पराय नमः।
ॐ भद्रप्रिय प्रीति सागराय नमः।
ॐ भवार्णव तारकाय नमः।
ॐ भानुवत् सगुण ब्रह्मेति उपासकाय नमः।
ॐ भाव विश्लेषण विशारदाय नमः।
ॐ भावसङ्घर्षण शामकाय नमः।
ॐ भावसमन्वित बुधवरेण्याय नमः।
ॐ भास्वर ज्योति दर्शकाय नमः।
ॐ भीति भ्रान्ति हराय नमः।
ॐ भेदरहित मोदे साधक पावनाय नमः।
ॐ भोग त्याग धनाय नमः।
ॐ मङ्गल कार्यक्षेत्रे सञ्चारिणे नमः।
ॐ मणिपूर चक्रे दशदळ नीरज दर्शिने नमः।
ॐ मणिपूर पद्मे ‘रं’ बीजाक्षर निरताय नमः।
ॐ मणिपूर ब्रह्मकमले तेजो तत्त्वविदे नमः।
ॐ मनन मन्थन ध्येयाय नमः।
ॐ मनो दुर्दशा निवारकाय नमः।
ॐ मनो बुद्धि तेजो वर्धकाय नमः।
ॐ मनोखिन्नत्व निवारक योगवैद्याय नमः।
ॐ मनोगत कामपीडा निवारकाय नमः।
ॐ मनोदशा सुधारकाय नमः।
ॐ मनोनेत्र दर्शितासङ्ख्य दिव्यरूपाय नमः।
ॐ मनोबल वर्धकाय नमः।
ॐ मनोबुद्धि तेजोवर्धक भास्वर ज्योति दर्शने नमः।
ॐ मनोमय कोशे चाञ्चल्य दूराय नमः।
ॐ मनोरञ्जने भगवत्कथा तन्मयाय नमः।
ॐ मनोलये समाधिस्थाय नमः।
ॐ मनोविकृति ग्राहवती मध्ये शिक्ष संरक्षकाय नमः।
ॐ मनोविलास युक्तोऽपि अमनस्क योगज्ञाय नमः।
ॐ मनोवैरिवर्ग विनाशकाय नमः।
ॐ मनोहर साकार देवदर्शकाय नमः।
ॐ मन्त्र तन्त्र रूप सर्वाक्षराराधकाय नमः।
ॐ मन्त्रपठन शक्ति महत्त्व वेत्ताय नमः।
ॐ मन्त्राभ्यास योगेन ज्ञेयदर्शिने नमः।
ॐ मन्त्राभ्यासेन ज्ञेयतत्त्ववेत्ताय नमः।
ॐ मन्दमति वेगवर्धकाय नमः।
ॐ मन्दस्मित मुखाय नमः।
ॐ मन्दस्मित वदनाय नमः।
ॐ मल विक्षेप आवरणेति त्रिदोष रहिताय नमः।
ॐ महर्षिगण सेविताय नमः।
ॐ महा विरक्ताय नमः।
ॐ महा वीर धीराय नमः।
ॐ महा शक्ताय नमः।
ॐ महोदार चरिताय नमः।
ॐ मानसोद्विग्नता शून्याय नमः।
ॐ मायाजाल रूप विषयव्यूह भेदकाय नमः।
ॐ मुक्तसङ्गाय नमः।
ॐ मुक्ति मोद प्रदाय नमः।
ॐ मुक्तिद्वार कवाट पाटन कराय नमः।
ॐ मुखारविन्दे आलम्बू नाडिवेत्ताय नमः।
ॐ मुख्यप्राण शक्ति ज्ञाने शुद्धाय नमः।
ॐ मुद्रासहित ध्यान निरताय नमः।
ॐ मूलाधार चक्रे चतुर्दळ पद्म दर्शकाय नमः।
ॐ मूलाधार चक्रे पृथ्वी महाभूत दर्शिने नमः।
ॐ मूलाधार चक्रे ‘लं’ बीजाक्षरोपासकाय नमः।
ॐ मूलाधारे व श ष स चतुरक्षरोत्पत्तिविदे नमः।
ॐ मृदु पल्लवोपमाभय हस्ताय नमः।
ॐ मृदु स्पन्दनमये स्पर्शाकर्षण वर्जिताय नमः।
ॐ मृदुल शिशु चलन वलन वर्तनास्वादकाय नमः।
ॐ मोक्षपरायण साधन पथ दर्शकाय नमः।
ॐ मोघाशा शतैर्बद्ध नेत्रोन्मीलनकराय नमः।
ॐ मोघाशाबद्ध चक्षून्मीलनकराय नमः।
ॐ मौढ्यजाड्य वैद्याय नमः।
ॐ यज्ञशिष्टाशिन पावकाय नमः।
ॐ यत चित्तात्मने नमः।
ॐ यत वाक्कायचित्ताय नमः।
ॐ यशापयश समदर्शिने नमः।
ॐ युक्त विहारोल्लासाय नमः।
ॐ युवक युवती शक्ति संवर्धकाय नमः।
ॐ योग प्रशिक्षकाय नमः।
ॐ योग विज्ञान संशोधकाय नमः।
ॐ योग विद्या प्रसारे सूत्रधाराय नमः।
ॐ योगज्ञान दुरन्धराय नमः।
ॐ योगतन्त्रानुशासकाय नमः।
ॐ योगबल सम्पन्न प्रज्ञासञ्चारिणे नमः।
ॐ योगबलेन प्रज्ञासञ्चारिणे नमः।
ॐ योगभ्रष्ट हृदये अचिरेण ध्यानदीप स्थापकाय नमः।
ॐ योगयाने आमिष पाशदूराय नमः।
ॐ योगशास्त्र दुरन्धराय नमः।
ॐ योगशिबिरार्थि परिवेष्टितोदार शिक्षकाय नमः।
ॐ योगसाधन नैरन्तर्ये दग्ध दुरिताय नमः।
ॐ योगसेवा दीक्षाप्रदाय नमः।
ॐ योगसेवा दीक्षाप्रदाय नमः।
ॐ योगसेवालये शान्तरजसाय नमः।
ॐ योगारूढाय नमः।
ॐ योगीश गण्याय नमः।
ॐ योगीश्वराय नमः।
ॐ योगेश्वराय नमः।
ॐ यौगिकसिद्धि पूर्णाय नमः।
ॐ रचनात्मक तन्त्रज्ञ धी प्रकाशकाय नमः।
ॐ रजो गुणोद्वेग नियन्त्रकाय नमः।
ॐ रञ्जकाग्नि क्रिया दर्शकाय नमः।
ॐ रस तन्मात्रा जलोत्पत्ति कारणमिति बोधकाय नमः।
ॐ रागानुराग बन्ध रहिताय नमः।
ॐ राजयोगाधीश्वराय नमः।
ॐ राजाधिराज कुलगुरवे नमः।
ॐ राज्यदाह त्यागिनः ब्रह्मतत्त्व बोधकाय नमः।
ॐ रुद्राक्षिमाला धारिणे नमः।
ॐ रूप तन्मात्रादग्नि सम्भवमिति ज्ञानिने नमः।
ॐ लोक कल्याणकारी मधु हृदयाय नमः।
ॐ लोक सम्पर्क विधि विधान पावनाय नमः।
ॐ लोक सेवायां ईश सेवा दर्शिने नमः।
ॐ लोकसञ्चारिणे नमः।
ॐ लोकाभिमुखे सर्वकार्यकलाप कुशलाय नमः।
ॐ लौकिक जन संसद्यनासक्ताय नमः।
ॐ लौकिक विद्यारङ्ग मार्गदर्शकाय नमः।
ॐ वंशपावनकर कार्यदीपकाय नमः।
ॐ वचन वेग नियन्त्रकाय नमः।
ॐ वज्रमणिवत् प्रकाशित धीवराय नमः।
ॐ वयोमिति रहित जीव विकास कारणाय नमः।
ॐ वरद मूर्तये नमः।
ॐ वर्णसङ्करकारक दोष निवर्तकाय नमः।
ॐ वशीकृत गुणत्रय सङ्घर्षणाय नमः।
ॐ वात्सल्यासक्ति भक्ति पुलकित मानसाय नमः।
ॐ वानप्रस्थाश्रम मार्गदर्शिने नमः।
ॐ वामकर्णे पयस्विनि नाडि समेताय नमः।
ॐ वामनेत्रे अस्थिजिह्वानाडियुक्ताय नमः।
ॐ वायवीय धारणक्रम वेत्ताय नमः।
ॐ वारिज चरण द्वयाय नमः।
ॐ वासनात्रय विमर्शकाय नमः।
ॐ वासनाधीन हृदये विवेक दीप स्थापकाय नमः।
ॐ विक्षिप्त चित्त नियन्त्रकाय नमः।
ॐ विचार विनिमय विशारदाय नमः।
ॐ विचारविनिमय विशारदाय नमः।
ॐ विज्ञान विमाने संशोधन गगन यात्रिकाय नमः।
ॐ विज्ञानप्रियाराधिताय नमः।
ॐ विज्ञानमय कोशे प्रचण्ड धीशक्ति पूर्णाय नमः।
ॐ विद्यामण्टपे मोदलहरि रञ्जकाय नमः।
ॐ विद्यार्जनं जीवन ज्योति स्थापनार्थमिति बोधकाय नमः।
ॐ विद्वत् शिखरे अक्षरार्थ नादलोलाय नमः।
ॐ विद्वत् सन्यासिने नमः।
ॐ विध विध भक्ति सुममालिकार्पण प्रमोदाय नमः।
ॐ विध विध सङ्कट हरणाय नमः।
ॐ विनीत शिष्योद्धारकाय नमः।
ॐ विनीत शिष्योद्धारकाय नमः।
ॐ विनूतन योग तन्त्रज्ञाय नमः।
ॐ विनूतन योगतन्त्र शोधकाय नमः।
ॐ विपरीत निमित्त विचलित स्थैर्यदायकाय नमः।
ॐ विपश्चिताय नमः।
ॐ विभाजकाग्नि वीक्षकाय नमः।
ॐ विरक्ति साम्राज्य साम्राटाय नमः।
ॐ विविदाद्भुत दशनाद श्रवणे आश्चर्यवत् आत्मज्ञाय नमः।
ॐ विविध यज्ञ प्रेरकाय नमः।
ॐ विशाल सुमतीन्द्राय नमः।
ॐ विशिष्ट तपोनिष्ठा गरिमाविदे नमः।
ॐ विशिष्ठाय नमः।
ॐ विशुद्ध चक्रे आकाश तत्त्वस्थिताय नमः।
ॐ विशुद्ध चक्रे षोडशदळ वारिजदर्शकाय नमः।
ॐ विशुद्ध स्थाने ‘हं’ बीजाक्षर निमग्नाय नमः।
ॐ विशुद्धसत्वाय नमः।
ॐ विश्व कुटुम्ब मोदकारणाय नमः।
ॐ विश्व तैजस प्राज्ञ तत्त्व भेधज्ञाय नमः।
ॐ विश्व तैजस प्राज्ञ तत्त्वभेदज्ञाय नमः।
ॐ विश्व पर्यटने आत्मविद्या ज्योति स्थापकाय नमः।
ॐ विश्व प्रेम मुदित मनस्काय नमः।
ॐ विश्वगुरु पीठाधिपतये नमः।
ॐ विश्वरञ्जिताय नमः।
ॐ विषम समये तप्त हृदये शान्ति स्थापकाय नमः।
ॐ विषय चिन्तन समयं कृष्ण पक्षेति प्रसारकाय नमः।
ॐ विषयमय विश्वे स्थित प्रज्ञाय नमः।
ॐ विषयेन्द्रिय संयोगाद्दुःखमेव फलमिति निर्णायकाय नमः।
ॐ विसर्जकाग्नि वरदानवेत्ताय नमः।
ॐ विस्मयकर विकास प्रक्रिया निर्देशकाय नमः।
ॐ विस्मयकर विकास प्रक्रियाप्रेक्षकाय नमः।
ॐ वीत राग द्वेषाय नमः।
ॐ वेद वाणि पीयूष प्रसाददायकाय नमः।
ॐ वेद वेदाङ्ग परिणताय नमः।
ॐ वेदवेदाङ्ग विशारदाय नमः।
ॐ वेदार्थ ब्रह्म विद्या सुधा सागराय नमः।
ॐ वेदोक्ति रत्नमाला प्रियाय नमः।
ॐ वेदोपनिषत् ब्रह्मसूत्र भाष्यकाराय नमः।
ॐ वैदिक सम्प्रदाय प्रवर्तकाय नमः।
ॐ वैराग्य धनाय नमः।
ॐ वैशाल्य औदार्य गुणभूषिताय नमः।
ॐ व्यर्थ कालहरण गुणहरणाय नमः।
ॐ शक्तिपुञ्ज प्रसारकाय नमः।
ॐ शतविध भाव वाग्जाले शब्दाकर्षण रहिताय नमः।
ॐ शतापराध क्षमापण सौमनस्य पूर्णाय नमः।
ॐ शब्द तन्मात्रादाकाशोत्पत्ति रिति वेत्ताय नमः।
ॐ शब्द स्पर्श रूप रस गन्धमय सूक्ष्मदेह दर्शिने नमः।
ॐ शब्दार्थ भावार्थ भेदवेत्ताय नमः।
ॐ शमदमाद्यन्तर्वित्तेशाय नमः।
ॐ शरणागत धीतन्त्रज्ञाय नमः।
ॐ शरणागत सुलभाय नमः।
ॐ शान्ति निलय वायु विहारिणे नमः।
ॐ शान्तिमय भुवनप्रियाय नमः।
ॐ शाब्धिक धारण शिक्षकाय नमः।
ॐ शारीरिक दशदोष निवारणासूत्र बोधकाय नमः।
ॐ शास्त्र विधि ज्ञान प्रकाशाय नमः।
ॐ शास्त्रज्ञान प्रधानार्थं सर्वकाल सिद्धाय नमः।
ॐ शास्त्रज्ञान हीन सूक्ति व्यर्थेति निरूपकाय नमः।
ॐ शास्त्रान्तर्य परायणाय नमः।
ॐ शास्त्रोद्भवलाभ प्रचारकाय नमः।
ॐ शिव पञ्चाक्षरी मन्त्र मग्नाय नमः।
ॐ शिष्टाचार सम्पन्नाय नमः।
ॐ शिष्य काय वाङ्मन बुद्धिबल सञ्चालकाय नमः।
ॐ शिष्य गण योगक्षेमवहाय नमः।
ॐ शिष्य गुणशक्ति विद्या परीक्षकाय नमः।
ॐ शिष्य वृन्द कृत पुण्य साकार मूर्तये नमः।
ॐ शिष्य सन्दर्शन सन्तुष्टाय नमः।
ॐ शिष्य समुदाय परिपोषकाय नमः।
ॐ शिष्य समुदाय भविष्य चिन्तन निरताय नमः।
ॐ शिष्य सौशील्य परीक्षकाय नमः।
ॐ शिष्याधिकारानुसार विद्याप्रदाय नमः।
ॐ शिष्यान्तःकरण मथनाय नमः।
ॐ शिष्योत्तम तेजोवलये विराजिताय नमः।
ॐ शिष्योद्धारणार्थं आश्रम निर्मापकाय नमः।
ॐ शिष्योभूत्वा विधेय शरणागताय नमः।
ॐ शीघ्र स्वीकृत श्रद्धान्वित योग प्रियाय नमः।
ॐ शुद्ध जीवन यात्रा शिक्षकाय नमः।
ॐ शुद्ध प्रेम पारिजाताय नमः।
ॐ शुद्ध वाग्वैखरी समायुक्ताय नमः।
ॐ शुभा शुभातीताय नमः।
ॐ शुभार्थं शास्त्र विहित धर्मनेम पालकाय नमः।
ॐ शुभाशुभ फल समदर्शिने नमः।
ॐ शुभोद्देशन कृत शास्त्र विधिनिषेध पालकाय नमः।
ॐ श‍ृति घोष ज्ञान यज्ञ कर्तृवे नमः।
ॐ श‍ृति घोष भाग्य प्रदाय नमः।
ॐ श‍ृति स्मृति भगवद्गीतार्थ निलयाय नमः।
ॐ शोकाधीन मानस परिवर्तकाय नमः।
ॐ शौच सन्तोष तपोमय कर्म निष्ठाय नमः।
ॐ श्रद्धा तपश्चर्य सिद्धाय नमः।
ॐ श्रद्धापूर्णस्य शीघ्र ज्ञान प्रवर्तकाय नमः।
ॐ श्रमरहित कर्म, भाव स्पन्दन प्रेरकाय नमः।
ॐ श्रवण मनन निधिध्यासनरक्ताय नमः।
ॐ श्री सरस्वती देवि प्रतिनिध्यै नमः।
ॐ श्रीयुत भक्तवृन्द दान कर्म प्रेरकाय नमः।
ॐ श्रेष्ठ सिद्धि बुद्धि स्थान राजिताय नमः।
ॐ श्रोत्रीय ब्रह्मनिष्ठाय नमः।
ॐ श्वेत शुभ्रदुकूलान्विताय नमः।
ॐ षट्चक्रोपासना विधि बोधकाय नमः।
ॐ षड्दर्शन गिरिश्रेणि विहाराय नमः।
ॐ षड्रसमय भक्तिनिवेदन पुलकिताय नमः।
ॐ षड्रसमय भोजने रसाकर्षण रहिताय नमः।
ॐ षड्विकारमय देह मोह दूराय नमः।
ॐ षड्विकाराधीन देह साक्षिणे नमः।
ॐ षोडशोपचारार्चन प्रियाय नमः।
ॐ षोडषकला प्रपूर्ण भगवत्तत्त्वाराधकाय नमः।
ॐ संन्यास योगकोविदाय नमः।
ॐ संन्यासाश्रम गरिमाविदे नमः।
ॐ संन्यासाश्रम निधानाय नमः।
ॐ संयोग वियोग धर्म साक्षिणे नमः।
ॐ संश्रित कारुण्य कल्पतरवे नमः।
ॐ संश्रित दीन रक्षकाय नमः।
ॐ संश्रित वत्सलाय नमः।
ॐ संसार बन्ध विमोचकाय नमः।
ॐ संसेव्यमान सुज्ञान सुरधेनवे नमः।
ॐ संस्कृत्यैव जीवविकास विज्ञानेति दर्शिने नमः।
ॐ सख्यासक्ति भक्ति रञ्जिताय नमः।
ॐ सगुण निर्गुण समन्वय मूर्तये नमः।
ॐ सङ्कल्प विकल्प रहिताय नमः।
ॐ सङ्कल्पमात्रेण सिद्धि प्रदर्शकाय नमः।
ॐ सङ्कष्ट तारकाय नमः।
ॐ सचित्र चित्ते बहुस्मृति शक्तिसंवर्धकाय नमः।
ॐ सच्चरितार्थ पुरुषोत्तमाय नमः।
ॐ सच्चारित्र्य रत्न निधये नमः।
ॐ सच्चिदानन्द रूपाय नमः।
ॐ सच्चिदानन्द रूपिणे नमः।
ॐ सच्चिन्तन समयं शुक्ल पक्षेति निरूपकाय नमः।
ॐ सच्छिष्य गुणरत्न तोषिताय नमः।
ॐ सञ्चित प्रारब्धागामी मर्मज्ञाय नमः।
ॐ सत्त्व गुण वर्धकाय नमः।
ॐ सत्त्व गुणाश्रये महान् सहस्र ज्ञान यज्ञ कर्तृवे नमः।
ॐ सत्त्वगुण प्राधान्ये निरुपम सन्तोषाय नमः।
ॐ सत्त्वसंशुद्धि पूर्णाय नमः।
ॐ सत्प्रवर्तन शील साधक स्वामिने नमः।
ॐ सत्प्रवर्तन सहित हर्षिताय नमः।
ॐ सत्य ज्ञानानन्त तत्त्वज्ञाय नमः।
ॐ सत्य ज्ञानानन्त तत्त्वलीनाय नमः।
ॐ सत्य धर्म निरताय नमः।
ॐ सत्य मिथ्य दर्शने सम्यग्दर्शिने नमः।
ॐ सत्य सन्धाय नमः।
ॐ सदभ्यास वशे सन्तुष्टिरिति निरूपकाय नमः।
ॐ सदाचार निष्ठे समबुद्धये नमः।
ॐ सदृढगात्राय नमः।
ॐ सद्धर्म साधक दिव्य चक्षून्मीलनाय नमः।
ॐ सद्भक्ति पारवश्ये विद्रावक हृदयाय नमः।
ॐ सद्वर्तन सुख जीवन विधान बोधकाय नमः।
ॐ सनातन धर्म सारथ्यै नमः।
ॐ सनातन संस्कृति परिरक्षकाय नमः।
ॐ सन्तृप्ति सदनाय नमः।
ॐ सप्त लोक गमनागमनवेत्ते नमः।
ॐ सप्तधातुर्मय तनु शुद्धि विधि शिक्षकाय नमः।
ॐ समबुद्धि स्वाराज्य संस्थापकाय नमः।
ॐ समय शक्ति सम्पद्विनियोगे शिष्यबल साक्षिणे नमः।
ॐ समरस वाक्काय मानसाय नमः।
ॐ समर्पणे भस्मीकृताहम्भावाय नमः।
ॐ समष्टि व्यष्टि भेदाभेद शिक्षण प्रदाय नमः।
ॐ समस्त जनोल्लासोत्साह प्रियाय नमः।
ॐ समस्त जीव हित चिन्तकाय नमः।
ॐ समस्त देश विदेश प्रेम प्रपूर्णाय नमः।
ॐ समस्त धर्मकार्ये वार्षिकाराधना संलग्नाय नमः।
ॐ समस्त विश्व बुधजन वन्द्याय नमः।
ॐ समस्त शिष्यवृन्द परिरक्षकाय नमः।
ॐ समस्त स्थावर जङ्गमात्मके ब्रह्मतत्त्व दर्शकाय नमः।
ॐ सम्यग्जीवनादर्श महर्षिणे नमः।
ॐ सम्यग्दर्शि ब्रह्मर्षिणे नमः।
ॐ सम्यग्दर्शिने नमः।
ॐ सम्यज्ञान पूर्णाय नमः।
ॐ सर्व जीव साधु कर्मणे नमः।
ॐ सर्व जीवोन्नति सुख हित चिन्तकाय नमः।
ॐ सर्व देश काल जन सम्पूज्याय नमः।
ॐ सर्व पुरुषार्थ साफल्य कारणाय नमः।
ॐ सर्व बीजाक्षर माला जपयज्ञविदे नमः।
ॐ सर्व भूतान्तरात्मा दर्शिने नमः।
ॐ सर्व ललितकलाराधन पूर्णाय नमः।
ॐ सर्व विद्या सार सागराय नमः।
ॐ सर्व विरक्ताय नमः।
ॐ सर्व संशय भीति भ्रान्ति निवारकाय नमः।
ॐ सर्व साधक स्तोम सम्भाविताय नमः।
ॐ सर्वकलाभिमान पूर्णाय नमः।
ॐ सर्वगुणशक्ति सिद्धि निधीश्वराय नमः।
ॐ सर्वजनहितकरोत्सवपराय नमः।
ॐ सर्वजीव साम्य सौख्य मग्नाय नमः।
ॐ सर्वज्ञ मूर्तये नमः।
ॐ सर्वदा पुण्यकर्मबल प्रचारकाय नमः।
ॐ सर्वदा मन्दस्मिताय नमः।
ॐ सर्वदा सत्सङ्गरताय नमः।
ॐ सर्वदा सुगुण रत्नाभरण भूषिताय नमः।
ॐ सर्वप्रयोग साफल्य समेताय नमः।
ॐ सर्वयोग समन्वय चक्रवर्तिने नमः।
ॐ सर्वशास्त्र पारङ्गताय नमः।
ॐ सर्वात्म भावनाय नमः।
ॐ सर्वोपाधि सहिताः जीवात्मा भावयुताः इति वेत्ताय नमः।
ॐ सहज सौम्य हितमित वचन सुधाकराय नमः।
ॐ सहस्रार कमले ‘अः’ जपयज्ञ तोषिताय नमः।
ॐ सहस्रार चक्रे सच्चिदानन्द स्वरूप लीनाय नमः।
ॐ साकार निराकार जीव जगद् ज्ञाने सर्वज्ञाय नमः।
ॐ साकार निराकार समप्रहर्षाय नमः।
ॐ साकार विराड्रूपी ब्रह्मोपासकाय नमः।
ॐ साक्षात् जीवन्मुक्त परब्रह्मणे नमः।
ॐ साक्षात् परब्रह्मेति प्रकीर्तिताय नमः।
ॐ सात्त्विक धृति धारण निर्देशकाय नमः।
ॐ सात्त्विक साधक कृपावर्षाय नमः।
ॐ सात्विक धृति धारण शिक्षकाय नमः।
ॐ सात्विक धृति पूर्णाय नमः।
ॐ सात्विकाहार सेवने सुगुण शीलाय नमः।
ॐ साधक गुणदोष कारण वेत्ताय नमः।
ॐ साधक जन्मकारणवेद्याय नमः।
ॐ साधक जीवनोन्नतिकारणाय नमः।
ॐ साधक निरीक्षकाय नमः।
ॐ साधक परिवार पूज्याय नमः।
ॐ साधक वृन्द सौम्य गुणाराध्याय नमः।
ॐ साधक सम्भाषिताय नमः।
ॐ साधक स्फूर्तिकर दिव्यानुष्ठाय नमः।
ॐ साधकासुरीगुण निवारकाय नमः।
ॐ साधन पर्यन्त शिष्यवेष्टिताय नमः।
ॐ साधना स्फूर्ति प्रदान कुशलाय नमः।
ॐ साधनाभीप्सा वर्धकाय नमः।
ॐ साधित ध्यान समाधिरताय नमः।
ॐ सान्त जीवात्माश्रय परमात्मेति द्रष्टाराय नमः।
ॐ साम्यदृष्टि प्रियाय नमः।
ॐ सारस्वत निधीश्वराय नमः।
ॐ सारस्वत लोकाध्यक्षाय नमः।
ॐ सारूप्य सायुज्य मुक्तिधामे गुणातीताय नमः।
ॐ सार्वकालिक पूज्याय नमः।
ॐ सार्वकालिक सत्य ब्रह्मतत्त्वानुभविने नमः।
ॐ सार्वजनिक सेवा संलग्नाय नमः।
ॐ सार्वत्रिक परिश्रम संलग्नाय नमः।
ॐ सार्वत्रिक पूर्णानुभवज्ञाय नमः।
ॐ सार्वदेशिक प्रकृतिनियम परिज्ञातृवे नमः।
ॐ सार्वभौम गुरुकुलाचार्याय नमः।
ॐ सालोक्य सामीप्य मुक्तिवेत्ताय नमः।
ॐ सिद्धीश्वराय नमः।
ॐ सुख जीव यात्रा कारणाय नमः।
ॐ सुगुण मय मनोवृत्ति प्रदीपकाय नमः।
ॐ सुगुण वृद्ध्यासक्त शिष्योद्धारकाय नमः।
ॐ सुगुणैश्वर्ययुत शिष्याराधिताय नमः।
ॐ सुजन बान्धव्य पराय नमः।
ॐ सुज्ञान भिक्षा प्रदायकाय नमः।
ॐ सुज्ञान विज्ञान तृप्तात्मने नमः।
ॐ सुज्ञान विज्ञान तृप्तात्मने नमः।
ॐ सुज्ञान विश्वविद्यालये प्राचार्याय नमः।
ॐ सुज्ञान सञ्छिन्न संशयाय नमः।
ॐ सुदुराचारि गुण परिवर्तकाय नमः।
ॐ सुधारित शिक्षणक्रम प्रियाय नमः।
ॐ सुधीन्द्राय नमः।
ॐ सुधीमणि प्रज्ञास्पर्शमण्यै नमः।
ॐ सुनायास योगासना शिक्षकाय नमः।
ॐ सुप्रसन्न मनस्क हसन्मुखाय नमः।
ॐ सुमति बल तेजः पूर्णाय नमः।
ॐ सुमनसाराधित विपश्चिताय नमः।
ॐ सुमूर्त चरितार्थाय नमः।
ॐ सुमेधाय नमः।
ॐ सुलभाराधान पथ भक्तियोग प्रसारकाय नमः।
ॐ सुविचार नीरधि नाविकाय नमः।
ॐ सुविशेष धीबल योगबल निधये नमः।
ॐ सुषुम्ना नाडि गुप्त गामिनि सरस्वत्याराधकाय नमः।
ॐ सुषुम्ना शाखाद्वय प्रकाशिनी प्रकाशिका ज्ञातृवे नमः।
ॐ सुषुम्नानाडि प्राधान्यता दर्शकाय नमः।
ॐ सुषुम्नानाडि महिमा वर्णन तोषिताय नमः।
ॐ सुसूत्र कर्माचरण निर्देशकाय नमः।
ॐ सूक्ष्म शरीर प्रयाणे प्राण नियन्त्रकाय नमः।
ॐ सूक्ष्मतत्त्व दर्शकाय नमः।
ॐ सूर्य नमस्कार तोषाय नमः।
ॐ सृजन कार्यनिमित्त कल्पना शक्त्युद्दीपकाय नमः।
ॐ सृजनात्मिक कलाभिज्ञानामपि महत् सृजनकारकाय नमः।
ॐ सृजनात्मिक कार्यार्थं कल्पना शक्त्युद्दीपकाय नमः।
ॐ सोहम्भाव पूर्णाय नमः।
ॐ स्थूल सूक्ष कारण शरीर त्रय बन्धज्ञाय नमः।
ॐ स्थूल सूक्ष्म जगत्सञ्चारिणे नमः।
ॐ स्थूल सूक्ष्म विवेचनापराय नमः।
ॐ स्थैर्य वीर्य सम्पन्नाय नमः।
ॐ स्पर्श तन्मात्रादनलोत्पत्तिरिति ज्ञातृवे नमः।
ॐ स्फुरण सौधामिनि हृदयाय नमः।
ॐ स्मरणासक्ति भक्ति तोषिताय नमः।
ॐ स्व प्रयोजन दृष्टि दूराय नमः।
ॐ स्व बान्धवा मोहराहित्य हर्षाय नमः।
ॐ स्वगुरु चरणे परमाप्त शिष्याय नमः।
ॐ स्वतपोबल प्रसादकाय नमः।
ॐ स्वधर्म महत्त्व बोधकाय नमः।
ॐ स्वभाव जन्य सौम्य शीलाय नमः।
ॐ स्वात्म तेजोवलये शिष्यतेज प्रकाशकाय नमः।
ॐ स्वाधिष्ठान कमले ‘वं’ बीजाक्षर जपरताय नमः।
ॐ स्वाधिष्ठान चक्रे षड्दळकमल ध्यानरञ्जिताय नमः।
ॐ स्वाधिष्ठान पद्मे जल महाभूत तत्त्वज्ञाय नमः।
ॐ स्वाधीनकृत देहत्रय धर्माय नमः।
ॐ स्वाधीनकृत रजोगुणाद्भुत कृतिकाराय नमः।
ॐ स्वार्थपर जनमध्ये पवित्र गुरुकुल रक्षकाय नमः।
ॐ स्वार्थसङ्ग्रह लेपरहिताय नमः।
ॐ स्वावलम्बन सुखप्रदर्शकाय नमः।
ॐ स्वेच्छाप्रवर्तन निषेधकाय नमः।
ॐ हं षं अक्षर द्वयोत्पत्ति दर्शकाय नमः।
ॐ हर्षोल्लासोत्साह वर्धकाय नमः।
ॐ हृत्पद्म विराजित ब्रह्मज्योति दर्शकाय नमः।
ॐ हृत्पीठे प्रतिशाखे द्वासप्ततिः नाडी ज्ञानपूर्णाय नमः।
ॐ हृदय गुहान्तर्प्रकाशाय नमः।
ॐ हृदय ग्रन्थि विभेदकाय नमः।
ॐ हृदय दौर्बल्यवशस्य मनोबलप्रदाय नमः।
ॐ हृदयग्रन्थि विभेदकाय नमः।

॥ इति गीतसुधा विरचिता श्रीगुरु अष्टोत्तरसहस्रनामावळिः सम्पूर्णा ॥

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