भारत माता आरती
॥ आरती ॥ आरती भारत माता की, जगत के भाग्य विधाता की । सिर पर हिम गिरिवर सोहै, चरण को रत्नाकर धोए, देवता गोदी में सोए, रहे आनंद, हुए न द्वन्द, समर्पित छंद, बोलो जय बुद्धिप्रदाता की, जगत के भाग्य विधाता की आरती भारत माता की, जगत के भाग्यविधाता की । जगत में लगती है…