श्री हिंगलाज देवी आरती

|| आरती || ॐ जय हिंगलाज माता, मैया जय हिंगलाज माता । जो नर तुमको ध्याता, वांछित फल पाता ॥ ॐ जय हिंगलाज माता… हीरा पन्ना मंडित, शीश मुकुट सोहे । भाल सिन्दुरी टीका, भक्तन मन मोहे ॥ ॐ जय हिंगलाज माता… कर्णफूल अति उज्जवल, झिलमिल सा चमके । गजमोतिन की माला, कण्डन पर दमके…

कूष्मांडा माता आरती

॥ आरती ॥ कूष्मांडा जय जग सुखदानी। मुझ पर दया करो महारानी॥ पिंगला ज्वालामुखी निराली। शाकंबरी मां भोलीभाली॥ लाखों नाम निराले तेरे। भक्त कई मतवाले तेरे॥ भीमा पर्वत पर है डेरा। स्वीकारो प्रणाम ये मेरा॥ सबकी सुनती हो जगदंबे। सुख पहुंचाती हो मां अंबे॥ तेरे दर्शन का मैं प्यासा। पूर्ण कर दो मेरी आशा॥ मां…

स्कंद माता आरती

॥ आरती ॥ जय तेरी हो स्कंद माता। पांचवां नाम तुम्हारा आता॥ सबके मन की जानन हारी। जग जननी सबकी महतारी॥ तेरी जोत जलाता रहूं मैं। हरदम तुझे ध्याता रहूं मैं॥ कई नामों से तुझे पुकारा। मुझे एक है तेरा सहारा॥ कहीं पहाड़ों पर है डेरा। कई शहरों में तेरा बसेरा॥ हर मंदिर में तेरे…

श्री तारा देवी चालीसा

|| दोहा || जय तारा जगदम्ब जै जय कृपाद्रष्टि की खान। कृपा करो सुरेश्वरि मोहि शरण तिहारी जान।। || चौपाई || माता तुम ही जगत की पालन हारी तुम ही भक्तन कि भयहारी। तुम ही आदिशक्ति कलिका माइ तुम ही सन्त जनों की सुखदायी। तारणी तरला तन्वी कहलाती निज जनो की मंगलदाता कहलाती। तारा तरुणा…

श्री तारा देवी आरती

|| आरती || जय तारा तुम जग विख्यात, ब्रह्माणी रूप सुन्दर भात। चंद्रमा कोहनी भ्राजत, हंस रूप बन माँ तुम आई। कनकवाले केशों में, धूप-दीप फिर सजे। कंबल नीला, वस्त्र सुंदर, चरणों में अंगूर सजे। चन्दन बासम बिलोचन पर, बेल पत्रानि मला धरू। भक्तों के काज राखो, शंकर मन्दिर विशेष आयूं। जय तारा तुम जग…

श्री उमा देवी आरती

|| आरती || देवी दुर्गा उमा, विश्व जननी रमा, मात तारा, एक जगदम्बा तेरा सहारा, देवि दुर्गा उमा, विश्व जननी रमा, मात तारां, एक जगदम्बा तेरा सहारा, तू ही वैष्णवी मोह माया, तूने सारे जग को बनाया, चरण कमलों में माँ, रहता मस्तक नवाँ, यह हमारा, एक जगदम्बा तेरा सहारा, देवी दुर्गा उमा, विश्व जननी…

श्री इंद्र बाईसा चालीसा

II दोहा II नमो नमो गज बदन ने, रिद्ध-सिद्ध के भंडार। नमो सरस्वती शारदा, माँ करणी अवतार II इन्द्र बाईसा आपरो, खुड़द धाम बड़ खम्भ। संकट मेटो सेवगा, शरण पड़या भुज लम्ब II II चौपाई II आवड़जी अरु राजा बाई। और देशाणे करणी माई II चौथो अवतार खुड़द में लीनो। चारण कुल उज्जवल कर दीहो…

श्री इन्द्र बाईसा की आरती

|| आरती || ॐ जय जय इन्द्राणी, माँ जय जय इन्द्राणी। मरूधर में माँ प्रगटिया, जग सारे जाणी॥ ॐ जय जय इन्द्राणी…. सागर सुता सुलोचनी, मोचिनी दुःख माता। धापू कोख जनमिया, धनि-धनि धनदाता ॥ ॐ जय जय इन्द्राणी…. महा शक्ति जग मानो, पुरुष प्रकृति रूपा । सावंल वदन सुकोमल, सेवत भव भूपा॥ ॐ जय जय…

श्री बद्रीनाथजी आरती

॥ आरती ॥ पवन मंद सुगंध शीतल, हेम मंदिर शोभितम् । निकट गंगा बहत निर्मल, श्री बद्रीनाथ विश्व्म्भरम् ॥ शेष सुमिरन करत निशदिन, धरत ध्यान महेश्वरम् । वेद ब्रह्मा करत स्तुति, श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम् ॥ ॥ पवन मंद सुगंध शीतल…॥ शक्ति गौरी गणेश शारद, नारद मुनि उच्चारणम् । जोग ध्यान अपार लीला, श्री बद्रीनाथ विश्व्म्भरम्…

वैष्णो माता आरती

॥ आरती ॥ जय वैष्णवी माता, मैया जय वैष्णवी माता । हाथ जोड़ तेरे आगे, आरती मैं गाता ॥ ॥ जय वैष्णवी माता..॥ शीश पे छत्र विराजे, मूरतिया प्यारी । गंगा बहती चरनन, ज्योति जगे न्यारी ॥ ॥ जय वैष्णवी माता..॥ ब्रह्मा वेद पढ़े नित द्वारे, शंकर ध्यान धरे । सेवक चंवर डुलावत, नारद नृत्य…

श्री नैना देवी चालीसा

।। दोहा ।। नैनों में बसती छवि दुर्गे नैना मात। प्रातः काल सिमरन करू हे जग की विख्यात।। सुख वैभव सब आपके चरणों का प्रताप । ममता अपनी दीजिए माई, मैं बालक करूं जाप।। ।। चौपाई ।। नमस्कार हैं नैना माता। दीन दुखी की भाग्य विधाता।। पार्वती ने अंश दिया हैं। नैना देवी नाम किया…

श्री नैना देवी आरती

|| आरती || तेरा अदभुत रूप निराला, आजा ! मेरी नैना माई ए | तुझपै तन मन धन सब वारूं, आजा ! मेरी नैना माई ए || सुन्दर भवन बनाया तेरा, तेरी शोभा न्यारी | नीके नीके खम्भे लागे, अद्-भुत चित्तर करी तेरा रंग बिरंगा द्वारा || आजा ! मेरी नैना माई ए……….. झाँझा और…

श्री चिंतपूर्णी माता चालीसा

॥ दोहा ॥ चित्त में बसो चिंतपूर्णी, छिन्नमस्तिका मात। सात बहनों में लाड़ली, हो जग में विख्यात॥ माईदास पर की कृपा, रूप दिखाया श्याम। सबकी हो वरदायनी, शक्ति तुम्हें प्रणाम॥ ॥ चौपाई ॥ छिन्नमस्तिका मात भवानी, कलिकाल में शुभ कल्याणी। सती आपको अंश दियो है, चिंतपूर्णी नाम कियो है। चरणों की लीला है न्यारी, जिनको…

श्री चिंतपूर्णी माता आरती

|| आरती || चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी, जग को तारो भोली माँ जन को तारो भोली माँ, काली दा पुत्र पवन दा घोड़ा ॥ ॥ भोली माँ ॥ सिन्हा पर भाई असवार, भोली माँ, चिंतपूर्णी चिंता दूर ॥ ॥ भोली माँ ॥ एक हाथ खड़ग दूजे में खांडा, तीजे त्रिशूल सम्भालो ॥ ॥ भोली माँ…

श्री होलिका चालीसा ( होली )

|| दोहा || याद करें प्रहलाद को, भले भलाई प्रीत। तजें बुराई मानवी, यही होलिका रीत ।। || चौपाई || हे शिव सुत गौरी के नंदन। करूँ आपका नित अभिनंदन।। मातु शारदे वंदन गाता। भाव गीत कविता में आता।। भारत है अति देश विशाला। विविध धर्म संस्कृतियों वाला।। नित मनते त्यौहार अनोखे। मेल मिलाप,रिवाजें चोखे।।…

श्री होलिका आरती ( होली )

|| आरती || ओम जय नरसिंह हरे, प्रभु जय नरसिंह हरे। स्तंभ फाड़ प्रभु प्रकटे, स्तंभ फाड़ प्रभु प्रकटे, जनका ताप हरे॥ || ओम जय नरसिंह हरे  || तुम हो दिन दयाला, भक्तन हितकारी, प्रभु भक्तन हितकारी। अद्भुत रूप बनाकर, अद्भुत रूप बनाकर, प्रकटे भय हारी॥ || ओम जय नरसिंह हरे  || सबके ह्रदय विदारण,…

श्री साई बाबा आरती

|| आरती || ॐ जय साईं हरे, बाबा शिरडी साईं हरे। भक्तजनों के कारण, उनके कष्ट निवारण॥ शिरडी में अवतरे, ॐ जय साईं हरे॥ ॥ ॥ ॐ जय…॥ दुखियन के सब कष्टन काजे, शिरडी में प्रभु आप विराजे। फूलों की गल माला राजे, कफनी, शैला सुन्दर साजे॥ कारज सब के करें, ॐ जय साईं हरे…

श्री नर्मदा आरती

॥ आरती ॥ ॐ जय जगदानन्दी, मैया जय आनंद कन्दी । ब्रह्मा हरिहर शंकर, रेवा शिव हर‍ि शंकर, रुद्रौ पालन्ती ॥ ॥ ॐ जय जगदानन्दी..॥ देवी नारद सारद तुम वरदायक, अभिनव पदण्डी । सुर नर मुनि जन सेवत, सुर नर मुनि… शारद पदवाचन्ती । ॥ ॐ जय जगदानन्दी..॥ देवी धूमक वाहन राजत, वीणा वाद्यन्ती। झुमकत-झुमकत-झुमकत,…

श्री झूलेलाल आरती

॥ आरती ॥ ॐ जय दूलह देवा, साईं जय दूलह देवा । पूजा कनि था प्रेमी, सिदुक रखी सेवा ॥ तुहिंजे दर दे केई, सजण अचनि सवाली । दान वठन सभु दिलि, सां कोन दिठुभ खाली ॥ ॥ ॐ जय दूलह देवा…॥ अंधड़नि खे दिनव, अखडियूँ – दुखियनि खे दारुं । पाए मन जूं मुरादूं,…

श्री चामुण्डा देवी आरती

|| आरती || जय चामुंडा माता मैया जय चामुंडा माता I सरण आए जो तेरे सब कुछ पा जाता II मैया जय चामुंडा माता II चाँद मूंद दो राक्षस हुए है बलसाली I उनको तूने मारा क्रोध दृष्टि डाली II मैया जय चामुंडा माता II चौसठ योगिनी आकर तांडव नृत्य करे I बावन भेरो झूमे…

श्री चामुण्डा देवी चालीसा

|| दोहा || नीलवरण माँ कालिका रहती सदा प्रचंड । दस हाथो मई ससत्रा धार देती दुष्ट को दंड ।। मधु केटभ संहार कर करी धर्म की जीत । मेरी भी पीड़ा हरो हो जो कर्म पुनीत ।। || चौपाई || नमस्कार चामुंडा माता । तीनो लोक मई मई विख्याता ।। हिमाल्या मई पवितरा धाम…

श्री चंडी चालीसा

।। दोहा ।। दुर्गे! दुर्गतिनाशिनी, वासिनी गिरिकैलास! मंदहास ! मृदुभाषिणी!, माॅं! काटौ यमपाश! ।। चौपाई ।। जयति! अंबिका! जयति! भवानी! शिवा ! सांभवी! भवा! मृडानी!! विन्ध्यनिवासिनि! हिमगिरि-गेहा! वपु विराट अति सूक्ष्म सुदेहा! तुंग शृंग अयि!गब्बरवासी! शिव-पत्नी! मख दक्ष विनाशी!! सती! जया! कोहला-नग-वासी! ! सकलशब्दमयि!आनंदराशी!! हिंगलाज!भगवति! जयदाई ! असुरनिकंदनि! अभयप्रदाई! जपाकुसुम-कर! जय कौमारी! पूजित सुर हरि…

श्री राणी सती दादी जी आरती

|| आरती || ॐ जय श्री राणी सती माता, मैया जय राणी सती माता । अपने भक्त जनन की, दूर करन विपत्ती ॥ ॐ जय श्री राणी सती माता, मैया जय राणी सती माता ॥ अवनि अननंतर ज्योति अखंडीत, मंडितचहुँक कुंभा । दुर्जन दलन खडग की, विद्युतसम प्रतिभा ॥ ॐ जय श्री राणी सती माता,…

श्री राणी सती दादी चालीसा

॥ दोहा ॥ श्री गुरु पद पंकज नमन, दुषित भाव सुधार, राणी सती सू विमल यश, बरणौ मति अनुसार, काम क्रोध मद लोभ मै, भरम रह्यो संसार, शरण गहि करूणामई, सुख सम्पति संसार॥ ॥ चौपाई ॥ नमो नमो श्री सती भवानी। जग विख्यात सभी मन मानी ॥ नमो नमो संकट कू हरनी। मनवांछित पूरण सब…

श्री शारदे माँ की आरती

|| आरती || जय शारदे माता मईया जय शारदे माता, तेरा करूँ मैं वंदन पार हो भव बाधा जय शारदे माता तूं विद्या की दात्री, बुद्धि प्रखर कर दे…..मईया स्वर कोकिल सा कर दे राग रंग भर दे। ……ऊँ जय शारदे माता।। पद्मासन पे विराजे श्वेत वस्त्र धारे…..मईया मुख पर तेज तिहारे हस्त विणा राजे।…

श्री शारदा चालीसा

॥ दोहा ॥ मूर्ति स्वयंभू शारदा, मैहर आन विराज। माला, पुस्तक, धारिणी, वीणा कर में साज॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय जय शारदा महारानी, आदि शक्ति तुम जग कल्याणी। रूप चतुर्भुज तुम्हरो माता, तीन लोक महं तुम विख्याता। दो सहस्त्र बर्षहि अनुमाना, प्रगट भई शारद जग जाना। मैहर नगर विश्व विख्याता, जहां बैठी शारद जग…

श्री शारदा माँ की आरती

|| आरती || भुवन विराजी शारदा महिमा अपरम्पार । भक्तों के कल्याण को धरो मात अवतार ॥ मैया शारदा तोरे दरबार, आरती नित गाऊँ । श्रद्धा का दीया प्रीत की बाती, असुअन तेल चढ़ाऊँ ॥ दर्श तोरे पाऊँ, मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ । मन की माला आँख के मोती, भाव के फूल…

श्री चंद्र देव चालीसा

|| दोहा || शीश नवा अरिहंत को, सिद्धन करूं प्रणाम। उपाध्याय आचार्य का, ले सुखकारी नाम।। सर्व साधु और सरस्वती, जिन मंदिर सुखकर। चन्द्रपुरी के चन्द्र को, मन मंदिर में धार।। ।। चौपाई ।। जय-जय स्वामी श्री जिन चन्दा, तुमको निरख भये आनन्दा। तुम ही प्रभु देवन के देवा, करूँ तुम्हारे पद की सेवा।। वेष…

श्री चंद्र देव आरती

|| आरती || ॐ जय सोम देवा, स्वामी जय सोम देवा । दुःख हरता सुख करता, जय आनन्दकारी । रजत सिंहासन राजत, ज्योति तेरी न्यारी । दीन दयाल दयानिधि, भव बन्धन हारी । जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहित गावे । सकल मनोरथ दायक, निर्गुण सुखराशि । योगीजन हृदय में, तेरा ध्यान धरें । ब्रह्मा…

श्री पशुपतिनाथ जी की आरती

|| आरती || ॐ जय गंगाधर जय हर जय गिरिजाधीशा । त्वं मां पालय नित्यं कृपया जगदीशा ॥ || ॐ जय गंगाधर … || कैलासे गिरिशिखरे कल्पद्रमविपिने । गुंजति मधुकरपुंजे कुंजवने गहने ॥ || ॐ जय गंगाधर … || कोकिलकूजित खेलत हंसावन ललिता । रचयति कलाकलापं नृत्यति मुदसहिता ॥ || ॐ जय गंगाधर … ||…

श्री लक्ष्मी जी की आरती

|| आरती || महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं सुरेश्वरि । हरि प्रिये नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं दयानिधे ॥ पद्मालये नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं च सर्वदे । सर्वभूत हितार्थाय, वसु सृष्टिं सदा कुरुं ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता । तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता ॥ उमा, रमा, ब्रम्हाणी, तुम ही जग माता । सूर्य चद्रंमा ध्यावत, नारद…

श्री महालक्ष्मी चालीसा

॥ दोहा॥ जय जय श्री महालक्ष्मी, करूँ माता तव ध्यान | सिद्ध काज मम किजिये, निज शिशु सेवक जान || ॥ चौपाई ॥ नमो महा लक्ष्मी जय माता , तेरो नाम जगत विख्याता | आदि शक्ति हो माता भवानी, पूजत सब नर मुनि ज्ञानी | जगत पालिनी सब सुख करनी, निज जनहित भण्डारण भरनी |…

श्री गौरी माँ चालीसा

।। दोहा ।। मन मन्दिर मेरे इन बसों, आरंभ करूं गुणगान। गौरी माँ मातेश्वरी, दो चरणों का ध्यान। पूजन विधि ना जानती, पर श्रद्धा है अपार, प्रणाम मेरा स्वीकारिये , माँ प्राण आधार।। ।। चौपाई ।। नमो नमो हे गौरी माता। आप हो मेरी भाग्य विधाता।। शरनागत न कभी घबराता। गौरी उमा शंकरी माता।। आपका…

श्री गौरी माँ की आरती

|| आरती || जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी । तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ॥ ॐ जय अम्बे गौरी..॥ मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को । उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रवदन नीको ॥ ॐ जय अम्बे गौरी..॥ कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै । रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै ॥ ॐ जय…

श्री मनसा देवी चालीसा

॥ दोहा ॥ मनसा माँ नागेश्वरी, कष्ट हरन सुखधाम । चिंताग्रस्त हर जीव के, सिद्ध करो सब काम ॥ देवी घट-घट वासिनी, ह्रदय तेरा विशाल । निष्ठावान हर भक्त पर, रहियो सदा तैयार ॥ ॥ चौपाई ॥ पदमावती भयमोचिनी अम्बा । सुख संजीवनी माँ जगदंबा ॥ मनशा पूरक अमर अनंता । तुमको हर चिंतक की…

श्री मनसा देवी आरती

|| आरती || जय मनसा माता मैया जय मनसा माता, जो नर तुमको ध्याता मनवांछित फल पाता। जय मनसा माता।। जरत्कारु मुनि पत्नी, तुम बासुक भगनी। मैया तुम बासुक भगिनी, कश्यप कि तुम कन्या। मैया आस्तिक की माता, मैया आस्तिक की माता। गर्व धन्वन्तरी नाशिनी, हंशवाहिनी देवी मैया हंसिनी देवी, सुर-नर-मुनि-गण ध्यावत जय मनसा माता,…

श्री गायत्री माता की आरती

|| आरती || जयति जय गायत्री माता, जयति जय गायत्री माता । सत् मारग पर हमें चलाओ, जो है सुखदाता ॥ ॥ जयति जय गायत्री माता..॥ आदि शक्ति तुम अलख निरंजन जगपालक क‌र्त्री । दु:ख शोक, भय, क्लेश कलश दारिद्र दैन्य हत्री ॥ ॥ जयति जय गायत्री माता..॥ ब्रह्म रूपिणी, प्रणात पालिन जगत धातृ अम्बे…

माँ सरस्वती जी की आरती

|| आरती || जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता । सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता ॥ ॥ जय सरस्वती माता…॥ चन्द्रवदनि पद्मासिनि, द्युति मंगलकारी । सोहे शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी ॥ ॥ जय सरस्वती माता…॥ बाएं कर में वीणा, दाएं कर माला । शीश मुकुट मणि सोहे, गल मोतियन माला ॥ ॥ जय…

श्री गंगा मैया जी की आरती

॥ आरती ॥ नमामि गंगे ! तव पाद पंकजम्, सुरासुरैः वंदित दिव्य रूपम् । भक्तिम् मुक्तिं च ददासि नित्यं, भावानुसारेण सदा नराणाम् ॥ हर हर गंगे, जय माँ गंगे, हर हर गंगे, जय माँ गंगे ॥ ॐ जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता । जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता ॥ चंद्र सी…

कैला जी की आरती

|| आरती || ॐ जय कैला रानी, मैया जय कैला रानी । ज्योति अखंड दिये माँ तुम सब जगजानी ॥ तुम हो शक्ति भवानी मन वांछित फल दाता ॥ मैया मन वांछित फल दाता ॥ अद्भुत रूप अलौकिक सदानन्द माता ॥ ॐ जय कैला रानी। गिरि त्रिकूट पर आप बिराजी चामुंडा संगा ॥ मैया चामुंडा…

श्री बगलामुखी माँ की आरती

|| आरती || जय जय श्री बगलामुखी माता, आरती करहूँ तुम्हारी | जय जय श्री बगलामुखी माता, आरती करहूँ तुम्हारी | पीत वसन तन पर तव सोहै, कुण्डल की छबि न्यारी | कर कमलों में मुद्गर धारै, अस्तुति करहिं सकल नर नारी | जय जय श्री बगलामुखी माता ………… चम्पक माल गले लहरावे, सुर नर…

श्री विन्ध्येश्वरी आरती

|| आरती || सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी, कोई तेरा पार ना पाया । पान सुपारी ध्वजा नारियल, ले तेरी भेट चढ़ाया ॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी ॥ सुवा चोली तेरी अंग विराजे, केसर तिलक लगाया ॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी ॥ नंगे पग माँ अकबर आया, सोने का छत्र चढ़ाया ॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी…

श्री परशुराम जी की आरती

|| आरती || ॐ जय परशुधारी, स्वामी जय परशुधारी। सुर नर मुनिजन सेवत, श्रीपति अवतारी॥ ॐ जय परशुधारी || जमदग्नी सुत नर-सिंह, मां रेणुका जाया। मार्तण्ड भृगु वंशज, त्रिभुवन यश छाया॥ ॐ जय परशुधारी || कांधे सूत्र जनेऊ, गल रुद्राक्ष माला। चरण खड़ाऊँ शोभे, तिलक त्रिपुण्ड भाला॥ ॐ जय परशुधारी || ताम्र श्याम घन केशा,…

श्री ब्रह्मा जी चालीसा

॥ दोहा ॥ जय ब्रह्मा जय स्वयम्भू, चतुरानन सुखमूल । करहु कृपा निज दास पै, रहहु सदा अनुकूल ॥ तुम सृजक ब्रह्माण्ड के, अज विधि घाता नाम । विश्वविधाता कीजिये, जन पै कृपा ललाम ॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय कमलासान जगमूला । रहहु सदा जनपै अनुकूला ॥ रुप चतुर्भुज परम सुहावन । तुम्हें अहैं…

श्री कालिका माता की आरती

|| आरती || मंगल की सेवा सुन मेरी देवा , हाथ जोड तेरे द्वार खडे। पान सुपारी ध्वजा नारियल ले, ज्वाला तेरी भेट धरेसुन।। जगदम्बे न कर विलम्बे, संतन के भडांर भरे। सन्तन प्रतिपाली सदा खुशहाली, जै काली कल्याण करे ।। बुद्धि विधाता तू जग माता , मेरा कारज सिद्व रे। चरण कमल का लिया…

श्री शीतला माता चालीसा

॥ दोहा ॥ जय जय माता शीतला , तुमहिं धरै जो ध्यान । होय विमल शीतल हृदय, विकसै बुद्धी बल ज्ञान ॥ घट-घट वासी शीतला, शीतल प्रभा तुम्हार । शीतल छइयां में झुलई, मइयां पलना डार ॥ ॥ चौपाई ॥ जय-जय-जय श्री शीतला भवानी । जय जग जननि सकल गुणधानी ॥ गृह-गृह शक्ति तुम्हारी राजित…

श्री शीतला जी की आरती

|| आरती || जै शीतला माता मैया जै शीतला माता । दुख निवारण वाली सुख की वरदाता ।। ॐ जय शीतला माता…। गर्दभ तुमरा वाहन शांत सदा रहता ।। दुख दरिद्रता हरता कष्ट सभी सहता ।। ॐ जय शीतला माता…। चामुंडा कहलाईं अद्भुत रूप धरा ।। नग्न रूप में रहतीं जल हथ कलश भरा ।।…

श्री पार्वती जी की आरती

|| आरती || जय पार्वती माता, जय पार्वती माता, ब्रह्म सनातन देवी शुभ फल की दाता । अरिकुलपद्म विनासनी जय सेवकत्राता, जगजीवन जगदंबा हरिहर गुण गाता । सिंह का वाहन साजे कुंडल हैं साथा, देवबंधु जस गावत नृत्य करत ता था । सतयुग रूप शील अति सुंदर नाम सती कहलाता, हेमांचल घर जन्मी सखियन संग…