गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस 16 वीं सदी में रचित प्रसिद्ध महाकाव्य है। इसके नायक मर्यादा पुरुषोत्तम राम है और इसकी भाषा अवधी है। इस ग्रन्थ को अवधी साहित्य (हिंदी साहित्य) की एक महान कृति माना जाता है।
महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित संस्कृत रामायण को श्रीरामचरितमानस का आधार माना जाता है। यद्यपि रामायण और श्रीरामचरितमानस दोनों में ही राम के चरित्र का वर्णन है परन्तु दोनों ही महाकाव्यों के रचने वाले कवियों की वर्णन शैली में उल्लेखनीय अन्तर है। जहाँ वाल्मीकि ने रामायण में राम को केवल एक सांसारिक व्यक्ति के रूप में दर्शाया है वहीं गोस्वामी जी ने श्रीरामचरितमानस में राम को भगवान विष्णु का अवतार माना है।
रामचरितमानस के सातों कांड के नाम
श्रीरामचरितमानस में सात काण्ड (अध्याय) हैं-
- बालकाण्ड : इस कांड में भगवान राम के जन्म से लेकर उनके विवाह तक के घटनाक्रम आते हैं।
- अयोध्याकाण्ड: इस कांड में राम का अयोध्या लौटने के बाद राजा बनने की योजना, कैकेयी द्वारा राम को वनवास भेजने और राम का वनवास के लिए प्रस्थान शामिल है।
- अरण्यकाण्ड : इसमे शूर्पणखा वध से सीता हरण प्रकरण तक के घटनाक्रम आते हैं
- किष्किन्धाकाण्ड :
- सुन्दरकाण्ड : हनुमान जी का यशोगान किया गया है
- लंकाकाण्ड (युद्धकाण्ड) : इस कांड में कुम्भकर्ण ने राम के हाथों परमगति प्राप्त की. लक्ष्मण ने मेघनाद से युद्ध करके उसका वध कर दिया
- उत्तरकाणड :