।। आरती ।।
श्री हरि हर गुरु गणपति, सबहु धरि ध्यान।
मुनि मंडल श्रृंगार युक्त, श्री गौतम करहुँ बखान।।
ॐ जय गौतम त्राता, स्वामी जी गौतम त्राता ।
ऋषिवर पूज्य हमारे, मुद मंगल दाता।।
ॐ जय गौतम त्राता….
द्विज कुल कमल दिवाकर, परम् न्याय कारी।
जग कल्याण करन हित, न्याय रच्यौ भारी।।
ॐ जय गौतम त्राता….
पिप्लाद सूत शिष्य आपके, सब आदर्श भये।
वेद शास्त्र दर्शन में, पूर्ण कुशल हुए।।
ॐ जय गौतम त्राता….
गुर्जर करण नरेश विनय पर तुम पुष्कर आये ।
सभी शिष्य सुतगण को, अपने संग लाये।।
ॐ जय गौतम त्राता….
अनावृष्टि के कारण संकट आन पड्यो ।
भगवान आप दया करी, सबको कष्ट हरयो।।
ॐ जय गौतम त्राता….
पुत्र प्राप्ति हेतु, भूप के यज्ञ कियो।
यज्ञ देव के आशीष से, सुत को जन्म भयो।।
ॐ जय गौतम त्राता….
भूप मनोरथ पूर्ण करके, चिंता दूर करी।
प्रेतराज पामर की, निर्मल देह करी।।
ॐ जय गौतम त्राता….
ऋषिवर अक्षपाद की आरती ,जो कोई नर गावे।
ऋषि की पूर्ण कृपा से, मनोवांछित फल पावे ।।
ॐ जय गौतम त्राता….
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