॥ संसारकटुवृक्षस्य – श्लोक ॥
संसारकटुवृक्षस्य द्वे
फले अमृतोपमे ।
सुभाषितरसास्वादः
सङ्गतिः सुजने जने ॥
हिंदी अर्थ: आइये जानें इस संस्कृत श्लोक का अर्थ हिंदी में: संसार के कड़वे पेड़ के दो फल होते हैं जो अमृत के समान होते हैं। एक है मधुर शब्दों का स्वाद और दूसरा सज्जन व्यक्तियों की संगति।
Sansaara-katu-vrksasya
dve phale amrtopame,
Subhasita-rasasvadah
sangatih sujane jane
English Meaning: In the bitter tree like world, there are two fruits that are like nectar. The taste of good words and the company of noble individuals.
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