Shani Dev

श्री शनिदेव आरती

Shanidev Aarti Hindi Lyrics

Shani DevAarti (आरती संग्रह)हिन्दी
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अब आप श्री शनिदेव आरती PDF को सरलता से डाउनलोड कर सकते हैं और घर पर कभी भी पाठ कर सकते हैं। इस PDF में पूरी आरती, पूजन विधि और लाभ विस्तार से दिए गए हैं। शनिदेव की आरती का विशेष महत्व है। यह न केवल शनिदेव को प्रसन्न करती है, बल्कि भक्तों को मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा भी प्रदान करती है। मान्यता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से शनिदेव की आरती करता है, उसके जीवन से बाधाएं दूर होती हैं और उसे शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है।

शनिवार का दिन भगवान शनिदेव को समर्पित है। शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है, जो कर्मों के अनुसार फल देते हैं। उनकी कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और कष्ट दूर होते हैं। शनिदेव को प्रसन्न करने का एक सरल और प्रभावशाली तरीका है उनकी आरती करना।

|| शनिदेव आरती (Shanidev Aarti Hindi PDF) ||

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी ।
सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी ॥

॥ जय जय श्री शनिदेव..॥

श्याम अंक वक्र दृष्ट चतुर्भुजा धारी ।
नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी ॥

॥ जय जय श्री शनिदेव..॥

क्रीट मुकुट शीश रजित दिपत है लिलारी ।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी ॥

॥ जय जय श्री शनिदेव..॥

मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी ।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी ॥

॥ जय जय श्री शनिदेव..॥

देव दनुज ऋषि मुनि सुमरिन नर नारी ।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी ॥

॥ जय जय श्री शनिदेव..॥

|| श्री शनिदेव आरती विधि (Shri Shanidev Aarti Vidhi) ||

  • शनिवार को प्रातः स्नान कर शुद्ध होकर शनि मंदिर या घर में शनिदेव की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाएं।
  • सरसों के तेल का दीपक अर्पित करें और नीले या काले फूल चढ़ाएं।
  • शनिदेव के मंत्र या बीज मंत्र “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का जाप करें।
  • इसके बाद श्री शनिदेव आरती का पाठ करें।
  • आरती के पश्चात शनिदेव को काले तिल, काले वस्त्र, उड़द या तेल अर्पण करें।
  • अंत में प्रसाद स्वरूप गुड़-चना का वितरण करें।

|| श्री शनिदेव आरती के लाभ (Laabh) ||

  • शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के कुप्रभाव कम होते हैं।
  • नौकरी, कोर्ट-कचहरी, व्यापार में रुकावटें दूर होती हैं।
  • शत्रु शांत होते हैं और मन में साहस व स्थिरता आती है।
  • जीवन में न्याय, अनुशासन और सफलता का संचार होता है।
  • नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और आत्मिक बल बढ़ता है।
  • शनिवार को काले वस्त्र पहनकर आरती करना श्रेष्ठ होता है।
  • यदि संभव हो तो पीपल के नीचे दीपक जला कर आरती करें।
  • जरूरतमंदों को तेल, काले तिल, चप्पल आदि का दान करें।

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