Shiva

शिव अमृतवाणी

Shiv Amritwani Bhajan Hindi Lyrics

ShivaBhajan (भजन संग्रह)हिन्दी
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|| शिव अमृतवाणी ||

कल्पतरु पुन्यातामा प्रेम सुधा शिव नाम
हितकारक संजीवनी शिव चिंतन अविराम
पतिक पावन जैसे मधुर शिव रसन के घोलक
भक्ति के हंसा ही चुगे मोती ये अनमोल

जैसे तनिक सुहागा सोने को चमकाए
शिव सुमिरन से आत्मा अध्भुत निखरी जाये
जैसे चन्दन वृक्ष को डसते नहीं है नाग
शिव भक्तो के चोले को कभी लगे ना दाग

ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय

दया निधि भूतेश्वर शिव है चतुर सुजान
कण कण भीतर है बसे नील कंठ भगवान
चंद्र चूड के त्रिनेत्रा उमा पति विश्वेश
शरणागत के ये सदा काटे सकल कलेश

शिव द्वारे प्रपंच का चल नहीं सकता खेल
आग और पानी का जैसे होता नहीं है मेल
भय भंजन नटराज है डमरू वाले नाथ
शिव का वंदन जो करे शिव है उनके साथ

ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय

लाखो अश्वमेध हो सौ गंगा स्नान
इनसे उत्तम है कही शिव चरणों का ध्यान
अलख निरंजन नाद से उपजे आत्मा ज्ञान
भटके को रास्ता मिले मुश्किल हो आसान

अमर गुणों की खान है चित शुद्धि शिव जाप
सत्संगती में बैठके करलो पश्चाताप
लिंगेश्वर के मनन से सिद्ध हो जाते काज
नमः शिवाय रटता जा शिव रखेंगे लाज

ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय

शिव चरणों को छूने से तन मन पावन होये
शिव के रूप अनूप की समता करे ना कोई
महाबलि महादेव है महाप्रभु महाकाल
असुरनिकंदन भक्त की पीड़ा हरे तत्काल

शर्वव्यापी शिव भोला धर्म रूप सुख काज
अमर अनंता भगवंता जग के पालन हार
शिव करता संसार के शिव सृष्टि के मूल
रोम रोम शिव रमने दो, शिव ना जईओ भूल

ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय

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