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सावन मास में जानिए शिव तांडव स्तोत्र के अद्भुत लाभ, विधि और नियम

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शिव तांडव स्तोत्र एक प्राचीन और शक्तिशाली स्तोत्र है जिसे भगवान शिव की स्तुति में रावण ने रचा था। यह स्तोत्र भगवान शिव के तांडव नृत्य और उनकी महिमा का वर्णन करता है। इसे गाने या सुनने से भक्तों को आध्यात्मिक शांति, शक्ति और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।

शिव तांडव स्तोत्र भगवान शिव का एक अत्यंत शक्तिशाली और लाभकारी स्तोत्र है। इस स्तोत्र का नियमित जाप करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। शिव तांडव स्तोत्र पाठ भगवान शिव के सबसे शक्तिशाली स्तोत्रों में से एक है। यह स्तोत्र भगवान शिव की रौद्र रूप और उनके विनाशकारी शक्ति का महिमामंडन करता है।

शिव तांडव स्तोत्र के 10 अद्भुत लाभ

  1. शिव तांडव स्तोत्र का नियमित पाठ मानसिक शांति और स्थिरता प्रदान करता है।
  2. इस स्तोत्र के जाप से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे जीवन में सुख और समृद्धि आती है।
  3. शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और व्यक्ति को हर कार्य में सफलता मिलती है।
  4. इसका नियमित पाठ शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में सहायक होता है।
  5. इस स्तोत्र का पाठ भय और नकारात्मक विचारों को दूर करने में मदद करता है।
  6. भगवान शिव की कृपा से आध्यात्मिक ज्ञान और जागरूकता प्राप्त होती है।
  7. शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से आर्थिक समस्याओं का समाधान होता है और धन की प्राप्ति होती है।
  8. यह स्तोत्र शत्रुओं और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करता है।
  9. इसके पाठ से जीवन में सुख, सौभाग्य और समृद्धि का आगमन होता है।
  10. इस स्तोत्र के पाठ से परिवार में शांति, प्रेम और सद्भाव बना रहता है।

शिव तांडव स्तोत्र का जाप करने की विधि

  • शिव तांडव स्तोत्र का जाप करने से पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहन लें।
  • घर के पूजा स्थल को साफ करें और वहां भगवान शिव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  • एक शांत जगह पर बैठकर भगवान शिव की प्रतिमा या तस्वीर के सामने दीप प्रज्वलित करें।
  • भगवान शिव के सामने बैठकर स्तोत्र का पाठ करें। शिव तांडव स्तोत्र का पाठ धीरे-धीरे और स्पष्ट रूप से करें।
  • पाठ करते समय मन को एकाग्र रखें और भगवान शिव का ध्यान करें।
  • स्तोत्र पाठ के बाद भगवान शिव की आरती करें और उन्हें भोग लगाएं।
  • अंत में भगवान शिव का ध्यान करें और उनसे अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करें।

शिव तांडव स्तोत्र के नियम

  • शिव तांडव स्तोत्र का जाप सोमवार, मंगलवार या शनिवार और महाशिवरात्रि के दिन करना शुभ माना जाता है।
  • स्तोत्र का जाप ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए करना चाहिए।
  • स्तोत्र का जाप करते समय मांस, मदिरा और लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • शिव तांडव स्तोत्र का पाठ पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ करें।
  • स्तोत्र का पाठ प्रातःकाल या संध्याकाल में करना श्रेष्ठ माना जाता है।
  • पाठ करते समय सुखासन या पद्मासन में बैठें।

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