श्री सीता माता चालीसा

॥ दोहा ॥ बन्दौ चरण सरोज निज जनक लली सुख धाम । राम प्रिय किरपा करें सुमिरौं आठों धाम ॥ कीरति गाथा जो पढ़ें सुधरैं सगरे काम । मन मन्दिर बासा करें दुःख भंजन सिया राम ॥ ॥ चौपाई ॥ राम प्रिया रघुपति रघुराई । बैदेही की कीरत गाई ॥ चरण कमल बन्दों सिर नाई…