पुत्रदा एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

॥ पुत्रदा एकादशी व्रत पूजा विधि ॥ प्रातः काल पति – पत्नी संयुक्त रूप से विष्णु की उपासना करें। उन्हें पीले फल, पीले फूल, तुलसी दल और पंचामृत अर्पित करें। इसके बाद संतान गोपाल मन्त्र का जाप करें। मंत्र जाप के बाद पति पत्नी संयुक्त रूप से प्रसाद ग्रहण करें। अगर इस दिन उपवास रखकर…

वरलक्ष्मी व्रत कथा व पूजा विधि

।। वरलक्ष्मी व्रत पूजा विधि ।। वरलक्ष्मी व्रत रखने वाली महिलाओं और पुरुषों को इस दिन प्रातः काल स्नान कर लेना चाहिए। सबसे पहले पूजा वाले स्थान पर गंगाजल छिड़ककर पवित्र करने के बाद व्रत रखने का संकल्प करें। मां लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति को लाल कपड़े के ऊपर स्थापित कर लें। इसके…

मंशा महादेव व्रत कथा एवं पूजन विधि

|| पूजन विधि || भगवान शिव का यह व्रत चार वर्ष का रहता है। हर वर्ष यह व्रत सिर्फ चार महीने ही करना रहता है। इस व्रत को करने से भगवान शिव बड़ी से बड़ी मन की इच्छा की पूर्ति करते है। श्रावण से कार्तिक माह तक के हर सोमवार को शिवलिंग की पूजा करें।…

मंगला गौरी व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| पूजा विधि || श्रावण मास के मंगलवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में जल्दी उठें। नित्य कर्मों से निवृत्त होकर साफ-सुथरे धुले हुए अथवा नए वस्त्र धारण कर व्रत करें। मां मंगला गौरी (पार्वती जी) का एक चित्र अथवा प्रतिमा लें। फिर निम्न मंत्र के साथ व्रत करने का संकल्प लें। ‘मम पुत्रापौत्रासौभाग्यवृद्धये श्रीमंगलागौरीप्रीत्यर्थं पंचवर्षपर्यन्तं…

సంకట హర చతుర్థి వ్రత కథ

|| సంకట హర చతుర్థి వ్రత కథ || ఒకానొక రోజున, ఇంద్రుడు తన విమానంలో బృఘండి అనే వినాయకుని భక్తుడైన ఋషి దగ్గర నుంచి ఇంద్రలోకానికి తిరుగు ప్రయాణంలో ఉన్నాడు. ఆ సమయంలో, ఘర్‌సేన్ అనే రాజు యొక్క రాజ్యం మీదుగా వెళ్ళేటప్పుడు, పాపం చేసిన ఒక వ్యక్తి ఆ విమానాన్ని చూసి కన్నేసాడు. ఆ వ్యక్తి దృష్టి సోకగానే, ఆ విమానం అకస్మాత్తుగా భూమిపై ఆగిపోయింది. ఈ అద్భుత దృశ్యాన్ని చూసి ఆ రాజు…

નાગ પંચમી વ્રત કથા

|| નાગ પંચમી વ્રત કથા || પ્રાચીન સમયમાં એક શેઠજીને સાત પુત્રો હતા, જેમણે વિવાહ કર્યા હતા. સૌથી નાના પુત્રની પત્ની ખૂબ જ બુદ્ધિશાળી અને ઉમદા વર્તણૂક ધરાવતી હતી, પરંતુ તેના પોતાના ભાઈ નહોતો. એક દિવસ, મોટી પુત્રવધૂએ અન્ય વહુઓને પીળી માટી લાવવા માટે સાથે જવાનું કહ્યું. તેઓએ ઘરની મીઠી માટી ખોદવાનું શરૂ કર્યું અને…

हरियाली तीज व्रत कथा

|| हरियाली तीज व्रत कथा || भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन का एक अद्भुत पर्व है हरियाली तीज। इस पर्व से जुड़ी कथा में जानेंगे कि किस प्रकार माता पार्वती ने भगवान भोलेनाथ को अपने पति के रूप में प्राप्त किया। हरियाली तीज व्रत कथा के अनुसार, इस कथा का वाचन स्वयं भगवान…

દિવાસો વ્રત કથા

|| દિવાસો વ્રત કથા || એવરત-જીવરતનું વ્રત અષાઢ વદ તેરસથી અમાસ સુધી ત્રણ દિવસ કરવાનું વિધાન છે. વ્રતકર્તાએ મીઠા વિનાનું ભોજન લઈ એકટાણું કરવુું. જાગરણ કરી માતાજીના ગરબા ગાવા અને માતાજી સમક્ષ અખંડ દીવો પ્રગટાવેલો રાખવો. એવરત-જીવરતની કથા આ મુજબ છે. એક જમાનો એવો હતો કે જો સ્ત્રી નિઃસંતાન હોય તો કોઈ તેનું મોઢું ન…

नाग पंचमी पौराणिक कथा

।। नाग पंचमी पौराणिक कथा ।। प्राचीन काल में एक सेठजी के सात पुत्र थे। सातों के विवाह हो चुके थे। सबसे छोटे पुत्र की पत्नी श्रेष्ठ चरित्र की विदूषी और सुशील थी, परंतु उसके भाई नहीं था। एक दिन बड़ी बहू ने घर लीपने को पीली मिट्टी लाने के लिए सभी बहुओं को साथ…

बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा

|| बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा || एक समय राक्षसराज रावण कैलास पर्वत पर भक्तिभावपूर्वक भगवान शिव की आराधना कर रहा था। बहुत दिनों तक आराधना करने के बाद भी जब भगवान शिव उस पर प्रसन्न नहीं हुए, तब वह दूसरी विधि से तप-साधना करने लगा। उसने हिमालय पर्वत से दक्षिण की ओर सघन वृक्षों…

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा

|| सोमनाथ ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा || शिव पुराण के अनुसार, सोमनाथ ज्योतिर्लिंग भगवान शिव का प्रथम ज्योतिर्लिंग है। इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना से सम्बंधित कथा इस प्रकार है: प्रजापति दक्ष ने अपनी सभी सत्ताइस पुत्रियों का विवाह चन्द्रमा के साथ कर दिया, जिससे वे बहुत प्रसन्न हुए। चन्द्रमा को पत्नी के रूप में दक्ष…

हिरण्यगर्भ दूधेश्वर ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा

|| हिरण्यगर्भ दूधेश्वर ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा || द्वादश ज्योतिर्लिंगों के अतिरिक्त अनेक हिरण्यगर्भ शिवलिंग हैं, जिनका बड़ा अद्भुत महातम्य है। इनमें से कई शिवलिंग चमत्कारी हैं और मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाले हैं तथा सिद्धपीठों में स्थापित हैं। इन्हीं सिद्धपीठों में से एक है श्री दूधेश्वर नाथ महादेव मठ मंदिर, जहां स्वयंभू हिरण्यगर्भ दूधेश्वर…

भीमशंकर ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा

|| भीमशंकर ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा || भीमशंकर ज्योतिर्लिंग का वर्णन शिवपुराण में मिलता है। शिवपुराण में कहा गया है कि पुराने समय में भीम नाम का एक राक्षस था। वह राक्षस कुंभकर्ण का पुत्र था, परंतु उसका जन्म ठीक उसके पिता की मृत्यु के बाद हुआ था। उसे अपने पिता की मृत्यु भगवान राम…

आषाढ़ संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा

|| आषाढ़ संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा || पार्वती जी ने पूछा, “हे पुत्र! आषाढ़ कृष्ण चतुर्थी को गणेश जी की पूजा कैसे करनी चाहिए? आषाढ़ मास के गणपति देवता का क्या नाम है? उनके पूजन का क्या विधान है? कृपया आप मुझे बताइए।” गणेश जी ने कहा, “आषाढ़ कृष्ण चतुर्थी के दिन कृष्णपिङ्गल नामक…

ज्येष्ठ संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा

|| ज्येष्ठ संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा || सतयुग में एक पृथु नामक राजा हुए जिन्होंने सौ यज्ञ किए। उनके राज्य में दयादेव नामक एक विद्वान ब्राह्मण रहते थे, जिनके चार पुत्र थे। पिता ने वैदिक विधि से अपने पुत्रों का विवाह कर दिया। उन चार बहुओं में सबसे बड़ी बहू अपनी सास से कहने…

वैशाख संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा

|| वैशाख संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा || एक बार पार्वती जी ने गणेशजी से पूछा कि वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की संकटा चतुर्थी का पूजन किस गणेश का और किस विधि से करना चाहिए, और उस दिन क्या भोजन करना चाहिए? गणेश जी ने उत्तर दिया – हे माता! वैशाख कृष्ण चतुर्थी के…

श्री नागेश्वर ज्योतिर्लिंग उत्पत्ति पौराणिक कथा

|| श्री नागेश्वर ज्योतिर्लिंग उत्पत्ति पौराणिक कथा || दारूका एक प्रसिद्ध राक्षसी थी, जो देवी पार्वती से वरदान प्राप्त कर अहंकार में डूबी रहती थी। उसका पति दरुका महान बलशाली राक्षस था। उसने अनेक राक्षसों को अपने साथ मिलाकर समाज में आतंक फैला रखा था। वह यज्ञ और शुभ कर्मों को नष्ट करता और संत-महात्माओं…

गोपेश्वर महादेव की लीला कथा

|| गोपेश्वर महादेव की कथा || एक बार शरद पूर्णिमा की उज्ज्वल चाँदनी में वंशीवट यमुना के किनारे श्याम सुंदर मन्मथनाथ की वंशी बज उठी। श्रीकृष्ण ने छ: मास की एक रात बनाकर मन्मथ का मानमर्दन करने के लिए महारास किया था। जब महारास की गूंज सारी त्रिलोकी में फैल गई, तो हमारे भोले बाबा…

चैत्र संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा

|| चैत्र संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा || प्राचीन काल में सतयुग में मकरध्वज नामक एक राजा थे। वे प्रजा के पालन में बहुत प्रेमी थे। उनके राज्य में कोई निर्धन नहीं था। चारों वर्ण अपने-अपने धर्मों का पालन करते थे। प्रजा को चोर-डाकू आदि का भय नहीं था। सभी लोग स्वस्थ रहते थे। लोग…

राजा नल दमयंती कथा

|| राजा नल दमयंती कथा || महाभारत महाकाव्य में एक प्रसंग के अनुसार, नल और दमयन्ती की कथा महाराज युधिष्ठिर को सुनाई गई थी। युधिष्ठिर को जुए में सब कुछ हारने के बाद अपने भाइयों के साथ 12 वर्षों का वनवास और 1 वर्ष का अज्ञातवास सहना पड़ा। वनवास के दौरान, धर्मराज युधिष्ठिर के आग्रह…

शिव जी व्रत कथा एवं पूजा विधि

।। सोमवार व्रत पूजा विधि ।। गाय के शुद्ध कच्चे दूध को शिवलिंग पर अर्पित करना चाहिए। यह करने से मनुष्य के तन-मन-धन से जुड़ी सारी परेशानियां खत्म हो जाती है। इसके बाद शिवलिंग पर शहद या गन्ने का रस चढ़ाए। फिर कपूर, इत्र, पुष्प-धतूरे और भस्म से शिवजी का अभिषेक कर शिव आरती करना…

कोकिला व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| कोकिला व्रत की पूजा विधि || इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करे। साथ ही इस दिन अपने दिन की शुरुआत सूर्य को अर्घ देने के साथ करें। इसके बाद माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करें। साथ ही शिवजी का दूध और गंगाजल के साथ अभिषेक…

चिरंजीव और आयुषमती की कथा

|| चिरंजीव और आयुषमती की कथा || चिरंजीव एक समय की बात है, एक ब्राह्मण के संतान नहीं थी। उसने महामाया की तपस्या की, और माता जी उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर उसे वरदान देने को तैयार हो गईं। ब्राह्मण ने पुत्र प्राप्ति की इच्छा जताई। माता जी ने कहा, “मेरे पास दो प्रकार के…

पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा

|| पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा || पुराणों में अधिकमास, जिसे मलमास भी कहा जाता है, के पुरुषोत्तम मास बनने की एक बेहद रोचक कथा है। इस कथा के अनुसार बारह महीनों के अलग-अलग स्वामी हैं, लेकिन स्वामीविहीन होने के कारण अधिकमास को मलमास कहा जाने लगा, जिससे उसकी निंदा होने लगी। इस बात से दु:खी…

राजा मुचुकुन्द की कथा

|| राजा मुचुकुन्द की कथा || त्रेता युग में महाराजा मान्धाता के तीन पुत्र हुए: अमरीष, पुरू और मुचुकुन्द। युद्ध नीति में निपुण होने के कारण देवासुर संग्राम में इंद्र ने महाराज मुचुकुन्द को अपना सेनापति बनाया। युद्ध में विजय प्राप्त करने के बाद महाराज मुचुकुन्द ने विश्राम की इच्छा प्रकट की। देवताओं ने उन्हें…

पतिव्रता सती माता अनसूइया की कथा

|| पतिव्रता सती माता अनसूइया की कथा || भगवान को अपने भक्तों का यश बढ़ाना होता है और वे इसके लिए नाना प्रकार की लीलाएँ करते हैं। एक बार, श्री लक्ष्मी जी, माता सती और देवी सरस्वती जी को अपने पतिव्रत पर बहुत अभिमान हो गया। यह अभिमान भंग करने और अपनी परम भक्त, पतिव्रता…

फाल्गुन संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा

|| फाल्गुन संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा || प्रत्येक माह में आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। यह व्रत माता पार्वती के पुत्र श्री गणेश को समर्पित है। इस दिन विधिपूर्वक भगवान श्री गणेश जी की पूजा करनी चाहिए। फाल्गुन माह की संकष्टी चतुर्थी को द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के…

पौष संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा

|| पौष संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा || पौष मास में चतुर्थी का व्रत कर रहे व्रतधारियों को दोनों हाथों में पुष्प लेकर श्री गणेश जी का ध्यान तथा पूजन करने के पश्चात पौष गणेश चतुर्थी की यह कथा अवश्य ही पढ़ना अथवा सुनना चाहिए। संकष्टी गणेश चतुर्थी के दिन श्री गणेश के दर्शन और…

सोम प्रदोष व्रत कथा

|| सोम प्रदोष व्रत कथा || जो प्रदोष व्रत सोमवार के दिन पड़ता है वह प्रदोष सोम प्रदोष व्रत कहलाता है। सोमवार को भगवान शिव का दिन माना जाता है अतः इस दिन प्रदोष व्रत होने से उसकी महत्ता और भी अधिक बढ जाती है। एक नगर में एक ब्राह्मणी रहती थी। उसके पति का…

ಅಟಲಾ ತಡ್ಡೀ ವ್ರತ ಕಥಾ

|| ಅಟಲಾ ತಡ್ಡೀ ವ್ರತ ಕಥಾ || ಏಕ ರಾಜ್ಯ ಮೇಂ ಏಕ ರಾಜಕುಮಾರೀ ಥೀ ಜೋ ಅಟಲಾ ತಡ್ಡೀ ನೋಮು ವ್ರತ ಕಾ ಪಾಲನ ಕರ ರಹೀ ಥೀ. ಇಸ ವ್ರತ ಮೇಂ, ಉಸೇ ಪೂರೇ ದಿನ ಉಪವಾಸ ರಖನಾ ಹೋತಾ ಥಾ ಔರ ಕೇವಲ ಚಾಁದ ದಿಖನೇ ಕೇ ಬಾದ ಹೀ ಭೋಜನ ಕರನಾ ಹೋತಾ ಥಾ. ಕುಛ ಘಂಟೋಂ ಕೇ ಉಪವಾಸ ಕೇ ಬಾದ, ರಾಜಕುಮಾರೀ ಬೇಹೋಶ ಹೋ ಗಈ ಕ್ಯೋಂಕಿ ಉಸೇ…

महेश नवमी व्रत कथा

|| महेश नवमी व्रत कथा || एक समय की बात है जब राजा खडगलसेन शासन कर रहे थे। उनके पास कोई संतान नहीं थी। वे पुत्रकामेष्टी यज्ञ करने के बाद पुत्र की प्राप्ति के लिए उत्सुक थे, जिससे उन्हें एक पुत्र सुजान बच्चा हुआ। ऋषियों ने उन्हें चेतावनी दी कि उनके पुत्र को 20 वर्ष…

అటలా తడ్డీ వ్రత కథా

|| అటలా తడ్డీ వ్రత కథా || ఏక రాజ్య మేం ఏక రాజకుమారీ థీ జో అటలా తడ్డీ నోము వ్రత కా పాలన కర రహీ థీ. ఇస వ్రత మేం, ఉసే పూరే దిన ఉపవాస రఖనా హోతా థా ఔర కేవల చాఀద దిఖనే కే బాద హీ భోజన కరనా హోతా థా. కుఛ ఘంటోం కే ఉపవాస కే బాద, రాజకుమారీ బేహోశ హో గఈ క్యోంకి ఉసే…

सत्यनारायणाची कथा मराठी

|| सत्यनारायणाची कथा मराठी || प्रारंभ अध्याय पहिला अथ कथा: । श्रीगणेशाय नम: ॥ एकदा नैमिषारण्ये ऋषय: शौनकादय: ॥ पप्रच्छुर्मुनय: सर्वे सूतं पौराणिकं खलु ॥१॥ ऋषय ऊचु: ॥ व्रतेन तपसा किं वा प्राप्यते वांछितं फलम्। तत्सर्वं श्रोतुमिच्छाम: कथयस्व महामुने ॥२॥ सूत उवाच ॥ नरादेनैव संपृष्टो भगवान्कमलापति: ॥ सुरर्षये यथैवाह तच्छृणुध्वं समाहिता: ॥३॥ एकदा नारदो योगी परानुग्रहकांक्षया…

देवशयनी एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

॥ देवशयनी एकादशी पूजा विधि ॥ सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें। भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें। अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें। भगवान की आरती करें। भगवान को भोग…

જયા પાર્વતી વ્રત કથા

|| જયા પાર્વતી વ્રત કથા || જયા-પાર્વતી પર્વ પર માતા પાર્વતી કી પૂજા કે સમય ઇસ કથા કો સુનના અત્યંત મહત્વપૂર્ણ હૈ. ઇસ કથા કે શ્રવણ સે માતા પાર્વતી કા આશીર્વાદ પ્રાપ્ત હોતા હૈ. જયા પાર્વતી વ્રત માતા પાર્વતી કો સમર્પિત પર્વ હૈ, જિસે સુહાગિન સ્ત્રિયાં અપને સુહાગ કી લંબી આયુ ઔર અખંડતા કે લિએ…

जया पार्वती व्रत कथा

|| जया पार्वती व्रत कथा || जया-पार्वती पर्व पर माता पार्वती की पूजा के समय इस कथा को सुनना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस कथा के श्रवण से माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है। जया पार्वती व्रत माता पार्वती को समर्पित पर्व है, जिसे सुहागिन स्त्रियां अपने सुहाग की लंबी आयु और अखंडता के लिए…

रक्षाबंधन की कथा

|| राखी की कहानी || रक्षा बंधन की कथा हिंदू पौराणिक कथाओं में हैं। यह पीढ़ी दर पीढ़ी नीचे पारित की गई है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस त्योहार की शुरुआत भगवान कृष्ण द्वारा अपनी बहन सुभद्रा को दिए गए प्यार और सुरक्षा को मनाने के लिए की गई थी। सुभद्रा एक युवा लड़की…

साईं बाबा की व्रत कथा

॥ साईं बाबा व्रत कथा ॥ किरन बहन और उनके पति किशन भाई एक शहर में रहते थे। वैसे तो दोनों का एक दूसरे के प्रति गहरा प्रेम भाव था। परन्तु किशन भाई का स्वरूप झगड़ालू था। अड़ोसी-पड़ोसी भी उनके स्वभाव से परेशान थे, लेकिन किरन बहन धार्मिक स्वभाव की थी, भगवान पर विश्वास रखती…

प्रदोष व्रत कथा एवं पूजा विधि

प्रदोष का अर्थ है रात्रि का शुभ आरम्भ इस व्रत के पूजन का विधान इसी समय होता है| इसलिए इसे प्रदोष व्रत कहते हैं| यह व्रत शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को किया जाता हैं| इसका उदेशय संतान की कामना है| इस व्रत को स्त्री पुरुष दोनों ही कर सकते हैं| इस व्रत…

सोमवार व्रत कथा पूजा विधि

।। सोमवार व्रत कथा ।। किसी नगर में एक साहूकार रहता था। उसके घर में धन की कोई कमी नहीं थी लेकिन उसकी कोई संतान नहीं थी जिस वजह से वह बेहद दुखी था। पुत्र प्राप्ति के लिए वह भगवान शिव प्रत्येक सोमवार व्रत रखता था और पूरी श्रद्धा के साथ शिवालय में जाकर भगवान…

સોમનાથ બ્રતા કથા

|| સોમનાથ બ્રતા કથા || એક દિનકરે કૈળાસ શિખરરે ઈશ્વર પાર્બતીઙ્કુ સઙ્ગતે ઘેનિ આનન્દરે બિહાર કરુછન્તિ . સેઠારે તેતિશિ કોટિ દેબતા બસિછન્તિ . એમન્ત સમય઼રે પાર્બતી પચારિલે, હે સ્વામી ! કેઉઁ બ્રત કલે તુમ્ભ મનરે સન્તોષ હુઅઇ મોતે કહિબા હુઅન્તુ . મુઁ સે બ્રત કરિબિ . એહા શુણિ ઈશ્બર હસિ હસિ કહિલે, ભો દેબી પાર્બતી,…

सोमनाथ ब्रता कथा

|| सोमनाथ ब्रता कथा || एक दिनकरे कैळास शिखररे ईश्वर पार्बतीङ्कु सङ्गते घेनि आनन्दरे बिहार करुछन्ति । सेठारे तेतिशि कोटि देबता बसिछन्ति । एमन्त समय़रे पार्बती पचारिले, हे स्वामी ! केउँ ब्रत कले तुम्भ मनरे सन्तोष हुअइ मोते कहिबा हुअन्तु । मुँ से ब्रत करिबि । एहा शुणि ईश्बर हसि हसि कहिले, भो देबी पार्बती,…

महाशिवरात्री व्रत कहाणी

॥ महाशिवरात्री व्रत कहाणी मराठी ॥ प्राचीन काळी एका जंगलात गुरुद्रुह नावाचा एक शिकारी राहत होता जो वन्य प्राण्यांची शिकार करून आपल्या कुटुंबाचा उदरनिर्वाह करत होता, शोध घेऊनही त्याला शिकार सापडली नाही, त्याची मुले, पत्नी आणि आई-वडील उपाशी राहतील, सूर्यास्ताच्या वेळी त्याला काळजी वाटू लागली. तो एका जलाशयाजवळ गेला आणि घाटाच्या कडेला एका झाडावर थोडं…

वटसावित्रीची कथा पूजा पद्धत

|| वटसावित्रीची कथा || विवाहित स्त्रियांमध्ये अत्यंत लोकप्रिय असलेल्या ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्येच्या दिवशी येणाऱ्या सावित्री व्रताची कथा पुढीलप्रमाणे आहे: भद्रा देशात अश्वपती नावाचा एक राजा होता. भद्रा देशाचा राजा अश्वपती याला मूलबाळ नव्हते. बाळाच्या जन्मासाठी त्यांनी मंत्रोच्चारांसह दररोज एक लाखाचा नैवेद्य दिला. हा क्रम अठरा वर्षे चालू राहिला. यानंतर सावित्री देवी प्रकट झाल्या आणि वरदान…

निर्जला एकादशी व्रत कथा

|| निर्जला एकादशी का महत्त्व || एकादशी व्रत हिन्दुओ में सबसे अधिक प्रचलित व्रत माना जाता है। वर्ष में चौबीस एकादशियाँ आती हैं, किन्तु इन सब एकादशियों में ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी सबसे बढ़कर फल देने वाली समझी जाती है क्योंकि इस एक एकादशी का व्रत रखने से वर्ष भर की एकादशियों के व्रत का फल…

ବଟ ସାବିତ୍ରୀ ବ୍ରତ କଥା ଏବଂ ପୂଜା ବିଧି

|| ବଟ ସାବିତ୍ରୀ ପୂଜା ମୁହୂର୍ତ || ଅମାବସ୍ୟା ତିଥି ପ୍ରାରମ୍ଭ – ଜୂନ 05, 2024 କୋ 07:54 PM ବଜେ ଅମାବସ୍ୟା ତିଥି ସମାପ୍ତ – ଜୂନ 06, 2024 କୋ 06:07 PM ବଜେ || ପୂଜା ବିଧି || ଇସ ପାବନ ଦିନ ସୁବହ ଜଲ୍ଦୀ ଉଠକର ସ୍ନାନ ଆଦି ସେ ନିବୃତ୍ତ ହୋ ଜାଏଂ। ଘର କେ ମନ୍ଦିର ମେଂ ଦୀପ ପ୍ରଜ୍ୱଲିତ କରେଂ। ଇସ ପାବନ ଦିନ ବଟ…

वट सावित्री व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| वट सावित्री पूजा मुहूर्त || अमावस्या तिथि प्रारम्भ – जून 05, 2024 को 07:54 PM बजे अमावस्या तिथि समाप्त – जून 06, 2024 को 06:07 PM बजे || पूजा विधि || इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। इस पावन दिन वट…

कृष्णापिंगला संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा

|| कृष्णापिंगला संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा || द्वापर युग में महिष्मति नगरी में महीजित नाम के एक प्रतापी राजा रहते थे। वे पुण्य कर्म करने वाले और अपनी प्रजा का अच्छे से पालन-पोषण करने वाले राजा थे। लेकिन उनकी कोई संतान नहीं थी, जिससे उन्हें राजमहल का वैभव अच्छा नहीं लगता था। वेदों में संतानहीन…