7 मुखी रुद्राक्ष एक दिव्य और शक्तिशाली बीज होता है, जिसे हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और चमत्कारी माना जाता है। विभिन्न मुखी रुद्राक्षों का अलग-अलग देवी-देवताओं से संबंध होता है और वे भिन्न लाभ प्रदान करते हैं। 7 मुखी रुद्राक्ष का विशेष संबंध देवी महालक्ष्मी और भगवान शनि से है। इसे धारण करने से व्यक्ति को धन, समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है। इस लेख में हम 7 मुखी रुद्राक्ष के रहस्यों, इसे पहनने के नियमों और इसके अद्भुत लाभों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
7 मुखी रुद्राक्ष का महत्व और रहस्य
7 मुखी रुद्राक्ष को महालक्ष्मी रुद्राक्ष भी कहा जाता है, क्योंकि यह धन और सौभाग्य की देवी महालक्ष्मी से जुड़ा हुआ है। इसे पहनने से जीवन में आर्थिक स्थिरता आती है और व्यक्ति के ऊपर शनि ग्रह की कृपा बनी रहती है।
7 मुखी रुद्राक्ष की प्रमुख विशेषताएं
- इसमें सात मुख (छिद्र) होते हैं, जो महालक्ष्मी के सात रूपों का प्रतीक हैं।
- इसका स्वामी ग्रह शनि है, जो कर्म और न्याय का प्रतीक माना जाता है।
- यह रुद्राक्ष शनि दोष, साढ़े साती और ढैया से राहत दिलाने में सहायक होता है।
- इसे धारण करने से मानसिक शांति, आत्मविश्वास और निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि होती है।
7 मुखी रुद्राक्ष कौन पहन सकता है?
7 मुखी रुद्राक्ष सभी जातियों, धर्मों और लिंग के लोगों के लिए उपयुक्त है, लेकिन विशेष रूप से यह निम्नलिखित लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी है:
- जिन लोगों को अपने व्यापार में आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, उन्हें यह रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए।
- यह नए अवसरों को आकर्षित करता है और व्यवसाय को बढ़ाने में मदद करता है।
- जो लोग करियर में सफलता पाना चाहते हैं, उन्हें 7 मुखी रुद्राक्ष पहनना चाहिए।
- यह निर्णय लेने की क्षमता को मजबूत करता है और प्रमोशन में सहायक होता है।
- यदि कुंडली में शनि की साढ़े साती, ढैया या शनि महादशा चल रही हो, तो यह रुद्राक्ष राहत दिला सकता है।
- शनि के बुरे प्रभावों को कम करने के लिए इसे धारण करना लाभकारी होता है।
- यह रुद्राक्ष एकाग्रता और स्मरण शक्ति को बढ़ाता है।
- इसे पहनने से मानसिक तनाव कम होता है और सफलता प्राप्त होती है।
- जिन लोगों को गठिया, मधुमेह, त्वचा रोग या हड्डियों से जुड़ी समस्याएं हैं, उनके लिए यह लाभदायक होता है।
- इसे धारण करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
7 मुखी रुद्राक्ष पहनने के नियम
शुद्धिकरण और प्राण प्रतिष्ठा
- रुद्राक्ष धारण करने से पहले इसे शुद्ध करना आवश्यक होता है। इसे शुद्ध करने के लिए गंगाजल या कच्चे दूध में इसे कुछ देर डुबोकर रखें।
- “ॐ हुं नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
- शिवलिंग पर जल चढ़ाकर भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करें।
सही दिन और समय पर धारण करें
- शनिवार को इसे धारण करना सर्वश्रेष्ठ होता है।
- इसे सुबह स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनकर धारण करें।
धारण करने की विधि
- इसे सोने, चांदी या पंचधातु की चेन में पहन सकते हैं।
- इसे लाल धागे या काले धागे में भी धारण किया जा सकता है।
- इसे सीधे त्वचा से संपर्क में रखें।
मंत्र जाप करें
- रुद्राक्ष धारण करते समय निम्नलिखित मंत्र का जाप करें – “ॐ हुं नमः” (108 बार)
सावधानियां
- रुद्राक्ष को कभी भी गंदे स्थान पर न रखें।
- इसे पहनते समय मांसाहार और शराब का सेवन न करें।
- इसे नियमित रूप से साफ करें और भगवान शिव की पूजा करें।
क्या हैं इसके फायदे?
7 मुखी रुद्राक्ष पहनने के कई फायदे हैं, जिनमें शामिल हैं:
- यह मनका धन और समृद्धि को आकर्षित करने में मदद करता है।
- यह मनका नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और सकारात्मकता को बढ़ावा देने में मदद करता है।
- यह मनका मन को शांत करने और तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है।
- यह मनका एकाग्रता और फोकस को बेहतर बनाने में मदद करता है।
- यह मनका कुछ स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में भी मदद कर सकता है।
7 मुखी रुद्राक्ष से जुड़े सामान्य प्रश्न (FAQs)
क्या महिलाएं 7 मुखी रुद्राक्ष पहन सकती हैं?
हाँ, महिलाएं इसे पहन सकती हैं, लेकिन मासिक धर्म के दौरान इसे उतारकर रखना चाहिए।
क्या इसे सोते समय पहना जा सकता है?
हाँ, लेकिन बेहतर होगा कि इसे सोने से पहले उतारकर पूजा स्थान पर रखें।
कितने समय में रुद्राक्ष का प्रभाव दिखता है?
यह व्यक्ति की ऊर्जा और श्रद्धा पर निर्भर करता है। आमतौर पर 21 से 40 दिनों में प्रभाव दिखने लगता है।
क्या इसे धारण करने के बाद मंत्र जाप करना आवश्यक है?
हाँ, इससे इसकी ऊर्जा सक्रिय होती है और अधिक लाभ मिलता है।
क्या इसे धारण करने से बुरी आदतें छूट सकती हैं?
हाँ, यह व्यक्ति की मानसिक शक्ति को बढ़ाता है, जिससे नशा और अन्य बुरी आदतों से छुटकारा मिल सकता है।
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