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दुर्गा सप्तशती (Durga Saptashati)

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दुर्गा सप्तशती देवी दुर्गा की महिमा और शक्ति का एक प्रमुख धार्मिक ग्रंथ है, जिसे गीता प्रेस गोरखपुर द्वारा प्रकाशित किया गया है। यह ग्रंथ देवी महात्म्य के रूप में भी प्रसिद्ध है और इसे मार्कंडेय पुराण के अंतर्गत शामिल किया गया है। दुर्गा सप्तशती में 700 श्लोक हैं, जो मां दुर्गा के स्वरूप, उनकी महिमा, और उनके विभिन्न विजय गाथाओं का वर्णन करते हैं। यह ग्रंथ भक्तों को शक्ति, साहस, और आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त करने का सर्वोत्तम माध्यम है।

दुर्गा सप्तशती पुस्तक की विशेषताएँ

  • दुर्गा सप्तशती में कुल 700 श्लोक शामिल हैं, जो मां दुर्गा के तीन मुख्य रूपों—महाकाली, महालक्ष्मी, और महासरस्वती—की कथाओं और महिमा को वर्णित करते हैं।
  • गीता प्रेस गोरखपुर ने इस ग्रंथ को संस्कृत और हिंदी में प्रस्तुत किया है। संस्कृत श्लोकों के साथ सरल हिंदी अनुवाद दिया गया है, जिससे पाठकों को इसे समझने में आसानी होती है।
  • पुस्तक में दुर्गा सप्तशती का पाठ करने की विधि, अनुष्ठान, और पाठ के समय ध्यान रखने वाले नियमों का विस्तार से वर्णन किया गया है।
  • दुर्गा सप्तशती का पाठ विशेष रूप से नवरात्रि के नौ दिनों में किया जाता है। यह पुस्तक नवरात्रि में देवी दुर्गा की उपासना के लिए आदर्श है।
  • गीता प्रेस द्वारा प्रकाशित इस ग्रंथ में सुंदर कवर, स्पष्ट अक्षर, और दिव्य चित्रों का समावेश किया गया है, जो इसे आध्यात्मिक रूप से समृद्ध बनाता है।

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