त्रिपिण्डीश्राद्धपद्धति गीताप्रेस गोरखपुर द्वारा प्रकाशित एक अद्वितीय और उपयोगी ग्रंथ है, जो हिंदू धर्म में श्राद्ध कर्म और पितृ-तर्पण की विधियों को समझाने के लिए लिखा गया है। यह पुस्तक विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी है, जो पितृ तर्पण, त्रिपिंडी श्राद्ध और पूर्वजों के निमित्त किए जाने वाले कर्मकांडों का शास्त्रीय और व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त करना चाहते हैं।
त्रिपिण्डीश्राद्धपद्धति पुस्तक की विशेषताएं
- “त्रिपिण्डीश्राद्धपद्धति” में श्राद्ध कर्म के महत्व को विस्तार से समझाया गया है। यह पुस्तक बताती है कि पितरों की शांति और तृप्ति के लिए श्राद्ध कर्म क्यों और कैसे किया जाता है।
- पुस्तक में त्रिपिंडी श्राद्ध की प्रक्रिया को चरणबद्ध तरीके से वर्णित किया गया है। इसमें श्राद्ध के लिए आवश्यक सामग्री, मंत्र, और विधान का सटीक विवरण दिया गया है।
- इसमें श्राद्ध से जुड़े पौराणिक आख्यानों और शास्त्रीय संदर्भों का उल्लेख है, जो पाठकों को इसके धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व को समझने में मदद करता है।
- पुस्तक में त्रिपिंडी श्राद्ध के अलावा अन्य श्राद्ध कर्म, जैसे नित्य श्राद्ध, पार्वण श्राद्ध, और मासिक तथा वार्षिक श्राद्ध की विधियां भी समझाई गई हैं।
- गीताप्रेस की अन्य पुस्तकों की तरह, यह पुस्तक भी सरल और स्पष्ट भाषा में लिखी गई है, ताकि पाठक आसानी से इसे समझ सकें और अपने दैनिक जीवन में इसका पालन कर सकें।