ஶ்ரீ துர்கா சாலீஸா

|| ஶ்ரீ துர்கா சாலீஸா || நமோ நமோ து³ர்கே³ ஸுக² கரனீ | நமோ நமோ அம்பே³ து³꞉க² ஹரனீ || நிரங்கார ஹை ஜ்யோதி தும்ஹாரீ | திஹூம்ˮ லோக பை²லீ உஜியாரீ || ஶஶி லலாட முக² மஹாவிஶாலா | நேத்ர லால ப்⁴ருகுடி விகராலா || ரூப மாது கோ அதி⁴க ஸுஹாவே | த³ரஶ கரத ஜன அதி ஸுக² பாவே || தும ஸம்ஸார ஶக்தி லய கீனா…

ശ്രീ ദുര്ഗാ ചാലീസാ

॥ ശ്രീ ദുര്ഗാ ചാലീസാ ॥ നമോ നമോ ദുര്ഗേ സുഖ കരനീ । നമോ നമോ അംബേ ദുഃഖ ഹരനീ ॥ നിരംകാര ഹൈ ജ്യോതി തുമ്ഹാരീ । തിഹൂ ലോക ഫൈലീ ഉജിയാരീ ॥ ശശി ലലാട മുഖ മഹാവിശാലാ । നേത്ര ലാല ഭൃകുടി വികരാലാ ॥ രൂപ മാതു കോ അധിക സുഹാവേ । ദരശ കരത ജന അതി സുഖ പാവേ ॥ തുമ സംസാര ശക്തി ലയ കീനാ…

माँ दुर्गा शाबर मंत्र लाभ सहित

।। माँ दुर्गा शाबर मंत्र ।। डण्ड भुज-डण्ड, प्रचण्ड नो खण्ड। प्रगट देवि! तुहि झुण्डन के झुण्ड। खगर दिखा खप्पर लियां, खड़ी कालका। तागड़दे मस्तंग, तिलक मागरदे् मस्तंग। चोला जरी का, फागड़ दीफू, गले फुल माल, जय जय जयन्त। जय आदि शक्ति। जय कालका खपर-धनी। जय मचकुट छन्दनी देव। जय-जय महिरा, जय मरदिनी। जय-जय चुण्ड-मुण्ड,…

श्री दुर्गा कवच

॥ माँ दुर्गा कवच पाठ संस्कृत ॥ मार्कण्डेय उवाच: ॐ यद्‌गुह्यं परमं लोके सर्वरक्षाकरं नृणाम् । यन्न कस्यचिदाख्यातं तन्मे ब्रूहि पितामह॥ ब्रम्हो उवाच: अस्ति गुह्यतमं विप्र सर्वभूतोपकारकम् । देव्यास्तु कवचं पुण्यं तच्छृनुष्व महामुने॥ अथ दुर्गा कवच: प्रथमं शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्मचारिणी । तृतीयंचन्द्रघण्टेति कूष्माण्डेति चतुर्थकम् ॥ पञ्चमं स्कन्दमातेति षष्ठं कात्यायनीति च । सप्तमं कालरात्रीति महागौरीति…

Shri Shailputri Aarti

|| Shri Shailputri Aarti || Jai Shailputri Mata, Jai Shailputri Mata Roop Alaukik Pavam, Roop Alaukik Pavam Shubh Phal Ki Data, Jai Shailputri Mata || Jai Shailputri Mata || Haath Trishool Kamal Dal, Maiyya Ke Saaje Meri Maiyya Ke Saaje, Shish Mukut Shobhaamayi Shish Mukut Shobha Mayi, Maiyya Ke Raaje || Jai Shailputri Mata ||…

Durga Ji Ki Aarti

|| Durga Ji Ki Aarti || ॐ Jai Ambe Gauri, Maiya Jai Shyama Gauri। Tumako Nishidina Dhyawata, Hari Brahma Shivari॥ ॐ Jai Ambe Gauri Manga Sindura Virajata, Tiko Mrigamada Ko। Ujjavala Se Dou Naina, Chandravadana Niko॥ ॐ Jai Ambe Gauri Kanaka Samana Kalewara, Raktambara Rajai। Raktapushpa Gala Mala, Kanthana Para Sajai॥ ॐ Jai Ambe Gauri Kehari Vahana Rajata,…

Shri Durga Maa Stuti

|| Shri Durga Maa Stuti || || Mantra || Sarva Mangala Mangalye Shive Sarvartha Sadhike, Sharanye Trayambake Gauri Narayani Namostute. || Stuti || Jai Jag Janani Adi Bhavani, Jai Mahishasura Marini Ma. Uma Rama Gauri Brahmani, Jai Tribhuvan Sukh Karini Ma. Hey Mahalakshmi Hey Mahamaya, Tum Mein Sara Jagat Samaya. Tin Roop Tino Gunadharni, Tin…

Shri Durga Ashtakam

|| Shri Durga Ashtakam || Katyayani Mahamaye Khadga Bana Dhanur Dhare, Khadga Dharini Chandika Shri Durga Devi Namo’stu Te. Vasudeva Sute Kali Vasudeva Sahodari, Vasundhara Shriye Nande Durga Devi Namo’stu Te. Yoga Nidre Maha Nidre Yogamaye Maheshvari, Yoga Siddhi Kari Shudhe Durga Devi Namo’stu Te. Shankha Chakra Gada Pane Sharngajyayatabāhave, Pītāmbaradhare Dhanye Durga Devi Namo’stu…

શ્રી દુર્ગા ચાલીસા

॥ શ્રી દુર્ગા ચાલીસા ॥ નમો નમો દુર્ગે સુખ કરની । નમો નમો અંબે દુઃખ હરની ॥ નિરંકાર હૈ જ્યોતિ તુમ્હારી । તિહૂ લોક ફૈલી ઉજિયારી ॥ શશિ લલાટ મુખ મહાવિશાલા । નેત્ર લાલ ભૃકુટિ વિકરાલા ॥ રૂપ માતુ કો અધિક સુહાવે । દરશ કરત જન અતિ સુખ પાવે ॥ તુમ સંસાર શક્તિ લય કીના…

ଶ୍ରୀ ଦୁର୍ଗା ଚାଲୀସା

॥ ଶ୍ରୀ ଦୁର୍ଗା ଚାଲୀସା ॥ ନମୋ ନମୋ ଦୁର୍ଗେ ସୁଖ କରନୀ । ନମୋ ନମୋ ଅଂବେ ଦୁଃଖ ହରନୀ ॥ ନିରଂକାର ହୈ ଜ୍ୟୋତି ତୁମ୍ହାରୀ । ତିହୂ ଲୋକ ଫୈଲୀ ଉଜିୟାରୀ ॥ ଶଶି ଲଲାଟ ମୁଖ ମହାଵିଶାଲା । ନେତ୍ର ଲାଲ ଭୃକୁଟି ଵିକରାଲା ॥ ରୂପ ମାତୁ କୋ ଅଧିକ ସୁହାଵେ । ଦରଶ କରତ ଜନ ଅତି ସୁଖ ପାଵେ ॥ ତୁମ ସଂସାର ଶକ୍ତି ଲୟ କୀନା…

श्री दुर्गा देवि कवचम्

॥ श्री दुर्गा देवि कवचम् ॥ ॥ ईश्वर उवाच ॥ श्रृणु देवि प्रवक्ष्यामि कवचं सर्वसिद्धिदम् । पठित्वा पाठयित्वा च नरो मुच्येत सङ्कटात् ॥ अज्ञात्वा कवचं देवि दुर्गामन्त्रं च यो जपेत् । स नाप्नोति फलं तस्य परं च नरकं व्रजेत् ॥ उमादेवी शिरः पातु ललाटे शूलधारिणी । चक्षुषी खेचरी पातु कर्णौ चत्वरवासिनी ॥ सुगन्धा नासिके पातु…

শ্রী দুর্গা চালীসা

॥ শ্রী দুর্গা চালীসা ॥ নমো নমো দুর্গে সুখ করনী । নমো নমো অংবে দুঃখ হরনী ॥ নিরংকার হৈ জ্যোতি তুম্হারী । তিহূ লোক ফৈলী উজিযারী ॥ শশি ললাট মুখ মহাবিশালা । নেত্র লাল ভৃকুটি বিকরালা ॥ রূপ মাতু কো অধিক সুহাবে । দরশ করত জন অতি সুখ পাবে ॥ তুম সংসার শক্তি লয কীনা…

सर्वपितृ अमावस्या पौराणिक कथा

|| सर्वपितृ अमावस्या पौराणिक कथा || श्राद्ध पक्ष में सर्वपितृ अमावस्या का विशेष महत्व है। इसे पितरों को विदा करने की अंतिम तिथि माना जाता है। यदि किसी कारणवश व्यक्ति श्राद्ध की निर्धारित तिथि पर श्राद्ध नहीं कर पाया हो या उसे तिथि ज्ञात न हो, तो सर्वपितृ अमावस्या पर श्राद्ध कर सकता है। इस…

सर्वपित्री अमावस्येची कथा

|| सर्वपित्री अमावस्येची कथा || श्राद्ध पक्षात सर्वपितृ अमावस्येला विशेष महत्त्व आहे. याला पितरांना विदा करण्याची शेवटची तारीख मानली जाते. जर एखाद्या व्यक्तीने कोणत्याही कारणास्तव श्राद्धाच्या ठरलेल्या दिवशी श्राद्ध करू शकले नाही किंवा त्याला ती तारीख माहीत नसेल, तर तो सर्वपितृ अमावस्येला श्राद्ध करू शकतो. या दिवसाच्या महत्त्वावर एक पुरातन पौराणिक कथा आधारित आहे. देवांचे…

ସର୍ୱପିତୃ ଅମାବସ୍ୟା ପୌରାଣିକ କଥା

|| ସର୍ୱପିତୃ ଅମାବସ୍ୟା ପୌରାଣିକ କଥା || ଶ୍ରାଦ୍ଧ ପକ୍ଷ ମେଂ ସର୍ୱପିତୃ ଅମାବସ୍ୟା କା ବିଶେଷ ମହତ୍ୱ ହୈ। ଇସେ ପିତରୋଂ କୋ ବିଦା କରନେ କୀ ଅନ୍ତିମ ତିଥି ମାନା ଜାତା ହୈ। ଯଦି କିସୀ କାରଣବଶ ବ୍ୟକ୍ତି ଶ୍ରାଦ୍ଧ କୀ ନିର୍ଧାରିତ ତିଥି ପର ଶ୍ରାଦ୍ଧ ନହୀଂ କର ପାୟା ହୋ ଯା ଉସେ ତିଥି ଜ୍ଞାତ ନ ହୋ, ତୋ ସର୍ୱପିତୃ ଅମାବସ୍ୟା ପର ଶ୍ରାଦ୍ଧ କର ସକତା ହୈ। ଇସ…

സർവപിതൃ അമാവസ്യാ പൗരാണിക കഥാ

|| സർവപിതൃ അമാവസ്യാ പൗരാണിക കഥാ || ശ്രാദ്ധ പക്ഷ മേം സർവപിതൃ അമാവസ്യാ കാ വിശേഷ മഹത്വ ഹൈ. ഇസേ പിതരോം കോ വിദാ കരനേ കീ അന്തിമ തിഥി മാനാ ജാതാ ഹൈ. യദി കിസീ കാരണവശ വ്യക്തി ശ്രാദ്ധ കീ നിർധാരിത തിഥി പര ശ്രാദ്ധ നഹീം കര പായാ ഹോ യാ ഉസേ തിഥി ജ്ഞാത ന ഹോ, തോ സർവപിതൃ അമാവസ്യാ പര ശ്രാദ്ധ കര സകതാ ഹൈ. ഇസ…

ಸರ್ವಪಿತೃ ಅಮಾವಸ್ಯಾ ಪೌರಾಣಿಕ ಕಥಾ

|| ಸರ್ವಪಿತೃ ಅಮಾವಸ್ಯಾ ಪೌರಾಣಿಕ ಕಥಾ || ಶ್ರಾದ್ಧ ಪಕ್ಷ ಮೇಂ ಸರ್ವಪಿತೃ ಅಮಾವಸ್ಯಾ ಕಾ ವಿಶೇಷ ಮಹತ್ವ ಹೈ. ಇಸೇ ಪಿತರೋಂ ಕೋ ವಿದಾ ಕರನೇ ಕೀ ಅಂತಿಮ ತಿಥಿ ಮಾನಾ ಜಾತಾ ಹೈ. ಯದಿ ಕಿಸೀ ಕಾರಣವಶ ವ್ಯಕ್ತಿ ಶ್ರಾದ್ಧ ಕೀ ನಿರ್ಧಾರಿತ ತಿಥಿ ಪರ ಶ್ರಾದ್ಧ ನಹೀಂ ಕರ ಪಾಯಾ ಹೋ ಯಾ ಉಸೇ ತಿಥಿ ಜ್ಞಾತ ನ ಹೋ, ತೋ ಸರ್ವಪಿತೃ ಅಮಾವಸ್ಯಾ ಪರ ಶ್ರಾದ್ಧ ಕರ ಸಕತಾ ಹೈ. ಇಸ…

ஸர்வபித்ருʼ அமாவஸ்யா பௌராணிக கதா²

|| ஸர்வபித்ருʼ அமாவஸ்யா பௌராணிக கதா² || ஶ்ராத்³த⁴ பக்ஷ மேம்ʼ ஸர்வபித்ருʼ அமாவஸ்யா கா விஶேஷ மஹத்வ ஹை. இஸே பிதரோம்ʼ கோ விதா³ கரனே கீ அந்திம திதி² மானா ஜாதா ஹை. யதி³ கிஸீ காரணவஶ வ்யக்தி ஶ்ராத்³த⁴ கீ நிர்தா⁴ரித திதி² பர ஶ்ராத்³த⁴ நஹீம்ʼ கர பாயா ஹோ யா உஸே திதி² ஜ்ஞாத ந ஹோ, தோ ஸர்வபித்ருʼ அமாவஸ்யா பர ஶ்ராத்³த⁴ கர ஸகதா ஹை. இஸ…

సర్వపితృ అమావస్యా పౌరాణిక కథా

|| సర్వపితృ అమావస్యా పౌరాణిక కథా || శ్రాద్ధ పక్ష మేం సర్వపితృ అమావస్యా కా విశేష మహత్వ హై. ఇసే పితరోం కో విదా కరనే కీ అంతిమ తిథి మానా జాతా హై. యది కిసీ కారణవశ వ్యక్తి శ్రాద్ధ కీ నిర్ధారిత తిథి పర శ్రాద్ధ నహీం కర పాయా హో యా ఉసే తిథి జ్ఞాత న హో, తో సర్వపితృ అమావస్యా పర శ్రాద్ధ కర సకతా హై. ఇస…

श्री दुर्गा सहस्रनामावली

।। श्री दुर्गा सहस्रनामावली ।। 1) ॐ महाविद्यायै नमः। 2) ॐ जगन्मात्रे नमः। 3) ॐ महालक्ष्म्यै नमः। 4) ॐ शिवप्रियायै नमः। 5) ॐ विष्णुमायायै नमः। 6) ॐ शुभायै नमः। 7) ॐ शान्तायै नमः। 8) ॐ सिद्धायै नमः। 9) ॐ सिद्धसरस्वत्यै नमः। 10) ॐ क्षमायै नमः। 11) ॐ कान्त्यै नमः। 12) ॐ प्रभायै नमः। 13) ॐ…

श्री दुर्गा देवीची आरती

॥ श्री दुर्गा देवीची आरती ॥ दुर्गे दुर्घट भारी तुजविण संसारी। अनाथ नाथे अम्बे करुणा विस्तारी। वारी वारी जन्म मरणांते वारी। हारी पडलो आता संकट निवारी॥ जय देवी जय देवी महिषासुरमथिनी। सुरवर ईश्वर वरदे तारक संजीवनी॥ त्रिभुवन-भुवनी पाहता तुज ऐसी नाही। चारी श्रमले परन्तु न बोलवे काही। साही विवाद करिता पडले प्रवाही। ते तू भक्तालागी…

श्री दुर्गा चालीसा

॥ श्री दुर्गा चालीसा ॥ नमो नमो दुर्गे सुख करनी । नमो नमो अंबे दुःख हरनी ॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी । तिहू लोक फैली उजियारी ॥ शशि ललाट मुख महाविशाला । नेत्र लाल भृकुटि विकराला ॥ रूप मातु को अधिक सुहावे । दरश करत जन अति सुख पावे ॥ तुम संसार शक्ति लय कीना…

दुर्गा जी आरती

|| दुर्गा जी आरती || ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी । तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ।। ॐ जय अम्बे गौरी । मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को । उज्ज्वल से दोउ नैना, चन्द्रबदन नीको ।। ॐ जय अम्बे गौरी । कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै । रक्त पुष्प माला, कण्ठन…

Shardiya Navratri 2024 – क्या है इस नवरात्रि का विशेष योग? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

durga mata

Shardiya Navratri हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण पर्व है, जो देवी दुर्गा के नौ रूपों की आराधना के लिए मनाया जाता है। यह पर्व आश्विन महीने में आता है और विशेष रूप से शरद ऋतु के आगमन का प्रतीक है। यह नवरात्रि पूरे भारत में भक्तों द्वारा हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। हिंदू धर्म…

श्री दुर्गा माता स्तुति

|| श्री दुर्गा माता स्तुति || || मंत्र || सर्व मंगल मांगल्ए शिवे सर्वार्थ साधिके, शरण्ए त्र्यंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते।। || स्तुति प्रारंभ || जय जग जननी आदि भवानी, जय महिषासुर मारिणी मां । उमा रमा गौरी ब्रह्माणी, जय त्रिभुवन सुख कारिणी मां ।। हे महालक्ष्मी हे महामाया, तुम में सारा जगत समाया । तीन…

पितृपक्ष में एकादशी का व्रत करना चाहिए या नहीं?

pitra paksha ekadashi

एक सवाल अक्सर लोगों के मन में आता है कि एकादशी के दिन श्राद्ध करना सही है या नहीं? शास्त्रों में साफ तौर पर कहा गया है कि एकादशी के दिन श्राद्ध नहीं करना चाहिए। भगवान शंकर ने खुद पार्वती जी को बताया कि अगर कोई व्यक्ति एकादशी के दिन श्राद्ध करता है, तो श्राद्ध…

कब है इंदिरा एकादशी 2024 व्रत – तिथि मुहूर्त, पूजा विधि, अनुष्ठान और महत्व

lord vishnu ji

हिंदू धर्म में इंदिरा एकादशी को सबसे महत्वपूर्ण व्रतों में से एक माना जाता है। यह एकादशी पितृ पक्ष के महीने में मनाई जाती है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार यह एकादशी सितंबर में आती है। इसी तरह इंदिरा एकादशी 2024 (28 सितंबर) यानी शनिवार को होगी। इस एकादशी की तिथि 27 सितंबर को दोपहर 01:20…

एकादशी के दिन भगवान विष्णु को लगाएं ये 4 विशेष भोग, मिलेगी असीम कृपा

Saphla ekadashi

एकादशी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है जो भगवान विष्णु को समर्पित है। यह व्रत हर महीने में दो बार, शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में आता है। एकादशी के दिन, भक्त उपवास रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए, भक्त उन्हें भोग भी लगाते…

इंदिरा एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

॥ इंदिरा एकादशी व्रत कथा ॥ प्राचीनकाल में सतयुग के समय में महिष्मति नाम की एक नगरी में इंद्रसेन नाम का एक प्रतापी राजा धर्मपूर्वक अपनी प्रजा का पालन करते हुए शासन करता था। वह राजा पुत्र, पौत्र और धन आदि से संपन्न और विष्णु का परम भक्त था। एक दिन जब राजा सुखपूर्वक अपनी…

एकादशी माता आरती

॥ एकादशी माता आरती ॥ ॐ जय एकादशी, जय एकादशी, जय एकादशी माता। विष्णु पूजा व्रत को धारण कर, शक्ति मुक्ति पाता॥ ॐ जय एकादशी…॥ तेरे नाम गिनाऊं देवी, भक्ति प्रदान करनी। गण गौरव की देनी माता, शास्त्रों में वरनी॥ ॐ जय एकादशी…॥ मार्गशीर्ष के कृष्णपक्ष की उत्पन्ना, विश्वतारनी जन्मी। शुक्ल पक्ष में हुई मोक्षदा,…

Ekadashi Mata Aarti

॥ Ekadashi Mata Aarti ॥ Om Jai Ekadashi, Jai Ekadashi, Jai Ekadashi Mata. Vishnu Pooja Vrat Ko Dharan Kar, Shakti Mukti Pata ॥ Om Jai Ekadashi… ॥ Tere Naam Ginaoon Devi, Bhakti Pradan Karni. Gan Gaurav Ki Deni Mata, Shastron Mein Varni ॥ Om Jai Ekadashi… ॥ Margashirsh Ke Krshnapaksh Ki Utpanna, Vishwatarani Janmi. Shukl…

कितने गुरुवार व्रत रखें? जानिए व्रत की कथा और पूजा विधि, बृहस्पतिवार व्रत के फायदे

brihaspati bhagwan

बृहस्पतिवार का व्रत भगवान बृहस्पति को समर्पित है, जो ज्ञान, धन और बुद्धि के देवता हैं। यह व्रत करने से व्यक्ति को इन सभी गुणों की प्राप्ति होती है। बृहस्पतिवार व्रत की कई कथाएं प्रचलित हैं। इन कथाओं में भगवान बृहस्पति के भक्तों की भक्ति और उनके द्वारा प्राप्त फल का वर्णन होता है। इन…

जीवित्पुत्रिका व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| जीवित्पुत्रिका पूजा व‍िध‍ि || जीवित्पुत्रिका व्रत के पहले दिन महिलाएं सुबह जल्दी उठकर, सूर्योदय से पहले स्नान करती हैं और फिर पूजा करती हैं। इसके बाद वे एक बार भोजन करती हैं। दूसरे दिन सुबह फिर से स्नान करने के बाद महिलाएं पूजा करती हैं और पूरा दिन बिना पानी पिए यानी निर्जला व्रत…

जितिया व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| जितिया व्रत की पूजा व‍िध‍ि || जितिया व्रत के पहले दिन महिलाएं सूर्योदय से पहले जागकर स्‍नान करके पूजा करती हैं और फिर एक बार भोजन ग्रहण करती हैं और उसके बाद पूरा दिन निर्जला व्रत रखती हैं। इसके बाद दूसरे दिन सुबह-सवेरे स्‍नान के बाद महिलाएं पूजा-पाठ करती हैं और फिर पूरा दिन…

वर्ष 2024 में आने वाली सभी एकादशी व्रत की सूची और एकादशी व्रत के फायदे

हिन्दू धर्म में एकादशी व्रत को बहुत महत्व दिया जाता है। इस दिन श्री विष्णु की पूजा की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह की ग्यारहवीं तिथि को एकादशी या ग्यारस कहा जाता है। एकादशी साल में 24 बार आती है, एक शुक्ल पक्ष और एक कृष्ण पक्ष में। अमावस्या के बाद आने…

त्रिस्पृशा एकादशी महायोग कथा (पूजा विधि)

।। त्रिस्पृशा एकादशी महायोग कथा ।। पद्म पुराण के अनुसार देवर्षि नारदजी ने भगवान शिवजी से पूछा: सर्वेश्वर! आप त्रिस्पृशा नामक व्रत का वर्णन कीजिये, जिसे सुनकर लोग कर्मबंधन से मुक्त हो जाते हैं। महादेवजी बोले: विद्वान्! देवाधिदेव भगवान ने मोक्षप्राप्ति के लिए इस व्रत की सृष्टि की है, इसीलिए इसे वैष्णवी तिथि कहते हैं।…

महालया पूजा की पौरणिक कथा

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, महालया पितृ पक्ष के अंतिम दिन मनाया जाता है। इस दिन, पितरों को श्रद्धांजलि देने के बाद, देवी दुर्गा की पूजा की शुरुआत होती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब असुरों का उत्पात बढ़ गया था, तब देवताओं ने देवी दुर्गा की रचना की थी। महालया के दिन, देवी दुर्गा अपनी…

महालक्ष्मी व्रत कथा और पूजा विधि

|| महालक्ष्मी व्रत पूजा विधि || सबसे पहले एक चौकी पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना करें। ध्यान रखें की मूर्ति का मुख पूर्व या पश्चिम दिशा में रखें। इसके बाद थोड़ा से चावल डालकर लक्ष्मी जी के पास कलश की स्थापना करें। कलश के ऊपर एक नारियल में कपड़ा बांधकर…

শ্রীরাধাষ্টকম্

|| শ্রীরাধাষ্টকম্ || কৃষ্ণারাধ্যাং জগতসেব্যাং জগদ্গুরু জগতপ্রসূম্ । নমামি মাতরং রাধাং কৃষ্ণারাধনতৎপরাম্ ॥ কৃষ্ণসুখপ্রদাত্রীঞ্চ কৃষ্ণপ্রাণপ্রিয়াং শুভাম্ । রাধাং কৃষ্ণময়ীং দিব্যাং কৃষ্ণহৃদি স্থিতাং ভেজে ॥ গোবিন্দানন্দিনীং রাধাং গোবিন্দমোহিনীং পরাম্ । গোবিন্দ হৃদ বন্দে সর্বকান্তশিরোমণিম্ ॥ শরণাগতসম্ভর্ত্রীমার্তত্রাণপরায়ণাম্ । জ্ঞানভক্তিপ্রদাং দেবীং রাধাং বন্দে জগদ্দ্গুরুম্ ॥ প্রেমস্বরূপিণীং শ্যামাং মহাভাবময়ীং পরাম্ । জ্ঞানময়ীং জগদ্ধাত্রীং ভজামি রাধিকাং সদা ॥ ব্রজেশ্বরীং সখোসেব্যাং…

Pitru Paksha 2024 – पितृ पक्ष की तिथियां, नियम, महत्व और मान्यताएं

pitra paksha shrad

पितृपक्ष 17 सितंबर से शुरू हो रहा है। पितृपक्ष के समय लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान और अन्य धार्मिक कार्य करते हैं। इस दौरान, लोग अपने पितरों की तृप्ति के लिए भोजन और जल अर्पित करते हैं। साथ ही ब्राह्मणों को भोजन कराना, उन्हें दान-दक्षिणा देना और पितरों की…

(विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी) आश्विन संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा

|| आश्विन संकष्टी गणेश (विघ्नराज) चतुर्थी व्रत कथा || आश्विन मास की संकष्टी चतुर्थी को श्रीकृष्ण और बाणासुर की कथा इस प्रकार है: एक समय की बात है, बाणासुर की कन्या उषा ने सुषुप्तावस्था में अनिरुद्ध का स्वप्न देखा। अनिरुद्ध के विरह से वह इतनी अभिलाषी हो गई कि उसके चित को किसी भी प्रकार से…

ललिता पंचमी व्रत कथा

|| ललिता पंचमी व्रत कथा || शारदीय नवरात्रि के समय, आश्विन शुक्ल पंचमी को ललिता पंचमी का पर्व मनाया जाता है। यह पर्व देवी ललिता को समर्पित है, जो माता सती पार्वती का ही एक रूप मानी जाती हैं। इस दिन भक्त ललिता पंचमी व्रत रखते हैं। देवी ललिता को ‘त्रिपुर सुंदरी’ भी कहा जाता…

2024 पितृ दोष से मुक्ति – जानिए लक्षण, कारण और कारगर उपाय

pitra dosh

ज्योतिष शास्त्र में, पितृ दोष को एक ऐसा दोष माना जाता है जो हमारे पूर्वजों (पितरों) के अधूरे कर्मों या उनके प्रति हमारे गलत व्यवहार के कारण होता है। यह दोष व्यक्ति के जीवन में कई तरह की बाधाएं और समस्याएं पैदा कर सकता है पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए धार्मिक, आध्यात्मिक, और…

పితృ దేవతా స్తోత్రం

|| పితృ దేవతా స్తోత్రం || రుచిరువాచ | నమస్యేఽహం పితౄన్ భక్త్యా యే వసన్త్యధిదేవతాః | దేవైరపి హి తర్ప్యంతే యే శ్రాద్ధేషు స్వధోత్తరైః || నమస్యేఽహం పితౄన్ స్వర్గే యే తర్ప్యంతే మహర్షిభిః | శ్రాద్ధైర్మనోమయైర్భక్త్యా భుక్తిముక్తిమభీప్సుభిః || నమస్యేఽహం పితౄన్ స్వర్గే సిద్ధాః సంతర్పయంతి యాన్ | శ్రాద్ధేషు దివ్యైః సకలైరుపహారైరనుత్తమైః || నమస్యేఽహం పితౄన్ భక్త్యా యేఽర్చ్యంతే గుహ్యకైర్దివి | తన్మయత్వేన వాంఛద్భిరృ ద్ధిర్యాత్యంతికీం పరామ్ || నమస్యేఽహం పితౄన్ మర్త్యైరర్చ్యంతే…

ಪಿತೃ ತರ್ಪಣ ವಿಧಾನ

॥ ಪಿತೃ ತರ್ಪಣಮ್ ॥ ಶುಚಿಃ – ಅಪವಿತ್ರಃ ಪವಿತ್ರೋವಾ ಸರ್ವಾವಸ್ಥಾಂ ಗತೋಽಪಿ ವಾ । ಯಃ ಸ್ಮರೇತ್ ಪುಣ್ಡರೀಕಾಕ್ಷಂ ಸ ಬಾಹ್ಯಾಭ್ಯನ್ತರಃ ಶುಚಿಃ ॥ ಪುಣ್ಡರೀಕಾಕ್ಷ ಪುಣ್ಡರೀಕಾಕ್ಷ ಪುಣ್ಡರೀಕಾಕ್ಷ ॥ ಪ್ರಾರ್ಥನಾ – ಶುಕ್ಲಾಮ್ಬರಧರಂ ವಿಷ್ಣುಂ ಶಶಿವರ್ಣಂ ಚತುರ್ಭುಜಮ್ । ಪ್ರಸನ್ನವದನಂ ಧ್ಯಾಯೇತ್ ಸರ್ವ ವಿಘ್ನೋಪಶಾನ್ತಯೇ ॥ ವಕ್ರತುಣ್ಡ ಮಹಾಕಾಯ ಕೋಟಿಸೂರ್ಯಸಮಪ್ರಭ । ನಿರ್ವಿಘ್ನಂ ಕುರು ಮೇ ದೇವ ಸರ್ವಕಾರ್ಯೇಷು ಸರ್ವದಾ ॥ ಓಂ ಶ್ರೀ ಮಹಾಗಣಾಧಿಪತಯೇ ನಮಃ । ಆಚಮ್ಯ – ಓಂ ಕೇಶವಾಯ…

साल 2024 में संकष्टी चतुर्थी कब-कब है? देखें पूरी लिस्ट

Sankashti Chaturthi

संकष्टी चतुर्थी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह पर्व भगवान गणेश की पूजा के लिए समर्पित होता है और प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। पूर्णिमा के बाद आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी और अमावस्या के बाद आने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है….

भाद्रपद संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा

|| भाद्रपद संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा || पूर्वकाल में राजाओं में श्रेष्ठ राजा नल थे, और उनकी रूपवती रानी का नाम दमयन्ती था। शापवश राजा नल को राज्य खोना पड़ा और रानी के वियोग से कष्ट सहना पड़ा। तब दमयन्ती ने इस व्रत के प्रभाव से अपने पति को पुनः प्राप्त किया। राजा नल…

एकदंत गणेश स्तोत्रम्

|| एकदंत गणेश स्तोत्रम् || श्रीगणेशाय नमः । मदासुरं सुशान्तं वै दृष्ट्वा विष्णुमुखाः सुराः । भृग्वादयश्च मुनय एकदन्तं समाययुः ॥ १॥ प्रणम्य तं प्रपूज्यादौ पुनस्तं नेमुरादरात् । तुष्टुवुर्हर्षसंयुक्ता एकदन्तं गणेश्वरम् ॥ २॥ देवर्षय ऊचुः सदात्मरूपं सकलादि- भूतममायिनं सोऽहमचिन्त्यबोधम् । अनादि-मध्यान्त-विहीनमेकं तमेकदन्तं शरणं व्रजामः ॥ ३॥ अनन्त-चिद्रूप-मयं गणेशं ह्यभेद-भेदादि-विहीनमाद्यम् । हृदि प्रकाशस्य धरं स्वधीस्थं तमेकदन्तं शरणं…

आरती: श्री गणेश – शेंदुर लाल चढ़ायो

|| आरती: श्री गणेश – शेंदुर लाल चढ़ायो || शेंदुर लाल चढ़ायो अच्छा गजमुखको । दोंदिल लाल बिराजे सुत गौरिहरको । हाथ लिए गुडलद्दु सांई सुरवरको । महिमा कहे न जाय लागत हूं पादको ॥ जय देव जय देव, जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता, जय देव जय देव…

श्री गणेश व्रत कथा

|| श्री गणेश जी पूजन विधि || भगवान श्री गणेश जी की पूजन में वेद मंत्र का उच्चारण किया जाता है। पर जिन्हें वेद मंत्र न आता हो, वो नाम – मंत्रों से भी पूजन कर सकते है। सबसे पहले आप स्नान करले और उसके पश्चात अपने पास पूजा सम्बंधित समस्त सामग्री रख लें फिर…