चंद्र ग्रहण क्या होता है:
चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है। इस स्थिति में पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है जिससे चंद्रमा कुछ समय के लिए अंधेरा हो जाता है। कई धर्मों में चंद्र ग्रहण को विशेष महत्व दिया जाता है। इसे अशुभ माना जाता है और इस दौरान कुछ धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है जिसका अध्ययन करके हम ब्रह्मांड के बारे में अधिक जान सकते हैं।
Chandra Grahan, Lunar Eclipse 2025 in India
साल 2025 का पहला चंद्र ग्रहण
फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को होली के दिन ये ग्रहण (Chandra Grahan 2025) लगेगा। 14 मार्च 2025 को सुबह 10 बजकर 41 मिनट से दोपहर 2 बजकर 18 मिनट तक ये ग्रहण लगने वाला है।
क्या भारत में पहला चंद्र ग्रहण दिखाई देगा- भारत में पहला चंद्र ग्रहण दिखाई नहीं देगा। इस वजह से चंद्र ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा।ऑस्ट्रेलिया का अधिकांश भाग, यूरोप, अफ्रीका का अधिकांश भाग, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक आर्कटिक महासागर, पूर्वी एशिया और अंटार्कटिका में ये चंद्र ग्रहण नजर आएगा।
मार्च 2025 में लगने वाले चंद्र ग्रहण का प्रभाव- मार्च 2025 में लगने वाला चंद्र ग्रहण किसी भी राशि पर अच्छा प्रभाव नहीं डालेगा। चंद्र ग्रहण के प्रभाव से शारीरिक, मानसिक व आर्थिक रूप से परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन ये भारत में नहीं पड़ेगा तो किसी भी राशि पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
साल 2025 का दूसरा चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2025)
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन साल का दूसरा खग्रास चंद्रग्रहण लगेगा। रविवार/सोमवार यानि 7 और 8 सितंबर 2025 को रात 9 बजकर 57 मिनट पर ग्रहण प्रारंभ होगा जो मध्यरात्रि 1 बजकर 26 मिनट तक रहेगा।
क्या भारत में पहला चंद्र ग्रहण दिखाई देगा- भारत समेत संपूर्ण एशिया, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, न्यूजीलैंड, पश्चिमी और उत्तरी अमेरिका, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका के पूर्वी क्षेत्र में ग्रहण नजर आएगा।
सूतक काल का समय – इस चंद्र ग्रहण का सूतक काल दोपहर में 12 बजकर 19 मिनट पर शुरू हो जाएगा. यह चद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा।
चंद्र ग्रहण का प्रभाव – भारत में नजर आने वाला है इसलिए इसके सूतक काल का प्रभाव भी पड़ेगा।
चंद्र ग्रहण के समय किन बातों का ध्यान रखें
- चंद्र ग्रहण की अवधि के दौरान देवी-देवताओं की मूर्ति को छूना वर्जित है। इसके अलावा पूजा-पाठ भी नहीं करना चाहिए। इस दौरान देवी-देवताओं के नामों का जप करना शुभ माना जाता है।
- चंद्र ग्रहण के समय पृथ्वी पर राहु का प्रभाव बढ़ जाता जाता है, तो ऐसे में खाना न बनाएं। भोजन का सेवन न करें।
- गर्भवती महिलाओं, बीमार व्यक्ति और बच्चे को जरूरत पड़ने पर भोजन कर सकते हैं।
- ग्रहण के दौरान सोना वर्जित है।
- इसके अलावा चंद्र ग्रहण के दौरान नुकीली चीजों का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। जैसे- कैंची, चाकू और सुई आदि।
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