‘गायत्री की दैनिक साधना एवं यज्ञ पद्धति’ पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित एक अत्यंत महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जो साधकों को गायत्री मंत्र के माध्यम से आत्मिक विकास और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन का मार्ग दिखाता है। यह पुस्तक दैनिक साधना के महत्व और यज्ञ की विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करती है।
गायत्री मंत्र को वैदिक संस्कृति में अद्वितीय स्थान प्राप्त है। यह पुस्तक साधकों को गायत्री साधना की विधियों और यज्ञ के विज्ञान से परिचित कराती है। इसमें बताया गया है कि कैसे नियमित साधना और यज्ञ से आत्मा की शुद्धि और जीवन में शांति प्राप्त की जा सकती है।
गायत्री की दैनिक साधना एवं यज्ञ पद्धति पुस्तक के मुख्य विषय
- गायत्री साधना का महत्व
- गायत्री मंत्र का आध्यात्मिक और वैज्ञानिक महत्व।
- इसके नियमित जप से आत्मा और मन की शुद्धि।
- दैनिक साधना की विधि
- गायत्री मंत्र का सही उच्चारण।
- ध्यान और जप के लिए समय, स्थान, और मनोदशा का महत्व।
- साधना के लिए आवश्यक सामग्री और अनुशासन।
- यज्ञ पद्धति का वर्णन
- यज्ञ का वैदिक महत्व और उसकी वैज्ञानिकता।
- यज्ञ की विधि: सामग्री, मंत्र, और प्रक्रिया।
- यज्ञ से पर्यावरण शुद्धि और मानसिक ऊर्जा का संचार।
- गायत्री मंत्र का प्रभाव
- शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक लाभ।
- जीवन में ऊर्जा, उत्साह और सकारात्मकता का संचार।
- पापों का नाश और आत्मिक उन्नति।
- गायत्री साधना और यज्ञ का परस्पर संबंध
- कैसे यज्ञ गायत्री साधना को और अधिक प्रभावी बनाता है।
- यज्ञ से साधना की ऊर्जा को बढ़ाना।