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Shri Krishna

इतनी विनती है तुमसे कन्हैया – भजन

Itni Vinti Hai Tumse Kanhaiya Bhajan Hindi

Shri KrishnaBhajan (भजन संग्रह)हिन्दी
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इतनी विनती है तुमसे कन्हैया

इतनी विनती है तुमसे कन्हैया,
अपनी सेवा में मुझको लगाना,
साथ तेरा कभी मैं ना छोड़ू,
छोड़ दे चाहे मुझको जमाना,
इतनी विनती हैं तुमसे कन्हैया,
अपनी सेवा में मुझको लगाना ||

जब भी जन्मु बनु दास तेरा,
तन मन अपना कर तुझको अर्पण,
तेरी सेवा ही मेरा धर्म हो,
बीती जाये यूँही सारा जीवन,
रात दिन मैं जपूँ तेरी माला,
इस कदर मुझको कर दो दीवाना,
साथ तेरा कभी मैं ना छोड़ू,
छोड़ दे चाहे मुझको जमाना,
इतनी विनती हैं तुमसे कन्हैया,
अपनी सेवा में मुझको लगाना ||

मांगता ही रहा हूँ मैं तुमसे,
अब तलक तो लिया ही लिया है,
भेट तुमको चड़ाउ क्या मोहन,
जो कुछ भी है सब तेरा ही दिया है,
मांगने की तो आदत है मेरी,
काम तेरा ना खाली लौटाना,
साथ तेरा कभी मैं ना छोड़ू,
छोड़ दे चाहे मुझको जमाना,
इतनी विनती हैं तुमसे कन्हैया,
अपनी सेवा में मुझको लगाना ||

चरणों का अपने दास बना लो ,
ना कुछ जाएगा तेरा कन्हैया,
तेरी नौकरी पाकर मोहन,
पार हो जायेगी ये नैया,
कर दो ‘नरसी’ पे एहसान इतना,
कर दो ‘रजनी’ पे एहसान इतना,
अपने चरणों में मुझको बिठाना,
साथ तेरा कभी मैं ना छोड़ू,
छोड़ दे चाहे मुझको जमाना,
इतनी विनती हैं तुमसे कन्हैया,
अपनी सेवा में मुझको लगाना ||

जताई अपनी हमदर्दी,
उठाया गिरते को जिसने,
करे निर्बल की जो रक्षा,
उसे बलवान कहते है,
कामना ना कोई मन में,
करे जो निस्वार्थ जो सेवा,
पराई पीड़ अपना ले,
उसे महान कहते है,
खिलाये भूखे को रोटी,
पिलाये प्यासे को पानी,
ठके तन दिन निर्धन का,
उसे ही दान कहते है,
वक्त पर काम जो आये,
उसे इंसान कहते है,
बचा ले डूबती कश्ती,
उसे श्री श्याम कहते है ||

इतनी विनती है तुमसे कन्हैया,
अपनी सेवा में मुझको लगाना,
साथ तेरा कभी मैं ना छोड़ू,
छोड़ दे चाहे मुझको जमाना,
इतनी विनती हैं तुमसे कन्हैया,
अपनी सेवा में मुझको लगाना ||

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