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Sita Mata

देवी जानकी सहस्रनामावली

Janaki Sahastra Namavali Hindi

Sita MataSahastranaam (सहस्त्रनाम संग्रह)संस्कृत
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देवी जानकी सहस्रनामावली में मां सीता के 1000 दिव्य और पवित्र नामों का वर्णन है। मां जानकी को भगवान श्रीराम की अर्धांगिनी और सतीत्व, समर्पण, त्याग एवं धर्म की मूर्ति माना जाता है। वे भगवती लक्ष्मी का अवतार हैं और आदर्श नारीत्व का प्रतीक हैं। इस सहस्रनामावली का पाठ उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

देवी जानकी सहस्रनामावली में मां जानकी की करुणा, प्रेम, धैर्य और उनकी महान शक्ति का वर्णन किया गया है। यह पाठ भक्तों के जीवन को सकारात्मकता और शांति से भर देता है।

देवी जानकी सहस्रनामावली पढ़ने के लाभ

  • देवी जानकी का सहस्रनाम पाठ करने से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
  • जिनके वैवाहिक जीवन में समस्याएं हैं, उन्हें इस पाठ से आपसी समझ और प्रेम में वृद्धि होती है।
  • सहस्रनामावली का नियमित पाठ आत्मा को शुद्ध करता है और भक्त को आध्यात्मिक प्रगति की ओर ले जाता है।
  • जीवन में आने वाले कठिन समय और कष्टों से छुटकारा पाने में सहायक है।
  • यह पाठ संतानहीन दंपतियों के लिए विशेष रूप से फलदायी है।
  • मां सीता के आदर्शों का अनुसरण करते हुए पाठ करने से व्यक्ति में धैर्य, सहनशीलता और सकारात्मकता का विकास होता है।
  • मां जानकी के नामों का जाप व्यक्ति के पूर्वजन्म और इस जन्म के पापों को समाप्त करता है।
  • सहस्रनामावली का पाठ भक्त को जीवन की कठिन परिस्थितियों में दृढ़ता और साहस प्रदान करता है।

देवी जानकी सहस्रनामावली पढ़ने के नियम

  • स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें। शारीरिक और मानसिक पवित्रता बनाए रखें।
  • मां सीता के प्रति श्रद्धा और पूर्ण समर्पण के साथ सहस्रनामावली का पाठ करें।
  • सुबह या संध्या के समय पाठ करना उत्तम होता है। खासकर रामनवमी या सीता नवमी के दिन यह पाठ विशेष फलदायी होता है।
  • कुश या सफेद कपड़े का आसन बिछाकर उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें।
  • कम से कम 7, 11 या 21 दिनों तक नियमित रूप से सहस्रनामावली का पाठ करें।
  • पाठ के दौरान क्रोध, लोभ या अन्य नकारात्मक भावनाओं से बचें।

देवी जानकी सहस्रनामावली की पूजा विधि

  • देवी जानकी की मूर्ति या चित्र, पीले और लाल पुष्प, चंदन, अक्षत, कुमकुम, दीपक, धूप, और नैवेद्य (मिठाई, फल) पूजा सामग्री एकत्रित करें।
  • दीप प्रज्वलित करें और भगवान श्रीराम व देवी सीता का ध्यान करें।
  • “ॐ जानकीवल्लभायै नमः” मंत्र का जाप करें।
  • शांत चित्त से देवी जानकी के 1000 नामों का उच्चारण करें।
  • प्रत्येक नाम को श्रद्धा और भक्ति के साथ पढ़ें।
  • मां जानकी को फल, मिठाई और तुलसी के पत्ते अर्पित करें।
  • पाठ के बाद मां जानकी की आरती करें।
  • प्रसाद को सभी सदस्यों में वितरित करें।

।। देवी जानकी सहस्रनामावली ।।

ॐ अकल्पायै नमः।
ॐ अकल्मषायै नमः।
ॐ अकामायै नमः।
ॐ अकायायै नमः।
ॐ अकारचर्चितायै नमः।
ॐ अकारणायै नमः।
ॐ अकोपपूज्यायै नमः।
ॐ अक्रूरैकायै नमः।
ॐ अक्षणायै नमः।
ॐ अक्षरायै नमः।
ॐ अगदायै नमः।
ॐ अगुणायै नमः।
ॐ अग्रगण्यायै नमः।
ॐ अचलापुत्रिकायै नमः।
ॐ अचलायै नमः।
ॐ अच्युतायै नमः।
ॐ अजायै नमः।
ॐ अजेयबुद्ध्यै नमः।
ॐ अज्ञातगतिसत्तमायै नमः।
ॐ अणोरणीयस्यै नमः।
ॐ अतर्क्यायै नमः।
ॐ अतीन्द्रियचयायै नमः।
ॐ अतुलायै नमः।
ॐ अदभ्रमहिमायै नमः।
ॐ अदीनबुद्ध्यै नमः।
ॐ अदृश्यायै नमः।
ॐ अद्वितीयक्षमानिधये नमः।
ॐ अद्वितीयदयामूर्त्यै नमः।
ॐ अद्वितीयानहङ्कृत्यै नमः।
ॐ अद्वैतायै नमः।
ॐ अधृतायै नमः।
ॐ अधोक्षजायै नमः।
ॐ अनघायै नमः।
ॐ अनन्तविग्रहायै नमः।
ॐ अनन्तायै नमः।
ॐ अनन्तैश्वर्यसंयुतायै नमः।
ॐ अनन्यभावसन्तुष्टायै नमः।
ॐ अनर्थौघनिवारिण्यै नमः।
ॐ अनवद्यायै नमः।
ॐ अनामरूपायै नमः।
ॐ अनिर्देश्यस्वरूपिण्यै नमः।
ॐ अनिर्वाच्यसुखाम्भोध्यै नमः।
ॐ अनिर्वाच्याङ्घ्रिमार्दवायै नमः।
ॐ अनिर्विण्णायै नमः।
ॐ अनुकम्पैकपूर्णविग्रहायै नमः।
ॐ अनुकूलैकायै नमः।
ॐ अनुत्तमात्मने नमः।
ॐ अनुत्तमायै नमः।
ॐ अनुरागभराञ्चितायै नमः।
ॐ अपारभववारिधितारिण्यै नमः।
ॐ अपारमहिम्ने नमः।
ॐ अपूर्वचरितायै नमः।
ॐ अपूर्वसिद्धान्तायै नमः।
ॐ अपूर्वसौभगायै नमः।
ॐ अप्रकृष्टायै नमः।
ॐ अप्रतिद्वन्द्वविक्रमायै नमः।
ॐ अप्रतिमद्युत्यै नमः।
ॐ अप्रतिमायै नमः।
ॐ अप्रमत्तात्मने नमः।
ॐ अप्रमेयसुखाकृत्यै नमः।
ॐ अप्राकृतगुणैश्वर्यविश्वमोहनविग्रहायै नमः।
ॐ अभिवाद्यायै नमः।
ॐ अमलायै नमः।
ॐ अमानायै नमः।
ॐ अमितायै नमः।
ॐ अमृतदृष्ट्यै नमः।
ॐ अमृतरूपिण्यै नमः।
ॐ अमृतायै नमः।
ॐ अमृताशायै नमः।
ॐ अमृतोद्भवायै नमः।
ॐ अयोनिसम्भवायै नमः।
ॐ अरूपायै नमः।
ॐ अरौद्रायै नमः।
ॐ अलोलायै नमः।
ॐ अवनिपुत्रिकायै नमः।
ॐ अवरायै नमः।
ॐ अवर्ण्यकरुणावध्यै नमः।
ॐ अवर्ण्यमाधुर्य्यायै नमः।
ॐ अविचिन्त्यायै नमः।
ॐ अविशिष्टात्मने नमः।
ॐ अव्यक्तायै नमः।
ॐ अव्ययशेमुष्यै नमः।
ॐ अव्याजकरुणामूर्त्यै नमः।
ॐ अशोकायै नमः।
ॐ असङ्ख्यकायै नमः।
ॐ असमायै नमः।
ॐ असम्मितायै नमः।
ॐ असुधारिणां शरण्यैकायै नमः।
ॐ आत्मज्ञानविभाकर्यै नमः।
ॐ आत्ममर्मज्ञायै नमः।
ॐ आत्मलाभप्रदायिन्यै नमः।
ॐ आत्मवत्यै नमः।
ॐ आत्महितकामानां ज्ञेयायै नमः।
ॐ आत्मोद्भवायै नमः।
ॐ आदिकर्त्र्यै नमः।
ॐ आद्ये नमः।
ॐ आधापरमालयायै नमः।
ॐ आध्येयाङ्घ्रिसरोजाङ्कायै नमः।
ॐ आनन्दामृतवर्षिण्यै नमः।
ॐ आप्तसङ्कल्पायै नमः।
ॐ आम्नायवेद्यचरणायै नमः।
ॐ आश्रितत्राणतत्परायै नमः।
ॐ आसक्त्यपहृतासक्त्यै नमः।
ॐ आस्यस्पर्द्धिविधुव्रजायै नमः।
ॐ आह्लादसूपमासिन्धवे नमः।
ॐ इनवंश्यपरप्रियायै नमः।
ॐ इन्दुपूर्णोल्लसद्वक्त्रायै नमः।
ॐ इभराजसुतागत्यै नमः।
ॐ इयत्त्वरहितायै नमः।
ॐ ईप्सितार्थप्रदायिन्यै नमः।
ॐ उच्छिन्नाश्रितसंशयायै नमः।
ॐ उज्ज्वलैकसमाराध्यायै नमः।
ॐ उत्तमायै नमः।
ॐ उत्तरायै नमः।
ॐ उत्तानहस्ताब्जायै नमः।
ॐ उत्फुल्लेन्दीवरेक्षणायै नमः।
ॐ उत्सङ्गभूषणायै नमः।
ॐ उदारकीर्तनायै नमः।
ॐ उदारचरितायै नमः।
ॐ उदारजपपाठेज्यायै नमः।
ॐ उदारध्यानसंस्तयायै नमः।
ॐ उदारवन्दनायै नमः।
ॐ उदारवल्लभायै नमः।
ॐ उदारवीक्षणस्मितभाषितायै नमः।
ॐ उदारश्रीनामरूपलीलाधामगुणव्रजायै नमः।
ॐ उदारालिगणायै नमः।
ॐ उदारोपासकायै नमः।
ॐ ॠकारायै नमः।
ॐ ॠतरूपिण्यै नमः।
ॐ ॠभुवन्द्याङ्घ्र्यै नमः।
ॐ एकशरणं पुंसायै नमः।
ॐ एकायै नमः।
ॐ ऐक्यभावप्रसादितायै नमः।
ॐ ओकःप्रधानिकायै नमः।
ॐ ओजोऽब्ध्यै नमः।
ॐ कमलायै नमः।
ॐ कमलाराध्यायै नमः।
ॐ करणायै नमः।
ॐ कलभाषिण्यै नमः।
ॐ कलाधारायै नमः।
ॐ कलाभिज्ञायै नमः।
ॐ कलामूर्त्यै नमः।
ॐ कलावध्यै नमः।
ॐ कल्पवृक्षाश्रयायै नमः।
ॐ कल्प्यायै नमः।
ॐ कल्मषौघनिवारिण्यै नमः।
ॐ कल्याणदात्र्यै नमः।
ॐ कल्याणप्रकृत्यै नमः।
ॐ कामचारिण्यै नमः।
ॐ कामदायै नमः।
ॐ काम्यसंसक्त्यै नमः।
ॐ कारणाद्वयकारण्यै नमः।
ॐ कारुण्यार्द्रविशालाक्ष्यै नमः।
ॐ कालचक्रप्रवर्तिकायै नमः।
ॐ कीनाशभयमूलघ्न्यै नमः।
ॐ कुञ्जकेलिसुखप्रदायै नमः।
ॐ कुञ्जराधीशगतिकायै नमः।
ॐ कृतज्ञार्च्यायै नमः।
ॐ कृतागमायै नमः।
ॐ कृपापीयूषजलाध्यै नमः।
ॐ कोमलार्च्यपदाम्बुजायै नमः।
ॐ कौशल्याप्रतिमाम्भोध्यै नमः।
ॐ कौशल्यासुतवल्लभायै नमः।
ॐ क्षमाध्वस्तधरास्मयायै नमः।
ॐ क्षमिणां क्षमास्वरूपायै नमः।
ॐ क्षमेश्यै नमः।
ॐ क्षान्तिविग्रहायै नमः।
ॐ क्षितीशतनयायै नमः।
ॐ क्षेमदायिन्यै नमः।
ॐ क्षेमयाऽर्चितायै नमः।
ॐ खरारिहृदयातुल्यपरमोत्सवरूपिण्यै नमः।
ॐ खलान्यमतिसन्दात्र्यै नमः।
ॐ खवासीशादिवन्दितायै नमः।
ॐ खेलमात्रजगत्सृष्ट्यै नमः।
ॐ गणनाथार्च्चितायै नमः।
ॐ गतैश्वर्यस्मयश्रेष्ठायै नमः।
ॐ गत्यै नमः।
ॐ गभीरायै नमः।
ॐ गम्यभावनायै नमः।
ॐ गहनाग्र्यायै नमः।
ॐ गियै नमः।
ॐ गीर्वाणहितसाधनतत्परायै नमः।
ॐ गुप्तायै नमः।
ॐ गुहेशयायै नमः।
ॐ गुह्यायै नमः।
ॐ गेयोदारयशस्तत्यै नमः।
ॐ गोपनीयपदासक्त्यै नमः।
ॐ गोप्त्र्यै नमः।
ॐ गोविदनुत्तमायै नमः।
ॐ ग्रहणीयशुभादर्शायै नमः।
ॐ ग्लौपुञ्जाभनखच्छव्यै नमः।
ॐ घनश्यामात्मनिलयायै नमः।
ॐ घर्मद्युतिकुलस्नुषायै नमः।
ॐ घृणालुकायै नमः।
ॐ चतुरात्मने नमः।
ॐ चतुर्गत्यै नमः।
ॐ चतुर्भावायै नमः।
ॐ चतुर्वर्गप्रदायिन्यै नमः।
ॐ चतुर्वेदविदां श्रेष्ठायै नमः।
ॐ चतुर्व्यूहायै नमः।
ॐ चन्द्रकलासमाराध्यायै नमः।
ॐ चन्द्रबिम्बोपमाननायै नमः।
ॐ चपलासत्कृतद्युत्यै नमः।
ॐ चारुरूपगुणोपेतायै नमः।
ॐ चारुशीलादिभिः सेव्यायै नमः।
ॐ चारुसम्पावनास्मितायै नमः।
ॐ चारुस्मरणमङ्गलायै नमः।
ॐ चार्वङ्ग्यै नमः।
ॐ चिदलङ्कारायै नमः।
ॐ चिदानन्दस्वरूपिण्यै नमः।
ॐ छविक्षुब्धरत्यै नमः।
ॐ छिन्नप्रणताशेषसंशयायै नमः।
ॐ जगत्क्षेमविधानज्ञायै नमः।
ॐ जगत्सेतुनिबन्धिन्यै नमः।
ॐ जगदात्मप्रेयस्यै नमः।
ॐ जगदात्मिकायै नमः।
ॐ जगदाद्यै नमः।
ॐ जगदालयवृन्देश्यै नमः।
ॐ जगदालयसङ्घसुवे नमः।
ॐ जगदुद्भवादिकर्त्र्यै नमः।
ॐ जगदेकपरायणायै नमः।
ॐ जगन्नेत्र्यै नमः।
ॐ जगन्माङ्गल्यमङ्गलायै नमः।
ॐ जगन्मात्रे नमः।
ॐ जगन्मोहनमाधुर्यमनोमोहनविग्रहायै नमः।
ॐ जतुशोभिपदाम्भोजायै नमः।
ॐ जनकल्याणसक्तात्मने नमः।
ॐ जनकानन्दवर्धिन्यै नमः।
ॐ जननीहृदयानन्दायै नमः।
ॐ जनबाधानिवारिण्यै नमः।
ॐ जनसन्तापशमन्यै नमः।
ॐ जनेश्वरेड्यायै नमः।
ॐ जन्मजरामृत्युभयातिगायै नमः।
ॐ जन्मान्तत्रासनिर्णाशचिन्तनायै नमः।
ॐ जपनीयायै नमः।
ॐ जयघोषाराध्यमानायै नमः।
ॐ जयप्रदायै नमः।
ॐ जयायै नमः।
ॐ जयावहायै नमः।
ॐ जलकेलिमहाप्राज्ञायै नमः।
ॐ जलजायतलोचनायै नमः।
ॐ जलजारुणहस्ताङ्घ्र्यै नमः।
ॐ जलजासनवन्दितायै नमः।
ॐ जवानतमनोवेगायै नमः।
ॐ जाड्यध्वान्तनिवारिण्यै नमः।
ॐ जानक्यै नमः।
ॐ जितच्छव्यै नमः।
ॐ जितद्वन्द्वायै नमः।
ॐ जितमायैकायै नमः।
ॐ जितामर्षायै नमः।
ॐ जितामित्रायै नमः।
ॐ जीवमुक्तिप्रदापिन्यै नमः।
ॐ जीवानां परमाराध्यायै नमः।
ॐ जीवेश्यै नमः।
ॐ जेतृसद्गत्यै नमः।
ॐ जेत्र्यै नमः।
ॐ ज्ञानदायै नमः।
ॐ ज्ञानपाथोध्यै नमः।
ॐ ज्ञानिनां गत्यै नमः।
ॐ ज्येष्ठायै नमः।
ॐ ज्योत्स्नाधिपाननायै नमः।
ॐ ज्वरातिगायै नमः।
ॐ ज्वलत्कान्त्यै नमः।
ॐ ज्वालामालासमाकुलायै नमः।
ॐ झणन्नूपुरपादाब्जायै नमः।
ॐ झपकेतुप्रियायूथसञ्चितच्छविमोहिन्यै नमः।
ॐ झम्पाकेशप्रसादितायै नमः।
ॐ झाटवाटोत्सवाधारायै नमः।
ॐ टुण्टुकेतरायै नमः।
ॐ ठात्मिकायै नमः।
ॐ डम्बरोत्कृष्टायै नमः।
ॐ डस्वरूपायै नमः।
ॐ ढक्कामञ्जुनादप्रहर्षितायै नमः।
ॐ ढुण्ढीष्टदेवतायै नमः।
ॐ णकारायै नमः।
ॐ तडिदोघाभदीप्ताङ्ग्यै नमः।
ॐ तत्त्वकुशलायै नमः।
ॐ तत्त्वरूपिण्यै नमः।
ॐ तत्त्वात्मने नमः।
ॐ तत्त्वादये नमः।
ॐ तनुमध्यमायै नमः।
ॐ तन्तुप्रवर्द्धिन्यै नमः।
ॐ तन्व्यै नमः।
ॐ तपनीयनिभद्युत्यै नमः।
ॐ तपोमूर्त्यै नमः।
ॐ तपोवासायै नमः।
ॐ तमसः परतः परायै नमः।
ॐ तमोघ्न्यै नमः।
ॐ तापशमन्यै नमः।
ॐ तारिण्यै नमः।
ॐ तुष्टमानसायै नमः।
ॐ तुष्टिप्रदायिकायै नमः।
ॐ तृप्तायै नमः।
ॐ तृप्त्येककारिण्यै नमः।
ॐ तृप्त्यै नमः।
ॐ तेजःस्वरूपिण्यै नमः।
ॐ तेजोवृषायै नमः।
ॐ तोयभवार्चितायै नमः।
ॐ त्रिकालज्ञायै नमः।
ॐ त्रिलोकेश्यै नमः।
ॐ थै थै शब्दप्रमोदिन्यै नमः।
ॐ दक्षायै नमः।
ॐ दनुजदर्पघ्न्यै नमः।
ॐ दमिताश्रितकण्टकायै नमः।
ॐ दम्भादिमलमूलघ्न्यै नमः।
ॐ दयामय्यै नमः।
ॐ दयार्द्राक्ष्यै नमः।
ॐ दशस्यन्दनजप्रेष्ठायै नमः।
ॐ दाक्षिण्याखिलपूजितायै नमः।
ॐ दान्तायै नमः।
ॐ दामराधीशगामिन्यै नमः।
ॐ दारिद्र्यशमन्यै नमः।
ॐ दिव्यचरितायै नमः।
ॐ दिव्यध्येयशुभाकृत्यै नमः।
ॐ दिव्यात्मने नमः।
ॐ दिव्यात्मविभवायै नमः।
ॐ दिव्यायै नमः।
ॐ दिव्योदारगुणान्वितायै नमः।
ॐ दीनोद्धरणतत्परायै नमः।
ॐ दीप्तमहिमायै नमः।
ॐ दीप्ताङ्ग्यै नमः।
ॐ दीप्यमानमुखाम्बुजायै नमः।
ॐ दुःस्वप्नादिप्रणाशिन्यै नमः।
ॐ दुराराध्यायै नमः।
ॐ दुरासदायै नमः।
ॐ दुरितघ्न्यै नमः।
ॐ दुर्ज्ञेयायै नमः।
ॐ दुर्मर्षणायै नमः।
ॐ दुष्प्रकृतिघ्न्यै नमः।
ॐ देवचूडामणिप्रभुप्रियायै नमः।
ॐ देवताहितदायै नमः।
ॐ दैन्यभावाचिरसुतोषितायै नमः।
ॐ द्युतिमत्यै नमः।
ॐ द्युत्यै नमः।
ॐ धराकन्यायै नमः।
ॐ धरानन्दायै नमः।
ॐ धरामोदविवर्धिन्यै नमः।
ॐ धरारत्न्यै नमः।
ॐ धर्मनिधये नमः।
ॐ धर्मशास्त्रानुगायै नमः।
ॐ धर्म-सेतुनिबन्धिन्यै नमः।
ॐ धामपरिभूततडिद्द्युत्यै नमः।
ॐ धृत्यै नमः।
ॐ ध्रुवायै नमः।
ॐ नतिप्रीतायै नमः।
ॐ नयशास्त्रविशारदायै नमः।
ॐ नामनिर्धूतनिरयायै नमः।
ॐ निगमान्तप्रतिष्ठितायै नमः।
ॐ निगमैर्गीतचरितायै नमः।
ॐ नित्यमुक्तनिषेवितायै नमः।
ॐ निधये नमः।
ॐ निमिकुलोत्तंसायै नमः।
ॐ निमित्तज्ञानिसत्तमायै नमः।
ॐ नियतात्मने नमः।
ॐ नियतेन्द्रियसम्भाव्यायै नमः।
ॐ निरञ्जनायै नमः।
ॐ निराकारायै नमः।
ॐ निरातङ्कायै नमः।
ॐ निराधारायै नमः।
ॐ निरामयायै नमः।
ॐ निर्व्याजकरुणामूर्त्यै नमः।
ॐ नीत्यै नमः।
ॐ पङ्केरुहेक्षणायै नमः।
ॐ पतितोद्धारिण्यै नमः।
ॐ पद्मगन्धेष्टायै नमः।
ॐ पद्मजार्च्चितायै नमः।
ॐ पद्मपादायै नमः।
ॐ पद्मवक्त्रायै नमः।
ॐ पद्मिन्यै नमः।
ॐ परब्रह्मणे नमः।
ॐ परमेश्वर्यै नमः।
ॐ परस्पष्टायै नमः।
ॐ पराशक्त्यै नमः।
ॐ परिग्रहायै नमः।
ॐ परित्रात्र्यै नमः।
ॐ परिश्लाघ्यायै नमः।
ॐ परेप्टायै नमः।
ॐ पर्यवस्थितायै नमः।
ॐ पवित्रायै नमः।
ॐ पाटवाधारायै नमः।
ॐ पातिव्रत्यधुरन्धर्यै नमः।
ॐ पापिपापौघसंहर्त्र्यै नमः।
ॐ पारिजातसुमार्च्चितायै नमः।
ॐ पावनानुत्तमादर्शायै नमः।
ॐ पावन्यै नमः।
ॐ पुण्यदर्शनायै नमः।
ॐ पुण्यश्रवणचरितायै नमः।
ॐ पुण्यश्लोकवरीयस्यै नमः।
ॐ पुष्टिदायिन्यै नमः।
ॐ पुष्ट्यै नमः।
ॐ पुष्पालङ्कारसम्पन्नायै नमः।
ॐ पूज्यपादाम्बुजद्वयायै नमः।
ॐ पूतसर्वेहायै नमः।
ॐ पूतात्मने नमः।
ॐ पूर्णायै नमः।
ॐ पूर्णेन्दुवदनायै नमः।
ॐ प्रकृतेः परायै नमः।
ॐ प्रकृत्यै नमः।
ॐ प्रकृष्टात्मने नमः।
ॐ प्रणतध्वस्तसंसृत्यै नमः।
ॐ प्रणतातुल्यवात्सल्यायै नमः।
ॐ प्रणम्याङ्घ्र्यै नमः।
ॐ प्रणयातिशयप्रियायै नमः।
ॐ प्रणविन्यै नमः।
ॐ प्रतिष्ठात्र्यै नमः।
ॐ प्रथमायै नमः।
ॐ प्रथितायै नमः।
ॐ प्रध्यै नमः।
ॐ प्रपन्नरक्षणोद्योगायै नमः।
ॐ प्रपन्नसकलापदां ईर्वाल्व्यै नमः।
ॐ प्रवित्तायै नमः।
ॐ प्रविशारदायै नमः।
ॐ प्रह्व्यै नमः।
ॐ प्राणनिलयायै नमः।
ॐ प्राणप्रदायै नमः।
ॐ प्राणवल्लभायै नमः।
ॐ प्राणात्मिकायै नमः।
ॐ प्रार्थनीयायै नमः।
ॐ प्रियमोहनदर्शनायै नमः।
ॐ प्रियार्हायै नमः।
ॐ प्रीतितत्त्वज्ञायै नमः।
ॐ प्रीतिदायै नमः।
ॐ प्रीतिवर्धिन्यै नमः।
ॐ प्रेज्यायै नमः।
ॐ प्रेमरतायै नमः।
ॐ प्रेमवल्लभातीववल्लभायै नमः।
ॐ प्रेमवारां निधये नमः।
ॐ प्रेमविग्रहायै नमः।
ॐ प्रेमवैभवायै नमः।
ॐ प्रेमशक्त्येकविवशायै नमः।
ॐ प्रेमसंसाध्यदर्शनायै नमः।
ॐ प्रेमैकहाटकागारायै नमः।
ॐ प्रेमैकाद्भुतविग्रहायै नमः।
ॐ फणीन्द्रावर्ण्यविभवायै नमः।
ॐ बहुश्रुतायै नमः।
ॐ बुद्धिदायै नमः।
ॐ बुधमृग्याङ्घ्रिकमलायै नमः।
ॐ बुधाराध्याङ्घ्रिकमलायै नमः।
ॐ बोधवारिध्यै नमः।
ॐ ब्रह्मलेखातिगायै नमः।
ॐ ब्रह्मवेत्त्र्यै नमः।
ॐ ब्रह्माण्डवृन्दसुवे नमः।
ॐ भक्तत्राणविधानज्ञायै नमः।
ॐ भक्तिसंसाध्यदर्शनायै नमः।
ॐ भजनीयगुणोपेतायै नमः।
ॐ भयघ्न्यै नमः।
ॐ भयतारिण्यै नमः।
ॐ भवपूज्यायै नमः।
ॐ भवाराध्यायै नमः।
ॐ भवोत्पत्यादिकारिण्यै नमः।
ॐ भाग्यैकसंशोधयित्र्यै नमः।
ॐ भावैकपरितोषितायै नमः।
ॐ भूतदायिन्यै नमः।
ॐ भूतप्रसूत्यै नमः।
ॐ भूतात्मने नमः।
ॐ भूताद्यै नमः।
ॐ भूतिमत्समुपास्याङ्घ्र्यै नमः।
ॐ भूसुतायै नमः।
ॐ भ्रान्तिहारिण्यै नमः।
ॐ मङ्गलाशेषमाङ्गल्यायै नमः।
ॐ मङ्गलैकमहानिधये नमः।
ॐ मधुराकारायै नमः।
ॐ मधुरायै नमः।
ॐ मनःस्वरूपायै नमः।
ॐ मननीयगुणावल्यै नमः।
ॐ मनोजवायै नमः।
ॐ मनोज्ञाङ्ग्यै नमः।
ॐ मनोरमगुणान्वितायै नमः।
ॐ महत्यै नमः।
ॐ महद्ध्र्येकायै नमः।
ॐ महनीयगुणाम्बुधये नमः।
ॐ महाकीर्त्यै नमः।
ॐ महाकोशायै नमः।
ॐ महाक्रतवे नमः।
ॐ महाक्रमायै नमः।
ॐ महागर्तायै नमः।
ॐ महाछव्यै नमः।
ॐ महादृष्ट्यै नमः।
ॐ महाद्युत्यै नमः।
ॐ महाधाम्न्यै नमः।
ॐ महानन्दस्वरूपिण्यै नमः।
ॐ महानायकसम्मात्यायै नमः।
ॐ महानैपुण्यवारिधये नमः।
ॐ महापूज्यायै नमः।
ॐ महाप्राज्ञायै नमः।
ॐ महाप्रेज्यायै नमः।
ॐ महाफलायै नमः।
ॐ महाभागायै नमः।
ॐ महाभोगायै नमः।
ॐ महामतिमतां वरायै नमः।
ॐ महामाधुर्यसम्पन्नायै नमः।
ॐ महामायास्वरूपिण्यै नमः।
ॐ महायोगप्रसाध्यैकायै नमः।
ॐ महायोगेश्वरप्रियायै नमः।
ॐ महारत्यै नमः।
ॐ महार्हार्हायै नमः।
ॐ महालक्ष्म्यै नमः।
ॐ महाविद्यास्वरूपिण्यै नमः।
ॐ महाशक्त्यै नमः।
ॐ महाश्रेष्ठायै नमः।
ॐ महाश्लाघ्ययशोऽन्वितायै नमः।
ॐ महासिद्ध्यै नमः।
ॐ महासेव्यायै नमः।
ॐ महासौभाग्यदायिन्यै नमः।
ॐ महाहव्यै नमः।
ॐ महिष्टात्मने नमः।
ॐ महीयस्यै नमः।
ॐ महीशजायै नमः।
ॐ महेशादिसमालभ्व्याङ्घ्रिपङ्कजायै नमः।
ॐ महोत्कर्षायै नमः।
ॐ महोत्साहायै नमः।
ॐ महोदयायै नमः।
ॐ महोदारायै नमः।
ॐ माधुरीजितमाधुर्यै नमः।
ॐ मान्यपरमसम्मान्यायै नमः।
ॐ मायै नमः।
ॐ मितकोकिलस्वनायै नमः।
ॐ मिथिलेशक्रतूद्भूतायै नमः।
ॐ मिथिलेश्वरनन्दिन्यै नमः।
ॐ मीनाक्ष्यै नमः।
ॐ मुक्तिवरदायै नमः।
ॐ मुनिसेव्यपदाम्बुजायै नमः।
ॐ मुनीन्द्रावर्ण्यमहिमायै नमः।
ॐ मूलप्रकृतिसञ्ज्ञितायै नमः।
ॐ मृगनेत्रायै नमः।
ॐ मृगाङ्काभवदनायै नमः।
ॐ मृदुभाषिण्यै नमः।
ॐ मृदुलाचारायै नमः।
ॐ मृदुलायै नमः।
ॐ मृदुसमोहनेक्षणायै नमः।
ॐ मृदुस्वभावसम्पन्नायै नमः।
ॐ मृद्व्यै नमः।
ॐ मेधसमुद्भवायै नमः।
ॐ मेधेश्यै नमः।
ॐ मैथिल्यै नमः।
ॐ मोदवर्षिण्यै नमः।
ॐ मौढ्यभञ्जिकायै नमः।
ॐ यतचित्तेन्द्रियग्रामायै नमः।
ॐ युक्तात्मभाषितायै नमः।
ॐ युक्तायै नमः।
ॐ योगदायै नमः।
ॐ योगनिलयायै नमः।
ॐ योगस्थायै नमः।
ॐ योगिनां गत्यै नमः।
ॐ योगिनां समुपालभ्यायै नमः।
ॐ योगिराजप्रियात्मजायै नमः।
ॐ रक्तोत्पललसद्धस्तायै नमः।
ॐ रघुनन्दनवल्लभायै नमः।
ॐ रघुनाथस्वभावज्ञायै नमः।
ॐ रघुवीरसुखे रतायै नमः।
ॐ रतिसौन्दर्यदर्पघ्न्यै नमः।
ॐ रतीशेहाहरस्मृत्यै नमः।
ॐ रमणीयगुणग्रामायै नमः।
ॐ रमाराध्यायै नमः।
ॐ रमालयायै नमः।
ॐ रम्यरम्यनिधये नमः।
ॐ रम्याशेषायै नमः।
ॐ रविमण्डलध्यस्थायै नमः।
ॐ रविवंशेन्दुहृत्स्थितायै नमः।
ॐ रसज्ञायै नमः।
ॐ रसभावज्ञायै नमः।
ॐ रसमयाकृत्यै नमः।
ॐ रसानन्दविवर्धिन्यै नमः।
ॐ रसापुत्र्यै नमः।
ॐ रसासक्तायै नमः।
ॐ रसिकानां परागत्यै नमः।
ॐ रसिकेन्द्रप्रियायै नमः।
ॐ राकाधिपपुञ्जनिभाननायै नमः।
ॐ राघवेन्द्रप्रभावज्ञायै नमः।
ॐ राधायै नमः।
ॐ रासरसेश्वर्यै नमः।
ॐ रासलीलाकलापज्ञायै नमः।
ॐ रासानन्दप्रदायिन्यै नमः।
ॐ रासेश्यै नमः।
ॐ रूपदाक्षिण्यमण्डितायै नमः।
ॐ लक्ष्मणार्च्चितायै नमः।
ॐ ललनादर्शचरितायै नमः।
ॐ ललनाधर्मदीपिकायै नमः।
ॐ ललामैकनामरूपलीलाधामगुणादिकायै नमः।
ॐ ललिताम्भोजपत्राक्ष्यै नमः।
ॐ ललिताशेषचेष्टितायै नमः।
ॐ लाकृत्यै नमः।
ॐ लावण्यजितपाथोधये नमः।
ॐ लीनरक्षिकायै नमः।
ॐ लीलाभूमाधवप्रेष्ठायै नमः।
ॐ लॄपुत्र्यै नमः।
ॐ लॄस्वरूपिण्यै नमः।
ॐ लोककल्याणतत्परायै नमः।
ॐ लोकज्ञायै नमः।
ॐ लोकत्रयमहाराज्ञ्यै नमः।
ॐ लोकपावनपावन्यै नमः।
ॐ लोकप्रगीतमहिमायै नमः।
ॐ लोकमृग्याङ्घ्रिपङ्कजायै नमः।
ॐ लोकशरणायै नमः।
ॐ लोकानुत्तमदर्शनायै नमः।
ॐ लोकालयकलापाम्बायै नमः।
ॐ लोकेशकान्तायै नमः।
ॐ लोकेश्यै नमः।
ॐ लोकैकप्रियकाङ्क्षिण्यै नमः।
ॐ लोकोत्पत्यादिकारिण्यै नमः।
ॐ लोचनादीन्द्रियव्रातशक्तिसञ्चारकारिण्यै नमः।
ॐ लोपयित्र्यै नमः।
ॐ लोभहरायै नमः।
ॐ लोमशादिकभावितायै नमः।
ॐ वङ्कचिकुरायै नमः।
ॐ वङ्कभ्रुवे नमः।
ॐ वङ्काकर्षणवीक्षणायै नमः।
ॐ वत्सरायै नमः।
ॐ वत्सलोत्कृष्टायै नमः।
ॐ वदान्यायै नमः।
ॐ वनजेक्षणायै नमः।
ॐ वनमालाञ्चितायै नमः।
ॐ वभ्व्र्यै नमः।
ॐ वरणीयपदाश्रयायै नमः।
ॐ वरदाधिराजकान्तायै नमः।
ॐ वरदायै नमः।
ॐ वरबोधायै नमः।
ॐ वरवर्णिन्यै नमः।
ॐ वरारोहाभूषितायै नमः।
ॐ वर्णनातिगायै नमः।
ॐ वर्णश्रेष्ठायै नमः।
ॐ वर्णाभावायै नमः।
ॐ वर्णाश्रमविधायिन्यै नमः।
ॐ वर्ण्यानवद्यचित्केल्यै नमः।
ॐ वशकृते नमः।
ॐ वशगश्रेष्ठायै नमः।
ॐ वश्यायै नमः।
ॐ वसुप्रदायिन्यै नमः।
ॐ वाच्यकीर्त्यै नमः।
ॐ वारिजासनवन्दितायै नमः।
ॐ विकल्मषायै नमः।
ॐ विक्षरात्मने नमः।
ॐ विगतेहायै नमः।
ॐ विजेतृकायै नमः।
ॐ विज्ञानदात्र्यै नमः।
ॐ विज्ञानमयाप्राकृतविग्रहायै नमः।
ॐ विज्ञायै नमः।
ॐ विज्वरायै नमः।
ॐ विदितायै नमः।
ॐ विदिशायै नमः।
ॐ विद्ययाऽन्वितायै नमः।
ॐ विद्यावत्पुङ्गवोत्कृष्टायै नमः।
ॐ विधात्र्यै नमः।
ॐ विधिकेतनायै नमः।
ॐ विधिदुर्ज्ञेयमहिमायै नमः।
ॐ विधुपूर्णमुखाम्बुजायै नमः।
ॐ विनयार्हायै नमः।
ॐ विनीतात्मने नमः।
ॐ विपक्वात्मने नमः।
ॐ विपद्धरायै नमः।
ॐ विबुधर्षिगणार्चितायै नमः।
ॐ विमत्सरायै नमः।
ॐ विमलार्च्यायै नमः।
ॐ विमुक्तात्मने नमः।
ॐ विमुक्तिदायै नमः।
ॐ विमोहिन्यै नमः।
ॐ वियन्मूर्त्यै नमः।
ॐ विरतिप्रदचिन्तनायै नमः।
ॐ विरामायै नमः।
ॐ विलसत्क्षान्त्यै नमः।
ॐ विवेकपरमाधारायै नमः।
ॐ विवेकवदुपासितायै नमः।
ॐ विशदश्लोकसम्पूज्यायै नमः।
ॐ विशालेन्दीवरेक्षणायै नमः।
ॐ विशिष्टात्मने नमः।
ॐ विशेषज्ञायै नमः।
ॐ विश्रुत औदार्यौत्कर्ष्यै नमः।
ॐ विश्वतः पाणिपादास्यायै नमः।
ॐ विश्वभरण्यै नमः।
ॐ विश्वमात्रैकधारिण्यै नमः।
ॐ विश्वलीलाप्रसारिण्यै नमः।
ॐ विश्वात्मने नमः।
ॐ विश्वालयव्रजेश्वर्यै नमः।
ॐ विश्वासरूपायै नमः।
ॐ विश्वेषां साक्षिण्यै नमः।
ॐ विस्तृतोत्तमायै नमः।
ॐ वीणावाण्यै नमः।
ॐ वीतभ्रान्त्यै नमः।
ॐ वीतरागस्मयादिकायै नमः।
ॐ वीतशङ्कासमाराध्यायै नमः।
ॐ वीतसम्पूर्णसाध्वसायै नमः।
ॐ वृपपायै नमः।
ॐ वेदकारणायै नमः।
ॐ वेदगायै नमः।
ॐ वेदनिःश्वासायै नमः।
ॐ वेदप्रणुतवैभवायै नमः।
ॐ वेदप्रतिपाद्यतत्त्वायै नमः।
ॐ वेदरक्षाविधानज्ञायै नमः।
ॐ वेदवेदान्तकोविदायै नमः।
ॐ वेदसारमयाकृत्यै नमः।
ॐ वेदान्तवेद्यायै नमः।
ॐ वेदान्तायै नमः।
ॐ वैदेह्यै नमः।
ॐ वैभवार्णवायै नमः।
ॐ शक्तिव्रजेश्वर्यै नमः।
ॐ शक्त्यै नमः।
ॐ शतमूर्त्यै नमः।
ॐ शतोदितायै नमः।
ॐ शबरीमानदप्रेष्ठायै नमः।
ॐ शब्दब्रह्मातिगायै नमः।
ॐ शब्दविग्रहायै नमः।
ॐ शमदायिन्यै नमः।
ॐ शमिताश्रितसङ्क्लेशायै नमः।
ॐ शमिभक्त्याशुतोषितायै नमः।
ॐ शम्पादामोल्लसत्कान्त्यै नमः।
ॐ शम्प्रदध्यानसंस्तवायै नमः।
ॐ शम्मयाशेषकैङ्कर्य्यायै नमः।
ॐ शरणागतसन्त्रात्र्यै नमः।
ॐ शान्तायै नमः।
ॐ शान्तिप्रदायिन्यै नमः।
ॐ शाश्वतचिन्तनीयाङ्घ्रिकमलायै नमः।
ॐ शाश्वतस्थिरायै नमः।
ॐ शाश्वत्यै नमः।
ॐ शासिकोत्कृष्टायै नमः।
ॐ शिरोधार्यकराम्बुजायै नमः।
ॐ शिशिरायै नमः।
ॐ शीलसम्पन्नायै नमः।
ॐ शुचिगम्याङ्घ्रिचिन्तनायै नमः।
ॐ शुचिप्राप्यपदासक्त्यै नमः।
ॐ शुद्धान्तःकरणालयायै नमः।
ॐ शुद्धायै नमः।
ॐ शुद्धिप्रदध्यानायै नमः।
ॐ शूलत्रयनिवारिण्यै नमः।
ॐ शैलराजसुतादीष्टायै नमः।
ॐ शोभासागरसस्कृतायै नमः।
ॐ शौर्यपाथोनिधये नमः।
ॐ श्यामायै नमः।
ॐ श्रयणीयपदाम्बुजायै नमः।
ॐ श्रवणीययशोगाथायै नमः।
ॐ श्रिये नमः।
ॐ श्रीकर्यै नमः।
ॐ श्रीप्रदायिन्यै नमः।
ॐ श्रीमदुत्तंसमहितायै नमः।
ॐ श्रीमय्यै नमः।
ॐ श्रीमहानिधये नमः।
ॐ श्रीलक्ष्म्यादिभिः सेव्यायै नमः।
ॐ श्रीवासायै नमः।
ॐ श्रीसमुद्भवायै नमः।
ॐ श्रुतिगीतचरितायै नमः।
ॐ श्रुत्यन्तप्रतिपादितायै नमः।
ॐ श्रेयोगुणेरणायै नमः।
ॐ श्रेयोनिधये नमः।
ॐ श्रेयोमयस्मृत्यै नमः।
ॐ श्रोत्रियैकसमाराध्यायै नमः।
ॐ श्लक्ष्णसूनृतभाषिण्यै नमः।
ॐ श्लाघनीयमहाकीर्त्यै नमः।
ॐ श्लीलचारित्र्यविश्रुतायै नमः।
ॐ श्लोकलोकार्चिताब्जाङ्घ्र्यै नमः।
ॐ श्वसनाधीशसत्कृतायै नमः।
ॐ श्वेतधामोल्लसद्वक्त्रायै नमः।
ॐ षट्चतुर्वस्विलोदितायै नमः।
ॐ षडतीतायै नमः।
ॐ षडर्द्धाक्षहृदिस्थितायै नमः।
ॐ षडाधारायै नमः।
ॐ सखीमण्डलमध्यस्थायै नमः।
ॐ सख्यशीघ्रसमासाद्यायै नमः।
ॐ सगुणायै नमः।
ॐ सङ्क्षयोज्झितायै नमः।
ॐ सङ्ख्यातीतगुणायै नमः।
ॐ सङ्गमुक्तायै नमः।
ॐ सङ्गीतकोविदायै नमः।
ॐ सङ्गीर्णप्रणतत्राणायै नमः।
ॐ सङ्ग्रहानुग्रहे रतायै नमः।
ॐ सज्जनोपासिताङ्घ्रिकायै नमः।
ॐ सतताराध्यचरणायै नमः।
ॐ सतीत्वादर्शदायिन्यै नमः।
ॐ सतीवृन्दशिरोरत्नाय नमः।
ॐ सतीशाजस्रभावितायै नमः।
ॐ सत्तमायै नमः।
ॐ सत्त्ववदग्रण्ये नमः।
ॐ सत्यधर्मैकपालिकायै नमः।
ॐ सत्यरूपिण्यै नमः।
ॐ सत्यसञ्चिन्तनायै नमः।
ॐ सत्यसन्धायै नमः।
ॐ सत्यापतिस्नुषायै नमः।
ॐ सत्यायै नमः।
ॐ सत्रधरागर्भोद्भूतायै नमः।
ॐ सदाचारायै नमः।
ॐ सदानम्यायै नमः।
ॐ सदासेव्यायै नमः।
ॐ सदृशातीतशेमुष्यै नमः।
ॐ सनातन्यै नमः।
ॐ सन्तोषैकप्रदायिन्यै नमः।
ॐ सन्देहापहरायै नमः।
ॐ सन्धये नमः।
ॐ सन्निषेव्यसमाश्रितायै नमः।
ॐ सन्नुत्याशेषचरितायै नमः।
ॐ सभ्यलोकसभाजितायै नमः।
ॐ समग्रज्ञानवैराग्यधर्मश्रीर्यशोनिधये नमः।
ॐ समग्रैश्वर्यसम्पन्नायै नमः।
ॐ समतीतगुणोपमायै नमः।
ॐ समदृष्ट्यै नमः।
ॐ समर्च्यैकायै नमः।
ॐ समर्थाग्र्यायै नमः।
ॐ समर्धकायै नमः।
ॐ समविश्वमनोज्ञाङ्ग्यै नमः।
ॐ समवेक्ष्याङ्घ्रिलाञ्छनायै नमः।
ॐ समस्तजगतां मात्रे नमः।
ॐ समस्तदेवानां इष्टायै नमः।
ॐ समाकर्ण्ययशोगाथायै नमः।
ॐ समानात्मने नमः।
ॐ समाराध्यायै नमः।
ॐ समार्हायै नमः।
ॐ समालम्ब्याङ्घ्रिपङ्कजायै नमः।
ॐ समावर्तायै नमः।
ॐ समासेव्यायै नमः।
ॐ समाहर्त्र्यै नमः।
ॐ समाहितायै नमः।
ॐ समितिञ्जयायै नमः।
ॐ समीक्ष्याव्याजकरुणायै नमः।
ॐ सरयूपुलिनाक्रीडायै नमः।
ॐ सरलायै नमः।
ॐ सरसेक्षणायै नमः।
ॐ सर्गस्थित्यन्तप्रभवायै नमः।
ॐ सर्वकामप्रदायिन्यै नमः।
ॐ सर्वकार्यबुधायै नमः।
ॐ सर्वच्छद्मज्ञायै नमः।
ॐ सर्वजगतां हितकारिण्यै नमः।
ॐ सर्वजन्मदायै नमः।
ॐ सर्वजीवहितायै नमः।
ॐ सर्वज्ञाननिधये नमः।
ॐ सर्वज्ञानवद्भिरुपासितायै नमः।
ॐ सर्वज्ञानिनां ज्ञेयसत्तमायै नमः।
ॐ सर्वज्ञायै नमः।
ॐ सर्वज्येष्ठाद्यै नमः।
ॐ सर्वतीर्थमयस्मृत्यै नमः।
ॐ सर्वतोऽक्ष्यास्यहस्ताङ्घ्रिकमलायै नमः।
ॐ सर्वदर्शनायै नमः।
ॐ सर्वदिव्यगुणोपेतायै नमः।
ॐ सर्वदुःखहरस्मितायै नमः।
ॐ सर्वदेवनुतायै नमः।
ॐ सर्वदेहिनां जनन्यै नमः।
ॐ सर्वदेहिनां शरण्यै नमः।
ॐ सर्वदेहिनां सर्वकर्मणां साक्षिण्यै नमः।
ॐ सर्वदेहिनां स्वामिन्यै नमः।
ॐ सर्वधर्मतत्त्वविदां वरायै नमः।
ॐ सर्वधर्मनिधये नमः।
ॐ सर्वनायकोत्तमनायिकायै नमः।
ॐ सर्वनीतिरहस्यज्ञायै नमः।
ॐ सर्वनैपुण्यमण्डितायै नमः।
ॐ सर्वपापहरध्यानायै नमः।
ॐ सर्वपावनपावन्यै नमः।
ॐ सर्वभक्तावनाभिज्ञायै नमः।
ॐ सर्वभक्तिप्रदोत्कृष्टायै नमः।
ॐ सर्वभक्तिमतां गत्यै नमः।
ॐ सर्वभाव-पदातीतायै नमः।
ॐ सर्वभाव-प्रपूरिकायै नमः।
ॐ सर्वभूतहिते रतायै नमः।
ॐ सर्वभूताशयाभिज्ञायै नमः।
ॐ सर्वभृतसुधारिण्यै नमः।
ॐ सर्वमङ्गलमाङ्गल्यायै नमः।
ॐ सर्वमण्डनमण्डनायै नमः।
ॐ सर्वमेधाविनां श्रेष्ठायै नमः।
ॐ सर्वमोदमयेक्षणायै नमः।
ॐ सर्वमोहच्छिदासक्त्यै नमः।
ॐ सर्वमोहनमोहिन्यै नमः।
ॐ सर्वमौलिमणिप्रेष्ठायै नमः।
ॐ सर्वयज्ञफलप्रदायै नमः।
ॐ सर्वयज्ञव्रतस्नातायै नमः।
ॐ सर्वयोगविनिःसृतायै नमः।
ॐ सर्वरम्यगुणागारायै नमः।
ॐ सर्वलक्षणलक्षितायै नमः।
ॐ सर्वलावण्यजलधये नमः।
ॐ सर्वलीलाप्रसारिण्यै नमः।
ॐ सर्वलोकनमस्कार्यायै नमः।
ॐ सर्वलोकानां ईश्वर्यै नमः।
ॐ सर्वलोकेश्वरप्रियायै नमः।
ॐ सर्वलोकेश्वर्यै नमः।
ॐ सर्वलौकिकेतरवैभवायै नमः।
ॐ सर्वविद्याव्रतस्नातायै नमः।
ॐ सर्ववैभवकारणायै नमः।
ॐ सर्वशक्तिमतामिष्टायै नमः।
ॐ सर्वशक्तिमहेश्वर्यै नमः।
ॐ सर्वशत्रुहरायै नमः।
ॐ सर्वशरणायै नमः।
ॐ सर्वशर्मदायै नमः।
ॐ सर्वश्रेयस्कर्यै नमः।
ॐ सर्वसदर्चितायै नमः।
ॐ सर्वसद्भावनाधारायै नमः।
ॐ सर्वसद्भावपोषिण्यै नमः।
ॐ सर्वसहायै नमः।
ॐ सर्वसौख्यप्रदायै नमः।
ॐ सर्वसौभाग्यैकप्रदायिन्यै नमः।
ॐ सर्वासुधारिणां स्थानायै नमः।
ॐ सविभाव्यसुविग्रहायै नमः।
ॐ साकेतपरमस्थानायै नमः।
ॐ साकेतपरमोत्सवायै नमः।
ॐ साकेताधिपतिप्रेष्ठायै नमः।
ॐ साकेतानन्दवर्षिण्यै नमः।
ॐ साक्षाच्छ्रिये नमः।
ॐ साघप्राणिजनारुष्टायै नमः।
ॐ सातपत्रोत्तमासनायै नमः।
ॐ साधनातीतसम्प्राप्त्यै नमः।
ॐ साध्यायै नमः।
ॐ साध्वीजनप्रियायै नमः।
ॐ साफल्यैकप्रदायिन्यै नमः।
ॐ सामगायै नमः।
ॐ सामगोद्गीतायै नमः।
ॐ सामर्थ्यजगदाधारमोहिन्यै नमः।
ॐ साम्यदायिन्यै नमः।
ॐ सारज्ञायै नमः।
ॐ सिद्धसङ्कल्पायै नमः।
ॐ सिद्धसेव्यपदाम्बुजायै नमः।
ॐ सिद्धार्थायै नमः।
ॐ सिद्धिदायै नमः।
ॐ सिद्धिरूपिण्यै नमः।
ॐ सिद्धिसाधनायै नमः।
ॐ सीतायै नमः।
ॐ सीमन्तिनीश्रेष्ठायै नमः।
ॐ सीरध्वजनृपात्मजायै नमः।
ॐ सुकटाक्षायै नमः।
ॐ सुकर्मणां फलरूपायै नमः।
ॐ सुकीर्तीड्यायै नमः।
ॐ सुकृतीनां महाफलायै नमः।
ॐ सुकेश्यै नमः।
ॐ सुखमूलैकायै नमः।
ॐ सुखसन्दोहदर्शनायै नमः।
ॐ सुखसम्पदां जनित्र्यै नमः।
ॐ सुखसम्पदां वर्धिन्यै नमः।
ॐ सुगमायै नमः।
ॐ सुघनज्ञानायै नमः।
ॐ सुचार्व्यै नमः।
ॐ सुजवोत्तमायै नमः।
ॐ सुज्ञायै नमः।
ॐ सुतन्व्यै नमः।
ॐ सुदत्यै नमः।
ॐ सुदाननिरताश्रयायै नमः।
ॐ सुधावाण्यै नमः।
ॐ सुधीरात्मने नमः।
ॐ सुधीश्रेष्ठायै नमः।
ॐ सुधेक्षणायै नमः।
ॐ सुनयनाक्रोडरत्नाय नमः।
ॐ सुनयनाप्रपोषितायै नमः।
ॐ सुनयनामहाराज्ञीहृदयानन्दवर्द्धिन्यै नमः।
ॐ सुनासायै नमः।
ॐ सुनिदिध्यास्यायै नमः।
ॐ सुनीत्यै नमः।
ॐ सुप्रतिष्ठितायै नमः।
ॐ सुप्रसादायै नमः।
ॐ सुभगायाः करपल्लवचर्चितायै नमः।
ॐ सुभगायै नमः।
ॐ सुभुजायै नमः।
ॐ सुभ्रुवे नमः।
ॐ सुमुख्यै नमः।
ॐ सुरपूजितायै नमः।
ॐ सुराधीशजरक्षिकायै नमः।
ॐ सुराध्यक्षायै नमः।
ॐ सुरानम्यायै नमः।
ॐ सुरेश्वर्यै नमः।
ॐ सुलभायै नमः।
ॐ सुवर्णाभाङ्गशोभनायै नमः।
ॐ सुवेद्यैकायै नमः।
ॐ सुशरणायै नमः।
ॐ सुश्रिये नमः।
ॐ सुश्लोकसत्तामायै नमः।
ॐ सृष्टदीनहितोपायायै नमः।
ॐ सृष्टिजन्मादिकारिण्यै नमः।
ॐ सेव्यायै नमः।
ॐ सैरध्वजीज्येष्ठायै नमः।
ॐ सोमवत्प्रियदर्शनायै नमः।
ॐ सौभाग्यजनन्यै नमः।
ॐ सौम्यायै नमः।
ॐ स्थिरायै नमः।
ॐ स्थूलदयायै नमः।
ॐ स्थूलसूक्ष्मविलक्षणायै नमः।
ॐ स्रष्टृपात्रन्तकर्तॄणामीश्वर्यै नमः।
ॐ स्वगतिप्रदायै नमः।
ॐ स्वङ्घ्रिकायै नमः।
ॐ स्वच्छन्दायै नमः।
ॐ स्वच्छहृदयायै नमः।
ॐ स्वजनप्रियायै नमः।
ॐ स्वजनानन्दनिवहायै नमः।
ॐ स्वतर्क्यायै नमः।
ॐ स्वधरस्मितायै नमः।
ॐ स्वधर्माचरणाख्यातायै नमः।
ॐ स्वधर्मावनपण्डितायै नमः।
ॐ स्वधास्वरूपायै नमः।
ॐ स्वधृतायै नमः।
ॐ स्वभावाघहरस्मितायै नमः।
ॐ स्वभावापास्तनार्शस्यायै नमः।
ॐ स्वभावावर्ण्यमार्दवायै नमः।
ॐ स्वभावावाच्यवात्सल्यायै नमः।
ॐ स्ववशायै नमः।
ॐ स्वस्तिदक्षिणायै नमः।
ॐ स्वस्तिदायै नमः।
ॐ स्वस्तिरूपायै नमः।
ॐ स्वाश्रितसर्वेष्टदायिन्यै नमः।
ॐ स्वास्यायै नमः।
ॐ स्विष्टदेवतायै नमः।
ॐ स्वेच्छाचारेणरहितायै नमः।
ॐ हरिणोत्फुल्ललोचनायै नमः।
ॐ हारसम्भूषितायै नमः।
ॐ हास्यस्पर्द्धिचन्द्रकरव्रजायै नमः।
ॐ हृदयानन्दवर्द्धिन्यै नमः।
ॐ हृदयेश्यै नमः।
ॐ हृद्यैकायै नमः।
ॐ हेमागारनिवासिन्यै नमः।
ॐ हेमासेव्यपदाम्भोजायै नमः।
ॐ हेयपादाब्जविस्मृत्यै नमः।
ॐ ह्रीमतां श्रेष्ठायै नमः।
ॐ ह्लादिन्यै नमः।

॥ इति श्रीजानकीचरितामृते सप्ताशीतितमोऽध्यायोधृता श्रीजानकीसहस्रनामावलिः सम्पूर्णा ॥

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