श्री हनुमान अमृतवाणी

|| श्री हनुमान अमृतवाणी || रामायण की भव्य जो माला हनुमत उसका रत्न निराला निश्चय पूर्वक अलख जगाओ जय जय जय बजरंग ध्याओ अंतर्यामी है हनुमंता लीला अनहद अमर अनंता रामकी निष्ठा नस नस अंदर रोम रोम रघुनाथ का मंदिर सिद्धि महात्मा ये सुख धाम इसको कोटि कोटि प्रमाण तुलसीदास के भाग्य जगाये साक्षात के…

श्री पंचमुखी हनुमान कवच स्तोत्रम्

॥ श्री पंचमुखी हनुमान कवच स्तोत्रम् ॥ | श्री गणेशाय नमः। ॐ अस्य श्रीपञ्चमुखहनुमत्कवच मन्त्रस्य ब्रह्मा ऋषि:। गायत्री छंद:। पञ्चमुख-विराट् हनुमान् देवता। ह्रीं बीजम्। श्रीं शक्ति:। क्रौं कीलकं। क्रूं कवचं। क्रैं अस्त्राय फट्। इति दिग्बन्ध:। || श्री गरुड़ उवाच || अथ ध्यानं प्रवक्ष्यामि शृणु सर्वांगसुंदर, यत्कृतं देवदेवेन ध्यानं हनुमतः प्रियम्॥ पञ्चवक्त्रं महाभीमं त्रिपञ्चनयनैर्युतम्, बाहुभिर्दशभिर्युक्तं सर्वकामार्थसिद्धिदम्।।…

जानिए 2025 में कब है खिचड़ी उत्सव राधाबल्लभ मंदिर में

Khichdi-Utsav

हर साल वृंदावन के राधाबल्लभ मंदिर (Radha Ballabh Temple) में खिचड़ी उत्सव मनाया जाता हैं जो की पूरे एक माह तक चलता हैं । इस खिचड़ी महोत्सव (Khichdi Festival) 1 माह तक मंदिर में राधाबल्लभ लाल जी को खिचड़ी का भोग लगाया जाता है। इस अनूठी परंपरा में भाग लेने के लिए दूरदराज से बड़ी…

108 मोतियों की माला से मंत्र जाप क्यों करें? जानें, नियम और खास वजहें

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हिंदू धर्म में मंत्र जाप का विशेष महत्व है और इसके लिए 108 मोतियों की माला का प्रयोग सदियों से होता आ रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर क्यों 108 मोतियों की माला ही चुनी जाती है और इसके क्या नियम हैं? आईये, जानते हैं इसके पीछे के रहस्य और खास वजहे।…

महाकुंभ 2025 – जानिए कल्पवास के कठोर नियम, विधि और उनकी आध्यात्मिकता

भारत की संस्कृति और आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम महाकुंभ है, जो हर 12 वर्षों में होता है। महाकुंभ 2025 का आयोजन प्रयागराज (प्राचीन इलाहाबाद) में होने वाला है। इसमें लाखों श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में डुबकी लगाकर अपने पापों का प्रायश्चित करते हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण प्रथा है कल्पवास। महाकुंभ…

अनंत कालसर्प दोष होता क्या है जानें इसके प्रभाव और उपाय

कालसर्प योग दोष क्या है :  शस्त्रों के अनुसार जब किसी व्यक्ति की कुंडली में राहू और केतु सातवें भाव में होऔर बाकी  ग्रहों को राहु-केतु घेरे रहते हैं, तो अनंत कालसर्प दोष बनता है। कब बनता है अनंत कालसर्प दोष? जब किसी व्यक्ति की कुंडली में बारह भाव हैं। राहु के लग्न भाव और…

श्री मयूरेश स्तोत्रम् अर्थ सहित

॥ श्री मयूरेश स्तोत्र पाठ विधि ॥ भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने के लिए भक्तों को मयूरेश स्तोत्र का पाठ करने से पहले प्रातःकाल स्नान आदि करके अपने शरीर और मन को शुद्ध एवं शांत कर लेना चाहिए। इसके पश्चात भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र के सामने श्रद्धापूर्वक बैठकर मयूरेश स्तोत्र का पाठ…

श्री गुरुपादुका स्तोत्रम्

।। श्री गुरुपादुका स्तोत्रम् ।। अनंत-संसार समुद्र-तार नौकायिताभ्यां गुरुभक्तिदाभ्याम्। वैराग्य साम्राज्यद पूजनाभ्यां नमो नमः श्रीगुरुपादुकाभ्याम् ।। कवित्व वाराशिनिशाकराभ्यां दौर्भाग्यदावांबुदमालिकाभ्याम्। दूरिकृतानम्र विपत्ततिभ्यां नमो नमः श्रीगुरुपादुकाभ्याम् ।। नता ययोः श्रीपतितां समीयुः कदाचिद-प्याशु दरिद्रवर्याः। मूकाश्च वाचस्पतितां हि ताभ्यां नमो नमः श्रीगुरुपादुकाभ्याम् ।। नालीकनीकाश पदाहृताभ्यां नानाविमोहादि-निवारिकाभ्यां। नमज्जनाभीष्टततिप्रदाभ्यां नमो नमः श्रीगुरुपादुकाभ्याम् ।। नृपालि मौलिव्रजरत्नकांति सरिद्विराजत् झषकन्यकाभ्यां। नृपत्वदाभ्यां नतलोक पंक्ते: नमो…

श्री नवनाग स्तोत्रम् अर्थ सहित

॥ श्री नवनाग स्तोत्र पाठ विधि ॥ श्री नवनाग स्तोत्र का पाठ शुरू करने से पहले प्रातः नित्य कर्मों से निवृत्त होकर भगवान शंकर का ध्यान करें। इस दौरान कालसर्प दोष यंत्र का भी पूजन कर सकते हैं। सबसे पहले दूध से कालसर्प दोष यंत्र का अभिषेक करें और फिर इसे गंगाजल से स्नान कराएं।…

नील सरस्वती स्तोत्रम् अर्थ सहित

॥ नील सरस्वती स्तोत्र पाठ विधि ॥ प्रतिदिन नील सरस्वती स्तोत्र का पाठ करने से आपको चमत्कारिक अनुभव होंगे। यदि आप देवी सरस्वती की विशेष कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो अष्टमी, नवमी तथा चतुर्दशी के दिन इस स्तोत्र का पाठ अवश्य करें। सर्वप्रथम स्नान करके स्वच्छ श्वेत या पीले वस्त्र धारण करें। पीले आसन…

एकादशी माता आरती

॥ एकादशी माता आरती ॥ ॐ जय एकादशी, जय एकादशी, जय एकादशी माता। विष्णु पूजा व्रत को धारण कर, शक्ति मुक्ति पाता॥ ॐ जय एकादशी…॥ तेरे नाम गिनाऊं देवी, भक्ति प्रदान करनी। गण गौरव की देनी माता, शास्त्रों में वरनी॥ ॐ जय एकादशी…॥ मार्गशीर्ष के कृष्णपक्ष की उत्पन्ना, विश्वतारनी जन्मी। शुक्ल पक्ष में हुई मोक्षदा,…

सफला एकादशी व्रत कथा एवं पूजा विधि

॥ सफला एकादशी व्रत पूजा विधि ॥ सफला एकादशी व्रत के प्रात: स्नान आदि से निवृत होकर साफ कपड़े पहन लें, संभव हो तो पीला कपड़ा पहनें। इसके बाद हाथ में जल लेकर सफला एकादशी व्रत, भगवान विष्णु की पूजा का संकल्प लें। अब पूजा स्थान पर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित…

श्री सूर्य मण्डलाष्टकम्

॥ श्री सूर्य मण्डलाष्टकम् ॥ नमः सवित्रे जगदेकचक्षुषे जगत्प्रसूतिस्थितिनाशहेतवे। त्रयीमयाय त्रिगुणात्मधारिणे विरञ्चिनारायणशङ्करात्मने॥ यन्मण्डलं दीप्तिकरं विशालं रत्नप्रभं तीव्रमनादिरूपम्। दारिद्र्यदुःखक्षयकारणं च पुनातु मां तत्सवितुर्वरेण्यम्॥ यन्मण्डलं देवगणैः सुपूजितं विप्रैः स्तुतं भावनमुक्तिकोविदम्। तं देवदेवं प्रणमामि सूर्यं पुनातु मां तत्सवितुर्वरेण्यम्॥ यन्मण्डलं ज्ञानघनं त्वगम्यंत्रै लोक्यपूज्यं त्रिगुणात्मरूपम्। समस्ततेजोमयदिव्यरूपं पुनातु मां तत्सवितुर्वरेण्यम्॥ यन्मण्डलं गूढमतिप्रबोधं धर्मस्य वृद्धिं कुरुते जनानाम्। यत्सर्वपापक्षयकारणं च पुनातु मां तत्सवितुर्वरेण्यम्॥…

जानिए मंत्र जाप करने की विधि और फायदे

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अगर आप भी मंत्रों का जाप करते है तो आपको पता होना चाहिए मंत्र जाप करने का सही तरीका। जिस तरह हम भगवान के दर्शन करते समय अपना सिर उनके सामने झुकाते हैं ठीक उसी तरह हमें मंत्रों का जाप करते समय भी कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। अगर मंत्रों का जाप करते समय…

महाकुंभ मेला 2025 की संपूर्ण जानकारी – जानें आरंभ तिथि, शाही स्नान की तिथियां, तैयारियां और महत्व

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महाकुंभ मेला 2025 का आयोजन भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के प्रयागराज (प्रयाग) में होने जा रहा है। हर 12 साल में आयोजित होने वाला यह मेला हिंदू धर्म का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन माना जाता है। लाखों श्रद्धालु इस पर्व में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदी के संगम पर आस्था की डुबकी लगाते…

श्री कालभैरवाष्टक स्तोत्रम्

॥ कालभैरवाष्टकम् स्तोत्र ॥ देवराजसेव्यमानपावनाङ्घ्रिपङ्कजं, व्यालयज्ञसूत्रमिन्दुशेखरं कृपाकरम्। नारदादियोगिवृन्दवन्दितं दिगंबरं, काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥ भानुकोटिभास्करं भवाब्धितारकं परं, नीलकण्ठमीप्सितार्थदायकं त्रिलोचनम्। कालकालमम्बुजाक्षमक्षशूलमक्षरं, काशिका पुराधिनाथ कालभैरवं भजे॥ शूलटङ्कपाशदण्डपाणिमादिकारणं, श्यामकायमादिदेवमक्षरं निरामयम्। भीमविक्रमं प्रभुं विचित्रताण्डवप्रियं, काशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजे॥ भुक्तिमुक्तिप्रदायकं प्रशस्तचारुविग्रहं, भक्तवत्सलं स्थितं समस्तलोकविग्रहम्। विनिक्वणन्मनोज्ञ हेमकिङ्किणीलसत्कटिं, काशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजे॥ धर्मसेतुपालकं त्वधर्ममार्गनाशकं, कर्मपाशमोचकं सुशर्मदायकं विभुम्। स्वर्ण वर्ण शेष पाश शोभिताङ्ग-मण्डलं, काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥ रत्नपादुकाप्रभाभिरामपादयुग्मकं, नित्यमद्वितीयमिष्ट दैवतं…

वर्ष 2025 में आने वाली सभी कालाष्टमी व्रत की सूची, महत्व और पूजा विधि

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कालाष्टमी एक पवित्र हिंदू त्योहार है जो काल भैरव को समर्पित है। कालाष्टमी के दिन भगवान शिव की भैरव रूप में पूजा की जाती है। वह समय के स्वामी हैं और समय को महत्व देने वाले को आशीर्वाद देते हैं। भगवान शिव (भोलेनाथ) के भैरव रूप के स्मरण से सभी प्रकार के पाप और कष्ट…

कालभैरव अष्टक स्तोत्र

|| कालभैरव अष्टक स्तोत्र || देवराजसेव्यमान- पावनाङ्घ्रिपङ्कजं व्यालयज्ञसूत्रमिन्दुशेखरं कृपाकरम्। नारदादियोगिवृन्दवन्दितं दिगम्बरं काशिकापुराधिनाथ- कालभैरवं भजे। भानुकोटिभास्वरं भवाब्धितारकं परं नीलकण्ठमीप्सितार्थ- दायकं त्रिलोचनम्। कालकालमम्बुजाक्ष- मक्षशूलमक्षरं काशिकापुराधिनाथ- कालभैरवं भजे। शूलटङ्कपाशदण्ड- पाणिमादिकारणं श्यामकायमादिदेवमक्षरं निरामयम्। भीमविक्रमं प्रभुं विचित्रताण्डवप्रियं काशिकापुराधिनाथ- कालभैरवं भजे। भुक्तिमुक्तिदायकं प्रशस्तचारुविग्रहं भक्तवत्सलं स्थिरं समस्तलोकविग्रहम्। निक्क्वणन्मनोज्ञहेम- किङ्किणीलसत्कटिं काशिकापुराधिनाथ- कालभैरवं भजे। धर्मसेतुपालकं त्वधर्ममार्गनाशकं कर्मपाशमोचकं सुशर्मदायकं विभुम्। स्वर्णवर्णकेशपाश- शोभिताङ्गनिर्मलं काशिकापुराधिनाथ- कालभैरवं भजे।…

श्री गोरखनाथ चालीसा

|| श्री गोरखनाथ चालीसा || ॥ दोहा ॥ गणपति गिरजा पुत्र को, सुमिरूँ बारम्बार । हाथ जोड़ बिनती करूँ, शारद नाम आधार ॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय गोरख नाथ अविनासी । कृपा करो गुरु देव प्रकाशी ॥ जय जय जय गोरख गुण ज्ञानी । इच्छा रुप योगी वरदानी ॥ अलख निरंजन तुम्हरो नामा ।…

गुरु गोरखनाथ आरती

|| गुरु गोरखनाथ आरती || जय गोरख देवा जय गोरख देवा। कर कृपा मम ऊपर नित्य करूँ सेवा॥ शीश जटा अति सुन्दर भालचन्द्र सोहे। कानन कुण्डल झलकत निरखत मन मोहे॥ गल सेली विच नाग सुशोभित तन भस्मी धारी। आदि पुरुष योगीश्वर सन्तन हितकारी॥ नाथ निरंजन आप ही घट-घट के वासी। करत कृपा निज जन पर…

श्री काल भैरव अष्टमी व्रत कथा

|| काल भैरव की पूजा विधि || इस दिन सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उठ कर नित्य-क्रिया आदि कर स्वच्छ हो जाएं। एक लकड़ी के पाट पर सबसे पहले शिव और पार्वतीजी के चित्र को स्थापित करें। फिर काल भैरव के चित्र को स्थापित करें। जल का छिड़काव करने के बाद सभी को गुलाब के फूलों का…

भानु सप्तमी व्रत कथा व पूजा विधि

।। भानु सप्तमी व्रत पूजा विधि ।। सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और उसके बाद तांबे के लोटे में जल भरें और उसमें लाल चन्दन, चावल, लाल फूल डालकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें। जल चढ़ाते समय सूर्य के वरूण रूप को प्रणाम करते हुए ऊं रवये नम: मंत्र का जाप करें। अंत में…

क्यों श्री कृष्ण कहलाते हैं ‘संपूर्ण पुरुष’? श्री कृष्ण: धर्म, कर्म और प्रेम का संपूर्ण स्वरूप

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श्री कृष्ण भारतीय धर्म और संस्कृति में एक अद्वितीय स्थान रखते हैं। उन्हें ‘संपूर्ण पुरुष’ कहा जाता है, जो इस बात का प्रतीक है कि वे मानव जीवन के सभी पहलुओं को पूर्णता के साथ प्रस्तुत करते हैं। उनका व्यक्तित्व धर्म, कर्म, प्रेम, ज्ञान और नेतृत्व जैसे सभी गुणों का समावेश है। आइए समझते हैं…

साल 2025 में चंद्र ग्रहण कब लगेगा भारत में – जानें तारिक और सूतक काल का समय

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चंद्र ग्रहण क्या होता है: चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है। इस स्थिति में पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है जिससे चंद्रमा कुछ समय के लिए अंधेरा हो जाता है। कई धर्मों में चंद्र ग्रहण को विशेष महत्व दिया जाता है। इसे अशुभ माना जाता…

श्री नर्मदा चालीसा

|| श्री नर्मदा चालीसा || ॥ दोहा॥ देवि पूजित, नर्मदा, महिमा बड़ी अपार । चालीसा वर्णन करत, कवि अरु भक्त उदार॥ इनकी सेवा से सदा, मिटते पाप महान । तट पर कर जप दान नर, पाते हैं नित ज्ञान ॥ ॥ चौपाई ॥ जय-जय-जय नर्मदा भवानी, तुम्हरी महिमा सब जग जानी । अमरकण्ठ से निकली…

श्री कुबेर आरती

॥ श्री कुबेर आरती ॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे, स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे । शरण पड़े भगतों के, भण्डार कुबेर भरे । ॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥ शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े, स्वामी भक्त कुबेर बड़े । दैत्य दानव मानव से, कई-कई युद्ध लड़े ॥ ॥ ऊँ जै यक्ष…

बाबा गंगाराम आरती

॥ बाबा गंगाराम आरती ॥ जय हो गंगाराम बाबा जय हो गंगाराम। कष्ट निवारण मंगल दायक हो सब सुख के धाम॥ जय हो गंगाराम बाबा…॥ सच्चे मन से ध्यान धरे जो उनके सारो काम। धन-वैभव वह सब सुख पाता जाने जगत तमाम॥ जय हो गंगाराम बाबा…॥ प्रात:काल थारी करां वन्दना लेकर थारो नाम। चन्दन पुष्प…

श्री आदिनाथ चालीसा

|| श्री आदिनाथ चालीसा || ॥ दोहा॥ शीश नवा अरिहंत को, सिद्धन को, करूं प्रणाम । उपाध्याय आचार्य का, ले सुखकारी नाम ॥ सर्व साधु और सरस्वती, जिन मन्दिर सुखकार । आदिनाथ भगवान को, मन मन्दिर में धार ॥ ॥ चौपाई ॥ जै जै आदिनाथ जिन स्वामी । तीनकाल तिहूं जग में नामी ॥ वेष…

गुरू ग्रह के मंत्र

|| गुरू ग्रह के मंत्र || गुरू वैदिक मंत्र “ॐ बृहस्पते अति यदर्यो अर्हाद् द्युमद्विभाति क्रतुमज्जनेषु । यद्दीदयच्दवस ऋतप्रजात तदस्मासु द्रविणं धेहि चित्रम्”।। गुरू तांत्रिक मंत्र || गुरु ग्रह के तांत्रिक मंत्र “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः”। गुरू एकाक्षरी बीज मंत्र || गुरु ग्रह का बीज मंत्र “ॐ बृं बृहस्पतये नम:” ।। “ऊं…

राशियों के मंत्र

|| राशियों के मंत्र || मेष राशि मंत्र ॐ ऎं क्लीं सौः | Om Aing Kleeng Sauh | वृषभ राशि मंत्र ॐ ह्रीं क्लीं श्रीं | Om Hreeng Kleeng Shreeng | मिथुन राशि मंत्र ॐ श्रीं ऎं सौः | Om Shreeng Aing Sauh | कर्क राशि मंत्र ॐ ऎं क्लीं श्रीं | Om Aing Kleeng…

भगवान नरसिंह का शक्तिशाली मंत्र

।। नरसिंह मंत्र के फायदे ।। नरसिंह मंत्र से तंत्र-मंत्र बाधा, भूत पिशाच भय, अकाल मृत्यु का डर, असाध्य रोग आदि से मुक्ति मिलती है। श्री नरसिंह प्रतिमा की पूजा करके संकटमोचन नृसिंह मंत्र का स्मरण करें। समस्त संकटों से आसानी से छुटकारा मिल जाएगा। अगर आप को क्रोध से मुक्ति, सुखद और सफल जीवन…

श्री शनि अष्टकम

|| श्री शनि अष्टकम || नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठ निभाय च। नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम:। नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च। नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते। नम: पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णेऽथ वै नम:। नमो दीर्घाय शुष्काय कालदंष्ट्र नमोऽस्तु ते। नमस्ते कोटराक्षाय दुर्नरीक्ष्याय वै नम:। नमो घोराय रौद्राय भीषणाय कपालिने। नमस्ते सर्वभक्षाय बलीमुख नमोऽस्तु ते। सूर्यपुत्र नमस्तेऽस्तु भास्करेऽभयदाय…

जानिए श्री कृष्ण के प्रिय बाल मित्रों के नाम – कौन थे श्री कृष्ण के बाल सखा?

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भगवान श्रीकृष्ण के जीवन में उनके मित्रों का विशेष महत्व रहा है। बचपन से लेकर उनके किशोरावस्था तक, श्रीकृष्ण ने कई सखा और सखियों के साथ अद्भुत समय बिताया। गोकुल और वृंदावन में उनके बचपन के कुछ खास मित्र थे, जिनके साथ उन्होंने अपनी लीलाएं कीं। लगभग 11 वर्ष की उम्र तक वे इन मित्रों…

सन्तोषी माता आरती

॥ सन्तोषी माता आरती ॥ जय सन्तोषी माता, मैया जय सन्तोषी माता । अपने सेवक जन की, सुख सम्पति दाता ॥ जय सन्तोषी माता, मैया जय सन्तोषी माता ॥ सुन्दर चीर सुनहरी, मां धारण कीन्हो । हीरा पन्ना दमके, तन श्रृंगार लीन्हो ॥ जय सन्तोषी माता, मैया जय सन्तोषी माता ॥ गेरू लाल छटा छबि,…

संतोषी माता चालीसा

|| संतोषी माता चालीसा || ॥ दोहा ॥ बन्दौं सन्तोषी चरण रिद्धि-सिद्धि दातार । ध्यान धरत ही होत नर दुःख सागर से पार ॥ भक्तन को सन्तोष दे सन्तोषी तव नाम । कृपा करहु जगदम्ब अब आया तेरे धाम ॥ ॥ चौपाई ॥ जय सन्तोषी मात अनूपम । शान्ति दायिनी रूप मनोरम ॥ सुन्दर वरण…

शनि देव को प्रसन्न करने के 17 चमत्कारी उपाय – शनि देव की कृपा से बनें करोड़पति

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शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित माना जाता है। इस दिन शनि देव की पूजा और उपासना करने से जीवन की समस्याएं, दुख और कष्ट कम हो जाते हैं। शनि देव को प्रसन्न करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि, शांति और सफलता का आशीर्वाद मिलता है। आइए जानते हैं शनि देव को प्रसन्न करने के…

संतोषी माता व्रत कथा पूजा विधि

।। संतोषी माता व्रत कथा ।। एक बुढ़िया थी, उसके सात बेटे थे। 6 कमाने वाले थे जबकि एक निक्कमा था। बुढ़िया छहों बेटों की रसोई बनाती, भोजन कराती और उनसे जो कुछ जूठन बचती वह सातवें को दे देती। एक दिन वह पत्नी से बोला- देखो मेरी माँ को मुझ पर कितना प्रेम है।…

वैभव लक्ष्मी व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| वैभव लक्ष्मी व्रत पूजा विधि || वैभव लक्ष्मी व्रत को शाम के समय करना अत्यंत शुभ और लाभकारी माना जाता है। इस व्रत को विधिपूर्वक करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें: शाम के समय स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। मंदिर या घर की साफ-सुथरी जगह पर एक चौकी रखें और उस…

वैभव लक्ष्मी आरती

।। वैभव लक्ष्मी आरती ।। ॐ जय वैभव लक्ष्मी माता, मैया जय वैभव लक्ष्मी माता, भक्तों के हितकारिनी, भक्तों के हितकारिनी, सुख वैभव दाता, ॐ जय वैभव लक्ष्मी माता । लक्ष्मी माँ का नाम जो लेता, सुख सम्पति पाता, मैया सुख सम्पति पाता, दुःख दरिद्र मिटता, दुःख दरिद्र मिटता, बांछित फल पाता । ॐ जय…

संतोषी माता व्रत कथा – विधि-विधान सहित जानिए कैसे करें पूजा? पाएं अद्भुत लाभ |

Santoshi Mata

संतोषी माता की पूजा 16 शुक्रवारों तक की जाती है। पूजा के दौरान, भक्त देवी को गुड़ और चना, खीर, लाल फूल और सुपारी अर्पित करते हैं। संतोषी माता को लाल रंग की साड़ी पहने हुए, हाथ में दो हाथी के दांत, एक कमंडल और एक अक्षय पात्र धारण किए हुए चित्रित किया जाता है।…

शुक्र कवचम्

॥ शुक्र कवचम् ॥ ध्यानम् मृणालकुन्देन्दुपयोजसुप्रभं पीताम्बरं प्रसृतमक्षमालिनम् । समस्तशास्त्रार्थविधिं महान्तं ध्यायेत्कविं वाञ्छितमर्थसिद्धये ॥ ॥ अथ शुक्रकवचम् ॥ शिरो मे भार्गवः पातु भालं पातु ग्रहाधिपः । नेत्रे दैत्यगुरुः पातु श्रोत्रे मे चन्दनद्युतिः ॥ पातु मे नासिकां काव्यो वदनं दैत्यवन्दितः । वचनं चोशनाः पातु कण्ठं श्रीकण्ठभक्तिमान् ॥ भुजौ तेजोनिधिः पातु कुक्षिं पातु मनोव्रजः । नाभिं भृगुसुतः…

नए साल 2025 पर भूलकर भी न करें ये 14 गलतियां, घर में दस्तक दे सकती है गरीबी

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नया साल नई उम्मीदों और अवसरों का समय होता है, लेकिन कुछ गलत आदतें और काम आपकी खुशियों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। खासतौर पर मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए यह जरूरी है कि आप कुछ बातों का ध्यान रखें। यहां बताए गए 10 कामों को भूलकर भी न करें, वरना…

New Year 2025 – नववर्ष 2025 में मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए करें ये 11 काम

new year 2025

नया साल एक नई शुरुआत का प्रतीक है, और यदि आप 2025 को खुशहाली और समृद्धि से भरना चाहते हैं, तो मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए इन 11 विशेष कामों को अपनाएं। मां लक्ष्मी धन, वैभव और सुख-शांति की देवी मानी जाती हैं। हर व्यक्ति चाहता है कि आने वाला साल उनके…

श्री बृहस्पतिदेव की कथा

॥ बृहस्पतिदेव की कथा॥ प्राचीन काल में एक ब्राह्‌मण रहता था, वह बहुत निर्धन था। उसके कोई सन्तान नहीं थी। उसकी स्त्री बहुत मलीनता के साथ रहती थी। वह स्नान न करती, किसी देवता का पूजन न करती, इससे ब्राह्‌मण देवता बड़े दुःखी थे। बेचारे बहुत कुछ कहते थे किन्तु उसका कुछ परिणाम न निकला।…

कितने गुरुवार व्रत रखें? जानिए व्रत की कथा और पूजा विधि, बृहस्पतिवार व्रत के फायदे

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बृहस्पतिवार का व्रत भगवान बृहस्पति को समर्पित है, जो ज्ञान, धन और बुद्धि के देवता हैं। यह व्रत करने से व्यक्ति को इन सभी गुणों की प्राप्ति होती है। बृहस्पतिवार व्रत की कई कथाएं प्रचलित हैं। इन कथाओं में भगवान बृहस्पति के भक्तों की भक्ति और उनके द्वारा प्राप्त फल का वर्णन होता है। इन…

श्री विष्णुसहस्रनाम स्तोत्रम् – पूर्वपीठिक

|| श्री विष्णुसहस्रनाम स्तोत्रम् – पूर्वपीठिक || शुक्लाम्बरधरं विष्णुं शशिवर्णं चतुर्भुजम् । प्रसन्नवदनं ध्यायेत् सर्वविघ्नोपशान्तये ॥ १ ॥ यस्य द्विरदवक्त्राद्याः पारिषद्याः परः शतम् । विघ्नं निघ्नन्ति सततं विष्वक्सेनं तमाश्रये ॥ २ ॥ व्यासं वसिष्ठनप्तारं शक्तेः पौत्रमकल्मषम् । पराशरात्मजं वन्दे शुकतातं तपोनिधिम् ॥ ३ ॥ व्यासाय विष्णुरूपाय व्यासरूपाय विष्णवे । नमो वै ब्रह्मनिधये वासिष्ठाय नमो नमः…

श्री बृहस्पतिदेव चालीसा

|| श्री बृहस्पतिदेव चालीसा || || दोहा || प्रन्वाऊ प्रथम गुरु चरण, बुद्धि ज्ञान गुन खान | श्रीगणेश शारदसहित, बसों ह्रदय में आन || अज्ञानी मति मंद मैं, हैं गुरुस्वामी सुजान | दोषों से मैं भरा हुआ हूं तुम हो कृपा निधान। || चौपाई || जय नारायण जय निखिलेशवर, विश्व प्रसिद्ध अखिल तंत्रेश्वर | यंत्र-मंत्र…

श्री बृहस्पति देव आरती

॥ श्री बृहस्पति देव आरती ॥ जय वृहस्पति देवा, ऊँ जय वृहस्पति देवा । छिन छिन भोग लगा‌ऊँ, कदली फल मेवा ॥ ऊँ जय वृहस्पति देवा, जय वृहस्पति देवा ॥ तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी । जगतपिता जगदीश्वर, तुम सबके स्वामी ॥ ऊँ जय वृहस्पति देवा, जय वृहस्पति देवा ॥ चरणामृत निज निर्मल, सब पातक…