श्री हनुमान अमृतवाणी PDF

श्री हनुमान अमृतवाणी हनुमान जी की महिमा का बखान करने वाली एक भावपूर्ण रचना है। यह सिर्फ एक पाठ नहीं, बल्कि भक्ति का अनमोल सागर है। इसमें बताया गया है कि हनुमान जी संकटमोचक, महाबली और राम भक्त हैं। उनके नाम का सुमिरन करने से सारे दुख-दर्द दूर हो जाते हैं और जीवन में सुख-शांति…

12 राशि अनुसार हनुमान मंत्र – मंगलवार के दिन करें जाप और पाएं लाभ

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हनुमान जी को बल, बुद्धि और शक्ति के देवता माना जाता है। उनकी पूजा करने से हर तरह की बाधाएं दूर होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। मंगलवार का दिन विशेष रूप से हनुमान जी की उपासना के लिए महत्वपूर्ण होता है। अगर आप अपनी राशि के अनुसार हनुमान जी के मंत्रों का…

Mangalwar Ke Upay – हर मंगलवार अपनाएं ये 5 उपाय, सफलता आपके कदम चूमेगी

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मंगलवार का दिन संकटमोचक हनुमान जी को समर्पित है। इस दिन किए गए उपायों से मंगल दोष शांत होता है और जीवन के कष्ट दूर होते हैं। भक्त हनुमान जी की कृपा पाने के लिए कई तरह के उपाय करते हैं। प्रमुख उपायों में हनुमान मंदिर जाकर हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करना शामिल है।…

मंगलवार व्रत की आरती PDF

मंगलवार व्रत की आरती (Mangalwar Vrat Ki Aarti) मुख्य रूप से भगवान हनुमान को समर्पित है। मंगलवार का दिन हनुमान जी का माना जाता है, और भक्त व्रत रखकर उनकी पूजा करते हैं। व्रत की समाप्ति पर यह आरती गाई जाती है। सबसे प्रसिद्ध आरती है “आरती कीजै हनुमान लला की, दुष्ट दलन रघुनाथ कला…

छठ पूजा गीत – केलवा के पात पर

|| छठ पूजा गीत – केलवा के पात पर (Kelwa Ke Paat Par Bhajan) || केलवा के पात पर उगेलन सुरुज मल झांके ऊंके केलवा के पात पर उगेलन सुरुज मल झांके ऊंके हो करेलु छठ बरतिया से झांके ऊंके हम तोसे पूछी बरतिया ऐ बरितया से केकरा लागी हम तोसे पूछी बरतिया ऐ बरितया…

श्री छठ माता की आरती

छठ महापर्व, सूर्यदेव और छठी मैया को समर्पित एक अनुपम त्योहार है, जो बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के कुछ हिस्सों में बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। यह पर्व प्रकृति और सृष्टि के प्रति आभार व्यक्त करने का प्रतीक है। छठ मैया की आरती इस पवित्र अनुष्ठान का एक अभिन्न अंग…

सूर संहारम पर्व 2025 – जानें तिथि, कथा और पूजा विधि विस्तार से (Soorasamharam Story – Puja Vidhi)

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भारतीय संस्कृति में त्योहारों का एक विशेष महत्व है। ये न केवल हमारी परंपराओं को जीवंत रखते हैं, बल्कि हमें बुराई पर अच्छाई की शाश्वत जीत (eternal victory) का संदेश भी देते हैं। इन्हीं महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है “सूर संहारम पर्व” (Soorasamharam Parv)। मुख्य रूप से दक्षिण भारत, विशेषकर तमिलनाडु में, यह पर्व…

छठ पूजा व्रत कथा और पूजा विधि (छठ पूजा 2025 का कार्यक्रम)

|| छठ पूजा 2025 का कार्यक्रम || छठ पूजा 2025 की तारीखेंः नहाय खाय – 27 अक्टूबर 2025, सोमवार सूर्योदय: 06:39 AM सूर्यास्त: 05:41 PM खरना – 28 अक्टूबर 2025, मंगलवार सूर्योदय: 06:39 AM सूर्यास्त: 05:26 PM संध्या अर्घ्य – 29 अक्टूबर 2025, बुधवार सूर्यास्त: 05:29 PM उषा अर्घ्य – 30 अक्टूबर 2025, बृहस्पतिवार सूर्योदय:…

Chhath Puja 2025 Samagri List – छठी मैया की पूजा सामग्री और नियमों की पूरी जानकारी

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पंचांग के अनुसार, छठ पूजा का आरंभ कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से 27 अक्टूबर, 2025 को होगा, और इसका समापन अष्टमी तिथि यानी 30 अक्टूबर को होगा। इस अवधि में भक्त पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से सूर्य देव और छठी मैया की पूजा करेंगे। छठ पूजा में पूजा सामग्री का विशेष महत्व होता…

Chhath Puja 2025 – छठ पूजा विधि, छठ पूजा मुहूर्त (नहाय खाय, खरना, संध्या अर्घ्य, उषा अर्घ्य)

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इस साल छठ महापर्व 27 अक्टूबर 2025 से प्रारंभ हो रहा है। ‘नहाय-खाय’ के साथ यह चार दिवसीय पर्व 30 अक्टूबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न होगा। छठी मैया और सूर्य देव की आराधना का यह पर्व, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में विशेष रूप से मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं…

लाभ पंचमी 2025 – क्यों है लाभ पंचमी का दिन खास? जानिए पूजन, कथा और फायदे

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भारत, जहां हर दिन एक नया उत्सव और हर त्योहार एक नई कहानी लेकर आता है, उन अनमोल त्योहारों में से एक है “लाभ पंचमी”। यह पर्व विशेष रूप से गुजरात और महाराष्ट्र में दीपावली के पांचवें दिन मनाया जाता है, लेकिन इसका महत्व (significance) पूरे देश में है। अगर आप सोच रहे हैं कि…

सिर्फ 1 बुध प्रदोष व्रत से बदलेगी किस्मत! रोग, शोक, और दरिद्रता दूर करने का महासंयोग।

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सनातन धर्म में व्रतों का विशेष महत्व है, और इन्हीं में से एक है ‘प्रदोष व्रत’ (Pradosh Vrat)। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित है और हर माह की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। जब यह त्रयोदशी तिथि बुधवार के दिन पड़ती है, तो इसे बुध प्रदोष व्रत कहते हैं। यह मात्र एक व्रत…

आपकी हर इच्छा पूरी करेगा पौष अमावस्या का एक लोटा जल! जानें सरल अचूक टोटका।

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हिंदू पंचांग में हर महीने की अमावस्या तिथि को पितरों (Ancestors) को समर्पित माना जाता है, लेकिन जब यह तिथि पौष माह के कृष्ण पक्ष में आती है, तो इसका महत्व कई गुना बढ़ जाता है। पौष अमावस्या (Paush Amavasya) को शास्त्रों में ‘मिनी श्राद्ध’ भी कहा गया है। यह वह शक्तिशाली दिन है जब…

क्या है ‘इरुमुदी’ का रहस्य? सबरीमाला की ‘मण्डला पूजा’ में क्यों चढ़ाया जाता है भगवान अयप्पा को यह पवित्र पोटली?

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भारत की आध्यात्मिक भूमि पर कई ऐसे तीर्थस्थल हैं, जिनकी अपनी अनूठी परंपराएं और रहस्य हैं। इन्हीं में से एक है केरल (Kerala) के घने जंगलों के बीच शबरी पर्वत पर स्थित भगवान अयप्पा (Lord Ayyappa) का विश्व प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर। हर साल लाखों श्रद्धालु, 41 दिनों का कठोर मंडल व्रतम (Mandala Vratham) पूरा करके,…

केवल सबरीमाला नहीं! आप घर पर कैसे मना सकते हैं ‘मण्डला पूजा’? सरल विधि और मंत्रों का जाप।

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‘स्वामी शरणम् अयप्पा!’ जब भी ‘मण्डला पूजा’ (Mandala Pooja) का नाम आता है, तो मन में सबसे पहले केरल के पवित्र सबरीमाला (Sabarimala) तीर्थ की छवि उभरती है। 41 दिनों की कठोर तपस्या (Vratham) और भक्ति की यह अवधि, जिसे ‘मण्डलाकालम’ भी कहा जाता है, भक्तों को आत्म-शुद्धि (Self-Purification) और आध्यात्मिक उन्नति की ओर ले…

तामस मन्वादि 2025 – क्या आप जानते हैं ‘तामस मन्वादि’ का अर्थ? जानें यह तिथि क्यों है हर हिंदू के लिए ज़रूरी।

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हर साल हिन्दू पंचांग में कई महत्वपूर्ण तिथियां आती हैं, जिनमें से एक है मन्वादि तिथि। ये केवल एक कैलेंडर (calendar) की तारीखें नहीं हैं, बल्कि हिन्दू काल-गणना (Hindu time calculation) और सृष्टि विज्ञान (cosmology) के गहन दर्शन को दर्शाती हैं। इनमें से ही एक है तामस मन्वादि। आइए जानते हैं 2025 में इसकी तिथि…

गुरु गोबिन्द सिंह जयंती – 5 अनमोल उपदेश जो आपका जीवन बदल सकते हैं, प्रकाश पर्व विशेष (Prakash Parv Special)

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सिख धर्म के दसवें गुरु, श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी (Shri Guru Gobind Singh Ji) का जीवन त्याग, साहस और धर्म की रक्षा का एक अमर उदाहरण है। उनकी जयंती को ‘प्रकाश पर्व’ के रूप में मनाया जाता है। वे न सिर्फ एक महान योद्धा थे, जिन्होंने ‘सवा लाख से एक लड़ाऊं’ का संकल्प लिया,…

शाकम्भरी उत्सवारम्भ 2025 – तिथि, महत्व और व्रत-उपवास के नियम – सम्पूर्ण जानकारी। (Shakambhari Utsavarambh)

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सनातन धर्म में अनेक पर्व और उत्सव मनाए जाते हैं, जो जीवन के विभिन्न पहलुओं से जुड़े होते हैं। इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण उत्सव है शाकम्भरी उत्सवारम्भ (Shakambhari Utsavarambh), जिसे शाकम्भरी नवरात्रि (Shakambhari Navratri) के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व माँ दुर्गा के करुणामय स्वरूप देवी शाकम्भरी को समर्पित है, जिन्हें…

जानिए कौन थे धर्म सावर्णि मनु? और मन्वादि तिथि पर श्राद्ध करने के नियम और लाभ।

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सनातन धर्म (Sanatan Dharma) की विशाल कालगणना (Chronology) और गूढ़ रहस्यों में ‘मनु’ और ‘मन्वंतर’ का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है। मनु न केवल आदि पुरुष (First Man) हैं, बल्कि वे प्रत्येक युग में धर्म और व्यवस्था (Law and Order) के संस्थापक भी माने जाते हैं। आज हम १४ मनुओं की श्रृंखला में एक विशेष नाम…

Nagula Chavithi – नागुला चविथी क्यों मनाई जाती है? नाग पूजा, व्रत कथा और महिलाओं के लिए खास महत्व

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भारत में त्योहारों की एक लंबी श्रृंखला है, और हर त्योहार का अपना एक खास महत्व और कहानी होती है। इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण पर्व है “नागुला चविथी” (Nagula Chavithi)। यह पर्व मुख्य रूप से दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक राज्यों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। नागुला चविथी…

Dattatreya Jayanti – कब है दत्तात्रेय जयंती? जानें शुभ मुहूर्त, व्रत कथा और ‘श्री गुरुदेव दत्त’ नाम जप के लाभ

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हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण पर्वों में से एक दत्तात्रेय जयंती (Datta Jayanti) हर साल मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। भगवान दत्तात्रेय को त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु और महेश) का संयुक्त अवतार माना जाता है। इस दिन उनकी विशेष पूजा-अर्चना करने से तीनों देवों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह दिन गुरु-शिष्य परंपरा…

Karthigai Deepam – क्या है शिव-ब्रह्मा-विष्णु से जुड़ी कार्तिगाई दीपम् की पौराणिक कथा और इसका विशेष महत्व?

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कार्तिकई दीपम (Karthigai Deepam), जिसे ‘दीपों का त्योहार’ भी कहा जाता है, दक्षिण भारत, विशेष रूप से तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश में बड़े हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाने वाला एक प्राचीन और महत्वपूर्ण हिंदू पर्व है। यह पर्व तमिल कैलेंडर के ‘कार्तिकई’ (Karthigai) महीने की पूर्णिमा के दिन, जब चंद्रमा कृतिका नक्षत्र (Krittika Nakshatra)…

धनु संक्रान्ति 2025 – सूर्य पूजा की सही विधि और खरमास में क्या करें-क्या न करें, पूरी जानकारी (Full Guide)

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सनातन धर्म में सूर्य के राशि परिवर्तन (Sun Transit) को संक्रान्ति के रूप में मनाया जाता है, और जब सूर्यदेव गुरु की राशि धनु में प्रवेश करते हैं, तो यह धनु संक्रान्ति कहलाती है। यह न केवल एक खगोलीय घटना (Astronomical Event) है, बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी इसका बहुत अधिक महत्व है। इसी दिन…

भैया दूज व्रत कथा एवं पूजा विधि

भैया दूज व्रत कथा एवं पूजा विधि PDF भाई-बहन के अटूट प्रेम के प्रतीक, भैया दूज पर्व की कथा और पूजा विधि की जानकारी इस PDF में उपलब्ध होती है। इस पर्व को ‘यम द्वितीया’ भी कहते हैं, क्योंकि यह पौराणिक कथा यमराज और उनकी बहन यमुना से जुड़ी है। कथा के अनुसार, इस दिन…

भाई दूज आरती

|| भाई दूज आरती (Bhai Dooj Aarti PDF) || ॐ जय यमुना माता, हरि ॐ जय यमुना माता, जो नहावे फल पावे सुख सुख की दाता ॐ जय यमुना माता… ॐ पावन श्रीयमुना जल शीतल अगम बहै धारा, जो जन शरण से कर दिया निस्तारा ॐ जय यमुना माता… ॐ जो जन प्रातः ही उठकर…

भैया दूज लोक कथा

“भैया दूज लोक कथा” (Bhaiya Dooj Folk Story) मुख्य रूप से भाई-बहन के अटूट प्रेम और एक-दूसरे की मंगल कामना को दर्शाती है। सबसे प्रचलित कथा यमराज और उनकी बहन यमुना से जुड़ी है। पौराणिक कथा के अनुसार, कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन यमराज अपनी बहन यमुना के आग्रह पर उनके घर गए थे। यमुना…

भैया दूज 2025 – जानिए शुभ मुहूर्त, व्रत विधि, कथा और भाई-बहन के लिए विशेष महत्व

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भैया दूज, जिसे भाई दूज, यम द्वितीया और भाऊ बीज के नाम से भी जाना जाता है, दीपावली के पाँच दिवसीय उत्सव का अंतिम और महत्वपूर्ण दिन है। यह पर्व भाई और बहन के पवित्र और अटूट रिश्ते का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी आयु, समृद्धि और सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना…

भैया दूज पर क्या करें और क्या न करें? जानें शुभ उपाय और परंपराएं

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नमस्ते! भैया दूज (Bhaiya Dooj) भारत के सबसे प्यारे त्योहारों में से एक है। यह दिवाली के दो दिन बाद मनाया जाता है, और यह भाई-बहन के रिश्ते का जश्न (celebration) है। यह त्योहार भाई-बहन के बीच के प्यार और सम्मान को दर्शाता है। अगर आप इस खास दिन को और भी यादगार बनाना चाहते…

बलि प्रतिपदा 2025 – क्यों मनाया जाता है राजा बलि का यह पर्व? जानें पूजा विधि, महत्व और पौराणिक कथा

bali-pratipada

प्रकाश पर्व दीपावली (Diwali) के अगले दिन, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को एक अत्यंत महत्वपूर्ण और शुभ पर्व मनाया जाता है – बलि प्रतिपदा। इसे बलि पड़वा या वर्ष प्रतिपदा भी कहते हैं। यह दिन गोवर्धन पूजा के साथ ही मनाया जाता है और महाराष्ट्र तथा गुजरात जैसे कुछ क्षेत्रों में…

यम द्वितीया की कथा (भाई दूज)

यम द्वितीया का पर्व, जिसे हम भाई दूज के नाम से भी जानते हैं, भाई-बहन के प्रेम और स्नेह का प्रतीक है। यह दीपावली के दो दिन बाद, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस पर्व के पीछे एक पौराणिक कथा है जो भाई-बहन के इस अटूट रिश्ते की…

चित्रगुप्त पूजा 2025 चित्रगुप्त पूजा कैसे करें? जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा सामग्री और व्रत कथा

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सनातन धर्म में अनेक देवी-देवताओं और पर्वों का महत्व है। उन्हीं में से एक प्रमुख पर्व है चित्रगुप्त पूजा, जो भगवान चित्रगुप्त को समर्पित है। चित्रगुप्त को यमराज का सहायक और मनुष्यों के कर्मों का लेखा-जोखा रखने वाला माना जाता है। यह पूजा विशेष रूप से कायस्थ समुदाय द्वारा की जाती है, जो उन्हें अपना…

यम द्वितीया व्रत 2025 – जानें पूजन विधि, महत्व और यमराज के आशीर्वाद का रहस्य

yam-dvitiya

सनातन धर्म में दिवाली का त्योहार (festival) पंच दिवसीय होता है और इसका अंतिम दिन भाई दूज या यम द्वितीया के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भाई-बहन के अटूट प्रेम और स्नेह का प्रतीक है। भाई दूज को यम द्वितीया भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन यमराज की पूजा का विशेष विधान…

गोवर्धन महाराज आरती

Govardhan Pooja

गोवर्धन महाराज को गिरिराज के नाम से भी जाना जाता है। वे भगवान कृष्ण के सबसे प्रिय भक्तों में से एक हैं। गोवर्धन पर्वत को भगवान कृष्ण का ही स्वरूप माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान कृष्ण ने अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत को सात दिनों तक उठाकर ब्रजवासियों को इंद्र के…

गोवर्धन पूजा 2025 – घर पर कैसे करें पूजन? जानें विधि, मंत्र और आरती

govardhan-puja

सनातन धर्म (Sanatan Dharma) में त्योहारों की एक लंबी श्रृंखला है, जिसमें दिवाली के ठीक अगले दिन मनाया जाने वाला गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) एक विशेष स्थान रखता है। इसे ‘अन्नकूट उत्सव’ (Annakoot Utsav) के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण के उस अद्भुत चमत्कार को समर्पित है, जब उन्होंने इंद्र…

अन्नकूट महाप्रसाद 2025 – गोवर्धन पूजा में क्यों होता है अन्नकूट का विशेष महत्व?

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हर साल दीवाली (Diwali) के ठीक अगले दिन, कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को, भारतवर्ष में एक अनुपम त्योहार मनाया जाता है – गोवर्धन पूजा। इसे अन्नकूट महोत्सव के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) और प्रकृति (Nature) के प्रति हमारी कृतज्ञता (gratitude) व्यक्त करने का…

अखुरथ संकष्टी चतुर्थी – साल की आखिरी चतुर्थी पर मनोकामना पूरी करने की अचूक पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

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हिंदू धर्म में भगवान गणेश (Lord Ganesha) को प्रथम पूज्य और विघ्नहर्ता माना जाता है। हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को ‘संकष्टी चतुर्थी’ का व्रत रखा जाता है, लेकिन मार्गशीर्ष (अगहन) मास में आने वाली इस चतुर्थी का विशेष नाम है: अखुरथ संकष्टी चतुर्थी (Akhurath Sankashti Chaturthi)। ‘अखुरथ’ नाम स्वयं भगवान गणेश का…

Margashirsha Purnima Vrat – मार्गशीर्ष पूर्णिमा की रात करें ये 4 सरल उपाय, दूर होगी हर बाधा और मिलेगी सफलता

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हिंदू पंचांग (Hindu Calendar) के अनुसार, मार्गशीर्ष (अगहन) माह की पूर्णिमा तिथि का धार्मिक और आध्यात्मिक (Spiritual) दृष्टि से बहुत अधिक महत्व होता है। भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं इस माह को अपना स्वरूप बताया है, इसलिए यह माह पवित्रता और भक्ति का प्रतीक है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन स्नान, दान और भगवान सत्यनारायण (Lord Satyanarayan)…

क्या है जब भगवान शिव को भी मांगनी पड़ी थी भिक्षा? अन्नपूर्णा जयंती की अनसुनी कथा!

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भारतीय संस्कृति में अन्न को ‘ब्रह्म’ (Brahma) के समान पूजनीय माना गया है। यह सिर्फ भोजन नहीं, बल्कि जीवन का आधार, ऊर्जा और साक्षात देवी का रूप है। और जब हम अन्न की बात करते हैं, तो अनायास ही ‘मां अन्नपूर्णा’ (Maa Annapurna) का नाम मुख पर आ जाता है। मार्गशीर्ष माह (Margashirsha Month) की…

किचन में रखें इन 7 बातों का ध्यान, अन्नपूर्णा जयंती पर बरसेगी माँ की कृपा और आएगी सुख-समृद्धि।

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हर घर की रसोई (Kitchen) सिर्फ भोजन बनाने का स्थान नहीं, बल्कि वह पवित्र कोना है जहाँ माँ अन्नपूर्णा (Maa Annapurna) निवास करती हैं। अन्नपूर्णा जयंती (Annapurna Jayanti) का दिन, जो मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, इस बात का स्मरण कराता है कि भोजन का सम्मान और रसोई की पवित्रता कितनी आवश्यक…

मां अन्नपूर्णा को कैसे करें प्रसन्न? जयंती पर करें ये 5 अचूक काम, कभी खाली नहीं होगा अन्न का भंडार।

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मार्गशीर्ष माह (Margashirsha Month) की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाने वाली ‘अन्नपूर्णा जयंती’ (Annapurna Jayanti) का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह दिन देवी अन्नपूर्णा के धरती पर अवतरण का प्रतीक है, जिन्हें माँ पार्वती (Maa Parvati) का ही एक स्वरूप माना जाता है और जो अन्न, समृद्धि और पोषण की देवी हैं। ऐसा…

दत्तात्रेय जयंती पर करें ये सरल पूजा विधि और मंत्र जाप – धन-समृद्धि और गुरु कृपा पाने का अचूक तरीका।

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मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि को भगवान दत्तात्रेय (Lord Dattatreya) का जन्मोत्सव मनाया जाता है, जिसे दत्तात्रेय जयंती के नाम से जाना जाता है। भगवान दत्तात्रेय को ब्रह्मा, विष्णु और महेश (Brahma, Vishnu, Mahesh) तीनों देवताओं का संयुक्त स्वरूप (Combined form) माना जाता है। इनमें गुरु और ईश्वर दोनों रूप समाहित हैं, इसलिए इन्हें ‘श्री…

काली चौदस 2025 – नरक चतुर्दशी का रहस्य, क्यों इस दिन होती है यमराज और काली मां की पूजा?

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दिवाली का पर्व रोशनी, खुशियां और उत्साह का प्रतीक है। पांच दिनों तक चलने वाले इस महापर्व में हर दिन का अपना एक विशेष महत्व है। इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण दिन है, काली चौदस। जिसे हम नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi) के नाम से भी जानते हैं। यह दिन केवल दिवाली की तैयारियों का हिस्सा…

यम दीपम 2025 का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि – यम दीपम का महत्व, क्यों कहते हैं इसे अकाल मृत्यु निवारण दीप (Yam Deepam)

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दीपावली का त्योहार (Diwali Festival) सिर्फ खुशियों और रोशनी का पर्व नहीं है, बल्कि यह सनातन संस्कृति (Sanatana Culture) के गहन आध्यात्मिक और वैज्ञानिक मूल्यों का भी प्रतीक है। पांच दिवसीय इस महापर्व की शुरुआत धनतेरस (Dhanteras) के दिन होती है, जिसे कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाता है। इसी…

धनतेरस 2025 शुभ मुहूर्त – सोना-चाँदी से बर्तन तक, धनतेरस के दिन क्या खरीदें? जाने पूजा विधि और खरीदारी से जुड़ी खास टिप्स

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दीपावली का त्यौहार 5 दिनों तक चलता है, जिसकी शुरुआत धनतेरस से होती है और भाई दूज के दिन खत्म होता है। हर साल धनतेरस 2025 कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और कुबेर देवता की पूजा होती है। इसके अगले दिन छोटी…

अन्नपूर्णा देवी कौन हैं? जानें उनके 108 नाम और जयंती का गहरा रहस्य। (Maa Annapurna, The Goddess of Food and Her Secrets)

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भारतीय संस्कृति में अन्न को ‘ब्रह्म’ (The Ultimate Reality) माना गया है, और इसी अन्न की अधिष्ठात्री देवी हैं – माता अन्नपूर्णा। उनका नाम दो शब्दों से मिलकर बना है: ‘अन्न’ (अनाज/भोजन) और ‘पूर्णा’ (पूर्ण, भरपूर)। यानी, वह देवी जो हर जीव के लिए भोजन के भंडार को हमेशा भरा रखती हैं। इनकी उपासना केवल…

त्रिपुर भैरवी जयन्ती – लाल फूल और गुड़ का भोग, तिजोरी में रखें ये चीज़ें, होगी धन वर्षा! (Tripura Bhairavi Jayanti)

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हिंदू धर्म (Hindu religion) में शक्ति की उपासना का विशेष महत्व है, और दस महाविद्याओं में से एक, मां त्रिपुर भैरवी (Maa Tripura Bhairavi) का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है। इन्हें ‘भव-बन्ध-मोचन’ की देवी कहा जाता है, जो भक्तों को सभी बंधनों से मुक्त करती हैं। मार्गशीर्ष माह (Margashirsha Month) की पूर्णिमा तिथि को त्रिपुर भैरवी…

एकादशी व्रत का महात्म्य गीता प्रेस, गोरखपुर (Ekadashi Vrat Ka Mahatmya Gita Press Gorakhpur Book)

एकादशी व्रत का महात्म्य गीता प्रेस, गोरखपुर (Ekadashi Vrat Ka Mahatmya Gita Press Gorakhpur Book)

एकादशी व्रत का महात्म्य गीता प्रेस, गोरखपुर द्वारा प्रकाशित एक अत्यंत लोकप्रिय धार्मिक पुस्तक है। यह PDF प्रारूप में भी उपलब्ध है और हिंदू धर्म में एकादशी व्रत की महिमा और विधि का वर्णन करती है। यह पुस्तक मुख्य रूप से पद्मपुराण के आधार पर साल भर की 26 एकादशियों (दोनों पक्षों की) का विस्तृत…

गोवत्स द्वादशी (Bach Baras) 2025 – पुत्र की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए अद्भुत व्रत

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हिंदू धर्म में, गाय को माता का दर्जा प्राप्त है और उनकी पूजा का विधान सदियों पुराना है। इसी परंपरा का एक महत्वपूर्ण पर्व है गोवत्स द्वादशी, जिसे आम बोलचाल की भाषा में बछ बारस के नाम से भी जाना जाता है। यह व्रत विशेष रूप से संतान की मंगल कामना, दीर्घायु (Long life) और…

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