तुला संक्रान्ति पर क्या करें और क्या न करें? जानें शुभ-अशुभ कर्मों का प्रभाव

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हिन्दू पंचांग में संक्रान्ति (Sankranti) का विशेष महत्व है, जो सूर्य देव के एक राशि से दूसरी राशि में गोचर (Transit) को दर्शाती है। वर्षभर में कुल 12 संक्रान्तियाँ होती हैं, और उनमें से एक है तुला संक्रान्ति। इस दिन सूर्य कन्या राशि से निकलकर तुला राशि (Libra) में प्रवेश करते हैं। ज्योतिष में, तुला…

शनि त्रयोदशी 2025 – शनि देव की कृपा पाने का सर्वोत्तम दिन, जानें पूजन विधि और महत्व

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शनि त्रयोदशी (Shani Trayodashi) हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण और पुण्यदायी तिथि है। जब त्रयोदशी तिथि शनिवार के दिन पड़ती है, तो इसे ‘शनि त्रयोदशी’ या ‘शनि प्रदोष व्रत’ कहा जाता है। यह दिन भगवान शिव (Lord Shiva), माता पार्वती और न्याय के देवता शनि देव (Lord Shani) की संयुक्त कृपा प्राप्त करने का…

एकादशी माता आरती

एकादशी माता आरती PDF एक डिजिटल दस्तावेज़ है जिसमें एकादशी माता की पारंपरिक आरती शामिल है। यह आरती ‘ॐ जय एकादशी, जय एकादशी, जय एकादशी माता’ से शुरू होती है और भगवान विष्णु को समर्पित इस पवित्र तिथि के माहात्म्य का वर्णन करती है। इस आरती में वर्ष भर आने वाली विभिन्न एकादशियों – जैसे…

गुरुवायुर एकादशी व्रत कैसे करें? सही पूजा सामग्री, मंत्र और पारण का समय, पाएं पूर्ण लाभ (Guruvayur Ekadashi Vrat Complete Guide)

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सनातन धर्म में एकादशी का व्रत भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को समर्पित है और इसका विशेष महत्व है। हर एकादशी अपने आप में पवित्र और फलदायी होती है, लेकिन केरल के प्रसिद्ध गुरुवायुर मंदिर (Guruvayur Temple) में मनाई जाने वाली गुरुवायुर एकादशी का महत्व असाधारण है। इसे दक्षिण भारत का “द्वारका” भी कहा जाता है।…

भौम प्रदोष व्रत – 100 जन्मों तक नहीं होगी दरिद्रता, इस विधि से शिव पूजा कर पाएं मंगल देव का आशीर्वाद

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प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि (Trayodashi Tithi) को आने वाला प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दिन प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के समय की गई शिव पूजा (Lord Shiva Worship) अक्षय फल देती है। जब यह शुभ तिथि मंगलवार (Tuesday) को पड़ती है, तब इसे “भौम प्रदोष व्रत” कहा जाता…

भौम प्रदोष व्रत पूजा विधि 2025 – शिव-पार्वती और हनुमान जी की एक साथ पूजा से पाएं अद्भुत लाभ, ज़रूर पढ़ें कथा

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क्या आप कर्ज (Debt) और आर्थिक संकट (Financial Crisis) से परेशान हैं? क्या जीवन में मंगल (Auspiciousness) की कमी महसूस हो रही है? तो यह ब्लॉग आपके लिए है! प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि को भगवान शिव को समर्पित प्रदोष व्रत रखा जाता है। जब यह शुभ तिथि मंगलवार (Tuesday) को पड़ती है, तो इसे…

भौम प्रदोष व्रत 2025 – इस दुर्लभ योग में करें शिव-शक्ति की आराधना, धन, सुख और संतान प्राप्ति का वरदान

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सनातन धर्म (Sanatan Dharma) में प्रदोष व्रत का अत्यधिक महत्व है, जो भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। जब यह पावन तिथि मंगलवार के दिन पड़ती है, तो इसे भौम प्रदोष व्रत (Bhaum Pradosh Vrat) कहा जाता है। ‘भौम’ मंगल ग्रह का पर्याय है, और इस दिन शिव-शक्ति की पूजा के साथ-साथ मंगल…

आज है भौम प्रदोष व्रत – प्रदोष काल में ऐसे करें रुद्राभिषेक, मनोकामना पूर्ति के लिए जपें ये प्रभावशाली मंत्र

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हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है, और जब यह मंगलवार (Tuesday) के दिन पड़ता है, तो इसे ‘भौम प्रदोष व्रत’ कहा जाता है। यह दिन न केवल देवों के देव महादेव (Lord Shiva) को समर्पित है, बल्कि मंगल देव और पवनपुत्र हनुमान जी की कृपा पाने का भी अत्यंत शुभ अवसर होता…

Bhaum Pradosh Vrat – कर्ज़ और रोग से मुक्ति का महाउपाय! जानिए शिव और हनुमान जी की पूजा का रहस्य

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क्या आप कर्ज़ (Debt) के बोझ तले दबे हैं? क्या रोगों ने आपके जीवन को कष्टमय बना दिया है? हिंदू धर्म में, हर समस्या का समाधान है और उनमें से एक अत्यंत शक्तिशाली उपाय है – भौम प्रदोष व्रत। यह सिर्फ एक उपवास नहीं, बल्कि भगवान शिव और बजरंगबली हनुमान जी की संयुक्त कृपा प्राप्त…

Bhaum Pradosh Vrat Katha – बुढ़िया और हनुमान जी की यह कथा सुनने मात्र से मिलते हैं अनगिनत पुण्य

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सनातन धर्म में व्रतों का विशेष महत्व है, और इन्हीं में से एक है प्रदोष व्रत, जो हर महीने के दोनों पक्षों (शुक्ल और कृष्ण) की त्रयोदशी तिथि को भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है। जब यह पवित्र तिथि मंगलवार के दिन पड़ती है, तो इसे भौम प्रदोष व्रत या मंगल प्रदोष…

भोलेनाथ और मंगल देव को प्रसन्न करने का चमत्कारी ‘भौम प्रदोष व्रत’ – इन 5 चीज़ों से करें अभिषेक, हर इच्छा होगी पूरी

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हिंदू धर्म में, भगवान शिव की आराधना के लिए प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) का विशेष महत्व है। यह हर माह की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है और मान्यता है कि इस दिन प्रदोष काल (सूर्यास्त के लगभग 45 मिनट पहले और 45 मिनट बाद का समय) में कैलाशपति भगवान शिव प्रसन्न मुद्रा में होते…

मंगल ग्रह की शांति के लिए कब है भौम प्रदोष व्रत? नोट करें सही तिथि, व्रत नियम और हनुमान जी का विशेष मंत्र

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क्या आपके जीवन में बार-बार बाधाएं आ रही हैं? क्या आप कर्ज (debt) और रोग से परेशान हैं? ज्योतिष शास्त्र (Astrology) में माना जाता है कि इन समस्याओं के पीछे मंगल ग्रह का अशुभ प्रभाव हो सकता है। ऐसे में भौम प्रदोष व्रत (Bhaum Pradosh Vrat) आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं है। यह…

सौभाग्य और समृद्धि के लिए कब है भौम प्रदोष व्रत? कथा और पूजा विधि के साथ जानें इस व्रत का महत्व

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सनातन धर्म में व्रतों और त्योहारों का विशेष महत्व है, और इन्हीं में से एक अत्यंत फलदायी व्रत है भौम प्रदोष व्रत। यह व्रत भगवान शिव, माता पार्वती और मंगल ग्रह (Lord Shiva, Goddess Parvati, and Mars) के संयुक्त आशीर्वाद को प्राप्त करने का एक अद्भुत अवसर प्रदान करता है। माना जाता है कि जो…

Kartik Chaumasi Chaudas 2025 – कब है चौमासी चौदस? जानें जैनियों के वर्षावास की समाप्ति और इस दिन के 5 नियम

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जैन धर्म (Jainism) में त्योहारों और पर्वों का अपना एक विशेष महत्व होता है, जो आत्म-शुद्धि और अहिंसा (Non-violence) के सिद्धांतों पर आधारित होते हैं। इन्हीं महत्वपूर्ण दिनों में से एक है ‘कार्तिक चौमासी चौदस’। यह केवल एक तिथि नहीं, बल्कि चार माह के त्याग, तपस्या और साधना (Penance and spiritual practice) के बाद आत्म-चिंतन…

ज्ञान का महासागर ‘भगवद् गीता’ – क्यों मनाई जाती है गीता जयन्ती और क्या है इसका महत्व? (Gita Jayanti)

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भारतीय संस्कृति और अध्यात्म के आकाश में ‘श्रीमद्भगवद् गीता’ (Shrimad Bhagavad Gita) एक ऐसे ध्रुव तारे के समान है, जो अनादि काल से मानव जाति को सही दिशा दिखाता रहा है। यह केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला (Art of living), प्रबंधन (Management) और मनोविज्ञान (Psychology) का एक अद्भुत संगम है।…

मत्स्य द्वादशी 2025 – इस दिन मछलियों को दाना खिलाने का वैज्ञानिक और धार्मिक महत्व! जानें आपकी राशि पर असर

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हर साल मार्गशीर्ष (Margashirsha) माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मत्स्य द्वादशी मनाई जाती है। यह दिन भगवान विष्णु के प्रथम अवतार, मत्स्य रूप को समर्पित है। मत्स्य द्वादशी 2025 की तिथि और मुहूर्त • तिथि: मार्गशीर्ष शुक्ल द्वादशी • साल 2025 में मत्स्य द्वादशी: 2 दिसंबर, 2025 (मंगलवार) • द्वादशी तिथि प्रारम्भ:…

मत्स्य द्वादशी 2025 – भगवान विष्णु ने क्यों लिया था मत्स्य अवतार? जानें तिथि, पूजा विधि और वेदों की रक्षा की पूरी कथा!

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क्या आप जानते हैं कि सृष्टि के पहले जल प्रलय (First Deluge) के दौरान किस अवतार ने वेदों की रक्षा की थी? यह थे भगवान विष्णु के प्रथम अवतार, ‘मत्स्य’ (Fish) रूप! मत्स्य द्वादशी का पावन पर्व इसी अद्भुत और कल्याणकारी अवतार को समर्पित है। हर साल मार्गशीर्ष मास (अगहन) के शुक्ल पक्ष की द्वादशी…

रोली-घी का दीपक और तुलसी की माला – मत्स्य द्वादशी पर धन लाभ के लिए करें ये 3 गुप्त उपाय (Secret Remedies)

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हिंदू धर्म में, मार्गशीर्ष (अगहन) मास की शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि का विशेष महत्व है, जिसे मत्स्य द्वादशी (Matsya Dwadashi) के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भगवान विष्णु के प्रथम अवतार, मत्स्य रूप को समर्पित है, जिन्होंने वेदों की रक्षा की थी। यह केवल धर्म की रक्षा का पर्व नहीं, बल्कि आर्थिक…

तैलंग स्वामी जयंती – 300 साल जीने वाले काशी के ‘जीवित शिव’ के अलौकिक चमत्कार और रहस्य

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भारत की आध्यात्मिक (spiritual) भूमि पर ऐसे कई योगी हुए हैं, जिनका जीवन किसी रहस्य से कम नहीं रहा। इन्हीं में से एक थे श्री तैलंग स्वामी, जिन्हें वाराणसी (काशी) के लोग साक्षात ‘जीवित शिव’ (Walking Shiva) मानते थे। पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को उनकी जयंती मनाई जाती है, जो हमें इस…

केवल 41 दिनों के मंडला पूजा उत्सव में आने वाली गुरुवायुर एकादशी! इस दिन क्या करें और क्या नहीं?

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केरल की धरती पर स्थित “भूलोक वैकुंठ” (पृथ्वी पर स्वर्ग) कहे जाने वाले गुरुवायुर श्री कृष्ण मंदिर (Guruvayur Sree Krishna Temple) में एक अत्यंत विशेष पर्व मनाया जाता है – गुरुवायुर एकादशी! यह एकादशी केवल एक धार्मिक तिथि मात्र नहीं, बल्कि यह 41 दिनों तक चलने वाले प्रसिद्ध मंडला पूजा उत्सव (Mandala Pooja Festival) के…

वैकुण्ठ एकादशी – जब श्री विष्णु के शरीर से हुआ ‘एकादशी देवी’ का जन्म! जानें रोचक कथा।

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प्रत्येक वर्ष पौष माह (Paush Month) के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी को वैकुण्ठ एकादशी के नाम से जाना जाता है। इसे मोक्षदा एकादशी और दक्षिण भारत में मुक्कोटी एकादशी भी कहते हैं। हिंदू धर्म में इस एकादशी का महत्व (Significance) सबसे अधिक माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और…

कर्ज़ से मुक्ति दिलाएगा भौम प्रदोष व्रत – जानें अचूक पूजा विधि, व्रत कथा और शुभ मुहूर्त, मंगल दोष होगा शांत

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क्या आप कर्ज़ के बोझ से परेशान हैं? क्या मंगल दोष आपके जीवन में बाधाएं उत्पन्न कर रहा है? (Are you worried about debts?) तो यह लेख आपके लिए एक वरदान साबित हो सकता है! त्रयोदशी तिथि पर आने वाला भौम प्रदोष व्रत (Bhaum Pradosh Vrat) भगवान शिव और हनुमान जी की कृपा से आपको…

शारदा स्तोत्र

|| शारदा स्तोत्र (Sharada Stotram PDF) || नमस्ते शारदे देवि काश्मीरपुरवासिनि। त्वामहं प्रार्थये नित्यं विद्यादानं च दहि मे। या श्रद्धा धारणा मेधा वाग्देवी विधिवल्लभा। भक्तजिह्वाग्रसदना शमादिगुणदायिनी। नमामि यामिनीं नाथलेखालङ्कृतकुन्तलाम्। भवानीं भवसन्तापनिर्वापणसुधानदीम्। भद्रकाल्यै नमो नित्यं सरस्वत्यै नमो नमः। वेदवेदाङ्गवेदान्तविद्यास्थानेभ्य एव च। ब्रह्मस्वरूपा परमा ज्योतिरूपा सनातनी। सर्वविद्याधिदेवी या तस्यै वाण्यै नमो नमः। यया विना जगत् सर्वं शश्वज्जीवन्मृतं…

पुत्रदा एकादशी पर तुलसी का अद्भुत उपाय – धन, संतान और वैकुण्ठ धाम की प्राप्ति (Exclusive Tips)

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हर महीने आने वाली एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है, लेकिन इन सबमें पुत्रदा एकादशी का महत्व (Importance) कुछ खास है। वर्ष में यह दो बार आती है – एक पौष मास के शुक्ल पक्ष में और दूसरी श्रावण मास के शुक्ल पक्ष में। शास्त्रों में इसे ‘वैकुण्ठ एकादशी’ के नाम से भी…

वैकुण्ठ एकादशी की संपूर्ण पूजा विधि – 5 सरल चरणों में करें श्री हरि को प्रसन्न और पाएं बैकुंठ धाम।

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हिंदू धर्म में, एकादशी तिथि का अपना एक विशेष महत्व है, और जब बात वैकुण्ठ एकादशी की आती है, तो इसका आध्यात्मिक मूल्य (Spiritual value) कई गुना बढ़ जाता है। पौष मास के शुक्ल पक्ष की इस एकादशी को ‘मोक्षदा एकादशी’ और ‘पुत्रदा एकादशी’ (यदि यह पौष माह में पड़े) के नाम से भी जाना…

जानें क्यों खास है धनुर्मास की वैकुण्ठ एकादशी? पूजा और दान से बदल जाएगी आपकी किस्मत!

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सनातन धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है, और जब यह एकादशी धनुर्मास (तमिल पंचांग में ‘मार्गाज्ही मास’) में आती है, तो इसका महत्व कई गुना बढ़ जाता है। इस एकादशी को वैकुण्ठ एकादशी या मुक्कोटी एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह सिर्फ एक व्रत नहीं, बल्कि साक्षात मोक्ष (Salvation) का द्वार…

वैकुण्ठ एकादशी व्रत – मोक्ष का महाद्वार खोलने वाला पावन दिन, चावल क्यों हैं वर्जित? जानें 7 जरूरी नियम और शुभ मुहूर्त

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सनातन धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है, और जब बात वैकुण्ठ एकादशी (Vaikuntha Ekadashi) की हो, तो इसका माहात्म्य कई गुना बढ़ जाता है। इसे ‘मोक्षदा एकादशी’ और ‘मुरवैकादशी’ के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति के लिए…

जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति दिलाएगी वैकुण्ठ एकादशी, ये 5 काम करना न भूलें!

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सनातन धर्म में एकादशी (Ekadashi) का व्रत विशेष महत्व रखता है, लेकिन इन सबमें भी वैकुण्ठ एकादशी (Vaikuntha Ekadashi) का स्थान सर्वोपरि है। इसे ‘मोक्षदा एकादशी’ या पौष पुत्रदा एकादशी (Pausha Putrada Ekadashi) के नाम से भी जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस पावन दिन स्वर्ग के द्वार (Swarg Dwar) खुल जाते हैं,…

कूर्म द्वादशी का रहस्य – श्रीहरि विष्णु का कच्छप अवतार क्यों है इतना खास? महत्व और पूजन के नियम

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हिन्दू धर्म में भगवान विष्णु के दस अवतारों (दशावतार) का विशेष महत्व है, और इन्हीं में से एक है उनका दूसरा अवतार – कूर्म अवतार (Kurma Avatar)। कूर्म, जिसका अर्थ संस्कृत में ‘कछुआ’ होता है, इस बात का प्रतीक है कि सृष्टि के संतुलन को बनाए रखने के लिए स्वयं श्रीहरि विष्णु ने कितना विराट…

अष्टधातु का कछुआ रखने से क्या होता है लाभ? कूर्म द्वादशी के दिन जानें सही दिशा और उपाय

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क्या आपके जीवन में स्थिरता (Stability) और समृद्धि (Prosperity) की कमी है? क्या आप अपने करियर या व्यापार में तरक्की (Progress) चाहते हैं? अगर हां, तो अष्टधातु का कछुआ (Ashtadhatu Tortoise) आपके लिए एक चमत्कारी उपाय (Miraculous remedy) हो सकता है। हिंदू धर्म और वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) दोनों में ही कछुए को अत्यंत शुभ…

कूर्म द्वादशी 2025 – भगवान विष्णु ने क्यों लिया था कछुआ अवतार? जानें समुद्र मंथन की पूरी कथा और पूजा विधि

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हिंदू धर्म में, भगवान विष्णु के दस अवतारों (Ten Avatars) का विशेष महत्व है। इनमें से एक अद्वितीय और महत्वपूर्ण अवतार है कूर्म अवतार (कछुआ रूप)। कूर्म द्वादशी का पावन पर्व इसी अवतार को समर्पित है। हर साल पौष मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को यह व्रत और पूजन किया जाता है। आइए,…

घर में चांदी का कछुआ कब और क्यों लाएं? कूर्म द्वादशी पर करें ये अचूक उपाय, बरसेगी लक्ष्मी कृपा! (Silver Turtle – Vastu Tips)

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सनातन धर्म और वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) में कछुए (Tortoise) को अत्यंत शुभ और चमत्कारी माना गया है। यह न केवल लंबी आयु, स्थिरता (Stability) और धैर्य का प्रतीक है, बल्कि इसे धन और समृद्धि (Wealth and Prosperity) का कारक भी माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सभी धातुओं के कछुओं में,…

श्री शारदा माँ की आरती

श्री शारदा माँ की आरती PDF ज्ञान और विद्या की देवी माँ शारदा (सरस्वती) की आराधना का एक लोकप्रिय माध्यम है। “श्री शारदा माँ की आरती PDF” एक डिजिटल दस्तावेज़ है जिसमें यह पवित्र स्तुति हिंदी भाषा की देवनागरी लिपि में उपलब्ध होती है। भक्तगण इसे आसानी से डाउनलोड करके पूजा-अर्चना के दौरान माँ के…

शारदा दशक स्तोत्र

शारदा दशक स्तोत्र एक पवित्र संस्कृत स्तोत्र है जो विद्या और ज्ञान की देवी, माँ शारदा (सरस्वती) को समर्पित है। ‘दशक’ का अर्थ है दस श्लोकों का संग्रह, इसलिए यह स्तोत्र दस छंदों में देवी की महिमा का वर्णन करता है। इस स्तोत्र को पढ़ने से बुद्धि, स्मरण शक्ति और वाक्पटुता में वृद्धि होती है,…

नरक चतुर्दशी कथा

नरक चतुर्दशी कथा PDF आमतौर पर छोटी दिवाली के रूप में मनाए जाने वाले त्योहार, नरक चतुर्दशी से जुड़ी पौराणिक कहानियों का संग्रह है। कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाए जाने वाले इस पर्व की मुख्य कथा यह है कि भगवान श्रीकृष्ण ने अत्याचारी नरकासुर का वध किया था। नरकासुर ने सोलह…

कमला अष्टक स्तोत्र

कमला अष्टक स्तोत्र एक पवित्र संस्कृत पाठ है जो देवी कमला (माँ लक्ष्मी) को समर्पित है, जो दस महाविद्याओं में से एक हैं। ‘अष्टक’ का अर्थ है आठ छंदों का संग्रह। यह स्तोत्र देवी कमला की स्तुति करता है, उनकी कृपा, धन और समृद्धि के लिए उनका आह्वान करता है। कमला महालक्ष्मी का स्वरूप हैं…

शनि प्रदोष व्रत कथा और पूजा विधि

शनिवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को शनि प्रदोष व्रत कहते हैं। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती के साथ शनिदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस व्रत की कथा में एक निर्धन ब्राह्मण और उसकी पत्नी को संतान सुख प्राप्त होने का वर्णन है, जो ऋषि शांडिल्य…

देवी कमला सहस्रनामावली

देवी कमला सहस्रनामावली देवी कमला के 1000 दिव्य नामों का संग्रह है, जो धन, समृद्धि और ऐश्वर्य की अधिष्ठात्री देवी मानी जाती हैं। देवी कमला, महालक्ष्मी का एक रूप हैं और उनकी पूजा से साधक को जीवन में सुख-समृद्धि और आध्यात्मिक शांति की प्राप्ति होती है। सहस्रनामावली में उनके विभिन्न नामों का उल्लेख उनकी महिमा,…

शारदा स्तुति

शारदा स्तुति (या सरस्वती वंदना) माँ शारदा अर्थात् देवी सरस्वती को समर्पित एक पवित्र प्रार्थना है। इन्हें ज्ञान, कला, संगीत और वाणी की देवी माना जाता है। “शारदा स्तुति PDF” का तात्पर्य उस दस्तावेज़ से है जो इस स्तुति के मूल संस्कृत श्लोकों या हिंदी अनुवाद को पढ़ने और कंठस्थ करने के लिए देवनागरी लिपि…

अहोई माता आरती

अहोई अष्टमी का पावन पर्व, संतान की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए मनाया जाता है। इस दिन माताएँ अहोई माता आरती गाकर देवी का आशीर्वाद प्राप्त करती हैं। अहोई माता की महिमा अपरंपार है और उनकी कृपा से सूनी गोद भी भर जाती है। यदि आप अहोई माता की संपूर्ण आरती और पूजन विधि…

मासिक दुर्गाष्टमी व्रत कथा

मासिक दुर्गाष्टमी व्रत, शक्ति और भक्ति का प्रतीक है, हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। इस दिन भक्त मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं, विशेषकर उनकी असीम शक्ति और कल्याणकारी स्वरूप का स्मरण करते हैं। व्रत कथा के अनुसार, जब धरती पर महिषासुर जैसे राक्षसों का अत्याचार…

Kartik Month 2025 – कार्तिक मास में क्या करें, क्या न करें? कार्तिक माह क्यों है विशेष?

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कार्तिक मास हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र महीना माना जाता है। यह महीना भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इस दौरान कई धार्मिक अनुष्ठान और व्रत किए जाते हैं। आइए जानते हैं कार्तिक मास 2025 में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए, साथ ही इस महीने के महत्व और पौराणिक कथाओं के…

श्री गोपाष्टमी व्रत कथा एवं पूजा विधि

श्री गोपाष्टमी व्रत कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व गौ माता की पूजा और सेवा के लिए समर्पित है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने 6 वर्ष की आयु में पहली बार गौ चारण (गायों को चराना) शुरू किया था। इस दिन गाय और उनके बछड़े…

श्री कार्तिक मास कथा

कार्तिक मास हिन्दू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है। इस मास के महत्व और नियमों का वर्णन ‘श्री कार्तिक मास कथा’ में मिलता है, जिसे भक्तजन पुण्य लाभ के लिए पढ़ते हैं। इस कथा का हिंदी PDF रूप आसानी से उपलब्ध है। कथा में मुख्य रूप से भगवान विष्णु, श्रीकृष्ण और माता लक्ष्मी की…

कार्तिक पूर्णिमा व्रत कथा

कार्तिक पूर्णिमा हिंदू धर्म में एक अत्यंत पवित्र तिथि है। इस दिन व्रत और पूजा का विशेष महत्व है। लोग इस व्रत और कथा को पढ़ने के लिए अक्सर “कार्तिक पूर्णिमा व्रत PDF” की तलाश करते हैं। यह PDF सामग्री में व्रत की विधि, कथा और महत्व शामिल होते हैं। इस दिन पवित्र नदियों में…

कार्तिक अमावस्या व्रत कथा

कार्तिक अमावस्या, जिसे दीपावली के रूप में मनाया जाता है, हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन व्रत रखने और पूजा करने का विशेष महत्व है। ‘कार्तिक अमावस्या व्रत PDF’ में अक्सर इस व्रत की संपूर्ण कथा, पूजन विधि, शुभ मुहूर्त और इसके महात्म्य का विवरण होता है। यह PDF पाठकों को यह जानने…

आंवला नवमी (अक्षय नवमी) की व्रत कथा व पूजा विधि

आंवला नवमी, जिसे अक्षय नवमी भी कहा जाता है, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है। ‘अक्षय’ का अर्थ है जिसका कभी क्षरण न हो, इसलिए इस दिन किए गए पुण्य और दान का फल अक्षय होता है। इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व है, क्योंकि…

राधाकुण्ड और अहोई अष्टमी से जुड़ी कथा

अहोई अष्टमी का व्रत कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को किया जाता है। यह व्रत माताएँ अपनी संतान की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए रखती हैं। इस दिन, विशेष रूप से जिन दंपत्तियों को संतान प्राप्ति नहीं हुई है, उनके लिए मथुरा के पास स्थित राधाकुण्ड में अर्धरात्रि को स्नान का विशेष…

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