वैकुण्ठ चतुर्दशी प्रचलित पौराणिक कथा

।।वैकुण्ठ चतुर्दशी प्रचलित पौराणिक कथा।। पौराणिक मतानुसार एक बार भगवान विष्णु देवाधिदेव महादेव का पूजन करने के लिए काशी आए। वहाँ मणिकर्णिका घाट पर स्नान करके उन्होंने एक हजार कमल पुष्पों से भगवान विश्वनाथ के पूजन का संकल्प किया। अभिषेक के बाद जब वे पूजन करने लगे तो शिवजी ने उनकी भक्ति की परीक्षा के…

श्री राधा आरती

|| आरती || आरती श्री वृषभानुसुता की, मंजुल मूर्ति मोहन ममता की। त्रिविध तापयुत संसृति नाशिनि, विमल विवेकविराग विकासिनि। पावन प्रभु पद प्रीति प्रकाशिनि, सुन्दरतम छवि सुन्दरता की॥ आरती श्री वृषभानुसुता की। मुनि मन मोहन मोहन मोहनि, मधुर मनोहर मूरति सोहनि। अविरलप्रेम अमिय रस दोहनि, प्रिय अति सदा सखी ललिता की॥ आरती श्री वृषभानुसुता की।…

Radha Ashtami 2024 – जानिए राधा जी से जुड़े गुप्त रहस्य और विशेष रोचक कथाएं

Radhe Krishna

राधा जी को भगवान कृष्ण की प्रियतमा और गोपियों की रानी माना जाता है। उनका जीवन रहस्यों और चमत्कारों से भरा हुआ है। राधा जी के गुप्त रहस्य और रोचक कथाओं की विशेषता उनके अनंत भक्तों के दिलों में आज भी अजेय है। उनके साथ जुड़ी गाथाएं और अन्य कथाएं हमें ध्यान और आध्यात्मिकता की…

श्री राधा चालीसा

॥ दोहा ॥ श्री राधे वुषभानुजा, भक्तनि प्राणाधार । वृन्दाविपिन विहारिणी, प्रानावौ बारम्बार ॥ जैसो तैसो रावरौ, कृष्ण प्रिय सुखधाम । चरण शरण निज दीजिये, सुन्दर सुखद ललाम ॥ ॥ चौपाई ॥ जय वृषभान कुंवारी श्री श्यामा । कीरति नंदिनी शोभा धामा ॥ नित्य विहारिणी श्याम अधर । अमित बोध मंगल दातार ॥ रास विहारिणी…

देवी राधा सहस्रनामावली

॥ देवी राधा सहस्रनामावली ॥ ॐ अङ्गपरित्यगायै नमः। ॐ अङ्गारपूर्णायै नमः। ॐ अणिमाद्यष्टसिद्धिदायै नमः। ॐ अण्डपरिपालिन्यै नमः। ॐ अण्डबाह्याण्डसंहर्त्र्यै नमः। ॐ अण्डमध्यस्थायै नमः। ॐ अण्डरूपायै नमः। ॐ अतिसुन्दर्यै नमः। ॐ अतीतगमनायै नमः। ॐ अतीतगुणायै नमः। ॐ अनंशायै नमः। ॐ अनङ्गमोहिनीशक्तिरूपायै नमः। ॐ अनङ्गलतायै नमः। ॐ अनुत्तरायै नमः। ॐ अन्धकारभयध्वस्तायै नमः। ॐ अन्नपूर्णायै नमः। ॐ अपराजितायै…

श्री राधा अष्टमी व्रत कथा

|| राधा अष्टमी महत्व || राधा अष्टमी का सनातन धर्म में बहुत महत्व है। इस दिन राधा रानी की पूजा की जाती है और व्रत किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि राधा अष्टमी का व्रत करने से साधक कभी भी धन की कोई कमी नहीं होती है। जो भी राधा अष्टमी का व्रत निष्ठा…

श्री राधा स्तुति

|| स्तुति || नमस्ते परमेशानि रासमण्डलवासिनी। रासेश्वरि नमस्तेऽस्तु कृष्ण प्राणाधिकप्रिये।। नमस्त्रैलोक्यजननि प्रसीद करुणार्णवे। ब्रह्मविष्ण्वादिभिर्देवैर्वन्द्यमान पदाम्बुजे।। नम: सरस्वतीरूपे नम: सावित्रि शंकरि। गंगापद्मावनीरूपे षष्ठि मंगलचण्डिके।। नमस्ते तुलसीरूपे नमो लक्ष्मीस्वरुपिणी। नमो दुर्गे भगवति नमस्ते सर्वरूपिणी।। मूलप्रकृतिरूपां त्वां भजाम: करुणार्णवाम्। संसारसागरादस्मदुद्धराम्ब दयां कुरु।। || इति सम्पूर्ण श्री राधा स्तुति ||

श्री राधिका सहस्रनामावली

।। श्री राधिका सहस्रनामावली ।। श्री राधायै नमः । ॐ राधिकायै नमः ॐ कृष्णवल्लभायै नमः ॐ कृष्णसंयुतायै नमः ॐ वृन्दावनेश्वर्यै नमः ॐ कृष्णप्रियायै नमः ॐ मदनमोहिन्यै नमः ॐ श्रीमत्यै कृष्णकान्तायै नमः ॐ कृष्णनंदप्रदायिन्यै नमः ॐ यशस्विन्यै नमः ॐ यशोगम्यायै नमः ॐ यशोदानंदवल्ल्भायै नमः ॐ दामोदरप्रियायै नमः ॐ गोप्यै नमः ॐ गोपानंदकर्यै नमः ॐ कृष्णाङ्गवासिन्यै नमः…

स्वर विज्ञान (Swar Vigyan)

स्वर विज्ञान (Swar Vigyan)

स्वर विज्ञान एक प्राचीन तांत्रिक और योगिक शास्त्र है, जिसमें श्वास (सांस) और नासिका के माध्यम से व्यक्ति के जीवन और उसके भौतिक व आध्यात्मिक उन्नति का गहरा संबंध बताया गया है। “स्वर विज्ञान” पुस्तक में श्वास-प्रश्वास की प्रक्रियाओं, नासिकाओं की गतिविधियों और उनके प्रभावों का विस्तृत वर्णन किया गया है। यह विज्ञान नाड़ी शास्त्र…

मंत्र विज्ञान (Mantra Vigyan)

मंत्र विज्ञान (Mantra Vigyan)

मंत्र विज्ञान एक प्राचीन और रहस्यमय शास्त्र है, जो मंत्रों की शक्ति और उनके प्रयोग पर आधारित है। “मंत्र विज्ञान” पुस्तक में मंत्रों के गूढ़ रहस्यों, उनके सही उच्चारण, विधियों और उनके प्रभावों का वर्णन किया गया है। यह पुस्तक साधकों के लिए अत्यंत उपयोगी होती है, जो मंत्रों के माध्यम से आत्मिक और भौतिक…

स्कन्द षष्ठी व्रत कथा व पूजा विधि

।। स्कन्द षष्ठी व्रत पूजा विधि ।। सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें और भगवान कार्तिकेय की बालस्वरूप प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद दीपक जलाएं और व्रत का संकल्प लें। ऐसा करने के बाद भगवान कार्तिकेय को चंदन, धूप, दीप, पुष्प, वस्त्र इत्यादि अर्पित करें। फिर उन्हें एक मिष्ठान का भोग लगाएं। आज के दिन माता…

श्री गणपति अथर्वशीर्ष स्तोत्रम हिन्दी पाठ अर्थ सहित (विधि – लाभ)

।। गणपति अथर्वशीर्ष पाठ विधि – लाभ ।। गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ हमेशा आसन पर बैठ पूर्व, उत्तर या ईशान कोण की दिशा की ओर मुख करके करना चाहिए। अथर्वशीर्ष स्तोत्र के पाठ से मनुष्य के जीवन में सर्वांगीण उन्नति होती है। इसके पाठ से सभी प्रकार के विघ्न-बाधाएं दूर होती है। व्यापार या नौकरी…

गणेश पूजा विधि मंत्र सहित – गणेश चतुर्थी 2024 का शुभ मुहूर्त (Ganpati Sthapana – Visarjan Vidhi)

bhagwan ganesh

हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी का बहुत खास स्थान है। वैसे तो हर महीने की कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश जी की पूजा होती है, लेकिन भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन से गणेश उत्सव की शुरुआत होती है जो 10 दिनों तक चलता…

गणेश चतुर्थी पूजन 2024- बप्पा को प्रसन्न करने के लिए पूजन सामग्री की सूची

ganesh chaturthi

गणेश पूजा हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जो हर शुभ कार्य की शुरुआत में भगवान गणेश की पूजा के रूप में मनाया जाता है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और शुभकार्य का प्रतीक माना जाता है। यहां हम गणेश पूजा के लिए आवश्यक सभी सामग्रियों की सूची, उपयोग, और महत्व का विस्तार से वर्णन…

श्री गणपति आरती

॥ आरती ॥ गणपति की सेवा मंगल मेवा, सेवा से सब विघ्न टरैं। तीन लोक के सकल देवता, द्वार खड़े नित अर्ज करैं॥ गणपति की सेवा मंगल मेवा…। रिद्धि-सिद्धि दक्षिण वाम विराजें, अरु आनन्द सों चमर करैं। धूप-दीप अरू लिए आरती भक्त खड़े जयकार करैं॥ गणपति की सेवा मंगल मेवा…। गुड़ के मोदक भोग लगत…

हरतालिका तीज व्रत कथा

|| हरतालिका तीज व्रत कथा || एक कथा के अनुसार माँ पार्वती ने अपने पूर्व जन्म में भगवान शंकर को पति रूप में प्राप्त करने के लिए हिमालय पर गंगा के तट पर अपनी बाल्यावस्था में अधोमुखी होकर घोर तप किया। इस दौरान उन्होंने अन्न का सेवन नहीं किया। काफी समय सूखे पत्ते चबाकर ही…

श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा

|| बृहस्पतिवार व्रत का महत्व || गुरुवार (बृहस्पतिवार) का व्रत बड़ा ही फलदायी माना जाता है। गुरुवार के दिन श्री हरि विष्णुजी की पूजा का विधान है। कई लोग बृहस्पतिदेव और केले के पेड़ की भी पूजा करते हैं। बृहस्पतिदेव को बुद्धि का कारक माना जाता है। केले के पेड़ को हिन्दू धर्मानुसार बेहद पवित्र…

श्री बृहस्पतिदेव चालीसा

|| दोहा || प्रन्वाऊ प्रथम गुरु चरण, बुद्धि ज्ञान गुन खान | श्रीगणेश शारदसहित, बसों ह्रदय में आन || अज्ञानी मति मंद मैं, हैं गुरुस्वामी सुजान | दोषों से मैं भरा हुआ हूं तुम हो कृपा निधान। || चौपाई || जय नारायण जय निखिलेशवर, विश्व प्रसिद्ध अखिल तंत्रेश्वर | यंत्र-मंत्र विज्ञानं के ज्ञाता , भारत…

श्री बृहस्पति देव आरती

॥ आरती ॥ जय वृहस्पति देवा, ऊँ जय वृहस्पति देवा । छिन छिन भोग लगा‌ऊँ, कदली फल मेवा ॥ ऊँ जय वृहस्पति देवा, जय वृहस्पति देवा ॥ तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी । जगतपिता जगदीश्वर, तुम सबके स्वामी ॥ ऊँ जय वृहस्पति देवा, जय वृहस्पति देवा ॥ चरणामृत निज निर्मल, सब पातक हर्ता । सकल…

वराह अवतार की कथा

।। वराह अवतार की कथा ।। हिरण्याक्ष नामक एक दश्यू के अत्याचारों से पृथ्वी को मुक्ति दिलाने के लिए प्रभु ने वराह रूप में अवतार लिया था। आज हम आपको इसी कथा के बारे में बताने जा रहे हैं। जब कश्यप ऋषि की पत्नी दिती की गर्भ से हिरण्याक्ष और हिरण्यकश्यप नाम के दो जुड़वां…

Varah Puran (वराह पुराण)

Varah Puran (वराह पुराण)

वराह पुराण हिंदू धर्म के अठारह महापुराणों में से एक महत्वपूर्ण पुराण है। इस पुराण का नाम भगवान विष्णु के वराह अवतार के नाम पर रखा गया है। वराह पुराण में भगवान विष्णु के इस अवतार की महिमा, उनकी लीलाओं, धर्म, भक्ति, तीर्थ यात्रा, और पौराणिक कथाओं का विस्तृत वर्णन मिलता है। वराह पुराण की…

श्री वराह कवचम्

॥ श्रीवराहकवचम् ॥ आद्यं रङ्गमिति प्रोक्तं विमानं रङ्गसंज्ञितम् । श्रीमुष्णं वेङ्कटाद्रिं च साळग्रामं च नैमिशम् ॥ तोयाद्रिं पुष्करं चैव नरनारायणाश्रमम् । अष्टौ मे मूर्तयः सन्ति स्वयं व्यक्ता महीतले ॥ श्रीसूतः – श्रीरुद्रमुखनिर्णीतमुरारिगुणसत्कथा । सन्तुष्टा पार्वती प्राह शङ्करं लोकशङ्करम् ॥ श्रीपार्वत्युवाच – श्रीमुष्णेशस्य माहात्म्यं वराहस्य महात्मनः । श्रुत्वा तृप्तिर्न मे जाता मनः कौतूहलायते । श्रोतुं तद्देवमाहात्म्यं…

स्कन्द षष्ठी 2024 लिस्ट – पूजा विधि, सामग्री जानिये महत्व और इसकी तैयारियां

lord kartikeya

स्कन्द षष्ठी भगवान स्कन्द, जिन्हें कार्तिकेय और मुरुगन के नाम से भी जाना जाता है, की पूजा का विशेष पर्व है। यह षष्ठी तिथि को मनाया जाता है, जो कि भगवान स्कन्द के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है। स्कन्द षष्ठी का पर्व विशेष रूप से तमिलनाडु और दक्षिण भारत में बड़े धूमधाम से…

Saundarya Lahari (सौंदर्य लहरी)

Saundarya Lahari (सौंदर्य लहरी)

सौंदर्य लहरी एक प्राचीन संस्कृत ग्रंथ है, जिसे आदि शंकराचार्य द्वारा रचित माना जाता है। यह ग्रंथ माँ पार्वती (शक्ति) की स्तुति में लिखा गया है और इसमें देवी के सौंदर्य, शक्ति, और कृपा का वर्णन किया गया है। “सौंदर्य लहरी” का शाब्दिक अर्थ है “सौंदर्य की लहरें,” और यह ग्रंथ वास्तव में देवी के…

Manglacharana (मंगलाचरण)

Manglacharana (मंगलाचरण)

मंगलाचरण का शाब्दिक अर्थ है “मंगल के लिए की गई प्रार्थना”। यह हिंदू धार्मिक और साहित्यिक ग्रंथों की एक प्रारंभिक प्रार्थना होती है, जो किसी शुभ कार्य या ग्रंथ के आरंभ में की जाती है। मंगलाचरण का उद्देश्य भगवान की कृपा प्राप्त करना और आरंभ किए गए कार्य को सफलतापूर्वक पूरा करना होता है। मंगलाचरण…

वेद और पुराणों में क्या अंतर है? – सम्पूर्ण जानकारी

vedas puranas difference

वेद और पुराण भारतीय संस्कृति के महत्वपूर्ण ग्रंथ हैं जो भारतीय धर्म और दर्शन को गहराई से परिभाषित करते हैं। हालांकि, इनमें कुछ मौलिक अंतर भी हैं जिन्हें जानना आवश्यक है। वेद क्या हैं? वेद प्राचीन भारत के धार्मिक ग्रंथ हैं जो संस्कृत भाषा में रचित हैं। वेदों को हिंदू धर्म के सबसे पवित्र शास्त्र…

तुलसी चालीसा

॥ दोहा ॥ जय जय तुलसी भगवती सत्यवती सुखदानी । नमो नमो हरि प्रेयसी श्री वृन्दा गुन खानी ॥ श्री हरि शीश बिरजिनी, देहु अमर वर अम्ब । जनहित हे वृन्दावनी अब न करहु विलम्ब ॥ ॥ चौपाई ॥ धन्य धन्य श्री तलसी माता । महिमा अगम सदा श्रुति गाता ॥ हरि के प्राणहु से…

श्री गंगा चालीसा

॥दोहा॥ जय जय जय जग पावनी, जयति देवसरि गंग । जय शिव जटा निवासिनी, अनुपम तुंग तरंग ॥ ॥चौपाई॥ जय जय जननी हराना अघखानी । आनंद करनी गंगा महारानी ॥ जय भगीरथी सुरसरि माता । कलिमल मूल डालिनी विख्याता ॥ जय जय जहानु सुता अघ हनानी । भीष्म की माता जगा जननी ॥ धवल कमल…

कैला देवी चालीसा

॥ दोहा ॥ जय जय कैला मात हे, तुम्हे नमाउ माथ ॥ शरण पडूं में चरण में, जोडूं दोनों हाथ ॥ आप जानी जान हो, मैं माता अंजान ॥ क्षमा भूल मेरी करो, करूँ तेरा गुणगान ॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय जय कैला महारानी । नमो नमो जगदम्ब भवानी ॥ सब जग की हो…

श्री बगलामुखी चालीसा

॥ दोहा ॥ सिर नवाइ बगलामुखी, लिखूं चालीसा आज ॥ कृपा करहु मोपर सदा, पूरन हो मम काज ॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय जय श्री बगला माता । आदिशक्ति सब जग की त्राता ॥ बगला सम तब आनन माता । एहि ते भयउ नाम विख्याता ॥ शशि ललाट कुण्डल छवि न्यारी । असतुति करहिं…

विन्ध्येश्वरी चालीसा

॥ दोहा ॥ नमो नमो विन्ध्येश्वरी, नमो नमो जगदम्ब । सन्तजनों के काज में, करती नहीं विलम्ब ॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय जय विन्ध्याचल रानी। आदिशक्ति जगविदित भवानी ॥ सिंहवाहिनी जै जगमाता । जै जै जै त्रिभुवन सुखदाता ॥ कष्ट निवारण जै जगदेवी । जै जै सन्त असुर सुर सेवी ॥ महिमा अमित अपार…

श्री लक्ष्मी चालीसा

॥ दोहा॥ मातु लक्ष्मी करि कृपा, करो हृदय में वास । मनोकामना सिद्घ करि, परुवहु मेरी आस ॥ ॥ सोरठा॥ यही मोर अरदास, हाथ जोड़ विनती करुं । सब विधि करौ सुवास, जय जननि जगदंबिका ॥ ॥ चौपाई ॥ सिन्धु सुता मैं सुमिरौ तोही । ज्ञान बुद्घि विघा दो मोही ॥ तुम समान नहिं कोई…

श्री गायत्री चालीसा

॥ दोहा ॥ हीं श्रीं, क्लीं, मेधा, प्रभा, जीवन ज्योति प्रचण्ड । शांति, क्रांति, जागृति, प्रगति, रचना शक्ति अखण्ड ॥ जगत जननि, मंगल करनि, गायत्री सुखधाम । प्रणवों सावित्री, स्वधा, स्वाहा पूरन काम ॥ ॥ चालीसा ॥ भूर्भुवः स्वः ॐ युत जननी । गायत्री नित कलिमल दहनी ॥ अक्षर चौबिस परम पुनीता । इनमें बसें…

श्री सूर्य देव चालीसा

॥ दोहा ॥ कनक बदन कुण्डल मकर, मुक्ता माला अङ्ग, पद्मासन स्थित ध्याइए, शंख चक्र के सङ्ग॥ ॥ चौपाई ॥ जय सविता जय जयति दिवाकर, सहस्त्रांशु सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु पतंग मरीची भास्कर, सविता हंस सुनूर विभाकर॥ विवस्वान आदित्य विकर्तन, मार्तण्ड हरिरूप विरोचन॥ अम्बरमणि खग रवि कहलाते, वेद हिरण्यगर्भ कह गाते॥ सहस्त्रांशु प्रद्योतन, कहिकहि, मुनिगन होत…

श्री सरस्वती चालीसा

॥ दोहा ॥ जनक जननि पद्मरज, निज मस्तक पर धरि । बन्दौं मातु सरस्वती, बुद्धि बल दे दातारि ॥ पूर्ण जगत में व्याप्त तव, महिमा अमित अनंतु। दुष्जनों के पाप को, मातु तु ही अब हन्तु ॥ ॥ चालीसा ॥ जय श्री सकल बुद्धि बलरासी । जय सर्वज्ञ अमर अविनाशी ॥ जय जय जय वीणाकर…

कुबेर चालीसा

॥ दोहा ॥ जैसे अटल हिमालय, और जैसे अडिग सुमेर । ऐसे ही स्वर्ग द्वार पे, अविचल खडे कुबेर ॥ विघ्न हरण मंगल करण, सुनो शरणागत की टेर । भक्त हेतु वितरण करो, धन माया के ढेर ॥ ॥ चौपाई ॥ जै जै जै श्री कुबेर भण्डारी । धन माया के तुम अधिकारी ॥ तप…

हलषष्ठी सम्पूर्ण व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| हलषष्ठी व्रत पूजा विधि || भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी से ही व्रत का नियम शुरू करें अर्थात् एक समय का भोजन कर हलषष्ठी व्रत करने का संकल्प करें। षष्ठी के दिन प्रातःकाल स्नानादि से निवृत्त हो जाएं। एक बार का धोया अर्थात् नवीन स्वच्छ वस्त्र धारण करें। माताएँ सौभाग्य का सारा…

अजा एकादशी व्रत रखने की विधि, पूजा सामग्री, मंत्र और आरती

aja ekadashi

अजा एकादशी भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को कहते हैं। यह एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है और इसे बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। अजा एकादशी का व्रत हिंदू धर्म में…

अजा एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

॥ अजा एकादशी पूजा विधि ॥ अजा एकादशी का व्रत करने वाले जातक ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य क्रिया से निपटने के बाद भगवान विष्णु का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लेना चाहिए। पूजा से पहले घट स्थापना की जाती है, जिसमें घड़े पर लाल रंग का वस्त्र सजाया जाता है और उसकी पूजा…

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2024 कब है? इस बार कब बजेगा ‘मटकी फोड़’ का शंख? जानिए शुभ मुहूर्त

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हिंदू पंचांग के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव प्रति वर्ष भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस साल, कृष्ण जन्माष्टमी 26 अगस्त 2024, सोमवार को मनाई जाएगी। कृष्ण जन्माष्टमी 2024 में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मदिन धूमधाम से मनाया जाएगा। यह पर्व हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से…

लड्डू गोपाल के लिए पसंदीदा भोग लिस्ट, जानें भोग की विधि और सामग्री

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लड्डू गोपाल को भोग लगाना भगवान कृष्ण की पूजा का एक अनिवार्य हिस्सा है। यह प्रेम और भक्ति का प्रतीक है, और ऐसा माना जाता है कि भगवान स्वादिष्ट भोग ग्रहण करके भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। लड्डू गोपाल के लिए भोग अर्पित करना विशेष महत्वपूर्ण होता है। भोग लगाकर भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न…

श्री सायिनाथ महिमा स्तोत्रम्

|| श्री सायिनाथ महिमा स्तोत्रम् || सदा सत्स्वरूपं चिदानन्दकन्दं जगत्संभवस्थान संहार हेतुं स्वभक्तेच्छया मानुषं दर्शयन्तं नमामीश्वरं सद्गुरुं सायिनाथम् ॥ १ ॥ भवध्वान्त विध्वंस मार्ताण्ड मीढ्यं मनोवागतीतं मुनिर्ध्यान गम्यं जगद्व्यापकं निर्मलं निर्गुणं त्वां नमामीश्वरं सद्गुरुं सायिनाथम् ॥ २ ॥ भवांभोधिमग्नार्दितानां जनानां स्वपादाश्रितानां स्वभक्ति प्रियाणां समुद्धारणार्थं कलौ संभवन्तं नमामीश्वरं सद्गुरुं सायिनाथम् ॥ ३ ॥ सदा निम्बवृक्षस्य मूलाधिवासात्…

षेज आरति

|| षेज आरति || ओवालु आरती माझ्या सद्गुरु नाथा माझा सायिनाथा । पाञ्चाही तत्त्वाञ्चा दीप लाविला आता ॥ निर्गुणाचीस्थिति कैसि आकारा आली बाबा आकारा आली । सर्वाघटी भरूनि उरली सायी मा ऊली ॥ १ ॥ ओवालु आरती माझ्या सद्गुरुनाथा माझा सायिनाथा । पाञ्चाही तत्त्वाञ्चा दीप लाविला आता ॥ रजतमसत्वतिघेमाया प्रसावली बाबा मायाप्रसावली । माये चीया…

श्री कृष्ण भोग आरती

।। श्री कृष्ण भोग आरती ।। आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन… दुर्योधन को मेवा त्यागो, साग विदुर घर खायो प्यारे मोहन, आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन… भिलनी के बैर सुदामा के तंडुल रूचि रूचि भोग लगाओ प्यारे मोहन… आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन… वृदावन की कुञ्ज गली मे, आओं रास…

श्री कृष्ण सहस्रनामावली

।। श्री कृष्ण सहस्रनामावली ।। ॐ हरये स्वाहा। ॐ देवकीनंदनाय स्वाहा। ॐ कंसहन्त्रे स्वाहा। ॐ परात्मने स्वाहा। ॐ पीताम्बराय स्वाहा। ॐ पूर्णदेवाय स्वाहा। ॐ रमेशाय स्वाहा। ॐ कृष्णाय स्वाहा। ॐ परेशाय स्वाहा। ॐ पुराणाय स्वाहा। ॐ सुरेशाय स्वाहा। ॐ अच्युताय स्वाहा। ॐ वासुदेवाय स्वाहा। ॐ देवाय स्वाहा। ॐ धराभारहर्त्रे स्वाहा। ॐ कृतिने स्वाहा। ॐ राधिकेशाय…

श्री बाल कृष्ण जी आरती

|| बाल कृष्ण आरती || आरती बाल कृष्ण की कीजै, अपना जन्म सफल कर लीजै ॥ श्री यशोदा का परम दुलारा, बाबा के अँखियन का तारा । गोपियन के प्राणन से प्यारा, इन पर प्राण न्योछावर कीजै ॥ ॥ आरती बाल कृष्ण की कीजै…॥ बलदाऊ के छोटे भैया, कनुआ कहि कहि बोले मैया । परम…

श्री कृष्ण जी के मंत्र लाभ सहित

।। श्री कृष्ण मंत्र के लाभ ।। श्री कृष्ण मंत्र का जाप करने से सभी पापो का नाश होता है और सुख सौभाग्य में वृद्धि होती है श्री कृष्णा भगवन की पूजा बुधवार के दिन करना शुभ माना जाता है श्री कृष्णा मंत्र का जाप करने से जीवन में सकरात्मकता आती है श्री कृष्णा मंत्र…

आरती कुंजबिहारी की (Shri Krishna Aarti)

|| आरती कुंजबिहारी की || आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥ आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥ गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला । श्रवण में कुण्डल झलकाला, नंद के आनंद नंदलाला । गगन सम अंग कांति काली, राधिका चमक रही आली । लतन में ठाढ़े बनमाली…

श्री सायिनाथ अष्टकम्

|| श्री सायिनाथ अष्टकम् || पत्रिग्राम समुद्भूतं द्वारकामायि वासिनं भक्ताभीष्टप्रदं देवं सायिनाथं नमाम्यहम् ॥ १ ॥ महोन्नत कुलेजातं क्षीराम्बुधि समे शुभे द्विजराजं तमोघ्नं तं सायिनाथं नमाम्यहम् ॥ २ ॥ जगदुद्धारणार्थं यो नररूपधरो विभुः योगिनं च महात्मानं सायिनाथं नमाम्यहम् ॥ ३ ॥ साक्षात्कारे जये लाभे स्वात्मारामो गुरोर्मुखात् निर्मलं मम गात्रं च सायिनाथं नमाम्यहम् ॥ ४ ॥…

श्री सायि विभूति मन्त्र

|| श्री सायि विभूति मन्त्र || महाग्राहपीडां महोत्पातपीडां महारोगपीडां महातीव्रपीडां । हरत्याशुचे द्वारकामायि भस्मं नमस्ते गुरु श्रेष्ठ सायीश्वराय ॥ परमं पवित्रं बाबा विभूतिं परमं विचित्रं लीलाविभूतिं । परमार्थ इष्टार्थ मोक्षप्रदानं बाबा विभूतिं इदमाश्रयामि ॥