रावण आरती PDF

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MiscAarti (आरती संग्रह)हिन्दी

॥ आरती ॥ आरती कीजे दशानन जी की। लंकापति श्री रावण जी की॥ जाके बल से त्रिलोक डरता । सुमिरो जो भूखा न मरता॥ कैकसी पुत्र महाबल दायी। बना दे जो पर्वत को रायी॥ संतो को सदा तुमने मारा। पृथ्वी का कुछ बोच उतारा॥ बहन की नाक का बदला लीन्हा। सीता को अगवा कर दीन्हा॥...

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रावण आरती
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