श्री शनैश्चर सहस्रनामावली भगवान शनि देव के 1000 दिव्य नामों का संग्रह है। शनैश्चर यानी शनि देव, जो कर्मफल दाता और न्याय के देवता माने जाते हैं। वे प्रत्येक व्यक्ति को उनके कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। सहस्रनामावली का पाठ शनि देव की कृपा प्राप्त करने, शनि दोष दूर करने और जीवन में सुख-शांति लाने के लिए अत्यंत प्रभावशाली है।
यह सहस्रनामावली शनि देव के विभिन्न स्वरूपों, गुणों और कर्तव्यों का वर्णन करती है। शनि देव के प्रति श्रद्धा और भक्ति का यह अद्वितीय मार्ग उनके आशीर्वाद को पाने का सर्वोत्तम साधन है।
श्री शनैश्चर सहस्रनामावली पढ़ने के लाभ
- कुंडली में शनि दोष, साढ़ेसाती, या ढैया से उत्पन्न समस्याओं को कम करने में सहायक।
- भगवान शनि देव व्यक्ति को अपने कर्मों के प्रति जागरूक करते हैं और जीवन को धर्म और सत्य के मार्ग पर ले जाते हैं।
- यह सहस्रनामावली जीवन में शांति, समृद्धि और मानसिक संतुलन लाती है।
- शनि देव की कृपा से पुराने और जटिल रोगों से छुटकारा मिलता है।
- यह पाठ जीवन में धन और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करता है।
- शनि देव की कृपा से शत्रुओं का नाश होता है और जीवन में सुरक्षा का अनुभव होता है।
- शनि देव के नामों का जाप करने से जीवन के सभी कष्ट और बाधाएं दूर होती हैं।
- यह पाठ व्यक्ति को धैर्यवान बनाता है और आत्मविश्वास को बढ़ाता है।
श्री शनैश्चर सहस्रनामावली पढ़ने के नियम
- स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूजा स्थल को शुद्ध करें।
- शनिवार के दिन, विशेष रूप से प्रातःकाल या सूर्यास्त के समय, सहस्रनामावली का पाठ अधिक प्रभावी होता है।
- काले रंग के वस्त्र का आसन बिछाकर पश्चिम दिशा की ओर मुख करके बैठें।
- पाठ से पहले भगवान शनि देव के समक्ष अपनी मनोकामना प्रकट करें।
- सहस्रनामावली का पाठ 7, 11, या 21 शनिवार तक लगातार करें।
- पाठ के दौरान भगवान शनि देव के स्वरूप का ध्यान करें और एकाग्र रहें।
श्री शनैश्चर सहस्रनामावली की पूजा विधि
- शनि देव की मूर्ति या चित्र, सरसों का तेल, काले तिल, नीले फूल, दीपक, धूप और काले वस्त्र पूजा सामग्री एकत्रित करें।
- दीपक प्रज्वलित करें और “ॐ शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप करें।
- भगवान शनि देव का ध्यान करें और उन्हें प्रणाम करें।
- शांत चित्त से सहस्रनामावली का पाठ करें।
- प्रत्येक नाम को श्रद्धा और भक्ति के साथ उच्चारित करें।
- भगवान को सरसों का तेल और काले तिल अर्पित करें।
- पाठ के बाद शनि देव की आरती करें। प्रसाद वितरित करें।
॥ श्रीशनैश्चरसहस्रनामावळिः ॥
ॐ अमिताभाषिणे नमः ।
ॐ अघहराय नमः ।
ॐ अशेषदुरितापहाय नमः ।
ॐ अघोररूपाय नमः ।
ॐ अतिदीर्घकायाय नमः ।
ॐ अशेषभयानकाय नमः ।
ॐ अनन्ताय नमः ।
ॐ अन्नदात्रे नमः ।
ॐ अश्वत्थमूलजपप्रियाय नमः ।
ॐ अतिसम्पत्प्रदाय नमः ॥ १० ॥
ॐ अमोघाय नमः ।
ॐ अन्यस्तुत्याप्रकोपिताय नमः ।
ॐ अपराजिताय नमः ।
ॐ अद्वितीयाय नमः ।
ॐ अतितेजसे नमः ।
ॐ अभयप्रदाय नमः ।
ॐ अष्टमस्थाय नमः ।
ॐ अञ्जननिभाय नमः ।
ॐ अखिलात्मने नमः ।
ॐ अर्कनन्दनाय नमः ॥ २० ॥
ॐ अतिदारुणाय नमः ।
ॐ अक्षोभ्याय नमः ।
ॐ अप्सरोभिः प्रपूजिताय नमः ।
ॐ अभीष्टफलदाय नमः ।
ॐ अरिष्टमथनाय नमः ।
ॐ अमरपूजिताय नमः ।
ॐ अनुग्राह्याय नमः ।
ॐ अप्रमेयपराक्रमविभीषणाय नमः ।
ॐ असाध्ययोगाय नमः ।
ॐ अखिलदोषघ्नाय नमः ॥ ३० ॥
ॐ अपराकृताय नमः ।
ॐ अप्रमेयाय नमः ।
ॐ अतिसुखदाय नमः ।
ॐ अमराधिपपूजिताय नमः ।
ॐ अवलोकात्सर्वनाशाय नमः ।
ॐ अश्वत्थामद्विरायुधाय नमः ।
ॐ अपराधसहिष्णवे नमः ।
ॐ अश्वत्थामसुपूजिताय नमः ।
ॐ अनन्तपुण्यफलदाय नमः ।
ॐ अतृप्ताय नमः ॥ ४० ॥
ॐ अतिबलाय नमः ।
ॐ अवलोकात्सर्ववन्द्याय नमः ।
ॐ अक्षीणकरुणानिधये नमः ।
ॐ अविद्यामूलनाशाय नमः ।
ॐ अक्षय्यफलदायकाय नमः ।
ॐ आनन्दपरिपूर्णाय नमः ।
ॐ आयुष्कारकाय नमः ।
ॐ आश्रितेष्टार्थवरदाय नमः ।
ॐ आधिव्याधिहराय नमः ।
ॐ आनन्दमयाय नमः ॥ ५० ॥
ॐ आनन्दकराय नमः ।
ॐ आयुधधारकाय नमः ।
ॐ आत्मचक्राधिकारिणे नमः ।
ॐ आत्मस्तुत्यपरायणाय नमः ।
ॐ आयुष्कराय नमः ।
ॐ आनुपूर्व्याय नमः ।
ॐ आत्मायत्तजगत्त्रयाय नमः ।
ॐ आत्मनामजपप्रीताय नमः ।
ॐ आत्माधिकफलप्रदाय नमः ।
ॐ आदित्यसंभवाय नमः ॥ ६० ॥
ॐ आर्तिभञ्जनाय नमः ।
ॐ आत्मरक्षकाय नमः ।
ॐ आपद्बान्धवाय नमः ।
ॐ आनन्दरूपाय नमः ।
ॐ आयुःप्रदाय नमः ।
ॐ आकर्णपूर्णचापाय नमः ।
ॐ आत्मोद्दिष्टद्विजप्रदाय नमः ।
ॐ आनुकूल्याय नमः ।
ॐ आत्मरूपप्रतिमादानसुप्रियाय नमः ।
ॐ आत्मारामाय नमः ॥ ७० ॥
ॐ आदिदेवाय नमः ।
ॐ आपन्नार्तिविनाशनाय नमः ।
ॐ इन्दिरार्चितपादाय नमः ।
ॐ इन्द्रभोगफलप्रदाय नमः ।
ॐ इन्द्रदेवस्वरूपाय नमः ।
ॐ इष्टेष्टवरदायकाय नमः ।
ॐ इष्टापूर्तिप्रदाय नमः ।
ॐ इन्दुमतीष्टवरदायकाय नमः ।
ॐ इन्दिरारमणप्रीताय नमः ।
ॐ इन्द्रवंशनृपार्चिताय नमः ॥ ८० ॥
ॐ इहामुत्रेष्टफलदाय नमः ।
ॐ इन्दिरारमणार्चिताय नमः ।
ॐ ईद्रियाय नमः ।
ॐ ईश्वरप्रीताय नमः ।
ॐ ईषणात्रयवर्जिताय नमः ।
ॐ उमास्वरूपाय नमः ।
ॐ उद्बोध्याय नमः ।
ॐ उशनाय नमः ।
ॐ उत्सवप्रियाय नमः ।
ॐ उमादेव्यर्चनप्रीताय नमः ॥ ९० ॥
ॐ उच्चस्थोच्चफलप्रदाय नमः ।
ॐ उरुप्रकाशाय नमः ।
ॐ उच्चस्थयोगदाय नमः ।
ॐ उरुपराक्रमाय नमः ।
ॐ ऊर्ध्वलोकादिसञ्चारिणे नमः ।
ॐ ऊर्ध्वलोकादिनायकाय नमः ।
ॐ ऊर्जस्विने नमः ।
ॐ ऊनपादाय नमः ।
ॐ ऋकाराक्षरपूजिताय नमः ।
ॐ ऋषिप्रोक्तपुराणज्ञाय नमः ॥ १०० ॥
ॐ ऋषिभिः परिपूजिताय नमः ।
ॐ ऋग्वेदवन्द्याय नमः ।
ॐ ऋग्रूपिणे नमः ।
ॐ ऋजुमार्गप्रवर्तकाय नमः ।
ॐ लुळितोद्धारकाय नमः ।
ॐ लूतभवपाश प्रभञ्जनाय नमः ।
ॐ लूकाररूपकाय नमः ।
ॐ लब्धधर्ममार्गप्रवर्तकाय नमः ।
ॐ एकाधिपत्यसाम्राज्यप्रदाय नमः ।
ॐ एनौघनाशनाय नमः ॥ ११० ॥
ॐ एकपादे नमः ।
ॐ एकस्मै नमः ।
ॐ एकोनविंशतिमासभुक्तिदाय नमः ।
ॐ एकोनविंशतिवर्षदशाय नमः ।
ॐ एणाङ्कपूजिताय नमः ।
ॐ ऐश्वर्यफलदाय नमः ।
ॐ ऐन्द्राय नमः ।
ॐ ऐरावतसुपूजिताय नमः ।
ॐ ओंकारजपसुप्रीताय नमः ।
ॐ ओंकारपरिपूजिताय नमः ॥ १२० ॥
ॐ ओंकारबीजाय नमः ।
ॐ औदार्यहस्ताय नमः ।
ॐ औन्नत्यदायकाय नमः ।
ॐ औदार्यगुणाय नमः ।
ॐ औदार्यशीलाय नमः ।
ॐ औषधकारकाय नमः ।
ॐ करपङ्कजसन्नद्धधनुषे नमः ।
ॐ करुणानिधये नमः ।
ॐ कालाय नमः ।
ॐ कठिनचित्ताय नमः ॥ १३० ॥
ॐ कालमेघसमप्रभाय नमः ।
ॐ किरीटिने नमः ।
ॐ कर्मकृते नमः ।
ॐ कारयित्रे नमः ।
ॐ कालसहोदराय नमः ।
ॐ कालाम्बराय नमः ।
ॐ काकवाहाय नमः ।
ॐ कर्मठाय नमः ।
ॐ काश्यपान्वयाय नमः ।
ॐ कालचक्रप्रभेदिने नमः ॥ १४० ॥
ॐ कालरूपिणे नमः ।
ॐ कारणाय नमः ।
ॐ कारिमूर्तये नमः ।
ॐ कालभर्त्रे नमः ।
ॐ किरीटमकुटोज्ज्वलाय नमः ।
ॐ कार्यकारणकालज्ञाय नमः ।
ॐ काञ्चनाभरथान्विताय नमः ।
ॐ कालदंष्ट्राय नमः ।
ॐ क्रोधरूपाय नमः ।
ॐ कराळिने नमः ॥ १५० ॥
ॐ कृष्णकेतनाय नमः ।
ॐ कालात्मने नमः ।
ॐ कालकर्त्रे नमः ।
ॐ कृतान्ताय नमः ।
ॐ कृष्णगोप्रियाय नमः ।
ॐ कालाग्निरुद्ररूपाय नमः ।
ॐ काश्यपात्मजसम्भवाय नमः ।
ॐ कृष्णवर्णहयाय नमः ।
ॐ कृष्णगोक्षीरसुप्रियाय नमः ।
ॐ कृष्णगोघृतसुप्रीताय नमः ॥ १६० ॥
ॐ कृष्णगोदधिषुप्रियाय नमः ।
ॐ कृष्णगावैकचित्ताय नमः ।
ॐ कृष्णगोदानसुप्रियाय नमः ।
ॐ कृष्णगोदत्तहृदयाय नमः ।
ॐ कृष्णगोरक्षणप्रियाय नमः ।
ॐ कृष्णगोग्रासचित्तस्य सर्वपीडानिवारकाय नमः ।
ॐ कृष्णगोदान शान्तस्य सर्वशान्ति फलप्रदाय नमः ।
ॐ कृष्णगोस्नान कामस्य गङ्गास्नान फलप्रदाय नमः ।
ॐ कृष्णगोरक्षणस्याशु सर्वाभीष्टफलप्रदाय नमः ।
ॐ कृष्णगावप्रियाय नमः ॥ १७० ॥
ॐ कपिलापशुषुप्रियाय नमः ।
ॐ कपिलाक्षीरपानस्य सोमपानफलप्रदाय नमः ।
ॐ कपिलादानसुप्रीताय नमः ।
ॐ कपिलाज्यहुतप्रियाय नमः ।
ॐ कृष्णाय नमः ।
ॐ कृत्तिकान्तस्थाय नमः ।
ॐ कृष्णगोवत्ससुप्रियाय नमः ।
ॐ कृष्णमाल्याम्बरधराय नमः ।
ॐ कृष्णवर्णतनूरुहाय नमः ।
ॐ कृष्णकेतवे नमः ॥ १८० ॥
ॐ कृशकृष्णदेहाय नमः ।
ॐ कृष्णाम्बरप्रियाय नमः ।
ॐ क्रूरचेष्टाय नमः ।
ॐ क्रूरभावाय नमः ।
ॐ क्रूरदंष्ट्राय नमः ।
ॐ कुरूपिणे नमः ।
ॐ कमलापति संसेव्याय नमः ।
ॐ कमलोद्भवपूजिताय नमः ।
ॐ कामितार्थप्रदाय नमः ।
ॐ कामधेनु पूजनसुप्रियाय नमः ॥ १९० ॥
ॐ कामधेनुसमाराध्याय नमः ।
ॐ कृपायुषविवर्धनाय नमः ।
ॐ कामधेन्वैकचित्ताय नमः ।
ॐ कृपराज सुपूजिताय नमः ।
ॐ कामदोग्ध्रे नमः ।
ॐ क्रुद्धाय नमः ।
ॐ कुरुवंशसुपूजिताय नमः ।
ॐ कृष्णाङ्गमहिषीदोग्ध्रे नमः ।
ॐ कृष्णेन कृतपूजनाय नमः ।
ॐ कृष्णाङ्गमहिषीदानप्रियाय नमः ॥ २०० ॥
ॐ कोणस्थाय नमः ।
ॐ कृष्णाङ्गमहिषीदानलोलुपाय नमः ।
ॐ कामपूजिताय नमः ।
ॐ क्रूरावलोकनात्सर्वनाशाय नमः ।
ॐ कृष्णाङ्गदप्रियाय नमः ।
ॐ खद्योताय नमः ।
ॐ खण्डनाय नमः ।
ॐ खड्गधराय नमः ।
ॐ खेचरपूजिताय नमः ।
ॐ खरांशुतनयाय नमः ॥ २१० ॥
ॐ खगानां पतिवाहनाय नमः ।
ॐ गोसवासक्तहृदयाय नमः ।
ॐ गोचरस्थानदोषहृते नमः ।
ॐ गृहराश्याधिपाय नमः ।
ॐ गृहराजमहाबलाय नमः ।
ॐ गृध्रवाहाय नमः ।
ॐ गृहपतये नमः ।
ॐ गोचराय नमः ।
ॐ गानलोलुपाय नमः ।
ॐ घोराय नमः ॥ २२० ॥
ॐ घर्माय नमः ।
ॐ घनतमसे नमः ।
ॐ घर्मिणे नमः ।
ॐ घनकृपान्विताय नमः ।
ॐ घननीलाम्बरधराय नमः ।
ॐ ङादिवर्ण सुसंज्ञिताय नमः ।
ॐ चक्रवर्तिसमाराध्याय नमः ।
ॐ चन्द्रमत्यसमर्चिताय नमः ।
ॐ चन्द्रमत्यार्तिहारिणे नमः ।
ॐ चराचरसुखप्रदाय नमः ॥ २३० ॥
ॐ चतुर्भुजाय नमः ।
ॐ चापहस्ताय नमः ।
ॐ चराचरहितप्रदाय नमः ।
ॐ छायापुत्राय नमः ।
ॐ छत्रधराय नमः ।
ॐ छायादेवीसुताय नमः ।
ॐ जयप्रदाय नमः ।
ॐ जगन्नीलाय नमः ।
ॐ जपतां सर्वसिद्धिदाय नमः ।
ॐ जपविध्वस्तविमुखाय नमः ॥ २४० ॥
ॐ जम्भारिपरिपूजिताय नमः ।
ॐ जम्भारिवन्द्याय नमः ।
ॐ जयदाय नमः ।
ॐ जगज्जनमनोहराय नमः ।
ॐ जगत्त्रयप्रकुपिताय नमः ।
ॐ जगत्त्राणपरायणाय नमः ।
ॐ जयाय नमः ।
ॐ जयप्रदाय नमः ।
ॐ जगदानन्दकारकाय नमः ।
ॐ ज्योतिषे नमः ॥ २५० ॥
ॐ ज्योतिषां श्रेष्ठाय नमः ।
ॐ ज्योतिःशास्त्र प्रवर्तकाय नमः ।
ॐ झर्झरीकृतदेहाय नमः ।
ॐ झल्लरीवाद्यसुप्रियाय नमः ।
ॐ ज्ञानमूर्तिये नमः ।
ॐ ज्ञानगम्याय नमः ।
ॐ ज्ञानिने नमः ।
ॐ ज्ञानमहानिधये नमः ।
ॐ ज्ञानप्रबोधकाय नमः ।
ॐ ज्ञानदृष्ट्यावलोकिताय नमः ॥ २६० ॥
ॐ टङ्किताखिललोकाय नमः ।
ॐ टङ्कितैनस्तमोरवये नमः ।
ॐ टङ्कारकारकाय नमः ।
ॐ टङ्कृताय नमः ।
ॐ टाम्भदप्रियाय नमः ।
ॐ ठकारमय सर्वस्वाय नमः ।
ॐ ठकारकृतपूजिताय नमः ।
ॐ ढक्कावाद्यप्रीतिकराय नमः ।
ॐ डमड्डमरुकप्रियाय नमः ।
ॐ डम्बरप्रभवाय नमः ॥ २७० ॥
ॐ डम्भाय नमः ।
ॐ ढक्कानादप्रियङ्कराय नमः ।
ॐ डाकिनी शाकिनी भूत सर्वोपद्रवकारकाय नमः ।
ॐ डाकिनी शाकिनी भूत सर्वोपद्रवनाशकाय नमः ।
ॐ ढकाररूपाय नमः ।
ॐ ढाम्भीकाय नमः ।
ॐ णकारजपसुप्रियाय नमः ।
ॐ णकारमयमन्त्रार्थाय नमः ।
ॐ णकारैकशिरोमणये नमः ।
ॐ णकारवचनानन्दाय नमः ॥ २८० ॥
ॐ णकारकरुणामयाय नमः ।
ॐ णकारमय सर्वस्वाय नमः ।
ॐ णकारैकपरायणाय नमः ।
ॐ तर्जनीधृतमुद्राय नमः ।
ॐ तपसां फलदायकाय नमः ।
ॐ त्रिविक्रमनुताय नमः ।
ॐ त्रयीमयवपुर्धराय नमः ।
ॐ तपस्विने नमः ।
ॐ तपसा दग्धदेहाय नमः ।
ॐ ताम्राधराय नमः ॥ २९० ॥
ॐ त्रिकालवेदितव्याय नमः ।
ॐ त्रिकालमतितोषिताय नमः ।
ॐ तुलोच्चयाय नमः ।
ॐ त्रासकराय नमः ।
ॐ तिलतैलप्रियाय नमः ।
ॐ तिलान्न सन्तुष्टमनसे नमः ।
ॐ तिलदानप्रियाय नमः ।
ॐ तिलभक्ष्यप्रियाय नमः ।
ॐ तिलचूर्णप्रियाय नमः ।
ॐ तिलखण्डप्रियाय नमः ॥ ३०० ॥
ॐ तिलापूपप्रियाय नमः ।
ॐ तिलहोमप्रियाय नमः ।
ॐ तापत्रयनिवारकाय नमः ।
ॐ तिलतर्पणसन्तुष्टाय नमः ।
ॐ तिलतैलान्नतोषिताय नमः ।
ॐ तिलैकदत्तहृदयाय नमः ।
ॐ तेजस्विने नमः ।
ॐ तेजसान्निधये नमः ।
ॐ तेजसादित्यसङ्काशाय नमः ।
ॐ तेजोमयवपुर्धराय नमः ॥ ३१० ॥
ॐ तत्त्वज्ञाय नमः ।
ॐ तत्त्वगाय नमः ।
ॐ तीव्राय नमः ।
ॐ तपोरूपाय नमः ।
ॐ तपोमयाय नमः ।
ॐ तुष्टिदाय नमः ।
ॐ तुष्टिकृते नमः ।
ॐ तीक्ष्णाय नमः ।
ॐ त्रिमूर्तये नमः ।
ॐ त्रिगुणात्मकाय नमः ॥ ३२० ॥
ॐ तिलदीपप्रियाय नमः ।
ॐ तस्यपीडानिवारकाय नमः ।
ॐ तिलोत्तमामेनकादिनर्तनप्रियाय नमः ।
ॐ त्रिभागमष्टवर्गाय नमः ।
ॐ स्थूलरोम्णे नमः ।
ॐ स्थिराय नमः ।
ॐ स्थिताय नमः ।
ॐ स्थायिने नमः ।
ॐ स्थापकाय नमः ।
ॐ स्थूलसूक्ष्मप्रदर्शकाय नमः ॥ ३३० ॥
ॐ दशरथार्चितपादाय नमः ।
ॐ दशरथस्तोत्रतोषिताय नमः ।
ॐ दशरथप्रार्थनाकॢप्तदुर्भिक्षविनिवारकाय नमः ।
ॐ दशरथप्रार्थनाकॢप्तवरद्वयप्रदायकाय नमः ।
ॐ दशरथस्वात्मदर्शिने नमः ।
ॐ दशरथाभीष्टदायकाय नमः ।
ॐ दोर्भिर्धनुर्धराय नमः ।
ॐ दीर्घश्मश्रुजटाधराय नमः ।
ॐ दशरथस्तोत्रवरदाय नमः ।
ॐ दशरथाभीप्सितप्रदाय नमः ॥ ३४० ॥
ॐ दशरथस्तोत्रसन्तुष्टाय नमः ।
ॐ दशरथेन सुपूजिताय नमः ।
ॐ द्वादशाष्टमजन्मस्थाय नमः ।
ॐ देवपुङ्गवपूजिताय नमः ।
ॐ देवदानवदर्पघ्नाय नमः ।
ॐ दिनं प्रतिमुनिस्तुताय नमः ।
ॐ द्वादशस्थाय नमः ।
ॐ द्वादशात्मसुताय नमः ।
ॐ द्वादशनामभृते नमः ।
ॐ द्वितीयस्थाय नमः ॥ ३५० ॥
ॐ द्वादशार्कसूनवे नमः ।
ॐ दैवज्ञपूजिताय नमः ।
ॐ दैवज्ञचित्तवासिने नमः ।
ॐ दमयन्त्यासुपूजिताय नमः ।
ॐ द्वादशाब्दंतु दुर्भिक्षकारिणे नमः ।
ॐ दुःस्वप्ननाशनाय नमः ।
ॐ दुराराध्याय नमः ।
ॐ दुराधर्षाय नमः ।
ॐ दमयन्तीवरप्रदाय नमः ।
ॐ दुष्टदूराय नमः ॥ ३६० ॥
ॐ दुराचारशमनाय नमः ।
ॐ दोषवर्जिताय नमः ।
ॐ दुःसहाय नमः ।
ॐ दोषहन्त्रे नमः ।
ॐ दुर्लभाय नमः ।
ॐ दुर्गमाय नमः ।
ॐ दुःखप्रदाय नमः ।
ॐ दुःखहन्त्रे नमः ।
ॐ दीप्तरञ्जितदिङ्मुखाय नमः ।
ॐ दीप्यमान मुखाम्भोजाय नमः ॥ ३७० ॥
ॐ दमयन्त्याःशिवप्रदाय नमः ।
ॐ दुर्निरीक्ष्याय नमः ।
ॐ दृष्टमात्रदैत्यमण्डलनाशकाय नमः ।
ॐ द्विजदानैकनिरताय नमः ।
ॐ द्विजाराधनतत्पराय नमः ।
ॐ द्विजसर्वार्तिहारिणे नमः ।
ॐ द्विजराज समर्चिताय नमः ।
ॐ द्विजदानैकचित्ताय नमः ।
ॐ द्विजराज प्रियङ्कराय नमः ।
ॐ द्विजाय नमः ॥ ३८० ॥
ॐ द्विजप्रियाय नमः ।
ॐ द्विजराजेष्टदायकाय नमः ।
ॐ द्विजरूपाय नमः ।
ॐ द्विजश्रेष्ठाय नमः ।
ॐ दोषदाय नमः ।
ॐ दुःसहाय नमः ।
ॐ देवादिदेवाय नमः ।
ॐ देवेशाय नमः ।
ॐ देवराज सुपूजिताय नमः ।
ॐ देवराजेष्टवरदाय नमः ॥ ३९० ॥
ॐ देवराज प्रियङ्कराय नमः ।
ॐ देवादिवन्दिताय नमः ।
ॐ दिव्यतनवे नमः ।
ॐ देवशिखामणये नमः ।
ॐ देवगानप्रियाय नमः ।
ॐ देवदेशिकपुङ्गवाय नमः ।
ॐ द्विजात्मजासमाराध्याय नमः ।
ॐ ध्येयाय नमः ।
ॐ धर्मिणे नमः ।
ॐ धनुर्धराय नमः ॥ ४०० ॥
ॐ धनुष्मते नमः ।
ॐ धनदात्रे नमः ।
ॐ धर्माधर्मविवर्जिताय नमः ।
ॐ धर्मरूपाय नमः ।
ॐ धनुर्दिव्याय नमः ।
ॐ धर्मशास्त्रात्मचेतनाय नमः ।
ॐ धर्मराज प्रियकराय नमः ।
ॐ धर्मराज सुपूजिताय नमः ।
ॐ धर्मराजेष्टवरदाय नमः ।
ॐ धर्माभीष्टफलप्रदाय नमः ॥ ४१० ॥
ॐ नित्यतृप्तस्वभावाय नमः ।
ॐ नित्यकर्मरताय नमः ।
ॐ निजपीडार्तिहारिणे नमः ।
ॐ निजभक्तेष्टदायकाय नमः ।
ॐ निर्मासदेहाय नमः ।
ॐ नीलाय नमः ।
ॐ निजस्तोत्रबहुप्रियाय नमः ।
ॐ नळस्तोत्रप्रियाय नमः ।
ॐ नळराजसुपूजिताय नमः ।
ॐ नक्षत्रमण्डलगताय नमः ॥ ४२० ॥
ॐ नमतांप्रियकारकाय नमः ।
ॐ नित्यार्चितपदाम्भोजाय नमः ।
ॐ निजाज्ञापरिपालकाय नमः ।
ॐ नवग्रहवराय नमः ।
ॐ नीलवपुषे नमः ।
ॐ नळकरार्चिताय नमः ।
ॐ नळप्रियानन्दिताय नमः ।
ॐ नळक्षेत्रनिवासकाय नमः ।
ॐ नळपाकप्रियाय नमः ।
ॐ नळपद्भञ्जनक्षमाय नमः ॥ ४३० ॥
ॐ नळसर्वार्तिहारिणे नमः ।
ॐ नळेनात्मार्थपूजिताय नमः ।
ॐ निपाटवीनिवासाय नमः ।
ॐ नळाभीष्टवरप्रदाय नमः ।
ॐ नळतीर्थसकृत् स्नान सर्वपीडानिवारकाय नमः ।
ॐ नळेशदर्शनस्याशु साम्राज्यपदवीप्रदाय नमः ।
ॐ नक्षत्रराश्यधिपाय नमः ।
ॐ नीलध्वजविराजिताय नमः ।
ॐ नित्ययोगरताय नमः ।
ॐ नवरत्नविभूषिताय नमः ॥ ४४० ॥
ॐ नवधाभज्यदेहाय नमः ।
ॐ नवीकृतजगत्त्रयाय नमः ।
ॐ नवग्रहाधिपाय नमः ।
ॐ नवाक्षरजपप्रियाय नमः ।
ॐ नवात्मने नमः ।
ॐ नवचक्रात्मने नमः ।
ॐ नवतत्त्वाधिपाय नमः ।
ॐ नवोदन प्रियाय नमः ।
ॐ नवधान्यप्रियाय नमः ।
ॐ निष्कण्टकाय नमः ॥ ४५० ॥
ॐ निस्पृहाय नमः ।
ॐ निरपेक्षाय नमः ।
ॐ निरामयाय नमः ।
ॐ नागराजार्चितपदाय नमः ।
ॐ नागराजप्रियङ्कराय नमः ।
ॐ नागराजेष्टवरदाय नमः ।
ॐ नागाभरणभूषिताय नमः ।
ॐ नागेन्द्रगान निरताय नमः ।
ॐ नानाभरणभूषिताय नमः ।
ॐ नवमित्रस्वरूपाय नमः ॥ ४६० ॥
ॐ नानाश्चर्यविधायकाय नमः ।
ॐ नानाद्वीपाधिकर्त्रे नमः ।
ॐ नानालिपिसमावृताय नमः ।
ॐ नानारूपजगत्स्रष्ट्रे नमः ।
ॐ नानारूपजनाश्रयाय नमः ।
ॐ नानालोकाधिपाय नमः ।
ॐ नानाभाषाप्रियाय नमः ।
ॐ नानारूपाधिकारिणे नमः ।
ॐ नवरत्नप्रियाय नमः ।
ॐ नानाविचित्रवेषाढ्याय नमः ॥ ४७० ॥
ॐ नानाचित्रविधायकाय नमः ।
ॐ नीलजीमूतसङ्काशाय नमः ।
ॐ नीलमेघसमप्रभाय नमः ।
ॐ नीलाञ्जनचयप्रख्याय नमः ।
ॐ नीलवस्त्रधरप्रियाय नमः ।
ॐ नीचभाषाप्रचारज्ञाय नमः ।
ॐ नीचे स्वल्पफलप्रदाय नमः ।
ॐ नानागम विधानज्ञाय नमः ।
ॐ नानानृपसमावृताय नमः ।
ॐ नानावर्णाकृतये नमः ॥ ४८० ॥
ॐ नानावर्णस्वरार्तवाय नमः ।
ॐ नागलोकान्तवासिने नमः ।
ॐ नक्षत्रत्रयसंयुताय नमः ।
ॐ नभादिलोकसम्भूताय नमः ।
ॐ नामस्तोत्रबहुप्रियाय नमः ।
ॐ नामपारायणप्रीताय नमः ।
ॐ नामार्चनवरप्रदाय नमः ।
ॐ नामस्तोत्रैकचित्ताय नमः ।
ॐ नानारोगार्तिभञ्जनाय नमः ।
ॐ नवग्रहसमाराध्याय नमः ॥ ४९० ॥
ॐ नवग्रहभयापहाय नमः ।
ॐ नवग्रहसुसम्पूज्याय नमः ।
ॐ नानावेदसुरक्षकाय नमः ।
ॐ नवग्रहाधिराजाय नमः ।
ॐ नवग्रहजपप्रियाय नमः ।
ॐ नवग्रहमयज्योतिषे नमः ।
ॐ नवग्रहवरप्रदाय नमः ।
ॐ नवग्रहाणामधिपाय नमः ।
ॐ नवग्रह सुपीडिताय नमः ।
ॐ नवग्रहाधीश्वराय नमः ॥ ५०० ॥
ॐ नवमाणिक्यशोभिताय नमः ।
ॐ परमात्मने नमः ।
ॐ परब्रह्मणे नमः ।
ॐ परमैश्वर्यकारणाय नमः ।
ॐ प्रपन्नभयहारिणे नमः ।
ॐ प्रमत्तासुरशिक्षकाय नमः ।
ॐ प्रासहस्ताय नमः ।
ॐ पङ्गुपादाय नमः ।
ॐ प्रकाशात्मने नमः ।
ॐ प्रतापवते नमः ॥ ५१० ॥
ॐ पावनाय नमः ।
ॐ परिशुद्धात्मने नमः ।
ॐ पुत्रपौत्रप्रवर्धनाय नमः ।
ॐ प्रसन्नात्सर्वसुखदाय नमः ।
ॐ प्रसन्नेक्षणाय नमः ।
ॐ प्रजापत्याय नमः ।
ॐ प्रियकराय नमः ।
ॐ प्रणतेप्सितराज्यदाय नमः ।
ॐ प्रजानां जीवहेतवे नमः ।
ॐ प्राणिनां परिपालकाय नमः ॥ ५२० ॥
ॐ प्राणरूपिणे नमः ।
ॐ प्राणधारिणे नमः ।
ॐ प्रजानां हितकारकाय नमः ।
ॐ प्राज्ञाय नमः ।
ॐ प्रशान्ताय नमः ।
ॐ प्रज्ञावते नमः ।
ॐ प्रजारक्षणदीक्षिताय नमः ।
ॐ प्रावृषेण्याय नमः ।
ॐ प्राणकारिणे नमः ।
ॐ प्रसन्नोत्सववन्दिताय नमः ॥ ५३० ॥
ॐ प्रज्ञानिवासहेतवे नमः ।
ॐ पुरुषार्थैकसाधनाय नमः ।
ॐ प्रजाकराय नमः ।
ॐ प्रातिकूल्याय नमः ।
ॐ पिङ्गळाक्षाय नमः ।
ॐ प्रसन्नधिये नमः ।
ॐ प्रपञ्चात्मने नमः ।
ॐ प्रसवित्रे नमः ।
ॐ पुराणपुरुषोत्तमाय नमः ।
ॐ पुराणपुरुषाय नमः ॥ ५४० ॥
ॐ पुरुहूताय नमः ।
ॐ प्रपञ्चधृते नमः ।
ॐ प्रतिष्ठिताय नमः ।
ॐ प्रीतिकराय नमः ।
ॐ प्रियकारिणे नमः ।
ॐ प्रयोजनाय नमः ।
ॐ प्रीतिमते नमः ।
ॐ प्रवरस्तुत्याय नमः ।
ॐ पुरूरवसमर्चिताय नमः ।
ॐ प्रपञ्चकारिणे नमः ॥ ५५० ॥
ॐ पुण्याय नमः ।
ॐ पुरुहूत समर्चिताय नमः ।
ॐ पाण्डवादि सुसंसेव्याय नमः ।
ॐ प्रणवाय नमः ।
ॐ पुरुषार्थदाय नमः ।
ॐ पयोदसमवर्णाय नमः ।
ॐ पाण्डुपुत्रार्तिभञ्जनाय नमः ।
ॐ पाण्डुपुत्रेष्टदात्रे नमः ।
ॐ पाण्डवानां हितङ्कराय नमः ।
ॐ पञ्चपाण्डवपुत्राणां सर्वाभीष्टफलप्रदाय नमः ॥ ५६० ॥
ॐ पञ्चपाण्डवपुत्राणां सर्वारिष्ट निवारकाय नमः ।
ॐ पाण्डुपुत्राद्यर्चिताय नमः ।
ॐ पूर्वजाय नमः ।
ॐ प्रपञ्चभृते नमः ।
ॐ परचक्रप्रभेदिने नमः ।
ॐ पाण्डवेषु वरप्रदाय नमः ।
ॐ परब्रह्मस्वरूपाय नमः ।
ॐ पराज्ञापरिवर्जिताय नमः ।
ॐ परात्पराय नमः ।
ॐ पाशहन्त्रे नमः ॥ ५७० ॥
ॐ परमाणवे नमः ।
ॐ प्रपञ्चकृते नमः ।
ॐ पातङ्गिने नमः ।
ॐ पुरुषाकाराय नमः ।
ॐ परशम्भुसमुद्भवाय नमः ।
ॐ प्रसन्नात्सर्वसुखदाय नमः ।
ॐ प्रपञ्चोद्भवसम्भवाय नमः ।
ॐ प्रसन्नाय नमः ।
ॐ परमोदाराय नमः ।
ॐ पराहङ्कारभञ्जनाय नमः ॥ ५८० ॥
ॐ पराय नमः ।
ॐ परमकारुण्याय नमः ।
ॐ परब्रह्ममयाय नमः ।
ॐ प्रपन्नभयहारिणे नमः ।
ॐ प्रणतार्तिहराय नमः ।
ॐ प्रसादकृते नमः ।
ॐ प्रपञ्चाय नमः ।
ॐ पराशक्ति समुद्भवाय नमः ।
ॐ प्रदानपावनाय नमः ।
ॐ प्रशान्तात्मने नमः ॥ ५९० ॥
ॐ प्रभाकराय नमः ।
ॐ प्रपञ्चात्मने नमः ।
ॐ प्रपञ्चोपशमनाय नमः ।
ॐ पृथिवीपतये नमः ।
ॐ परशुराम समाराध्याय नमः ।
ॐ परशुरामवरप्रदाय नमः ।
ॐ परशुराम चिरञ्जीविप्रदाय नमः ।
ॐ परमपावनाय नमः ।
ॐ परमहंसस्वरूपाय नमः ।
ॐ परमहंससुपूजिताय नमः ॥ ६०० ॥
ॐ पञ्चनक्षत्राधिपाय नमः ।
ॐ पञ्चनक्षत्रसेविताय नमः ।
ॐ प्रपञ्चरक्षित्रे नमः ।
ॐ प्रपञ्चस्यभयङ्कराय नमः ।
ॐ फलदानप्रियाय नमः ।
ॐ फलहस्ताय नमः ।
ॐ फलप्रदाय नमः ।
ॐ फलाभिषेकप्रियाय नमः ।
ॐ फल्गुनस्य वरप्रदाय नमः ।
ॐ फुटच्छमितपापौघाय नमः ॥ ६१० ॥
ॐ फल्गुनेन प्रपूजिताय नमः ।
ॐ फणिराजप्रियाय नमः ।
ॐ फुल्लाम्बुज विलोचनाय नमः ।
ॐ बलिप्रियाय नमः ।
ॐ बलिने नमः ।
ॐ बभ्रुवे नमः ।
ॐ ब्रह्मविष्ण्वीशक्लेशकृते नमः ।
ॐ ब्रह्मविष्ण्वीशरूपाय नमः ।
ॐ ब्रह्मशक्रादिदुर्लभाय नमः ।
ॐ बासदर्ष्ट्या प्रमेयाङ्गाय नमः ॥ ६२० ॥
ॐ बिभ्रत्कवचकुण्डलाय नमः ।
ॐ बहुश्रुताय नमः ।
ॐ बहुमतये नमः ।
ॐ ब्रह्मण्याय नमः ।
ॐ ब्राह्मणप्रियाय नमः ।
ॐ बलप्रमथनाय नमः ।
ॐ ब्रह्मणे नमः ।
ॐ बहुरूपाय नमः ।
ॐ बहुप्रदाय नमः ।
ॐ बालार्कद्युतिमते नमः ॥ ६३० ॥
ॐ बालाय नमः ।
ॐ बृहद्वक्षसे नमः ।
ॐ बृहत्तनवे नमः ।
ॐ ब्रह्माण्डभेदकृते नमः ।
ॐ भक्तसर्वार्थसाधकाय नमः ।
ॐ भव्याय नमः ।
ॐ भोक्त्रे नमः ।
ॐ भीतिकृते नमः ।
ॐ भक्तानुग्रहकारकाय नमः ।
ॐ भीषणाय नमः ॥ ६४० ॥
ॐ भैक्षकारिणे नमः ।
ॐ भूसुरादि सुपूजिताय नमः ।
ॐ भोगभाग्यप्रदाय नमः ।
ॐ भस्मीकृतजगत्त्रयाय नमः ।
ॐ भयानकाय नमः ।
ॐ भानुसूनवे नमः ।
ॐ भूतिभूषितविग्रहाय नमः ।
ॐ भास्वद्रताय नमः ।
ॐ भक्तिमतां सुलभाय नमः ।
ॐ भ्रुकुटीमुखाय नमः ॥ ६५० ॥
ॐ भवभूतगणैःस्तुत्याय नमः ।
ॐ भूतसंघसमावृताय नमः ।
ॐ भ्राजिष्णवे नमः ।
ॐ भगवते नमः ।
ॐ भीमाय नमः ।
ॐ भक्ताभीष्टवरप्रदाय नमः ।
ॐ भवभक्तैकचित्ताय नमः ।
ॐ भक्तिगीतस्तवोन्मुखाय नमः ।
ॐ भूतसन्तोषकारिणे नमः ।
ॐ भक्तानां चित्तशोधनाय नमः ॥ ६६० ॥
ॐ भक्तिगम्याय नमः ।
ॐ भयहराय नमः ।
ॐ भावज्ञाय नमः ।
ॐ भक्तसुप्रियाय नमः ।
ॐ भूतिदाय नमः ।
ॐ भूतिकृते नमः ।
ॐ भोज्याय नमः ।
ॐ भूतात्मने नमः ।
ॐ भुवनेश्वराय नमः ।
ॐ मन्दाय नमः ॥ ६७० ॥
ॐ मन्दगतये नमः ।
ॐ मासमेवप्रपूजिताय नमः ।
ॐ मुचुकुन्दसमाराध्याय नमः ।
ॐ मुचुकुन्दवरप्रदाय नमः ।
ॐ मुचुकुन्दार्चितपदाय नमः ।
ॐ महारूपाय नमः ।
ॐ महायशसे नमः ।
ॐ महाभोगिने नमः ।
ॐ महायोगिने नमः ।
ॐ महाकायाय नमः ॥ ६८० ॥
ॐ महाप्रभवे नमः ।
ॐ महेशाय नमः ।
ॐ महदैश्वर्याय नमः ।
ॐ मन्दारकुसुमप्रियाय नमः ।
ॐ महाक्रतवे नमः ।
ॐ महामानिने नमः ।
ॐ महाधीराय नमः ।
ॐ महाजयाय नमः ।
ॐ महावीराय नमः ।
ॐ महाशान्ताय नमः ॥ ६९० ॥
ॐ मण्डलस्थाय नमः ।
ॐ महाद्युतये नमः ।
ॐ महासुताय नमः ।
ॐ महोदाराय नमः ।
ॐ महनीयाय नमः ।
ॐ महोदयाय नमः ।
ॐ मैथिलीवरदायिने नमः ।
ॐ मार्ताण्डस्यद्वितीयजाय नमः ।
ॐ मैथिलीप्रार्थनाकॢप्तदशकण्ठशिरोपहृते नमः ।
ॐ मरामरहराराध्याय नमः ॥ ७०० ॥
ॐ महेन्द्रादि सुरार्चिताय नमः ।
ॐ महारथाय नमः ।
ॐ महावेगाय नमः ।
ॐ मणिरत्नविभूषिताय नमः ।
ॐ मेषनीचाय नमः ।
ॐ महाघोराय नमः ।
ॐ महासौरये नमः ।
ॐ मनुप्रियाय नमः ।
ॐ महादीर्घाय नमः ।
ॐ महाग्रासाय नमः ॥ ७१० ॥
ॐ महदैश्वर्यदायकाय नमः ।
ॐ महाशुष्काय नमः ।
ॐ महारौद्राय नमः ।
ॐ मुक्तिमार्गप्रदर्शकाय नमः ।
ॐ मकरकुम्भाधिपाय नमः ।
ॐ मृकण्डुतनयार्चिताय नमः ।
ॐ मन्त्राधिष्ठानरूपाय नमः ।
ॐ मल्लिकाकुसुमप्रियाय नमः ।
ॐ महामन्त्रस्वरूपाय नमः ।
ॐ महायन्त्रस्थिताय नमः ॥ ७२० ॥
ॐ महाप्रकाशदिव्यात्मने नमः ।
ॐ महादेवप्रियाय नमः ।
ॐ महाबलि समाराध्याय नमः ।
ॐ महर्षिगणपूजिताय नमः ।
ॐ मन्दचारिणे नमः ।
ॐ महामायिने नमः ।
ॐ माषदानप्रियाय नमः ।
ॐ माषोदन प्रीतचित्ताय नमः ।
ॐ महाशक्तये नमः ।
ॐ महागुणाय नमः ॥ ७३० ॥
ॐ यशस्कराय नमः ।
ॐ योगदात्रे नमः ।
ॐ यज्ञाङ्गाय नमः ।
ॐ युगन्धराय नमः ।
ॐ योगिने नमः ।
ॐ योग्याय नमः ।
ॐ याम्याय नमः ।
ॐ योगरूपिणे नमः ।
ॐ युगाधिपाय नमः ।
ॐ यज्ञभृते नमः ॥ ७४० ॥
ॐ यजमानाय नमः ।
ॐ योगाय नमः ।
ॐ योगविदां वराय नमः ।
ॐ यक्षराक्षसवेताळकूष्माण्डादिप्रपूजिताय नमः ।
ॐ यमप्रत्यधिदेवाय नमः ।
ॐ युगपद्भोगदायकाय नमः ।
ॐ योगप्रियाय नमः ।
ॐ योगयुक्ताय नमः ।
ॐ यज्ञरूपाय नमः ।
ॐ युगान्तकृते नमः ॥ ७५० ॥
ॐ रघुवंशसमाराध्याय नमः ।
ॐ रौद्राय नमः ।
ॐ रौद्राकृतये नमः ।
ॐ रघुनन्दन सल्लापाय नमः ।
ॐ रघुप्रोक्त जपप्रियाय नमः ।
ॐ रौद्ररूपिणे नमः ।
ॐ रथारूढाय नमः ।
ॐ राघवेष्ट वरप्रदाय नमः ।
ॐ रथिने नमः ।
ॐ रौद्राधिकारिणे नमः ॥ ७६० ॥
ॐ राघवेण समर्चिताय नमः ।
ॐ रोषात्सर्वस्वहारिणे नमः ।
ॐ राघवेण सुपूजिताय नमः ।
ॐ राशिद्वयाधिपाय नमः ।
ॐ रघुभिः परिपूजिताय नमः ।
ॐ राज्यभूपाकराय नमः ।
ॐ राजराजेन्द्रवन्दिताय नमः ।
ॐ रत्नकेयूरभूषाढ्याय नमः ।
ॐ रमानन्दनवन्दिताय नमः ।
ॐ रघुपौरुषसन्तुष्टाय नमः ॥ ७७० ॥
ॐ रघुस्तोत्रबहुप्रियाय नमः ।
ॐ रघुवंशनृपैःपूज्याय नमः ।
ॐ रणन्मञ्जीरनूपुराय नमः ।
ॐ रविनन्दनाय नमः ।
ॐ राजेन्द्राय नमः ।
ॐ रघुवंशप्रियाय नमः ।
ॐ लोहजप्रतिमादानप्रियाय नमः ।
ॐ लावण्यविग्रहाय नमः ।
ॐ लोकचूडामणये नमः ।
ॐ लक्ष्मीवाणीस्तुतिप्रियाय नमः ॥ ७८० ॥
ॐ लोकरक्षाय नमः ।
ॐ लोकशिक्षाय नमः ।
ॐ लोकलोचनरञ्जिताय नमः ।
ॐ लोकाध्यक्षाय नमः ।
ॐ लोकवन्द्याय नमः ।
ॐ लक्ष्मणाग्रजपूजिताय नमः ।
ॐ वेदवेद्याय नमः ।
ॐ वज्रदेहाय नमः ।
ॐ वज्राङ्कुशधराय नमः ।
ॐ विश्ववन्द्याय नमः ॥ ७९० ॥
ॐ विरूपाक्षाय नमः ।
ॐ विमलाङ्गविराजिताय नमः ।
ॐ विश्वस्थाय नमः ।
ॐ वायसारूढाय नमः ।
ॐ विशेषसुखकारकाय नमः ।
ॐ विश्वरूपिणे नमः ।
ॐ विश्वगोप्त्रे नमः ।
ॐ विभावसु सुताय नमः ।
ॐ विप्रप्रियाय नमः ।
ॐ विप्ररूपाय नमः ॥ ८०० ॥
ॐ विप्राराधन तत्पराय नमः ।
ॐ विशालनेत्राय नमः ।
ॐ विशिखाय नमः ।
ॐ विप्रदानबहुप्रियाय नमः ।
ॐ विश्वसृष्टि समुद्भूताय नमः ।
ॐ वैश्वानरसमद्युतये नमः ।
ॐ विष्णवे नमः ।
ॐ विरिञ्चये नमः ।
ॐ विश्वेशाय नमः ।
ॐ विश्वकर्त्रे नमः ॥ ८१० ॥
ॐ विशाम्पतये नमः ।
ॐ विराडाधारचक्रस्थाय नमः ।
ॐ विश्वभुजे नमः ।
ॐ विश्वभावनाय नमः ।
ॐ विश्वव्यापारहेतवे नमः ।
ॐ वक्रक्रूरविवर्जिताय नमः ।
ॐ विश्वोद्भवाय नमः ।
ॐ विश्वकर्मणे नमः ।
ॐ विश्वसृष्टि विनायकाय नमः ।
ॐ विश्वमूलनिवासिने नमः ॥ ८२० ॥
ॐ विश्वचित्रविधायकाय नमः ।
ॐ विश्वाधारविलासिने नमः ।
ॐ व्यासेन कृतपूजिताय नमः ।
ॐ विभीषणेष्टवरदाय नमः ।
ॐ वाञ्छितार्थप्रदायकाय नमः ।
ॐ विभीषणसमाराध्याय नमः ।
ॐ विशेषसुखदायकाय नमः ।
ॐ विषमव्ययाष्टजन्मस्थोऽप्येकादशफलप्रदाय नमः ।
ॐ वासवात्मजसुप्रीताय नमः ।
ॐ वसुदाय नमः ॥ ८३० ॥
ॐ वासवार्चिताय नमः ।
ॐ विश्वत्राणैकनिरताय नमः ।
ॐ वाङ्मनोतीतविग्रहाय नमः ।
ॐ विराण्मन्दिरमूलस्थाय नमः ।
ॐ वलीमुखसुखप्रदाय नमः ।
ॐ विपाशाय नमः ।
ॐ विगतातङ्काय नमः ।
ॐ विकल्पपरिवर्जिताय नमः ।
ॐ वरिष्ठाय नमः ।
ॐ वरदाय नमः ॥ ८४० ॥
ॐ वन्द्याय नमः ।
ॐ विचित्राङ्गाय नमः ।
ॐ विरोचनाय नमः ।
ॐ शुष्कोदराय नमः ।
ॐ शुक्लवपुषे नमः ।
ॐ शान्तरूपिणे नमः ।
ॐ शनैश्चराय नमः ।
ॐ शूलिने नमः ।
ॐ शरण्याय नमः ।
ॐ शान्ताय नमः ॥ ८५० ॥
ॐ शिवायामप्रियङ्कराय नमः ।
ॐ शिवभक्तिमतां श्रेष्ठाय नमः ।
ॐ शूलपाणये नमः ।
ॐ शुचिप्रियाय नमः ।
ॐ श्रुतिस्मृतिपुराणज्ञाय नमः ।
ॐ श्रुतिजालप्रबोधकाय नमः ।
ॐ श्रुतिपारगसम्पूज्याय नमः ।
ॐ श्रुतिश्रवणलोलुपाय नमः ।
ॐ श्रुत्यन्तर्गतमर्मज्ञाय नमः ।
ॐ श्रुत्येष्टवरदायकाय नमः ॥ ८६० ॥
ॐ श्रुतिरूपाय नमः ।
ॐ श्रुतिप्रीताय नमः ।
ॐ श्रुतीप्सितफलप्रदाय नमः ।
ॐ शुचिश्रुताय नमः ।
ॐ शान्तमूर्तये नमः ।
ॐ श्रुतिश्रवणकीर्तनाय नमः ।
ॐ शमीमूलनिवासिने नमः ।
ॐ शमीकृतफलप्रदाय नमः ।
ॐ शमीकृतमहाघोराय नमः ।
ॐ शरणागतवत्सलाय नमः ॥ ८७० ॥
ॐ शमीतरुस्वरूपाय नमः ।
ॐ शिवमन्त्रज्ञमुक्तिदाय नमः ।
ॐ शिवागमैकनिलयाय नमः ।
ॐ शिवमन्त्रजपप्रियाय नमः ।
ॐ शमीपत्रप्रियाय नमः ।
ॐ शमीपर्णसमर्चिताय नमः ।
ॐ शतोपनिषदस्तुत्याय नमः ।
ॐ शान्त्यादिगुणभूषिताय नमः ।
ॐ शान्त्यादिषड्गुणोपेताय नमः ।
ॐ शङ्खवाद्यप्रियाय नमः ॥ ८८० ॥
ॐ श्यामरक्तसितज्योतिषे नमः ।
ॐ शुद्धपञ्चाक्षरप्रियाय नमः ।
ॐ श्रीहालास्यक्षेत्रवासिने नमः ।
ॐ श्रीमते नमः ।
ॐ शक्तिधराय नमः ।
ॐ षोडशद्वयसम्पूर्णलक्षणाय नमः ।
ॐ षण्मुखप्रियाय नमः ।
ॐ षड्गुणैश्वर्यसंयुक्ताय नमः ।
ॐ षडङ्गावरणोज्ज्वलाय नमः ।
ॐ षडक्षरस्वरूपाय नमः ॥ ८९० ॥
ॐ षट्चक्रोपरि संस्थिताय नमः ।
ॐ षोडशिने नमः ।
ॐ षोडशान्ताय नमः ।
ॐ षट्शक्तिव्यक्तमूर्तिमते नमः ।
ॐ षड्भावरहिताय नमः ।
ॐ षडङ्गश्रुतिपारगाय नमः ।
ॐ षट्कोणमध्यनिलयाय नमः ।
ॐ षट्शास्त्रस्मृतिपारगाय नमः ।
ॐ स्वर्णेन्द्रनीलमकुटाय नमः ।
ॐ सर्वाभीष्टप्रदायकाय नमः ॥ ९०० ॥
ॐ सर्वात्मने नमः ।
ॐ सर्वदोषघ्नाय नमः ।
ॐ सर्वगर्वप्रभञ्जनाय नमः ।
ॐ समस्तलोकाभयदाय नमः ।
ॐ सर्वदोषाङ्गनाशकाय नमः ।
ॐ समस्तभक्तसुखदाय नमः ।
ॐ सर्वदोषनिवर्तकाय नमः ।
ॐ सर्वनाशक्षमाय नमः ।
ॐ सौम्याय नमः ।
ॐ सर्वक्लेशनिवारकाय नमः ॥ ९१० ॥
ॐ सर्वात्मने नमः ।
ॐ सर्वदातुष्टाय नमः ।
ॐ सर्वपीडानिवारकाय नमः ।
ॐ सर्वरूपिणे नमः ।
ॐ सर्वकर्मणे नमः ।
ॐ सर्वज्ञाय नमः ।
ॐ सर्वकारकाय नमः ।
ॐ सुकृते नमः ।
ॐ सुलभाय नमः ।
ॐ सर्वाभीष्टफलप्रदाय नमः ॥ ९२० ॥
ॐ सूर्यात्मजाय नमः ।
ॐ सदातुष्टाय नमः ।
ॐ सूर्यवंशप्रदीपनाय नमः ।
ॐ सप्तद्वीपाधिपाय नमः ।
ॐ सुरासुरभयङ्कराय नमः ।
ॐ सर्वसंक्षोभहारिणे नमः ।
ॐ सर्वलोकहितङ्कराय नमः ।
ॐ सर्वौदार्यस्वभावाय नमः ।
ॐ सन्तोषात्सकलेष्टदाय नमः ।
ॐ समस्तऋषिभिःस्तुत्याय नमः ॥ ९३० ॥
ॐ समस्तगणपावृताय नमः ।
ॐ समस्तगणसंसेव्याय नमः ।
ॐ सर्वारिष्टविनाशनाय नमः ।
ॐ सर्वसौख्यप्रदात्रे नमः ।
ॐ सर्वव्याकुलनाशनाय नमः ।
ॐ सर्वसंक्षोभहारिणे नमः ।
ॐ सर्वारिष्टफलप्रदाय नमः ।
ॐ सर्वव्याधिप्रशमनाय नमः ।
ॐ सर्वमृत्युनिवारकाय नमः ।
ॐ सर्वानुकूलकारिणे नमः ॥ ९४० ॥
ॐ सौन्दर्यमृदुभाषिताय नमः ।
ॐ सौराष्ट्रदेशोद्भवाय नमः ।
ॐ स्वक्षेत्रेष्टवरप्रदाय नमः ।
ॐ सोमयाजि समाराध्याय नमः ।
ॐ सीताभीष्टवरप्रदाय नमः ।
ॐ सुखासनोपविष्टाय नमः ।
ॐ सद्यःपीडानिवारकाय नमः ।
ॐ सौदामनीसन्निभाय नमः ।
ॐ सर्वानुल्लङ्घ्यशासनाय नमः ।
ॐ सूर्यमण्डलसञ्चारिणे नमः ॥ ९५० ॥
ॐ संहारास्त्रनियोजिताय नमः ।
ॐ सर्वलोकक्षयकराय नमः ।
ॐ सर्वारिष्टविधायकाय नमः ।
ॐ सर्वव्याकुलकारिणे नमः ।
ॐ सहस्रजपसुप्रियाय नमः ।
ॐ सुखासनोपविष्टाय नमः ।
ॐ संहारास्त्रप्रदर्शिताय नमः ।
ॐ सर्वालङ्कारसंयुक्तकृष्णगोदानसुप्रियाय नमः ।
ॐ सुप्रसन्नाय नमः ।
ॐ सुरश्रेष्ठाय नमः ॥ ९६० ॥
ॐ सुघोषाय नमः ।
ॐ सुखदाय नमः ।
ॐ सुहृदे नमः ।
ॐ सिद्धार्थाय नमः ।
ॐ सिद्धसङ्कल्पाय नमः ।
ॐ सर्वज्ञाय नमः ।
ॐ सर्वदाय नमः ।
ॐ सुखिने नमः ।
ॐ सुग्रीवाय नमः ।
ॐ सुधृतये नमः ॥ ९७० ॥
ॐ साराय नमः ।
ॐ सुकुमाराय नमः ।
ॐ सुलोचनाय नमः ।
ॐ सुव्यक्ताय नमः ।
ॐ सच्चिदानन्दाय नमः ।
ॐ सुवीराय नमः ।
ॐ सुजनाश्रयाय नमः ।
ॐ हरिश्चन्द्रसमाराध्याय नमः ।
ॐ हेयोपादेयवर्जिताय नमः ।
ॐ हरिश्चन्द्रेष्टवरदाय नमः ॥ ९८० ॥
ॐ हंसमन्त्रादि संस्तुताय नमः ।
ॐ हंसवाह समाराध्याय नमः ।
ॐ हंसवाहवरप्रदाय नमः ।
ॐ हृद्याय नमः ।
ॐ हृष्टाय नमः ।
ॐ हरिसखाय नमः ।
ॐ हंसाय नमः ।
ॐ हंसगतये नमः ।
ॐ हविषे नमः ।
ॐ हिरण्यवर्णाय नमः ॥ ९९० ॥
ॐ हितकृते नमः ।
ॐ हर्षदाय नमः ।
ॐ हेमभूषणाय नमः ।
ॐ हविर्होत्रे नमः ।
ॐ हंसगतये नमः ।
ॐ हंसमन्त्रादिसंस्तुताय नमः ।
ॐ हनूमदर्चितपदाय नमः ।
ॐ हलधृत्पूजिताय नमः ।
ॐ क्षेमदाय नमः ।
ॐ क्षेमकृते नमः ॥ १००० ॥
ॐ क्षेम्याय नमः ।
ॐ क्षेत्रज्ञाय नमः ।
ॐ क्षामवर्जिताय नमः ।
ॐ क्षुद्रघ्नाय नमः ।
ॐ क्षान्तिदाय नमः ।
ॐ क्षेमाय नमः ।
ॐ क्षितिभूषाय नमः ।
ॐ क्षमाश्रयाय नमः ।
ॐ क्षमाधराय नमः ।
ॐ क्षयद्वाराय नमः ॥ १०१० ॥
॥ इति श्री शनैश्चरसहस्रनामावळिः सम्पूर्णम् ॥
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