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सोमवार को क्या करें और क्या न करें? भगवान शिव की पूजा विधि, व्रत नियम

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सावन मास, भगवान शिव का प्रिय महीना, 2025 में 22 जुलाई से शुरू होकर 19 अगस्त तक चलेगा। इस पवित्र महीने में, भक्त भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं, व्रत रखते हैं, और कावड़ यात्रा निकालते हैं।

सावन माह हिन्दू धर्म में अत्यधिक पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। इस महीने में भगवान शिव की विशेष पूजा और उपासना की जाती है। शिव भक्त इस माह में व्रत रखकर और पूजा-अर्चना करके भगवान शिव की कृपा प्राप्त करते हैं। सावन के सोमवार को विशेष रूप से शिव पूजा का महत्व होता है।

सावन माह में भगवान शिव की पूजा और व्रत करने से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का आगमन होता है। भगवान शिव की कृपा से सभी कष्टों का निवारण होता है और भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस पवित्र माह में पूर्ण श्रद्धा और नियमों का पालन करके भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करें।

भगवान शिव की पूजा विधि

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  • पूजा स्थान को साफ करें और भगवान शिव की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
  • दीप प्रज्वलित करें और धूप जलाएं।
  • शिवलिंग पर जल, दूध, घी, और बेलपत्र चढ़ाएं।
  • शिव चालीसा का पाठ करें या “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
  • भगवान शिव से अपनी मनोकामना व्यक्त करें।
  • भगवान शिव को फल, मिठाई और नैवेद्य का भोग लगाएं।
  • भगवान शिव की आरती करें और प्रसाद वितरित करें

सावन माह व्रत नियम

  • व्रत का संकल्प लें। सूर्योदय से पहले भोजन ग्रहण करें। फलाहार करें।
  • व्रत के दिन केवल एक समय फलाहार या सात्विक भोजन ग्रहण करें।
  • व्रत के दौरान पर्याप्त मात्रा में जल का सेवन करें।
  • नमक, मिर्च, और तेल का सेवन न करें।
  • शराब, मांस, और मदिरा का सेवन न करें।
  • दिनभर भगवान शिव का ध्यान करें और उनकी स्तुति करें।
  • धार्मिक ग्रंथों का पाठ करें और सत्संग में भाग लें।
  • ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  • दिनभर भगवान शिव का ध्यान करें।
  • शाम को सूर्यास्त के बाद व्रत खोलें। अगले दिन सूर्योदय के बाद व्रत का पारण करें।

सावन माह में क्या करें?

  • प्रतिदिन प्रातः और संध्या समय भगवान शिव की पूजा करें। उन्हें जल, दूध, दही, शहद, घी और बेलपत्र अर्पित करें।
  • सावन माह के प्रत्येक सोमवार को व्रत रखें और भगवान शिव का ध्यान करें। व्रत रखने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
  • ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें। इस मंत्र का 108 बार या अधिक बार जाप करने से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
  • भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाना अत्यंत शुभ माना जाता है। इसे पूजा के दौरान अर्पित करें।
  • भगवान शिव का अभिषेक गंगाजल, दूध, दही, शहद, घी और शक्कर से करें। इससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।
  • भगवान शिव के भजन और कीर्तन करें। शिव चालीसा का पाठ करें। इससे मन को शांति मिलती है और वातावरण पवित्र होता है।
  • इस माह में गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करें। इससे पुण्य की प्राप्ति होती है।
  • यदि आप सक्षम हैं, तो कावड़ यात्रा में भाग लेकर गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक करें।

सावन माह में क्या न करें?

  • इस माह में नकारात्मक सोच और विचारों से दूर रहें। हमेशा सकारात्मक और शुभ विचार रखें।
  • क्रोध और विवाद से बचें। संयम और शांति बनाए रखें।
  • असत्य बोलने से बचें। सत्य और धर्म का पालन करें।
  • पूजा के समय अशुद्ध वस्त्र और अशुद्ध शरीर से पूजा न करें। स्वच्छता का ध्यान रखें।
  • सावन माह में मांसाहार और मद्यपान से परहेज करें। सात्विक भोजन करें।
  • इस माह में बाल और नाखून काटने से बचें। इसे अशुभ माना जाता है।

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