Download HinduNidhi App
Shri Ram

सीताराम दरश रस बरसें – भजन

Sita Ram Daras Ras Barse Bhajan Hindi

Shri RamBhajan (भजन संग्रह)हिन्दी
Share This

सीताराम दरश रस बरसें जैसे सावन की झड़ी

सीताराम दरश रस बरसें,
जैसे सावन की झड़ी ||

“चहुं दिशि बरसें राम रस,
छायों हरस अपार,
राजा रानी की करे,
सब मिल जय जयकार”

कौशल नंदन राजा राम,
जानकी वल्लभ राजा राम,
जय सियाराम जय जय सियाराम।

ऐसे राम दरश रस बरसें,
जैसे सावन की झड़ी,
सीता राम दरश रस बरसें,
जैसे सावन की झड़ी,
सावन की झड़ी,
प्यासे प्राणों पे पड़ी,
ऐसे राम दरश रस बरसें,
जैसे सावन की झड़ी ||

राम लखन अनमोल नगीने,
अवध अँगूठी में जड़ दिने,
राम लखन अनमोल नगीने,
अवध अँगूठी में जड़ दिने,
सीता ऐसे सोहे जैसे मोती की लड़ी,
सीता राम दरश रस बरसें,
जैसे सावन की झड़ी ||

रामसिया को रुप निहारी,
नाचे गावे सब नर नारी,
रामसिया को रुप निहारी,
नाचे गावे सब नर नारी,
चल री दर्शन कर आवै,
का सोचत खड़ी,
सीता राम दरश रस बरसें,
जैसे सावन की झड़ी ||

कौशल नंदन राजा राम,
जानकी वल्लभ राजा राम,
जय सियाराम जय जय सियाराम।

रोम रोम को नैन बना लो,
रामसिया के दर्शन पालो,
रोम रोम को नैन बना लो,
रामसिया के दर्शन पालो,
बरसों पीछे आयी है ये मिलन की घड़ी,
सीता राम दरश रस बरसें,
जैसे सावन की झड़ी ||

ऐसे राम दरश रस बरसें,
जैसे सावन की झड़ी,
सीताराम दरश रस बरसें,
जैसे सावन की झड़ी,
सावन की झड़ी,
प्यासे प्राणों पे पड़ी,
ऐसे राम दरश रस बरसें,
जैसे सावन की झड़ी ||

कौशल नंदन राजा राम,
जानकी वल्लभ राजा राम,
जय सियाराम जय जय सियाराम ||

Read in More Languages:

Found a Mistake or Error? Report it Now

Download HinduNidhi App

Download सीताराम दरश रस बरसें - भजन PDF

सीताराम दरश रस बरसें - भजन PDF

Leave a Comment