दुर्गा द्वात्रिंश नाम माला स्तोत्र लाभ सहित

॥श्री दुर्गा द्वात्रिंश नाम माला स्तोत्र के लाभ॥ श्री दुर्गा द्वात्रिंश नाम माला स्तोत्र का पाठ करने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है इस स्तोत्र का पाठ करने से सभी कष्ट दूर होते है यह स्तोत्र बड़ा ही चमत्कारी है इस स्तोत्र का पाठ करने से सभी दुखो का अंत होता है श्री दुर्गा…

श्री कृष्ण कृतं दुर्गा स्तोत्रम्

॥श्री कृष्ण कृतं दुर्गा स्तोत्रम्॥ श्रीकृष्ण उवाच त्वमेवसर्वजननी मूलप्रकृतिरीश्वरी। त्वमेवाद्या सृष्टिविधौ स्वेच्छया त्रिगुणात्मिका॥ कार्यार्थे सगुणा त्वं च वस्तुतो निर्गुणा स्वयम्। परब्रह्मस्वरूपा त्वं सत्या नित्या सनातनी॥ तेज:स्वरूपा परमा भक्त ानुग्रहविग्रहा। सर्वस्वरूपा सर्वेशा सर्वाधारा परात्परा॥ सर्वबीजस्वरूपा च सर्वपूज्या निराश्रया। सर्वज्ञा सर्वतोभद्रा सर्वमङ्गलमङ्गला॥ सर्वबुद्धिस्वरूपा च सर्वशक्ति स्वरूपिणी। सर्वज्ञानप्रदा देवी सर्वज्ञा सर्वभाविनी॥ त्वं स्वाहा देवदाने च पितृदाने स्वधा स्वयम्।…

सुनो सुनो एक कहानी सुनो

।।सुनो सुनो एक कहानी सुनो।। सुनो सुनो, सुनो सुनो सुनो सुनो एक कहानी सुनो सुनो सुनो एक कहानी सुनो न राजा की न, रानी की न आग हवा, न पानी की न कृष्णा की न ,राधा रानी की दूध छलकता है आँचल से हो दूध छलकता है आँचल से आँख से बरसे पानी माँ की…

तारा रानी की कथा

|| तारा रानी की कथा || माता के जागरण में माता तारा रानी देवी की कथा कहने सुनने की परंपरा प्राचीन काल से ही चली आ रही है बिना इस कथा के जागरण को संपूर्ण नहीं माना जाता है| कथा इस प्रकार है महाराजा दक्ष की दो पुत्रियां तारा देवी और रुक्मण भगवती दुर्गा देवी…

मेरी सुनकर करुण पुकार भवानी आएगी – भजन

॥मेरी सुनकर करुण पुकार भवानी आएगी – भजन॥ मेरी सुनकर करुण पुकार, भवानी आएगी, आएगी माँ आएगी, अपना मुझे बनाएगी, मुझे पूरा है विश्वास, भवानी आएगी, मेरी सुनकर करुंण पुकार, भवानी आएगी ॥ जितना भी बेहाल रहूं मैं, क्यों दूजे के हाल कहूँ मैं, बरसेगी प्रेम फुहार, भवानी आएगी, मेरी सुनकर करुंण पुकार, भवानी आएगी…

तरस रही है तेरे दरस को – भजन

॥तरस रही है तेरे दरस को – भजन॥ तरस रही है तेरे दरस को, कबसे मेरी नजरिया माँ, कबसे मेरी नजरिया, ओ शेरावाली ओ जोतावाली, अब तो ले ले खबरिया, तरस रही हैं तेरे दरस को, कबसे मेरी नजरिया ॥ तेरे दर जो आए सवाली, भर दी झोली जाए ना खाली, आओ माँ मेरे सर…

पर्वत से उतर कर माँ, मेरे घर आ जाना – भजन

॥पर्वत से उतर कर माँ, मेरे घर आ जाना – भजन॥ पर्वत से उतर कर माँ, मेरे घर आ जाना, मैं भी भगत तेरा, मेरा मान बढ़ा जाना ॥ मैया तेरे बेटे को, तेरा ही सहारा है, जब जब कष्ट पड़ा, मैंने तुम्हे ही पुकारा है, अब देर करो ना मेरी माँ, दौड़ी दौड़ी आ…

अपनी शरण में रखलो मां – भजन

॥अपनी शरण में रखलो मां – भजन॥ छोड़ के सारे जग को आये, तेरी शरण में माँ, अपनी शरण में रखलो माँ, अपनी शरण में रखलो मां, मेरी माँ मेरी माँ, भोली माँ मेरी माँ ॥ शेरोवाली मैया तेरे, भवन की शोभा न्यारी, बीच गुफा में बैठी मैया, लगती प्यारी प्यारी, गंगा की धरा बहती…

मेरे सर पर रखदो मैया – भजन

मेरे सर पर रखदो मैया ​मेरे सर पर रखदो मैया जी, अपने ये दोनों हाथ, देना हो तो दीजिए, जनम जनम का साथ || इस जनम में सेवा देकर, बहुत बड़ा अहसान किया, तू ही साथी तू ही खिवईया, मैंने तुझे पहचान लिया | हम साथ रहे जन्मों तक, हम साथ रहे जन्मों तक, बस…

मैया कृपा करदो झोली मेरी भरदो – भजन

।।मैया कृपा करदो झोली मेरी भरदो – भजन।। माँ नाम लेना कोई शर्म नहीं है, इससे बड़ा तो कोई करम नहीं है, जिसमे माता की पूजा का जिक्र न हो, ऐसा तो दुनिया में कोई धर्म नहीं है ।।भजन।। मैया कृपा करदो, झोली मेरी भरदो । तेरी दया का हम, सदा गुणगान करेंगे । तेरा…

सावन की बरसे बदरिया – भजन

॥ सावन की बरसे बदरिया – भजन ॥ सावन की बरसे बदरिया सावन की बरसे बदरिया, माँ की भीगी चुनरीया, भीगी चुनरिया माँ की ॥ लाल चुनड माँ की चम चम चमकै, माथे कि बिंदिया भी दम दम दमकै, हाथो मे झलके कंगणिया, माँ की भिगी चुनरिया ॥ ॥ सावन की बरसे बदरिया…॥ छाई हरियाली,…

श्री सम्मेद शिखर चालीसा

।। चालीसा ।। शाश्वत तीर्थराज का, है यह शिखर विशाल। भक्ति भाव से मैं रचूँ, चालीसा नत भाल। जिन परमेष्ठी सिद्ध का, मन मैं करके ध्यान। करुँ शिखर सम्मेद का, श्रद्धा से गुण-गान। कथा शिखर जी की सदा, सुख संतोष प्रदाय। नित्य नियम इस पाठ से, कर्म बंध कट जाये। आये तेरे द्वार पर, लेकर…

श्री भवानी अष्टकम्

|| अष्टकम् || न ततो न माता न उर्ण दाता न पुत्रो न पुत्री न भृत्यो न भर्ता । न जाय न विद्या न वृत्तिमयव गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानी ॥ भवब्धावपरे महादुःखभिरु पपात प्रकामि प्रलोभि प्रमत्ततः । कुसंसारपाशप्रबद्धः सदाहं गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानी ॥ जानामि तन्त्रं न च स्तोत्रमंत्रम् । नमि जाना पूजां न च…

Shri Bhavani Ashtakam

|| Ashtakam || Na tato na mata na Bandhur na data Na putro na putri Na bhṛtyo na bharta Na jaya na vidya Na vṛttirmamaiva Gatih tvam gatih | Tvam tvameka bhavani || Bhavabdhavapare Mahaduhkhabhiru Papata prakai Pralobhi pramattah Kusamsarapasa Prabaddhah sadaham Gatih tvam gatih | Tvam tvameka bhavani || Na janami danam Na ca…

श्री भवानी अष्टकम

|| अष्टकम || न तातो न माता न बन्धुर्न दाता न पुत्रो न पुत्री न भृत्यो न भर्ता न जाया न विद्या न वृत्तिर्ममैव गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि ॥ भवाब्धावपारे महादुःखभीरु पपात प्रकामी प्रलोभी प्रमत्तः कुसंसारपाशप्रबद्धः सदाहं गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि ॥ न जानामि दानं न च ध्यानयोगं न जानामि तन्त्रं न च स्तोत्रमन्त्रम् न…

श्री चंडी चालीसा

।। दोहा ।। दुर्गे! दुर्गतिनाशिनी, वासिनी गिरिकैलास! मंदहास ! मृदुभाषिणी!, माॅं! काटौ यमपाश! ।। चौपाई ।। जयति! अंबिका! जयति! भवानी! शिवा ! सांभवी! भवा! मृडानी!! विन्ध्यनिवासिनि! हिमगिरि-गेहा! वपु विराट अति सूक्ष्म सुदेहा! तुंग शृंग अयि!गब्बरवासी! शिव-पत्नी! मख दक्ष विनाशी!! सती! जया! कोहला-नग-वासी! ! सकलशब्दमयि!आनंदराशी!! हिंगलाज!भगवति! जयदाई ! असुरनिकंदनि! अभयप्रदाई! जपाकुसुम-कर! जय कौमारी! पूजित सुर हरि…