मेहर माता चालीसा
॥दोहा॥ मूर्ति स्वयंभू शारदा, मैहर आन विराज । माला, पुस्तक, धारिणी, वीणा कर में साज ॥ ॥चौपाई ॥ जय जय जय शारदा महारानी, आदि शक्ति तुम जग कल्याणी। रूप चतुर्भुज तुम्हरो माता, तीन लोक महं तुम विख्याता॥ दो सहस्त्र वर्षहि अनुमाना, प्रगट भई शारदा जग जाना। मैहर नगर विश्व विख्याता, जहाँ बैठी शारदा जग माता॥…