श्री गणपति आरती PDF

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MiscAarti (आरती संग्रह)हिन्दी

॥ आरती ॥ गणपति की सेवा मंगल मेवा, सेवा से सब विघ्न टरैं। तीन लोक के सकल देवता, द्वार खड़े नित अर्ज करैं॥ गणपति की सेवा मंगल मेवा…। रिद्धि-सिद्धि दक्षिण वाम विराजें, अरु आनन्द सों चमर करैं। धूप-दीप अरू लिए आरती भक्त खड़े जयकार करैं॥ गणपति की सेवा मंगल मेवा…। गुड़ के मोदक भोग लगत...

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श्री गणपति आरती
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