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जानें कुंभ संक्रांति 2025 का आपकी राशि पर असर और सफलता के उपाय

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कुंभ संक्रांति हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण खगोलीय और धार्मिक पर्व है, जो सूर्य के मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश करने पर मनाया जाता है। यह दिन दान, पुण्य, और आध्यात्मिक साधना के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। वर्ष 2025 में कुंभ संक्रांति 13 फरवरी, गुरुवार के दिन पड़ेगी।

कुंभ संक्रांति 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त

  • तिथि: 13 फरवरी 2025 (गुरुवार)
  • सूर्य का कुंभ राशि में प्रवेश: सुबह 7:45 बजे
  • पुण्यकाल स्नान का समय: सूर्योदय से लेकर संक्रांति के कुछ घंटों तक

कुंभ संक्रांति पर क्या करें?

  • सूर्य उपासना और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ – कुंभ संक्रांति के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सूर्य देव की उपासना करें और उन्हें तांबे के लोटे में जल, तिल, अक्षत और लाल पुष्प अर्पित करें। आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें। इससे जीवन में सफलता, प्रतिष्ठा और शांति प्राप्त होती है।
  • दान का महत्व – इस दिन तिल, गुड़, वस्त्र और खाद्य सामग्री का दान करने से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है। गरीबों और ब्राह्मणों को दान करने से जीवन के दोष दूर होते हैं और अंत में मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  • पवित्र स्नान का महत्त्व – गंगा स्नान इस दिन अत्यंत फलदायी माना जाता है। यदि गंगा में स्नान संभव न हो तो किसी भी पवित्र नदी जैसे यमुना, गोदावरी या नर्मदा में स्नान करें। ऐसा करने से पापों का नाश और पुण्य की प्राप्ति होती है।
  • सूर्य बीज मंत्र का जाप – इस दिन सूर्य देव के बीज मंत्र “ॐ घृणि सूर्य आदित्याय नमः” का जाप करने से जीवन में दुख और कष्टों का शीघ्र अंत होता है।
  • पूजा-विधान और व्रत – प्रातः स्नान के बाद लाल वस्त्र धारण करें और सूर्य देव को अर्घ्य दें। तिल और खिचड़ी का भोग लगाकर ब्राह्मण को भोजन कराएं। पूरे दिन बिना नमक खाए व्रत रखने का संकल्प लें।

12 राशियों पर कुंभ संक्रांति का प्रभाव

  1. मेष राशि: आत्मविश्वास बढ़ेगा। यश और मान-सम्मान में वृद्धि होगी। नौकरी और व्यापार में लाभ होगा।
  2. वृषभ राशि: स्वभाव में कटुता बढ़ सकती है। खर्चों पर नियंत्रण रखें। करियर में अतिरिक्त मेहनत से सफलता मिलेगी।
  3. मिथुन राशि: करियर और स्वास्थ्य में सुधार होगा। व्यापार में लाभ होगा।
  4. कर्क राशि: आमदनी में वृद्धि होगी। वाहन और संपत्ति का सुख मिलेगा।
  5. सिंह राशि: अनावश्यक खर्च बढ़ सकते हैं। क्रोध पर काबू रखें। कार्यक्षेत्र में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
  6. कन्या राशि: स्वभाव में कटुता आ सकती है। संयम रखें और करियर पर ध्यान केंद्रित करें।
  7. तुला राशि: कार्यक्षेत्र में व्यस्तता बढ़ेगी। पिता की सेहत का ध्यान रखें।
  8. वृश्चिक राशि: माता-पिता की सेहत का ध्यान रखें। समय मिश्रित फलदायी रहेगा।
  9. धनु राशि: व्यापार और नौकरी में उन्नति होगी। यात्रा और स्थान परिवर्तन के योग बन सकते हैं।
  10. मकर राशि: अधिक मेहनत करनी होगी। भवन और वाहन का सुख मिल सकता है। धैर्य बनाए रखें।
  11. कुंभ राशि: नौकरी में उन्नति होगी। कार्यक्षेत्र में व्यस्तता रहेगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
  12. मीन राशि: आमदनी बढ़ेगी। विवादों से बचें। संपत्ति से लाभ होने की संभावना है।

कुंभ संक्रांति का पूजन-विधान

  • सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और जल में तिल मिलाएं।
  • लाल वस्त्र धारण करें और तांबे के लोटे में जल, तिल, लाल चंदन, गुड़ और अक्षत मिलाकर सूर्य देव को अर्पित करें।
  • जल चढ़ाते समय नीचे तांबे के पात्र में जल एकत्रित करें और इसे मदार के पौधे में अर्पित करें।
  • सूर्य देव को निम्न मंत्रों से नमस्कार करें:
    • ॐ सूर्याय नमः।
    • ॐ आदित्याय नमः।
    • ॐ सप्तार्चिषे नमः।
    • ॐ सवित्रे नमः।
    • ऊं मार्तण्डाय नम:।
    • ऊं विष्णवे नम:।
    • ऊं भास्कराय नम:।
    • ऊं भानवे नम:।
    • ऊं मरिचये नम:।
  •  आदित्य हृदय स्तोत्र, श्रीनारायण कवच और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। इससे जीवन में विशेष फल प्राप्त होते हैं।

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