देवी अन्नपूर्णा सहस्रनामावली

देवी अन्नपूर्णा हिंदू धर्म में भोजन, समृद्धि और सुख-शांति की देवी मानी जाती हैं। वे भगवान शिव की अर्धांगिनी और जगत माता पार्वती का स्वरूप हैं। “अन्नपूर्णा” का अर्थ है “भोजन से परिपूर्ण”, और उनकी कृपा से भक्तों को जीवन में कभी भी भोजन या धन की कमी नहीं होती। देवी अन्नपूर्णा सहस्रनामावली में उनके…

देवी मातंगी सहस्रनामावली

देवी मातंगी तंत्र साधना और विद्या की अधिष्ठात्री देवी मानी जाती हैं। उन्हें “तंत्र स्वरूपिणी” और “सरस्वती का तांत्रिक रूप” भी कहा जाता है। देवी मातंगी सहस्रनामावली में उनके एक हजार पवित्र नामों का वर्णन है, जो उनकी महिमा, शक्ति और अनुकंपा को प्रकट करते हैं। यह सहस्रनामावली देवी की कृपा प्राप्त करने और जीवन…

श्री शिव सहस्रनामावली

श्री शिव सहस्रनामावली भगवान शिव के हजार पवित्र नामों का संग्रह है, जो उनकी अनंत शक्तियों, दिव्य स्वरूपों और महिमा का वर्णन करता है। भगवान शिव, जिन्हें महादेव, भोलेनाथ और आदियोगी के नाम से भी जाना जाता है, सृष्टि के संहारक और पुनर्निर्माण के देवता हैं। इस सहस्रनामावली का पाठ करने से भगवान शिव की…

श्री कृष्ण सहस्रनामावली

श्री कृष्ण सहस्रनामावली में भगवान श्रीकृष्ण के एक हजार पवित्र और दिव्य नामों का वर्णन है। यह नाम उनके विभिन्न स्वरूपों, लीलाओं, गुणों और महिमा को प्रकट करते हैं। भगवान श्रीकृष्ण, जिन्हें योगेश्वर, मुरलीधर और गोविंद के नाम से भी जाना जाता है, प्रेम, करुणा और ज्ञान के प्रतीक हैं। इस सहस्रनामावली का पाठ करने…

श्री राधिका सहस्रनामावली

श्री राधिका सहस्रनामावली में राधारानी के एक हजार दिव्य और पवित्र नामों का वर्णन है। यह सहस्रनामावली उनके अलौकिक प्रेम, दिव्यता और भक्तों पर उनकी अनुकंपा का गुणगान करती है। राधारानी भगवान श्रीकृष्ण की शक्ति और प्रेम का सर्वोच्च रूप हैं। उनका यह सहस्रनाम स्तोत्र हर उस भक्त के लिए है, जो सच्चे प्रेम, भक्ति…

देवी छिन्नमस्ता सहस्रनामावली

देवी छिन्नमस्ता दस महाविद्याओं में से एक हैं और उनका स्वरूप शक्ति, त्याग, और आत्मनियंत्रण का प्रतीक है। छिन्नमस्ता का अर्थ है “कटी हुई मस्तक वाली देवी”। यह स्वरूप इस बात का प्रतीक है कि अहंकार का त्याग और आत्मबलिदान से व्यक्ति सच्ची सिद्धि प्राप्त करता है। देवी छिन्नमस्ता सहस्रनामावली में उनके एक हजार पवित्र…

भगवान विष्णु सहस्रनामावली

भगवान विष्णु सहस्रनामावली में भगवान विष्णु के एक हजार पवित्र नामों का वर्णन है। भगवान विष्णु सृष्टि के पालनकर्ता और समस्त ब्रह्मांड के संरक्षक हैं। उनका यह सहस्रनाम उनके दिव्य गुणों, स्वरूपों और महिमा का गुणगान करता है। विष्णु सहस्रनामावली का पाठ भक्तों को हर प्रकार के संकटों से मुक्ति दिलाने, आत्मिक शांति प्राप्त करने,…

श्री गायत्री चालीसा

|| श्री गायत्री चालीसा || दोहा – ह्रीं श्रीं क्लीं मेधा प्रभा जीवन ज्योति प्रचंड । शांति कांति जागृति प्रगति रचना शक्ति अखंड ॥ जगत जननी मंगल करनि गायत्री सुखधाम । प्रणवो सावित्री स्वधा स्वाहा पूरन काम ॥ चौपाई – भूर्भुवः स्वः ओं युत जननी । गायत्री नित कलिमल दहनी ॥ १ ॥ अक्षर चौबिस…

श्री अर्धनारीश्वर सहस्रनामावली

श्री अर्धनारीश्वर सहस्रनामावली भगवान शिव और माता पार्वती के अर्धनारीश्वर स्वरूप को समर्पित है। अर्धनारीश्वर का स्वरूप शिव और शक्ति का अद्वितीय संगम है, जो सृष्टि की संतुलित रचना और समस्त ब्रह्मांड की ऊर्जा के मूल रूप को दर्शाता है। सहस्रनामावली में अर्धनारीश्वर के हजार नामों का उल्लेख किया गया है, जो उनके विभिन्न गुणों…

दत्तात्रेय सहस्रनामावली

दत्तात्रेय सहस्रनामावली भगवान दत्तात्रेय को समर्पित एक अद्भुत स्तोत्र है। भगवान दत्तात्रेय त्रिमूर्ति के संयुक्त अवतार हैं, जिनमें ब्रह्मा, विष्णु और महेश की शक्तियां समाहित हैं। वे गुरु तत्व के सर्वोच्च प्रतीक हैं और आत्मज्ञान, वैराग्य, और ज्ञान प्रदान करते हैं। इस सहस्रनामावली में भगवान दत्तात्रेय के हजार पवित्र नामों का वर्णन है, जो उनके…

दुर्गा सप्तशती (Durga Saptashati)

दुर्गा सप्तशती (Durga Saptashati)

दुर्गा सप्तशती देवी दुर्गा की महिमा और शक्ति का एक प्रमुख धार्मिक ग्रंथ है, जिसे गीता प्रेस गोरखपुर द्वारा प्रकाशित किया गया है। यह ग्रंथ देवी महात्म्य के रूप में भी प्रसिद्ध है और इसे मार्कंडेय पुराण के अंतर्गत शामिल किया गया है। दुर्गा सप्तशती में 700 श्लोक हैं, जो मां दुर्गा के स्वरूप, उनकी…

श्री भवानी सहस्त्रनाम स्तवराजम (Shri Bhavani Sahastranam Stavarajam)

श्री भवानी सहस्त्रनाम स्तवराजम (Shri Bhavani Sahastranam Stavarajam)

श्री भवानी सहस्त्रनाम स्तवराजम देवी भवानी (मां दुर्गा) की महिमा का एक विशिष्ट ग्रंथ है, जिसे लेखक दुर्गा लाल शर्मा जी ने लिखा है। यह पुस्तक देवी के हजार नामों (सहस्त्रनाम) का संग्रह है, जो उनकी विभिन्न शक्तियों, गुणों और स्वरूपों को प्रकट करते हैं। यह ग्रंथ मां दुर्गा के भक्तों के लिए उनकी आराधना…

श्री लक्ष्मी सहस्रनामावली

श्री लक्ष्मी सहस्रनामावली माता लक्ष्मी के हजार पवित्र नामों का संग्रह है, जो उनकी अद्भुत महिमा और दिव्य स्वरूप को प्रकट करती है। माता लक्ष्मी धन, वैभव, ऐश्वर्य और समृद्धि की देवी हैं। यह सहस्रनामावली उनके गुणों, स्वरूपों और कृपा के विभिन्न आयामों का विस्तार से वर्णन करती है। इसका पाठ न केवल आर्थिक समृद्धि…

श्री गणेश सहस्त्रनाम (Shri Ganesh Sahastranam)

श्री गणेश सहस्त्रनाम (Shri Ganesh Sahastranam)

श्री गणेश सहस्त्रनाम भगवान गणेश के हजार नामों का अद्भुत संकलन है, जिसे पंडित गोविंद दत्त शर्मा जी ने लिखा है। यह पुस्तक भगवान गणेश के उन अनगिनत स्वरूपों और गुणों का वर्णन करती है, जो उनकी दिव्यता और शक्ति को प्रकट करते हैं। सहस्त्रनाम का पाठ भगवान गणेश की कृपा पाने और जीवन में…

दुर्गा आराधना (Durga Aaradhana)

दुर्गा आराधना (Durga Aaradhana)

दुर्गा आराधना एक अद्वितीय पुस्तक है, जो मां दुर्गा की पूजा, आराधना, और साधना के सभी आवश्यक पहलुओं को समर्पित है। इस पुस्तक का प्रकाशन राजौरी इन्वेस्टमेंट एंड सेविंग कॉर्प द्वारा किया गया है। यह पुस्तक देवी दुर्गा के प्रति भक्ति भाव को प्रकट करने, उनकी पूजा विधि समझने और उनके आशीर्वाद से जीवन को…

बटुक भैरव सहस्रनामावली

बटुक भैरव सहस्रनामावली भगवान भैरव को समर्पित एक अद्भुत स्तोत्र है जिसमें उनके हजार नामों का वर्णन किया गया है। भगवान भैरव को शिव जी का उग्र और रक्षक स्वरूप माना जाता है। उनका यह स्वरूप भक्तों को बुरी शक्तियों, कष्टों और नकारात्मक ऊर्जा से बचाने वाला है। बटुक भैरव सहस्रनामावली में उनके प्रत्येक नाम…

गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi)

गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi)

गणेश चतुर्थी नामक पुस्तक भगवान श्री गणेश की पूजा, व्रत विधि, कथा और उनके प्रति भक्तिभाव को समर्पित है। इस पुस्तक में गणेश चतुर्थी से संबंधित सभी प्रमुख जानकारियाँ दी गई हैं, जैसे व्रत का महत्व, पूजा विधि, गणेश चतुर्थी की कथाएँ और हर साल की गणेश चतुर्थी तिथियों की सूची। यह पुस्तक श्रद्धालुओं के…

श्री गणेश सहस्त्रनामावली (Shri Ganesh Sahasranamavali)

श्री गणेश सहस्त्रनामावली (Shri Ganesh Sahasranamavali)

श्री गणेश सहस्त्रनामावली भगवान गणेश की महिमा का अद्भुत ग्रंथ है, जिसे पंडित खेमा राज कृष्णदास जी ने लिखा है। यह पुस्तक भगवान गणेश के हजार नामों (सहस्त्रनाम) का संग्रह है, जो उनकी अनंत शक्तियों, गुणों और दिव्यता को प्रकट करते हैं। यह ग्रंथ भगवान गणेश के भक्तों के लिए अत्यंत पवित्र और प्रेरणादायक है।…

श्री दुर्गा स्तुति (Shri Durga Stuti)

श्री दुर्गा स्तुति (Shri Durga Stuti)

श्री दुर्गा स्तुति देवी दुर्गा की महिमा और स्तुतियों का संग्रह है। यह पुस्तक प्रदीप पब्लिशर्स द्वारा प्रकाशित की गई है और यह भक्तों के लिए देवी दुर्गा के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करने और उनसे शक्ति, साहस, और आशीर्वाद प्राप्त करने का एक सशक्त माध्यम है। इस पुस्तक में देवी दुर्गा की आराधना से…

दिसम्बर 2024 में आने वाले सभी हिन्दू त्यौहारों और व्रतों की सूची

december festival

दिसम्बर 2024 में हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण त्यौहार और व्रत बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाए जाएंगे। इस महीने की शुरुआत मोक्षदा एकादशी (11 दिसम्बर) से होती है, जो भगवान विष्णु की आराधना का प्रमुख दिन है। इसके बाद दत्तात्रेय जयंती (14 दिसम्बर) और प्रदोष व्रत (13 दिसम्बर) मनाए जाएंगे। मार्गशीर्ष पूर्णिमा (15 दिसम्बर)…

नवदुर्गा (Navdurga)

नवदुर्गा (Navdurga)

नवदुर्गा गीता प्रेस गोरखपुर द्वारा प्रकाशित एक विशेष पुस्तक है, जो हिंदू धर्म की नवदुर्गा परंपरा पर आधारित है। यह पुस्तक देवी दुर्गा के नौ रूपों का परिचय, उनकी उपासना पद्धतियों, और उनके आध्यात्मिक महत्व को विस्तार से समझाती है। इस पुस्तक का मुख्य उद्देश्य भक्तों को नवदुर्गा की महिमा और उनके पूजन विधानों की…

अमृत पर्व दशहरा (Amrit Parva Dussehra)

अमृत पर्व दशहरा (Amrit Parva Dussehra)

अमृत पर्व: दशहरा स्वामी सनातन श्री द्वारा लिखित एक अद्वितीय पुस्तक है जो भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिकता, और दशहरा उत्सव के गूढ़ रहस्यों पर प्रकाश डालती है। इस पुस्तक में दशहरा के ऐतिहासिक, धार्मिक, और सांस्कृतिक पहलुओं को बेहद सरल और प्रभावी भाषा में प्रस्तुत किया गया है। स्वामी सनातन श्री ने इस पुस्तक को लिखने…

यन्त्र शक्ति (Yantra Shakti)

यन्त्र शक्ति (Yantra Shakti)

यंत्र शक्ति डॉ. रुद्रदेव त्रिपाठी द्वारा लिखी गई एक अद्भुत पुस्तक है, जो भारतीय आध्यात्मिक परंपरा और तंत्र विज्ञान में यंत्रों की महिमा और उपयोग को उजागर करती है। यह पुस्तक उन लोगों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है जो तांत्रिक विधाओं, यंत्रों की शक्ति और उनके वैज्ञानिक व आध्यात्मिक महत्व को गहराई से…

गुरु प्रदोष व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| गुरु प्रदोष व्रत पूजा विधि || सुबह स्नान आदि करने के बाद व्रत का संकल्प लें। इसके बाद भगवान शिव का जलाभिषेक करें। अब भगवान शिव की धूप व आरती करें। भगवान शंकर को भोग लगाएं। फिर शाम को प्रदोष काल में भगवान शिव की आरती करें। || गुरु प्रदोष व्रत के लाभ ||…

सनातन दर्शन की पृष्ठभूमि (Sanaatan Darshan Kee Prshthabhoomi)

सनातन दर्शन की पृष्ठभूमि (Sanaatan Darshan Kee Prshthabhoomi)

सनातन दर्शन की पृष्ठभूमि पुस्तक भारतीय सनातन धर्म और उसके गूढ़ दार्शनिक सिद्धांतों को सरल और सुव्यवस्थित रूप में प्रस्तुत करती है। इसके लेखक स्वामी सनातन श्री, भारतीय दर्शन, धर्म और वेदांत के प्रख्यात विद्वान हैं। इस ग्रंथ में सनातन धर्म के मूल सिद्धांत, इसकी ऐतिहासिक यात्रा, और आधुनिक युग में इसकी प्रासंगिकता को विस्तार…

गृहस्थ धर्म की पूर्णता (Grhasth Dharm Kee Poornata)

गृहस्थ धर्म की पूर्णता (Grhasth Dharm Kee Poornata)

गृहस्थ धर्म की पूर्णता पुस्तक भारतीय संस्कृति में गृहस्थ जीवन के महत्व और आदर्शों को प्रस्तुत करने वाला एक विशेष ग्रंथ है। इसके लेखक/लेखिका राजेश्वरी शंकर ने गृहस्थ जीवन के कर्तव्यों, मूल्यों, और आध्यात्मिक पहलुओं का सुंदर वर्णन किया है। यह पुस्तक गृहस्थ जीवन को केवल भौतिक जिम्मेदारियों का निर्वहन मानने के बजाय इसे एक…

सकाम शिव पूजन (Sakam Shiv Pujan)

सकाम शिव पूजन (Sakam Shiv Pujan)

सकाम शिव पूजन पुस्तक भगवान शिव की पूजा और उनके अनुग्रह प्राप्त करने के इच्छुक साधकों के लिए एक मूल्यवान मार्गदर्शिका है। इसके लेखक पंडित दुर्गा प्रसाद शुक्ल एक प्रसिद्ध विद्वान और वैदिक परंपराओं के गहन ज्ञाता हैं। इस पुस्तक में भगवान शिव की पूजा के विभिन्न सकाम उपायों, विधियों, और महत्व का वर्णन किया…

राम राज्य (Ram Rajya)

राम राज्य (Ram Rajya)

राम राज्य पुस्तक भारतीय संस्कृति और आदर्श समाज व्यवस्था का चित्रण करती है। इसके लेखक श्री रामहर्षणदास जी महाराज, एक प्रख्यात संत और भारतीय धर्मशास्त्रों के मर्मज्ञ हैं। इस पुस्तक में राम राज्य की परिकल्पना, इसके नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों, और इसे आधुनिक समाज में लागू करने के उपायों का विस्तार से वर्णन किया गया…

नवग्रह एवं नक्षत्र शांति (Navagraha Evam Nakshatra Shanti)

नवग्रह एवं नक्षत्र शांति (Navagraha Evam Nakshatra Shanti)

नवग्रह एवं नक्षत्र शांति पुस्तक भारतीय ज्योतिष शास्त्र का एक प्रमुख ग्रंथ है, जिसमें नवग्रहों और नक्षत्रों के प्रभाव, उनकी शांति के उपाय, और उनके जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों का विस्तृत विवरण दिया गया है। इसके लेखक, पंडित रमेश चंद शर्मा, एक प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य और वैदिक परंपराओं के ज्ञाता हैं। यह ग्रंथ ज्योतिष विज्ञान…

मिथिला माधुरी (Mithila Madhuri)

मिथिला माधुरी (Mithila Madhuri)

मिथिला माधुरी पुस्तक भारतीय संस्कृति के गौरवशाली अंश, मिथिला की महान परंपराओं, साहित्य, और धार्मिक महत्व को दर्शाने वाला एक अनुपम ग्रंथ है। इसके लेखक श्री रामहर्षण दास जी, एक प्रसिद्ध संत, विद्वान, और मिथिला परंपरा के गहरे जानकार हैं। इस पुस्तक में मिथिला की सांस्कृतिक धरोहर, रामायणकालीन संदर्भ, और वहां की धार्मिक व साहित्यिक…

विषणु पूजन विधि (Vishnu Pujan Vidhi)

विषणु पूजन विधि (Vishnu Pujan Vidhi)

विष्णु पूजन विधि पुस्तक भगवान विष्णु की आराधना के लिए आवश्यक विधियों और प्रथाओं का एक विस्तृत मार्गदर्शन प्रदान करती है। इस पुस्तक के लेखक हनुमान शर्मा एक प्रसिद्ध धार्मिक लेखक और वैदिक परंपरा के ज्ञाता हैं। उन्होंने सरल और स्पष्ट भाषा में विष्णु पूजन के महत्व, प्रक्रियाओं, और आध्यात्मिक लाभों को इस पुस्तक में…

आह्निककर्म्म सूत्रावली (Ahnika Karma Sutravali)

आह्निककर्म्म सूत्रावली (Ahnika Karma Sutravali)

आह्निककर्म्म सूत्रावली एक वैदिक और धार्मिक ग्रंथ है, जिसमें दैनिक जीवन में किए जाने वाले धार्मिक अनुष्ठानों और कर्मकांडों का विधिवत वर्णन किया गया है। इस पुस्तक के लेखक पंडित शिवदत्त शर्मा एक विद्वान और वैदिक परंपराओं के गहन ज्ञाता हैं। उन्होंने इस ग्रंथ के माध्यम से प्राचीन भारतीय संस्कृति और धर्मशास्त्र के महत्वपूर्ण पक्षों…

मंत्र महोदधि (Mantra Mahodadhi)

मंत्र महोदधि (Mantra Mahodadhi)

‘मंत्र महोदधि’ एक प्राचीन और प्रतिष्ठित ग्रंथ है जिसे भारत के मंत्र विज्ञान, तंत्र, और योग पर आधारित ज्ञान का भंडार कहा जा सकता है। इस पुस्तक के लेखक डॉ. सुधाकर मालवीय हैं, जो भारतीय संस्कृति, वेद, और तंत्र शास्त्र के गहन विद्वान माने जाते हैं। उन्होंने अपने अनुभव और शोध के आधार पर इस…

श्री वेदांत बालबोध (Shri Vedanta Balabodha)

श्री वेदांत बालबोध (Shri Vedanta Balabodha)

‘श्री वेदांत बालबोध’ स्वामी ब्रह्मविद्यानंद जी द्वारा रचित एक अद्भुत ग्रंथ है, जो वेदांत दर्शन के गूढ़ और जटिल सिद्धांतों को सरल, स्पष्ट और बालबोध (आसान) शैली में प्रस्तुत करता है। यह पुस्तक विशेष रूप से उन पाठकों और साधकों के लिए है, जो वेदांत को समझने की शुरुआत कर रहे हैं। स्वामी ब्रह्मविद्यानंद वेदांत…

श्री माता बगलामुखी साधना (Shri Mata Baglamukhi Sadhana)

श्री माता बगलामुखी साधना (Shri Mata Baglamukhi Sadhana)

स्वामी ब्रह्मविद्यानंद भारतीय तंत्र परंपरा के ज्ञाता और अनुभवी साधक हैं। उन्होंने तंत्र, मंत्र, और साधना के गूढ़ रहस्यों को सरल और सुलभ रूप में प्रस्तुत करने का कार्य किया है। उनकी पुस्तकें साधकों और तंत्र जिज्ञासुओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। माता बगलामुखी को दस महाविद्याओं में से एक माना जाता है। उनकी साधना…

वेदांत परिभाषा (Vedanta Paribhasha)

वेदांत परिभाषा (Vedanta Paribhasha)

‘वेदांत परिभाषा’ भारतीय वेदांत दर्शन पर आधारित एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जिसकी रचना गजानन शास्त्री मुसलगांवकर जी ने की है। यह पुस्तक वेदांत दर्शन के जटिल विषयों को सरल और व्यवस्थित तरीके से समझाने का प्रयास करती है। गजानन शास्त्री जी ने इस ग्रंथ के माध्यम से वेदांत के गूढ़ सिद्धांतों और परिभाषाओं को स्पष्ट…

उत्पन्ना एकादशी 2024 व्रत क्यों और कैसे करें? जानिए व्रत का संपूर्ण विवरण और रहस्य

utpanna ekadashi

उत्पन्ना एकादशी का व्रत हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह व्रत मार्गशीर्ष (अगहन) मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने माता एकादशी को उत्पन्न किया था, जिन्होंने राक्षस मुर का वध करके धर्म की रक्षा की थी। इस दिन व्रत…

उत्पन्ना एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

॥ उत्पन्ना एकादशी पूजा विधि ॥ ये व्रत दो प्रकार से रखा जाता है एक तो निर्जला दूसरा फल ग्रहण करके। व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर व्रत करने का संकल्प लें। इसके बाद भगवान विष्णु को अक्षत, दीपक, नैवेद्य आदि सोलह सामग्री से विधि विधान पूजा करें। एकादशी के दिन पीपल के…

श्री बृहदारण्यकोपनिषत् (Shri Brihadaranyakoponishat)

श्री बृहदारण्यकोपनिषत् (Shri Brihadaranyakoponishat)

‘श्री बृहदारण्यकोपनिषत्’ भारतीय उपनिषद साहित्य का एक प्रमुख ग्रंथ है, जो वेदांत दर्शन के गूढ़ तत्वों और आत्मा-ब्रह्म के अद्वैत सिद्धांत को उजागर करता है। इसका हिंदी भाष्य पंडित पितांबर शास्त्री जी ने किया है, जो उपनिषद के गहन रहस्यों को सरल भाषा में प्रस्तुत करने वाले एक अद्वितीय विद्वान थे। पंडित पितांबर शास्त्री भारतीय…

वृत्तप्रभाकर (Vrittprabhakar)

वृत्तप्रभाकर (Vrittprabhakar)

‘वृत्तप्रभाकर’ एक अद्वितीय दार्शनिक ग्रंथ है, जिसकी रचना निश्छलदास जी ने की है। यह ग्रंथ भारतीय अद्वैत वेदांत परंपरा का प्रतिनिधित्व करता है और आत्मज्ञान, आध्यात्मिक जागृति तथा मोक्ष के मार्ग को सरल भाषा में प्रस्तुत करता है। निश्छलदास जी ने इस ग्रंथ को हिंदी भाषा में रचा, जो उस समय का एक अनूठा और…

श्री शिव महिमा स्तोत्रम् (Shri Shiva Mahima Stotram)

श्री शिव महिमा स्तोत्रम् (Shri Shiva Mahima Stotram)

‘श्री शिव महिमा स्तोत्रम्’ भगवान शिव की महिमा का वर्णन करने वाला एक अद्वितीय और प्रसिद्ध स्तोत्र है, जिसकी रचना पुष्पदंत द्वारा की गई है। यह स्तोत्र न केवल शिव भक्ति का प्रतीक है, बल्कि इसमें भगवान शिव के स्वरूप, उनके गुणों, और उनकी कृपा का भी गहन वर्णन है। पुष्पदंत एक दिव्य गंधर्व और…

ऋग्वेमंत्रशक्ति एवं उपासना रहस्य (Mantrashakti Evam Upasana Rahasya)

ऋग्वेमंत्रशक्ति एवं उपासना रहस्य (Mantrashakti Evam Upasana Rahasya)

‘ऋग्वेमंत्रशक्ति एवं उपासना रहस्य’ पुस्तक भारतीय वैदिक परंपरा के गहन अध्ययन और मंत्र उपासना के रहस्यमय पक्षों पर केंद्रित है। इस ग्रंथ के लेखक पंडित परंतप प्रेमशंकर जी हैं, जो वैदिक साहित्य और धर्मशास्त्र के विद्वान हैं। यह पुस्तक ऋग्वेद के मंत्रों की शक्ति, उनके अर्थ, और उनकी उपासना विधियों को सरल और गहनता से…

श्रीविद्यामंत्रमहायोग (Shri Vidhya Mantra Mahayoga)

श्रीविद्यामंत्रमहायोग (Shri Vidhya Mantra Mahayoga)

‘श्रीविद्यामंत्रमहायोग’ पुस्तक श्रीविद्या साधना के गूढ़ रहस्यों और महायोग के महत्व को उजागर करती है। इसके लेखक दत्तात्रेय नंदनाथ जी हैं, जो तंत्र, योग और श्रीविद्या परंपरा के प्रतिष्ठित साधक और विद्वान हैं। यह पुस्तक श्रीविद्या मंत्र साधना के विभिन्न पहलुओं को गहराई से समझाती है और साधकों को आत्मज्ञान की ओर अग्रसर करने का…

मंत्र शास्त्र (Mantra Shastra)

मंत्र शास्त्र (Mantra Shastra)

‘मंत्र शास्त्र’ पुस्तक भारतीय आध्यात्मिक परंपरा और मंत्र विज्ञान के गहन रहस्यों को उजागर करती है। इस ग्रंथ के लेखक गोविंद प्रभाकर भावे जी हैं, जो एक प्रसिद्ध विद्वान और भारतीय धर्म, दर्शन और मंत्र परंपरा के विशेषज्ञ हैं। यह पुस्तक उन सभी के लिए एक अमूल्य रचना है, जो मंत्र साधना, उसके महत्व, और…

श्रीमातृकाचक्र विवेक (Shri Matrika Chakra Vivek)

श्रीमातृकाचक्र विवेक (Shri Matrika Chakra Vivek)

श्रीमातृकाचक्र विवेक पुस्तक एक गहन और आध्यात्मिक ग्रंथ है, जो भारतीय तंत्र परंपरा में मातृकाचक्र के रहस्यों और उसके विवेक (ज्ञान) को उजागर करता है। यह पुस्तक तंत्र साधना, मातृका अक्षरों के प्रभाव, और उनके गूढ़ अर्थों को समझने के लिए एक अमूल्य साधन है। पुस्तक के लेखक श्री कृष्णानंद बुढोलिया जी और उनके गुरु…

मंत्र महायोग (Mantra Mahayoga)

मंत्र महायोग (Mantra Mahayoga)

‘मंत्र महायोग’ दत्तात्रेय नंदनाथ द्वारा लिखित एक अद्वितीय पुस्तक है, जो भारतीय तांत्रिक और मंत्र परंपरा की गहराइयों को उजागर करता है। यह पुस्तक मंत्र साधना, उसकी विधियों, प्रभावों और मनुष्य के आध्यात्मिक विकास में उसकी महत्ता पर केंद्रित है। इसमें मंत्रों की शक्ति और उनकी वैज्ञानिक तथा आध्यात्मिक व्याख्या प्रस्तुत की गई है। मंत्रों…

गायत्री का मंत्रार्थ (Gayatri Ka Mantrartha)

गायत्री का मंत्रार्थ (Gayatri Ka Mantrartha)

‘गायत्री का मंत्रार्थ’ पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित एक अनुपम ग्रंथ है, जो गायत्री मंत्र के गूढ़ अर्थ और आध्यात्मिक रहस्यों को सरलता और स्पष्टता से उजागर करता है। इस पुस्तक का उद्देश्य गायत्री मंत्र को केवल एक पवित्र श्लोक के रूप में प्रस्तुत करना नहीं, बल्कि उसके भीतर छिपे हुए दिव्य ज्ञान को…

गायत्री की दैनिक साधना एवं यज्ञ पद्धति (Gayatri Ki Dainik Sadhana evam Yagya Paddhati)

गायत्री की दैनिक साधना एवं यज्ञ पद्धति (Gayatri Ki Dainik Sadhana evam Yagya Paddhati)

‘गायत्री की दैनिक साधना एवं यज्ञ पद्धति’ पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित एक अत्यंत महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जो साधकों को गायत्री मंत्र के माध्यम से आत्मिक विकास और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन का मार्ग दिखाता है। यह पुस्तक दैनिक साधना के महत्व और यज्ञ की विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करती है। गायत्री…