श्री सायिबाबा प्रार्थनाष्टकम्

|| श्री सायिबाबा प्रार्थनाष्टकम् || शान्तचित्ता महाप्रज्ञा सायिनाथा दयाधना दयासिन्धो सत्यस्वरूपा मायातमविनाशना ॥ १ जात गोतातीता सिद्धा अचिन्त्या करुणालया पाहिमां पाहिमां नाथा शिरिडी ग्रामनिवासिया ॥ २ श्री ज्ञानार्क ज्ञानदात्या सर्वमङ्गलकारका भक्त चित्त मराला हे शरणागत रक्षक ॥ ३ सृष्टिकर्ता विरिञ्ची तू पातातू इन्दिरापति जगत्रयालयानेता रुद्रतो तूच निश्चिती ॥ ४ तुजवीणे रताकोठे ठावनाया महीवरी सर्वज्ञातू सायिनाथा…

श्रावण संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा

|| श्रावण श्री गणेश संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा || धर्मराज युधिष्ठिर ने इस व्रत को किया था। जब पूर्वकाल में राजच्युत होकर अपने भाइयों के साथ वे वनवास में थे, तब भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें इस व्रत के बारे में बताया। युधिष्ठिर ने भगवान कृष्ण से अपने कष्टों के शमन के लिए उपाय पूछा था।…

कजरी तीज व्रत कथा एवं पूजन विधि

|| कजरी तीज पूजा विधि || कजरी तीज के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद व्रत का संकल्प लें। फिर घर के मंदिर में एक चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं। इसके बाद चौकी पर मां पार्वती और शिवजी की प्रतिमा स्थापित करें। अब माता पार्वती को 16 श्रृंगार…

भानु सप्तमी व्रत कथा व पूजा विधि

।। भानु सप्तमी व्रत पूजा विधि ।। सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और उसके बाद तांबे के लोटे में जल भरें और उसमें लाल चन्दन, चावल, लाल फूल डालकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें। जल चढ़ाते समय सूर्य के वरूण रूप को प्रणाम करते हुए ऊं रवये नम: मंत्र का जाप करें। अंत में…

बलराम सहस्रनामावली

।। बलराम सहस्रनामावली ।। ॐ अंशांशाय नमः। ॐ अक्लेद्याय नमः। ॐ अक्षराय नमः। ॐ अक्षराय नमः। ॐ अक्षौहिणीवृताय नमः। ॐ अग्निपानाय नमः। ॐ अग्रगाय नमः। ॐ अघनाशकाय नमः। ॐ अघारये नमः। ॐ अङ्गिरसे नमः। ॐ अच्छेद्याय नमः। ॐ अच्युताग्रजाय नमः। ॐ अच्युताय नमः। ॐ अजस्रसुखाय नमः। ॐ अजातशत्रवे नमः। ॐ अट्टहासाय नमः। ॐ अतलिने नमः।…

सम्पूर्ण प्रदोष व्रत कैलेंडर 2024 – जानें व्रत पूजा विधि और लाभ

Om Namah Shivay

प्रदोष व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि पर आता है और हर महीने दो बार मनाया जाता है – एक कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष में। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और उनके पूरे परिवार का विधिपूर्वक पूजन किया जाता है। इस दिन शनि देव की भी पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक…

Shri Harinaam Mahamantra (श्री हरिनाम महामंत्र)

Shri Harinaam Mahamantra (श्री हरिनाम महामंत्र)

श्रीमद् हरिनाम महामंत्र पुस्तक का दसवां संस्करण, जो कि विष्णुपाद श्रीमद्बदकपज्ञ महाराज की प्रेरणा से प्रकाशित हुआ है, सर्वोच्च करुणामय और अहैतुकी कृपालु गुरुपादपद नित्य को समर्पित है, भक्तों और पाठकों द्वारा अत्यंत आनंदपूर्वक अनुभव किया जा रहा है। श्री हरिनाम महामंत्र पुस्तक भक्ति योग और भगवान के नाम की महिमा का गान करती है।…

Vedant Darshan (वेदांत दर्शन)

Vedant Darshan (वेदांत दर्शन)

वेदांत दर्शन पुस्तक भारतीय दार्शनिक परंपरा के महत्वपूर्ण पहलू वेदांत के सिद्धांतों और शिक्षाओं का गहन विश्लेषण प्रस्तुत करती है। वेदांत दर्शन भारतीय दर्शन का एक प्रमुख अंग है, जो वेदों के अंतिम भाग, उपनिषदों, पर आधारित है। यह पुस्तक उन सभी के लिए एक मार्गदर्शिका है जो वेदांत के गूढ़ सिद्धांतों को समझना चाहते…

Divya Prerna Prakash (दिव्य प्रेरणा प्रकाश)

Divya Prerna Prakash (दिव्य प्रेरणा प्रकाश)

दिव्य प्रेरणा प्रकाश पुस्तक परम पूज्य संत श्री आशाराम बापूजी द्वारा रचित एक अद्वितीय आध्यात्मिक और प्रेरणादायक ग्रंथ है। यह पुस्तक जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने, आत्मिक उन्नति प्राप्त करने और ईश्वर के प्रति भक्ति को बढ़ाने के लिए एक मार्गदर्शिका के रूप में कार्य करती है। आशाराम बापूजी की शिक्षाओं और उनके गहन आध्यात्मिक…

Chaitanya Mahaprabhu Ki Siksa (चेतन्य महाप्रभु की शिक्षा)

Caitanya Mahaprabhu ki siksa (चेतन्य महाप्रभु की शिक्षा)

चैतन्य महाप्रभु की शिक्षा पुस्तक का चौथा संस्करण चैतन्य महाप्रभु की दिव्य शिक्षाओं का संकलन और विश्लेषण प्रस्तुत करता है। चैतन्य महाप्रभु, जिन्हें भगवान कृष्ण के अवतार के रूप में माना जाता है, ने भक्ति योग के माध्यम से प्रेम और सेवा के मार्ग को प्रकट किया। उनकी शिक्षाएँ भक्ति और संकीर्तन (भगवान के नाम…

Vivek chudamani (विवेकचूडामणि)

Vivek chudamani (विवेकचूडामणि)

विवेकचूडामणि आदि शंकराचार्य द्वारा रचित एक प्रमुख दार्शनिक ग्रंथ है, जो अद्वैत वेदांत के सिद्धांतों पर आधारित है। इस पुस्तक का नाम “विवेकचूडामणि” का अर्थ है “विवेक (विवेकशीलता) का सर्वोच्च आभूषण,” और यह आत्मज्ञान की प्राप्ति के मार्ग में विवेकशीलता के महत्व को रेखांकित करता है। विवेकचूडामणि पुस्तक की प्रमुख विशेषताएँ अद्वैत वेदांत का दर्शन: विवेकचूडामणि…

जानिए शनिदेव से जुड़ी 10 बड़ी बातें जिन्हें जानना बेहद जरूरी है

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हिंदू धर्म में, शनिदेव न्याय, कर्म और भाग्य के देवता के रूप में जाना जाता हैं। वे सूर्यदेव के पुत्र और छाया देवी संज्ञा से उत्पन्न हुए हैं। नवग्रहों में से एक, शनि को अक्सर उनके कठोर स्वभाव और दंडात्मक प्रकृति के लिए जाना जाता है। लेकिन शनिदेव केवल दंड देने वाले नहीं हैं, वे…

Vraja Mandala Parikrama (ब्रज मंडल परिक्रमा)

Vraja Mandala Parikrama (ब्रज मंडल परिक्रमा)

व्रज मंडल परिक्रमा पुस्तक एक आध्यात्मिक और धार्मिक ग्रंथ है, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण के लीला स्थलों का भ्रमण और उनके महत्व का वर्णन किया गया है। यह पुस्तक व्रजभूमि, जिसे वृंदावन भी कहा जाता है, के प्रमुख तीर्थ स्थलों और उनसे संबंधित कथाओं का संकलन करती है। व्रज मंडल परिक्रमा को हिंदू धर्म में अत्यधिक…

Mansha Vrat Katha (मंशा व्रत कथा)

Mansha Vrat Katha (मंशा व्रत कथा)

मंशा महादेव व्रत की कथा में बताया जाता है कि यह व्रत देवी-देवताओं द्वारा किया गया था और इसे मनुष्यों द्वारा भी किया जाना चाहिए। मान्यता है कि भगवान इंद्र ने चन्द्रमा के श्राप के कारण हुए कुष्ठ रोग से मुक्ति पाने के लिए इस व्रत को किया था। इसी प्रकार माता पार्वती ने भगवान…

सितम्बर 2024 में आने वाले सभी हिन्दू त्यौहारों और व्रतों की सूची

सितंबर 2024, हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए कई महत्वपूर्ण त्योहारों और व्रतों से भरा हुआ है। इस महीने में धार्मिक उत्सवों का आयोजन बड़े उत्साह के साथ किया जाता है। सितम्बर 2024 में आने वाले सभी हिन्दू त्यौहारों और व्रतों की सूची में कई महत्वपूर्ण आयोजन शामिल हैं। इस महीने 8 सितम्बर को ऋषि…

पुत्रदा एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

॥ पुत्रदा एकादशी व्रत पूजा विधि ॥ प्रातः काल पति – पत्नी संयुक्त रूप से विष्णु की उपासना करें। उन्हें पीले फल, पीले फूल, तुलसी दल और पंचामृत अर्पित करें। इसके बाद संतान गोपाल मन्त्र का जाप करें। मंत्र जाप के बाद पति पत्नी संयुक्त रूप से प्रसाद ग्रहण करें। अगर इस दिन उपवास रखकर…

वरलक्ष्मी व्रत कथा व पूजा विधि

।। वरलक्ष्मी व्रत पूजा विधि ।। वरलक्ष्मी व्रत रखने वाली महिलाओं और पुरुषों को इस दिन प्रातः काल स्नान कर लेना चाहिए। सबसे पहले पूजा वाले स्थान पर गंगाजल छिड़ककर पवित्र करने के बाद व्रत रखने का संकल्प करें। मां लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति को लाल कपड़े के ऊपर स्थापित कर लें। इसके…

मंशा महादेव व्रत कथा एवं पूजन विधि

|| पूजन विधि || भगवान शिव का यह व्रत चार वर्ष का रहता है। हर वर्ष यह व्रत सिर्फ चार महीने ही करना रहता है। इस व्रत को करने से भगवान शिव बड़ी से बड़ी मन की इच्छा की पूर्ति करते है। श्रावण से कार्तिक माह तक के हर सोमवार को शिवलिंग की पूजा करें।…

Caitanya Mahaprabhu ki siksa 4th ed (चेतन्य महाप्रभु की शिक्षा)

Caitanya Mahaprabhu ki siksa 4th ed (चेतन्य महाप्रभु की शिक्षा)

चैतन्य महाप्रभु की शिक्षा एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक पुस्तक है, जिसमें श्री चैतन्य महाप्रभु द्वारा दी गई शिक्षाओं का वर्णन किया गया है। यह पुस्तक उनके उपदेशों, विचारों और भक्ति मार्ग की व्याख्या करती है, जिसे गौड़ीय वैष्णव सम्प्रदाय में अत्यधिक महत्व दिया जाता है। चैतन्य महाप्रभु को श्रीकृष्ण के अवतार के रूप में माना जाता…

Sandhyaa Rahasya (संध्या रहस्य)

Sandhyaa Rahasya (संध्या रहस्य)

संध्या रहस्य एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक ग्रंथ है, जिसमें संध्या वंदन की विधियों और इसके गूढ़ रहस्यों का वर्णन किया गया है। संध्या वंदन एक प्राचीन वैदिक अनुष्ठान है, जिसे हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और आवश्यक माना गया है। यह पुस्तक संध्या वंदन के महत्व, इसके विभिन्न चरणों, और इसके पीछे छिपे आध्यात्मिक अर्थों का…

जानिए मंगला गौरी व्रत पूजा के दौरान ध्यान रखने योग्य कुछ खास बातें

mangla gauri mata

मंगला गौरी व्रत श्रावण मास के प्रत्येक मंगलवार को किया जाता है। यह व्रत विशेष रूप से महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है। इस व्रत में माँ गौरी की पूजा का विशेष महत्व है। यहाँ कुछ खास बातें हैं जो मंगला गौरी व्रत पूजा के दौरान ध्यान…

मंगला गौरी व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| पूजा विधि || श्रावण मास के मंगलवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में जल्दी उठें। नित्य कर्मों से निवृत्त होकर साफ-सुथरे धुले हुए अथवा नए वस्त्र धारण कर व्रत करें। मां मंगला गौरी (पार्वती जी) का एक चित्र अथवा प्रतिमा लें। फिर निम्न मंत्र के साथ व्रत करने का संकल्प लें। ‘मम पुत्रापौत्रासौभाग्यवृद्धये श्रीमंगलागौरीप्रीत्यर्थं पंचवर्षपर्यन्तं…

विष्णु भगवान के 108 नाम

|| विष्णु भगवान अष्टोत्तर शतनामावली || ॐ विष्णवे नमः | ॐ जिष्णवे नमः | ॐ वषट्काराय नमः | ॐ देवदेवाय नमः | ॐ वृषाकपये नमः | ॐ दामोदराय नमः | ॐ दीनबंधवे नमः | ॐ आदिदेवाय नमः | ॐ अदितेस्तुताय नमः | ९ ॐ पुंडरीकाय नमः | ॐ परानंदाय नमः | ॐ परमात्मने नमः |…

Ved Saurabh (वेद सौरभ)

Ved Saurabh (वेद सौरभ)

वेद सौरभ एक महत्वपूर्ण धार्मिक और दार्शनिक ग्रंथ है, जिसमें वेदों के सार को सरल और संक्षिप्त रूप में प्रस्तुत किया गया है। यह ग्रंथ उन लोगों के लिए एक मार्गदर्शक है जो वेदों के ज्ञान को समझने और उनका पालन करने की इच्छा रखते हैं। वेद सौरभ वेदों के गूढ़ ज्ञान को सरल भाषा…

Brihad Viman Shastra (बृहद विमान शास्त्र)

Brihad Viman Shastra (बृहद विमान शास्त्र)

बृहद विमान शास्त्र एक प्राचीन भारतीय ग्रंथ है, जिसे विमान शास्त्र या विमान विद्या के रूप में जाना जाता है। यह ग्रंथ आचार्य भरद्वाज द्वारा रचित माना जाता है और इसमें विभिन्न प्रकार के विमानों, उनके निर्माण, संचालन और उनकी तकनीकी विशेषताओं का विवरण मिलता है। यह ग्रंथ भारतीय पौराणिक साहित्य में विज्ञान और तकनीकी…

विश्वंभरी स्तुति

|| विश्वंभरी स्तुति || विश्वंभरी अखिल विश्वतणी जनेता, विद्या धरी वदनमां वसजो विधाता। दुर्बुद्धिने दुर करी सद्बुद्धि आपो, माम् पाहि ओम भगवति भवदुःख कापो ॥ भुलो पडी भवरणे भटकु भवानी, सुझे नही लगिर कोई दिशा जवानी । भासे भयंकर वळी मनना उतापो, माम् पाही ओम भगवति भवदुःख कापो ॥ आ रंकने उगरवा नथी कोई आरो,…

2024 में विनायक चतुर्थी कब-कब मनाई जाएगी? जानिए पूरी लिस्ट

vinayak chaturthi

विनायक चतुर्थी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है और इसे भगवान गणेश की पूजा के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता, बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता माना जाता है। विनायक चतुर्थी के दिन भक्त सुबह स्नान…

देवी लक्ष्मी के 108 नाम

|| देवी लक्ष्मी की अष्टोत्तर शतनामावली || ॐ प्रकृत्यै नमः। ॐ विकृत्यै नमः। ॐ विद्यायै नमः। ॐ सर्वभूतहितप्रदायै नमः। ॐ श्रद्धायै नमः। ॐ विभूत्यै नमः। ॐ सुरभ्यै नमः। ॐ परमात्मिकायै नमः। ॐ वाचे नमः। ॐ पद्मालयायै नमः। ॐ पद्मायै नमः। ॐ शुचये नमः। ॐ स्वाहायै नमः। ॐ स्वधायै नमः। ॐ सुधायै नमः। ॐ धन्यायै नमः।…

Chanakya Sutrani (चाणक्य सूत्राणी)

Chanakya Sutrani (चाणक्य सूत्राणी)

चाणक्य सूत्राणी महान विद्वान और राजनीतिज्ञ चाणक्य द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है। चाणक्य, जिन्हें कौटिल्य और विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है, मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य के गुरु और सलाहकार थे। उनकी रचनाएँ, विशेष रूप से चाणक्य सूत्राणी और अर्थशास्त्र, राजनीति, अर्थव्यवस्था और राज्य प्रशासन के क्षेत्र में अत्यंत महत्वपूर्ण…

Adbhut Ramayan (अद्भुत रामायण)

Adbhut Ramayan (अद्भुत रामायण)

अद्भुत रामायण वाल्मीकि द्वारा रचित एक प्रसिद्ध ग्रंथ है, जो रामायण का एक विशेष संस्करण माना जाता है। यह रामायण की एक अनूठी और अद्वितीय कहानी प्रस्तुत करता है, जो मूल वाल्मीकि रामायण से भिन्न है। अद्भुत रामायण में भगवान राम की वीरता, त्याग और शक्ति का वर्णन अत्यंत प्रभावशाली ढंग से किया गया है।…

वरलक्ष्मी व्रत का महात्म्य, पूजा विधि, तिथि और महत्व

varlakshmi vratam

वरलक्ष्मी व्रत 2024 एक अत्यंत शुभ और महत्वपूर्ण व्रत है जो श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की शुक्रवार को रखा जाता है। यह व्रत मां लक्ष्मी की आराधना के लिए समर्पित है, जो धन, समृद्धि और वैभव की देवी हैं। वरलक्ष्मी व्रत को अत्यंत फलदायी माना जाता है। इस व्रत को रखने से धन-दौलत, सुख-समृद्धि,…

हरियाली तीज व्रत कथा

|| हरियाली तीज व्रत कथा || भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन का एक अद्भुत पर्व है हरियाली तीज। इस पर्व से जुड़ी कथा में जानेंगे कि किस प्रकार माता पार्वती ने भगवान भोलेनाथ को अपने पति के रूप में प्राप्त किया। हरियाली तीज व्रत कथा के अनुसार, इस कथा का वाचन स्वयं भगवान…

श्री सूक्तम्

|| श्री सूक्तम् || हिर॑ण्यवर्णां॒ हरि॑णीं सु॒वर्ण॑रज॒तस्र॑जाम् । च॒न्द्रां हि॒रण्म॑यीं ल॒क्ष्मीं जात॑वेदो म॒ आव॑ह ॥ १ ॥ तां म॒ आव॑ह॒ जात॑वेदो ल॒क्ष्मीमन॑पगा॒मिनी᳚म् । यस्यां॒ हिर॑ण्यं वि॒न्देयं॒ गामश्वं॒ पुरु॑षान॒हम् ॥ २ ॥ अ॒श्व॒पू॒र्वां र॑थम॒ध्यां ह॒स्तिना॑दप्र॒बोधि॑नीम् । श्रियं॑ दे॒वीमुप॑ह्वये॒ श्रीर्मा॑दे॒वीर्जु॑षताम् ॥ ३ ॥ कां॒ सो᳚स्मि॒तां हिर॑ण्यप्रा॒कारा॑मा॒र्द्रां ज्वल॑न्तीं तृ॒प्तां त॒र्पय॑न्तीम् । प॒द्मे॒ स्थि॒तां प॒द्मव॑र्णां॒ तामि॒होप॑ह्वये॒ श्रियम् ॥ ४…

Rawan Samhita Part 1 (रावण संहिता – भाग 1)

Rawan Sahinta Part 1 (रावण संहिता - भाग 1)

रावण संहिता एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जो राजा रावण द्वारा रचित माना जाता है। यह ग्रंथ ज्योतिष, तंत्र, मंत्र, आयुर्वेद, और विभिन्न प्रकार की विद्या का अद्वितीय संग्रह है। रावण संहिता का पहला भाग इन विषयों के आधारभूत सिद्धांतों और उपयोगी जानकारी का विस्तृत वर्णन करता है। रावण, जो लंका का राजा और एक महान…

नाग पंचमी पौराणिक कथा

।। नाग पंचमी पौराणिक कथा ।। प्राचीन काल में एक सेठजी के सात पुत्र थे। सातों के विवाह हो चुके थे। सबसे छोटे पुत्र की पत्नी श्रेष्ठ चरित्र की विदूषी और सुशील थी, परंतु उसके भाई नहीं था। एक दिन बड़ी बहू ने घर लीपने को पीली मिट्टी लाने के लिए सभी बहुओं को साथ…

2024 में इष्टि एवं अन्वाधान व्रतों की विस्तृत सूची, महत्व और विधि सहित

Ishti and anvdhan

वेदिक परंपरा में यज्ञों का विशेष महत्व है, और इष्टि एवं अन्वाधान ऐसे ही दो महत्वपूर्ण यज्ञ हैं। आइए इन दोनों को समझते हैं। अन्वाधान हमेशा पहले किया जाता है। इसे यज्ञ की तैयारी माना जा सकता है, जहां देवता को आमंत्रित किया जाता है। अगले दिन, वास्तविक इष्टि अनुष्ठान होता है, जहां देवता को…

सोमवती अमावस्या व्रत कथा

|| सोमवती अमावस्या व्रत कथा || सोमवती अमावस्या व्रत कथा के अनुसार, एक गरीब ब्राह्मण परिवार था जिसमें पति, पत्नी और उनकी एक पुत्री थी। उनकी पुत्री समय के साथ-साथ बड़ी होने लगी और उसमें सभी स्त्रियोचित सगुणों का विकास होने लगा। वह सुंदर, संस्कारी और गुणवान थी, लेकिन गरीबी के कारण उसका विवाह नहीं…

मासिक शिवरात्रि पौराणिक कथा

|| मासिक शिवरात्रि पौराणिक कथा || धार्मिक पौराणिक कथा के अनुसार चित्रभानु नामक एक शिकारी था। जानवरों की हत्या करके वह अपने परिवार को पालता था। वह एक साहूकार का कर्जदार था, लेकिन उसका ऋण समय पर न चुका सका। क्रोधित साहूकार ने शिकारी को शिवमठ में बंदी बना लिया। संयोग से उस दिन शिवरात्रि…

Kalki Puran (कल्की पुराण)

Kalki Puran (कल्की पुराण)

कल्की पुराण हिंदू धर्म के महा पुराणों में से एक है और यह एक विशेष पुराण है जो भगवान विष्णु के दस अवतारों में अंतिम अवतार, काल्की अवतार, के बारे में विवरण प्रदान करता है। यह पुराण भविष्य की घटनाओं, धार्मिक विचारधाराओं, और ब्रह्मा, विष्णु और शिव के बारे में विशेष जानकारी प्रदान करता है।…

Shiv Puran (शिव पुराण)

Shiv Puran (शिव पुराण)

शिव पुराण हिंदू धर्म के अठारह महापुराणों में से एक अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध पुराण है। यह पुराण भगवान शिव को समर्पित है और उनके विभिन्न रूपों, लीलाओं, और उपासना विधियों का विस्तार से वर्णन करता है। शिव पुराण में शिव भक्ति, शिवलिंग पूजा, और पौराणिक कथाओं का विस्तृत वर्णन मिलता है। शिव पुराण की…

हरियाली और श्रावणी अमावस्या 2024 – जानें तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि

hariyali amavsya

हरियाली अमावस्या, जिसे श्रावण अमावस्या भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार आमतौर पर श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष, यह त्योहार 4 अगस्त, 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विशेष महत्व है।…

सिद्धि विनायक स्तोत्र

|| सिद्धि विनायक स्तोत्र || विघ्नेश विघ्नचयखण्डननामधेय श्रीशङ्करात्मज सुराधिपवन्द्यपाद। दुर्गामहाव्रतफलाखिलमङ्गलात्मन् विघ्नं ममापहर सिद्धिविनायक त्वम्। सत्पद्मरागमणिवर्णशरीरकान्तिः श्रीसिद्धिबुद्धिपरिचर्चितकुङ्कुमश्रीः। दक्षस्तने वलियितातिमनोज्ञशुण्डो विघ्नं ममापहर सिद्धिविनायक त्वम्। पाशाङ्कुशाब्जपरशूंश्च दधच्चतुर्भि- र्दोर्भिश्च शोणकुसुमस्रगुमाङ्गजातः। सिन्दूरशोभितललाटविधुप्रकाशो विघ्नं ममापहर सिद्धिविनायक त्वम्। कार्येषु विघ्नचयभीतविरिञ्चिमुख्यैः संपूजितः सुरवरैरपि मोहकाद्यैः। सर्वेषु च प्रथममेव सुरेषु पूज्यो विघ्नं ममापहर सिद्धिविनायक त्वम्। शीघ्राञ्चनस्खलनतुङ्गरवोर्ध्वकण्ठ- स्थूलेन्दुरुद्रगणहासितदेवसङ्घः। शूर्पश्रुतिश्च पृथुवर्त्तुलतुङ्गतुन्दो विघ्नं ममापहर सिद्धिविनायक त्वम्। यज्ञोपवीतपदलम्भितनागराजो मासादिपुण्यददृशीकृत-ऋक्षराजः।…

Narad Puran (नारद पुराण)

Narad Puran (नारद पुराण)

नारद पुराण हिंदू धर्म के अठारह महापुराणों में से एक महत्वपूर्ण और प्राचीन पुराण है। यह पुराण देवर्षि नारद के नाम पर है, जो भगवान विष्णु के अनन्य भक्त और ब्रह्मांड के यात्रा करने वाले ऋषि माने जाते हैं। नारद पुराण में धर्म, भक्ति, संगीत, और जीवन के विभिन्न पहलुओं पर गहन चर्चा की गई…

Markandya Puran (मार्कण्डेय पुराण)

Markandya Puran (मार्कण्डेय पुराण)

मार्कण्डेय पुराण हिंदू धर्म के अठारह महापुराणों में से एक प्रमुख और अत्यंत महत्वपूर्ण पुराण है। इसका नाम ऋषि मार्कण्डेय के नाम पर रखा गया है, जो इस पुराण के प्रमुख ऋषि हैं। मार्कण्डेय पुराण में विभिन्न धार्मिक, नैतिक, और आध्यात्मिक विषयों का विस्तृत वर्णन है। इसमें देवी महात्म्य (दुर्गा सप्तशती) का भी उल्लेख है,…

Ling Puran (लिंग पुराण)

Ling Puran (लिंग पुराण)

लिंग पुराण हिंदू धर्म के अठारह महापुराणों में से एक प्रमुख पुराण है। यह पुराण भगवान शिव और शिवलिंग की महिमा को समर्पित है। लिंग पुराण में शिवलिंग की उत्पत्ति, महत्व, पूजा विधियाँ, विभिन्न तीर्थ स्थलों का विवरण, और पौराणिक कथाओं का विस्तृत वर्णन है। इसे धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता…

Bhagwat Puran (भागवत पुराण)

Bhagwat Puran (भागवत पुराण)

भागवत पुराण हिंदू धर्म के अठारह महापुराणों में से एक महत्वपूर्ण और प्रतिष्ठित पुराण है। इसे श्रीमद्भागवत या सिर्फ भागवत के नाम से भी जाना जाता है। यह पुराण भगवान विष्णु और उनके अवतारों, विशेषकर श्रीकृष्ण के जीवन और लीलाओं का विस्तृत वर्णन करता है। भागवत पुराण में भक्तिभावना, धर्म, और ज्ञान का समृद्ध संगम…

Garuda Puran (गरुड़ पुराण)

Garuda Puran (गरुड़ पुराण)

गरुड़ पुराण हिंदू धर्म के अठारह महापुराणों में से एक प्रमुख पुराण है। यह पुराण भगवान विष्णु के वाहन गरुड़ को समर्पित है। गरुड़ पुराण में मृत्यु, आत्मा, पुनर्जन्म, कर्म, और मोक्ष के विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई है। इसे विशेष रूप से मृत्युकाल में सुनने और पढ़ने का महत्व बताया गया है, जिससे…

गणेश पंचाक्षर स्तोत्र

|| गणेश पंचाक्षर स्तोत्र || वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटिसमप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा। अगजाननपद्मार्कं गजाननमहर्निशम्। अनेकदं तं भक्तानामेकदन्तमुपास्महे। गौरीसुपुत्राय गजाननाय गीर्वाणमुख्याय गिरीशजाय। ग्रहर्क्षपूज्याय गुणेश्वराय नमो गकाराय गणेश्वराय। नादस्वरूपाय निरङ्कुशाय नन्द्यप्रशस्ताय नृतिप्रियाय। नमत्सुरेशाय निरग्रजाय नमो णकाराय गणेश्वराय। वाणीविलासाय विनायकाय वेदान्तवेद्याय परात्पराय। समस्तविद्याऽऽशुवरप्रदाय नमो वकाराय गणेश्वराय। रवीन्दुभौमादिभिरर्चिताय रक्ताम्बरायेष्टवरप्रदाय। ऋद्धिप्रियायेन्द्रजयप्रदाय नमोऽस्तु रेफाय गणेश्वराय। यक्षाधिनाथाय यमान्तकाय यशस्विने चामितकीर्तिताय।…

वक्रतुंड स्तुति

|| वक्रतुंड स्तुति || सदा ब्रह्मभूतं विकारादिहीनं विकारादिभूतं महेशादिवन्द्यम् । अपारस्वरूपं स्वसंवेद्यमेकं नमामः सदा वक्रतुण्डं भजामः ॥ अजं निर्विकल्पं कलाकालहीनं हृदिस्थं सदा साक्षिरूपं परेशम् । जनज्ञानकारं प्रकाशैर्विहीनं नमामः सदा वक्रतुण्डं भजामः ॥ अनन्तस्वरूपं सदानन्दकन्दं प्रकाशस्वरूपं सदा सर्वगं तम् । अनादिं गुणादिं गुणाधारभूतं नमामः सदा वक्रतुण्डं भजामः ॥ धरावायुतेजोमयं तोयभावं सदाकाशरूपं महाभूतसंस्थम् । अहङ्कारधारं तमोमात्रसंस्थं नमामः…

गजानन स्तोत्र

|| गजानन स्तोत्र || गणेश हेरम्ब गजाननेति महोदर स्वानुभवप्रकाशिन्। वरिष्ठ सिद्धिप्रिय बुद्धिनाथ वदन्तमेवं त्यजत प्रभीताः। अनेकविघ्नान्तक वक्रतुण्ड स्वसंज्ञवासिंश्च चतुर्भुजेति। कवीश देवान्तकनाशकारिन् वदन्तमेवं त्यजत प्रभीताः। महेशसूनो गजदैत्यशत्रो वरेण्यसूनो विकट त्रिनेत्र। परेश पृथ्वीधर एकदन्त वदन्तमेवं त्यजत प्रभीताः। प्रमोद मेदेति नरान्तकारे षडूर्मिहन्तर्गजकर्ण ढुण्ढे। द्वन्द्वाग्निसिन्धो स्थिरभावकारिन् वदन्तमेवं त्यजत प्रभीताः। विनायक ज्ञानविघातशत्रो पराशरस्यात्मज विष्णुपुत्र। अनादिपूज्याखुग सर्वपूज्य वदन्तमेवं त्यजत प्रभीताः। वैरिञ्च्य…