मंगला गौरी आरती, माँ गौरी की भक्ति का एक अनुपम साधन है, जो विशेष रूप से सावन मास के मंगलवार को उनके भक्तों द्वारा गाई जाती है। यह आरती माँ पार्वती के उस स्वरूप को समर्पित है, जो सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य प्रदान करता है। मंगला गौरी आरती के माध्यम से भक्त अपनी श्रद्धा और प्रेम अभिव्यक्त करते हैं, जिससे मन को शांति और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। यदि आप इस पवित्र आरती को कंठस्थ करना चाहते हैं या दैनिक पूजा में इसका उपयोग करना चाहते हैं, तो मंगला गौरी आरती PDF प्रारूप में आसानी से उपलब्ध है। यह PDF आपको शब्दों और उच्चारण में सहायता करती है, जिससे आपकी पूजा और भी सहज और प्रभावी बन जाती है।
|| मंगला गौरी आरती PDF||
जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता
ब्रह्मा सनातन देवी शुभ फल दाता।
जय मंगला गौरी…
अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता,
जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुण गाता।
जय मंगला गौरी…
सिंह को वाहन साजे कुंडल है,
साथा देव वधु जहं गावत नृत्य करता था।
जय मंगला गौरी…
सतयुग शील सुसुन्दर नाम सटी कहलाता,
हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता।
जय मंगला गौरी…
शुम्भ निशुम्भ विदारे हेमांचल स्याता,
सहस भुजा तनु धरिके चक्र लियो हाता।
जय मंगला गौरी…
सृष्टी रूप तुही जननी शिव संग रंगराताए
नंदी भृंगी बीन लाही सारा मद माता।
जय मंगला गौरी…
देवन अरज करत हम चित को लाता,
गावत दे दे ताली मन में रंगराता।
जय मंगला गौरी…
मंगला गौरी माता की आरती जो कोई गाता
सदा सुख संपति पाता।
जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता।।
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