Misc

राणी ​​सतीजी की आरती

Rani Sati Ki Aarti Hindi Lyrics

MiscAarti (आरती संग्रह)हिन्दी
Share This

Join HinduNidhi WhatsApp Channel

Stay updated with the latest Hindu Text, updates, and exclusive content. Join our WhatsApp channel now!

Join Now

राणी सतीजी, जिन्हे दादी राणी सती के नाम से भी जाना जाता है, भारत में विशेषकर राजस्थान के झुंझुनू क्षेत्र में अत्यंत पूजनीय मानी जाती हैं। हर माह अमावस्या और विशेष अवसरों पर राणी सतीजी की आरती करके भक्तजन उनकी कृपा प्राप्त करते हैं। यह आरती शक्ति, त्याग और समर्पण का प्रतीक मानी जाती है।

राणी सतीजी दादीजी अग्रवाल समाज की कुलदेवी हैं। उनकी निष्ठा और बलिदान का स्मरण करने के लिए उनकी आरती का विशेष महत्व है। यह आरती न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है बल्कि भक्तों के लिए अपनी श्रद्धा व्यक्त करने और आशीर्वाद प्राप्त करने का एक माध्यम भी है।

|| राणी ​​सतीजी की आरती (Raani Sati Dadi ji Aarti PDF) ||

ॐ जय श्री राणी सती माता ,
मैया जय राणी सती माता ,
अपने भक्त जनन की,
दूर करन विपत्ती ||

अवनि अननंतर ज्योति अखंडीत ,
मंडितचहुँक कुंभा,
दुर्जन दलन खडग की ,
विद्युतसम प्रतिभा ||

मरकत मणि मंदिर अतिमंजुल ,
शोभा लखि न पडे,
ललित ध्वजा चहुँ ओरे ,
कंचन कलश धरे ||

घंटा घनन घडावल बाजे ,
शंख मृदुग घूरे,
किन्नर गायन करते,
वेद ध्वनि उचरे ||

सप्त मात्रिका करे आरती ,
सुरगण ध्यान धरे,
विविध प्रकार के व्यजंन ,
श्रीफल भेट धरे ||

संकट विकट विदारनि ,
नाशनि हो कुमति,
सेवक जन ह्रदय पटले ,
मृदूल करन सुमति,
अमल कमल दल लोचनी ,
मोचनी त्रय तापा ||

त्रिलोक चंद्र मैया तेरी ,
शरण गहुँ माता ||

या मैया जी की आरती,
प्रतिदिन जो कोई गाता,
सदन सिद्ध नव निध फल ,
मनवांछित पावे ||

ॐ जय श्री राणी सती माता ,
मैया जय राणी सती माता ,
अपने भक्त जनन की,
दूर करन विपत्ती ||

|| आरती का महत्व और लाभ ||

  • आरती के दौरान एकाग्रता और भक्ति से मन शांत होता है और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।
  • आरती की पवित्र ध्वनि और वातावरण नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और सकारात्मकता का संचार करता है।
  • सच्ची श्रद्धा से की गई आरती भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करने में सहायक होती है।
  • आरती के माध्यम से भक्त देवी से जुड़ते हैं, जिससे उनकी आध्यात्मिक उन्नति होती है।
  • दादीजी की कृपा से भक्तों को भय और चिंताओं से मुक्ति मिलती है।

|| राणी सतीजी आरती की विधि ||

  • आरती से पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। आरती स्थल को भी साफ और पवित्र करें।
  • एक थाली में दीपक (घी या तेल का), कपूर, अगरबत्ती, फूल, कुमकुम, चावल और आरती के लिए घंटी रखें।
  • यदि संभव हो तो राणी सतीजी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें। दीपक प्रज्वलित करें और अगरबत्ती जलाएं।
  • अब मधुर स्वर में “राणी सतीजी की आरती” का पाठ करें। आरती करते समय दीपक को घड़ी की सुई की दिशा में (दक्षिणावर्त) घुमाएं।
  • आरती समाप्त होने के बाद देवी को फूल अर्पित करें।
  • देवी को प्रणाम करें और जाने-अनजाने हुई त्रुटियों के लिए क्षमा याचना करें। अंत में, उपस्थित लोगों में प्रसाद वितरित करें।

Found a Mistake or Error? Report it Now

Download राणी ​​सतीजी की आरती MP3 (FREE)

♫ राणी ​​सतीजी की आरती MP3
राणी ​​सतीजी की आरती PDF

Download राणी ​​सतीजी की आरती PDF

राणी ​​सतीजी की आरती PDF

Leave a Comment

Join WhatsApp Channel Download App