Shri Krishna

श्री दामोदर अष्टोत्तरशतनामावलि

Sri Damodara Ashtottara Shatanamavali Sanskrit

Shri KrishnaAshtottara Shatanamavali (अष्टोत्तर शतनामावली संग्रह)संस्कृत
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श्री दामोदर अष्टोत्तरशतनामावलिः भगवान श्रीकृष्ण के “दामोदर” स्वरूप के 108 दिव्य नामों का संकलन है, जिनका जाप भक्तजन श्रावण मास, कार्तिक मास और विशेष रूप से दामोदर द्वादशी के दिन करते हैं। ये नाम भगवान के अनंत गुणों, लीलाओं और करुणा का गुणगान करते हैं। “श्री दामोदर अष्टोत्तरशतनामावलिः PDF” में इन सभी नामों को शुद्ध संस्कृत में क्रमबद्ध रूप से प्रस्तुत किया गया है, जिससे पाठकों को सरलता से पाठ करने का लाभ प्राप्त हो। यह नामावली आत्मशुद्धि, भक्ति और मोक्ष की प्राप्ति का अद्भुत साधन है। PDF डाउनलोड कर इसका नित्य पाठ करें।

|| श्री दामोदर अष्टोत्तरशतनामावलिः (Damodara Ashtottara Shatanamavali PDF) ||

ओं विष्णवे नमः
ओं लक्ष्मीपतये नमः
ओं कृष्णाय नमः
ओं वैकुण्ठाय नमः
ओं गरुडध्वजाय नमः
ओं परब्रह्मणे नमः
ओं जगन्नाथाय नमः
ओं वासुदेवाय नमः
ओं त्रिविक्रमाय नमः
ओं हंसाय नमः ॥ १० ॥

ओं शुभप्रदाय नमः
ओं माधवाय नमः
ओं पद्मनाभाय नमः
ओं हृषीकेशाय नमः
ओं सनातनाय नमः
ओं नारायणाय नमः
ओं मधुरापतये नमः
ओं तार्‍क्ष्यवाहनाय नमः
ओं दैत्यान्तकाय नमः
ओं शिम्शुमाराय नमः ॥ २० ॥

ओं पुण्डरीकाक्षाय नमः
ओं स्थितिकर्त्रे नमः
ओं परात्पराय नमः
ओं वनमालिने नमः
ओं यज्ञरूपाय नमः
ओं चक्ररूपाय नमः
ओं गदाधाराय नमः
ओं केशवाय नमः
ओं माधवाय नमः
ओं भूतवासाय नमः ॥ ३० ॥

ओं समुद्रमथनाय नमः
ओं हरये नमः
ओं गोविन्दाय नमः
ओं ब्रह्मजनकाय नमः
ओं कैटभासुरमर्दनाय नमः
ओं श्रीकराय नमः
ओं कामजनकाय नमः
ओं शेषशायिने नमः
ओं चतुर्भुजाय नमः
ओं पाञ्चजन्यधराय नमः ॥ ४० ॥

ओं श्रीमते नमः
ओं शार्ङ्गपाणये नमः
ओं जनार्दनाय नमः
ओं पीताम्बरधराय नमः
ओं देवाय नमः
ओं सूर्यचन्द्रलोचनाय नमः
ओं मत्स्यरूपाय नमः
ओं कूर्मतनवे नमः
ओं क्रोडरूपाय नमः
ओं हृषीकेशाय नमः ॥ ५० ॥

ओं वामनाय नमः
ओं भार्गवाय नमः
ओं रामाय नमः
ओं हलिने नमः
ओं कल्किने नमः
ओं हयाननाय नमः
ओं विश्वंभराय नमः
ओं आदिदेवाय नमः
ओं श्रीधराय नमः
ओं कपिलाय नमः ॥ ६० ॥

ओं धृवाय नमः
ओं दत्तात्रेयाय नमः
ओं अच्युताय नमः
ओं अनन्ताय नमः
ओं मुकुन्दाय नमः
ओं रथवाहनाय नमः
ओं धन्वन्तरये नमः
ओं श्रीनिवासाय नमः
ओं प्रद्युम्नाय नमः
ओं पुरुषोत्तमाय नमः ॥ ७० ॥

ओं श्रीवत्सकौस्तुभधराय नमः
ओं मुरारातये नमः
ओं अधोक्षजाय नमः
ओं ऋषभाय नमः
ओं मोहिनीरूपधराय नमः
ओं सङ्कर्षणाय नमः
ओं पृधवे नमः
ओं क्षीराब्दिशायिने नमः
ओं भूतात्मने नमः
ओं अनिरुद्धाय नमः ॥ ८० ॥

ओं भक्तवत्सलाय नमः
ओं नारायणाय नमः
ओं गजेन्द्रवरदाय नमः
ओं त्रिधाम्ने नमः
ओं प्रह्लाद परिपालनाय नमः
ओं श्वेतद्वीपवासिने नमः
ओं अव्ययाय नमः
ओं सूर्यमण्डलमध्यगाय नमः
ओं आदिमध्यान्तरहिताय नमः
ओं भगवते नमः ॥ ९० ॥

ओं शङ्करप्रियाय नमः
ओं नीलतनवे नमः
ओं धराकान्ताय नमः
ओं वेदात्मने नमः
ओं बादरायणाय नमः
ओं भागीरथीजन्मभूपादपद्माय नमः
ओं सताम्प्रभवे नमः
ओं प्राशंवे नमः
ओं विभवे नमः
ओं घनश्यामाय नमः ॥ १०० ॥

ओं जगत्कारणाय नमः
ओं प्रियाय नमः
ओं दशावताराय नमः
ओं शान्तात्मने नमः
ओं लीलामानुषविग्रहाय नमः
ओं दामोदराय नमः
ओं विराड्रूपाय नमः
ओं भूतभव्यभवत्प्रभवे नमः ॥ १०८ ॥

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