श्री शाकंभरी जी की आरती
|| आरती || शाकम्भर अम्बाजी की आरती कीजो ॥ ऐसा अदभुत रूप हृदय धर लीजो, शताक्षी दयालु की आरती कीजो ॥ तुम परिपूर्ण आदि भवानी माँ, सब घट तुम आप बखानी माँ ॥ तुम्ही हो शाकम्भर, तुम ही हो शताक्षी माँ ॥ शिवमूर्ति माया, तुम ही हो प्रकाशी माँ ॥ नित जो नर नारी अम्बे…