श्री अर्धनारीश्वर सहस्रनामावली भगवान शिव और माता पार्वती के अर्धनारीश्वर स्वरूप को समर्पित है। अर्धनारीश्वर का स्वरूप शिव और शक्ति का अद्वितीय संगम है, जो सृष्टि की संतुलित रचना और समस्त ब्रह्मांड की ऊर्जा के मूल रूप को दर्शाता है। सहस्रनामावली में अर्धनारीश्वर के हजार नामों का उल्लेख किया गया है, जो उनके विभिन्न गुणों और शक्तियों का वर्णन करते हैं। यह स्तोत्र जीवन में संतुलन, प्रेम, और आध्यात्मिक जागृति लाने में सहायक है।
श्री अर्धनारीश्वर सहस्रनामावली पढ़ने के लाभ
- शिव और शक्ति के समन्वय से जीवन में संतुलन और सामंजस्य की प्राप्ति होती है।
- दांपत्य जीवन में प्रेम और सामंजस्य बढ़ाने के लिए यह पाठ अत्यंत प्रभावी है।
- सहस्रनामावली के पाठ से घर और मन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
- यह स्तोत्र मानसिक शांति और तनाव से मुक्ति प्रदान करता है।
- अर्धनारीश्वर की आराधना से साधक को आत्मज्ञान और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।
श्री अर्धनारीश्वर सहस्रनामावली पढ़ने के नियम
- पाठ से पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- शांत और पवित्र स्थान पर आसन लगाकर पाठ करें।
- भगवान अर्धनारीश्वर के समक्ष अपनी मनोकामना का संकल्प लेकर पाठ शुरू करें।
- यह पाठ सोमवार या पूर्णिमा के दिन करना अधिक शुभ माना जाता है।
- ब्रह्ममुहूर्त (सुबह) या संध्याकाल में पाठ करना उत्तम होता है।
श्री अर्धनारीश्वर सहस्रनामावली की पूजा विधि
- भगवान अर्धनारीश्वर की मूर्ति या चित्र, गाय का घी और दीपक, बेलपत्र और सफेद पुष्प, अक्षत (चावल), भोग (मिष्ठान्न) पूजा सामग्री एकत्रित करें।
- भगवान अर्धनारीश्वर के चित्र या मूर्ति के सामने दीप जलाकर “ॐ अर्धनारीश्वराय नमः” मंत्र का जप करें।
- शिव और शक्ति का ध्यान करते हुए मन को एकाग्र करें।
- शांतचित्त होकर सहस्रनामावली का पाठ करें।
- प्रत्येक नाम के साथ शिव और शक्ति के संयुक्त स्वरूप का ध्यान करें।
- पाठ के बाद भगवान को भोग अर्पण करें।
- अपनी मनोकामना और कृतज्ञता प्रकट करें।
- आरती करके पूजा संपन्न करें और प्रसाद सभी को बांटें।
॥ श्री अर्धनारीश्वर सहस्रनामावली ॥
ॐ अंशुमते नमः।
ॐ अंशुमत्सेव्यायै नमः।
ॐ अकारादिक्षकारान्त-वर्णमालाविभूषणाय नमः।
ॐ अखण्डमण्डलाकाराय नमः।
ॐ अखिलाण्डेकनायिकायै नमः।
ॐ अखिलाभीष्टदायिन्यै नमः।
ॐ अघघ्ने नमः।
ॐ अघसंहन्यै नमः।
ॐ अङ्कारोपितषण्मुखायै नमः।
ॐ अङ्गनायै नमः।
ॐ अङ्गीकृतमहाक्ष्वेलाय नमः।
ॐ अजनार्थविधायिन्यै नमः।
ॐ अजिताय नमः।
ॐ अञ्जनातनयाराध्याय नमः।
ॐ अण्डकोटिसहस्रेशाय नमः।
ॐ अण्डाद्बाह्यनिकेतनायै नमः।
ॐ अदितिवन्दितायै नमः।
ॐ अनन्तकोटिकल्याणगुणाय नमः।
ॐ अनन्तकोटिसूर्यसमप्रभायै नमः।
ॐ अनन्तगुणाश्रयायै नमः।
ॐ अनन्तपूजितायै नमः।
ॐ अनन्तभूतेश्यै नमः।
ॐ अनन्तश्रियै नमः।
ॐ अनन्ताय नमः।
ॐ अनन्ताय नमः।
ॐ अनादिनिधनाय नमः।
ॐ अन्तकारये नमः।
ॐ अन्तकारातये नमः।
ॐ अन्तरात्मिकायै नमः।
ॐ अन्तर्यामिणे नमः।
ॐ अन्तस्तिमिरभेदिन्यै नमः।
ॐ अन्धकासुरसंहारिणे नमः।
ॐ अन्नपूर्णेश्वरेश्वर्यै नमः।
ॐ अपवर्गप्रदात्रे नमः।
ॐ अमरारिनिषूदिन्यै नमः।
ॐ अमरेन्द्रार्चितपदाय नमः।
ॐ अमितविक्रमायै नमः।
ॐ अम्बायै नमः।
ॐ अम्बिकापतये नमः।
ॐ अम्बिकाप्राणदयिताय नमः।
ॐ अर्धनारीनरेश्वर्यै नमः।
ॐ अर्धनारीश्वरप्रियायै नमः।
ॐ अर्धाद्रिशिखरावासाय नमः।
ॐ अर्धाद्रिशिखरावासाय नमः।
ॐ अर्धाद्रिशिखरावासार्धनारीश्वरमूर्तयये नमः।
ॐ अर्ध्वरेतसे नमः।
ॐ अवाङ्मनसगोचरायै नमः।
ॐ अविनाशपदस्थेम्ने नमः।
ॐ अवेद्याय नमः।
ॐ अष्टदिक्पालसेव्याङ्घ्रये नमः।
ॐ अष्टदिग्गजसंवीताय नमः।
ॐ अष्टद्वयवयोज्ज्वलायै नमः।
ॐ अष्टभैरवसंवीताय नमः।
ॐ अष्टमूर्तये नमः।
ॐ अष्टलक्ष्मीसेविताङ्घ्रिसरोरुहायै नमः।
ॐ अष्टवर्णविलासिन्यै नमः।
ॐ अष्टवाग्देवतावृतायै नमः।
ॐ अष्टविद्येश्वराराध्याय नमः।
ॐ अष्टशक्तिपरीवृतायै नमः।
ॐ अष्टसिद्धिविधायिन्यै नमः।
ॐ अष्टाक्षरीजपपराय नमः।
ॐ अष्टाङ्गयोगनिरताय नमः।
ॐ अष्टात्रिंशत्कलात्मिकायै नमः।
ॐ अष्टादशपुराणज्ञाय नमः।
ॐ अष्टादशपुरीश्वर्यै नमः।
ॐ अष्टापदगिरिस्थितायै नमः।
ॐ अष्टापदमहापीठाय नमः।
ॐ अष्टापदाद्रिकोदण्डाय नमः।
ॐ अष्टाविंशागमस्तुत्याय नमः।
ॐ अष्टाष्टककलात्मकायै नमः।
ॐ अष्टैश्वर्यप्रदायिन्यै नमः।
ॐ आकस्मिकमहोज्ज्वलाय नमः।
ॐ आखण्डलमुखस्तुत्याय नमः।
ॐ आखण्डलादिगीर्वाणगणाराधितपादुकायै नमः।
ॐ आगमाभ्यर्चितपदाय नमः।
ॐ आगोवृन्दनिवारिण्यै नमः।
ॐ आचान्तदुरितस्तोमाय नमः।
ॐ आत्मानन्दविधायिन्यै नमः।
ॐ आदित्यमण्डलान्तःस्थाय नमः।
ॐ आदित्यायुतभासुरायै नमः।
ॐ आदिमध्यान्तरहिताय नमः।
ॐ आदिशक्तिस्वपिरूण्यै नमः।
ॐ आधाराधेयरूपिण्यै नमः।
ॐ आधिव्याधिविनाशिन्यै नमः।
ॐ आध्यात्मिकाधिशमनाय नमः।
ॐ आनन्दलहरीपूर्णाय नमः।
ॐ आनन्दोल्लासशालिन्यै नमः।
ॐ आपददीन्द्रदम्भोलये नमः।
ॐ आपन्नार्तिप्रभञ्जनायै नमः।
ॐ आमायार्थविलासिन्यै नमः।
ॐ आर्तिघ्नाय नमः।
ॐ आर्तिसंहर्त्र्यै नमः।
ॐ आशान्तैश्वर्यदायिन्यै नमः।
ॐ आशापालसमाराध्याय नमः।
ॐ आशावराम्बरधराय नमः।
ॐ आश्चर्यजन्यै नमः।
ॐ आश्चर्यदायिन्यै नमः।
ॐ आश्चर्यनिलयायै नमः।
ॐ आश्चर्यनिष्ठाय नमः।
ॐ आश्चर्यशीलाय नमः।
ॐ आश्चर्याय नमः।
ॐ इच्छाकलितविग्रहाय नमः।
ॐ इच्छाज्ञानक्रियाशक्त्यै नमः।
ॐ इडापिङ्गलामध्यगायै नमः।
ॐ इनेन्दुवह्निनयनाय नमः।
ॐ इन्दिरापतिपूज्याङ्घ्रये नमः।
ॐ इन्दिराभारतीदत्तहस्तयुग्मोल्लसत्करायै नमः।
ॐ इन्दुचूडकुटुम्बिन्यै नमः।
ॐ इन्दुबिम्बसमाननायै नमः।
ॐ इन्द्रयज्ञसुखाराध्याय नमः।
ॐ इन्द्राणीस्तुतिमोदितायै नमः।
ॐ इन्द्रादिस्तुतवैभवायै नमः।
ॐ इन्द्रियादिगुणातीताय नमः।
ॐ इभकुम्भनिभस्तन्यै नमः।
ॐ इभचर्माम्बरधराय नमः।
ॐ इभवक्त्रमहासेनजनकाय नमः।
ॐ इयत्तातीतविक्रमाय नमः।
ॐ इष्टदायिन्यै नमः।
ॐ इष्टसिद्धिदायै नमः।
ॐ इष्टिकर्त्र्यै नमः।
ॐ इष्टिघ्नाय नमः।
ॐ इहामुत्रसुखाराध्याय नमः।
ॐ ईकारार्थरहस्यज्ञाय नमः।
ॐ ईकारार्थस्वरूपिण्यै नमः।
ॐ ईड्याय नमः।
ॐ ईड्याय नमः।
ॐ ईड्याय नमः।
ॐ ईतिबाधाप्रशमनाय नमः।
ॐ ईदृगित्यसंवेद्यायै नमः।
ॐ ईप्सितकराय नमः।
ॐ ईशजीवातवे नमः।
ॐ ईशमायाविलासिन्यै नमः।
ॐ ईशवनितायै नमः।
ॐ ईशानादिब्रह्मरूपाय नमः।
ॐ ईशित्र्यै नमः।
ॐ ईशित्वसिद्धिदायै नमः।
ॐ ईश्वरत्वविधायिन्यै नमः।
ॐ ईश्वराय नमः।
ॐ ईश्वरार्धशरीरिण्यै नमः।
ॐ ईषणात्यक्तचेतनाय नमः।
ॐ ईषणोर्जितदानवाय नमः।
ॐ ईषत्स्मितमुखाम्भोजाय नमः।
ॐ ईषत्स्मितमुख्यै नमः।
ॐ ईहाधिकफलप्रदायै नमः।
ॐ उक्षेन्द्रवाहनारूढाय नमः।
ॐ उग्रदानवसंहत्रे नमः।
ॐ उग्रप्रतापायै नमः।
ॐ उग्राय नमः।
ॐ उत्पत्तिलयवर्जितायै नमः।
ॐ उत्सवप्रियमानसायै नमः।
ॐ उत्सेधपददायिन्यै नमः।
ॐ उदग्रश्रिये नमः।
ॐ उदारधिये नमः।
ॐ उद्यत्सूर्यसमप्रभाय नमः।
ॐ उद्यद्भानुप्रतीकाशाय नमः।
ॐ उन्नतस्तनमण्डलायै नमः।
ॐ उन्नतैश्वर्यसम्पन्नाय नमः।
ॐ उपनिषदुद्यानचरकोकिलायै नमः।
ॐ उमापतये नमः।
ॐ उरगाद्रिनिवासिन्यै नमः।
ॐ उरुपराक्रमायै नमः।
ॐ उषर्बुधाक्षिनिर्दग्धानङ्गाय नमः।
ॐ उषाकोटिसमर्चितायै नमः।
ॐ उषापतिसमाराध्याय नमः।
ॐ उष्णिक्छन्दः स्वरूपाढ्याय नमः।
ॐ ऊचिषे नमः।
ॐ ऊचिष्मत्यै नमः।
ॐ ऊनवाच्याय नमः।
ॐ ऊनसाम्यायै नमः।
ॐ ऊनाधिकविवर्जिताय नमः।
ॐ ऊरव्योत्तमवेषाय नमः।
ॐ ऊरीकृतसमस्तदाय नमः।
ॐ ऊरुदेशान्तमार्दवायै नमः।
ॐ ऊर्जस्वन्मणिमालाढ्यायै नमः।
ॐ ऊर्जिताखिलशत्रुकाय नमः।
ॐ ऊर्ध्वगत्यै नमः।
ॐ ऊर्ध्वताण्डवपण्डिताय नमः।
ॐ ऊर्ध्वयोगातिगामिन्यै नमः।
ॐ ऊर्ध्वलास्यसहायायै नमः।
ॐ ऊर्ध्वाण्डजन्मधारिण्यै नमः।
ॐ ऊर्ध्वाम्नायनिवासिन्यै नमः।
ॐ ऊर्ध्वाम्नायसमारूढायै नमः।
ॐ ऊर्म्याय नमः।
ॐ ऊर्वशीगीतसन्तुष्टाय नमः।
ॐ ऊष्माग्निकणसन्तप्तदिनेशाग्नीन्दुभालकायै नमः।
ॐ ऋक्षराजसमाननायै नमः।
ॐ ऋगादिवेदविनुताय नमः।
ॐ ऋग्यजुःसामगायनाय नमः।
ॐ ऋग्यजुःसामसारज्ञाय नमः।
ॐ ऋग्वेदार्थस्वरूपिण्यै नमः।
ॐ ऋचां प्राचीतिसन्नुतायै नमः।
ॐ ऋणत्रयविमुक्ताय नमः।
ॐ ऋणत्रयविमोचकाय नमः।
ॐ ऋणपातकनाशिन्यै नमः।
ॐ ऋणविमोचिन्यै नमः।
ॐ ऋतुकालमहोज्ज्वलायै नमः।
ॐ ऋतुनाथसखारातये नमः।
ॐ ऋतुलक्ष्मीसहस्रेशाय नमः।
ॐ ऋतुशोणाम्बरावृतायै नमः।
ॐ ऋभुक्षास्तुतपादाब्जाये नमः।
ॐ ऋषये नमः।
ॐ ऋषिपत्नीसमर्चिताय नमः।
ॐ ऋषिराजर्षिसंवेद्यायै नमः।
ॐ एककान्तायै नमः।
ॐ एकक्लृप्त्यै नमः।
ॐ एकगुणायै नमः।
ॐ एकप्राभवशालिन्यै नमः।
ॐ एकभक्ताय नमः।
ॐ एकभक्तिमदर्चिताय नमः।
ॐ एकभोगायै नमः।
ॐ एकविद्याय नमः।
ॐ एकवीरप्रभापूरनिमज्जत्प्रियमानसायै नमः।
ॐ एकसिद्धाय नमः।
ॐ एकसृष्टये नमः।
ॐ एकसौख्याय नमः।
ॐ एकस्मै नमः।
ॐ एकाक्षर्यै नमः।
ॐ एकाधिपत्यफलदाय नमः।
ॐ एकान्तध्यानतत्पराय नमः।
ॐ एकान्तपूजनप्रीतायै नमः।
ॐ एकान्तपूजितायै नमः।
ॐ एकान्तवासिन्यै नमः।
ॐ एकान्ताध्वरदीक्षिताय नमः।
ॐ एकैश्वर्यप्रदायिन्यै नमः।
ॐ एणलोचनायै नमः।
ॐ एणाङ्कचूडाय नमः।
ॐ एधितायै नमः।
ॐ एधितोत्सवाय नमः।
ॐ एनःकान्तारदावाग्नये नमः।
ॐ एलाकर्पूरताम्बूलप्रीताय नमः।
ॐ एषणारहिताय नमः।
ॐ एषणारहितार्चितायै नमः।
ॐ ऐं ऐं-पदजपप्रीताय नमः।
ॐ ऐकारशुक्तिकामुक्तामणये नमः।
ॐ ऐङ्कारप्रतिभूमिकाय नमः।
ॐ ऐङ्कारबीजमात्राढ्यायै नमः।
ॐ ऐङ्कारमनुजापिकायै नमः।
ॐ ऐङ्कारमन्त्रसर्वस्वायै नमः।
ॐ ऐङ्कारादर्शबिम्बश्रियै नमः।
ॐ ऐन्द्रलोकविधात्र्यै नमः।
ॐ ऐन्द्रलोकसमाश्रयाय नमः।
ॐ ऐरावणार्चिताय नमः।
ॐ ऐरावतपतिस्तुताय नमः।
ॐ ऐरावतसमारूढायै नमः।
ॐ ऐश्वर्याधिकशोभनाय नमः।
ॐ ऐश्वर्याष्टकदायकाय नमः।
ॐ ऐहिकामुष्मिकप्रदायै नमः।
ॐ ओघत्रयविलासिन्यै नमः।
ॐ ओघीकृतमहातेजसे नमः।
ॐ ओङ्कारगिरिहयरृक्षाय नमः।
ॐ ओङ्कारनिलयायै नमः।
ॐ ओङ्कारमन्त्रसर्वस्वाय नमः।
ॐ ओङ्काररूपाय नमः।
ॐ ओङ्कारावालवल्लर्यै नमः।
ॐ ओजस्विने नमः।
ॐ ओजोवत्यै नमः।
ॐ ओडामरेश्वराराध्याय नमः।
ॐ ओडीशानन्दरूपिण्यै नमः।
ॐ ओड्याणपीठवासिन्यै नमः।
ॐ ओड्याणाभरणोज्ज्वलायै नमः।
ॐ ओतप्रोतविवर्जितायै नमः।
ॐ ओमापोज्योतिरादित्याय नमः।
ॐ ओमित्येकाक्षरपदाय नमः।
ॐ ओषधीफल-दायिन्यै नमः।
ॐ ओषधीशसमाननायै नमः।
ॐ ओषधीशार्धचूडाय नमः।
ॐ ओसारमूलिकाकन्दाय नमः।
ॐ औडाय नमः।
ॐ औदार्यगुणशालिन्यै नमः।
ॐ औदार्यशालिन्यै नमः।
ॐ औन्नत्यपददायिन्यै नमः।
ॐ औपद्रवापहाय नमः।
ॐ औपनिषदर्थस्वरूपिण्यै नमः।
ॐ औपम्यरहिताय नमः।
ॐ औपासनपराय नमः।
ॐ और्वानलरुचये नमः।
ॐ कञ्जनेत्र्यै नमः।
ॐ कञ्जभूजनकाय नमः।
ॐ कदम्बवननायकाय नमः।
ॐ कदम्बवाटीमध्यस्यायै नमः।
ॐ कन्दर्पकोटिलावण्याय नमः।
ॐ कन्दर्पावहदर्शनायै नमः।
ॐ कपर्दिसुखदायै नमः।
ॐ कपालभृते नमः।
ॐ कमनीयगुणावासाय नमः।
ॐ कमलाक्षसहोदर्यै नमः।
ॐ कमलाक्ष्यै नमः।
ॐ कर्मकर्त्र्यै नमः।
ॐ कर्मफलप्रदाय नमः।
ॐ कर्मिणे नमः।
ॐ कलङ्करहितायै नमः।
ॐ कलानिधये नमः।
ॐ कलापतिशिखामणये नमः।
ॐ कलालापायै नमः।
ॐ कलिताकल्पाय नमः।
ॐ कलिनाशिन्यै नमः।
ॐ कल्याणाचलवासिन्यै नमः।
ॐ कल्याण्यै नमः।
ॐ काट्याय नमः।
ॐ कात्यायन्यै नमः।
ॐ कामकलायै नमः।
ॐ कामकेलिविनोदनाय नमः।
ॐ कामदाय नमः।
ॐ कामेश्वरालिङ्गिताङ्यै नमः।
ॐ कालकण्ठाय नमः।
ॐ कालकण्ठीपञ्चमाराववाङ्मय्यै नमः।
ॐ कालकालाय नमः।
ॐ कालकालाय नमः।
ॐ कालमेघश्यामलकुन्तलायै नमः।
ॐ कालरात्रितपस्विन्यै नमः।
ॐ कालिन्दिसंसेव्याय नमः।
ॐ काल्यै नमः।
ॐ काव्यालापविनोदिन्यै नमः।
ॐ कैलासशिखरालयाय नमः।
ॐ क्रूरपापपरीहाराय नमः।
ॐ क्रूरलोकपराङ्मुख्यै नमः।
ॐ क्लीङ्कारनिलयायै नमः।
ॐ क्लीब्याय नमः।
ॐ क्लृप्तवृत्तिसुराङ्गनायै नमः।
ॐ क्लृप्ताकल्पसमुज्ज्वलायै नमः।
ॐ क्षणदाचरभञ्जनाय नमः।
ॐ क्षणपूजाप्रसन्नात्मने नमः।
ॐ क्षणप्रीतायै नमः।
ॐ क्षपानाथसमाननायै नमः।
ॐ क्षपानाथार्धमकुटाय नमः।
ॐ क्षमाकान्ताय नमः।
ॐ क्षमाधरेन्द्रजामात्रे नमः।
ॐ क्षमानिधये नमः।
ॐ क्षमापूज्यायै नमः।
ॐ क्षमाभृद्वरनन्दिन्यै नमः।
ॐ क्षमावत्यै नमः।
ॐ क्षयवृद्धिविहीनायै नमः।
ॐ क्षयापस्मारशमनाय नमः।
ॐ क्षयापहायै नमः।
ॐ क्षामक्षमाय नमः।
ॐ क्षाममध्यायै नमः।
ॐ क्षिप्रजिते नमः।
ॐ क्षिप्रसिद्धिदायै नमः।
ॐ क्षुद्रकृत्यपराङ्मुखायै नमः।
ॐ क्षुद्ररोगापहारिणे नमः।
ॐ क्षुद्रशून्यविनाशिन्यै नमः।
ॐ क्षुद्रेतरप्रसन्नात्मने नमः।
ॐ क्षेत्रकर्यै नमः।
ॐ क्षेत्रज्ञाय नमः।
ॐ क्षेत्रपालसुपूजितायै नमः।
ॐ क्षेत्रवासिन्यै नमः।
ॐ क्षेत्रवृद्धाय नमः।
ॐ क्षेत्रेश्वराय नमः।
ॐ क्षेमङ्कराय नमः।
ॐ क्षोणीरथसमारूढाय नमः।
ॐ क्षोभिण्यै क्षोभदायिकायै नमः।
ॐ क्षौमाम्बरपरिष्कृतायै नमः।
ॐ खगगत्यै नमः।
ॐ खगचारुपयोधरायै नमः।
ॐ खगतिस्तुत्याय नमः।
ॐ खगराजपराक्रमाय नमः।
ॐ खगवाहद्वयादृश्यायै नमः।
ॐ खगविधायिन्यै नमः।
ॐ खगानेकप्रभायै नमः।
ॐ खगाय नमः।
ॐ खञ्जरीटसमच्छायायै नमः।
ॐ खट्वाङ्गादिप्रहरणायै नमः।
ॐ खड्गखेटकधारकाय नमः।
ॐ खड्गरावणपूज्याङ्घ्रये नमः।
ॐ खण्डिताशेषपाषण्डाय नमः।
ॐ खमूर्धजाय नमः।
ॐ खललोकपराङ्मुखाय नमः।
ॐ खश्यामायै नमः।
ॐ खातपातविनाशिन्यै नमः।
ॐ खिन्नाभीष्टप्रदायिन्यै नमः।
ॐ खेचरेश्वराय नमः।
ॐ खेदघ्नखेचरीयोगदायिन्यै नमः।
ॐ खेलाक्लृप्तब्रह्माण्डमण्डलाय नमः।
ॐ गगनाकाराय नमः।
ॐ गङ्गाधराय नमः।
ॐ गजकुम्भनिभस्तन्यै नमः।
ॐ गजचर्मपरीधानाय नमः।
ॐ गजास्यासुरसूदनाय नमः।
ॐ गणनाथायै नमः।
ॐ गण्यायै नमः।
ॐ गन्धर्वकन्याकोटि- समर्चितायै नमः।
ॐ गन्धर्वकुलसेवितायै नमः।
ॐ गन्धर्वरूपाय नमः।
ॐ गभीरधिये नमः।
ॐ गम्भीरायै नमः।
ॐ गानलोलुपाय नमः।
ॐ गिरिसुतायै नमः।
ॐ गिरीन्द्रचापाय नमः।
ॐ गीर्वाणसन्नुतायै नमः।
ॐ गुणज्ञाय नमः।
ॐ गुणमातृकायै नमः।
ॐ गुणातीतायै नमः।
ॐ गुरवे नमः।
ॐ गुरवे नमः।
ॐ गुहेभवक्त्रजनन्यै नमः।
ॐ गुह्यकाराध्यचरणाय नमः।
ॐ गुह्यकेशसखाय नमः।
ॐ गोपतये नमः।
ॐ गोपिकाराध्यायै नमः।
ॐ गोमत्यै नमः।
ॐ गोविन्दाय नमः।
ॐ घटाकारकुचद्वयायै नमः।
ॐ घटोद्भवकृतस्रेहाय नमः।
ॐ घटोद्भवकृतानत्यै नमः।
ॐ घटोद्भवमुनिस्तुत्याय नमः।
ॐ घण्टामुखसुसंप्रीताय नमः।
ॐ घण्टारावविनोदिन्यै नमः।
ॐ घनप्रौढाय नमः।
ॐ घनशीतांशुदहनलोचनाय नमः।
ॐ घनसारविलिप्ताङ्गाय नमः।
ॐ घनसारसवर्णिन्यै नमः।
ॐ घनस्तन्यै नमः।
ॐ घनागमश्यामायै नमः।
ॐ घनाय नमः।
ॐ घनीभूतप्रभापूराय नमः।
ॐ घर्मसन्तापचन्द्रिकायै नमः।
ॐ घर्माग्निहोत्रसुप्रीताय नमः।
ॐ घर्मादित्यप्रतीकाशाय नमः।
ॐ घर्माहुतिफलप्रदायै नमः।
ॐ घलङ्घलितमेखलायै नमः।
ॐ घूर्णमानजगत्प्राणाय नमः।
ॐ घूर्णितारक्तलोचनायै नमः।
ॐ घृणानिधये नमः।
ॐ घृणिने नमः।
ॐ घृताचीपूज्यपादुकायै नमः।
ॐ घोरघोरस्वरूपिण्यै नमः।
ॐ घोरदंष्ट्राकरालास्याय नमः।
ॐ घोरपातकनाशिन्यै नमः।
ॐ घोरपापाटवीदावाय नमः।
ॐ घोषपालसहस्रेशाय नमः।
ॐ घोषान्तःपुरचारिण्यै नमः।
ॐ घोषितागमसर्वस्वाय नमः।
ॐ घोषिताम्नायवेदितायै नमः।
ॐ घ्राणाय नमः।
ॐ चक्रदानरताय नमः।
ॐ चक्रपाणिवरप्रदाय नमः।
ॐ चक्रराजनिकेतनायै नमः।
ॐ चक्रवाकनिभस्तन्यै नमः।
ॐ चक्रवाकप्रियङ्कर्यै नमः।
ॐ चक्रवालादिनिलयाय नमः।
ॐ चक्रहस्तायै नमः।
ॐ चञ्चरीककुलालकायै नमः।
ॐ चञ्चलाक्ष्यै नमः।
ॐ चञ्चलात्मने नमः।
ॐ चण्डासुरनिदिन्यै नमः।
ॐ चण्डिकायै नमः।
ॐ चण्डेश्वराय नमः।
ॐ चतुरङ्गबलेश्वर्यै नमः।
ॐ चतुरश्रगृहावासाय नमः।
ॐ चतुराननदेशिकाय नमः।
ॐ चतुरायै नमः।
ॐ चतुरास्यशिरश्छेत्त्रे नमः।
ॐ चतुर्वर्गफलप्रदायै नमः।
ॐ चतुश्चक्रसमाराध्याय नमः।
ॐ चतुष्षष्टिमहादूतीयोगिनीगणसेवितायै नमः।
ॐ चन्द्रचूडाय नमः।
ॐ चन्द्रमुख्यै नमः।
ॐ चन्द्रादित्याग्निलोचनाय नमः।
ॐ चन्द्रिकाधवलाकाराय नमः।
ॐ चमूरुपाणये नमः।
ॐ चम्पकप्रियाय नमः।
ॐ चर्माम्बराय नमः।
ॐ चातुर्यशालिने नमः।
ॐ चापबाणलसत्करायै नमः।
ॐ चापीकृतमहामेरवे नमः।
ॐ चामीकरमहासनाय नमः।
ॐ चामीकराचलावासायै नमः।
ॐ चाम्पेयनासिकायै नमः।
ॐ चारुचन्द्रकलाधरायै नमः।
ॐ चारुचामरहस्तश्रीशारदापरिवीजितायै नमः।
ॐ चारुवादिन्यै नमः।
ॐ चारुहासमुखाय नमः।
ॐ चिच्छक्तये नमः।
ॐ चिते नमः।
ॐ चित्तजारये नमः।
ॐ चित्यै नमः।
ॐ चित्रकृत्यविशारदाय नमः।
ॐ चित्रकृत्याय नमः।
ॐ चित्ररूपायै नमः।
ॐ चित्रवेषायै नमः।
ॐ चित्राम्बराय नमः।
ॐ चिदाकृत्यै नमः।
ॐ चिद्घनाय नमः।
ॐ चिन्ताशोकविवर्जितायै नमः।
ॐ चिन्तितदायकाय नमः।
ॐ चैतन्यकुसुमप्रीतायै नमः।
ॐ चैतन्याय नमः।
ॐ छत्रिण्यै नमः।
ॐ छद्मदैत्यकुलच्छेत्रे नमः।
ॐ छन्दसाराध्याय नमः।
ॐ छन्दसे नमः।
ॐ छन्दोऽभ्यासैकनिरताय नमः।
ॐ छन्दोगस्तुतिमोदिन्यै नमः।
ॐ छन्दोगायै नमः।
ॐ छन्दोराशये नमः।
ॐ छन्नपातकनाशिन्यै नमः।
ॐ छन्नवीरपरिष्कृतायै नमः।
ॐ छविच्छादाय नमः।
ॐ छविपञ्जराय नमः।
ॐ छान्दसाराध्याय नमः।
ॐ छान्दोग्यायै नमः।
ॐ छायातपत्रसंवीताय नमः।
ॐ छायानुसारिण्यै नमः।
ॐ छायापतिसमाराध्यायै नमः।
ॐ छायामण्डललक्षितायै नमः।
ॐ छिन्नारिवर्गसङ्घाताय नमः।
ॐ जगत्कर्त्र्यै नमः।
ॐ जगत्प्रलयसाक्षिण्यै नमः।
ॐ जगत्प्राणाय नमः।
ॐ जगदाह्लाददायकाय नमः।
ॐ जगदुज्जीवनकराय नमः।
ॐ जङ्गमस्थावरात्मिकायै नमः।
ॐ जङ्गमाजङ्गमोत्सन्नाय नमः।
ॐ जननीजनकाय नमः।
ॐ जनविश्रान्तिदात्र्यै नमः।
ॐ जमदग्निवरप्रदायै नमः।
ॐ जमदग्निसमाराध्याय नमः।
ॐ जम्भारिप्रमुखाराध्याय नमः।
ॐ जम्भारिमणिमण्डितायै नमः।
ॐ जयार्चितायै नमः।
ॐ जराध्वान्तरविप्रभायै नमः।
ॐ जागद्रक्षणजाग्रत्यै नमः।
ॐ जाग्रदवस्थायाः साक्षिणे नमः।
ॐ जातरूपाचलधनुषे नमः।
ॐ जातिवर्णविवर्जिताय नमः।
ॐ जातीचम्पकपुन्नागविलसन्नीलकुन्तलायै नमः।
ॐ जितकामाय नमः।
ॐ जितक्रोधायै नमः।
ॐ जितमत्सरायै नमः।
ॐ जितामित्राय नमः।
ॐ जित्वराय नमः।
ॐ जेत्र्यै नमः।
ॐ ज्ञप्त्यै नमः।
ॐ ज्ञातव्यार्थप्रकाशिन्यै नमः।
ॐ ज्ञातिहीनाय नमः।
ॐ ज्ञानगम्यायै नमः।
ॐ ज्ञानज्ञेयज्ञातृरूपत्रिपुटीवीक्षणातिगायै नमः।
ॐ ज्ञानज्ञेयविलासिन्यै नमः।
ॐ ज्ञानदाय नमः।
ॐ ज्ञानदृष्टिप्रकाशकाय नमः।
ॐ ज्ञानदृष्टिप्रतीतायै नमः।
ॐ ज्ञाननिधये नमः।
ॐ ज्ञाननिष्ठजनप्रीतायै नमः।
ॐ ज्ञाननिष्ठायै नमः।
ॐ ज्ञानमुद्रायै नमः।
ॐ ज्ञानयज्ञदीक्षितायै नमः।
ॐ ज्ञानयज्ञपरायणाय नमः।
ॐ ज्ञानरूपाय नमः।
ॐ ज्ञानवृद्धिदाय नमः।
ॐ ज्ञानवेद्याय नमः।
ॐ ज्ञानशास्त्रप्रवर्तकाय नमः।
ॐ ज्ञानसिद्धिदायै नमः।
ॐ ज्ञानाधाराय नमः।
ॐ ज्ञानामृतमहोदधये नमः।
ॐ ज्ञानाम्बुनिधिपूर्णेन्दवे नमः।
ॐ ज्ञानाय नमः।
ॐ झटित्यभीष्टदात्रे नमः।
ॐ झम्पदाभिधायै नमः।
ॐ झरीकृतसुभाषणायै नमः।
ॐ झर्झरारावरसिकाय नमः।
ॐ झलज्झलितमेखलायै नमः।
ॐ झल्लरीवाद्यकोविदायै नमः।
ॐ झषकेत्वङ्गजनकाय नमः।
ॐ झषकेत्वङ्गदाहकाय नमः।
ॐ झषदिरूपदशकसेविताङ्घ्रिसरोरुहाय नमः।
ॐ झषाक्ष्यै नमः।
ॐ टङ्काद्यायुधसम्पन्नाय नमः।
ॐ टङ्काराकारचन्द्रश्रिये नमः।
ॐ टङ्काराक्षररूपिण्यै नमः।
ॐ टङ्कारामृतवर्षिण्यै नमः।
ॐ डाकिनीशक्तिसंयुक्ताय नमः।
ॐ डाकिन्यादिपरीवृतायै नमः।
ॐ डाडिमीकुसुमप्रभायै नमः।
ॐ डिण्डिमध्वनिसुप्रीताय नमः।
ॐ ढकाराक्षररूपिण्यै नमः।
ॐ ढक्कावाद्यविशेषज्ञाय नमः।
ॐ तटिद्गौर्यै नमः।
ॐ तत्त्वाय नमः।
ॐ तद्ब्रह्मपदस्थेम्ने नमः।
ॐ तन्व्यै नमः।
ॐ तपोमूर्तये नमः।
ॐ तमालश्यामलाकृत्यै नमः।
ॐ तमोनुदाय नमः।
ॐ तरुणाय नमः।
ॐ तरुणार्कप्रतीकाशायै नमः।
ॐ तरुणेन्दुशिखामणये नमः।
ॐ तरुण्यै नमः।
ॐ ताण्डवप्रियाय नमः।
ॐ तापत्रयाग्निशमनायै नमः।
ॐ तापसान्तरसञ्चारिणे नमः।
ॐ तापसीवेषधारिण्यै नमः।
ॐ ताम्रजटाजूटाय नमः।
ॐ ताम्रलोचनायै नमः।
ॐ ताम्राधरायै नमः।
ॐ ताम्राय नमः।
ॐ तारकाय नमः।
ॐ तारस्वरूपाय नमः।
ॐ तारेशवदनायै नमः।
ॐ त्रयीमय्यै नमः।
ॐ त्रिकालज्ञाय नमः।
ॐ त्रिकूटज्ञाय नमः।
ॐ त्रिकूटेश्यै नमः।
ॐ त्रिकोणेश्यै नमः।
ॐ त्रिगुणातीताय नमः।
ॐ त्रिदशश्रीसमावृतायै नमः।
ॐ त्रिपदात्मिकायै नमः।
ॐ त्रिपुराम्बिकायै नमः।
ॐ त्रिमूर्तये नमः।
ॐ त्रिलोकेश्यै नमः।
ॐ त्रिविष्टपपदप्रदाय नमः।
ॐ त्रेताग्नये नमः।
ॐ त्र्यक्षर्यै नमः।
ॐ त्र्यम्बकाय नमः।
ॐ दक्षयज्ञविनाशिन्यै नमः।
ॐ दण्डनीतिस्थायै नमः।
ॐ दयामूर्तये नमः।
ॐ दरस्मेरमुखाम्बुजायै नमः।
ॐ दरान्दोलितलोचनायै नमः।
ॐ दर्वीकरेन्द्रभूषाढ्याय नमः।
ॐ दहराकाशनिलयायै नमः।
ॐ दिगम्बराय नमः।
ॐ दिनारम्भार्ककोटिश्रिये नमः।
ॐ दिव्यज्ञानसुधानिधये नमः।
ॐ दीक्षिताय नमः।
ॐ दीनवत्सलायै नमः।
ॐ दुःखदारिद्र्यशमनाय नमः।
ॐ दुराचारपराङ्मुख्य नमः।
ॐ दुरासदायै नमः।
ॐ दुष्टदूराय नमः।
ॐ देवदानवसेव्याङ्घ्रये नमः।
ॐ देवर्षिगणसेविताय नमः।
ॐ देवेशाय दक्षिणामूर्तये नमः।
ॐ देशकालपरिज्ञात्रे नमः।
ॐ देशिकाय नमः।
ॐ देशोपद्रवनाशिन्यै नमः।
ॐ धनशेवध्यै नमः।
ॐ धनिने नमः।
ॐ धनुष्मते नमः।
ॐ धनेश्वरसखाय नमः।
ॐ धन्यायै नमः।
ॐ धराधरसुतायै नमः।
ॐ धर्मकृदाश्रयायै नमः।
ॐ धर्मपरायै नमः।
ॐ धर्मविग्रहाय नमः।
ॐ धर्माधाराय नमः।
ॐ धर्माय नमः।
ॐ धर्मेतराटवीदावपावकायै नमः।
ॐ धीमत्यै नमः।
ॐ धीराय नमः।
ॐ धीरोदात्तगुणोत्तराय नमः।
ॐ धैर्यगुणोपेतायै नमः।
ॐ धैर्यदात्र्यै नमः।
ॐ धैर्यनिलयाय नमः।
ॐ धैर्यशीलाय नमः।
ॐ धौरेयजनवत्सलायै नमः।
ॐ नमस्कार वाच्यकायै नमः।
ॐ नागकन्यासमर्चितायै नमः।
ॐ नागकुम्भनिभस्तन्यै नमः।
ॐ नागचर्मपरीधानाय नमः।
ॐ नागमाणिक्यमण्डितायै नमः।
ॐ नागराजसुपूजितायै नमः।
ॐ नागस्त्रीकोटिसन्नुतायै नमः।
ॐ नागाचलेन्द्रनिलयाय नमः।
ॐ नागाननगुहप्रसुवे नमः।
ॐ नागारिवाहजनकाय नमः।
ॐ नागेन्द्रकुण्डलधराय नमः।
ॐ नागेन्द्रप्रियनन्दिन्यै नमः।
ॐ नागेन्द्रशिखरोत्तंसाय नमः।
ॐ नागेन्द्रहारवलयाय नमः।
ॐ नागेशाद्यमरस्तुत्याय नमः।
ॐ नामपरायणप्रियायै नमः।
ॐ नारदादिमुनिस्तुत्याय नमः।
ॐ नारसिंहवपुर्धरायै नमः।
ॐ नारायणप्रियसखाय नमः।
ॐ नित्ययौवनशालिन्यै नमः।
ॐ निर्जरारिगणध्वंसिने नमः।
ॐ पञ्चकृत्यपरायणायै नमः।
ॐ पञ्चपञ्चावताराय नमः।
ॐ पञ्चपातकनाशिन्यै नमः।
ॐ पञ्चबाधानिवारिण्यै नमः।
ॐ पञ्चब्रह्ममञ्चाधिशायिन्यै नमः।
ॐ पञ्चब्रह्ममयाय नमः।
ॐ पञ्चभूतनिवासाय नमः।
ॐ पञ्चयज्ञपरप्रीताय नमः।
ॐ पञ्चयज्ञपरावासाय नमः।
ॐ पञ्चवक्त्राय नमः।
ॐ पञ्चवज्रासनस्थिताय नमः।
ॐ पञ्चसङ्ख्योपचारिण्यै नमः।
ॐ पञ्चाक्षरमनुप्रीताय नमः।
ॐ पञ्चाशत्पीठनिलयायै नमः।
ॐ पञ्चाशद्वर्णरूपिण्यै नमः।
ॐ पञ्चेन्द्रियविलासाय नमः।
ॐ पदाभिधाय नमः।
ॐ परब्रह्मणे नमः।
ॐ परात्परायै नमः।
ॐ पार्वत्यै नमः।
ॐ प्रपञ्चकोटिजनन्यै नमः।
ॐ प्रपश्चोत्पत्तिवर्जिताय नमः।
ॐ प्रलयाग्निसमप्रभायै नमः।
ॐ प्रलयानिलवेगिन्यै नमः।
ॐ प्रलयाम्बुदनिर्घोषाय नमः।
ॐ प्रलयार्कप्रभापूराय नमः।
ॐ फलरूपिण्यै नमः।
ॐ फलवते नमः।
ॐ फलाधारायै नमः।
ॐ फाल्गुनास्त्रप्रदायिन्यै नमः।
ॐ फाल्गुनास्त्रोद्भिन्नशिरसे नमः।
ॐ फुल्लारविन्दनयनाय नमः।
ॐ फुल्लेन्दीवरलोचनायै नमः।
ॐ बडवाग्निप्रतीकाशाय नमः।
ॐ बलतोषितायै नमः।
ॐ बलभद्रार्चितायै नमः।
ॐ बलवते नमः।
ॐ बलीवर्दसमारूढाय नमः।
ॐ बहुरूपाय नमः।
ॐ बाणासुरार्चनप्रीताय नमः।
ॐ बालायै नमः।
ॐ बालार्ककिरणारुणायै नमः।
ॐ बाहुलेयप्रियङ्कर्यै नमः।
ॐ बिन्दुनादस्वरूपिण्यै नमः।
ॐ बिन्दुमण्डलमध्यस्थाय नमः।
ॐ बिन्दुमालिन्यै नमः।
ॐ बिम्बोष्ठ्यै नमः।
ॐ बिल्वकान्तारमध्यस्थाय नमः।
ॐ बिसतन्तुसमाकृत्यै नमः।
ॐ बुद्धिज्ञेयाय नमः।
ॐ बुद्धिधनदाय नमः।
ॐ बुद्धिप्रदायै नमः।
ॐ बुधार्चितायै नमः।
ॐ बुध्न्याय नमः।
ॐ ब्लूं बीजार्थस्वरूपिण्यै नमः।
ॐ भक्तहार्दतमोनुदाय नमः।
ॐ भक्तानुग्रहतत्परायै नमः।
ॐ भक्ताभीष्टप्रदायिन्यै नमः।
ॐ भद्रकाल्यै नमः।
ॐ भद्रमूर्त्यै नमः।
ॐ भर्गाय नमः।
ॐ भवघ्न्यै नमः।
ॐ भवनाशनाय नमः।
ॐ भवाक्षिभिदे नमः।
ॐ भवान्यै नमः।
ॐ भवाय नमः।
ॐ भवोद्भवाय नमः।
ॐ भस्मोद्धूलितसर्वाङ्गाय नमः।
ॐ भाग्यनिधये नमः।
ॐ भालचन्द्रकलङ्कश्रीकस्तूरीतिलकोज्ज्वलायै नमः।
ॐ भालनेत्राय नमः।
ॐ भालमध्यलसन्नेत्रदहनालीढमन्मथाय नमः।
ॐ भिषजे नमः।
ॐ भुवनेश्यै नमः।
ॐ भूतधात्र्यै नमः।
ॐ भूतिदात्र्यै नमः।
ॐ भूतिभूषाय नमः।
ॐ भूभङ्गविलसद्वक्त्राय नमः।
ॐ भेषजरूपायै नमः।
ॐ भोगिभूषाय नमः।
ॐ भ्रूजितेन्द्रशरासनायै नमः।
ॐ भ्रूणयोगिगणाराध्याय नमः।
ॐ भ्रूणहार्तिविनाशिन्यै नमः।
ॐ मङ्गलरूपिण्यै नमः।
ॐ मत्तमातङ्गगामिन्यै नमः।
ॐ मत्तेभचर्मवसनाय नमः।
ॐ मदिरामोदविह्वलायै नमः।
ॐ मन्त्रमय्यै नमः।
ॐ मन्त्रवेद्याय नमः।
ॐ मन्दस्मितमुखाम्भोजाय नमः।
ॐ महते नमः।
ॐ महाताण्डवसाक्षिण्यै नमः।
ॐ महादेव्यै महाराज्ञ्यै नमः।
ॐ महामृत्युप्रशमनाय नमः।
ॐ मित्ररूपिण्यै नमः।
ॐ मित्रेशाय नमः।
ॐ मीढुष्टमाय नमः।
ॐ मीनाक्ष्यै नमः।
ॐ मुक्तिदायिन्यै नमः।
ॐ मुदिताय नमः।
ॐ मूर्तिन्यासाधिदेवतायै नमः।
ॐ मूलमन्त्रस्वरूपज्ञाय नमः।
ॐ मृगपाणये नमः।
ॐ मृगमदालिप्ताङ्ग्यै नमः।
ॐ मृत्युभञ्जनाय नमः।
ॐ मेघश्यामलकुन्तलायै नमः।
ॐ मेध्याय नमः।
ॐ मेनकानन्दिन्यै नमः।
ॐ म्लानेतरमुखाम्भोजाय नमः।
ॐ यक्षराक्षसवेतालभयघ्नाय नमः।
ॐ यक्षराजप्रियसखाय नमः।
ॐ यक्षस्त्रीकोटिसेवितायै नमः।
ॐ यक्षिणीश्वर्यै नमः।
ॐ यजुर्वेदस्तुत्याय नमः।
ॐ यज्ञप्रियाय नमः।
ॐ यज्ञभोक्त्र्यै नमः।
ॐ यज्वने नमः।
ॐ यमभयापहायै नमः।
ॐ यमादिनियमप्रीतायै नमः।
ॐ यमारातये नमः।
ॐ यशस्विन्यै नमः।
ॐ याजकाय नमः।
ॐ याज्यायै नमः।
ॐ याम्याय नमः।
ॐ यायजूकवत्सलायै नमः।
ॐ युगनायकाय नमः।
ॐ योगप्रदायै नमः।
ॐ योगिने नमः।
ॐ योगिवृन्दसमर्चितायै नमः।
ॐ योग्याय नमः।
ॐ योषामण्यै नमः।
ॐ रक्ताक्ष्यै नमः।
ॐ रक्ताद्रिशिखरावासाय नमः।
ॐ रणन्मञ्जीरनपुरायै नमः।
ॐ रमणीयगुणस्तोमायै नमः।
ॐ रम्भानाट्यप्रियाय नमः।
ॐ रम्भास्तम्भोरुशालिन्यै नमः।
ॐ रम्यभूषणाय नमः।
ॐ रसप्रियाय नमः।
ॐ रसरूपिण्यै नमः।
ॐ रसावासायै नमः।
ॐ रसिकाय नमः।
ॐ राकाचन्द्रनिभाननाय नमः।
ॐ राजीवदलनेत्र्यै नमः।
ॐ रुद्रकोटिजितामित्राय नमः।
ॐ रुद्राक्षमालिकाभूषाय नमः।
ॐ रुद्राणीकोटिसेवितायै नमः।
ॐ रूढयौवनशालिन्यै नमः।
ॐ रूपनिर्जितकन्दर्पाय नमः।
ॐ रूपनिर्जितकन्दर्पाय नमः।
ॐ रूपयौवनशालिन्यै नमः।
ॐ रूपयौवनसम्पन्नाय नमः।
ॐ रूपलावण्यवारिधये नमः।
ॐ रूपवते नमः।
ॐ रूप्याचलनिवासाय नमः।
ॐ रूप्याचलेन्द्रनिलयाय नमः।
ॐ रेणुकास्तुतिमोदिन्यै नमः।
ॐ रेवतीपतिपूज्यायै नमः।
ॐ रोगवर्जितायै नमः।
ॐ रोगारण्यकुठारिकायै नमः।
ॐ रोमहर्षणसर्वाङ्गाय नमः।
ॐ लकुल्यै नमः।
ॐ लक्ष्मीनारायणस्तुत्याय नमः।
ॐ लङ्कापतिसमाराध्यपादुकाय नमः।
ॐ लब्धपत्यै नमः।
ॐ लब्धभक्तिप्रेयसे नमः।
ॐ लब्धभाग्याय नमः।
ॐ लब्धभोगविडम्बिन्यै नमः।
ॐ लब्धसौख्याय नमः।
ॐ ललाटाक्षाय नमः।
ॐ ललामश्रीविडम्बिमुकुरप्रभायै नमः।
ॐ ललिताम्बिकायै नमः।
ॐ लसत्तनवे नमः।
ॐ लाकिन्यादिपरीवृतायै नमः।
ॐ लाभालाभविवर्जिताय नमः।
ॐ लावण्यामृतवारिधये नमः।
ॐ लास्यकर्त्र्यै नमः।
ॐ लास्यप्रियाय नमः।
ॐ लिङ्गरूपाय नमः।
ॐ लीढमदिरामोदविह्वलायै नमः।
ॐ लीलाशुककरोज्ज्वलायै नमः।
ॐ लुण्ठितारिपुराय नमः।
ॐ लुप्तकन्दर्पगात्राय नमः।
ॐ लुब्धकाङ्कसमाविष्टाय नमः।
ॐ लुब्धकीरूपधारिण्यै नमः।
ॐ लुब्धभस्माङ्गरागाढ्याय नमः।
ॐ लुलायवाहनारातये नमः।
ॐ लुलायासुरमर्दिन्यै नमः।
ॐ लूनब्रह्मशिरसे नमः।
ॐ लोकपालसमर्चितायै नमः।
ॐ लोकरक्षकनिरताय नमः।
ॐ लोकालोकाचलावासाय नमः।
ॐ वाञ्छिताखिलदात्रे नमः।
ॐ वाञ्छितार्थप्रदायिन्यै नमः।
ॐ वाणचापलसत्करायै नमः।
ॐ वामदेवाय नमः।
ॐ विद्युत्केशाय नमः।
ॐ विद्रुमाभायै नमः।
ॐ वियत्प्रसुवे नमः।
ॐ विराण्मय्यैण्यै नमः।
ॐ विरूपाक्षाय नमः।
ॐ विशालाक्ष्यै नमः।
ॐ विश्वकर्त्र्यैय नमः।
ॐ विश्वम्भराय नमः।
ॐ विश्वसाक्षिण्यै नमः।
ॐ विश्वामित्रप्रियकराय नमः।
ॐ विषकण्ठाय नमः।
ॐ विष्णुमायाविलासिन्यै नमः।
ॐ वीरगोष्ठीप्रियायै नमः।
ॐ वीरभद्राय नमः।
ॐ वीरमात्रे नमः।
ॐ वीराय नमः।
ॐ वीर्यवते नमः।
ॐ वेदागमपुराणज्ञाय नमः।
ॐ वेदान्तार्थस्वरूपिण्यै नमः।
ॐ वौषडन्तपदस्तुत्याय नमः।
ॐ वौषडन्तसमुत्सुकायै नमः।
ॐ व्यालारिध्वजसोदर्यै नमः।
ॐ व्यालेन्दुकुण्डलधराय नमः।
ॐ शङ्कराय नमः।
ॐ शङ्करार्धशरीरिण्यै नमः।
ॐ शम्भवे नमः।
ॐ शाम्भव्यै नमः।
ॐ शितिकण्ठाय नमः।
ॐ शिपिविष्टाय नमः।
ॐ शिवकुटुम्बिन्यै नमः।
ॐ शिवपतिव्रतायै नमः।
ॐ शिवपराय शिष्टाय नमः।
ॐ शिवाय नमः।
ॐ शिवाराध्यायै नमः।
ॐ शिष्टगत्यै नमः।
ॐ शिष्टेष्टदाय नमः।
ॐ शुचिस्मितायै नमः।
ॐ शुद्धवर्णाय नमः।
ॐ शृङ्गारलहर्यै नमः।
ॐ शृङ्गारार्धकलेवराय नमः।
ॐ शेषकन्यासमर्चितायै नमः।
ॐ शेषाद्रिशिखरावासाय नमः।
ॐ श्रितत्रात्र्यै नमः।
ॐ श्रितवत्सलाय नमः।
ॐ श्रीकण्ठायै नमः।
ॐ श्रीप्रदायै नमः।
ॐ श्रीमते नमः।
ॐ श्रीमत्पञ्चदशाक्षर्यै नमः।
ॐ श्लाघ्यगुणाश्रयायै नमः।
ॐ श्लाघ्याय नमः।
ॐ श्लिष्टकान्तकलेवरायै नमः।
ॐ षट्कालपूजनप्रीताय नमः।
ॐ षट्कोणपुरवासिन्यै नमः।
ॐ षट्चक्रपुरनायिकायै नमः।
ॐ षट्त्रिंशत्तत्त्वरूपिण्यै नमः।
ॐ षट्षष्टिकोटितीर्थज्ञाय नमः।
ॐ षडक्षरन्यासरूपाय नमः।
ॐ षडम्बुरुहचक्रश्रिये नमः।
ॐ षडाम्नायाधिदेवतायै नमः।
ॐ षड्गवेषधराय नमः।
ॐ षड्गवेषलोकपराङ्मुख्यै नमः।
ॐ षड्गुणातीतविग्रहायै नमः।
ॐ षड्दर्शनसमासीनाय नमः।
ॐ षड्वक्त्रजनकाय नमः।
ॐ षड्वर्गारिविनाशिन्यै नमः।
ॐ षष्ठीशमयरूपिण्यै नमः।
ॐ षाड्गुण्यपरिपूर्णाय नमः।
ॐ षोडशाक्षररूपिण्यै नमः।
ॐ षोढान्यासपरप्रीताय नमः।
ॐ संविदे नमः।
ॐ संविद्विलासिन्यै नमः।
ॐ सकलागमसंस्तुत्याय नमः।
ॐ सत्यज्ञानपरायणायै नमः।
ॐ सत्याय नमः।
ॐ सदाचारपदप्रीताय नमः।
ॐ सदाराध्यायै नमः।
ॐ सदाशिवाय नमः।
ॐ सर्वज्ञाय नमः।
ॐ सर्वधर्मप्रवर्धिन्यै नमः।
ॐ सर्वपातकसंहारिणे नमः।
ॐ सर्वलोकवशङ्कर्यै नमः।
ॐ सर्वसाक्षिण्यै नमः।
ॐ सर्वसौभाग्यजनकाय नमः।
ॐ सर्वेश्वराय नमः।
ॐ साधुजनप्रियाय नमः।
ॐ साध्व्यै नमः।
ॐ सावित्र्यै नमः।
ॐ सोमाय नमः।
ॐ सौख्यदाय नमः।
ॐ सौख्यशालिन्यै नमः।
ॐ सौन्दर्यलहर्यै नमः।
ॐ सौमङ्गल्यविवर्धिन्यै नमः।
ॐ सौम्यगुणायै नमः।
ॐ सौरदर्शनसेव्याङ्घ्र्यै नमः।
ॐ सौरमन्त्रप्रकाशनाय नमः।
ॐ सौहार्दनिलयाय नमः।
ॐ सौहित्यप्रियमानसायै नमः।
ॐ स्फटिकाक्षलसत्करायै नमः।
ॐ स्फटिकाद्रिसवर्णाभाय नमः।
ॐ स्फारकीर्तये नमः।
ॐ स्फुटगङ्गाजटाधराय नमः।
ॐ स्फुटाट्टहासवदनतोषितेश-मनोरथायै नमः।
ॐ स्फुरत्कान्त्यै नमः।
ॐ स्फुरत्ताटङ्कमण्डिताय नमः।
ॐ स्फुरन्माङ्गल्यसूत्राढ्यायै नमः।
ॐ हंसकालपदस्तुत्यायै नमः।
ॐ हंसनामपदस्तुताय नमः।
ॐ हंसमन्त्रप्रकाशिन्यै नमः।
ॐ हंसाय नमः।
ॐ हंसिकागत्यै नमः।
ॐ हकाराय नमः।
ॐ हतशात्रवाय नमः।
ॐ हत्यादिदुरिताघघ्न्यै नमः।
ॐ हयग्रीवमुखस्तुताय नमः।
ॐ हयमेधसमाराध्यायै नमः।
ॐ हराय नमः।
ॐ हरिसहोदर्यै नमः।
ॐ हर्यृक्षवाहनायै नमः।
ॐ हस्तिगायै नमः।
ॐ हस्तिचर्माम्बरधराय नमः।
ॐ हालाहलाङ्कितग्रीवाय नमः।
ॐ हिमशैलगाय नमः।
ॐ हिरण्यगर्भजनकाय नमः।
ॐ हिरण्यमणिकुण्डलायै नमः।
ॐ हिरण्यरेतसे नमः।
ॐ हेमकुम्भस्तननतायै नमः।
ॐ हेमसभापातये नमः।
ॐ हेमाङ्ग्यै नमः।
ॐ हेमाद्रिनिलयायै नमः।
ॐ हेरम्बताताय नमः।
ॐ हेलालालितमन्मथायै नमः।
॥ इति श्री अर्धनारीश्वरसहस्रनामावलिः सम्पूर्णा ॥
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