काल भैरव चालीसा
|| काल भैरव चालीसा || || दोहा || श्री गणपति, गुरु गौरि पद, प्रेम सहित धरि माथ । चालीसा वन्दन करों, श्री शिव भैरवनाथ ॥ श्री भैरव संकट हरण, मंगल करण कृपाल । श्याम वरण विकराल वपु, लोचन लाल विशाल ॥ || चौपाई || जय जय श्री काली के लाला । जयति जयति काशी-कुतवाला ॥…