श्री कैला देवी चालीसा की PDF फाइलें भक्तों के लिए एक सुविधाजनक माध्यम हैं। आप इन्हें आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं। यह पीडीएफ फॉर्मेट में होने से आप इसे अपने मोबाइल, टैबलेट या कंप्यूटर पर कहीं भी, कभी भी पढ़ सकते हैं। कैला देवी चालीसा पीडीएफ फाइलें पाठ करने की विधि और लाभों के साथ आती हैं, जो भक्तों को सही तरीके से पूजा करने में मदद करती हैं। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी है जो पूजा सामग्री या किताब के बिना भी देवी की स्तुति करना चाहते हैं।
|| कैला देवी चालीसा (Kaila Devi Chalisa PDF) ||
॥ दोहा ॥
जय जय कैला मात हे,
तुम्हे नमाउ माथ ॥
शरण पडूं में चरण में,
जोडूं दोनों हाथ ॥
आप जानी जान हो,
मैं माता अंजान ॥
क्षमा भूल मेरी करो,
करूँ तेरा गुणगान ॥
॥ चौपाई ॥
जय जय जय कैला महारानी ।
नमो नमो जगदम्ब भवानी ॥
सब जग की हो भाग्य विधाता ।
आदि शक्ति तू सबकी माता ॥
दोनों बहिना सबसे न्यारी ।
महिमा अपरम्पार तुम्हारी ॥
शोभा सदन सकल गुणखानी ।
वैद पुराणन माँही बखानी ॥
जय हो मात करौली वाली ।
शत प्रणाम कालीसिल वाली ॥
ज्वालाजी में ज्योति तुम्हारी ।
हिंगलाज में तू महतारी ॥
तू ही नई सैमरी वाली ।
तू चामुंडा तू कंकाली ॥
नगर कोट में तू ही विराजे ।
विंध्यांचल में तू ही राजै ॥
धौलागढ़ बेलौन तू माता ।
वैष्णवदेवी जग विख्याता ॥
नव दुर्गा तू मात भवानी ।
चामुंडा मंशा कल्याणी ॥
जय जय सूये चोले वाली ।
जय काली कलकत्ते वाली ॥
तू ही लक्ष्मी तू ही ब्रम्हाणी ।
पार्वती तू ही इन्द्राणी ॥
सरस्वती तू विद्या दाता ।
तू ही है संतोषी माता ॥
अन्नपुर्णा तू जग पालक ।
मात पिता तू ही हम बालक ॥
तू राधा तू सावित्री ।
तारा मतंग्डिंग गायत्री ॥
तू ही आदि सुंदरी अम्बा ।
मात चर्चिका हे जगदम्बा ॥
एक हाथ में खप्पर राजै ।
दूजे हाथ त्रिशूल विराजै ॥
कालीसिल पै दानव मारे ।
राजा नल के कारज सारे ॥
शुम्भ निशुम्भ नसावनि हारी ।
महिषासुर को मारनवारी ॥
रक्तबीज रण बीच पछारो ।
शंखासुर तैने संहारो ॥
ऊँचे नीचे पर्वत वारी ।
करती माता सिंह सवारी ॥
ध्वजा तेरी ऊपर फहरावे ।
तीन लोक में यश फैलावे ॥
अष्ट प्रहर माँ नौबत बाजै ।
चाँदी के चौतरा विराजै ॥
लांगुर घटूअन चलै भवन में ।
मात राज तेरौ त्रिभुवन में ॥
घनन घनन घन घंटा बाजत ।
ब्रह्मा विष्णु देव सब ध्यावत ॥
अगनित दीप जले मंदिर में ।
ज्योति जले तेरी घर-घर में ॥
चौसठ जोगिन आंगन नाचत ।
बामन भैरों अस्तुति गावत ॥
देव दनुज गन्धर्व व किन्नर ।
भूत पिशाच नाग नारी नर ॥
सब मिल माता तोय मनावे ।
रात दिन तेरे गुण गावे ॥
जो तेरा बोले जयकारा ।
होय मात उसका निस्तारा ॥
मना मनौती आकर घर सै ।
जात लगा जो तोंकू परसै ॥
ध्वजा नारियल भेंट चढ़ावे ।
गुंगर लौंग सो ज्योति जलावै ॥
हलुआ पूरी भोग लगावै ।
रोली मेहंदी फूल चढ़ावे ॥
जो लांगुरिया गोद खिलावै ।
धन बल विद्या बुद्धि पावै ॥
जो माँ को जागरण करावै ।
चाँदी को सिर छत्र धरावै ॥
जीवन भर सारे सुख पावै ।
यश गौरव दुनिया में छावै ॥
जो भभूत मस्तक पै लगावे ।
भूत-प्रेत न वाय सतावै ॥
जो कैला चालीसा पढ़ता।
नित्य नियम से इसे सुमरता ॥
मन वांछित वह फल को पाता ।
दुःख दारिद्र नष्ट हो जाता ॥
गोविन्द शिशु है शरण तुम्हारी ।
रक्षा कर कैला महतारी ॥
॥ दोहा ॥
संवत तत्व गुण नभ
भुज सुन्दर रविवार ।
पौष सुदी दौज शुभ
पूर्ण भयो यह कार ॥
|| कैला देवी चालीसा पाठ की विधि ||
कैला देवी चालीसा का पाठ करने के लिए एक सरल और प्रभावी विधि है:
- ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- अपने घर के मंदिर या किसी स्वच्छ स्थान पर देवी कैला की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें।
- देवी को लाल फूल, रोली, कुमकुम, धूप, दीप और नैवेद्य (मिठाई या फल) अर्पित करें।
- शांत मन से बैठकर, पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ कैला देवी चालीसा का 1, 3, 5, 7, 11 या 21 बार पाठ करें।
- पाठ के बाद कपूर या घी के दीपक से देवी की आरती करें।
- यह पाठ मंगलवार और शुक्रवार को करना विशेष फलदायी माना जाता है।
|| कैला देवी चालीसा पाठ के लाभ ||
कैला देवी चालीसा का पाठ करने से कई लाभ होते हैं, जैसे:
- यह चालीसा भक्तों के जीवन से सभी प्रकार के दुख, दरिद्रता और संकटों को दूर करती है।
- इस चालीसा का नियमित पाठ करने से शत्रुओं का भय समाप्त होता है और आप उन पर विजय प्राप्त करते हैं।
- जो भक्त सच्चे मन से देवी का ध्यान करते हैं और चालीसा का पाठ करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं।
- चालीसा के प्रभाव से घर में सुख, शांति और धन-समृद्धि आती है।
- यह चालीसा एक कवच की तरह कार्य करती है और भक्तों को सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियों और बुरी नजर से बचाती है।
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