श्री पार्वती चालीसा

।। दोहा ।। जय गिरि तनये दक्षजे शंभु प्रिये गुणखानि । गणपति जननी पार्वती अम्बे ! शक्ति ! भवानि ।। ।। चौपाई ।। ब्रह्मा भेद न तुम्हरो पावे । पंच बदन नित तुमको ध्यावे ।। षड्मुख कहि न सकत यश तेरो । सहसबदन श्रम करत घनेरो ।। तेऊ पार न पावत माता । स्थित रक्षा…

श्री सीता जी की आरती

|| आरती || आरती श्री जनक दुलारी की । सीता जी रघुवर प्यारी की ॥ जगत जननी जग की विस्तारिणी, नित्य सत्य साकेत विहारिणी, परम दयामयी दिनोधारिणी, सीता मैया भक्तन हितकारी की ॥ आरती श्री जनक दुलारी की । सीता जी रघुवर प्यारी की ॥ सती श्रोमणि पति हित कारिणी, पति सेवा वित्त वन वन…

श्री सीता माता चालीसा

॥ दोहा ॥ बन्दौ चरण सरोज निज जनक लली सुख धाम । राम प्रिय किरपा करें सुमिरौं आठों धाम ॥ कीरति गाथा जो पढ़ें सुधरैं सगरे काम । मन मन्दिर बासा करें दुःख भंजन सिया राम ॥ ॥ चौपाई ॥ राम प्रिया रघुपति रघुराई । बैदेही की कीरत गाई ॥ चरण कमल बन्दों सिर नाई…

श्री लक्ष्मण जी की आरती

|| आरती || आरती लक्ष्मण बालजती की असुर संहारन प्राणपति की जगमग ज्योति अवधपुर राजे शेषाचल पै आप विराजे घंटा ताल पखावज बाजे कोटि देव मुनि आरती साजे किरीट मुकुट कर धनुष विराजे तीन लोक जाकी शोभा राजे कंचन थार कपूर सुहाई आरती करत सुमित्रा माई आरती कीजे हरी की तैसी ध्रुव प्रहलाद विभीषण जैसी…

श्री कार्तिकेय आरती

|| आरती || जय जय आरती जय जय आरती वेणु गोपाला वेणु गोपाला वेणु लोला पाप विदुरा नवनीत चोरा जय जय आरती वेंकटरमणा वेंकटरमणा संकटहरणा सीता राम राधे श्याम जय जय आरती गौरी मनोहर गौरी मनोहर भवानी शंकर साम्ब सदाशिव उमा महेश्वर जय जय आरती राज राजेश्वरि राज राजेश्वरि त्रिपुरसुन्दरि महा सरस्वती महा लक्ष्मी महा…

माता वैष्णो देवी चालीसा

॥ दोहा ॥ गरुड़ वाहिनी वैष्णवी त्रिकुटा पर्वत धाम | काली, लक्ष्मी, सरस्वती, शक्ति तुम्हें प्रणाम ||  ॥ चौपाई ॥ नमो: नमो: वैष्णो वरदानी, कलि काल मे शुभ कल्याणी। मणि पर्वत पर ज्योति तुम्हारी, पिंडी रूप में हो अवतारी॥ देवी देवता अंश दियो है, रत्नाकर घर जन्म लियो है। करी तपस्या राम को पाऊं, त्रेता…

श्री वैष्णो देवी आरती

|| आरती || जय वैष्णवी माता, मैया जय वैष्णवी माता हाथ जोड़ तेरे आगे, आरती मैं गाता || || जय वैष्णवी माता || शीश पर छत्र बिराजे, मुर्तिया प्यारी गंगा बहती चरनन, ज्योति जगे न्यारी || || जय वैष्णवी माता || ब्रम्हावेद पढ़े नित द्वारे, शंकर ध्यान धरे सेवत चंवर डुलावत, नारद नृत्य करे ||…

श्री भैरव चालीसा

॥ दोहा ॥ श्री भैरव सङ्कट हरन, मंगल करन कृपालु। करहु दया जि दास पे, निशिदिन दीनदयालु॥ ॥ चौपाई ॥ जय डमरूधर नयन विशाला। श्याम वर्ण, वपु महा कराला॥ जय त्रिशूलधर जय डमरूधर। काशी कोतवाल, संकटहर॥ जय गिरिजासुत परमकृपाला। संकटहरण हरहु भ्रमजाला॥ जयति बटुक भैरव भयहारी। जयति काल भैरव बलधारी॥ अष्टरूप तुम्हरे सब गायें। सकल…

श्री भैरव आरती

|| आरती || जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा जय काली और गौर देवी कृत सेवा || || जय भैरव… || तुम्ही पाप उद्धारक दुःख सिन्धु तारक भक्तो के सुख कारक भीषण वपु धारक || || जय भैरव… || वाहन श्वान विराजत कर त्रिशूल धारी महिमा अमित तुम्हारी जय जय भयहारी || || जय…

श्री गणेश चालीसा

॥ दोहा ॥ जय गणपति सदगुण सदन, कविवर बदन कृपाल । विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल ॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय जय गणपति गणराजू । मंगल भरण करण शुभः काजू ॥ जै गजबदन सदन सुखदाता । विश्व विनायका बुद्धि विधाता ॥ वक्र तुण्ड शुची शुण्ड सुहावना । तिलक त्रिपुण्ड भाल मन भावन…

श्री गणेश आरती

|| आरती || जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी । माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा । लड्डुअन का…

बाबा मोहन राम चालीसा

|| चालीसा || जै मन मोहन जग विख्याता। दीन दुखियों के तुम हो दाता॥ तुम्हरो ध्यान सभी जन धरते। तुम रक्षा भक्तों की करते॥ काली खोली वास तुम्हारा। करे सभी जग का निस्तारा॥ ज्योति गुफा में प्यारी जलती। दूर दूर से दुनिया आती॥ राजिस्थान मिलकपुर ग्राम। सुन मोहन का सुन्न धाम॥ यहाँ पर जन आ…

श्री जाहरवीर जी आरती

|| आरती || जय जय जाहरवीर हरे, जय जय गोगावीर हरे । धरती पर आकर के भक्तों के कष्ट हरे ॥ जय जय जाहरवीर हरे… जो कोई भक्ति करे प्रेम से,भागे दुःख परे। विघ्न हरन मंगल के दाता, जन -जन का कष्ट हरे ॥ जय जय जाहरवीर हरे… जेवर राव के पुत्र कहाए, रानी बाछल…

श्री व्यंकटेश जी आरती

|| आरती || शेषाचल अवतार तारक तूं देवा । सुरवर मुनिवर भावें करिती जन सेवा ॥ कमलारमणा अससी अगणित गुण ठेवा । कमलाक्षा मज रक्षुनि सत्वर वर द्यावा ॥ जय देव जय देव जय व्यंकटेशा । केवळ करूणासिंधु पुरविसी आशा ॥ हे निजवैकुंठ म्हणुनी ध्यातों मी तू तें । दाखविसी गुण कैसे सकळिक लोकाते ॥…

श्री जाहरवीर गोगाजी चालीसा

॥ दोहा ॥ सुवन केहरी जेवर, सुत महाबली रनधीर । बन्दौं सुत रानी बाछला, विपत निवारण वीर ॥ जय जय जय चौहान, वन्स गूगा वीर अनूप । अनंगपाल को जीतकर, आप बने सुर भूप ॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय जय जाहर रणधीरा । पर दुख भंजन बागड़ वीरा ॥१॥ गुरु गोरख का है वरदानी…

श्री राम आरती

|| आरती || श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन, हरण भवभय दारुणम्। नव कंज लोचन, कंज मुख कर कंज पद कंजारुणम्॥ ॥श्री रामचन्द्र कृपालु..॥ कन्दर्प अगणित अमित छवि, नव नील नीरद सुन्दरम्। पट पीत मानहुं तड़ित रूचि-शुचि नौमि जनक सुतावरम्॥ ॥श्री रामचन्द्र कृपालु..॥ भजु दीनबंधु दिनेश दानव दैत्य वंश निकन्दनम्। रघुनन्द आनन्द कन्द कौशल चन्द्र दशरथ…

श्री बालाजी चालीसा – मेहंदीपुर

॥ दोहा ॥ श्री गुरु चरण चितलाय के धरें ध्यान हनुमान। बालाजी चालीसा लिखे दास स्नेही कल्याण॥ विश्व विदित वर दानी संकट हरण हनुमान। मैंहदीपुर में प्रगट भये बालाजी भगवान॥ ॥ चौपाई ॥ जय हनुमान बालाजी देवा। प्रगट भये यहां तीनों देवा॥ प्रेतराज भैरव बलवाना। कोतवाल कप्तानी हनुमाना॥ मैंहदीपुर अवतार लिया है। भक्तों का उद्धार…

मेहन्दीपुर बालाजी आरती

|| आरती || ॐ जय हनुमत वीरा, स्वामी जय हनुमत वीरा | संकट मोचन स्वामी, तुम हो रनधीरा || ॐ जय हनुमत् वीरा……. पवन पुत्र अंजनी सूत, महिमा अति भारी | दुःख दरिद्र मिटाओ, संकट सब हारी || ॐ जय हनुमत् वीरा……. बाल समय में तुमने, रवि को भक्ष लियो | देवन स्तुति किन्ही, तुरतहिं…

श्री तिरुपति बालाजी आरती

|| आरती || जय तिरुपति बालाजी, जय तिरुपति बालाजी, जय जय वेंकट स्वामी, तुम हो अंतर्यामी, जय श्री नाथ हरी, जय तिरुपति बालाजी, जय तिरुपति बालाजी, जय तिरुपति बालाजी, जय जय वेंकट स्वामी, तुम हो अंतर्यामी, जय श्री नाथ हरी, जय तिरुपति बालाजी…. अगणित नाम तुम्हारे अगणित रूप धरे, स्वामी अगणित रूप धरे, तुमको ध्याये…

ब्रह्मा जी आरती

|| आरती || पि तु मा तु सहा यक स्वा मी सखा , तुम ही एक ना थ हमा रे हो । जि नके कुछ और आधा र नहीं , ति नके तुम ही रखवा रे हो । सब भॉ ति सदा सुखदा यक हो , दुख नि र्गुण ना शन हरे हो । प्रति…

श्री साईं आरती

|| आरती || आरती श्री साईं गुरुवर की,परमानन्द सदा सुरवर की। जा की कृपा विपुल सुखकारी,दु:ख शोक, संकट, भयहारी॥ || आरती श्री साईं गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर की ।| शिरडी में अवतार रचाया,चमत्कार से तत्व दिखाया। कितने भक्त चरण पर आये,वे सुख शान्ति चिरंतन पाये॥ || आरती श्री साईं गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर…

विष्णु जी आरती

|| आरती || ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी ! जय जगदीश हरे । भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे ॥  || ॐ जय जगदीश हरे || जो ध्यावे फल पावे, दुःख विनसे मन का । स्वामी दुःख विनसे मन का । सुख सम्पत्ति घर आवे, कष्ट मिटे तन का ॥  || ॐ जय…

श्री खाटू श्याम चालीसा

|| दोहा || श्री गुरु चरणन ध्यान धर, सुमीर सच्चिदानंद। श्याम चालीसा बणत है, रच चौपाई छंद। श्याम-श्याम भजि बारंबारा। सहज ही हो भवसागर पारा। || चौपाई || इन सम देव न दूजा कोई। दिन दयालु न दाता होई।। भीम सुपुत्र अहिलावाती जाया। कही भीम का पौत्र कहलाया।। यह सब कथा कही कल्पांतर। तनिक न…

खाटू श्याम जी आरती

|| आरती || ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे । खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे॥ ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे । रतन जड़ित सिंहासन, सिर पर चंवर ढुरे । तन केसरिया बागो, कुण्डल श्रवण पड़े ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम…

सुंदरकांड

श्लोक शान्तं शाश्वतमप्रमेयमनघं निर्वाणशान्तिप्रदं ब्रह्माशम्भुफणीन्द्रसेव्यमनिशं वेदान्तवेद्यं विभुम् । रामाख्यं जगदीश्वरं सुरगुरुं मायामनुष्यं हरिं वन्देऽहं करुणाकरं रघुवरं भूपालचूड़ामणिम्।।1।। नान्या स्पृहा रघुपते हृदयेऽस्मदीये सत्यं वदामि च भवानखिलान्तरात्मा। भक्तिं प्रयच्छ रघुपुङ्गव निर्भरां मे कामादिदोषरहितं कुरु मानसं च।।2।। अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्। सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।।3।। || सुंदरकांड || जामवंत के बचन सुहाए। सुनि हनुमंत हृदय अति भाए।।…

श्री साईं चालीसा

॥ चौपाई ॥ पहले साई के चरणों में, अपना शीश नमाऊं मैं। कैसे शिरडी साई आए, सारा हाल सुनाऊं मैं॥ कौन है माता, पिता कौन है, ये न किसी ने भी जाना। कहां जन्म साई ने धारा, प्रश्न पहेली रहा बना॥ कोई कहे अयोध्या के, ये रामचंद्र भगवान हैं। कोई कहता साई बाबा, पवन पुत्र…

श्री विष्णु चालीसा

॥ दोहा ॥ विष्णु सुनिए विनय सेवक की चितलाय। कीरत कुछ वर्णन करूं दीजै ज्ञान बताय। ॥ चौपाई ॥ नमो विष्णु भगवान खरारी। कष्ट नशावन अखिल बिहारी॥ प्रबल जगत में शक्ति तुम्हारी। त्रिभुवन फैल रही उजियारी॥ सुन्दर रूप मनोहर सूरत। सरल स्वभाव मोहनी मूरत॥ तन पर पीतांबर अति सोहत। बैजन्ती माला मन मोहत॥ शंख चक्र…

श्री कृष्ण चालीसा

।। दोहा ।। बंशी शोभित कर मधुर, नील जल्द तनु श्यामल । अरुण अधर जनु बिम्बा फल, नयन कमल अभिराम ।। पुरनिंदु अरविन्द मुख, पिताम्बर शुभा साज्ल । जय मनमोहन मदन छवि, कृष्णचंद्र महाराज ।। ।। चौपाई ।। जय यदुनंदन जय जगवंदन । जय वासुदेव देवकी नंदन ।। जय यशोदा सुत नन्द दुलारे । जय…