श्री राम रघुवीर आरती PDF

Download PDF of Ram Raghuvir Aarti Hindi

MiscAarti (आरती संग्रह)हिन्दी

॥ आरती ॥ ऐसी आरती राम रघुबीर की करहि मन। हरण दुखदुन्द गोविन्द आनन्दघन॥ अचर चर रुप हरि, सर्वगत, सर्वदा बसत, इति बासना धूप दीजै। दीप निजबोधगत कोह-मद-मोह-तम प्रौढ़ अभिमान चित्तवृत्ति छीजै॥ ऐसी आरती राम रघुबीर की करहि मन॥ भाव अतिशय विशद प्रवर नैवेद्य शुभ श्रीरमण परम सन्तोषकारी। प्रेम-ताम्बूल गत शूल सन्शय सकल, विपुल भव-बासना-बीजहारी॥...

READ WITHOUT DOWNLOAD
श्री राम रघुवीर आरती
Share This
Download this PDF