कृष्ण ककार सहस्रनामावली

कृष्ण ककार सहस्रनामावली भगवान श्रीकृष्ण के एक हजार दिव्य नामों का संग्रह है, जो “क” अक्षर से प्रारंभ होते हैं। यह सहस्रनामावली भगवान श्रीकृष्ण के अनुपम गुणों, उनकी लीला, और उनके विभिन्न स्वरूपों का वर्णन करती है। भगवान कृष्ण जगत के पालनकर्ता, प्रेम और करुणा के प्रतीक, और मानव जीवन के मार्गदर्शक हैं। उनके नामों…

देवी भैरवी सहस्रनामावली

देवी भैरवी तंत्र साधना में प्रमुख स्थान रखने वाली दस महाविद्याओं में से एक हैं। वे शक्ति, तंत्र और असीम करुणा की प्रतीक हैं। देवी भैरवी का स्वरूप तेजस्वी और रौद्र है, लेकिन उनकी कृपा साधकों को असीम शांति और सिद्धियां प्रदान करती है। भैरवी सहस्रनामावली में देवी के एक हजार पवित्र नामों का संग्रह…

देवी षोडशी सहस्रनामावली

देवी षोडशी, जिन्हें त्रिपुरा सुंदरी या ललिता देवी के नाम से भी जाना जाता है, दस महाविद्याओं में से एक हैं। वे सौंदर्य, प्रेम, शक्ति और ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी हैं। देवी षोडशी का नाम ‘षोडशी’ इसलिए पड़ा क्योंकि वे सोलह कलाओं से पूर्ण हैं। षोडशी सहस्रनामावली देवी के एक हजार पवित्र नामों का संग्रह…

देवी तारा सहस्रनामावली

देवी तारा दस महाविद्याओं में दूसरी महाविद्या मानी जाती हैं। उनका स्वरूप करुणा, रक्षा और ज्ञान का प्रतीक है। देवी तारा को ‘नील सरस्वती’ के नाम से भी जाना जाता है। वे साधकों को अज्ञान के अंधकार से निकालकर ज्ञान और आध्यात्मिक प्रकाश की ओर ले जाती हैं। तारा सहस्रनामावली में देवी के एक हजार…

देवी धूमावती सहस्रनामावली

देवी धूमावती महाविद्याओं में सातवीं महाविद्या हैं, जिन्हें विध्वंसी स्वरूप की देवी के रूप में पूजा जाता है। वे अद्वितीय, रहस्यमय और त्रिगुणात्मक शक्ति का प्रतीक हैं। देवी धूमावती का स्वरूप त्याग, वैराग्य, और आत्मज्ञान का मार्ग दिखाता है। उनकी सहस्रनामावली में एक हजार नामों का संग्रह है, जो उनकी अपार शक्ति, करुणा, और कृपा…

देवी वाराही सहस्रनामावली

देवी वाराही शक्ति के सात मातृका रूपों में से एक हैं और वे सृष्टि, रक्षा और विनाश की देवी मानी जाती हैं। देवी वाराही का स्वरूप दिव्य शक्ति और साहस का प्रतीक है। वे भगवान विष्णु के वराह अवतार की शक्ति हैं और रात्रिचर शक्तियों का विनाश करती हैं। वाराही सहस्रनामावली में देवी के एक…

देवी भुवनेश्वरी सहस्रनामावली

देवी भुवनेश्वरी, आदि शक्ति के महाविद्या स्वरूपों में से एक हैं। उन्हें सृष्टि की अधिष्ठात्री और समस्त ब्रह्मांड की माता के रूप में पूजा जाता है। वे ब्रह्मांड को चलाने वाली शक्ति हैं और अपने भक्तों को ज्ञान, शक्ति और समृद्धि प्रदान करती हैं। भुवनेश्वरी सहस्रनामावली में देवी के एक हजार दिव्य नामों का उल्लेख…

महाकाल सहस्रनामावली

श्री महाकाल भगवान शिव का वह स्वरूप हैं जो समय, मृत्यु और सृष्टि के नियंता माने जाते हैं। उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग को इनका निवास स्थान माना जाता है। श्री महाकाल सहस्रनामावली भगवान महाकाल के एक हजार पवित्र नामों का संग्रह है, जो उनकी शक्ति, करुणा और महिमा का वर्णन करते हैं। यह सहस्रनामावली…

धन्वन्तरि सहस्रनामावली

श्री धन्वन्तरि भगवान को आयुर्वेद के जनक और स्वास्थ्य के देवता माना जाता है। उनका प्रकट होना समुद्र मंथन के समय अमृत कलश के साथ हुआ था। वे सभी रोगों के निवारणकर्ता और आरोग्य के संरक्षक माने जाते हैं। श्री धन्वन्तरि सहस्रनामावली में उनके एक हजार दिव्य नामों का संग्रह है, जो उनकी शक्ति, करुणा…

श्री गुरु सहस्रनामावली

गुरु को आध्यात्मिक मार्गदर्शक और ज्ञान का प्रतीक माना जाता है। वे व्यक्ति को अज्ञान के अंधकार से ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाते हैं। श्री गुरु सहस्रनामावली में गुरु के एक हजार नामों का वर्णन किया गया है, जो उनकी करुणा, ज्ञान, और मार्गदर्शन को दर्शाते हैं। यह सहस्रनामावली भक्त को गुरु तत्व…

श्री सुब्रमण्या सहस्रनामावली

श्री सुब्रमण्या स्वामी, जिन्हें भगवान कार्तिकेय, स्कंद, या मुरुगन के नाम से भी जाना जाता है, शक्ति और विजय के देवता हैं। वे भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र हैं और देवताओं के सेनापति के रूप में उनकी पूजा की जाती है। श्री सुब्रमण्या सहस्रनामावली भगवान सुब्रमण्या के एक हजार पवित्र नामों का संग्रह…

श्री गायत्री सहस्रनामावली

श्री गायत्री देवी को वेदों की माता और समस्त ऊर्जा का स्रोत माना जाता है। वे त्रिमूर्ति ब्रह्मा, विष्णु और महेश के संयुक्त स्वरूप का प्रतिनिधित्व करती हैं। गायत्री मंत्र के साथ उनकी आराधना को सबसे श्रेष्ठ और शक्तिशाली माना गया है। गायत्री सहस्रनामावली में देवी गायत्री के एक हजार दिव्य और पवित्र नामों का…

भगवान राम सहस्रनामावली

भगवान राम, जो धर्म, मर्यादा, और आदर्श जीवन का प्रतीक हैं, त्रेता युग में भगवान विष्णु के सातवें अवतार के रूप में अवतरित हुए। उनका जीवन और चरित्र “रामायण” में वर्णित है, जो मानवता के लिए धर्म और कर्तव्य का आदर्श प्रस्तुत करता है। भगवान राम सहस्रनामावली में उनके एक हजार पवित्र नामों का संकलन…

भगवान कार्तिकेय सहस्रनामावली

भगवान कार्तिकेय, जिन्हें मुरुगन, स्कंद, और सुब्रमण्य स्वामी के नाम से भी जाना जाता है, देवताओं के सेनापति और शक्ति के प्रतीक हैं। वे भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र तथा भगवान गणेश के भाई हैं। दक्षिण भारत में भगवान कार्तिकेय की विशेष आराधना होती है। उनकी पूजा शक्ति, विजय, और ज्ञान प्राप्ति के…

भगवान गणेश सहस्रनामावली

भगवान गणेश, जिन्हें “विघ्नहर्ता” और “सिद्धिदायक” के रूप में जाना जाता है, हिंदू धर्म के प्रथम पूजनीय देवता हैं। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत भगवान गणेश के स्मरण और पूजा के बिना अधूरी मानी जाती है। गणेश सहस्रनामावली भगवान गणेश के एक हजार पवित्र नामों का संग्रह है, जो उनकी महिमा, शक्तियों और दिव्य…

देवी अन्नपूर्णा सहस्रनामावली

देवी अन्नपूर्णा हिंदू धर्म में भोजन, समृद्धि और सुख-शांति की देवी मानी जाती हैं। वे भगवान शिव की अर्धांगिनी और जगत माता पार्वती का स्वरूप हैं। “अन्नपूर्णा” का अर्थ है “भोजन से परिपूर्ण”, और उनकी कृपा से भक्तों को जीवन में कभी भी भोजन या धन की कमी नहीं होती। देवी अन्नपूर्णा सहस्रनामावली में उनके…

श्री शिव सहस्रनामावली

श्री शिव सहस्रनामावली भगवान शिव के हजार पवित्र नामों का संग्रह है, जो उनकी अनंत शक्तियों, दिव्य स्वरूपों और महिमा का वर्णन करता है। भगवान शिव, जिन्हें महादेव, भोलेनाथ और आदियोगी के नाम से भी जाना जाता है, सृष्टि के संहारक और पुनर्निर्माण के देवता हैं। इस सहस्रनामावली का पाठ करने से भगवान शिव की…

श्री कृष्ण सहस्रनामावली

श्री कृष्ण सहस्रनामावली में भगवान श्रीकृष्ण के एक हजार पवित्र और दिव्य नामों का वर्णन है। यह नाम उनके विभिन्न स्वरूपों, लीलाओं, गुणों और महिमा को प्रकट करते हैं। भगवान श्रीकृष्ण, जिन्हें योगेश्वर, मुरलीधर और गोविंद के नाम से भी जाना जाता है, प्रेम, करुणा और ज्ञान के प्रतीक हैं। इस सहस्रनामावली का पाठ करने…

श्री राधिका सहस्रनामावली

श्री राधिका सहस्रनामावली में राधारानी के एक हजार दिव्य और पवित्र नामों का वर्णन है। यह सहस्रनामावली उनके अलौकिक प्रेम, दिव्यता और भक्तों पर उनकी अनुकंपा का गुणगान करती है। राधारानी भगवान श्रीकृष्ण की शक्ति और प्रेम का सर्वोच्च रूप हैं। उनका यह सहस्रनाम स्तोत्र हर उस भक्त के लिए है, जो सच्चे प्रेम, भक्ति…

भगवान विष्णु सहस्रनामावली

भगवान विष्णु सहस्रनामावली में भगवान विष्णु के एक हजार पवित्र नामों का वर्णन है। भगवान विष्णु सृष्टि के पालनकर्ता और समस्त ब्रह्मांड के संरक्षक हैं। उनका यह सहस्रनाम उनके दिव्य गुणों, स्वरूपों और महिमा का गुणगान करता है। विष्णु सहस्रनामावली का पाठ भक्तों को हर प्रकार के संकटों से मुक्ति दिलाने, आत्मिक शांति प्राप्त करने,…

श्री अर्धनारीश्वर सहस्रनामावली

श्री अर्धनारीश्वर सहस्रनामावली भगवान शिव और माता पार्वती के अर्धनारीश्वर स्वरूप को समर्पित है। अर्धनारीश्वर का स्वरूप शिव और शक्ति का अद्वितीय संगम है, जो सृष्टि की संतुलित रचना और समस्त ब्रह्मांड की ऊर्जा के मूल रूप को दर्शाता है। सहस्रनामावली में अर्धनारीश्वर के हजार नामों का उल्लेख किया गया है, जो उनके विभिन्न गुणों…

दत्तात्रेय सहस्रनामावली

दत्तात्रेय सहस्रनामावली भगवान दत्तात्रेय को समर्पित एक अद्भुत स्तोत्र है। भगवान दत्तात्रेय त्रिमूर्ति के संयुक्त अवतार हैं, जिनमें ब्रह्मा, विष्णु और महेश की शक्तियां समाहित हैं। वे गुरु तत्व के सर्वोच्च प्रतीक हैं और आत्मज्ञान, वैराग्य, और ज्ञान प्रदान करते हैं। इस सहस्रनामावली में भगवान दत्तात्रेय के हजार पवित्र नामों का वर्णन है, जो उनके…

श्री लक्ष्मी सहस्रनामावली

श्री लक्ष्मी सहस्रनामावली माता लक्ष्मी के हजार पवित्र नामों का संग्रह है, जो उनकी अद्भुत महिमा और दिव्य स्वरूप को प्रकट करती है। माता लक्ष्मी धन, वैभव, ऐश्वर्य और समृद्धि की देवी हैं। यह सहस्रनामावली उनके गुणों, स्वरूपों और कृपा के विभिन्न आयामों का विस्तार से वर्णन करती है। इसका पाठ न केवल आर्थिक समृद्धि…

बटुक भैरव सहस्रनामावली

बटुक भैरव सहस्रनामावली भगवान भैरव को समर्पित एक अद्भुत स्तोत्र है जिसमें उनके हजार नामों का वर्णन किया गया है। भगवान भैरव को शिव जी का उग्र और रक्षक स्वरूप माना जाता है। उनका यह स्वरूप भक्तों को बुरी शक्तियों, कष्टों और नकारात्मक ऊर्जा से बचाने वाला है। बटुक भैरव सहस्रनामावली में उनके प्रत्येक नाम…

श्री गोपाल सहस्त्रनाम स्तोत्र

।। श्री गोपाल सहस्त्रनाम स्तोत्र ।। ।। अथ ध्यानम ।। कस्तूरीतिलकं ललाटपटले वक्ष:स्थले कौस्तुभं नासाग्रे वरमौत्तिकं करतले वेणुं करे कंकणम । सर्वाड़्गे हरिचन्दनं सुललितं कण्ठे च मुक्तावलि – र्गोपस्रीपरिवेष्टितो विजयते गोपालचूडामणि: ।। फुल्लेन्दीवरकान्तिमिन्दुवदनं बर्हावतंसप्रियं श्रीवत्साड़्कमुदारकौस्तुभधरं पीताम्बरं सुन्दरम । गोपीनां नयनोत्पलार्चिततनुं गोगोपसंघावृतं गोविन्दं कलवेणुवादनपरं दिव्याड़्गभूषं भजे ।। इति ध्यानम ऊँ क्लीं देव: कामदेव: कामबीजशिरोमणि: । श्रीगोपालको…

श्री महासरस्वती सहस्रनाम स्तोत्र

॥ श्री महासरस्वती सहस्रनाम स्तोत्र ॥ ध्यानम् श्रीमच्चन्दनचर्चितोज्ज्वलवपुः शुक्लाम्बरा मल्लिका- मालालालित कुन्तला प्रविलसन्मुक्तावलीशोभना। सर्वज्ञाननिधानपुस्तकधरा रुद्राक्षमालाङ्किता वाग्देवी वदनाम्बुजे वसतु मे त्रैलोक्यमाता शुभा॥ श्रीनारद उवाच – भगवन्परमेशान सर्वलोकैकनायक। कथं सरस्वती साक्षात्प्रसन्ना परमेष्ठिनः॥ कथं देव्या महावाण्याः सतत्प्राप सुदुर्लभम्। एतन्मे वद तत्वेन महायोगीश्वरप्रभो॥ श्रीसनत्कुमार उवाच – साधु पृष्टं त्वया ब्रह्मन् गुह्याद्गुह्य मनुत्तमम्। भयानुगोपितं यत्नादिदानीं सत्प्रकाश्यते॥ पुरा पितामहं दृष्ट्वा जगत्स्थावरजङ्गमम्।…

श्री काली सहस्त्रनाम

।। श्री काली सहस्त्रनाम ।। श्मशान-कालिका काली भद्रकाली कपालिनी । गुह्य-काली महाकाली कुरु-कुल्ला विरोधिनी ।। कालिका काल-रात्रिश्च महा-काल-नितम्बिनी । काल-भैरव-भार्या च कुल-वत्र्म-प्रकाशिनी ।। कामदा कामिनीया कन्या कमनीय-स्वरूपिणी । कस्तूरी-रस-लिप्ताङ्गी कुञ्जरेश्वर-गामिनी ।। ककार-वर्ण-सर्वाङ्गी कामिनी काम-सुन्दरी । कामात्र्ता काम-रूपा च काम-धेनुु: कलावती ।। कान्ता काम-स्वरूपा च कामाख्या कुल-कामिनी । कुलीना कुल-वत्यम्बा दुर्गा दुर्गति-नाशिनी ।। कौमारी कुलजा कृष्णा…

ਸ਼੍ਰੀ ਸ਼ਿਵਸਹਸ੍ਰਨਾਮ ਸ੍ਤੋਤ੍ਰਮ੍

|| ਸ਼੍ਰੀ ਸ਼ਿਵਸਹਸ੍ਰਨਾਮ ਸ੍ਤੋਤ੍ਰਮ੍ || ਮਹਾਭਾਰਤਾਨ੍ਤਰ੍ਗਤਮ੍ ਤਤਃ ਸ ਪ੍ਰਯਤੋ ਭੂਤ੍ਵਾ ਮਮ ਤਾਤ ਯੁਧਿਸ਼਼੍ਠਿਰ । ਪ੍ਰਾਞ੍ਜਲਿਃ ਪ੍ਰਾਹ ਵਿਪ੍ਰਰ੍ਸ਼਼ਿਰ੍ਨਾਮਸਙ੍ਗ੍ਰਹਮਾਦਿਤਃ ॥ 1॥ ਉਪਮਨ੍ਯੁਰੁਵਾਚ ਬ੍ਰਹ੍ਮਪ੍ਰੋਕ੍ਤੈੱਰੁਸ਼਼ਿਪ੍ਰੋਕ੍ਤੈਰ੍ਵੇਦਵੇਦਾਙ੍ਗਸਮ੍ਭਵੈਃ । ਸਰ੍ਵਲੋਕੇਸ਼਼ੁ ਵਿਖ੍ਯਾਤੰ ਸ੍ਤੁਤ੍ਯੰ ਸ੍ਤੋਸ਼਼੍ਯਾਮਿ ਨਾਮਭਿਃ ॥ 2॥ ਮਹਦ੍ਭਿਰ੍ਵਿਹਿਤੈਃ ਸਤ੍ਯੈਃ ਸਿੱਧੈਃ ਸਰ੍ਵਾਰ੍ਥਸਾਧਕੈਃ । ਰੁਸ਼਼ਿਣਾ ਤਣ੍ਡਿਨਾ ਭਕ੍ਤ੍ਯਾ ਕ੍ਰੁਤੈਰ੍ਵੇਦਕ੍ਰੁਤਾਤ੍ਮਨਾ ॥ 3॥ ਯਥੋਕ੍ਤੈਃ ਸਾਧੁਭਿਃ ਖ੍ਯਾਤੈਰ੍ਮੁਨਿਭਿਸ੍ਤੱਤ੍ਵਦਰ੍ਸ਼ਿਭਿਃ । ਪ੍ਰਵਰੰ ਪ੍ਰਥਮੰ ਸ੍ਵਰ੍ਗ੍ਯੰ ਸਰ੍ਵਭੂਤਹਿਤੰ ਸ਼ੁਭਮ੍ ॥ 4॥ ਸ਼੍ਰੁਤੇਃ ਸਰ੍ਵਤ੍ਰ ਜਗਤਿ ਬ੍ਰਹ੍ਮਲੋਕਾਵਤਾਰਿਤੈਃ…

ଵାରାହୀ ସହସ୍ର ନାମାଵଳି

॥ ଵାରାହୀ ସହସ୍ର ନାମାଵଳି ॥ ଓଂ ଵାରାହ୍ୟୈ ନମଃ । ଓଂ ଵାମନ୍ୟୈ ନମଃ । ଓଂ ଵାମାୟୈ ନମଃ । ଓଂ ବଗଳାୟୈ ନମଃ । ଓଂ ଵାସଵ୍ୟୈ ନମଃ । ଓଂ ଵସଵେ ନମଃ । ଓଂ ଵୈଦେହ୍ୟୈ ନମଃ । ଓଂ ଵୀରସୁଵେ ନମଃ । ଓଂ ବାଲାୟୈ ନମଃ । ଓଂ ଵରଦାୟୈ ନମଃ । ଓଂ ଵିଷ୍ଣୁଵଲ୍ଲଭାୟୈ ନମଃ । ଓଂ ଵଂଦିତାୟୈ ନମଃ । ଓଂ ଵସୁଦାୟୈ…

শ্রী সুব্রহ্মণ্য সহস্র নামাবলি

।। সুব্রহ্মণ্য সহস্র নামাবলি ।। ওং অচিংত্যশক্তযে নমঃ । ওং অনঘায নমঃ । ওং অক্ষোভ্যায নমঃ । ওং অপরাজিতায নমঃ । ওং অনাথবত্সলায নমঃ । ওং অমোঘায নমঃ । ওং অশোকায নমঃ । ওং অজরায নমঃ । ওং অভযায নমঃ । ওং অত্যুদারায নমঃ । ওং অঘহরায নমঃ । ওং অগ্রগণ্যায নমঃ । ওং অদ্রিজাসুতায…

ବିଷ୍ଣୁ ସାହସରାନାମ

॥ ବିଷ୍ଣୁ ସାହସରାନାମ ॥ ହରିଃ ଓମ୍ ଵିଶ୍ଵଂ ଵିଷ୍ଣୁର୍ଵଷଟ୍କାରୋ ଭୂତଭଵ୍ୟଭଵତ୍ପ୍ରଭୁଃ । ଭୂତକୃଦ୍ଭୂତଭୃଦ୍ଭାଵୋ ଭୂତାତ୍ମା ଭୂତଭାଵନଃ ॥ ପୂତାତ୍ମା ପରମାତ୍ମା ଚ ମୁକ୍ତାନାଂ ପରମାଗତିଃ । ଅଵ୍ୟୟଃ ପୁରୁଷଃ ସାକ୍ଷୀ କ୍ଷେତ୍ରଜ୍ଞୋଽକ୍ଷର ଏଵ ଚ ॥ ୟୋଗୋ ୟୋଗଵିଦାଂ ନେତା ପ୍ରଧାନ ପୁରୁଷେଶ୍ଵରଃ । ନାରସିଂହଵପୁଃ ଶ୍ରୀମାନ୍ କେଶଵଃ ପୁରୁଷୋତ୍ତମଃ ॥ ସର୍ଵଃ ଶର୍ଵଃ ଶିଵଃ ସ୍ଥାଣୁର୍ଭୂତାଦିର୍ନିଧିରଵ୍ୟୟଃ । ସଂଭଵୋ ଭାଵନୋ ଭର୍ତା ପ୍ରଭଵଃ ପ୍ରଭୁରୀଶ୍ଵରଃ ॥ ସ୍ଵୟଂଭୂଃ ଶଂଭୁରାଦିତ୍ୟଃ ପୁଷ୍କରାକ୍ଷୋ ମହାସ୍ଵନଃ । ଅନାଦିନିଧନୋ…

વિષ્ણુ સહસ્રનામ

|| વિષ્ણુ સહસ્રનામ || વિશ્વં વિષ્ણુર્વષટ્કારો: ભૂતભવ્યભવત્પ્રભુ: | ભૂતકૃદ્ભૂતભૃદ્ભાવો ભૂતાત્મા ભૂતભાવન: || પૂતાત્મા પરમાત્મા ચ મુક્તાનાં પરમાગતિ: | અવ્યય: પુરુષ: સાક્ષી ક્ષેત્રજ્ઞોક્ષર એવ ચ || યોગો યોગવિદાં નેતા પ્રધાન પુરુષેશ્વર: | નારસિંહવપુ: શ્રીમાન કેશવ: પુરુષોત્તમ: || સર્વ: શર્વ: શિવ: સ્થાણુર્ભૂતાદિર્નિધિરવ્યય: | સંભવો ભાવનો ભર્તા પ્રભવ: પ્રભુરીશ્વર: || સ્વયંભૂ: શંભુરાદિત્ય: પુષ્કરાક્ષો મહાસ્વન: | અનાદિનિધનો ધાતા વિધાતા…

વારાહી સહસ્ર નામાવળિ

॥ વારાહી સહસ્ર નામાવળિ ॥ ॥ ઓં ઐં ગ્લૌં ઐમ્ ॥ ઓં વારાહ્યૈ નમઃ । ઓં વામન્યૈ નમઃ । ઓં વામાયૈ નમઃ । ઓં બગળાયૈ નમઃ । ઓં વાસવ્યૈ નમઃ । ઓં વસવે નમઃ । ઓં વૈદેહ્યૈ નમઃ । ઓં વીરસુવે નમઃ । ઓં બાલાયૈ નમઃ । ઓં વરદાયૈ નમઃ । ઓં વિષ્ણુવલ્લભાયૈ નમઃ ।…

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