गरुड़ देव सहस्रनामावली

गरुड़ देव सहस्रनामावली भगवान विष्णु के वाहन और परम भक्त गरुड़ देव को समर्पित 1000 पवित्र नामों का संग्रह है। गरुड़ देव वेदों के ज्ञाता और शत्रु नाशक माने जाते हैं। वे अद्भुत पराक्रमी और दिव्य शक्तियों से युक्त हैं। उनके सहस्रनाम का पाठ करने से साधक को भय, रोग और शत्रुओं से मुक्ति मिलती…

श्री दक्षिणामूर्ति सहस्रनामावलि

श्री दक्षिणामूर्ति सहस्रनामावलि भगवान शिव के दक्षिणामूर्ति स्वरूप को समर्पित है। दक्षिणामूर्ति भगवान शिव का वह रूप है, जिसमें वे ज्ञान, शिक्षा और आत्मबोध के अधिष्ठाता माने जाते हैं। यह सहस्रनामावलि उनके 1000 दिव्य और पवित्र नामों का संग्रह है, जो उनकी महिमा और अनंत शक्ति का वर्णन करती है। श्री दक्षिणामूर्ति को गुरु रूप…

देवी काली सहस्रनामावली

देवी काली सहस्रनामावली में माँ काली के 1000 पवित्र और शक्तिशाली नामों का वर्णन है। माँ काली शक्ति, साहस, और विनाशकारी ऊर्जा की देवी हैं। वे अपने भक्तों की सभी प्रकार की नकारात्मकता, भय और बाधाओं को नष्ट करने वाली हैं। इस सहस्रनामावली में देवी काली के अद्भुत स्वरूप, उनकी अनंत शक्ति और करुणा का…

भगवान इन्द्र सहस्रनामावली

भगवान इन्द्र सहस्रनामावली में इन्द्रदेव के 1000 पवित्र नामों का वर्णन किया गया है। इन्द्रदेव को देवताओं के राजा और स्वर्गलोक के अधिपति के रूप में जाना जाता है। वे वायु, वर्षा, और बिजली के देवता हैं और प्रकृति को संतुलन में बनाए रखने का कार्य करते हैं। सहस्रनामावली में इन्द्रदेव के नामों के माध्यम…

कालभैरव सहस्रनामावली

कालभैरव सहस्रनामावली भगवान कालभैरव के 1000 पवित्र और दिव्य नामों का संग्रह है। कालभैरव को समय के अधिपति, मृत्यु के रक्षक और शिव के अंशावतार के रूप में पूजा जाता है। उनकी शक्ति और भयानक रूप बुराई और नकारात्मकता को समाप्त करते हैं। कालभैरव सहस्रनामावली में उनके अद्वितीय नामों के माध्यम से उनकी महिमा, शक्ति…

तुलसी सहस्रनामावली

तुलसी सहस्रनामावली में देवी तुलसी के 1000 दिव्य नामों का संग्रह है। तुलसी को हिंदू धर्म में बहुत पवित्र और पूजनीय माना गया है। तुलसी माता विष्णु जी की परम भक्त हैं और उनका पौधा स्वयं देवी का प्रतीक है। सहस्रनामावली में तुलसी माता की पवित्रता, शक्ति और आध्यात्मिक महिमा का विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया…

देवी यमुना सहस्रनामावली

देवी यमुना सहस्रनामावली में मां यमुना के 1000 दिव्य नामों का वर्णन है। यमुना देवी को भारतीय संस्कृति में पवित्रता, शुद्धता और कल्याण की प्रतीक माना गया है। वे भगवान सूर्य की पुत्री और यमराज की बहन हैं। हिंदू धर्म में यमुना नदी को देवी स्वरूप में पूजनीय माना जाता है, और इसका जल मोक्षदायक…

देवी जानकी सहस्रनामावली

देवी जानकी सहस्रनामावली में मां सीता के 1000 दिव्य और पवित्र नामों का वर्णन है। मां जानकी को भगवान श्रीराम की अर्धांगिनी और सतीत्व, समर्पण, त्याग एवं धर्म की मूर्ति माना जाता है। वे भगवती लक्ष्मी का अवतार हैं और आदर्श नारीत्व का प्रतीक हैं। इस सहस्रनामावली का पाठ उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने…

देवी सरस्वती सहस्रनामावली

देवी सरस्वती सहस्रनामावली में मां सरस्वती के 1000 दिव्य नामों का वर्णन है। ये नाम उनकी बुद्धि, ज्ञान, संगीत, और सृजनात्मकता के स्वरूपों को प्रकट करते हैं। मां सरस्वती को विद्या, कला और वाणी की देवी माना जाता है। उनकी सहस्रनामावली का पाठ न केवल विद्यार्थियों के लिए बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण…

गोपाल सहस्रनामावली

गोपाल सहस्रनामावली भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप, “गोपाल” के 1000 पवित्र और दिव्य नामों का संग्रह है। “गोपाल” का अर्थ है गोकुल के रक्षक, गऊओं के पालनहार और समस्त प्राणियों के संरक्षक। इस सहस्रनामावली में भगवान श्रीकृष्ण के उन गुणों और लीलाओं का वर्णन है जो उनके बाल रूप में प्रकट होते हैं। यह सहस्रनामावली…

श्री लक्ष्मीनृसिंह सहस्रनामावली

श्री लक्ष्मीनृसिंह भगवान विष्णु के नृसिंह अवतार और देवी लक्ष्मी का दिव्य संगम हैं। यह स्वरूप भक्ति, शक्ति और करुणा का प्रतीक है। भगवान नृसिंह का यह स्वरूप संकटमोचन और कल्याणकारी है, जो अपने भक्तों को भय और कष्टों से मुक्त करते हैं। श्री लक्ष्मीनृसिंह सहस्रनामावली भगवान लक्ष्मीनृसिंह के एक हजार पवित्र नामों का संग्रह…

कृष्ण ककार सहस्रनामावली

कृष्ण ककार सहस्रनामावली भगवान श्रीकृष्ण के एक हजार दिव्य नामों का संग्रह है, जो “क” अक्षर से प्रारंभ होते हैं। यह सहस्रनामावली भगवान श्रीकृष्ण के अनुपम गुणों, उनकी लीला, और उनके विभिन्न स्वरूपों का वर्णन करती है। भगवान कृष्ण जगत के पालनकर्ता, प्रेम और करुणा के प्रतीक, और मानव जीवन के मार्गदर्शक हैं। उनके नामों…

देवी भैरवी सहस्रनामावली

देवी भैरवी तंत्र साधना में प्रमुख स्थान रखने वाली दस महाविद्याओं में से एक हैं। वे शक्ति, तंत्र और असीम करुणा की प्रतीक हैं। देवी भैरवी का स्वरूप तेजस्वी और रौद्र है, लेकिन उनकी कृपा साधकों को असीम शांति और सिद्धियां प्रदान करती है। भैरवी सहस्रनामावली में देवी के एक हजार पवित्र नामों का संग्रह…

देवी षोडशी सहस्रनामावली

देवी षोडशी, जिन्हें त्रिपुरा सुंदरी या ललिता देवी के नाम से भी जाना जाता है, दस महाविद्याओं में से एक हैं। वे सौंदर्य, प्रेम, शक्ति और ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी हैं। देवी षोडशी का नाम ‘षोडशी’ इसलिए पड़ा क्योंकि वे सोलह कलाओं से पूर्ण हैं। षोडशी सहस्रनामावली देवी के एक हजार पवित्र नामों का संग्रह…

देवी तारा सहस्रनामावली

देवी तारा दस महाविद्याओं में दूसरी महाविद्या मानी जाती हैं। उनका स्वरूप करुणा, रक्षा और ज्ञान का प्रतीक है। देवी तारा को ‘नील सरस्वती’ के नाम से भी जाना जाता है। वे साधकों को अज्ञान के अंधकार से निकालकर ज्ञान और आध्यात्मिक प्रकाश की ओर ले जाती हैं। तारा सहस्रनामावली में देवी के एक हजार…

देवी वाराही सहस्रनामावली

देवी वाराही शक्ति के सात मातृका रूपों में से एक हैं और वे सृष्टि, रक्षा और विनाश की देवी मानी जाती हैं। देवी वाराही का स्वरूप दिव्य शक्ति और साहस का प्रतीक है। वे भगवान विष्णु के वराह अवतार की शक्ति हैं और रात्रिचर शक्तियों का विनाश करती हैं। वाराही सहस्रनामावली में देवी के एक…

महाकाल सहस्रनामावली

श्री महाकाल भगवान शिव का वह स्वरूप हैं जो समय, मृत्यु और सृष्टि के नियंता माने जाते हैं। उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग को इनका निवास स्थान माना जाता है। श्री महाकाल सहस्रनामावली भगवान महाकाल के एक हजार पवित्र नामों का संग्रह है, जो उनकी शक्ति, करुणा और महिमा का वर्णन करते हैं। यह सहस्रनामावली…

धन्वन्तरि सहस्रनामावली

श्री धन्वन्तरि भगवान को आयुर्वेद के जनक और स्वास्थ्य के देवता माना जाता है। उनका प्रकट होना समुद्र मंथन के समय अमृत कलश के साथ हुआ था। वे सभी रोगों के निवारणकर्ता और आरोग्य के संरक्षक माने जाते हैं। श्री धन्वन्तरि सहस्रनामावली में उनके एक हजार दिव्य नामों का संग्रह है, जो उनकी शक्ति, करुणा…

श्री सुब्रमण्या सहस्रनामावली

श्री सुब्रमण्या स्वामी, जिन्हें भगवान कार्तिकेय, स्कंद, या मुरुगन के नाम से भी जाना जाता है, शक्ति और विजय के देवता हैं। वे भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र हैं और देवताओं के सेनापति के रूप में उनकी पूजा की जाती है। श्री सुब्रमण्या सहस्रनामावली भगवान सुब्रमण्या के एक हजार पवित्र नामों का संग्रह…

श्री गायत्री सहस्रनामावली

श्री गायत्री देवी को वेदों की माता और समस्त ऊर्जा का स्रोत माना जाता है। वे त्रिमूर्ति ब्रह्मा, विष्णु और महेश के संयुक्त स्वरूप का प्रतिनिधित्व करती हैं। गायत्री मंत्र के साथ उनकी आराधना को सबसे श्रेष्ठ और शक्तिशाली माना गया है। गायत्री सहस्रनामावली में देवी गायत्री के एक हजार दिव्य और पवित्र नामों का…

भगवान राम सहस्रनामावली

भगवान राम, जो धर्म, मर्यादा, और आदर्श जीवन का प्रतीक हैं, त्रेता युग में भगवान विष्णु के सातवें अवतार के रूप में अवतरित हुए। उनका जीवन और चरित्र “रामायण” में वर्णित है, जो मानवता के लिए धर्म और कर्तव्य का आदर्श प्रस्तुत करता है। भगवान राम सहस्रनामावली में उनके एक हजार पवित्र नामों का संकलन…

भगवान कार्तिकेय सहस्रनामावली

भगवान कार्तिकेय, जिन्हें मुरुगन, स्कंद, और सुब्रमण्य स्वामी के नाम से भी जाना जाता है, देवताओं के सेनापति और शक्ति के प्रतीक हैं। वे भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र तथा भगवान गणेश के भाई हैं। दक्षिण भारत में भगवान कार्तिकेय की विशेष आराधना होती है। उनकी पूजा शक्ति, विजय, और ज्ञान प्राप्ति के…

देवी अन्नपूर्णा सहस्रनामावली

देवी अन्नपूर्णा हिंदू धर्म में भोजन, समृद्धि और सुख-शांति की देवी मानी जाती हैं। वे भगवान शिव की अर्धांगिनी और जगत माता पार्वती का स्वरूप हैं। “अन्नपूर्णा” का अर्थ है “भोजन से परिपूर्ण”, और उनकी कृपा से भक्तों को जीवन में कभी भी भोजन या धन की कमी नहीं होती। देवी अन्नपूर्णा सहस्रनामावली में उनके…

श्री राधिका सहस्रनामावली

श्री राधिका सहस्रनामावली में राधारानी के एक हजार दिव्य और पवित्र नामों का वर्णन है। यह सहस्रनामावली उनके अलौकिक प्रेम, दिव्यता और भक्तों पर उनकी अनुकंपा का गुणगान करती है। राधारानी भगवान श्रीकृष्ण की शक्ति और प्रेम का सर्वोच्च रूप हैं। उनका यह सहस्रनाम स्तोत्र हर उस भक्त के लिए है, जो सच्चे प्रेम, भक्ति…

भगवान विष्णु सहस्रनामावली

भगवान विष्णु सहस्रनामावली में भगवान विष्णु के एक हजार पवित्र नामों का वर्णन है। भगवान विष्णु सृष्टि के पालनकर्ता और समस्त ब्रह्मांड के संरक्षक हैं। उनका यह सहस्रनाम उनके दिव्य गुणों, स्वरूपों और महिमा का गुणगान करता है। विष्णु सहस्रनामावली का पाठ भक्तों को हर प्रकार के संकटों से मुक्ति दिलाने, आत्मिक शांति प्राप्त करने,…

श्री अर्धनारीश्वर सहस्रनामावली

श्री अर्धनारीश्वर सहस्रनामावली भगवान शिव और माता पार्वती के अर्धनारीश्वर स्वरूप को समर्पित है। अर्धनारीश्वर का स्वरूप शिव और शक्ति का अद्वितीय संगम है, जो सृष्टि की संतुलित रचना और समस्त ब्रह्मांड की ऊर्जा के मूल रूप को दर्शाता है। सहस्रनामावली में अर्धनारीश्वर के हजार नामों का उल्लेख किया गया है, जो उनके विभिन्न गुणों…

दत्तात्रेय सहस्रनामावली

दत्तात्रेय सहस्रनामावली भगवान दत्तात्रेय को समर्पित एक अद्भुत स्तोत्र है। भगवान दत्तात्रेय त्रिमूर्ति के संयुक्त अवतार हैं, जिनमें ब्रह्मा, विष्णु और महेश की शक्तियां समाहित हैं। वे गुरु तत्व के सर्वोच्च प्रतीक हैं और आत्मज्ञान, वैराग्य, और ज्ञान प्रदान करते हैं। इस सहस्रनामावली में भगवान दत्तात्रेय के हजार पवित्र नामों का वर्णन है, जो उनके…

श्री लक्ष्मी सहस्रनामावली

श्री लक्ष्मी सहस्रनामावली माता लक्ष्मी के हजार पवित्र नामों का संग्रह है, जो उनकी अद्भुत महिमा और दिव्य स्वरूप को प्रकट करती है। माता लक्ष्मी धन, वैभव, ऐश्वर्य और समृद्धि की देवी हैं। यह सहस्रनामावली उनके गुणों, स्वरूपों और कृपा के विभिन्न आयामों का विस्तार से वर्णन करती है। इसका पाठ न केवल आर्थिक समृद्धि…

बटुक भैरव सहस्रनामावली

बटुक भैरव सहस्रनामावली भगवान भैरव को समर्पित एक अद्भुत स्तोत्र है जिसमें उनके हजार नामों का वर्णन किया गया है। भगवान भैरव को शिव जी का उग्र और रक्षक स्वरूप माना जाता है। उनका यह स्वरूप भक्तों को बुरी शक्तियों, कष्टों और नकारात्मक ऊर्जा से बचाने वाला है। बटुक भैरव सहस्रनामावली में उनके प्रत्येक नाम…

श्री गोपाल सहस्त्रनाम स्तोत्र

।। श्री गोपाल सहस्त्रनाम स्तोत्र ।। ।। अथ ध्यानम ।। कस्तूरीतिलकं ललाटपटले वक्ष:स्थले कौस्तुभं नासाग्रे वरमौत्तिकं करतले वेणुं करे कंकणम । सर्वाड़्गे हरिचन्दनं सुललितं कण्ठे च मुक्तावलि – र्गोपस्रीपरिवेष्टितो विजयते गोपालचूडामणि: ।। फुल्लेन्दीवरकान्तिमिन्दुवदनं बर्हावतंसप्रियं श्रीवत्साड़्कमुदारकौस्तुभधरं पीताम्बरं सुन्दरम । गोपीनां नयनोत्पलार्चिततनुं गोगोपसंघावृतं गोविन्दं कलवेणुवादनपरं दिव्याड़्गभूषं भजे ।। इति ध्यानम ऊँ क्लीं देव: कामदेव: कामबीजशिरोमणि: । श्रीगोपालको…

श्री महासरस्वती सहस्रनाम स्तोत्र

॥ श्री महासरस्वती सहस्रनाम स्तोत्र ॥ ध्यानम् श्रीमच्चन्दनचर्चितोज्ज्वलवपुः शुक्लाम्बरा मल्लिका- मालालालित कुन्तला प्रविलसन्मुक्तावलीशोभना। सर्वज्ञाननिधानपुस्तकधरा रुद्राक्षमालाङ्किता वाग्देवी वदनाम्बुजे वसतु मे त्रैलोक्यमाता शुभा॥ श्रीनारद उवाच – भगवन्परमेशान सर्वलोकैकनायक। कथं सरस्वती साक्षात्प्रसन्ना परमेष्ठिनः॥ कथं देव्या महावाण्याः सतत्प्राप सुदुर्लभम्। एतन्मे वद तत्वेन महायोगीश्वरप्रभो॥ श्रीसनत्कुमार उवाच – साधु पृष्टं त्वया ब्रह्मन् गुह्याद्गुह्य मनुत्तमम्। भयानुगोपितं यत्नादिदानीं सत्प्रकाश्यते॥ पुरा पितामहं दृष्ट्वा जगत्स्थावरजङ्गमम्।…

श्री काली सहस्त्रनाम

।। श्री काली सहस्त्रनाम ।। श्मशान-कालिका काली भद्रकाली कपालिनी । गुह्य-काली महाकाली कुरु-कुल्ला विरोधिनी ।। कालिका काल-रात्रिश्च महा-काल-नितम्बिनी । काल-भैरव-भार्या च कुल-वत्र्म-प्रकाशिनी ।। कामदा कामिनीया कन्या कमनीय-स्वरूपिणी । कस्तूरी-रस-लिप्ताङ्गी कुञ्जरेश्वर-गामिनी ।। ककार-वर्ण-सर्वाङ्गी कामिनी काम-सुन्दरी । कामात्र्ता काम-रूपा च काम-धेनुु: कलावती ।। कान्ता काम-स्वरूपा च कामाख्या कुल-कामिनी । कुलीना कुल-वत्यम्बा दुर्गा दुर्गति-नाशिनी ।। कौमारी कुलजा कृष्णा…

ਸ਼੍ਰੀ ਸ਼ਿਵਸਹਸ੍ਰਨਾਮ ਸ੍ਤੋਤ੍ਰਮ੍

|| ਸ਼੍ਰੀ ਸ਼ਿਵਸਹਸ੍ਰਨਾਮ ਸ੍ਤੋਤ੍ਰਮ੍ || ਮਹਾਭਾਰਤਾਨ੍ਤਰ੍ਗਤਮ੍ ਤਤਃ ਸ ਪ੍ਰਯਤੋ ਭੂਤ੍ਵਾ ਮਮ ਤਾਤ ਯੁਧਿਸ਼਼੍ਠਿਰ । ਪ੍ਰਾਞ੍ਜਲਿਃ ਪ੍ਰਾਹ ਵਿਪ੍ਰਰ੍ਸ਼਼ਿਰ੍ਨਾਮਸਙ੍ਗ੍ਰਹਮਾਦਿਤਃ ॥ 1॥ ਉਪਮਨ੍ਯੁਰੁਵਾਚ ਬ੍ਰਹ੍ਮਪ੍ਰੋਕ੍ਤੈੱਰੁਸ਼਼ਿਪ੍ਰੋਕ੍ਤੈਰ੍ਵੇਦਵੇਦਾਙ੍ਗਸਮ੍ਭਵੈਃ । ਸਰ੍ਵਲੋਕੇਸ਼਼ੁ ਵਿਖ੍ਯਾਤੰ ਸ੍ਤੁਤ੍ਯੰ ਸ੍ਤੋਸ਼਼੍ਯਾਮਿ ਨਾਮਭਿਃ ॥ 2॥ ਮਹਦ੍ਭਿਰ੍ਵਿਹਿਤੈਃ ਸਤ੍ਯੈਃ ਸਿੱਧੈਃ ਸਰ੍ਵਾਰ੍ਥਸਾਧਕੈਃ । ਰੁਸ਼਼ਿਣਾ ਤਣ੍ਡਿਨਾ ਭਕ੍ਤ੍ਯਾ ਕ੍ਰੁਤੈਰ੍ਵੇਦਕ੍ਰੁਤਾਤ੍ਮਨਾ ॥ 3॥ ਯਥੋਕ੍ਤੈਃ ਸਾਧੁਭਿਃ ਖ੍ਯਾਤੈਰ੍ਮੁਨਿਭਿਸ੍ਤੱਤ੍ਵਦਰ੍ਸ਼ਿਭਿਃ । ਪ੍ਰਵਰੰ ਪ੍ਰਥਮੰ ਸ੍ਵਰ੍ਗ੍ਯੰ ਸਰ੍ਵਭੂਤਹਿਤੰ ਸ਼ੁਭਮ੍ ॥ 4॥ ਸ਼੍ਰੁਤੇਃ ਸਰ੍ਵਤ੍ਰ ਜਗਤਿ ਬ੍ਰਹ੍ਮਲੋਕਾਵਤਾਰਿਤੈਃ…

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