तुलसी सहस्रनामावली में देवी तुलसी के 1000 दिव्य नामों का संग्रह है। तुलसी को हिंदू धर्म में बहुत पवित्र और पूजनीय माना गया है। तुलसी माता विष्णु जी की परम भक्त हैं और उनका पौधा स्वयं देवी का प्रतीक है। सहस्रनामावली में तुलसी माता की पवित्रता, शक्ति और आध्यात्मिक महिमा का विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है।
तुलसी सहस्रनामावली का पाठ व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और ईश्वर की कृपा प्राप्त करने का उत्तम साधन है। यह पाठ सभी कष्टों का निवारण और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करता है।
तुलसी सहस्रनामावली पढ़ने के लाभ
- तुलसी माता का जाप मन, शरीर और घर की शुद्धि करता है।
- तुलसी सहस्रनामावली का पाठ करने से घर में धन-धान्य और समृद्धि बढ़ती है।
- तुलसी माता की पूजा वैवाहिक जीवन में प्रेम और सौहार्द लाती है।
- तुलसी माता का आशीर्वाद सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति दिलाता है और स्वस्थ जीवन प्रदान करता है।
- सहस्रनामावली पाठ से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और वातावरण में शांति आती है।
- तुलसी माता की आराधना से व्यक्ति को पुण्य लाभ होता है और उसके पूर्वजों को भी मोक्ष प्राप्त होता है।
- तुलसी सहस्रनामावली का पाठ करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
- जीवन में आने वाली बाधाएं और संकट दूर होते हैं।
तुलसी सहस्रनामावली पढ़ने के नियम
- पाठ से पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- पाठ करने से पहले तुलसी के पौधे की पूजा करें और उसे जल अर्पित करें।
- प्रातःकाल या संध्या के समय तुलसी सहस्रनामावली का पाठ करना अधिक फलदायी होता है।
- पाठ के समय सात्विक आहार और विचारों का पालन करें।
- सहस्रनामावली का पाठ 11 या 21 दिनों तक नियमित रूप से करें।
- पाठ से पहले अपने उद्देश्य के लिए तुलसी माता का ध्यान करें और संकल्प लें।
- पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश के आसन पर बैठें।
तुलसी सहस्रनामावली की पूजा विधि
- तुलसी का पौधा, दीपक, चंदन, अक्षत, मिठाई, फल और पंचामृत, तुलसी पत्र और फूल पूजा सामग्री एकत्रित करें।
- तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाकर माता तुलसी का ध्यान करें।
- ॐ श्री तुलस्यै नमः मंत्र का जाप करें।
- शांत चित्त होकर तुलसी माता के 1000 नामों का पाठ करें।
- हर नाम के साथ तुलसी माता की महिमा का ध्यान करें।
- माता तुलसी को मिठाई और पंचामृत अर्पित करें।
- पाठ के बाद तुलसी माता की आरती करें।
- प्रसाद को परिवार और भक्तों में वितरित करें।
।। देवी तुलसी सहस्रनामावली ।।
ॐ अक्षुद्रायै नमः।
ॐ अचिन्त्यरूपायै नमः।
ॐ अजरायै नमः।
ॐ अजरायै नमः।
ॐ अणिमावत्यै नमः।
ॐ अतुलवपुर्धरायै नमः।
ॐ अदित्यै नमः।
ॐ अद्भुतायै नमः।
ॐ अद्भुतायै नमः।
ॐ अध्वरायै नमः।
ॐ अनन्तरूपायै नमः।
ॐ अनन्तायै नमः।
ॐ अनाथरक्षिण्यै नमः।
ॐ अनाथायै नमः।
ॐ अनीहायै नमः।
ॐ अनुमत्यै नमः।
ॐ अनुष्ठुभे नमः।
ॐ अन्तर्बहिष्कृतायै नमः।
ॐ अन्त्यलक्ष्म्यै नमः।
ॐ अन्नदायै नमः।
ॐ अन्नेशायै नमः।
ॐ अन्नोपासिन्यै नमः।
ॐ अपर्णायै नमः।
ॐ अप्रमत्तायै नमः।
ॐ अमरायै नमः।
ॐ अमावास्यायै नमः।
ॐ अमृतसेविन्यै नमः।
ॐ अमृताकरायै नमः।
ॐ अमृतायै नमः।
ॐ अम्बिकायै नमः।
ॐ अम्लानायै नमः।
ॐ अरातिव्रातान्तदायिन्यै नमः।
ॐ अरुणायै नमः।
ॐ अरुन्धत्यै नमः।
ॐ अर्थदात्र्यै नमः।
ॐ अर्थवादप्ररोचितायै नमः।
ॐ अल्पसुखार्थिभिरगम्यायै नमः।
ॐ अवनसर्वज्ञायै नमः।
ॐ अविकृतायै नमः।
ॐ अविद्यावासनानाग्यै (श्यै) नमः।
ॐ अविद्याविदारिण्यै नमः।
ॐ अवृद्धिह्रासविज्ञानायै नमः।
ॐ अव्यथायै नमः।
ॐ अव्ययायै नमः।
ॐ अशेषकलाश्रयायै नमः।
ॐ अश्वकर्णांयै नमः।
ॐ अश्वत्थधारिण्यै नमः।
ॐ अश्वत्थायै नमः।
ॐ अश्वात्मने नमः।
ॐ अष्टभुजाकारायै नमः।
ॐ अष्टभैरव्यै नमः।
ॐ असितेक्षणायै नमः।
ॐ आकारवाच्यायै नमः।
ॐ आख्यातवत्यै नमः।
ॐ आख्याधिकायै नमः।
ॐ आग्नेय्यै तन्वै नमः।
ॐ आत्मक्रीडायै नमः।
ॐ आत्ममूलायै नमः।
ॐ आत्मरत्यै नमः।
ॐ आत्मवत्यै नमः।
ॐ आदिदेव्यै नमः।
ॐ आदिभूतायै नमः।
ॐ आद्यलक्ष्म्यै नमः।
ॐ आद्यायै नमः।
ॐ आद्यायै नमः।
ॐ आधारशक्त्यै नमः।
ॐ आप्यायै तन्वै नमः।
ॐ आयुष्यदायै नमः।
ॐ आलोलविलासिन्यै नमः।
ॐ आशास्यदात्र्यै नमः।
ॐ इच्छायै नमः।
ॐ इडारूपायै नमः।
ॐ इष्टिकायै नमः।
ॐ ईंशानायै नमः।
ॐ ईशभोगाधिकरणायै नमः।
ॐ ईशान्यै नमः।
ॐ ईशायै नमः।
ॐ ईशावियोगिन्यै नमः।
ॐ ईश्वर्यै नमः।
ॐ ईषणात्रयनिर्मुक्तायै नमः।
ॐ उद्दामकाण्डगायै नमः।
ॐ उद्दामचेष्टायै नमः।
ॐ उद्दामन्यै नमः।
ॐ उपसर्गभृतायै नमः।
ॐ उपेन्द्रदूत्यै नमः।
ॐ उमायै नमः।
ॐ उषसे नमः।
ॐ उष्णिगे नमः।
ॐ एकरूपायै नमः।
ॐ ओङ्कारघोषरूपायै नमः।
ॐ औदुम्बर्यै नमः।
ॐ कण्ठसूत्रस्थितायै नमः।
ॐ कपालिन्यै नमः।
ॐ कमठायै नमः।
ॐ कमनीयतरश्रोण्यै नमः।
ॐ कमनीयश्रोणितटायै नमः।
ॐ कमनीयायै नमः।
ॐ कमलायै नमः।
ॐ कम्बुकण्ठायै नमः।
ॐ करवारिसुपोषितायै नमः।
ॐ करवीरेश्वर्यै नमः।
ॐ कराग्रवारिनीकाशायै नमः।
ॐ करालनेपथ्यायै नमः।
ॐ करालवदनायै नमः।
ॐ करालविक्रमायै नमः।
ॐ कर्णिकाकृतये नमः।
ॐ कलधौताकृत्यै नमः।
ॐ कलशायै नमः।
ॐ कलात्मिकायै नमः।
ॐ कलाननायै नमः।
ॐ कलायै नमः।
ॐ कलारूपायै नमः।
ॐ कलावत्यै नमः।
ॐ कलिकायै नमः।
ॐ कलिनाशिन्यै नमः।
ॐ कल्पकायै नमः।
ॐ कल्पनायै नमः।
ॐ कल्यग्रायै नमः।
ॐ कल्याण्यै नमः।
ॐ काकासुरर्स्यातिहन्त्र्यै नमः।
ॐ कादिसर्ववर्णात्मिकायै नमः।
ॐ कान्तायै नमः।
ॐ कान्तारसुप्रियायै नमः।
ॐ कान्तिदात्र्यै नमः।
ॐ कामंवादिविनोदिन्यै नमः।
ॐ कामदात्र्यै नमः।
ॐ कामदायै नमः।
ॐ कामदायै नमः।
ॐ कामदायै नमः।
ॐ कामधुक्तुलस्यै नमः।
ॐ कामरूपायै नमः।
ॐ कामाक्ष्यै नमः।
ॐ कामायै नमः।
ॐ कामायै नमः।
ॐ कामिन्यै नमः।
ॐ कामुकायै नमः।
ॐ काम्यमानायै नमः।
ॐ काम्यशफायै नमः।
ॐ कालकालगलप्रियायै नमः।
ॐ कालकालप्रवर्तिन्यै नमः।
ॐ कालकेयप्रहर्त्र्यै नमः।
ॐ काल्यै नमः।
ॐ काल्यै नमः।
ॐ काल्यै नमः।
ॐ काशायै नमः।
ॐ काशिकायै नमः।
ॐ काशितनयायै नमः।
ॐ काशिन्यै नमः।
ॐ काशिराजवरप्रदायै नमः।
ॐ काश्मीरतलवासिन्यै नमः।
ॐ काश्मीरवासिन्यै नमः।
ॐ काष्ठायै नमः।
ॐ किन्नरेश्वर्यै नमः।
ॐ कीटकाभासायै नमः।
ॐ कीलालरूपिण्यै नमः।
ॐ कुड्मलाग्रायै नमः।
ॐ कुब्जिकायै नमः।
ॐ कुमार्यै नमः।
ॐ कुष्ठामयनिवर्तिन्यै नमः।
ॐ कुसुम्भायै नमः।
ॐ कुह्वै नमः।
ॐ कृतान्ततापिन्यै नमः।
ॐ कृत्यै नमः।
ॐ कृत्यै नमः।
ॐ कृत्स्नं व्याप्य स्थितायै नमः।
ॐ कृपाढ्यायै नमः।
ॐ कृशायै नमः।
ॐ कृष्णरोमायै नमः।
ॐ कृष्णवेण्यै नमः।
ॐ केतक्यै नमः।
ॐ कैलासपूजितायै नमः।
ॐ कैवल्यतत्परायै नमः।
ॐ कोशात्मिकायै नमः।
ॐ कौशाम्ब्यै नमः।
ॐ क्रियायै नमः।
ॐ क्रियारूपायै नमः।
ॐ क्रियावत्यै नमः।
ॐ क्षत्यै नमः।
ॐ क्षत्रियान्तकर्यै नमः।
ॐ क्षत्रियायै नमः।
ॐ क्षमानाथायै नमः।
ॐ क्षमायै नमः।
ॐ क्षमावत्यै नमः।
ॐ क्षरायै नमः।
ॐ क्षित्यै नमः।
ॐ क्षीरकण्ठायै नमः।
ॐ क्षीरकण्ठ्यै नमः।
ॐ क्षीरनायक्यै नमः।
ॐ क्षीरप्रियायै नमः।
ॐ क्षीरवारिधिसम्भूतायै नमः।
ॐ क्षीराब्धिकन्यकायै नमः।
ॐ क्षीराब्धितनयायै नमः।
ॐ क्षीराब्धिपूजाविरतायै नमः।
ॐ क्षीरिण्यै नमः।
ॐ क्षुधारूपायै नमः।
ॐ क्षुरधारायै नमः।
ॐ क्षुरप्रवारिण्यै नमः।
ॐ क्षौमवस्रायै नमः।
ॐ खेयात्रायै नमः।
ॐ गङ्गायै नमः।
ॐ गजशुण्डाद्वयभृतसुवर्णकलशप्रियायै नमः।
ॐ गदाधरायै नमः।
ॐ गद्यपद्यात्मिकायै नमः।
ॐ गम्भीरायै नमः।
ॐ गम्यायै नमः।
ॐ गरिमायुतायै नमः।
ॐ गरिम्णे नमः।
ॐ गरुडायै नमः।
ॐ गरुडासनायै नमः।
ॐ गहनादिस्थितायै नमः।
ॐ गहनोपमायै नमः।
ॐ गाथायै नमः।
ॐ गायत्र्यै नमः।
ॐ गारुड्यै नमः।
ॐ गीतज्ञेयायै नमः।
ॐ गीतायै नमः।
ॐ गुकारवाच्यायै नमः।
ॐ गुणाकरायै नमः।
ॐ गुर्व्यै नमः।
ॐ गुहायै नमः।
ॐ गुहाशयायै नमः।
ॐ गुह्यायै नमः।
ॐ गृहस्थायै नमः।
ॐ गोपालप्रियकारिण्यै नमः।
ॐ गोमत्यै नमः।
ॐ गोरूपायै नमः।
ॐ गोष्ठमध्यस्थायै नमः।
ॐ गौर्यै नमः।
ॐ गौर्यै नमः।
ॐ घटिकायै नमः।
ॐ घण्टायै नमः।
ॐ घृणायै नमः।
ॐ घृताच्यास्तु वरप्रदायै नमः।
ॐ चक्रवासिन्यै नमः।
ॐ चञ्चरीकायै नमः।
ॐ चण्डरूपिण्यै नमः।
ॐ चण्ड्यै नमः।
ॐ चन्दनाक्तस्तनद्वयायै नमः।
ॐ चन्द्रलिप्तायै नमः।
ॐ चन्द्रवक्त्रायै नमः।
ॐ चन्द्रसौंदर्यै नमः।
ॐ चन्द्रहासायै नमः।
ॐ चपलायै नमः।
ॐ चलन्त्यै नमः।
ॐ चाक्षुष्यै नमः।
ॐ चामुण्डायै नमः।
ॐ चामुण्ड्यै नमः।
ॐ चारुभोज्यायै नमः।
ॐ चारुरूपायै नमः।
ॐ चिकित्विष्यै नमः।
ॐ चिच्छक्त्यै नमः।
ॐ चित्रिण्यै नमः।
ॐ चेतयित्र्यै नमः।
ॐ छत्रिण्यै नमः।
ॐ छायादेव्यै नमः।
ॐ जगत्यै नमः।
ॐ जगत्सख्यै नमः।
ॐ जगन्नाथायै नमः।
ॐ जनो (लो) दर्यै नमः।
ॐ जाग्रते नमः।
ॐ जाड्यहन्त्र्यै नमः।
ॐ जात्यै नमः।
ॐ जात्यै नमः।
ॐ जालरूपिण्यै नमः।
ॐ जाह्नव्यै नमः।
ॐ जिज्ञासायै नमः।
ॐ जितेन्द्रियायै नमः।
ॐ जिह्मायै नमः।
ॐ जिह्वाग्ररम्यायै नमः।
ॐ जृम्भायै नमः।
ॐ जृम्भिण्यै नमः।
ॐ ज्ञानदृष्टिदृष्टायै नमः।
ॐ ज्ञानमुद्रिकायै नमः।
ॐ ज्ञानोपदेशिन्यै नमः।
ॐ ज्येष्ठायै नमः।
ॐ ज्योतिर्मय्यै नमः।
ॐ ज्योतिश्चक्रायै नमः।
ॐ ज्योत्स्नानामधिकायै नमः।
ॐ झणझणच्छिञ्जानमणिभूषितायै नमः।
ॐ झषाङ्कसुप्रियायै नमः।
ॐ तटिद्रूपायै नमः।
ॐ तटिन्निभवरद्युत्यै नमः।
ॐ ततायै नमः।
ॐ तत्पदायै नमः।
ॐ तद्धिताकारायै नमः।
ॐ तद्भ्राजिन्यै नमः।
ॐ तनवे नमः।
ॐ तन्त्र्यै नमः।
ॐ तपनीयप्रभायै नमः।
ॐ तपस्विन्यै नमः।
ॐ तमःपरायै नमः।
ॐ तमो घ्नत्यै नमः।
ॐ तमोतिगायै नमः।
ॐ तमोभिदे नमः।
ॐ ताटङ्कद्वयशोभिन्यै नमः।
ॐ ताराधिपनिभाननायै नमः।
ॐ तारायै नमः।
ॐ तारिण्यै नमः।
ॐ तीर्थकर्यै नमः।
ॐ तीर्थरूपायै नमः।
ॐ तुकारेणवाच्यायै नमः।
ॐ तुलसीतरुरूपिण्यै नमः।
ॐ तुलस्यै नमः।
ॐ तृतीयसवनप्रियायै नमः।
ॐ तेजोमय्यै नमः।
ॐ तोषिण्यै नमः।
ॐ त्रयीरूपायै नमः।
ॐ त्रयीविद्यायै नमः।
ॐ त्रिदशेश्वर्यै नमः।
ॐ त्रिपुरेश्वर्यै नमः।
ॐ त्रिफलायै नमः।
ॐ त्रियामायै नमः।
ॐ त्रिवर्गदायै नमः।
ॐ त्रिशिखायै नमः।
ॐ त्रिशूलायै नमः।
ॐ त्रिष्टुभे नमः।
ॐ त्रिसन्ध्यायै नमः।
ॐ त्रिसुखदायै नमः।
ॐ त्रैलोक्यविजयप्रदायै नमः।
ॐ त्र्यक्षायै नमः।
ॐ दक्षिणात्मिकायै नमः।
ॐ दक्षिणायै नमः।
ॐ दक्षिणायै नमः।
ॐ दण्डनीत्यै नमः।
ॐ दवीयस्यै नमः।
ॐ दाताभावं भूजनीलायै (दातृभावे पूजनीयायै) नमः।
ॐ दानशीलायै नमः।
ॐ दारिद्र्यध्वंसिन्यै नमः।
ॐ दाशाह्वायै नमः।
ॐ दिवायै नमः।
ॐ दिव्यकंचुकभूषितायै नमः।
ॐ दिव्यरत्नगलप्रभायै नमः।
ॐ दिव्यवेण्यै नमः।
ॐ दिव्यशाखायै नमः।
ॐ दिव्याङ्गरागायै नमः।
ॐ दिव्याङ्गायै नमः।
ॐ दीर्घायै नमः।
ॐ दुरुद्धरायै नमः।
ॐ दुर्गायै नमः।
ॐ दूतिन्यै नमः।
ॐ दूत्यै नमः।
ॐ दृढायै नमः।
ॐ दृढायै नमः।
ॐ देवतामयमध्यगायै नमः।
ॐ देवतामय्यै नमः।
ॐ देवेशमौलिसम्बद्धपादपीठायै नमः।
ॐ देव्यै नमः।
ॐ देव्यै नमः।
ॐ दोषायै नमः।
ॐ द्रुतायै (हुतायै) नमः।
ॐ द्वादशीपूजितायै नमः।
ॐ द्वादशीसुप्रियायै नमः।
ॐ द्वासुपर्णाश्रुतिप्रियायै नमः।
ॐ धनञ्जयायै नमः।
ॐ धनञ्जयायै नमः।
ॐ धनुर्नाराचधारिण्यै नमः।
ॐ धरण्यै नमः।
ॐ धर्मदायै नमः।
ॐ धर्मपुण्यायै नमः।
ॐ धर्मरूपायै नमः।
ॐ धवलाम्बरायै नमः।
ॐ धीरमत्यै नमः।
ॐ धृत्यै नमः।
ॐ नत्यै नमः।
ॐ नवदुर्गायै नमः।
ॐ नवमीतिथिपूजितायै नमः।
ॐ नवाक्षरात्मिकायै नमः।
ॐ नाकिवन्दितायै नमः।
ॐ नागकन्यायै नमः।
ॐ नाडीदृष्टायै नमः।
ॐ नादरूपायै नमः।
ॐ नारदानुग्रहायै नमः।
ॐ नारायण्यै नमः।
ॐ निःश्रेयःप्रदायै नमः।
ॐ निःश्रेयस्यै नमः।
ॐ निखिलागमरूपिण्यै नमः।
ॐ निगमवेद्यायै नमः।
ॐ नित्यमुक्तायै नमः।
ॐ नित्यसुखायै नमः।
ॐ नित्यायै नमः।
ॐ नित्यायै नमः।
ॐ नियतकल्याणायै नमः।
ॐ निरञ्जनायै नमः।
ॐ निरञ्जनायै नमः।
ॐ निराकारायै नमः।
ॐ निरामयायै नमः।
ॐ निरालम्बायै नमः।
ॐ निर्गुणायै नमः।
ॐ निर्दोषायै नमः।
ॐ निर्वाणमार्गदायै नमः।
ॐ निर्विद्यायै नमः।
ॐ निशायै नमः।
ॐ निशुम्भायै नमः।
ॐ निष्कलायै नमः।
ॐ निस्त्रिंशायै नमः।
ॐ नीत्यै नमः।
ॐ नीरजायै नमः।
ॐ नूपुराढ्यायै नमः।
ॐ नृणां लक्ष्मीप्रदायै नमः।
ॐ पंचस्तम्भात्मिकायै नमः।
ॐ पक्षिण्यै नमः।
ॐ पङ्क्तिपावन्यै नमः।
ॐ पङ्क्तिविज्ञानायै नमः।
ॐ पङ्क्त्यै नमः।
ॐ पञ्चग्रासायै नमः।
ॐ पञ्चपक्षायै नमः।
ॐ पञ्चपत्रायै नमः।
ॐ पञ्चमहिष्यै नमः।
ॐ पञ्चवट्यै नमः।
ॐ पञ्चसामेड्यायै नमः।
ॐ पञ्चाग्निमध्यगायै नमः।
ॐ पञ्जिकायै नमः।
ॐ पट्टसूत्राङ्कायै नमः।
ॐ पण्डितकायै नमः।
ॐ पथ्यायै नमः।
ॐ पदव्यै नमः।
ॐ पदातये नमः।
ॐ पदात्मिकायै नमः।
ॐ पद्मजेड्यायै नमः।
ॐ पद्माननायै नमः।
ॐ पद्मायै नमः।
ॐ पद्मार्चितायै नमः।
ॐ पद्मावत्यै नमः।
ॐ परमाद्भुतायै नमः।
ॐ परमान्नभुजे नमः।
ॐ परश्वथधरायै नमः।
ॐ परायणायै नमः।
ॐ परायै नमः।
ॐ परायै नमः।
ॐ परिघायै नमः।
ॐ पर्वमानायै नमः।
ॐ पर्वलक्षणायै नमः।
ॐ पात्रसंविष्टायै नमः।
ॐ पार्थिवायै तन्वै नमः।
ॐ पार्वत्यै नमः।
ॐ पिङ्गरूपायै नमः।
ॐ पिङ्गलास्थितायै नमः।
ॐ पिङ्गाक्ष्यै नमः।
ॐ पिङ्गायै नमः।
ॐ पिशङ्गवदनायै नमः।
ॐ पीठिकायै नमः।
ॐ पीयूषपाण्यै नमः।
ॐ पीयूषायै नमः।
ॐ पुंविकारायै नमः।
ॐ पुंसा समायै नमः।
ॐ पुण्डरीकनिभाम्बरायै नमः।
ॐ पुण्यकीर्त्यै नमः।
ॐ पुण्यचर्मिण्यै नमः।
ॐ पुण्यपङ्क्तिविराजितायै नमः।
ॐ पुण्यप्रदायै नमः।
ॐ पुण्यलक्षणायै नमः।
ॐ पुण्यायै नमः।
ॐ पुण्यायै नमः।
ॐ पुमाकृत्यै नमः।
ॐ पुराणज्ञायै नमः।
ॐ पुराणायै नमः।
ॐ पुष्ट्यै नमः।
ॐ पूर्णतारायै नमः।
ॐ पूर्णायै नमः।
ॐ पूर्णिमायै नमः।
ॐ प्रजाकर्यै नमः।
ॐ प्रजादक्षायै नमः।
ॐ प्रजावत्यै नमः।
ॐ प्रणवसंयत्यै नमः।
ॐ प्रतीच्यै नमः।
ॐ प्रदात्र्यै नमः।
ॐ प्रपंचिकायै नमः।
ॐ प्रबोधिन्यै नमः।
ॐ प्रभञ्जन्यै नमः।
ॐ प्रभा (मा) यै नमः।
ॐ प्रभाकर्यै नमः।
ॐ प्रभाकर्यै नमः।
ॐ प्रमदात्तायै नमः।
ॐ प्रमदारत्नाय (क्तायै) नमः।
ॐ प्रमादघ्न्यै नमः।
ॐ प्रमादिन्यै नमः।
ॐ प्रमोददायै नमः।
ॐ प्रसूतिकायै नमः।
ॐ प्राच्यै नमः।
ॐ प्रियकारिविनोदिन्यै नमः।
ॐ प्रियङ्कर्यै नमः।
ॐ प्रियङ्कर्यै नमः।
ॐ प्रियायै नमः।
ॐ बडबायै नमः।
ॐ बलाबलायै नमः।
ॐ बलायै नमः।
ॐ बालात्मिकायै नमः।
ॐ बाह्याकृत्यै नमः।
ॐ बाह्योपासनाश्च प्रकुर्वत्यै नमः।
ॐ बिन्दुरूपायै नमः।
ॐ बिम्बोष्ठ्यै नमः।
ॐ बीजालीनायै नमः।
ॐ बुद्धायै नमः।
ॐ बृहत्यै नमः।
ॐ बृहद्बाहुयुगायै नमः।
ॐ ब्रह्मचारिण्यै नमः।
ॐ ब्रह्मणागम्यायै नमः।
ॐ ब्रह्मण्यायै नमः।
ॐ ब्रह्मरूपायै नमः।
ॐ ब्रह्मविद्यायै नमः।
ॐ ब्रह्मविद्यायै नमः।
ॐ ब्रह्मसम्पत्त्यै नमः।
ॐ ब्रह्माण्यै नमः।
ॐ ब्रह्माण्यै नमः।
ॐ ब्राह्मणात्मिकायै नमः।
ॐ ब्राह्मण्यै नमः।
ॐ ब्राह्मण्यै नमः।
ॐ ब्राह्म्यै नमः।
ॐ भक्ताभद्रप्रणाशिन्यै नमः।
ॐ भगवच्छब्दसंसेव्यपाद सर्वार्थदायिन्यै नमः।
ॐ भगवत्यै नमः।
ॐ भगवद्भक्तिदायिन्यै नमः।
ॐ भगवद्वासरूपिण्यै नमः।
ॐ भञ्जिन्यै नमः।
ॐ भद्रायै नमः।
ॐ भद्रायै नमः।
ॐ भवपाशविनाशिन्यै नमः।
ॐ भववन्द्यायै नमः।
ॐ भवस्थितायै नमः।
ॐ भवहितङ्कर्यै नमः।
ॐ भवाभवविनाशिन्यै नमः।
ॐ भवायै नमः।
ॐ भव्यतुलस्यै नमः।
ॐ भव्यरूपायै नमः।
ॐ भव्यरूपिण्यै नमः।
ॐ भव्यायै नमः।
ॐ भागवत्यै नमः।
ॐ भाग्यप्रदायै नमः।
ॐ भाग्यरूपायै नमः।
ॐ भाग्यलक्ष्म्यै नमः।
ॐ भामायै नमः।
ॐ भारत्यै नमः।
ॐ भावाधारायै नमः।
ॐ भावुकदात्र्यै नमः।
ॐ भासुराक्ष्यै नमः।
ॐ भीतिहारिण्यै नमः।
ॐ भुजगपादुकायै नमः।
ॐ भुज्यै नमः।
ॐ भूतानामभयङ्कर्यै नमः।
ॐ भूतिदायै नमः।
ॐ भूत्यै नमः।
ॐ भूत्यै नमः।
ॐ भूधात्र्यै नमः।
ॐ भूर्भुवःस्वःस्थवन्दितायै नमः।
ॐ भृगुपुत्र्यै नमः।
ॐ भृगुवासरसम्पूज्यायै नमः।
ॐ भृत्यै नमः।
ॐ भृत्यै नमः।
ॐ भैम्यै नमः।
ॐ भैरव्यै नमः।
ॐ भैष्म्यै नमः।
ॐ भ्रमर्यै नमः।
ॐ मङ्गलायै नमः।
ॐ मञ्जरीभिर्विराजन्त्यै नमः।
ॐ मत्यै नमः।
ॐ मधुप्रियायै नमः।
ॐ मधुमदास्वादायै नमः।
ॐ मधुरास्यायै नमः।
ॐ मधुविदे नमः।
ॐ मनोरमायै नमः।
ॐ मन्त्रफलायै नमः।
ॐ मन्त्ररूपायै नमः।
ॐ मन्त्रविद्यायै नमः।
ॐ मन्त्रवेद्यायै नमः।
ॐ मन्त्राराध्यायै नमः।
ॐ मन्थरगामिन्यै नमः।
ॐ मन्दरोद्धारकरण्यै नमः।
ॐ मरालिकायै नमः।
ॐ मर्त्यापस्मारहारिण्यै नमः।
ॐ मल्लिकायै नमः।
ॐ मसूरिकायै नमः।
ॐ महाकन्यायै नमः।
ॐ महाचित्यै नमः।
ॐ महाजिह्वायै नमः।
ॐ महाज्वालायै नमः।
ॐ महादंष्ट्रायै नमः।
ॐ महादुर्गायै नमः।
ॐ महादेव्यै नमः।
ॐ महालिकायै नमः।
ॐ महासुन्दप्रपूजितायै नमः।
ॐ महिमोपेतलक्षणायै नमः।
ॐ महिषासुरमर्दिन्यै नमः।
ॐ महीपालायै नमः।
ॐ महेशानायै नमः।
ॐ महेश्वराप्लवायै नमः।
ॐ महेश्वर्यै नमः।
ॐ महेश्वर्यै नमः।
ॐ महोत्सवायै नमः।
ॐ महोर्मिण्यै नमः।
ॐ मह्यै नमः।
ॐ मातङ्ग्यै नमः।
ॐ मातुलङ्गधारिण्यै नमः।
ॐ मातृकायै नमः।
ॐ मातृकायै नमः।
ॐ माध्व्यै नमः।
ॐ मानव्यै नमः।
ॐ मानव्यै नमः।
ॐ मानव्यै नमः।
ॐ मायायै नमः।
ॐ मायायै नमः।
ॐ मायै नमः।
ॐ मारमात्रे नमः।
ॐ मारारिभञ्जन्यै नमः।
ॐ मार्यै नमः।
ॐ मासरूपायै नमः।
ॐ माहेन्द्र्यै नमः।
ॐ मित्रायै नमः।
ॐ मिहिराभायै नमः।
ॐ मीमांसायै नमः।
ॐ मुक्तिप्रदायै नमः।
ॐ मुक्त्यै नमः।
ॐ मूर्च्छायै नमः।
ॐ मूर्तिमय्यै नमः।
ॐ मृगेक्षणायै नमः।
ॐ मृणालतुलितांशुकायै नमः।
ॐ मृणाल्यै नमः।
ॐ मैत्रेयायै नमः।
ॐ मोक्षतुलस्यै नमः।
ॐ मोक्षदात्र्यै नमः।
ॐ मोक्षप्रदायिन्यै नमः।
ॐ मोक्षलक्ष्म्यै नमः।
ॐ मोक्षविद्यायै नमः।
ॐ मोक्षसाधनदायिन्यै नमः।
ॐ मोहितायै नमः।
ॐ मौनिन्यै नमः।
ॐ मौनिन्यै नमः।
ॐ यज्ञदात्र्यै नमः।
ॐ यज्ञभोक्त्र्यै नमः।
ॐ यज्ञमानिन्यै नमः।
ॐ यज्ञार्थिन्यै नमः।
ॐ यज्ञेश्यै नमः।
ॐ यन्त्रविद्यायै नमः।
ॐ यन्त्र्यै नमः।
ॐ यमुनायै नमः।
ॐ यानायै नमः।
ॐ यामाताकरसञ्ज्ञिकायै नमः।
ॐ युद्धशूरायै नमः।
ॐ यूपात्मिकायै नमः।
ॐ योगध्यानरतायै नमः।
ॐ योगनिद्रायै नमः।
ॐ रक्षोघ्न्यै नमः।
ॐ रङ्गनित्यायै नमः।
ॐ रञ्जनायै नमः।
ॐ रञ्जन्यै नमः।
ॐ रतिसुखप्रदायै नमः।
ॐ रत्नकुङ्कुमफालाढ्यायै नमः।
ॐ रत्नमालायै नमः।
ॐ रत्यै नमः।
ॐ रत्यै नमः।
ॐ रमणीयस्तन्यै नमः।
ॐ रम्भाराध्यपदायै नमः।
ॐ रम्भोरवे नमः।
ॐ रम्यायै नमः।
ॐ रम्यायै नमः।
ॐ राकायै नमः।
ॐ राकास्ववर्णभासे नमः।
ॐ रागबन्धादसंसक्तरजोभिः कृतदूतिकायै नमः।
ॐ राज्ञ्यै नमः।
ॐ रात्रिरूपायै नमः।
ॐ राधायै नमः।
ॐ रामप्रियायै नमः।
ॐ रुद्रधात्र्यै नमः।
ॐ रुद्रप्रभाधिकायै नमः।
ॐ रुद्रात्मिकायै नमः।
ॐ रेणुकायै नमः।
ॐ रेवत्यै नमः।
ॐ रौद्र्यै नमः।
ॐ लकारेणवाच्यायै नमः।
ॐ लक्षणायै नमः।
ॐ लक्ष्मीरूपायै नमः।
ॐ लक्ष्यायै नमः।
ॐ लघिमालक्षणैर्युतायै नमः।
ॐ लिकुचस्तन्यै नमः।
ॐ लिकुचायै नमः।
ॐ लिङ्गभङ्गदात्र्यै नमः।
ॐ लिप्यै नमः।
ॐ लिप्सायै नमः।
ॐ लीलाविनोदिन्यै नमः।
ॐ लेखायै नमः।
ॐ लेख्यायै नमः।
ॐ लोकपावन्यै नमः।
ॐ लोकमात्रे नमः।
ॐ लोभत्यक्तसमीपगायै नमः।
ॐ वक्षःस्थायै नमः।
ॐ वञ्जुलायै नमः।
ॐ वटपत्रात्मिकायै नमः।
ॐ वनचरायै नमः।
ॐ वनप्रियायै नमः।
ॐ वने स्ववृक्षरूपेणरोपितायै नमः।
ॐ वन्दारुबन्धुरायै नमः।
ॐ वन्यायै नमः।
ॐ वरद्युतये नमः।
ॐ वरायै नमः।
ॐ वरूथिन्यै नमः।
ॐ वरूथिन्यै नमः।
ॐ वर्णरूपायै नमः।
ॐ वर्तिकाननायै नमः।
ॐ वसवे नमः।
ॐ वानप्रस्थायै नमः।
ॐ वामदेव्यै नमः।
ॐ वाममल्लस्वरूपायै नमः।
ॐ वायव्यै तन्वै नमः।
ॐ वायुमण्डलमध्यस्थायै नमः।
ॐ वाराणस्यै नमः।
ॐ वाराह्यै नमः।
ॐ वारुण्यै नमः।
ॐ वारुण्यै नमः।
ॐ वासुदेवं दर्शयन्त्यै नमः।
ॐ वासुदेवपदाश्रयायै नमः।
ॐ विकृतायै नमः।
ॐ विकृत्यै नमः।
ॐ विजयप्रदायै नमः।
ॐ विजयायै नमः।
ॐ विजयायै नमः।
ॐ विद्यकायै नमः।
ॐ विद्याधरीप्रियायै नमः।
ॐ विधिवल्लभायै नमः।
ॐ विधिवेद्यायै नमः।
ॐ विधिसूतायै नमः।
ॐ विनिद्रायै नमः।
ॐ विन्ध्यसंस्थानायै नमः।
ॐ विपञ्च्यै नमः।
ॐ विभक्त्यै नमः।
ॐ विभावर्यै नमः।
ॐ विमुक्त्यै नमः।
ॐ विरक्तायै नमः।
ॐ विरजायै नमः।
ॐ विराधिकायै नमः।
ॐ विरूपाक्ष्यै नमः।
ॐ विरूपाक्ष्यै नमः।
ॐ विलक्षणायै नमः।
ॐ विशालाक्ष्यै नमः।
ॐ विशालाक्ष्यै नमः।
ॐ विशालायै नमः।
ॐ विशिखायै नमः।
ॐ विश्वप्रदायै नमः।
ॐ विश्वभोक्त्र्यै नमः।
ॐ विश्वभोक्त्र्यै नमः।
ॐ विश्वम्भरायै नमः।
ॐ विश्वस्यै नमः।
ॐ विश्वाक्ष्यै नमः।
ॐ विश्वाधिकायै नमः।
ॐ विषयात्मिकायै नमः।
ॐ विष्णुपादाश्रितायै नमः।
ॐ विष्णुयोगिन्यै नमः।
ॐ विष्णुवनितायै नमः।
ॐ विष्णुसंश्रितायै नमः।
ॐ विष्ण्वाराधनलालसायै नमः।
ॐ विष्वक्सेनायै नमः।
ॐ वीरशक्तिकायै नमः।
ॐ वीर्यवत्यै नमः।
ॐ वीर्यातीतायै नमः।
ॐ वृक्षवेद्यायै नमः।
ॐ वृक्षात्मिकायै नमः।
ॐ वृन्दावन शिरोरोहत्पादद्वयसुशोभितायै नमः।
ॐ वृन्दावनविलासिन्यै नमः।
ॐ वृष्टिप्रवर्षिण्यै नमः।
ॐ वृष्ट्यै नमः।
ॐ वृष्ट्यै नमः।
ॐ वेणुबन्धायै नमः।
ॐ वेत्रवत्यै नमः।
ॐ वेदवाचे नमः।
ॐ वेदिरूपायै नमः।
ॐ वेद्यायै नमः।
ॐ वेद्यै नमः।
ॐ वैकुण्ठरूपिण्यै नमः।
ॐ वैजयन्त्यै नमः।
ॐ वैधात्र्यै नमः।
ॐ वैनायक्यै नमः।
ॐ वैराज्यै नमः।
ॐ वैश्यायै नमः।
ॐ वैष्णव्यै नमः।
ॐ व्यक्त्यै नमः।
ॐ व्यञ्जनात्मिकायै नमः।
ॐ व्याहृत्यै नमः।
ॐ व्योमप्रियायै नमः।
ॐ शक्कर्यै नमः।
ॐ शक्तिरूपिण्यै नमः।
ॐ शक्त्यै नमः।
ॐ शङ्खिन्यै नमः।
ॐ शचीमध्यायै नमः।
ॐ शच्यै नमः।
ॐ शनैष्कार्यै नमः।
ॐ शबरसूदिन्यै नमः।
ॐ शम्भुवन्द्यायै नमः।
ॐ शरद्वरायै नमः।
ॐ शरभायै नमः।
ॐ शर्वाणीशप्रियङ्कर्यै नमः।
ॐ शर्वाण्यै नमः।
ॐ शश्वद्रूपायै नमः।
ॐ शाकभक्षायै नमः।
ॐ शाखायै नमः।
ॐ शाङ्कर्यै नमः।
ॐ शान्तिदायै नमः।
ॐ शान्त्यै नमः।
ॐ शान्त्यै नमः।
ॐ शाम्भव्यै नमः।
ॐ शाम्भव्यै नमः।
ॐ शारदायै नमः।
ॐ शार्ङ्गिवल्लभायै नमः।
ॐ शिक्षारूपायै नमः।
ॐ शिरःस्थायै नमः।
ॐ शिवजाड्यापहन्त्र्यै नमः।
ॐ शिववन्द्यायै नमः।
ॐ शिवात्मिकायै नमः।
ॐ शीतलायै नमः।
ॐ शुचये नमः।
ॐ शुचये नमः।
ॐ शुद्धसत्वायै नमः।
ॐ शुद्धात्मिकायै नमः।
ॐ शुद्धायै नमः।
ॐ शुनासीरपुराराध्यायै नमः।
ॐ शुभातिथ्यायै नमः।
ॐ शुभाननायै नमः।
ॐ शुभानुरागायै नमः।
ॐ शुभायै नमः।
ॐ शुभावहायै नमः।
ॐ शुभ्रद्विजायै नमः।
ॐ शुम्भायै नमः।
ॐ शूद्रायै नमः।
ॐ शूरसेनायै नमः।
ॐ शेषविनुतायै नमः।
ॐ शैवसिद्धान्तकाशिन्यै नमः।
ॐ शोणायै नमः।
ॐ शोभाढ्यायै नमः।
ॐ शोभायै नमः।
ॐ श्यामजायै नमः।
ॐ श्यामलायै नमः।
ॐ श्यामलायै नमः।
ॐ श्यामाङ्ग्यै नमः।
ॐ श्यामायै नमः।
ॐ श्रवणक्षमायै नमः।
ॐ श्रितायै नमः।
ॐ श्रीकराम्बरायै नमः।
ॐ श्रीकृष्णतुलस्यै नमः।
ॐ श्रीप्रदायै नमः।
ॐ श्रीप्रदायै नमः।
ॐ श्रीमोक्षतुलस्यै नमः।
ॐ श्रीरामतुलस्यै नमः।
ॐ श्रीरूपायै नमः।
ॐ श्रीविष्णुप्रियकारिण्यै नमः।
ॐ श्रीसूक्तसंस्तुतायै नमः।
ॐ श्रुतिकृद्बलायै नमः।
ॐ श्रुतिगर्भिण्यै नमः।
ॐ श्रुतिभूषायै नमः।
ॐ श्रुतिरूपायै नमः।
ॐ श्रोतव्यायै नमः।
ॐ श्रोत्रियायै नमः।
ॐ संसारतारिकायै नमः।
ॐ संहिताख्यायै नमः।
ॐ सकलाकलनक्षमायै नमः।
ॐ सकलायै नमः।
ॐ सख्यदात्र्यै नमः।
ॐ सत्यगर्भायै नमः।
ॐ सत्यरूपायै नमः।
ॐ सत्यै नमः।
ॐ सत्यै नमः।
ॐ सदा संसृतितारिण्यै नमः।
ॐ सदानन्दायै नमः।
ॐ सदाशिवायै नमः।
ॐ सदाशुचये नमः।
ॐ सद्योजातायै नमः।
ॐ सद्रूपायै नमः।
ॐ सद्वरायै नमः।
ॐ सनत्कुमार्यै नमः।
ॐ सपञ्चास्यायै नमः।
ॐ सप्तजिह्वायै नमः।
ॐ सप्तदुर्गायै नमः।
ॐ सप्तद्वीपात्मिकायै नमः।
ॐ सप्तशिखात्मिकायै नमः।
ॐ सभायै नमः।
ॐ सभावत्यै नमः।
ॐ सभ्यानां जीवनप्रदायै नमः।
ॐ सभ्यायै नमः।
ॐ समयायै नमः।
ॐ समाकृत्यै नमः।
ॐ समायै नमः।
ॐ समासायै नमः।
ॐ सरस्वतीड्यायै नमः।
ॐ सरस्वत्यै नमः।
ॐ सरिते नमः।
ॐ सर्वगुणाधिकायै नमः।
ॐ सर्वतीर्थायै नमः।
ॐ सर्वत्रव्याप्ततुलस्यै नमः।
ॐ सर्वदात्र्यै नमः।
ॐ सर्वप्रतीकायै नमः।
ॐ सर्वलक्षणलक्षितायै नमः।
ॐ सर्वलोकानां निर्मात्र्यै नमः।
ॐ सर्ववन्द्यायै नमः।
ॐ सर्ववेदमयाग्रायै नमः।
ॐ सर्ववेदार्थसम्पत्त्यै नमः।
ॐ सर्वसुन्दर्यै नमः।
ॐ सर्वांवासायै नमः।
ॐ सर्वान्तर्यामिरूपिण्यै नमः।
ॐ सर्वायै नमः।
ॐ सर्वार्थदायै नमः।
ॐ सर्वार्थसिद्धिदायै नमः।
ॐ सव्यार्धिन्यै नमः।
ॐ सव्यासव्यपरायै नमः।
ॐ सव्येशानप्रियायै नमः।
ॐ सहस्रांशुप्रभायै नमः।
ॐ सहस्राक्ष्यै नमः।
ॐ सहस्राक्ष्यै नमः।
ॐ साकृत्यै नमः।
ॐ साङ्ख्यायन्यै नमः।
ॐ साध्व्यै नमः।
ॐ सानुमत्यै नमः।
ॐ सामवल्लभ्यायै नमः।
ॐ साम्प्रदायिकायै नमः।
ॐ सायुज्यपदवीप्रदायै नमः।
ॐ सावित्रिकप्रदायै नमः।
ॐ सिंहारूढायै नमः।
ॐ सिद्धजनार्थदायै नमः।
ॐ सिद्धपूजितायै नमः।
ॐ सिद्धये नमः।
ॐ सिद्धलक्ष्म्यै नमः।
ॐ सिद्धान्तगम्यायै नमः।
ॐ सिद्धिदायै नमः।
ॐ सिद्धेशप्रियायै नमः।
ॐ सिनीवाल्यै नमः।
ॐ सीकारवाच्यायै नमः।
ॐ सुकामिन्यै नमः।
ॐ सुखरूपिण्यै नमः।
ॐ सुगन्धायै नमः।
ॐ सुगुणायै नमः।
ॐ सुदेव्यै नमः।
ॐ सुधात्र्यै नमः।
ॐ सुनन्दायै नमः।
ॐ सुनासायै नमः।
ॐ सुन्दर्यै नमः।
ॐ सुपर्व (वर्ण)ज्यायै नमः।
ॐ सुपुष्टाङ्ग्यै नमः।
ॐ सुप्तायै नमः।
ॐ सुभगायै नमः।
ॐ सुभगायै नमः।
ॐ सुभ्रुवे नमः।
ॐ सुमध्यमायै नमः।
ॐ सुमनोहरायै नमः।
ॐ सुरेश्वर्यै नमः।
ॐ सुरेश्वर्यै नमः।
ॐ सुवर्णलतिकोपमायै नमः।
ॐ सुवर्णवेद्यै नमः।
ॐ सुषुप्तायै नमः।
ॐ सुहितायै नमः।
ॐ सूक्तिपरायै नमः।
ॐ सूतिकायै नमः।
ॐ सूरिगम्यायै नमः।
ॐ सूरिगम्यायै नमः।
ॐ सूर्यप्रकाशिकायै नमः।
ॐ सृष्टिदात्र्यै नमः।
ॐ सोमायै नमः।
ॐ सौपर्ण्यै नमः।
ॐ सौमङ्गल्यप्रदायिन्यै नमः।
ॐ सौर्यै नमः।
ॐ सौवर्णरत्नपीठसमाश्रितायै नमः।
ॐ स्तम्भिन्यै नमः।
ॐ स्तोत्राक्षरनिरूपिकायै नमः।
ॐ स्थितिप्रदायै नमः।
ॐ स्थिरायै नमः।
ॐ स्फुरच्छक्तिमय्यै नमः।
ॐ स्रुग्रूपायै नमः।
ॐ स्रुवरूपिण्यै नमः।
ॐ स्वदलैःपरमात्मनः पदद्वन्द्वं शोभयित्र्यै नमः।
ॐ स्वधायै नमः।
ॐ स्वप्नप्रदायिन्यै नमः।
ॐ स्वयम्प्रकाशायै नमः।
ॐ स्वररूपायै नमः।
ॐ स्वरसायै नमः।
ॐ स्वराकारायै नमः।
ॐ स्वरात्मिकायै नमः।
ॐ स्वरिन्यै तन्वै नमः।
ॐ स्वर्गवर्त्मकर्यै नमः।
ॐ स्वर्णस्वच्छकपोलिकायै नमः।
ॐ स्वाहायै नमः।
ॐ हंसगामिन्यै नमः।
ॐ हरिण्यै नमः।
ॐ हरिण्यै नमः।
ॐ हरिदासोत्तमायै नमः।
ॐ हरिद्राञ्चितपादुकायै नमः।
ॐ हरिद्रूपायै नमः।
ॐ हरिद्वर्णायै नमः।
ॐ हरिपत्न्यै नमः।
ॐ हरिपादसमाश्रयायै नमः।
ॐ हरिपादाब्जसेविन्यै नमः।
ॐ हरिपादार्चने रतायै नमः।
ॐ हरेः पदसुवाहिकायै नमः।
ॐ हरेर्गुणानुध्यायन्त्यै नमः।
ॐ हर्यङ्गगायै नमः।
ॐ हर्यधीनायै नमः।
ॐ हसिन्यै नमः।
ॐ हानिशून्यायै नमः।
ॐ हारकेयूरकनकाङ्गदभूषणायै नमः।
ॐ हारिण्यै नमः।
ॐ हिमवतीकरायै नमः।
ॐ हिरण्मय्यै नमः।
ॐ हिरण्यवर्णायै नमः।
ॐ हृदयग्रन्थिभेदिन्यै नमः।
ॐ हृद्ध्येयायै नमः।
ॐ ह्रस्वायै नमः।
ॐ ख्यातिरञ्जितायै नमः।
॥ इति श्री तुलसी सहस्रनामावलिः सम्पूर्णा ॥
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