श्री तुलसी विवाह व्रत कथा एवं विवाह विधि

|| तुलसी विवाह विधि || सबसे पहले पूजा के स्थान पर गन्ने से मंडप सजाएं। गेरू और फूलों से तुलसी जी के गमले को भी सजाएं। संध्या के समय शुभ मुहूर्त में तुलसी विवाह पूजा की शुरुआत करें। लकड़ी की साफ चौकी स्थापित करें और उस पर गंगाजल छिड़क कर आसन बिछाएं। कलश में पवित्र…

देवउठनी एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

देव प्रबोधिनी एकादशी

वर्ष 2024 में देव प्रबोधिनी / देवउठनी एकादशी 12 नवंबर को मनायी जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी 11 नवंबर 2024 को रात 06 बजकर 46 मिनट से आरंभ हो हो रही है, जो 12 नवंबर को रात 04 बजकर 04 मिनट पर समाप्त हो रही है। उदया तिथि…

रविवार व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| रविवार व्रत पूजा विधि || रविवार का व्रत सभी इच्छाओं की पूर्ति के लिए उत्तम माना गया है। इस व्रत को करने की विधि इस प्रकार है: सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें और शांत मन से भगवान का ध्यान करें। इस व्रत में केवल एक समय ही भोजन करना चाहिए। भोजन और फलाहार…

आंवला नवमी (अक्षय नवमी) की व्रत कथा व पूजा विधि

।। आंवला नवमी की पूजा विधि ।। अक्षय नवमी के दिन आंवला वृक्ष की पूजा की जाती है। वृक्ष की हल्दी कुमकुम आदि से पूजा करके उसमें जल और कच्चा दूध अर्पित करें। इसके बाद आंवले के पेड़ की परिक्रमा करते हुए तने में कच्चा सूत या मौली आठ बार लपेटी जाती है। पूजा के…

श्री गोपाष्टमी व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| गोपाष्टमी पूजन विधि || इस दिन बछड़े सहित गाय का पूजन करने का विधान है। इस दिन प्रातः काल उठ कर नित्य कर्म से निवृत हो कर स्नान करते है, प्रातः काल ही गौओं और उनके बछड़ों को भी स्नान कराया जाता है। गौ माता के अंगों में मेहंदी, रोली हल्दी आदि के थापे…

स्कन्द षष्ठी व्रत कथा व पूजा विधि

।। स्कन्द षष्ठी व्रत पूजा विधि ।। सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें और भगवान कार्तिकेय की बालस्वरूप प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद दीपक जलाएं और व्रत का संकल्प लें। ऐसा करने के बाद भगवान कार्तिकेय को चंदन, धूप, दीप, पुष्प, वस्त्र इत्यादि अर्पित करें। फिर उन्हें एक मिष्ठान का भोग लगाएं। आज के दिन माता…

बुध प्रदोष व्रत कथा

|| बुध प्रदोष व्रत कथा || बुध त्रयोदशी प्रदोष व्रत करने से सर्व कामनाएं पूर्ण होती हैं। इस व्रत में हरी वस्तुओं का प्रयोग करना चाहिए। शंकर शिव जी की आराधना धूप, बेल पत्र आदि से करनी चाहिए। बुध प्रदोष व्रत की कथा के अनुसार एक पुरुष का नया-नया विवाह हुआ। विवाह के 2 दिनों…

श्री कार्तिक मास कथा

|| कार्तिक मास की कथा || किसी नगर में एक ब्राह्मण दंपत्ति रहते थे। वे हर दिन सात कोस दूर गंगा और यमुना नदी में स्नान करने जाते थे। इतनी दूर आने-जाने से ब्राह्मण की पत्नी बहुत थक जाती थी। एक दिन उसने अपने पति से कहा, “अगर हमारा एक बेटा होता तो कितना अच्छा…

कार्तिक संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा

|| कार्तिक संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा || पार्वती जी ने पूछा, “हे लम्बोदर! जो सबसे भाग्यशाली हैं, और भाषण करने में श्रेष्ठ हैं! मुझे बताओ कि कार्तिक कृष्ण चतुर्थी के दिन किस नाम वाले गणेश जी की पूजा करनी चाहिए और किस विधि से?” श्रीकृष्ण जी ने कहा, “गणेश जी ने अपनी माता के…

छठ पूजा कथा विधि

।। छठ पूजा 2024 का कार्यक्रम ।। छठ पूजा नहाय खाय- 05 नवंबर 2023, शुक्रवार सूर्योदय- 06:39 AM पर सूर्योस्त- 05:41 PM पर छठ पूजा खरना- 06 नवंबर 2023, शनिवार सूर्योदय- 06:39 AM पर सूर्योस्त- 05:26 PM पर छठ पूजा संध्या अर्घ्य- 07 नवंबर 2023, रविवार सूर्योस्त- 05:29 PM पर छठ पूजा उषा अर्घ्य- 08…

भैया दूज व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| भैया दूज व्रत कथा || भैया दूज के संबंध में पौराणिक कथा इस प्रकार से है। सूर्य की पत्नी संज्ञा से 2 संतानें थीं, पुत्र यमराज तथा पुत्री यमुना। संज्ञा सूर्य का तेज सहन न कर पाने के कारण अपनी छायामूर्ति का निर्माण कर उन्हें ही अपने पुत्र-पुत्री को सौंपकर वहाँ से चली गई।…

भैया दूज लोक कथा

|| भैया दूज लोक कथा || एक बुढ़िया माई थी, उसके सात बेटे और एक बेटी थी। बेटी की शादी हो चुकी थी। जब भी उसके बेटों की शादी होती, फेरों के समय एक नाग आता और उसके बेटे को डस लेता था। बेटे की वहीं मृत्यु हो जाती और बहू विधवा हो जाती। इस…

चित्रगुप्त कथा व पूजा विधि

।। चित्रगुप्त पूजा कथा ।। एक बार युधिष्ठिरजी भीष्मजी से बोले- हे पितामह! आपकी कृपा से मैंने धर्मशास्त्र सुने, परन्तु यमद्वितीया का क्या पुण्य है, क्या फल है यह मैं सुनना चाहता हूँ। आप कृपा करके मुझे विस्तारपूर्वक कहिए। भीष्मजी बोले- तूने अच्छी बात पूछी। मैं उस उत्तम व्रत को विस्तारपूर्वक बताता हूँ। कार्तिक मास…

दिवाली व्रत कथा और पूजा विधि

।। दीपावली व्रत कथा ।। एक बार की बात है एक जंगल में एक साहूकार रहता था। उसकी बेटी प्रतिदिन पीपल पर जल चढ़ाया करती थी। जिस पीपल के पेड़ पर वह जल चढ़ाया करती थी उस पर पर मां लक्ष्मी निवास करती थी। एक दिन मां लक्ष्मी ने साहूकार की बेटी से कहा मैं…

नरक चतुर्दशी कथा

|| नरक चतुर्दशी कथा || कार्तिक महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को रूप चौदस, नरक चतुर्दशी कहते हैं। बंगाल में इस दिन को मां काली के जन्मदिन के रूप में काली चौदस के तौर पर मनाया जाता है। इसे छोटी दीपावली भी कहते हैं। इस दिन स्नानादि से निवृत्त होकर यमराज का तर्पण कर…

નરક ચતુર્દશી કથા

|| નરક ચતુર્દશી કથા || કાર્તિક મહીને મેં કૃષ્ણ પક્ષ કી ચતુર્દશી કો રૂપ ચૌદસ, નરક ચતુર્દશી કહતે હૈં. બંગાલ મેં ઇસ દિન કો માં કાલી કે જન્મદિન કે રૂપ મેં કાલી ચૌદસ કે તૌર પર મનાયા જાતા હૈ. ઇસે છોટી દીપાવલી ભી કહતે હૈં. ઇસ દિન સ્નાનાદિ સે નિવૃત્ત હોકર યમરાજ કા તર્પણ કર…

నరక చతుర్దశీ కథా

|| నరక చతుర్దశీ కథా || కార్తిక మహీనే మేం కృష్ణ పక్ష కీ చతుర్దశీ కో రూప చౌదస, నరక చతుర్దశీ కహతే హైం. బంగాల మేం ఇస దిన కో మాం కాలీ కే జన్మదిన కే రూప మేం కాలీ చౌదస కే తౌర పర మనాయా జాతా హై. ఇసే ఛోటీ దీపావలీ భీ కహతే హైం. ఇస దిన స్నానాది సే నివృత్త హోకర యమరాజ కా తర్పణ కర…

ਨਰਕ ਚਤੁਰ੍ਦਸ਼ੀ ਕਥਾ

|| ਨਰਕ ਚਤੁਰ੍ਦਸ਼ੀ ਕਥਾ || ਕਾਰ੍ਤਿਕ ਮਹੀਨੇ ਮੇਂ ਕ੍ਰੁਸ਼਼੍ਣ ਪਕ੍ਸ਼਼ ਕੀ ਚਤੁਰ੍ਦਸ਼ੀ ਕੋ ਰੂਪ ਚੌਦਸ, ਨਰਕ ਚਤੁਰ੍ਦਸ਼ੀ ਕਹਤੇ ਹੈਂ। ਬੰਗਾਲ ਮੇਂ ਇਸ ਦਿਨ ਕੋ ਮਾਂ ਕਾਲੀ ਕੇ ਜਨ੍ਮਦਿਨ ਕੇ ਰੂਪ ਮੇਂ ਕਾਲੀ ਚੌਦਸ ਕੇ ਤੌਰ ਪਰ ਮਨਾਯਾ ਜਾਤਾ ਹੈ। ਇਸੇ ਛੋਟੀ ਦੀਪਾਵਲੀ ਭੀ ਕਹਤੇ ਹੈਂ। ਇਸ ਦਿਨ ਸ੍ਨਾਨਾਦਿ ਸੇ ਨਿਵ੍ਰੁੱਤ ਹੋਕਰ ਯਮਰਾਜ ਕਾ ਤਰ੍ਪਣ ਕਰ…

ନରକ ଚତୁର୍ଦଶୀ କଥା

|| ନରକ ଚତୁର୍ଦଶୀ କଥା || କାର୍ତିକ ମହୀନେ ମେଂ କୃଷ୍ଣ ପକ୍ଷ କୀ ଚତୁର୍ଦଶୀ କୋ ରୂପ ଚୌଦସ, ନରକ ଚତୁର୍ଦଶୀ କହତେ ହୈଂ। ବଙ୍ଗାଲ ମେଂ ଇସ ଦିନ କୋ ମାଂ କାଲୀ କେ ଜନ୍ମଦିନ କେ ରୂପ ମେଂ କାଲୀ ଚୌଦସ କେ ତୌର ପର ମନାୟା ଜାତା ହୈ। ଇସେ ଛୋଟୀ ଦୀପାବଲୀ ଭୀ କହତେ ହୈଂ। ଇସ ଦିନ ସ୍ନାନାଦି ସେ ନିବୃତ୍ତ ହୋକର ଯମରାଜ କା ତର୍ପଣ କର…

நரக சதுர்த³ஶீ கதா²

|| நரக சதுர்த³ஶீ கதா² || கார்திக மஹீனே மேம்ʼ க்ருʼஷ்ண பக்ஷ கீ சதுர்த³ஶீ கோ ரூப சௌத³ஸ, நரக சதுர்த³ஶீ கஹதே ஹைம்ʼ. ப³ங்கா³ல மேம்ʼ இஸ தி³ன கோ மாம்ʼ காலீ கே ஜன்மதி³ன கே ரூப மேம்ʼ காலீ சௌத³ஸ கே தௌர பர மனாயா ஜாதா ஹை. இஸே சோ²டீ தீ³பாவலீ பீ⁴ கஹதே ஹைம்ʼ. இஸ தி³ன ஸ்னாநாதி³ ஸே நிவ்ருʼத்த ஹோகர யமராஜ கா தர்பண கர…

ನರಕ ಚತುರ್ದಶೀ ಕಥಾ

|| ನರಕ ಚತುರ್ದಶೀ ಕಥಾ || ಕಾರ್ತಿಕ ಮಹೀನೇ ಮೇಂ ಕೃಷ್ಣ ಪಕ್ಷ ಕೀ ಚತುರ್ದಶೀ ಕೋ ರೂಪ ಚೌದಸ, ನರಕ ಚತುರ್ದಶೀ ಕಹತೇ ಹೈಂ. ಬಂಗಾಲ ಮೇಂ ಇಸ ದಿನ ಕೋ ಮಾಂ ಕಾಲೀ ಕೇ ಜನ್ಮದಿನ ಕೇ ರೂಪ ಮೇಂ ಕಾಲೀ ಚೌದಸ ಕೇ ತೌರ ಪರ ಮನಾಯಾ ಜಾತಾ ಹೈ. ಇಸೇ ಛೋಟೀ ದೀಪಾವಲೀ ಭೀ ಕಹತೇ ಹೈಂ. ಇಸ ದಿನ ಸ್ನಾನಾದಿ ಸೇ ನಿವೃತ್ತ ಹೋಕರ ಯಮರಾಜ ಕಾ ತರ್ಪಣ ಕರ…

നരക ചതുർദശീ കഥാ

|| നരക ചതുർദശീ കഥാ || കാർതിക മഹീനേ മേം കൃഷ്ണ പക്ഷ കീ ചതുർദശീ കോ രൂപ ചൗദസ, നരക ചതുർദശീ കഹതേ ഹൈം. ബംഗാല മേം ഇസ ദിന കോ മാം കാലീ കേ ജന്മദിന കേ രൂപ മേം കാലീ ചൗദസ കേ തൗര പര മനായാ ജാതാ ഹൈ. ഇസേ ഛോടീ ദീപാവലീ ഭീ കഹതേ ഹൈം. ഇസ ദിന സ്നാനാദി സേ നിവൃത്ത ഹോകര യമരാജ കാ തർപണ കര…

धनत्रयोदशीची कहाणी

|| धनत्रयोदशीची कहाणी || पहिली कथा आहे एका राजाबद्दल, ज्याचं नाव हेम होतं. त्याच्या घरी मुलाचा जन्म झाला. ज्योतिषांनी सांगितलं की त्याचा मुलगा लग्नानंतर फक्त चार दिवसच जगेल. हे ऐकून राजा खूप दु:खी झाला आणि त्याने मुलाला अशा ठिकाणी पाठवलं, जिथे त्याला कोणतीही मुलगी दिसणार नाही. परंतु एके दिवशी एक राजकन्या तिथून जात होती आणि…

ଧନତେରସ କୀ ପୌରାଣିକ କଥା

|| ଧନତେରସ କୀ ପୌରାଣିକ କଥା || ଧନତେରସ କା ତ୍ୟୋହାର କାର୍ତିକ ମହୀନେ କେ କୃଷ୍ଣ ପକ୍ଷ କୀ ତ୍ରୟୋଦଶୀ କୋ ବଡ଼େ ଶ୍ରଦ୍ଧା ଔର ବିଶ୍ୱାସ କେ ସାଥ ମନାୟା ଜାତା ହୈ। ଇସ ଦିନ ଧନବନ୍ତରୀ, ମାତା ଲକ୍ଷ୍ମୀ ଔର ଧନ କେ ଦେବତା କୁବେର କୀ ପୂଜା ହୋତୀ ହୈ। ଇସକେ ପୀଛେ ଏକ ପୌରାଣିକ କଥା ହୈ ଜିସେ ଜାନନା ଦିଲଚସ୍ପ ହୈ। କହାନୀ କୁଛ ଇସ ତରହ ହୈ…

ಧನತೇರಸ ಕೀ ಪೌರಾಣಿಕ ಕಥಾ

|| ಧನತೇರಸ ಕೀ ಪೌರಾಣಿಕ ಕಥಾ || ಧನತೇರಸ ಕಾ ತ್ಯೋಹಾರ ಕಾರ್ತಿಕ ಮಹೀನೇ ಕೇ ಕೃಷ್ಣ ಪಕ್ಷ ಕೀ ತ್ರಯೋದಶೀ ಕೋ ಬಡ಼ೇ ಶ್ರದ್ಧಾ ಔರ ವಿಶ್ವಾಸ ಕೇ ಸಾಥ ಮನಾಯಾ ಜಾತಾ ಹೈ. ಇಸ ದಿನ ಧನವಂತರೀ, ಮಾತಾ ಲಕ್ಷ್ಮೀ ಔರ ಧನ ಕೇ ದೇವತಾ ಕುಬೇರ ಕೀ ಪೂಜಾ ಹೋತೀ ಹೈ. ಇಸಕೇ ಪೀಛೇ ಏಕ ಪೌರಾಣಿಕ ಕಥಾ ಹೈ ಜಿಸೇ ಜಾನನಾ ದಿಲಚಸ್ಪ ಹೈ. ಕಹಾನೀ ಕುಛ ಇಸ ತರಹ ಹೈ…

ധനതേരസ കീ പൗരാണിക കഥാ

|| ധനതേരസ കീ പൗരാണിക കഥാ || ധനതേരസ കാ ത്യോഹാര കാർതിക മഹീനേ കേ കൃഷ്ണ പക്ഷ കീ ത്രയോദശീ കോ ബഡേ ശ്രദ്ധാ ഔര വിശ്വാസ കേ സാഥ മനായാ ജാതാ ഹൈ. ഇസ ദിന ധനവന്തരീ, മാതാ ലക്ഷ്മീ ഔര ധന കേ ദേവതാ കുബേര കീ പൂജാ ഹോതീ ഹൈ. ഇസകേ പീഛേ ഏക പൗരാണിക കഥാ ഹൈ ജിസേ ജാനനാ ദിലചസ്പ ഹൈ. കഹാനീ കുഛ ഇസ തരഹ ഹൈ…

ધનતેરસ કી પૌરાણિક કથા

|| ધનતેરસ કી પૌરાણિક કથા || ધનતેરસ કા ત્યોહાર કાર્તિક મહીને કે કૃષ્ણ પક્ષ કી ત્રયોદશી કો બડ઼ે શ્રદ્ધા ઔર વિશ્વાસ કે સાથ મનાયા જાતા હૈ. ઇસ દિન ધનવંતરી, માતા લક્ષ્મી ઔર ધન કે દેવતા કુબેર કી પૂજા હોતી હૈ. ઇસકે પીછે એક પૌરાણિક કથા હૈ જિસે જાનના દિલચસ્પ હૈ. કહાની કુછ ઇસ તરહ હૈ…

த⁴னதேரஸ கீ பௌராணிக கதா²

|| த⁴னதேரஸ கீ பௌராணிக கதா² || த⁴னதேரஸ கா த்யோஹார கார்திக மஹீனே கே க்ருʼஷ்ண பக்ஷ கீ த்ரயோத³ஶீ கோ ப³ஃடே² ஶ்ரத்³தா⁴ ஔர விஶ்வாஸ கே ஸாத² மனாயா ஜாதா ஹை. இஸ தி³ன த⁴னவந்தரீ, மாதா லக்ஷ்மீ ஔர த⁴ன கே தே³வதா குபே³ர கீ பூஜா ஹோதீ ஹை. இஸகே பீசே² ஏக பௌராணிக கதா² ஹை ஜிஸே ஜானனா தி³லசஸ்ப ஹை. கஹானீ குச² இஸ தரஹ ஹை…

নতেরস কী পৌরাণিক কথা

|| ধনতেরস কী পৌরাণিক কথা || ধনতেরস কা ত্যোহার কার্তিক মহীনে কে কৃষ্ণ পক্ষ কী ত্রয়োদশী কো বড়ে শ্রদ্ধা ঔর বিশ্বাস কে সাথ মনায়া জাতা হৈ। ইস দিন ধনবন্তরী, মাতা লক্ষ্মী ঔর ধন কে দেবতা কুবের কী পূজা হোতী হৈ। ইসকে পীছে এক পৌরাণিক কথা হৈ জিসে জাননা দিলচস্প হৈ। কহানী কুছ ইস তরহ হৈ…

ధనతేరస కీ పౌరాణిక కథా

|| ధనతేరస కీ పౌరాణిక కథా || ధనతేరస కా త్యోహార కార్తిక మహీనే కే కృష్ణ పక్ష కీ త్రయోదశీ కో బడే శ్రద్ధా ఔర విశ్వాస కే సాథ మనాయా జాతా హై. ఇస దిన ధనవంతరీ, మాతా లక్ష్మీ ఔర ధన కే దేవతా కుబేర కీ పూజా హోతీ హై. ఇసకే పీఛే ఏక పౌరాణిక కథా హై జిసే జాననా దిలచస్ప హై. కహానీ కుఛ ఇస తరహ హై…

धनतेरस की पौराणिक कथा

|| धनतेरस की पौराणिक कथा || धनतेरस का त्योहार कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को बड़े श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाया जाता है। इस दिन धनवंतरी, माता लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा होती है। इसके पीछे एक पौराणिक कथा है जिसे जानना दिलचस्प है। कहानी कुछ इस तरह है…

रमा एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

।। रमा एकादशी पूजा विधि ।। एकादशी के दिन सुबह स्नान करें और उसके बाद पूजा शुरू करें, पूजा में धूप, तुलसी के पत्तों, दीप, नैवेद्य, फूल और फल का आदि चीजों का ध्यान रखें । इस दिन भगवान विष्णु का पीले वस्त्र और फूलों से श्रृंगार करना चाहिए । एकादशी व्रत का पारण द्वादशी…

सूर्य षष्ठी व्रत कथा और पूजा विधि

॥ सूर्य षष्ठी व्रत कथा ॥ कथा के अनुसार प्रियव्रत नाम के एक राजा थे। उनकी पत्नी का नाम मालिनी था। दोनों की कोई संतान नहीं थी। इस बात से राजा और उसकी पत्नी बहुत दुखी रहते थे। उनकी पत्नी का नाम मालिनी था। दोनों की कोई संतान नहीं थी। इस बात से राजा और…

चौथ माता व्रत कथा और पूजा विधि

।। चौथ माता व्रत कथा ।। एक समय की बात है कि विष्णु भगवान का विवाह लक्ष्‍मीजी के साथ निश्चित हो गया। विवाह की तैयारी होने लगी। सभी देवताओं को निमंत्रण भेजे गए, परंतु गणेशजी को निमंत्रण नहीं दिया, कारण जो भी रहा हो। अब भगवान विष्णु की बारात जाने का समय आ गया। सभी…

संतान सप्तमी व्रत कथा व पूजन विधि

।। संतान सप्तमी व्रत पूजन विधि ।। संतान सप्तमी के दिन माताएं सुबह स्नानादि के पश्चात व्रत करने का संकल्प भगवान शिव और मां पार्वती के सामने लें। पूजा के लिए चौकी सजाएं और फिर शिव-पार्वती की मूर्ति रखने के पश्चात नारियल के पत्तों के साथ कलश स्थापित करें। इस दिन निराहार अवस्था में शुद्धता…

श्री अहोई अष्टमी व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| अहोई अष्टमी व्रत पूजा विधि || प्रातः जल्दी स्नान किया जाता हैं। इसमें दिन भर का निर्जला व्रत किया जाता हैं। शाम में सूरज ढलने के बाद अहोई अष्टमी की पूजा की जाती हैं। इसमें अहोई अष्टमी माता का चित्र बनाया जाता हैं और विधि विधान से उनका पूजन किया जाता हैं। चौक बनाया…

राधाकुण्ड और अहोई अष्टमी से जुड़ी कथा

|| अहोई अष्टमी और राधाकुण्ड से जुड़ी कथा || बहुत समय पहले झाँसी के निकट एक नगर में चन्द्रभान नामक एक साहूकार रहता था। उसकी पत्नी चन्द्रिका अत्यंत सुंदर, सर्वगुण सम्पन्न, सती-साध्वी, शीलवान और बुद्धिमान थी। उनके कई पुत्र-पुत्रियाँ थीं, लेकिन वे सभी वयस्क होने से पहले ही परलोक सिधार गए थे। संतान की मृत्यु…

श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत कथा

|| कृष्णा जन्माष्टमी व्रत कथा || द्वापर युग में जब पृथ्वी पाप तथा अत्याचारों से तपने लगी| तब वह गाय का रूप बनाकर सृष्टिकर्ता ब्रह्मा जी के पास गई| ब्रह्मा जी ने जब सभी देवताओं के साथ पृथ्वी जी की दुख भरी कथा सुनी तब सभी देवताओं ने ब्रह्मा जी से कहा यह तो अत्यंत…

Karwa Chauth Vrat Katha and Pooja Vidhi

।। Karwa Chauth Vrat Katha ।। There lived a woman who was raised and pampered by her seven brothers. After she attained marriageable age, her siblings got her married to a King. And as expected, she was treated like a queen at her marital home. Subsequently, on her first Karwa Chauth day, the woman visited…

ਕਰਵਾ ਚੌਥ ਵ੍ਰਤ ਕਥਾ ਪੂਜਾ ਵਿਧੀ

॥ ਕਰਵਾ ਚੌਥ ਵ੍ਰਤ ਕਥਾ ਪੂਜਾ ਵਿਧੀ ॥ ਇੱਕ ਬ੍ਰਾਹਮਣ ਦੇ ਸੱਤ ਪੁੱਤਰ ਅਤੇ ਇੱਕਲੌਤੀ ਧੀ ਸੀ ਜਿਸਦਾ ਨਾਮ ਵੀਰਾਵਤੀ ਸੀ। ਸੱਤ ਭਰਾਵਾਂ ਦੀ ਇਕਲੌਤੀ ਭੈਣ ਹੋਣ ਕਰਕੇ, ਵੀਰਾਵਤੀ ਸਾਰੇ ਭਰਾਵਾਂ ਦੀ ਪਿਆਰੀ ਸੀ ਅਤੇ ਸਾਰੇ ਭਰਾ ਉਸ ਨੂੰ ਆਪਣੀ ਜਾਨ ਤੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਪਿਆਰ ਕਰਦੇ ਸਨ. ਕੁਝ ਸਮੇਂ ਬਾਅਦ ਵੀਰਾਵਤੀ ਦਾ ਵਿਆਹ ਇੱਕ ਬ੍ਰਾਹਮਣ ਨੌਜਵਾਨ…

करवा चौथ व्रत कथा और पूजन विधि

|| करवा चौथ व्रत कथा || एक साहूकार के सात लड़के और एक लड़की थी। एक बार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सेठानी सहित उसकी सातों बहुएं और उसकी बेटी ने भी करवा चौथ का व्रत रखा। रात्रि के समय जब साहूकार के सभी लड़के भोजन करने बैठे तो उन्होंने अपनी…

अटला तड्डी व्रत कथा

|| अटला तड्डी व्रत कथा || एक राज्य में एक राजकुमारी थी जो अटला तड्डी नोमु व्रत का पालन कर रही थी। इस व्रत में, उसे पूरे दिन उपवास रखना होता था और केवल चाँद दिखने के बाद ही भोजन करना होता था। कुछ घंटों के उपवास के बाद, राजकुमारी बेहोश हो गई क्योंकि उसे…

भौम प्रदोष व्रत कथा और पूजा विधि

।। मंगल (भौम) प्रदोष व्रत कथा ।। एक नगर में एक वृद्धा निवास करती थी। उसके मंगलिया नामक एक पुत्र था। वृद्धा की हनुमान जी पर गहरी आस्था थी। वह प्रत्येक मंगलवार को नियमपूर्वक व्रत रखकर हनुमान जी की आराधना करती थी। उस दिन वह न तो घर लीपती थी और न ही मिट्टी खोदती…

शरद पूर्णिमा व्रत कथा एवं पूजन विधि

|| शरद पूर्णिमा व्रत कथा || एक साहूकार के दो पुत्रियां थी। दोनों पुत्रियां पूर्णिमा का व्रत रखती थी, परन्तु बड़ी पुत्री विधिपूर्वक पूरा व्रत करती थी जबकि छोटी पुत्री अधूरा व्रत ही किया करती थी। परिणामस्वरूप साहूकार के छोटी पुत्री की संतान पैदा होते ही मर जाती थी। उसने पंडितों से अपने संतानों के…

विजयादशमी की कथा (दशहरा व्रत कथा)

|| विजयादशमी की कथा (दशहरा व्रत कथा) || आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को ‘विजयादशमी’ कहा जाता है, और इसके नाम के पीछे कई पौराणिक और ज्योतिषीय कारण बताए गए हैं। इस दिन को ‘विजयादशमी’ कहे जाने का एक प्रमुख कारण देवी भगवती के ‘विजया’ नाम से जुड़ा हुआ है। इसके साथ…

विजयादशमीची कथा (दसरा व्रत कथा)

|| विजयादशमीची कथा (दसरा व्रत कथा) || आश्विन महिन्याच्या शुक्ल पक्षातील दशमी तिथीला ‘विजयादशमी’ असे म्हटले जाते, आणि यामागे अनेक पौराणिक आणि ज्योतिषशास्त्रीय कारणे सांगितली जातात. या दिवशी देवी भगवतीच्या ‘विजया’ या नावाशी संबंधित असलेल्या कारणामुळे या तिथीला ‘विजयादशमी’ असे म्हणतात. या दिवशी भगवान श्रीराम यांनी लंकेवर विजय मिळवला होता, त्यामुळेही याला विजयादशमी असे म्हटले…

విజయాదశమీ కీ కథా (దశహరా వ్రత కథా)

|| విజయాదశమీ కీ కథా (దశహరా వ్రత కథా) || ఆశ్విన మాస కీ శుక్ల పక్ష కీ దశమీ తిథి కో ‘విజయాదశమీ’ కహా జాతా హై, ఔర ఇసకే నామ కే పీఛే కఈ పౌరాణిక ఔర జ్యోతిషీయ కారణ బతాఏ గఏ హైం. ఇస దిన కో ‘విజయాదశమీ’ కహే జానే కా ఏక ప్రముఖ కారణ దేవీ భగవతీ కే ‘విజయా’ నామ సే జుడా హుఆ హై. ఇసకే సాథ…

விஜயாத³ஶமீ கீ கதா² (த³ஶஹரா வ்ரத கதா²)

|| விஜயாத³ஶமீ கீ கதா² (த³ஶஹரா வ்ரத கதா²) || ஆஶ்வின மாஸ கீ ஶுக்ல பக்ஷ கீ த³ஶமீ திதி² கோ ‘விஜயாத³ஶமீ’ கஹா ஜாதா ஹை, ஔர இஸகே நாம கே பீசே² கஈ பௌராணிக ஔர ஜ்யோதிஷீய காரண ப³தாஏ க³ஏ ஹைம்ʼ. இஸ தி³ன கோ ‘விஜயாத³ஶமீ’ கஹே ஜானே கா ஏக ப்ரமுக² காரண தே³வீ ப⁴க³வதீ கே ‘விஜயா’ நாம ஸே ஜுஃடா² ஹுஆ ஹை. இஸகே ஸாத²…