सफला एकादशी व्रत कथा एवं पूजा विधि

॥ सफला एकादशी व्रत पूजा विधि ॥ सफला एकादशी व्रत के प्रात: स्नान आदि से निवृत होकर साफ कपड़े पहन लें, संभव हो तो पीला कपड़ा पहनें। इसके बाद हाथ में जल लेकर सफला एकादशी व्रत, भगवान विष्णु की पूजा का संकल्प लें। अब पूजा स्थान पर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित…

भानु सप्तमी व्रत कथा व पूजा विधि

।। भानु सप्तमी व्रत पूजा विधि ।। सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और उसके बाद तांबे के लोटे में जल भरें और उसमें लाल चन्दन, चावल, लाल फूल डालकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें। जल चढ़ाते समय सूर्य के वरूण रूप को प्रणाम करते हुए ऊं रवये नम: मंत्र का जाप करें। अंत में…

श्री अहोई अष्टमी व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| अहोई अष्टमी व्रत पूजा विधि || प्रातः जल्दी स्नान किया जाता हैं। इसमें दिन भर का निर्जला व्रत किया जाता हैं। शाम में सूरज ढलने के बाद अहोई अष्टमी की पूजा की जाती हैं। इसमें अहोई अष्टमी माता का चित्र बनाया जाता हैं और विधि विधान से उनका पूजन किया जाता हैं। चौक बनाया…

राधाकुण्ड और अहोई अष्टमी से जुड़ी कथा

|| अहोई अष्टमी और राधाकुण्ड से जुड़ी कथा || बहुत समय पहले झाँसी के निकट एक नगर में चन्द्रभान नामक एक साहूकार रहता था। उसकी पत्नी चन्द्रिका अत्यंत सुंदर, सर्वगुण सम्पन्न, सती-साध्वी, शीलवान और बुद्धिमान थी। उनके कई पुत्र-पुत्रियाँ थीं, लेकिन वे सभी वयस्क होने से पहले ही परलोक सिधार गए थे। संतान की मृत्यु…

श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत कथा

|| कृष्णा जन्माष्टमी व्रत कथा || द्वापर युग में जब पृथ्वी पाप तथा अत्याचारों से तपने लगी| तब वह गाय का रूप बनाकर सृष्टिकर्ता ब्रह्मा जी के पास गई| ब्रह्मा जी ने जब सभी देवताओं के साथ पृथ्वी जी की दुख भरी कथा सुनी तब सभी देवताओं ने ब्रह्मा जी से कहा यह तो अत्यंत…

श्री रोहिणी व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| रोहिणी व्रत कथा || प्राचीन कथा के अनुसार चंपापुरी राज्य में राजा माधवा, और रानी लक्ष्मीपति का राज्य था। उनके सात बेटे और एक बेटी थी। एक बार राजा ने बेटी रोहिणी के बारे में ज्योतिषी से जानकारी ली तो उसने बताया कि रोहिणी का विवाह हस्तिनापुर के राजकुमार अशोक के साथ होगा। इस…

Karwa Chauth Vrat Katha and Pooja Vidhi

।। Karwa Chauth Vrat Katha ।। There lived a woman who was raised and pampered by her seven brothers. After she attained marriageable age, her siblings got her married to a King. And as expected, she was treated like a queen at her marital home. Subsequently, on her first Karwa Chauth day, the woman visited…

ਕਰਵਾ ਚੌਥ ਵ੍ਰਤ ਕਥਾ ਪੂਜਾ ਵਿਧੀ

॥ ਕਰਵਾ ਚੌਥ ਵ੍ਰਤ ਕਥਾ ਪੂਜਾ ਵਿਧੀ ॥ ਇੱਕ ਬ੍ਰਾਹਮਣ ਦੇ ਸੱਤ ਪੁੱਤਰ ਅਤੇ ਇੱਕਲੌਤੀ ਧੀ ਸੀ ਜਿਸਦਾ ਨਾਮ ਵੀਰਾਵਤੀ ਸੀ। ਸੱਤ ਭਰਾਵਾਂ ਦੀ ਇਕਲੌਤੀ ਭੈਣ ਹੋਣ ਕਰਕੇ, ਵੀਰਾਵਤੀ ਸਾਰੇ ਭਰਾਵਾਂ ਦੀ ਪਿਆਰੀ ਸੀ ਅਤੇ ਸਾਰੇ ਭਰਾ ਉਸ ਨੂੰ ਆਪਣੀ ਜਾਨ ਤੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਪਿਆਰ ਕਰਦੇ ਸਨ. ਕੁਝ ਸਮੇਂ ਬਾਅਦ ਵੀਰਾਵਤੀ ਦਾ ਵਿਆਹ ਇੱਕ ਬ੍ਰਾਹਮਣ ਨੌਜਵਾਨ…

करवा चौथ व्रत कथा और पूजन विधि

|| करवा चौथ व्रत कथा || एक साहूकार के सात लड़के और एक लड़की थी। एक बार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सेठानी सहित उसकी सातों बहुएं और उसकी बेटी ने भी करवा चौथ का व्रत रखा। रात्रि के समय जब साहूकार के सभी लड़के भोजन करने बैठे तो उन्होंने अपनी…

अटला तड्डी व्रत कथा

|| अटला तड्डी व्रत कथा || एक राज्य में एक राजकुमारी थी जो अटला तड्डी नोमु व्रत का पालन कर रही थी। इस व्रत में, उसे पूरे दिन उपवास रखना होता था और केवल चाँद दिखने के बाद ही भोजन करना होता था। कुछ घंटों के उपवास के बाद, राजकुमारी बेहोश हो गई क्योंकि उसे…

भौम प्रदोष व्रत कथा और पूजा विधि

।। मंगल (भौम) प्रदोष व्रत कथा ।। एक नगर में एक वृद्धा निवास करती थी। उसके मंगलिया नामक एक पुत्र था। वृद्धा की हनुमान जी पर गहरी आस्था थी। वह प्रत्येक मंगलवार को नियमपूर्वक व्रत रखकर हनुमान जी की आराधना करती थी। उस दिन वह न तो घर लीपती थी और न ही मिट्टी खोदती…

शरद पूर्णिमा व्रत कथा एवं पूजन विधि

|| शरद पूर्णिमा व्रत कथा || एक साहूकार के दो पुत्रियां थी। दोनों पुत्रियां पूर्णिमा का व्रत रखती थी, परन्तु बड़ी पुत्री विधिपूर्वक पूरा व्रत करती थी जबकि छोटी पुत्री अधूरा व्रत ही किया करती थी। परिणामस्वरूप साहूकार के छोटी पुत्री की संतान पैदा होते ही मर जाती थी। उसने पंडितों से अपने संतानों के…

विजयादशमी की कथा (दशहरा व्रत कथा)

|| विजयादशमी की कथा (दशहरा व्रत कथा) || आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को ‘विजयादशमी’ कहा जाता है, और इसके नाम के पीछे कई पौराणिक और ज्योतिषीय कारण बताए गए हैं। इस दिन को ‘विजयादशमी’ कहे जाने का एक प्रमुख कारण देवी भगवती के ‘विजया’ नाम से जुड़ा हुआ है। इसके साथ…

विजयादशमीची कथा (दसरा व्रत कथा)

|| विजयादशमीची कथा (दसरा व्रत कथा) || आश्विन महिन्याच्या शुक्ल पक्षातील दशमी तिथीला ‘विजयादशमी’ असे म्हटले जाते, आणि यामागे अनेक पौराणिक आणि ज्योतिषशास्त्रीय कारणे सांगितली जातात. या दिवशी देवी भगवतीच्या ‘विजया’ या नावाशी संबंधित असलेल्या कारणामुळे या तिथीला ‘विजयादशमी’ असे म्हणतात. या दिवशी भगवान श्रीराम यांनी लंकेवर विजय मिळवला होता, त्यामुळेही याला विजयादशमी असे म्हटले…

విజయాదశమీ కీ కథా (దశహరా వ్రత కథా)

|| విజయాదశమీ కీ కథా (దశహరా వ్రత కథా) || ఆశ్విన మాస కీ శుక్ల పక్ష కీ దశమీ తిథి కో ‘విజయాదశమీ’ కహా జాతా హై, ఔర ఇసకే నామ కే పీఛే కఈ పౌరాణిక ఔర జ్యోతిషీయ కారణ బతాఏ గఏ హైం. ఇస దిన కో ‘విజయాదశమీ’ కహే జానే కా ఏక ప్రముఖ కారణ దేవీ భగవతీ కే ‘విజయా’ నామ సే జుడా హుఆ హై. ఇసకే సాథ…

விஜயாத³ஶமீ கீ கதா² (த³ஶஹரா வ்ரத கதா²)

|| விஜயாத³ஶமீ கீ கதா² (த³ஶஹரா வ்ரத கதா²) || ஆஶ்வின மாஸ கீ ஶுக்ல பக்ஷ கீ த³ஶமீ திதி² கோ ‘விஜயாத³ஶமீ’ கஹா ஜாதா ஹை, ஔர இஸகே நாம கே பீசே² கஈ பௌராணிக ஔர ஜ்யோதிஷீய காரண ப³தாஏ க³ஏ ஹைம்ʼ. இஸ தி³ன கோ ‘விஜயாத³ஶமீ’ கஹே ஜானே கா ஏக ப்ரமுக² காரண தே³வீ ப⁴க³வதீ கே ‘விஜயா’ நாம ஸே ஜுஃடா² ஹுஆ ஹை. இஸகே ஸாத²…

ವಿಜಯಾದಶಮೀ ಕೀ ಕಥಾ (ದಶಹರಾ ವ್ರತ ಕಥಾ)

|| ವಿಜಯಾದಶಮೀ ಕೀ ಕಥಾ (ದಶಹರಾ ವ್ರತ ಕಥಾ) || ಆಶ್ವಿನ ಮಾಸ ಕೀ ಶುಕ್ಲ ಪಕ್ಷ ಕೀ ದಶಮೀ ತಿಥಿ ಕೋ ‘ವಿಜಯಾದಶಮೀ’ ಕಹಾ ಜಾತಾ ಹೈ, ಔರ ಇಸಕೇ ನಾಮ ಕೇ ಪೀಛೇ ಕಈ ಪೌರಾಣಿಕ ಔರ ಜ್ಯೋತಿಷೀಯ ಕಾರಣ ಬತಾಏ ಗಏ ಹೈಂ. ಇಸ ದಿನ ಕೋ ‘ವಿಜಯಾದಶಮೀ’ ಕಹೇ ಜಾನೇ ಕಾ ಏಕ ಪ್ರಮುಖ ಕಾರಣ ದೇವೀ ಭಗವತೀ ಕೇ ‘ವಿಜಯಾ’ ನಾಮ ಸೇ ಜುಡ಼ಾ ಹುಆ ಹೈ. ಇಸಕೇ ಸಾಥ…

सिद्धिदात्री माता व्रत कथा पूजा विधि

।। सिद्धिदात्री माता कथा ।। मां दुर्गाजी की नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री हैं। ये सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली हैं। नवरात्रि-पूजन के नौवें दिन इनकी उपासना की जाती है। इस दिन शास्त्रीय विधि-विधान और पूर्ण निष्ठा के साथ साधना करने वाले साधक को सभी सिद्धियों की प्राप्ति हो जाती है। सृष्टि में…

महागौरी माता व्रत कथा पूजा विधि

।। महागौरी माता कथा ।। नवरात्रि में आठवें दिन महागौरी शक्ति की पूजा की जाती है। नाम से प्रकट है कि इनका रूप पूर्णतः गौर वर्ण है। इनकी उपमा शंख, चंद्र और कुंद के फूल से दी गई है। अष्टवर्षा भवेद् गौरी यानी इनकी आयु आठ साल की मानी गई है। इनके सभी आभूषण और…

मां काली की कथा

|| मां काली की कथा || हिंदू धर्म में मां काली का प्रमुख स्थान है काली का अर्थ है समय और काल ऐसा माना जाता है कि इनकी उत्पत्ति समय और काल पापियों के नाश के लिए हुई थी| समय और काल से कोई भी नहीं बच सकता यह सभी को निगल जाता है माता…

कालरात्रि माता व्रत कथा पूजा विधि

।। कालरात्रि माता व्रत कथा ।। जैसा कि नाम से अभिव्यक्त होता है कि मां दुर्गा की यह सातवीं शक्ति कालरात्रि के नाम से जानी जाती है अर्थात जिनके शरीर का रंग घने अंधकार की तरह एकदम काला है। नाम से ही जाहिर है कि इनका रूप भयानक है। सिर के बाल बिखरे हुए हैं…

पापांकुशा एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

॥ पापंकुशा एकादशी पूजा विधि ॥ सुबह जल्दी उठें, नहाएं और साफ कपड़े पहनें। भगवान पद्मनाभ की पूजा करें, पहले तिलक करें और फिर फूल, अगरबत्ती, प्रसाद आदि चढ़ाएं। मंत्रों का जाप करें, विष्णु पुराण और कथा का पाठ करें। भगवान विष्णु जी की आरती कर पूजा का समापन करें। ॥ पापांकुशा एकादशी व्रत कथा…

कात्यायनी माता व्रत कथा पूजा विधि

।। कात्यायनी माता कथा ।। कात्यायनी माता व्रत कथा का उल्लेख विशेष रूप से नवरात्रि के दौरान किया जाता है। कात्यायनी माता, माँ दुर्गा का छठा स्वरूप हैं, जिनकी उपासना से भक्तों को सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। यह व्रत मुख्य रूप से कुंवारी कन्याओं द्वारा अपने इच्छित वर की प्राप्ति के…

स्कंदमाता व्रत कथा और पूजा विधि

।। स्कंदमाता व्रत कथा ।। पहाड़ों पर रहकर सांसारिक जीवों में नवचेतना का निर्माण करने वालीं स्कंदमाता। नवरात्रि में पांचवें दिन इस देवी की पूजा-अर्चना की जाती है। कहते हैं कि इनकी कृपा से मूढ़ भी ज्ञानी हो जाता है। स्कंद कुमार कार्तिकेय की माता के कारण इन्हें स्कंदमाता नाम से अभिहित किया गया है।…

कुष्मांडा माता व्रत कथा और पूजा विधि

|| मां कुष्मांडा की पावन कथा || सनातन शास्त्रों में वर्णित है कि त्रिदेवों ने चिरकाल में सृष्टि की रचना करने की कल्पना की। उस समय समस्त ब्रह्मांड में घोर अंधेरा छाया हुआ था। न राग, न ध्वनि, केवल सन्नाटा था। त्रिदेवों ने जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा से सहायता ली। मां दुर्गा के चौथे…

चंद्रघंटा माता व्रत कथा पूजा विधि

।। चंद्रघंटा माता व्रत कथा ।। पुराणों में जिस कथा का जिक्र है उसके मुताबिक देव लोक में जब असुरों का आतंक अधिक बढ़ गया तब देवी दुर्गा ने मां चंद्रघंटा का अवतार लिया। उस वक्त महिषासुर असुरों का स्वामी था। ये दुत्कारी महिष देवराज इंद्र का सिंहासन पाना चाहता था। स्वर्गलोक पर राज करने…

ब्रह्मचारिणी माता व्रत कथा पूजा विधि

।। ब्रह्मचारिणी माता व्रत कथा ।। ब्रह्मचारिणी का अर्थ तप की चारिणी यानी तप का आचरण करने वाली। देवी का यह रूप पूर्ण ज्योतिर्मय और अत्यंत भव्य है। इस देवी के दाएं हाथ में जप की माला है और बाएं हाथ में यह कमण्डल धारण किए हैं। पूर्वजन्म में इस देवी ने हिमालय के घर…

शैलपुत्री माता व्रत कथा और पूजा विधि

।। शैलपुत्री माता व्रत कथा ।। मां दुर्गा को सर्वप्रथम शैलपुत्री के रूप में पूजा जाता है। हिमालय के वहां पुत्री के रूप में जन्म लेने के कारण उनका नामकरण हुआ शैलपुत्री। इनका वाहन वृषभ है, इसलिए यह देवी वृषारूढ़ा के नाम से भी जानी जाती हैं। इस देवी ने दाएं हाथ में त्रिशूल धारण…

सर्वपितृ अमावस्या पौराणिक कथा

|| सर्वपितृ अमावस्या पौराणिक कथा || श्राद्ध पक्ष में सर्वपितृ अमावस्या का विशेष महत्व है। इसे पितरों को विदा करने की अंतिम तिथि माना जाता है। यदि किसी कारणवश व्यक्ति श्राद्ध की निर्धारित तिथि पर श्राद्ध नहीं कर पाया हो या उसे तिथि ज्ञात न हो, तो सर्वपितृ अमावस्या पर श्राद्ध कर सकता है। इस…

सर्वपित्री अमावस्येची कथा

|| सर्वपित्री अमावस्येची कथा || श्राद्ध पक्षात सर्वपितृ अमावस्येला विशेष महत्त्व आहे. याला पितरांना विदा करण्याची शेवटची तारीख मानली जाते. जर एखाद्या व्यक्तीने कोणत्याही कारणास्तव श्राद्धाच्या ठरलेल्या दिवशी श्राद्ध करू शकले नाही किंवा त्याला ती तारीख माहीत नसेल, तर तो सर्वपितृ अमावस्येला श्राद्ध करू शकतो. या दिवसाच्या महत्त्वावर एक पुरातन पौराणिक कथा आधारित आहे. देवांचे…

ସର୍ୱପିତୃ ଅମାବସ୍ୟା ପୌରାଣିକ କଥା

|| ସର୍ୱପିତୃ ଅମାବସ୍ୟା ପୌରାଣିକ କଥା || ଶ୍ରାଦ୍ଧ ପକ୍ଷ ମେଂ ସର୍ୱପିତୃ ଅମାବସ୍ୟା କା ବିଶେଷ ମହତ୍ୱ ହୈ। ଇସେ ପିତରୋଂ କୋ ବିଦା କରନେ କୀ ଅନ୍ତିମ ତିଥି ମାନା ଜାତା ହୈ। ଯଦି କିସୀ କାରଣବଶ ବ୍ୟକ୍ତି ଶ୍ରାଦ୍ଧ କୀ ନିର୍ଧାରିତ ତିଥି ପର ଶ୍ରାଦ୍ଧ ନହୀଂ କର ପାୟା ହୋ ଯା ଉସେ ତିଥି ଜ୍ଞାତ ନ ହୋ, ତୋ ସର୍ୱପିତୃ ଅମାବସ୍ୟା ପର ଶ୍ରାଦ୍ଧ କର ସକତା ହୈ। ଇସ…

സർവപിതൃ അമാവസ്യാ പൗരാണിക കഥാ

|| സർവപിതൃ അമാവസ്യാ പൗരാണിക കഥാ || ശ്രാദ്ധ പക്ഷ മേം സർവപിതൃ അമാവസ്യാ കാ വിശേഷ മഹത്വ ഹൈ. ഇസേ പിതരോം കോ വിദാ കരനേ കീ അന്തിമ തിഥി മാനാ ജാതാ ഹൈ. യദി കിസീ കാരണവശ വ്യക്തി ശ്രാദ്ധ കീ നിർധാരിത തിഥി പര ശ്രാദ്ധ നഹീം കര പായാ ഹോ യാ ഉസേ തിഥി ജ്ഞാത ന ഹോ, തോ സർവപിതൃ അമാവസ്യാ പര ശ്രാദ്ധ കര സകതാ ഹൈ. ഇസ…

ಸರ್ವಪಿತೃ ಅಮಾವಸ್ಯಾ ಪೌರಾಣಿಕ ಕಥಾ

|| ಸರ್ವಪಿತೃ ಅಮಾವಸ್ಯಾ ಪೌರಾಣಿಕ ಕಥಾ || ಶ್ರಾದ್ಧ ಪಕ್ಷ ಮೇಂ ಸರ್ವಪಿತೃ ಅಮಾವಸ್ಯಾ ಕಾ ವಿಶೇಷ ಮಹತ್ವ ಹೈ. ಇಸೇ ಪಿತರೋಂ ಕೋ ವಿದಾ ಕರನೇ ಕೀ ಅಂತಿಮ ತಿಥಿ ಮಾನಾ ಜಾತಾ ಹೈ. ಯದಿ ಕಿಸೀ ಕಾರಣವಶ ವ್ಯಕ್ತಿ ಶ್ರಾದ್ಧ ಕೀ ನಿರ್ಧಾರಿತ ತಿಥಿ ಪರ ಶ್ರಾದ್ಧ ನಹೀಂ ಕರ ಪಾಯಾ ಹೋ ಯಾ ಉಸೇ ತಿಥಿ ಜ್ಞಾತ ನ ಹೋ, ತೋ ಸರ್ವಪಿತೃ ಅಮಾವಸ್ಯಾ ಪರ ಶ್ರಾದ್ಧ ಕರ ಸಕತಾ ಹೈ. ಇಸ…

ஸர்வபித்ருʼ அமாவஸ்யா பௌராணிக கதா²

|| ஸர்வபித்ருʼ அமாவஸ்யா பௌராணிக கதா² || ஶ்ராத்³த⁴ பக்ஷ மேம்ʼ ஸர்வபித்ருʼ அமாவஸ்யா கா விஶேஷ மஹத்வ ஹை. இஸே பிதரோம்ʼ கோ விதா³ கரனே கீ அந்திம திதி² மானா ஜாதா ஹை. யதி³ கிஸீ காரணவஶ வ்யக்தி ஶ்ராத்³த⁴ கீ நிர்தா⁴ரித திதி² பர ஶ்ராத்³த⁴ நஹீம்ʼ கர பாயா ஹோ யா உஸே திதி² ஜ்ஞாத ந ஹோ, தோ ஸர்வபித்ருʼ அமாவஸ்யா பர ஶ்ராத்³த⁴ கர ஸகதா ஹை. இஸ…

సర్వపితృ అమావస్యా పౌరాణిక కథా

|| సర్వపితృ అమావస్యా పౌరాణిక కథా || శ్రాద్ధ పక్ష మేం సర్వపితృ అమావస్యా కా విశేష మహత్వ హై. ఇసే పితరోం కో విదా కరనే కీ అంతిమ తిథి మానా జాతా హై. యది కిసీ కారణవశ వ్యక్తి శ్రాద్ధ కీ నిర్ధారిత తిథి పర శ్రాద్ధ నహీం కర పాయా హో యా ఉసే తిథి జ్ఞాత న హో, తో సర్వపితృ అమావస్యా పర శ్రాద్ధ కర సకతా హై. ఇస…

इंदिरा एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

॥ इंदिरा एकादशी व्रत कथा ॥ प्राचीनकाल में सतयुग के समय में महिष्मति नाम की एक नगरी में इंद्रसेन नाम का एक प्रतापी राजा धर्मपूर्वक अपनी प्रजा का पालन करते हुए शासन करता था। वह राजा पुत्र, पौत्र और धन आदि से संपन्न और विष्णु का परम भक्त था। एक दिन जब राजा सुखपूर्वक अपनी…

जीवित्पुत्रिका व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| जीवित्पुत्रिका पूजा व‍िध‍ि || जीवित्पुत्रिका व्रत के पहले दिन महिलाएं सुबह जल्दी उठकर, सूर्योदय से पहले स्नान करती हैं और फिर पूजा करती हैं। इसके बाद वे एक बार भोजन करती हैं। दूसरे दिन सुबह फिर से स्नान करने के बाद महिलाएं पूजा करती हैं और पूरा दिन बिना पानी पिए यानी निर्जला व्रत…

जितिया व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| जितिया व्रत की पूजा व‍िध‍ि || जितिया व्रत के पहले दिन महिलाएं सूर्योदय से पहले जागकर स्‍नान करके पूजा करती हैं और फिर एक बार भोजन ग्रहण करती हैं और उसके बाद पूरा दिन निर्जला व्रत रखती हैं। इसके बाद दूसरे दिन सुबह-सवेरे स्‍नान के बाद महिलाएं पूजा-पाठ करती हैं और फिर पूरा दिन…

त्रिस्पृशा एकादशी महायोग कथा (पूजा विधि)

।। त्रिस्पृशा एकादशी महायोग कथा ।। पद्म पुराण के अनुसार देवर्षि नारदजी ने भगवान शिवजी से पूछा: सर्वेश्वर! आप त्रिस्पृशा नामक व्रत का वर्णन कीजिये, जिसे सुनकर लोग कर्मबंधन से मुक्त हो जाते हैं। महादेवजी बोले: विद्वान्! देवाधिदेव भगवान ने मोक्षप्राप्ति के लिए इस व्रत की सृष्टि की है, इसीलिए इसे वैष्णवी तिथि कहते हैं।…

महालया पूजा की पौरणिक कथा

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, महालया पितृ पक्ष के अंतिम दिन मनाया जाता है। इस दिन, पितरों को श्रद्धांजलि देने के बाद, देवी दुर्गा की पूजा की शुरुआत होती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब असुरों का उत्पात बढ़ गया था, तब देवताओं ने देवी दुर्गा की रचना की थी। महालया के दिन, देवी दुर्गा अपनी…

महालक्ष्मी व्रत कथा और पूजा विधि

|| महालक्ष्मी व्रत पूजा विधि || सबसे पहले एक चौकी पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना करें। ध्यान रखें की मूर्ति का मुख पूर्व या पश्चिम दिशा में रखें। इसके बाद थोड़ा से चावल डालकर लक्ष्मी जी के पास कलश की स्थापना करें। कलश के ऊपर एक नारियल में कपड़ा बांधकर…

(विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी) आश्विन संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा

|| आश्विन संकष्टी गणेश (विघ्नराज) चतुर्थी व्रत कथा || आश्विन मास की संकष्टी चतुर्थी को श्रीकृष्ण और बाणासुर की कथा इस प्रकार है: एक समय की बात है, बाणासुर की कन्या उषा ने सुषुप्तावस्था में अनिरुद्ध का स्वप्न देखा। अनिरुद्ध के विरह से वह इतनी अभिलाषी हो गई कि उसके चित को किसी भी प्रकार से…

ललिता पंचमी व्रत कथा

|| ललिता पंचमी व्रत कथा || शारदीय नवरात्रि के समय, आश्विन शुक्ल पंचमी को ललिता पंचमी का पर्व मनाया जाता है। यह पर्व देवी ललिता को समर्पित है, जो माता सती पार्वती का ही एक रूप मानी जाती हैं। इस दिन भक्त ललिता पंचमी व्रत रखते हैं। देवी ललिता को ‘त्रिपुर सुंदरी’ भी कहा जाता…

ಪಿತೃ ತರ್ಪಣ ವಿಧಾನ

॥ ಪಿತೃ ತರ್ಪಣಮ್ ॥ ಶುಚಿಃ – ಅಪವಿತ್ರಃ ಪವಿತ್ರೋವಾ ಸರ್ವಾವಸ್ಥಾಂ ಗತೋಽಪಿ ವಾ । ಯಃ ಸ್ಮರೇತ್ ಪುಣ್ಡರೀಕಾಕ್ಷಂ ಸ ಬಾಹ್ಯಾಭ್ಯನ್ತರಃ ಶುಚಿಃ ॥ ಪುಣ್ಡರೀಕಾಕ್ಷ ಪುಣ್ಡರೀಕಾಕ್ಷ ಪುಣ್ಡರೀಕಾಕ್ಷ ॥ ಪ್ರಾರ್ಥನಾ – ಶುಕ್ಲಾಮ್ಬರಧರಂ ವಿಷ್ಣುಂ ಶಶಿವರ್ಣಂ ಚತುರ್ಭುಜಮ್ । ಪ್ರಸನ್ನವದನಂ ಧ್ಯಾಯೇತ್ ಸರ್ವ ವಿಘ್ನೋಪಶಾನ್ತಯೇ ॥ ವಕ್ರತುಣ್ಡ ಮಹಾಕಾಯ ಕೋಟಿಸೂರ್ಯಸಮಪ್ರಭ । ನಿರ್ವಿಘ್ನಂ ಕುರು ಮೇ ದೇವ ಸರ್ವಕಾರ್ಯೇಷು ಸರ್ವದಾ ॥ ಓಂ ಶ್ರೀ ಮಹಾಗಣಾಧಿಪತಯೇ ನಮಃ । ಆಚಮ್ಯ – ಓಂ ಕೇಶವಾಯ…

भाद्रपद संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा

|| भाद्रपद संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा || पूर्वकाल में राजाओं में श्रेष्ठ राजा नल थे, और उनकी रूपवती रानी का नाम दमयन्ती था। शापवश राजा नल को राज्य खोना पड़ा और रानी के वियोग से कष्ट सहना पड़ा। तब दमयन्ती ने इस व्रत के प्रभाव से अपने पति को पुनः प्राप्त किया। राजा नल…

श्री गणेश व्रत कथा

|| श्री गणेश जी पूजन विधि || भगवान श्री गणेश जी की पूजन में वेद मंत्र का उच्चारण किया जाता है। पर जिन्हें वेद मंत्र न आता हो, वो नाम – मंत्रों से भी पूजन कर सकते है। सबसे पहले आप स्नान करले और उसके पश्चात अपने पास पूजा सम्बंधित समस्त सामग्री रख लें फिर…

अनंत चतुर्दशी व्रत कथा और पूजा विधि

।। अनंत चतुर्दशी पूजा विधि ।। इस दिन प्रातःकाल स्नान के बाद पूजा स्थल पर कलश स्थापित करें। इसके बाद कलश पर भगवान विष्णु की तस्वीर भी लगाएं। एक धागे को कुमकुम, केसर और हल्दी से रंगकर अनंत सूत्र बनाएं, इसमें 14 गांठें लगी होनी चाहिए। इस सूत्रो भगवान विष्णु की तस्वीर के सामने रखें।…

भगवान श्री विश्वकर्मा की कथा

|| भगवान श्री विश्वकर्मा की कथा || पहला अध्याय कई ऋषि एक दिन धर्मक्षेत्र में इकट्ठे हुए और उन्होंने सूत जी से पूछा, “हे महात्मा, आप हमें यह बताइए कि विष्णु के कई रूपों में से कौन सा सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण है?” सूत जी बोले, “हे ऋषियो, आपने बहुत अच्छा सवाल पूछा है, जो…

परिवर्तिनी एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

।। परिवर्तिनी एकादशी पूजा विधि ।। सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें। भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें। भगवान की आरती करें। अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें। भगवान को भोग लगाएं। इस…

श्री राधा अष्टमी व्रत कथा

|| राधा अष्टमी महत्व || राधा अष्टमी का सनातन धर्म में बहुत महत्व है। इस दिन राधा रानी की पूजा की जाती है और व्रत किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि राधा अष्टमी का व्रत करने से साधक कभी भी धन की कोई कमी नहीं होती है। जो भी राधा अष्टमी का व्रत निष्ठा…