मेरी सुनकर करुण पुकार भवानी आएगी – भजन

॥मेरी सुनकर करुण पुकार भवानी आएगी – भजन॥ मेरी सुनकर करुण पुकार, भवानी आएगी, आएगी माँ आएगी, अपना मुझे बनाएगी, मुझे पूरा है विश्वास, भवानी आएगी, मेरी सुनकर करुंण पुकार, भवानी आएगी ॥ जितना भी बेहाल रहूं मैं, क्यों दूजे के हाल कहूँ मैं, बरसेगी प्रेम फुहार, भवानी आएगी, मेरी सुनकर करुंण पुकार, भवानी आएगी…

ऐ मालिक तेरे बंदे हम – प्रार्थना

॥ऐ मालिक तेरे बंदे हम – प्रार्थना॥ ऐ मालिक तेरे बंदे हम, ऐसे हो हमारे करम नेकी पर चले और बदी से टले, ताकी हँसते हुये निकले दम। ये अंधेरा घना छा रहा, तेरा इन्सान घबरा रहा हो रहा बेख़बर, कुछ ना आता नज़र, सुख का सूरज छुपा जा रहा है तेरी रोशनी में वो…

राशियों के मंत्र

||राशियों के मंत्र|| मेष राशि मंत्र ॐ ऎं क्लीं सौः | Om Aing Kleeng Sauh | वृषभ राशि मंत्र ॐ ह्रीं क्लीं श्रीं | Om Hreeng Kleeng Shreeng | मिथुन राशि मंत्र ॐ श्रीं ऎं सौः | Om Shreeng Aing Sauh | कर्क राशि मंत्र ॐ ऎं क्लीं श्रीं | Om Aing Kleeng Shreeng |…

राशियों के इष्टदेव के मंत्र

||राशियों के इष्टदेव मंत्र|| Mesha (Aries) ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मी नारायणाभ्यां नमः ।। Om Hirng Shring Lakshmi Narayanabhyam Namah|| Vrishabha (Taurus) ॐ गोपालाय उत्तरध्वजाय नमः ।। Om Gopalay Utterdhvajay Namah || Mithuna (Gemini) ॐ क्लीं कृष्णाय नमः ।। Om Kling Krishnay Namah|| Karka (Cancer) ॐ हिरण्यगर्भाय अव्यक्तरुपिणे नमः ।। Om HiranyaGarbhay Avyaktrupine Namah || Singh…

राम नाम के साबुन से जो – भजन

॥राम नाम के साबुन से जो – भजन॥ राम नाम के साबुन से जो, मन का मेल भगाएगा, निर्मल मन के दर्पण में तू, राम के दर्शन पाएगा ॥ रोम रोम में राम है तेरे, वो तो तुझसे दूर नही, देख सके न आंखे उनको, उन आंखों में नूर नही, देखेगा तू मन मंदिर में,…

कुबेर मंत्र

॥कुबेर मंत्र॥ ॐ यक्ष कुबेर मंत्र ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥ धन प्राप्ति के लिए कुबेर मंत्र ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः॥ कुबेर अष्टलक्ष्मी धन प्राप्ति मंत्र ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥ कुबेर मंत्र जाप ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय…

श्री वाराही सहस्त्रनाम

।।श्री वाराही सहस्त्रनाम।। ॐ ऐं ग्लौं वाराह्यै नमः । ॐ ऐं ग्लौं वामन्यै नमः । ॐ ऐं ग्लौं वामायै नमः । ॐ ऐं ग्लौं बगळायै नमः । ॐ ऐं ग्लौं वासव्यै नमः । ॐ ऐं ग्लौं वसवे नमः । ॐ ऐं ग्लौं वैदेह्यै नमः । ॐ ऐं ग्लौं विरसुवे नमः । ॐ ऐं ग्लौं बालायै…

मंगल चंडिका स्तोत्रम् लाभ सहित

॥श्री मंगल चंडिका स्तोत्रम् के लाभ॥ श्री मंगल चंडिका स्तोत्रम् का पाठ करने से हर दुःख दर्द दूर होता है सावन महीने के मंगलवार के दिन श्री मंगल चंडिका स्तोत्रम का पाठ करना शुभ माना जाता है सावन में मगल चंडिका माता जी का व्रत और पूजन करने से सुहागिनों को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति…

लांगुलास्त्र शत्रुजन्य हनुमत स्तोत्र

।।लांगुलास्त्र शत्रुजन्य हनुमत स्तोत्र।। हनुमन्नञ्जनीसूनो महाबलपराक्रम। लोलल्लांगूलपातेन ममाऽतरीन् निपातय ।। मर्कटाधिप मार्तण्ड मण्डल-ग्रास-कारक। लोलल्लांगूलपातेन ममाऽतरीन् निपातय ।। अक्षक्षपणपिङ्गाक्षक्षितिजाशुग्क्षयङ्र। लोलल्लांगूलपातेन ममाऽतरीन् निपातय ।। रुद्रावतार संसार-दुःख-भारापहारक। लोलल्लांगूलपातेन ममाऽतरीन् निपातय ।। श्रीराम-चरणाम्भोज-मधुपायितमानस। लोलल्लांगूलपातेन ममाऽतरीन् निपातय ।। बालिप्रथमक्रान्त सुग्रीवोन्मोचनप्रभो। लोलल्लांगूलपातेन ममाऽतरीन् निपातय ।। सीता-विरह-वारीश-मग्न-सीतेश-तारक। लोलल्लांगूलपातेन ममाऽतरीन् निपातय ।। रक्षोराज-तापाग्नि-दह्यमान-जगद्वन। लोलल्लांगूलपातेन ममाऽतरीन् निपातय ।। ग्रस्ताऽशैजगत्-स्वास्थ्य-राक्षसाम्भोधिमन्दर। लोलल्लांगूलपातेन ममाऽतरीन् निपातय ।। पुच्छ-गुच्छ-स्फुरद्वीर-जगद्-दग्धारिपत्तन।…

लक्ष्मी नरसिंह करावलंबा स्तोत्रम लाभ सहित

॥श्री लक्ष्मी नरसिंह करावलंबा स्तोत्रम के लाभ॥ नरसिंह मंत्रों का जाप करने का लाभ सभी प्रकार के भय और चिंताओं को दूर करना है। ये मंत्र सूक्ष्म तरीके से काम करता हैं और जाप करने वाले को साहस, आत्मविश्वास, विश्वास और निडरता देता है | शत्रुओं को वश में करने में मदद करता है और…

श्री महागणेश पंचरत्न स्तोत्र

॥श्री महागणेश पंचरत्न स्तोत्र ॥ सरागलोकदुर्लभं विरागिलोकपूजितं, सुरासुरैर्नमस्कृतं जरापमृत्युनाशकम् । गिरागुरुं श्रियाहरिं जयन्ति यत्पदार्चकाः, नमामि तं गणाधिपं कृपापयःपयोनिधिम् ॥ गिरीन्द्रजामुखांबुज-प्रमोददान-भास्करं, करीन्द्रवक्त्र-मानताघसंघ-वारणोद्यतम् । सरीसृपेश-बद्धकुक्षि-माश्रयामि संततं, शरीरकान्ति-निर्जिताब्जबन्धु-बालसंततिम् ॥ शुकादिमौनिवन्दितं गकारवाच्यमक्षरं, प्रकाममिष्टदायिनं सकामनम्रपंक्तये । चकासतं चतुर्भुजैः विकासपद्म पूजितं, प्रकाशितात्मतत्वकं नमाम्यहं गणाधिपम् ॥ नराधिपत्वदायकं स्वरादिलोकदायकं, ज्वरादिरोगवारकं निराकृतासुरव्रजम् । करांबुजोल्लसत्सृणिं विकारशून्यमानसैः, हृदा सदा विभावितं मुदा नमामि विघ्नपम् ॥ श्रमापनोदनक्षमं समाहितान्तरात्मनां,…

श्री हनुमत पञ्चरत्नं स्तोत्र

॥श्री हनुमत पञ्चरत्नं स्तोत्र॥ वीताखिल-विषयेच्छं जातानन्दाश्र पुलकमत्यच्छम् । सीतापति दूताद्यं वातात्मजमद्य भावये हृद्यम् ॥ तरुणारुण मुख-कमलं करुणा-रसपूर-पूरितापाङ्गम् । सञ्जीवनमाशासे मञ्जुल- महिमानमञ्जना-भाग्यम ॥ शम्बरवैरि-शरातिगमम्बुजदल- विपुल-लोचनोदारम् । कम्बुगलमनिलदिष्टम् बिम्ब- ज्वलितोष्ठमेकमवलम्बे ॥ दूरीकृत-सीतार्तिः प्रकटीकृत- रामवैभव-स्फूर्ति । दारित-दशमुख-कीर्तिः पुरतो मम भातु हनुमतो मूर्तिः ॥ वानर-निकराध्यक्षं दानवकुल- कुमुद-रविकर-सदृशम् । दीन-जनावन-दीक्षं पवन तपः पाकपुञ्जमद्राक्षम् ॥ एतत्-पवन-सुतस्य स्तोत्रं यः पठति पञ्चरत्नाख्यम् ।…

श्री मंगल चंडिका स्तोत्रम्

॥श्री मंगल चंडिका स्तोत्रम्॥ ॥ध्यान॥ “ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं सर्वपूज्ये देवी मङ्गलचण्डिके । ऐं क्रूं फट् स्वाहेत्येवं चाप्येकविन्शाक्षरो मनुः ॥ पूज्यः कल्पतरुश्चैव भक्तानां सर्वकामदः । दशलक्षजपेनैव मन्त्रसिद्धिर्भवेन्नृणाम् ॥ मन्त्रसिद्धिर्भवेद् यस्य स विष्णुः सर्वकामदः । ध्यानं च श्रूयतां ब्रह्मन् वेदोक्तं सर्व सम्मतम् ॥ देवीं षोडशवर्षीयां शश्वत्सुस्थिरयौवनाम् । सर्वरूपगुणाढ्यां च कोमलाङ्गीं मनोहराम् ॥ श्वेतचम्पकवर्णाभां चन्द्रकोटिसमप्रभाम् । वन्हिशुद्धांशुकाधानां…

मीनाक्षी पञ्चरत्नम् स्तोत्रम

॥मीनाक्षी पञ्चरत्नम् स्तोत्रम॥ उद्यद्भानुसहस्रकॊटिसदृशां कॆयूरहारॊज्ज्वलां बिम्बॊष्ठीं स्मितदन्तपङ्क्तिरुचिरां पीताम्बरालङ्कृताम् । विष्णुब्रह्मसुरॆन्द्रसॆवितपदां तत्वस्वरूपां शिवां मीनाक्षीं प्रणतॊस्मि सन्ततमहं कारुण्य वारांनिधिम् ॥ मुक्ताहारलसत्किरीटरुचिरां पूर्णॆन्दुवक्त्रप्रभां शिञ्जन्नूपुरकिङ्किणीमणिधरां पद्मप्रभाभासुराम् । सर्वाभीष्टफलप्रदां गिरिसुतां वाणीरमासॆवितां मीनाक्षीं प्रणतॊस्मि सन्ततमहं कारुण्य वारांनिधिम् ॥ श्रीविद्यां शिववामभागनिलयां ह्रीङ्कारमन्त्रॊज्ज्वलां श्रीचक्राङ्कितबिन्दुमध्यवसतिं श्रीमत्सभानायिकाम् । श्रीमत्षण्मुखविघ्नराजजननीं श्रीमज्जगन्मॊहिनीं मीनाक्षीं प्रणतॊस्मि सन्ततमहं कारुण्य वारांनिधिम् ॥ श्रीमत्सुन्दरनायिकां भयहरां ज्ञानाप्रदां निर्मलां श्यामाभां कमलासनार्चितपदां नारायणस्यानुजाम् । वीणावॆणुमृदङ्गवाद्यरसिकां…

श्री ललिता पञ्चरत्नं स्तोत्र

॥श्री ललिता पञ्चरत्नं स्तोत्र॥ प्रातः स्मरामि ललितावदनारविन्दं बिम्बाधरं पृथुलमौक्तिकशोभिनासम् । आकर्णदीर्घनयनं मणिकुण्डलाढ्यं मन्दस्मितं मृगमदोज्ज्वलफालदेशम् ॥ प्रातर्भजामि ललिताभुजकल्पवल्लीं रक्ताङ्गुलीयलसदङ्गुलिपल्लवाढ्याम् । माणिक्यहेमवलयाङ्गदशोभमानां पुण्ड्रेक्षुचापकुसुमेषुसृणीर्दधानाम् ॥ प्रातर्नमामि ललिताचरणारविन्दं भक्तेष्टदाननिरतं भवसिन्धुपोतम् । पद्मासनादिसुरनायकपूजनीयं पद्माङ्कुशध्वजसुदर्शनलाञ्छनाढ्यम् ॥ प्रातः स्तुवे परशिवां ललितां भवानीं त्रय्यन्तवेद्यविभवां करुणानवद्याम् । विश्वस्य सृष्टिविलयस्थितिहेतुभूतां विद्येश्वरीं निगमवाङ्मनसातिदूराम् ॥ प्रातर्वदामि ललिते तव पुण्यनाम कामेश्वरीति कमलेति महेश्वरीति । श्रीशाम्भवीति जगतां जननी परेति…

श्री लक्ष्मी नरसिंह करावलंबा स्तोत्रम

॥श्री लक्ष्मी नरसिंह करावलंबा स्तोत्रम॥ श्रीमत्पयॊनिधिनिकॆतन चक्रपाणॆ भॊगीन्द्रभॊगमणिराजित पुण्यमूर्तॆ । यॊगीश शाश्वत शरण्य भवाब्धिपॊत लक्ष्मीनृसिंह मम दॆहि करावलम्बम् ॥ ब्रह्मॆन्द्ररुद्रमरुदर्ककिरीटकॊटि सङ्घट्टिताङ्घ्रिकमलामलकान्तिकान्त । लक्ष्मीलसत्कुचसरॊरुहराजहंस लक्ष्मीनृसिंह मम दॆहि करावलम्बम् ॥ संसारदावदहनाकरभीकरॊरु- ज्वालावलीभिरतिदग्धतनूरुहस्य । त्वत्पादपद्मसरसीरुहमागतस्य लक्ष्मीनृसिंह मम दॆहि करावलम्बम् ॥ संसारजालपतिततस्य जगन्निवास सर्वॆन्द्रियार्थ बडिशाग्र झषॊपमस्य । प्रॊत्कम्पित प्रचुरतालुक मस्तकस्य लक्ष्मीनृसिंह मम दॆहि करावलम्बम् ॥ संसारकूमपतिघॊरमगाधमूलं सम्प्राप्य दुःखशतसर्पसमाकुलस्य ।…

दशा मुझ दीन की भगवन – भजन

||दशा मुझ दीन की भगवन|| || दोहा || कन्हैया को एक रोज रोकर पुकारा, कहा उनसे जैसा हूँ अब हूँ तुम्हारा, वो बोले की साधन किया तूने क्या है, मैं बोला किसे तूने साधन से तारा, वो बोले परेशां हूँ तेरी बहस से, मैं बोला की कहदो तू जीता मैं हारा, मैं बोला की कहदो…

शिव का डमरू डम डम बाजे – भजन

॥शिव का डमरू डम डम बाजे – भजन॥ शिव का डमरू डम डम बाजे, टोली कावड़ियों की नाचे, कावड़ियों की नाचे, टोली कावड़ियों की नाचे, शिव का डमरू डम डम बाजें, टोली कावड़ियों की नाचे ॥ कोई पहने पीले वस्त्र, कोई पहने लाल, दाढ़ी मूछें बड़ी हुई हैं, रूखे सूखे बाल, शिव भोले को चले…

नृसिंह अवतरण पौराणिक कथा

।।नृसिंह अवतरण पौराणिक कथा।। पौराणिक कथा के अनुसार, हिरण्यकश्यप को ब्रह्माजी से वरदान प्राप्त था कि वह न तो किसी मनुष्य द्वारा मारा जा सके न ही किसी पशु द्वारा। न दिन में मारा जा सके, न रात में, न जमींन पर मारा जा सके, न आसमान में। इस वरदान के नशे में आकर उसके…

श्री ललिता सहस्रनामावली

॥श्री ललिता सहस्रनामावली॥ ॥ ध्यानम् ॥ सिन्दूरारुणविग्रहां त्रिनयनां माणिक्यमौलिस्फुरत् तारानायकशेखरां स्मितमुखीमापीनवक्षोरुहाम् । पाणिभ्यामलिपूर्णरत्नचषकं रक्तोत्पलं बिभ्रतीं सौम्यां रत्नघटस्थरक्तचरणां ध्यायेत्परामम्बिकाम् ॥ अरुणां करुणातरङ्गिताक्षीं धृतपाशाङ्कुशपुष्पबाणचापाम् । अणिमादिभिरावृतां मयूखैरहमित्येव विभावये भवानीम् ॥ ध्यायेत् पद्मासनस्थां विकसितवदनां पद्मपत्रायताक्षीं हेमाभां पीतवस्त्रां करकलितलसद्धेमपद्मां वराङ्गीम् । सर्वालङ्कारयुक्तां सततमभयदां भक्तनम्रां भवानीं श्रीविद्यां शान्तमूर्तिं सकलसुरनुतां सर्वसम्पत्प्रदात्रीम् ॥ सकुङ्कुमविलेपनामलिकचुम्बिकस्तूरिकां समन्दहसितेक्षणां सशरचापपाशाङ्कुशाम् । अशेषजनमोहिनीमरुणमाल्यभूषाम्बरां जपाकुसुमभासुरां जपविधौ स्मरेदम्बिकाम् ॥…

हे जग त्राता विश्व विधाता – प्रार्थना

।।हे जग त्राता विश्व विधाता – प्रार्थना।। हे जग त्राता विश्व विधाता, हे सुख शांति निकेतन हे। प्रेम के सिन्धु, दीन के बन्धु, दु:ख दारिद्र विनाशन हे । हे जग त्राता विश्व विधाता, हे सुख शांति निकेतन हे । हे जग त्राता विश्व विधाता, हे सुख शांति निकेतन हे। नित्य अखंड अनंन्त अनादि, पूरण ब्रह्म…

सीता अवतरण पौराणिक कथा

।।सीता अवतरण पौराणिक कथा।। पौराणिक कथा के अनुसार मारवाड़ क्षेत्र में एक वेदवादी श्रेष्ठ धर्मधुरीण ब्राह्मण निवास करते थे। उनका नाम देवदत्त था। उन ब्राह्मण की बड़ी सुंदर रूपगर्विता पत्नी थी, उसका नाम शोभना था। ब्राह्मण देवता जीविका के लिए अपने ग्राम से अन्य किसी ग्राम में भिक्षाटन के लिए गए हुए थे। इधर ब्राह्मणी…

देख लिया संसार हमने देख लिया – भजन

।।देख लिया संसार हमने देख लिया – भजन।। देख लिया संसार हमने देख लिया, सब मतलब के यार हमने देख लिया । तन निरोग धन जेब में जब तक, मन से सेवा करोगे जब तक मानेगा परिवार हमने देख लिया, देख लिया संसार हमने देख लिया । देख लिया संसार हमने देख लिया । जिस…

जानकी नाथ सहाय करें – भजन

॥जानकी नाथ सहाय करें – भजन॥ जानकी नाथ सहाय करें जानकी नाथ सहाय करें, जब कौन बिगाड़ करे नर तेरो सुरज मंगल सोम भृगु सुत बुध और गुरु वरदायक तेरो राहु केतु की नाहिं गम्यता, संग शनीचर होत हुचेरो जानकी नाथ सहाय करें.. दुष्ट दु:शासन विमल द्रौपदी, चीर उतार कुमंतर प्रेरो ताकी सहाय करी करुणानिधि,…

तरस रही है तेरे दरस को – भजन

॥तरस रही है तेरे दरस को – भजन॥ तरस रही है तेरे दरस को, कबसे मेरी नजरिया माँ, कबसे मेरी नजरिया, ओ शेरावाली ओ जोतावाली, अब तो ले ले खबरिया, तरस रही हैं तेरे दरस को, कबसे मेरी नजरिया ॥ तेरे दर जो आए सवाली, भर दी झोली जाए ना खाली, आओ माँ मेरे सर…

श्री महासरस्वती सहस्रनाम स्तोत्र

॥श्री महासरस्वती सहस्रनाम स्तोत्र॥ ध्यानम् श्रीमच्चन्दनचर्चितोज्ज्वलवपुः शुक्लाम्बरा मल्लिका- मालालालित कुन्तला प्रविलसन्मुक्तावलीशोभना। सर्वज्ञाननिधानपुस्तकधरा रुद्राक्षमालाङ्किता वाग्देवी वदनाम्बुजे वसतु मे त्रैलोक्यमाता शुभा॥ श्रीनारद उवाच – भगवन्परमेशान सर्वलोकैकनायक। कथं सरस्वती साक्षात्प्रसन्ना परमेष्ठिनः॥ कथं देव्या महावाण्याः सतत्प्राप सुदुर्लभम्। एतन्मे वद तत्वेन महायोगीश्वरप्रभो॥ श्रीसनत्कुमार उवाच – साधु पृष्टं त्वया ब्रह्मन् गुह्याद्गुह्य मनुत्तमम्। भयानुगोपितं यत्नादिदानीं सत्प्रकाश्यते॥ पुरा पितामहं दृष्ट्वा जगत्स्थावरजङ्गमम्। निर्विकारं निराभासं…

नंदभवन में उड़ रही धूल – भजन

॥नंदभवन में उड़ रही धूल – भजन॥ नंदभवन में उड़ रही धूल, धूल मोहे प्यारी लगे ॥ उड़ उड़ धूल मेरे माथे पे आवे, उड़ उड़ धूल मेरे माथे पे आवे, मैंने तिलक लगाए भरपूर, धूल मोहे प्यारी लगे, नँदभवन में उड़ रही धूल, धूल मोहे प्यारी लगे ॥ उड़ उड़ धूल मेरे नैनन पे…

तारा है सारा जमाना, श्याम हम को भी तारो – भजन

॥तारा है सारा जमाना, श्याम हम को भी तारो – भजन॥ तारा है सारा जमाना, श्याम हम को भी तारो । हम को भी तारो, श्याम हम को भी तारो ॥ हम ने सुना है, श्याम मीरा को तारा, वीणा का करके बहाना, श्याम हम भी तारो । तारा है सारा जमाना, श्याम हम को…

श्री गोपाल सहस्त्रनाम स्त्रोत पाठ विधि व लाभ

।।श्री गोपाल सहस्त्रनाम स्तोत्रम् का पाठ कैसे करे।। हिन्दू धरम शास्त्रों के अनुसार सुबह जल्दी स्नान करके भगवान् श्री कृष्णा की तस्वीर या मूर्ति के सामने श्री गोपाल सहस्त्रनाम स्तोत्रम् का पाठ करे। सर्व प्रथम भगवान् श्री कृष्णा का आवाहन करें और भगवान् श्री कृष्णा को सर्व प्रथम आसन अर्पित करें। तत्पश्चात पैर धोने के…

श्री विष्णु सहस्रनाम स्तोत्रम पाठ

।। श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र ।। ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम: ॐ विश्वं विष्णु: वषट्कारो भूत-भव्य-भवत-प्रभुः । भूत-कृत भूत-भृत भावो भूतात्मा भूतभावनः ।। पूतात्मा परमात्मा च मुक्तानां परमं गतिः। अव्ययः पुरुष साक्षी क्षेत्रज्ञो अक्षर एव च ।। योगो योग-विदां नेता प्रधान-पुरुषेश्वरः । नारसिंह-वपुः श्रीमान केशवः पुरुषोत्तमः ।। सर्वः शर्वः शिवः स्थाणु: भूतादि: निधि: अव्ययः ।…

पर्वत से उतर कर माँ, मेरे घर आ जाना – भजन

॥पर्वत से उतर कर माँ, मेरे घर आ जाना – भजन॥ पर्वत से उतर कर माँ, मेरे घर आ जाना, मैं भी भगत तेरा, मेरा मान बढ़ा जाना ॥ मैया तेरे बेटे को, तेरा ही सहारा है, जब जब कष्ट पड़ा, मैंने तुम्हे ही पुकारा है, अब देर करो ना मेरी माँ, दौड़ी दौड़ी आ…

श्री गोपाल सहस्त्रनाम स्तोत्र

।।श्री गोपाल सहस्त्रनाम स्तोत्र।। ।। अथ ध्यानम ।। कस्तूरीतिलकं ललाटपटले वक्ष:स्थले कौस्तुभं नासाग्रे वरमौत्तिकं करतले वेणुं करे कंकणम । सर्वाड़्गे हरिचन्दनं सुललितं कण्ठे च मुक्तावलि – र्गोपस्रीपरिवेष्टितो विजयते गोपालचूडामणि: ।। फुल्लेन्दीवरकान्तिमिन्दुवदनं बर्हावतंसप्रियं श्रीवत्साड़्कमुदारकौस्तुभधरं पीताम्बरं सुन्दरम । गोपीनां नयनोत्पलार्चिततनुं गोगोपसंघावृतं गोविन्दं कलवेणुवादनपरं दिव्याड़्गभूषं भजे ।। इति ध्यानम ऊँ क्लीं देव: कामदेव: कामबीजशिरोमणि: । श्रीगोपालको महीपाल: सर्वव्र्दान्तपरग:…

मुरली बजा के मोहना – भजन

॥मुरली बजा के मोहना – भजन॥ मुरली बजा के मोहना, क्यों कर लिया किनारा। अपनों से हाय कैसा, व्यवहार है तुम्हारा॥ ढूंढा गली गली में, खोजा डगर डगर में। मन में यही लगन है, दर्शन मिले दुबारा॥ ॥ मुरली बजा के मोहना…॥ मधुबन तुम्ही बताओ, मोहन कहाँ गया है। कैसे झुलस गया है, कोमल बदन…

जो प्रेम गली में आए नहीं – भजन

॥जो प्रेम गली में आए नहीं – भजन॥ जो प्रेम गली में आए नहीं, प्रियतम का ठिकाना क्या जाने, जिसने कभी प्रेम किया ही नहीं, वो प्रेम निभाना क्या जानें, जो प्रेम गली में आए नही ॥ जो वेद पढ़े और भेद करे, मन में नहीं निर्मलता आए, कोई कितना भी चाहे ज्ञान कहे, भगवान…

पायो जी मैंने राम रतन धन पायो – भजन

॥पायो जी मैंने राम रतन धन पायो – भजन॥ पायो जी मैंने राम रतन धन पायो । पायो जी मैंने राम रतन धन पायो । वस्तु अमोलिक दी मेरे सतगुरु । कृपा कर अपनायो ॥ पायो जी मैंने राम रतन धन पायो । पायो जी मैंने राम रतन धन पायो । जन्म जन्म की पूंजी…

अक्षय तृतीया श्रीकृष्ण का मुंडन कथा

।।अक्षय तृतीया श्रीकृष्ण का मुंडन कथा।। प्राचीन काल में व्रज के लोगों का मुख्य व्यवसाय गौ-चारण ही था इसलिए मुख्य व्यवसाय से सम्बंधित कुछ वर्जनाएं भी थी। अब इसे वर्जनाएं कहें या सामाजिक नियम बालक का जब तक मुंडन नहीं हो जाता तब तक उसे जंगल में गाय चराने नहीं जाने दिया जाता था। अब…

कई जन्मों से बुला रही हूँ – भजन

॥कई जन्मों से बुला रही हूँ – भजन॥ कई जन्मों से बुला रही हूँ, कोई तो रिश्ता जरूर होगा, नजरों से नजरें मिला भी ना पाए, मेरी नजर का कुसूर होगा । कई जन्मो से बुला रही हूँ, कोई तो रिश्ता जरूर होगा ॥ तुम ही तो मेरे मात पिता हो, तुम ही तो मेरे…

कब दर्शन देंगे राम परम हितकारी – भजन

॥कब दर्शन देंगे राम परम हितकारी – भजन॥ कब दर्शन देंगे राम परम हितकारी कब दर्शन देंगे राम दीन हितकारी रास्ता देखत शबरी की उम्र गयी सारी ॥ कही कोई कांटा प्रभु को नहीं चुभ जाये पग तन्मग्चारे चुन चुन पुष्प बिछाए मीठे फल चख कर नित्य सजाये थारी रास्ता देखत शबरी की उम्र गयी…

दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया – भजन

॥दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया – भजन॥ दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया । राम एक देवता, पुजारी सारी दुनिया ॥ द्वारे पे उसके जाके, कोई भी पुकारता, परम कृपा दे अपनी, भव से उभारता । ऐसे दीनानाथ पे, बलिहारी सारी दुनिया, बलिहारी सारी दुनिया, दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया ॥ दाता एक…

श्री रुक्मणी मंदिर प्रादुर्भाव पौराणिक कथा

।।श्री रुक्मणी मंदिर प्रादुर्भाव पौराणिक कथा।। यदु वंशी श्रीकृष्ण दुर्वासा ऋषि को अपना कुलगुरु मानते थे। जब श्रीकृष्ण और रुक्मिणी का विवाह हुआ तो वे अशीर्वाद प्राप्ति के लिए दुर्वासा ऋषि से मिलने के लिए उनके आश्रम पधारे, जो द्वारका से दूरी पर स्थित था। श्री कृष्ण ने ऋषि दुर्वासा को महल आने का निमंत्रण…

मेरे लाडले गणेश प्यारे प्यारे – भजन

॥मेरे लाडले गणेश प्यारे प्यारे – भजन॥ मेरे लाडले गणेश प्यारे प्यारे भोले बाबा जी की आँखों के तारे प्रभु सभा बीच में आ जाना आ जाना ॥ मेरे लाडले गणेश प्यारे प्यारे ॥ तेरी काया कंचन कंचन, किरणों का है जिसमे बसेरा। तेरी सूंड सुंडाली मूरत, तेरी आँखों मे खुशियों का डेरा । तेरी…

कर दो नजरे करम गणपति – भजन

॥कर दो नजरे करम गणपति – भजन॥ कर दो नजरे करम गणपति, कर दो नजरें करम गणपति, किरपा की नजर, हमपे कर दो अगर, तेरे दरबार में क्या कमी, कर दो नजरें करम गणपति, कर दो नजरें करम गणपति ॥ सारे देवों में पहले तेरा नाम है, पहले पूजा करे सारा संसार है, तुम हो…

गौरी गणेश मनाऊँ आज सुध लीजे हमारी – भजन

।।गौरी गणेश मनाऊँ आज सुध लीजे हमारी – भजन।। गौरी गणेश मनाऊँ, आज सुध लीजे हमारी, गौरी गणेश मनाऊँ, आज सुध लीजे हमारी । सुरहिन गैया को गोबर मनागौं, दिग धर अगना लीपाऊं, आज सुध लीजे हमारी । गौरी गणेश मनाऊँ, आज सुध लीजे हमारी, गौरी गणेश मनाऊँ, आज सुध लीजे हमारी । गंगा जल…

मन तड़पत हरि दर्शन को आज – भजन

॥मन तड़पत हरि दर्शन को आज – भजन॥ मन तड़पत हरि दर्शन को आज मोरे तुम बिन बिगड़े सकल काज विनती करत हूँ रखियो लाज ॥ मन तड़पत हरि…॥ तुम्हरे द्वार का मैं हूँ जोगी हमरी ओर नज़र कब होगी सुन मोरे व्याकुल मन का बात ॥ मन तड़पत हरि…॥ बिन गुरू ज्ञान कहाँ से…

राम ही पार लगावेंगे – भजन

॥राम ही पार लगावेंगे – भजन॥ अजी मैं तो राम ही राम भजूँ री मेरे राम, राम ही पार लगावेंगे जल थल गगन मण्डल में राम राम ही पार लगावेंगे तन मोरा राम, मन मोरा राम तन मोरा राम, मन मोरा राम मोरा कण-कण हो ऽ ऽ राम ही राम॥ राम ही पार लगावेंगे॥ बाहर…

जिनके हृदय श्री राम बसे – भजन

॥जिनके हृदय श्री राम बसे – भजन॥ जिनके हृदय श्री राम बसे, उन और को नाम लियो ना लियो । जिनके हृदय श्री राम बसे, उन और को नाम लियो ना लियो । जिनके हृदय श्री राम । कोई मांगे कंचन सी काया, कोई मांग रहा प्रभु से माया । कोई पुण्य करे, कोई दान…

जिन पर कृपा राम करे – भजन

॥जिन पर कृपा राम करे – भजन॥ राम नाम आधार जिन्हें, वो जल में राह बनाते हैं, जिन पर कृपा राम करें, वो पत्थर भी तिर जाते हैं ॥ लक्ष्य राम जी सिद्धि राम जी, राम ही राह बनायी, राम कर्म हैं राम ही कर्ता, राम की सकल बड़ाई राम काम करने वालों में, राम…

सीता राम, सीता राम, सीताराम कहिये – भजन

॥सीता राम, सीता राम, सीताराम कहिये – भजन॥ सीता राम सीता राम, सीताराम कहिये, जाहि विधि राखे राम, ताहि विधि रहिये। मुख में हो राम नाम, राम सेवा हाथ में, तू अकेला नाहिं प्यारे, राम तेरे साथ में । विधि का विधान जान, हानि लाभ सहिये, जाहि विधि राखे राम, ताहि विधि रहिये ॥ सीता…

जिस भजन में राम का नाम ना हो – भजन

॥जिस भजन में राम का नाम ना हो – भजन॥ जिस भजन में राम का नाम ना हो, उस भजन को गाना ना चाहिए ॥ चाहे बेटा कितना प्यारा हो, उसे सिर पे चढ़ाना ना चाहिए, चाहे बेटी कितनी लाडली हो, घर घर ने घुमाना ना चाहिए, जिस भजन में राम का नाम न हों,…

माँ बगलामुखी पौराणिक कथा

।।माँ बगलामुखी पौराणिक कथा।। एक बार सतयुग में महाविनाश उत्पन्न करने वाला ब्रह्मांडीय तूफान उत्पन्न हुआ, जिससे संपूर्ण विश्व नष्ट होने लगा इससे चारों ओर हाहाकार मच गया। संसार की रक्षा करना असंभव हो गया। यह तूफान सब कुछ नष्ट-भ्रष्ट करता हुआ आगे बढ़ता जा रहा था, जिसे देख कर भगवान विष्णु जी चिंतित हो…