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बुधवार व्रत करने की विधि और नियम – जानें क्या खाएं, क्या न खाएं

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हिंदू धर्म में, बुधवार का व्रत, जिसे बुधवार व्रत के नाम से जाना जाता है, बुद्धि, धन और सफलता प्राप्त करने के लिए किया जाता है। यह व्रत बुध ग्रह को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है, जिसे ज्योतिष में बुद्धि, संचार, व्यापार और वाणी का कारक माना जाता है

बुधवार व्रत करने से व्यक्ति की बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि होती है। यह विद्यार्थियों और उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभदायक माना जाता है जो सीखने और ज्ञान अर्जित करने के क्षेत्र में सफल होना चाहते हैं। बुध ग्रह का संबंध व्यापार और वाणिज्य से भी है। माना जाता है कि बुधवार का व्रत करने से व्यापार में सफलता मिलती है और धन लाभ होता है।

बुध ग्रह वाणी का भी कारक माना जाता है। इस व्रत को करने से आपकी वाणी में मिठास और प्रभाव बढ़ता है। ज्योतिष के अनुसार, कमजोर बुध ग्रह व्यक्ति के जीवन में कई तरह की समस्याएं पैदा कर सकता है। बुधवार का व्रत करने से बुध ग्रह के अशुभ प्रभावों को कम करने और उसके सकारात्मक प्रभावों को बढ़ाने में मदद मिलती है। यह व्रत त्वचा संबंधी रोगों को दूर करने में भी सहायक माना जाता है।

बुधवार व्रत कथा

एक समय की बात है, समतापुर नगर में मधुसूदन नाम का एक व्यक्ति रहता था। उसका विवाह पास के ही नगर बलरामपुर की रहने वाली संगीता से हुआ था। संगीता दिखने में सुंदर और स्वभाव से सुशील थी। एक दिन मधुसूदन अपनी पत्नी को लाने के लिए ससुराल पहुंचा। वह उसी दिन अपनी पत्नी को विदा करने की जिद पर अड़ गया। लेकिन उस दिन बुधवार था। संगीता के घरवाले समझते थे कि बुधवार के दिन यात्रा करना अशुभ होता है। परंतु मधुसूदन नहीं माना। संगीता के घर वालों को उसे बुधवार के दिन ही विदा करना पड़ा।

वे दोनों बैलगाड़ी में बैठकर जाने लगे। कुछ दूरी तय करने के बाद रास्ते में बैलगाड़ी का एक पहिया टूट गया। फिर दोनों गाड़ी से उतरकर पैदल यात्रा करने लगे। इसी बीच संगीता को प्यास लगी। तब मधुसूदन पानी लेने गया। जब वह पानी लेकर लौटा तो हैरान रह गया। उसने देखा कि उसकी पत्नी के साथ उसका कोई हमशक्ल बैठा है।

मधुसूदन ने पास जाकर हमशक्ल से पूछा कि तुम कौन हो? इस पर उस आदमी ने कहा कि उसका नाम भी मधुसूदन है और वह संगीता का पति है। यह सुनकर मधुसूदन भड़क गया और बोला कि यह झूठ है। असली मधुसूदन तो मैं हूं। मैं संगीता के लिए पानी लेने गया था। इस पर हमशक्ल ने कहा कि वह तो पानी लाकर संगीता को पिला भी चुका है।

अब उनमें असली पति को लेकर झगड़ा होने लगा। तभी उस नगर के राजा का एक सिपाही वहां पहुंचा। उसने संगीता से उसके असली पति के बारे में पूछा। संगीता खुद दुविधा में थी और कोई जवाब नहीं दे पाई। तब सिपाही ने उन्हें राजा के दरबार में पेश किया। पूरी कहानी सुनने के बाद राजा ने दोनों को जेल में डालने का आदेश दिया।

घबराया हुआ मधुसूदन बुधदेव को याद कर उनसे क्षमा मांगने लगा। तब आकाशवाणी हुई, “मधुसूदन! तुमने संगीता के घरवालों की बात नहीं मानी और बुधवार को यात्रा की। तुम्हारे इस अड़ियल बर्ताव से भगवान बुधदेव नाराज हैं। उन्होंने ही ऐसी दुविधा पैदा की है।”

मधुसूदन ने नम्रता से कहा, “हे महाराज! मुझसे बड़ी गलती हो गई। मैं आज के बाद से कभी भी बुधवार को यात्रा नहीं करूंगा और हमेशा बुधवार के दिन व्रत रखूंगा।” उसकी क्षमा याचना से बुधदेव का क्रोध शांत हो गया। भगवान ने मधुसूदन को क्षमा कर दिया। राजा के दरबार में मौजूद उसका हमशक्ल भी गायब हो गया। बुधदेव की कृपा से राजा ने मधुसूदन और संगीता को विदा कर दिया।

राजमहल से जैसे ही वे आगे बढ़े, तो रास्ते में बैलगाड़ी भी सही सलामत मिल गई। दोनों खुशी-खुशी अपने नगर लौट आए। इसके बाद से वे हर बुधवार का व्रत रखने लगे। उनका जीवन सरल और सुखमय हो गया। उनके कामकाज में भी उन्नति हुई।

बुधवार व्रत पूजा विधि

  • बुधवार के दिन सुबह जल्दी उठकर सबसे पहले अपने घर की सफाई करें।
  • स्नान करके हरे रंग के कपड़े पहनें।
  • भगवान गणेश की पूजा करें।
  • गणेश जी की आरती करें।
  • भगवान गणेश को धूप, दीप, कपूर, चंदन और फूल अर्पित करें।
  • दुर्वा घास भगवान गणेश को अवश्य चढ़ाएं।
  • भगवान गणेश के मंत्रों का जाप करें।
  • बुधवार व्रत कथा अवश्य पढ़ें।
  • अंत में गणेश भगवान को लड्डुओं का भोग लगाएं।

बुधवार व्रत महत्व

  • मान्यता है कि बुधवार का व्रत करने से सभी कार्य निर्विघ्न पूरे हो जाते हैं।
  • इस व्रत के पुण्य प्रभाव से घर-परिवार में सुख-समृद्धि आती है और बुद्धि तेज होती है।
  • वैदिक ज्योतिष के अनुसार, इस दिन व्रत रखने से कुंडली में बुध ग्रह भी मजबूत होता है।
  • कहते हैं कि जो व्यक्ति लगातार 7 बुधवार व्रत कर भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा करता है, उसके घर में अन्न और धन की कोई कमी नहीं रहती।

बुधवार व्रत के नियम

  • व्रत वाले दिन व्यक्ति को प्रातः काल में उठना चाहिए।
  • बुधवार व्रत कथा सुनते समय बीच में आसन नहीं छोड़ना चाहिए।
  • इस व्रत में पूरे दिन फलाहार करें और शाम के वक्त पूजा के बाद एक वक्त का भोजन करें।
  • बुधवार व्रत में मूंग दाल का हलवा, दही या हरी वस्तु से बने भोजन का ही सेवन करें।
  • इस दिन हरे रंग के वस्त्र, फूल और सब्जियों का जरूरतमंदों को दान करें।
  • इस दिन मांस, मछली, लहसुन और प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • व्रत के दौरान शराब और धूम्रपान का सेवन भी वर्जित है।
  • क्रोध और झूठ से बचना चाहिए।
  • सकारात्मक और शुद्ध मन से व्रत रखना चाहिए।

बुधवार व्रत के मंत्र

ऐसी मान्यता है कि बुधवार के दिन इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इस मंत्र का जाप 108 बार करें। ‘ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुद्धि प्रचोदयात।।’

भगवान गणेश के मंत्र:

  • ॐ गं गणपतये नमः
  • ॐ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभः।
  • ॐ एकदन्ताय विघ्नेश्वराय नमः।
  • ॐ ॐ जय गणेश देवा। ॐ
  • ॐ गं गणपते नमो नमः

बुध ग्रह के मंत्र:

  • ॐ ऐं ह्रीं क्लीं बुधाय नमः
  • ॐ बुधाय नमः
  • ॐ नीलाय नमः
  • ॐ बुद्धाय नमः
  • ॐ बुध देवाय नमः

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