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जनक दुलारी के जानकी प्यारी के – भजन

Janak Dulari Ke Janki Pyari Ke Bhajan Hindi Lyrics

Shri RamBhajan (भजन संग्रह)हिन्दी
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|| जनक दुलारी के जानकी प्यारी के ||

तर्ज – हम तुम चोरी से

जनक दुलारी के,
जानकी प्यारी के
मन में बसे श्री राम ||

जब से देखा है राम को,
की जनक दुलारी के,
जानकी प्यारी के,
मन में बसे श्री राम ||

मंदिर में जनक दुलारी,
जब गौरी पूजन आई |
सिया रानी की अखियां,
रघुनंदन से टकराई ||

मंदिर में जनक दुलारी,
जब गौरी पूजन आई |
देखती रह गई, रह गई,
सीता जी राम को ||

की जनक दुलारी के,
जानकी प्यारी के,
मन में बसे श्री राम ||

पूजी जगदंब भवानी,
वर मांगा आज निराला |
मुझे वर दो है वरदानी,
मैं पहनाऊं वरमाला ||

पूजी जगदंब भवानी,
वर मांगा आज निराला |
मैंने तो वर चुन लिया चुन लिया,
वर अपना राम को ||

की जनक दुलारी के,
जानकी प्यारी के,
मन में बसे श्री राम ||

जब धनुष राम ने तोड़ा,
सीता मन में हर्षाई |
शादी का पहने जोड़ा,
सखियों के संग आई ||

जब धनुष राम ने तोड़ा,
सीता मन में हर्षाई |
जानकी पहना रही,
पहना रही वरमाला राम को ||

की जनक दुलारी के,
जानकी प्यारी के,
मन में बसे श्री राम ||

जब से देखा है राम को,
जनक दुलारी के,
जानकी प्यारी के,
मन में बसे श्री राम ||

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