श्री लक्ष्मी जी की आरती

|| आरती || महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं सुरेश्वरि । हरि प्रिये नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं दयानिधे ॥ पद्मालये नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं च सर्वदे । सर्वभूत हितार्थाय, वसु सृष्टिं सदा कुरुं ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता । तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता ॥ उमा, रमा, ब्रम्हाणी, तुम ही जग माता । सूर्य चद्रंमा ध्यावत, नारद…

श्री महालक्ष्मी चालीसा

॥ दोहा॥ जय जय श्री महालक्ष्मी, करूँ माता तव ध्यान | सिद्ध काज मम किजिये, निज शिशु सेवक जान || ॥ चौपाई ॥ नमो महा लक्ष्मी जय माता , तेरो नाम जगत विख्याता | आदि शक्ति हो माता भवानी, पूजत सब नर मुनि ज्ञानी | जगत पालिनी सब सुख करनी, निज जनहित भण्डारण भरनी |…

श्री गौरी माँ चालीसा

।। दोहा ।। मन मन्दिर मेरे इन बसों, आरंभ करूं गुणगान। गौरी माँ मातेश्वरी, दो चरणों का ध्यान। पूजन विधि ना जानती, पर श्रद्धा है अपार, प्रणाम मेरा स्वीकारिये , माँ प्राण आधार।। ।। चौपाई ।। नमो नमो हे गौरी माता। आप हो मेरी भाग्य विधाता।। शरनागत न कभी घबराता। गौरी उमा शंकरी माता।। आपका…

श्री गौरी माँ की आरती

|| आरती || जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी । तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ॥ ॐ जय अम्बे गौरी..॥ मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को । उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रवदन नीको ॥ ॐ जय अम्बे गौरी..॥ कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै । रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै ॥ ॐ जय…

श्री मनसा देवी चालीसा

॥ दोहा ॥ मनसा माँ नागेश्वरी, कष्ट हरन सुखधाम । चिंताग्रस्त हर जीव के, सिद्ध करो सब काम ॥ देवी घट-घट वासिनी, ह्रदय तेरा विशाल । निष्ठावान हर भक्त पर, रहियो सदा तैयार ॥ ॥ चौपाई ॥ पदमावती भयमोचिनी अम्बा । सुख संजीवनी माँ जगदंबा ॥ मनशा पूरक अमर अनंता । तुमको हर चिंतक की…

श्री मनसा देवी आरती

|| आरती || जय मनसा माता मैया जय मनसा माता, जो नर तुमको ध्याता मनवांछित फल पाता। जय मनसा माता।। जरत्कारु मुनि पत्नी, तुम बासुक भगनी। मैया तुम बासुक भगिनी, कश्यप कि तुम कन्या। मैया आस्तिक की माता, मैया आस्तिक की माता। गर्व धन्वन्तरी नाशिनी, हंशवाहिनी देवी मैया हंसिनी देवी, सुर-नर-मुनि-गण ध्यावत जय मनसा माता,…

श्री नर्मदा चालीसा

॥ दोहा॥ देवि पूजित, नर्मदा, महिमा बड़ी अपार । चालीसा वर्णन करत, कवि अरु भक्त उदार॥ इनकी सेवा से सदा, मिटते पाप महान । तट पर कर जप दान नर, पाते हैं नित ज्ञान ॥ ॥ चौपाई ॥ जय-जय-जय नर्मदा भवानी, तुम्हरी महिमा सब जग जानी । अमरकण्ठ से निकली माता, सर्व सिद्धि नव निधि…

श्री गोरक्ष चालीसा

॥ दोहा॥ गणपति गिरिजा पुत्र को, सिमरूँ बारम्बार । हाथ जोड़ विनती करूँ, शारद नाम अधार । । ॥चौपाई॥ जय जय जय गोरख अविनाशी, कृपा करो गुरुदेव प्रकाशी । जय जय जय गोरख गुणज्ञानी, इच्छा रूप योगी वरदानी । । अलख निरंजन तुम्हरो नामा, सदा करो भक्तन हित कामा । नाम तुम्हारा जो कोई गावे, जन्म…

श्री झूलेलाल चालीसा

॥ दोहा ॥ जय जय जल देवता, जय ज्योति स्वरूप । अमर उडेरो लाल जय, झुलेलाल अनूप ॥ ॥ चौपाई ॥ रतनलाल रतनाणी नंदन । जयति देवकी सुत जग वंदन ॥ दरियाशाह वरुण अवतारी । जय जय लाल साईं सुखकारी ॥ जय जय होय धर्म की भीरा । जिन्दा पीर हरे जन पीरा ॥ संवत…

श्री गायत्री माता की आरती

|| आरती || जयति जय गायत्री माता, जयति जय गायत्री माता । सत् मारग पर हमें चलाओ, जो है सुखदाता ॥ ॥ जयति जय गायत्री माता..॥ आदि शक्ति तुम अलख निरंजन जगपालक क‌र्त्री । दु:ख शोक, भय, क्लेश कलश दारिद्र दैन्य हत्री ॥ ॥ जयति जय गायत्री माता..॥ ब्रह्म रूपिणी, प्रणात पालिन जगत धातृ अम्बे…

माँ सरस्वती जी की आरती

|| आरती || जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता । सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता ॥ ॥ जय सरस्वती माता…॥ चन्द्रवदनि पद्मासिनि, द्युति मंगलकारी । सोहे शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी ॥ ॥ जय सरस्वती माता…॥ बाएं कर में वीणा, दाएं कर माला । शीश मुकुट मणि सोहे, गल मोतियन माला ॥ ॥ जय…

श्री सूर्य देव जी की आरती

|| आरती || ऊँ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान । जगत् के नेत्र स्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा । धरत सब ही तव ध्यान, ऊँ जय सूर्य भगवान ॥ ॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥ सारथी अरूण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी । तुम चार भुजाधारी ॥ अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटी किरण पसारे…

माँ अन्नपूर्णा चालीसा

॥ दोहा ॥ विश्वेश्वर पदपदम की रज निज शीश लगाय । अन्नपूर्णे, तव सुयश बरनौं कवि मतिलाय । ॥ चौपाई ॥ नित्य आनंद करिणी माता, वर अरु अभय भाव प्रख्याता ॥ जय ! सौंदर्य सिंधु जग जननी, अखिल पाप हर भव-भय-हरनी ॥ श्वेत बदन पर श्वेत बसन पुनि, संतन तुव पद सेवत ऋषिमुनि ॥ काशी…

श्री चित्रगुप्त चालीसा

॥ दोहा ॥ सुमिर चित्रगुप्त ईश को, सतत नवाऊ शीश। ब्रह्मा विष्णु महेश सह, रिनिहा भए जगदीश॥ करो कृपा करिवर वदन, जो सरशुती सहाय। चित्रगुप्त जस विमलयश, वंदन गुरूपद लाय॥ ॥ चौपाई ॥ जय चित्रगुप्त ज्ञान रत्नाकर। जय यमेश दिगंत उजागर॥ अज सहाय अवतरेउ गुसांई। कीन्हेउ काज ब्रम्ह कीनाई॥ श्रृष्टि सृजनहित अजमन जांचा। भांति-भांति के…

श्री आदिनाथ चालीसा

॥ दोहा॥ शीश नवा अरिहंत को, सिद्धन को, करूं प्रणाम । उपाध्याय आचार्य का, ले सुखकारी नाम ॥ सर्व साधु और सरस्वती, जिन मन्दिर सुखकार । आदिनाथ भगवान को, मन मन्दिर में धार ॥ ॥ चौपाई ॥ जै जै आदिनाथ जिन स्वामी । तीनकाल तिहूं जग में नामी ॥ वेष दिगम्बर धार रहे हो ।…

श्री तुलसी माता की आरती

|| आरती || जय जय तुलसी माता, मैया जय तुलसी माता । सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता ॥ ॥ जय तुलसी माता…॥ सब योगों से ऊपर, सब रोगों से ऊपर । रज से रक्ष करके, सबकी भव त्राता ॥ ॥ जय तुलसी माता…॥ बटु पुत्री है श्यामा, सूर बल्ली है ग्राम्या ।…

श्री गंगा मैया जी की आरती

॥ आरती ॥ नमामि गंगे ! तव पाद पंकजम्, सुरासुरैः वंदित दिव्य रूपम् । भक्तिम् मुक्तिं च ददासि नित्यं, भावानुसारेण सदा नराणाम् ॥ हर हर गंगे, जय माँ गंगे, हर हर गंगे, जय माँ गंगे ॥ ॐ जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता । जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता ॥ चंद्र सी…

कैला जी की आरती

|| आरती || ॐ जय कैला रानी, मैया जय कैला रानी । ज्योति अखंड दिये माँ तुम सब जगजानी ॥ तुम हो शक्ति भवानी मन वांछित फल दाता ॥ मैया मन वांछित फल दाता ॥ अद्भुत रूप अलौकिक सदानन्द माता ॥ ॐ जय कैला रानी। गिरि त्रिकूट पर आप बिराजी चामुंडा संगा ॥ मैया चामुंडा…

श्री बगलामुखी माँ की आरती

|| आरती || जय जय श्री बगलामुखी माता, आरती करहूँ तुम्हारी | जय जय श्री बगलामुखी माता, आरती करहूँ तुम्हारी | पीत वसन तन पर तव सोहै, कुण्डल की छबि न्यारी | कर कमलों में मुद्गर धारै, अस्तुति करहिं सकल नर नारी | जय जय श्री बगलामुखी माता ………… चम्पक माल गले लहरावे, सुर नर…

श्री विन्ध्येश्वरी आरती

|| आरती || सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी, कोई तेरा पार ना पाया । पान सुपारी ध्वजा नारियल, ले तेरी भेट चढ़ाया ॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी ॥ सुवा चोली तेरी अंग विराजे, केसर तिलक लगाया ॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी ॥ नंगे पग माँ अकबर आया, सोने का छत्र चढ़ाया ॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी…

श्री परशुराम जी की आरती

|| आरती || ॐ जय परशुधारी, स्वामी जय परशुधारी। सुर नर मुनिजन सेवत, श्रीपति अवतारी॥ ॐ जय परशुधारी || जमदग्नी सुत नर-सिंह, मां रेणुका जाया। मार्तण्ड भृगु वंशज, त्रिभुवन यश छाया॥ ॐ जय परशुधारी || कांधे सूत्र जनेऊ, गल रुद्राक्ष माला। चरण खड़ाऊँ शोभे, तिलक त्रिपुण्ड भाला॥ ॐ जय परशुधारी || ताम्र श्याम घन केशा,…

श्री ब्रह्मा जी चालीसा

॥ दोहा ॥ जय ब्रह्मा जय स्वयम्भू, चतुरानन सुखमूल । करहु कृपा निज दास पै, रहहु सदा अनुकूल ॥ तुम सृजक ब्रह्माण्ड के, अज विधि घाता नाम । विश्वविधाता कीजिये, जन पै कृपा ललाम ॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय कमलासान जगमूला । रहहु सदा जनपै अनुकूला ॥ रुप चतुर्भुज परम सुहावन । तुम्हें अहैं…

श्री कालिका माता की आरती

|| आरती || मंगल की सेवा सुन मेरी देवा , हाथ जोड तेरे द्वार खडे। पान सुपारी ध्वजा नारियल ले, ज्वाला तेरी भेट धरेसुन।। जगदम्बे न कर विलम्बे, संतन के भडांर भरे। सन्तन प्रतिपाली सदा खुशहाली, जै काली कल्याण करे ।। बुद्धि विधाता तू जग माता , मेरा कारज सिद्व रे। चरण कमल का लिया…

श्री शीतला माता चालीसा

॥ दोहा ॥ जय जय माता शीतला , तुमहिं धरै जो ध्यान । होय विमल शीतल हृदय, विकसै बुद्धी बल ज्ञान ॥ घट-घट वासी शीतला, शीतल प्रभा तुम्हार । शीतल छइयां में झुलई, मइयां पलना डार ॥ ॥ चौपाई ॥ जय-जय-जय श्री शीतला भवानी । जय जग जननि सकल गुणधानी ॥ गृह-गृह शक्ति तुम्हारी राजित…

श्री शीतला जी की आरती

|| आरती || जै शीतला माता मैया जै शीतला माता । दुख निवारण वाली सुख की वरदाता ।। ॐ जय शीतला माता…। गर्दभ तुमरा वाहन शांत सदा रहता ।। दुख दरिद्रता हरता कष्ट सभी सहता ।। ॐ जय शीतला माता…। चामुंडा कहलाईं अद्भुत रूप धरा ।। नग्न रूप में रहतीं जल हथ कलश भरा ।।…

श्री पार्वती जी की आरती

|| आरती || जय पार्वती माता, जय पार्वती माता, ब्रह्म सनातन देवी शुभ फल की दाता । अरिकुलपद्म विनासनी जय सेवकत्राता, जगजीवन जगदंबा हरिहर गुण गाता । सिंह का वाहन साजे कुंडल हैं साथा, देवबंधु जस गावत नृत्य करत ता था । सतयुग रूप शील अति सुंदर नाम सती कहलाता, हेमांचल घर जन्मी सखियन संग…

श्री पार्वती चालीसा

।। दोहा ।। जय गिरि तनये दक्षजे शंभु प्रिये गुणखानि । गणपति जननी पार्वती अम्बे ! शक्ति ! भवानि ।। ।। चौपाई ।। ब्रह्मा भेद न तुम्हरो पावे । पंच बदन नित तुमको ध्यावे ।। षड्मुख कहि न सकत यश तेरो । सहसबदन श्रम करत घनेरो ।। तेऊ पार न पावत माता । स्थित रक्षा…

श्री सीता जी की आरती

|| आरती || आरती श्री जनक दुलारी की । सीता जी रघुवर प्यारी की ॥ जगत जननी जग की विस्तारिणी, नित्य सत्य साकेत विहारिणी, परम दयामयी दिनोधारिणी, सीता मैया भक्तन हितकारी की ॥ आरती श्री जनक दुलारी की । सीता जी रघुवर प्यारी की ॥ सती श्रोमणि पति हित कारिणी, पति सेवा वित्त वन वन…

श्री सीता माता चालीसा

॥ दोहा ॥ बन्दौ चरण सरोज निज जनक लली सुख धाम । राम प्रिय किरपा करें सुमिरौं आठों धाम ॥ कीरति गाथा जो पढ़ें सुधरैं सगरे काम । मन मन्दिर बासा करें दुःख भंजन सिया राम ॥ ॥ चौपाई ॥ राम प्रिया रघुपति रघुराई । बैदेही की कीरत गाई ॥ चरण कमल बन्दों सिर नाई…

श्री लक्ष्मण जी की आरती

|| आरती || आरती लक्ष्मण बालजती की असुर संहारन प्राणपति की जगमग ज्योति अवधपुर राजे शेषाचल पै आप विराजे घंटा ताल पखावज बाजे कोटि देव मुनि आरती साजे किरीट मुकुट कर धनुष विराजे तीन लोक जाकी शोभा राजे कंचन थार कपूर सुहाई आरती करत सुमित्रा माई आरती कीजे हरी की तैसी ध्रुव प्रहलाद विभीषण जैसी…

श्री कार्तिकेय आरती

|| आरती || जय जय आरती जय जय आरती वेणु गोपाला वेणु गोपाला वेणु लोला पाप विदुरा नवनीत चोरा जय जय आरती वेंकटरमणा वेंकटरमणा संकटहरणा सीता राम राधे श्याम जय जय आरती गौरी मनोहर गौरी मनोहर भवानी शंकर साम्ब सदाशिव उमा महेश्वर जय जय आरती राज राजेश्वरि राज राजेश्वरि त्रिपुरसुन्दरि महा सरस्वती महा लक्ष्मी महा…

श्री गोरखनाथ चालीसा

॥ दोहा ॥ गणपति गिरजा पुत्र को, सुमिरूँ बारम्बार । हाथ जोड़ बिनती करूँ, शारद नाम आधार ॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय गोरख नाथ अविनासी । कृपा करो गुरु देव प्रकाशी ॥ जय जय जय गोरख गुण ज्ञानी । इच्छा रुप योगी वरदानी ॥ अलख निरंजन तुम्हरो नामा । सदा करो भक्तन हित कामा…

गुरु गोरखनाथ आरती

|| आरती || जय गोरख देवा जय गोरख देवा। कर कृपा मम ऊपर नित्य करूँ सेवा॥ शीश जटा अति सुन्दर भालचन्द्र सोहे। कानन कुण्डल झलकत निरखत मन मोहे॥ गल सेली विच नाग सुशोभित तन भस्मी धारी। आदि पुरुष योगीश्वर सन्तन हितकारी॥ नाथ निरंजन आप ही घट-घट के वासी। करत कृपा निज जन पर मेटत यम…

माता वैष्णो देवी चालीसा

॥ दोहा ॥ गरुड़ वाहिनी वैष्णवी त्रिकुटा पर्वत धाम | काली, लक्ष्मी, सरस्वती, शक्ति तुम्हें प्रणाम ||  ॥ चौपाई ॥ नमो: नमो: वैष्णो वरदानी, कलि काल मे शुभ कल्याणी। मणि पर्वत पर ज्योति तुम्हारी, पिंडी रूप में हो अवतारी॥ देवी देवता अंश दियो है, रत्नाकर घर जन्म लियो है। करी तपस्या राम को पाऊं, त्रेता…

श्री वैष्णो देवी आरती

|| आरती || जय वैष्णवी माता, मैया जय वैष्णवी माता हाथ जोड़ तेरे आगे, आरती मैं गाता || || जय वैष्णवी माता || शीश पर छत्र बिराजे, मुर्तिया प्यारी गंगा बहती चरनन, ज्योति जगे न्यारी || || जय वैष्णवी माता || ब्रम्हावेद पढ़े नित द्वारे, शंकर ध्यान धरे सेवत चंवर डुलावत, नारद नृत्य करे ||…

श्री भैरव चालीसा

॥ दोहा ॥ श्री भैरव सङ्कट हरन, मंगल करन कृपालु। करहु दया जि दास पे, निशिदिन दीनदयालु॥ ॥ चौपाई ॥ जय डमरूधर नयन विशाला। श्याम वर्ण, वपु महा कराला॥ जय त्रिशूलधर जय डमरूधर। काशी कोतवाल, संकटहर॥ जय गिरिजासुत परमकृपाला। संकटहरण हरहु भ्रमजाला॥ जयति बटुक भैरव भयहारी। जयति काल भैरव बलधारी॥ अष्टरूप तुम्हरे सब गायें। सकल…

श्री भैरव आरती

|| आरती || जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा जय काली और गौर देवी कृत सेवा || || जय भैरव… || तुम्ही पाप उद्धारक दुःख सिन्धु तारक भक्तो के सुख कारक भीषण वपु धारक || || जय भैरव… || वाहन श्वान विराजत कर त्रिशूल धारी महिमा अमित तुम्हारी जय जय भयहारी || || जय…

श्री गणेश चालीसा

॥ दोहा ॥ जय गणपति सदगुण सदन, कविवर बदन कृपाल । विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल ॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय जय गणपति गणराजू । मंगल भरण करण शुभः काजू ॥ जै गजबदन सदन सुखदाता । विश्व विनायका बुद्धि विधाता ॥ वक्र तुण्ड शुची शुण्ड सुहावना । तिलक त्रिपुण्ड भाल मन भावन…

श्री गणेश आरती

|| आरती || जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी । माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा । लड्डुअन का…

बाबा मोहन राम चालीसा

|| चालीसा || जै मन मोहन जग विख्याता। दीन दुखियों के तुम हो दाता॥ तुम्हरो ध्यान सभी जन धरते। तुम रक्षा भक्तों की करते॥ काली खोली वास तुम्हारा। करे सभी जग का निस्तारा॥ ज्योति गुफा में प्यारी जलती। दूर दूर से दुनिया आती॥ राजिस्थान मिलकपुर ग्राम। सुन मोहन का सुन्न धाम॥ यहाँ पर जन आ…

श्री जाहरवीर जी आरती

|| आरती || जय जय जाहरवीर हरे, जय जय गोगावीर हरे । धरती पर आकर के भक्तों के कष्ट हरे ॥ जय जय जाहरवीर हरे… जो कोई भक्ति करे प्रेम से,भागे दुःख परे। विघ्न हरन मंगल के दाता, जन -जन का कष्ट हरे ॥ जय जय जाहरवीर हरे… जेवर राव के पुत्र कहाए, रानी बाछल…

श्री व्यंकटेश जी आरती

|| आरती || शेषाचल अवतार तारक तूं देवा । सुरवर मुनिवर भावें करिती जन सेवा ॥ कमलारमणा अससी अगणित गुण ठेवा । कमलाक्षा मज रक्षुनि सत्वर वर द्यावा ॥ जय देव जय देव जय व्यंकटेशा । केवळ करूणासिंधु पुरविसी आशा ॥ हे निजवैकुंठ म्हणुनी ध्यातों मी तू तें । दाखविसी गुण कैसे सकळिक लोकाते ॥…

श्री जाहरवीर गोगाजी चालीसा

॥ दोहा ॥ सुवन केहरी जेवर, सुत महाबली रनधीर । बन्दौं सुत रानी बाछला, विपत निवारण वीर ॥ जय जय जय चौहान, वन्स गूगा वीर अनूप । अनंगपाल को जीतकर, आप बने सुर भूप ॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय जय जाहर रणधीरा । पर दुख भंजन बागड़ वीरा ॥१॥ गुरु गोरख का है वरदानी…

श्री राम आरती

|| आरती || श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन, हरण भवभय दारुणम्। नव कंज लोचन, कंज मुख कर कंज पद कंजारुणम्॥ ॥श्री रामचन्द्र कृपालु..॥ कन्दर्प अगणित अमित छवि, नव नील नीरद सुन्दरम्। पट पीत मानहुं तड़ित रूचि-शुचि नौमि जनक सुतावरम्॥ ॥श्री रामचन्द्र कृपालु..॥ भजु दीनबंधु दिनेश दानव दैत्य वंश निकन्दनम्। रघुनन्द आनन्द कन्द कौशल चन्द्र दशरथ…

श्री बालाजी चालीसा – मेहंदीपुर

॥ दोहा ॥ श्री गुरु चरण चितलाय के धरें ध्यान हनुमान। बालाजी चालीसा लिखे दास स्नेही कल्याण॥ विश्व विदित वर दानी संकट हरण हनुमान। मैंहदीपुर में प्रगट भये बालाजी भगवान॥ ॥ चौपाई ॥ जय हनुमान बालाजी देवा। प्रगट भये यहां तीनों देवा॥ प्रेतराज भैरव बलवाना। कोतवाल कप्तानी हनुमाना॥ मैंहदीपुर अवतार लिया है। भक्तों का उद्धार…

मेहन्दीपुर बालाजी आरती

|| आरती || ॐ जय हनुमत वीरा, स्वामी जय हनुमत वीरा | संकट मोचन स्वामी, तुम हो रनधीरा || ॐ जय हनुमत् वीरा……. पवन पुत्र अंजनी सूत, महिमा अति भारी | दुःख दरिद्र मिटाओ, संकट सब हारी || ॐ जय हनुमत् वीरा……. बाल समय में तुमने, रवि को भक्ष लियो | देवन स्तुति किन्ही, तुरतहिं…

श्री तिरुपति बालाजी आरती

|| आरती || जय तिरुपति बालाजी, जय तिरुपति बालाजी, जय जय वेंकट स्वामी, तुम हो अंतर्यामी, जय श्री नाथ हरी, जय तिरुपति बालाजी, जय तिरुपति बालाजी, जय तिरुपति बालाजी, जय जय वेंकट स्वामी, तुम हो अंतर्यामी, जय श्री नाथ हरी, जय तिरुपति बालाजी…. अगणित नाम तुम्हारे अगणित रूप धरे, स्वामी अगणित रूप धरे, तुमको ध्याये…

ब्रह्मा जी आरती

|| आरती || पि तु मा तु सहा यक स्वा मी सखा , तुम ही एक ना थ हमा रे हो । जि नके कुछ और आधा र नहीं , ति नके तुम ही रखवा रे हो । सब भॉ ति सदा सुखदा यक हो , दुख नि र्गुण ना शन हरे हो । प्रति…

श्री साईं आरती

|| आरती || आरती श्री साईं गुरुवर की,परमानन्द सदा सुरवर की। जा की कृपा विपुल सुखकारी,दु:ख शोक, संकट, भयहारी॥ || आरती श्री साईं गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर की ।| शिरडी में अवतार रचाया,चमत्कार से तत्व दिखाया। कितने भक्त चरण पर आये,वे सुख शान्ति चिरंतन पाये॥ || आरती श्री साईं गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर…

विष्णु जी आरती

|| आरती || ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी ! जय जगदीश हरे । भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे ॥  || ॐ जय जगदीश हरे || जो ध्यावे फल पावे, दुःख विनसे मन का । स्वामी दुःख विनसे मन का । सुख सम्पत्ति घर आवे, कष्ट मिटे तन का ॥  || ॐ जय…