कितने गुरुवार व्रत रखें? जानिए व्रत की कथा और पूजा विधि, बृहस्पतिवार व्रत के फायदे

brihaspati bhagwan

बृहस्पतिवार का व्रत भगवान बृहस्पति को समर्पित है, जो ज्ञान, धन और बुद्धि के देवता हैं। यह व्रत करने से व्यक्ति को इन सभी गुणों की प्राप्ति होती है। बृहस्पतिवार व्रत की कई कथाएं प्रचलित हैं। इन कथाओं में भगवान बृहस्पति के भक्तों की भक्ति और उनके द्वारा प्राप्त फल का वर्णन होता है। इन…

कूर्म द्वादशी की पौराणिक कथा और पूजा विधि

|| कूर्म द्वादशी पौराणिक कथा || पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार देवराज इंद्र ने अहंकार में आकर दुर्वासा ऋषि द्वारा दी गई बहुमूल्य माला का अपमान कर दिया। इससे क्रोधित होकर दुर्वासा ऋषि ने इंद्र को श्राप दिया कि वे अपनी सारी शक्तियां और बल खो देंगे। इस श्राप का प्रभाव समस्त देवताओं पर…

श्री विष्णु मत्स्य अवतार पौराणिक कथा

।। श्री विष्णु मत्स्य अवतार पौराणिक कथा ।। एक बार ब्रह्मा जी के पास से वेदों को एक बहुत बड़े दैत्य हयग्रीव ने चुरा लिया। चारों ओर अज्ञानता का अंधकार फैल गया और पाप तथा अधर्म का बोल-बाला हो गया। तब भगवान ने धर्म की रक्षा के लिए मत्स्य रूप धारण करके उस दैत्य का…

एकादशी के दिन भगवान विष्णु को लगाएं ये 4 विशेष भोग, मिलेगी असीम कृपा

Saphla ekadashi

एकादशी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है जो भगवान विष्णु को समर्पित है। यह व्रत हर महीने में दो बार, शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में आता है। एकादशी के दिन, भक्त उपवास रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए, भक्त उन्हें भोग भी लगाते…

मोक्षदा एकादशी 2024 – जानिए व्रत का महत्व और कथा, पाएं मोक्ष का वरदान

mokshda ekadashi

हिंदू धर्म में एकादशी के व्रत को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। साल में 24 एकादशियां आती हैं, जिनमें से कुछ का विशेष महत्व होता है। मोक्षदा एकादशी भी उन्हीं में से एक है। यह मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष में आती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और व्रत रखा…

सफला एकादशी 2024 जानें शुभ मुहूर्त, महत्व, व्रत कथा और पूजा विधि

Saphla ekadashi

पौष माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को सफला एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह एकादशी, अपने नाम के अनुरूप ही फलदायी मानी जाती है। एकादशी व्रत, हिंदू धर्म में आध्यात्मिक जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग माना जाता है। वर्ष में 24 एकादशियां आती हैं, जो कि कृष्ण पक्ष और शुक्ल…

भगवान विष्णु सहस्रनामावली

भगवान विष्णु सहस्रनामावली में भगवान विष्णु के एक हजार पवित्र नामों का वर्णन है। भगवान विष्णु सृष्टि के पालनकर्ता और समस्त ब्रह्मांड के संरक्षक हैं। उनका यह सहस्रनाम उनके दिव्य गुणों, स्वरूपों और महिमा का गुणगान करता है। विष्णु सहस्रनामावली का पाठ भक्तों को हर प्रकार के संकटों से मुक्ति दिलाने, आत्मिक शांति प्राप्त करने,…

उत्पन्ना एकादशी 2024 व्रत क्यों और कैसे करें? जानिए व्रत का संपूर्ण विवरण और रहस्य

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उत्पन्ना एकादशी का व्रत हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह व्रत मार्गशीर्ष (अगहन) मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने माता एकादशी को उत्पन्न किया था, जिन्होंने राक्षस मुर का वध करके धर्म की रक्षा की थी। इस दिन व्रत…

विष्णु सहस्रनाम जाप करने के लाभ, नियम, कथा और महत्व

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विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र एक वैदिक भजन है जो भगवान विष्णु, हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक, के 1000 नामों का गुणगान करता है। यह स्तोत्र महाभारत के अनुशासनिक पर्व में भीष्म पितामह द्वारा युधिष्ठिर को सुनाया गया था। यह स्तोत्र भगवान विष्णु के विभिन्न गुणों, शक्तियों और अवतारों का वर्णन करता है। विष्णु…

श्री नारायण कवच

॥ श्री नारायण कवच ॥ ॐ श्री विष्णवे नमः ॥ ॐ श्री विष्णवे नमः ॥ ॐ श्री विष्णवे नमः ॥ ॐ नमो नारायणाय ॥ ॐ नमो नारायणाय ॥ ॐ नमो नारायणाय ॥ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॥ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॥ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॥ ॐ हरिर्विदध्यान्मम सर्वरक्षां न्यस्ताड़् घ्रिपद्मः पतगेन्द्रपृष्ठे । दरारिचर्मासिगदेषुचापपाशान्…

घर पर कैसे करें सत्यनारायण व्रत? श्री सत्यनारायण व्रत कथा, विधि, सामग्री और महत्व

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सत्यनारायण व्रत कथा का हिंदू धर्म में अत्यंत महत्व है। यह व्रत भगवान विष्णु के सत्यनारायण स्वरूप की पूजा के रूप में किया जाता है। इस व्रत की कथा का श्रवण एवं पूजा से सुख, शांति, समृद्धि और संतान सुख की प्राप्ति होती है। सत्यनारायण व्रत को पूर्ण विधि-विधान और श्रद्धा के साथ करने से…

वैकुण्ठ चतुर्दशी 2024 शुभ मुहूर्त – जानिए व्रत कथा, पूजा विधि और आसान उपाय

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वैकुण्ठ चतुर्दशी 2024 हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जिसे भगवान विष्णु और भगवान शिव की उपासना के लिए जाना जाता है। यह दिन विशेष रूप से भक्तों के लिए परम मोक्ष प्राप्ति का समय माना जाता है। वैकुण्ठ, भगवान विष्णु का निवास स्थान है, और यह दिन उन्हीं की कृपा से मोक्ष की…

बैकुंठ चतुर्दशीच्या कथा

|| बैकुंठ चतुर्दशीच्या कथा || एकदा भगवान विष्णू काशीला भगवान शिवाची पूजा करण्यासाठी आले. त्यांनी मणिकर्णिका घाटावर स्नान केलं आणि 1000 सुवर्ण कमळाच्या फुलांनी भगवान विश्वनाथाची पूजा करण्याचं ठरवलं. अभिषेकानंतर पूजा सुरू केली, तेव्हा भगवान शिवांनी त्यांच्या भक्तीची परीक्षा घेण्यासाठी एक फूल कमी केलं. भगवान विष्णूला 1000 कमळाची फुलं अर्पण करायची होती. फुलं कमी असल्याचं…

वैकुण्ठ चतुर्दशी प्रचलित पौराणिक कथा

।। वैकुण्ठ चतुर्दशी प्रचलित पौराणिक कथा ।। पौराणिक मतानुसार एक बार भगवान विष्णु देवाधिदेव महादेव का पूजन करने के लिए काशी आए। वहाँ मणिकर्णिका घाट पर स्नान करके उन्होंने एक हजार कमल पुष्पों से भगवान विश्वनाथ के पूजन का संकल्प किया। अभिषेक के बाद जब वे पूजन करने लगे तो शिवजी ने उनकी भक्ति की…

देवउठनी एकादशी कथा, पूजा विधि, महत्व, शुभ मुहूर्त और व्रत के नियम

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देवउठनी एकादशी, जिसे प्रबोधिनी एकादशी, देवोत्थान एकादशी और तुलसी विवाह के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण व्रतों में से एक है। यह व्रत कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु चार महीने की योग निद्रा (चतुर्मास) से जागते हैं और…

श्री हरि स्तोत्रम्

॥ श्री हरि स्तोत्र पाठ विधि ॥ पाठ शुरू करने से पहले सुबह उठकर नित्य क्रिया के बाद स्नान कर लें। श्री गणेश का नाम ले कर पूजा शुरू करें। पाठ को शुरू करने के बाद बीच में रुकना या उठना नहीं चाहिए। ॥ श्री हरि स्तोत्र एवं अर्थ ॥ जगज्जालपालं कचतकण्ठमालं, शरच्चन्द्रभालं महादैत्यकालम्। नभोनीलकायं…

देवउठनी एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

देव प्रबोधिनी एकादशी

वर्ष 2024 में देव प्रबोधिनी / देवउठनी एकादशी 12 नवंबर को मनायी जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी 11 नवंबर 2024 को रात 06 बजकर 46 मिनट से आरंभ हो हो रही है, जो 12 नवंबर को रात 04 बजकर 04 मिनट पर समाप्त हो रही है। उदया तिथि…

षटतिला एकादशी कैसे करें? जानिए व्रत के नियम, कथा और पूजा विधि

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षटतिला एकादशी का व्रत माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। इस एकादशी का अत्यधिक धार्मिक महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से समस्त पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है। “षटतिला” का अर्थ है छह प्रकार के तिलों का उपयोग, जो इस व्रत…

श्री नारायण कवच अर्थ सहित

॥ श्री नारायण कवच अर्थ सहित ॥ ॐ श्री विष्णवे नमः ॥ ॐ श्री विष्णवे नमः ॥ ॐ श्री विष्णवे नमः ॥ ॐ नमो नारायणाय ॥ ॐ नमो नारायणाय ॥ ॐ नमो नारायणाय ॥ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॥ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॥ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॥ ॐ हरिर्विदध्यान्मम सर्वरक्षां न्यस्ताड़् घ्रिपद्मः पतगेन्द्रपृष्ठे…

श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र

।। श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र ।। ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम: ॐ विश्वं विष्णु: वषट्कारो भूत-भव्य-भवत-प्रभुः । भूत-कृत भूत-भृत भावो भूतात्मा भूतभावनः ।। पूतात्मा परमात्मा च मुक्तानां परमं गतिः। अव्ययः पुरुष साक्षी क्षेत्रज्ञो अक्षर एव च ।। योगो योग-विदां नेता प्रधान-पुरुषेश्वरः । नारसिंह-वपुः श्रीमान केशवः पुरुषोत्तमः ।। सर्वः शर्वः शिवः स्थाणु: भूतादि: निधि: अव्ययः ।…

श्री विष्णु सहस्रनाम स्तोत्रम पाठ

।। श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र ।। ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम: ॐ विश्वं विष्णु: वषट्कारो भूत-भव्य-भवत-प्रभुः । भूत-कृत भूत-भृत भावो भूतात्मा भूतभावनः ।। पूतात्मा परमात्मा च मुक्तानां परमं गतिः। अव्ययः पुरुष साक्षी क्षेत्रज्ञो अक्षर एव च ।। योगो योग-विदां नेता प्रधान-पुरुषेश्वरः । नारसिंह-वपुः श्रीमान केशवः पुरुषोत्तमः ।। सर्वः शर्वः शिवः स्थाणु: भूतादि: निधि: अव्ययः ।…

रमा एकादशी व्रत 2024 – जानिए व्रत विधि, कथा, पारण का समय और महत्व

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रमा एकादशी हिंदू धर्म के पवित्र व्रतों में से एक है। यह व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष में एकादशी तिथि को रखा जाता है। इस वर्ष रमा एकादशी का व्रत 28 अक्टूबर 2024 को रखा जाएगा। रमा एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। इस व्रत को रखने से भगवान विष्णु की कृपा…

पापांकुशा एकादशी 2024 कब है? कैसे करें व्रत? क्या है महत्व?

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पापांकुशा एकादशी हिंदू धर्म में आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। यह एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है और इसे अत्यंत शुभ माना जाता है। पापांकुशा एकादशी एक पवित्र अवसर है जब हम अपने पापों का प्रायश्चित कर सकते हैं और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। यदि…

अनंत चतुर्दशी व्रत उद्यापन कैसे करें? जानिए व्रत की कहानी, पूजा विधि और महत्व

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अनंत चतुर्दशी हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत है। इस बार अनन्त चतुर्दशी मंगलवार, सितम्बर 17, 2024 को  है। यह भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इसे भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी के दिन मनाया जाता है। इस दिन अनंत रूपी भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस व्रत के माध्यम से भक्त अपने जीवन में सुख,…

Parivartini Ekadashi 2024 – परिवर्तिनी एकादशी के दिन क्या करें और क्या न करें?

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परिवर्तिनी एकादशी, जिसे ‘परिवर्तिनी’ या ‘आश्वयुज एकादशी’ भी कहते हैं, हिंदू कैलेंडर के अनुसार आश्वयुज मास की एकादशी को मनाई जाती है। इस वर्ष, परिवर्तिनी एकादशी 2024 में शनिवार, 14 सितंबर को पड़ रही है। यह एकादशी विशेष रूप से व्रत और पूजा के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है और इसके विशेष महत्व को लेकर…

वराह अवतार की कथा

।। वराह अवतार की कथा ।। हिरण्याक्ष नामक एक दश्यू के अत्याचारों से पृथ्वी को मुक्ति दिलाने के लिए प्रभु ने वराह रूप में अवतार लिया था। आज हम आपको इसी कथा के बारे में बताने जा रहे हैं। जब कश्यप ऋषि की पत्नी दिती की गर्भ से हिरण्याक्ष और हिरण्यकश्यप नाम के दो जुड़वां…

श्री वराह कवचम्

॥ श्रीवराहकवचम् ॥ आद्यं रङ्गमिति प्रोक्तं विमानं रङ्गसंज्ञितम् । श्रीमुष्णं वेङ्कटाद्रिं च साळग्रामं च नैमिशम् ॥ तोयाद्रिं पुष्करं चैव नरनारायणाश्रमम् । अष्टौ मे मूर्तयः सन्ति स्वयं व्यक्ता महीतले ॥ श्रीसूतः – श्रीरुद्रमुखनिर्णीतमुरारिगुणसत्कथा । सन्तुष्टा पार्वती प्राह शङ्करं लोकशङ्करम् ॥ श्रीपार्वत्युवाच – श्रीमुष्णेशस्य माहात्म्यं वराहस्य महात्मनः । श्रुत्वा तृप्तिर्न मे जाता मनः कौतूहलायते । श्रोतुं तद्देवमाहात्म्यं…

अजा एकादशी व्रत रखने की विधि, पूजा सामग्री, मंत्र और आरती

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अजा एकादशी भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को कहते हैं। यह एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है और इसे बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। अजा एकादशी का व्रत हिंदू धर्म में…

108 Names of Lord Vishnu

|| Vishnu Ashtothram Shatnamavali || Om vishnave namah | Om jishnave namah | Om vashatkaraya namah | Om devadevaya namah | Om vrishakapaye namah | Om damodaraya namah | Om dinabandhave namah | Om adidevaya namah | Om aditestutaya namah | 9 Om pundarikaya namah | Om paranandaya namah | Om paramatmane namah | Om…

विष्णु भगवान के 108 नाम

|| विष्णु भगवान अष्टोत्तर शतनामावली || ॐ विष्णवे नमः | ॐ जिष्णवे नमः | ॐ वषट्काराय नमः | ॐ देवदेवाय नमः | ॐ वृषाकपये नमः | ॐ दामोदराय नमः | ॐ दीनबंधवे नमः | ॐ आदिदेवाय नमः | ॐ अदितेस्तुताय नमः | ९ ॐ पुंडरीकाय नमः | ॐ परानंदाय नमः | ॐ परमात्मने नमः |…

విష్ణువు యొక్క 108 పేర్లు

|| అష్టోత్తర శతనామావళి శ్రీమహావిష్ణువు || ఓం విష్ణవే నమః | ఓం జిష్ణవే నమః | ఓం వషట్కారాయ నమః | ఓం దేవదేవాయ నమః | ఓం వృషాకపయే నమః | ఓం దామోదరాయ నమః | ఓం దీనబంధవే నమః | ఓం ఆదిదేవాయ నమః | ఓం అదితేస్తుతాయ నమః | ౯ ఓం పుండరీకాయ నమః | ఓం పరానందాయ నమః | ఓం పరమాత్మనే నమః | ఓం…

सत्यनारायणाची कथा मराठी

|| सत्यनारायणाची कथा मराठी || प्रारंभ अध्याय पहिला अथ कथा: । श्रीगणेशाय नम: ॥ एकदा नैमिषारण्ये ऋषय: शौनकादय: ॥ पप्रच्छुर्मुनय: सर्वे सूतं पौराणिकं खलु ॥१॥ ऋषय ऊचु: ॥ व्रतेन तपसा किं वा प्राप्यते वांछितं फलम्। तत्सर्वं श्रोतुमिच्छाम: कथयस्व महामुने ॥२॥ सूत उवाच ॥ नरादेनैव संपृष्टो भगवान्कमलापति: ॥ सुरर्षये यथैवाह तच्छृणुध्वं समाहिता: ॥३॥ एकदा नारदो योगी परानुग्रहकांक्षया…

कल्कि जयन्ती 2024 कब है, कैसे मनाएं, क्या महत्व है?

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कल्कि जयंती हिन्दू धर्म के वैष्णव संप्रदाय का एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह भगवान विष्णु के दसवें और अंतिम अवतार, भगवान कल्कि के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। कल्कि जयन्ती भगवान विष्णु के दसवें अवतार, कल्कि, के जन्म का उत्सव है। इसे हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। कल्कि अवतार को…

വിഷ്ണു പഞ്ചക സ്തോത്രം

|| വിഷ്ണു പഞ്ചക സ്തോത്രം || ഉദ്യദ്ഭാനുസഹസ്രഭാസ്വര- പരവ്യോമാസ്പദം നിർമല- ജ്ഞാനാനന്ദഘനസ്വരൂപ- മമലജ്ഞാനാദിഭിഃ ഷഡ്ഗുണൈഃ. ജുഷ്ടം സൂരിജനാധിപം ധൃതരഥാംഗാബ്ജം സുഭൂഷോജ്ജ്വലം ശ്രീഭൂസേവ്യമനന്ത- ഭോഗിനിലയം ശ്രീവാസുദേവം ഭജേ. ആമോദേ ഭുവനേ പ്രമോദ ഉത സമ്മോദേ ച സങ്കർഷണം പ്രദ്യുമ്നം ച തഥാഽനിരുദ്ധമപി താൻ സൃഷ്ടിസ്ഥിതീ ചാപ്യയം. കുർവാണാൻ മതിമുഖ്യഷഡ്ഗുണവരൈ- ര്യുക്താംസ്ത്രിയുഗ്മാത്മകൈ- ര്വ്യൂഹാധിഷ്ഠിതവാസുദേവമപി തം ക്ഷീരാബ്ധിനാഥം ഭജേ. വേദാന്വേഷണമന്ദരാദ്രിഭരണ- ക്ഷ്മോദ്ധാരണസ്വാശ്രിത- പ്രഹ്ലാദാവനഭൂമിഭിക്ഷണ- ജഗദ്വിക്രാന്തയോ യത്ക്രിയാഃ. ദുഷ്ടക്ഷത്രനിബർഹണം ദശമുഖാദ്യുന്മൂലനം കർഷണം കാലിന്ദ്യാ അതിപാപകംസനിധനം യത്ക്രീഡിതം തം നുമഃ. യോ ദേവാദിചതുർവിധേഷ്ടജനിഷു ബ്രഹ്മാണ്ഡകോശാന്തരേ…

విష్ణు పంచక స్తోత్రం

|| విష్ణు పంచక స్తోత్రం || ఉద్యద్భానుసహస్రభాస్వర- పరవ్యోమాస్పదం నిర్మల- జ్ఞానానందఘనస్వరూప- మమలజ్ఞానాదిభిః షడ్గుణైః. జుష్టం సూరిజనాధిపం ధృతరథాంగాబ్జం సుభూషోజ్జ్వలం శ్రీభూసేవ్యమనంత- భోగినిలయం శ్రీవాసుదేవం భజే. ఆమోదే భువనే ప్రమోద ఉత సమ్మోదే చ సంకర్షణం ప్రద్యుమ్నం చ తథాఽనిరుద్ధమపి తాన్ సృష్టిస్థితీ చాప్యయం. కుర్వాణాన్ మతిముఖ్యషడ్గుణవరై- ర్యుక్తాంస్త్రియుగ్మాత్మకై- ర్వ్యూహాధిష్ఠితవాసుదేవమపి తం క్షీరాబ్ధినాథం భజే. వేదాన్వేషణమందరాద్రిభరణ- క్ష్మోద్ధారణస్వాశ్రిత- ప్రహ్లాదావనభూమిభిక్షణ- జగద్విక్రాంతయో యత్క్రియాః. దుష్టక్షత్రనిబర్హణం దశముఖాద్యున్మూలనం కర్షణం కాలింద్యా అతిపాపకంసనిధనం యత్క్రీడితం తం నుమః. యో దేవాదిచతుర్విధేష్టజనిషు బ్రహ్మాండకోశాంతరే…

விஷ்ணு பஞ்சக ஸ்தோத்திரம்

 || விஷ்ணு பஞ்சக ஸ்தோத்திரம் || உத்யத்பானுஸஹஸ்ரபாஸ்வர- பரவ்யோமாஸ்பதம் நிர்மல- ஜ்ஞானானந்தகனஸ்வரூப- மமலஜ்ஞாநாதிபி꞉ ஷட்குணை꞉. ஜுஷ்டம் ஸூரிஜனாதிபம் த்ருதரதாங்காப்ஜம் ஸுபூஷோஜ்ஜ்வலம் ஶ்ரீபூஸேவ்யமனந்த- போகிநிலயம் ஶ்ரீவாஸுதேவம் பஜே. ஆமோதே புவனே ப்ரமோத உத ஸம்மோதே ச ஸங்கர்ஷணம் ப்ரத்யும்னம் ச ததா(அ)நிருத்தமபி தான் ஸ்ருஷ்டிஸ்திதீ சாப்யயம். குர்வாணான் மதிமுக்யஷட்குணவரை- ர்யுக்தாம்ஸ்த்ரியுக்மாத்மகை- ர்வ்யூஹாதிஷ்டிதவாஸுதேவமபி தம் க்ஷீராப்திநாதம் பஜே. வேதான்வேஷணமந்தராத்ரிபரண- க்ஷ்மோத்தாரணஸ்வாஶ்ரித- ப்ரஹ்லாதாவனபூமிபிக்ஷண- ஜகத்விக்ராந்தயோ யத்க்ரியா꞉. துஷ்டக்ஷத்ரனிபர்ஹணம் தஶமுகாத்யுன்மூலனம் கர்ஷணம் காலிந்த்யா அதிபாபகம்ஸநிதனம் யத்க்ரீடிதம் தம் நும꞉. யோ தேவாதிசதுர்விதேஷ்டஜநிஷு ப்ரஹ்மாண்டகோஶாந்தரே…

ವಿಷ್ಣು ಪಂಚಕ ಸ್ತೋತ್ರ

|| ವಿಷ್ಣು ಪಂಚಕ ಸ್ತೋತ್ರ || ಉದ್ಯದ್ಭಾನುಸಹಸ್ರಭಾಸ್ವರ- ಪರವ್ಯೋಮಾಸ್ಪದಂ ನಿರ್ಮಲ- ಜ್ಞಾನಾನಂದಘನಸ್ವರೂಪ- ಮಮಲಜ್ಞಾನಾದಿಭಿಃ ಷಡ್ಗುಣೈಃ. ಜುಷ್ಟಂ ಸೂರಿಜನಾಧಿಪಂ ಧೃತರಥಾಂಗಾಬ್ಜಂ ಸುಭೂಷೋಜ್ಜ್ವಲಂ ಶ್ರೀಭೂಸೇವ್ಯಮನಂತ- ಭೋಗಿನಿಲಯಂ ಶ್ರೀವಾಸುದೇವಂ ಭಜೇ. ಆಮೋದೇ ಭುವನೇ ಪ್ರಮೋದ ಉತ ಸಮ್ಮೋದೇ ಚ ಸಂಕರ್ಷಣಂ ಪ್ರದ್ಯುಮ್ನಂ ಚ ತಥಾಽನಿರುದ್ಧಮಪಿ ತಾನ್ ಸೃಷ್ಟಿಸ್ಥಿತೀ ಚಾಪ್ಯಯಂ. ಕುರ್ವಾಣಾನ್ ಮತಿಮುಖ್ಯಷಡ್ಗುಣವರೈ- ರ್ಯುಕ್ತಾಂಸ್ತ್ರಿಯುಗ್ಮಾತ್ಮಕೈ- ರ್ವ್ಯೂಹಾಧಿಷ್ಠಿತವಾಸುದೇವಮಪಿ ತಂ ಕ್ಷೀರಾಬ್ಧಿನಾಥಂ ಭಜೇ. ವೇದಾನ್ವೇಷಣಮಂದರಾದ್ರಿಭರಣ- ಕ್ಷ್ಮೋದ್ಧಾರಣಸ್ವಾಶ್ರಿತ- ಪ್ರಹ್ಲಾದಾವನಭೂಮಿಭಿಕ್ಷಣ- ಜಗದ್ವಿಕ್ರಾಂತಯೋ ಯತ್ಕ್ರಿಯಾಃ. ದುಷ್ಟಕ್ಷತ್ರನಿಬರ್ಹಣಂ ದಶಮುಖಾದ್ಯುನ್ಮೂಲನಂ ಕರ್ಷಣಂ ಕಾಲಿಂದ್ಯಾ ಅತಿಪಾಪಕಂಸನಿಧನಂ ಯತ್ಕ್ರೀಡಿತಂ ತಂ ನುಮಃ. ಯೋ ದೇವಾದಿಚತುರ್ವಿಧೇಷ್ಟಜನಿಷು ಬ್ರಹ್ಮಾಂಡಕೋಶಾಂತರೇ…

विष्णु पंचक स्तोत्र

|| विष्णु पंचक स्तोत्र || उद्यद्भानुसहस्रभास्वर- परव्योमास्पदं निर्मल- ज्ञानानन्दघनस्वरूप- ममलज्ञानादिभिः षड्गुणैः। जुष्टं सूरिजनाधिपं धृतरथाङ्गाब्जं सुभूषोज्ज्वलं श्रीभूसेव्यमनन्त- भोगिनिलयं श्रीवासुदेवं भजे। आमोदे भुवने प्रमोद उत सम्मोदे च सङ्कर्षणं प्रद्युम्नं च तथाऽनिरुद्धमपि तान् सृष्टिस्थिती चाप्ययम्। कुर्वाणान् मतिमुख्यषड्गुणवरै- र्युक्तांस्त्रियुग्मात्मकै- र्व्यूहाधिष्ठितवासुदेवमपि तं क्षीराब्धिनाथं भजे। वेदान्वेषणमन्दराद्रिभरण- क्ष्मोद्धारणस्वाश्रित- प्रह्लादावनभूमिभिक्षण- जगद्विक्रान्तयो यत्क्रियाः। दुष्टक्षत्रनिबर्हणं दशमुखाद्युन्मूलनं कर्षणं कालिन्द्या अतिपापकंसनिधनं यत्क्रीडितं तं नुमः। यो देवादिचतुर्विधेष्टजनिषु ब्रह्माण्डकोशान्तरे…

Vishnu Stuti

|| Vishnu Stuti || Shantakaram Bhujagashayanam Padmanabham Suresham Vishvadharam Gaganasadrisham Meghavarnam Shubhangam । Lakshmikantam Kamalanayanam Yogibhirdhyanagamyam Vande Vishnum Bhavabhayaharam Sarvalokaikanatham ॥

Vishnu Chalisa

|| Vishnu Chalisa || ॥ Doha ॥ Vishnu Sunie Vinay Sevak Ki Chitalay । Kirat Kuchh Varnan Karoon Dijai Gyan Batay । ॥ Chaupai ॥ Namo Vishnu Bhagwan Kharari । Kasht Nashavan Akhil Bihari ॥ Prabal Jagat Mein Shakti Tumhari । Tribhuvan Phail Rahi Ujiyari ॥ Sundar Roop Manohar Soorat । Saral Swabhav Mohani Moorat…

ॐ श्री विष्णु मंत्र: मङ्गलम् भगवान विष्णुः

|| ॐ श्री विष्णु मंत्र: मङ्गलम् भगवान विष्णुः || 1. श्री विष्णु मूल मंत्र ॐ नमोः नारायणाय॥ 2. श्री विष्णु भगवते वासुदेवाय मंत्र ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय॥ 3. श्री विष्णु गायत्री मंत्र ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥ 4. विष्णु शान्ताकारम मंत्र 5. मंगल श्री विष्णु मंत्र मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम्…

విష్ణు అష్టోత్తర శత నామావళి

|| విష్ణు అష్టోత్తర శత నామావళి || ఓం విష్ణవే నమః । ఓం జిష్ణవే నమః । ఓం వషట్కారాయ నమః । ఓం దేవదేవాయ నమః । ఓం వృషాకపయే నమః । ఓం దామోదరాయ నమః । ఓం దీనబంధవే నమః । ఓం ఆదిదేవాయ నమః । ఓం అదితేస్తుతాయ నమః । ఓం పుండరీకాయ నమః (10) ఓం పరానందాయ నమః । ఓం పరమాత్మనే నమః । ఓం…

Govinda Namalu Telugu

|| గోవింద నామాలు || శ్రీ శ్రీనివాసా గోవిందా శ్రీ వేంకటేశా గోవిందా భక్తవత్సలా గోవిందా భాగవతప్రియ గోవిందా నిత్యనిర్మలా గోవిందా నీలమేఘశ్యామ గోవిందా పురాణపురుషా గోవిందా పుండరీకాక్ష గోవిందా గోవిందా హరి గోవిందా గోకులనందన గోవిందా నందనందనా గోవిందా నవనీతచోరా గోవిందా పశుపాలక శ్రీ గోవిందా పాపవిమోచన గోవిందా దుష్టసంహార గోవిందా దురితనివారణ గోవిందా శిష్టపరిపాలక గోవిందా కష్టనివారణ గోవిందా గోవిందా హరి గోవిందా గోకులనందన గోవిందా వజ్రమకుటధర గోవిందా వరాహమూర్తివి గోవిందా గోపీజనలోల గోవిందా…

అపమార్జన స్తోత్రం

|| అపమార్జన స్తోత్రం || భగవాన్ ప్రాణిన సర్వ్ విష రోగాద్ ఉపద్రవై, దుష్ట గ్రహిబిగాతైస్చ సర్వ కలముపద్రుతా. అభిచారక క్రుత్యభి స్పర్స రోగైస్చ దరుణి, సదా సంపీదయమానస్తూ తిష్టంతి ముని సతమ కేన కర్మ విపకేన విష రోఘద్యుపధ్రవ, న భవంతి నృణాం తన్మే యధావాడ్ వక్తుమర్హసి శ్రీ పులస్త్య ఉవాచ వ్రుతో ఉపవసై యై విష్ణుర్ అన్య జన్మని తోషిత, థెయ్ నారా ముని శార్దూల విష రోగాది భాగిన యైర్ణ తత్ ప్రవనం…

ವಿಷ್ಣು ಅಷ್ಟೋತ್ತರ ಶತನಾಮಾವಳಿ

||ವಿಷ್ಣು ಅಷ್ಟೋತ್ತರ ಶತನಾಮಾವಳಿ|| ಓಂ ಕೃಷ್ಣಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ಕೇಶವಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ಕೇಶಿಶತ್ರವೇ ನಮಃ | ಓಂ ಸನಾತನಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ಕಂಸಾರಯೇ ನಮಃ | ಓಂ ಧೇನುಕಾರಯೇ ನಮಃ | ಓಂ ಶಿಶುಪಾಲರಿಪವೇ ನಮಃ | ಓಂ ಪ್ರಭುವೇ ನಮಃ | ಓಂ ಯಶೋದಾನಂದನಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ಶೌರಯೇ ನಮಃ || ೧ || ಓಂ ಪುಂಡರೀಕನಿಭೇಕ್ಷಣಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ದಾಮೋದರಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ಜಗನ್ನಾಥಾಯ…

விஷ்ணு அஷ்டோத்தர ஶத நாமாவல்தி³

||விஷ்ணு அஷ்டோத்தர ஶத நாமாவல்தி³|| ஓம் விஷ்ணவே நம: । ஓம் ஜிஷ்ணவே நம: । ஓம் வஷட்காராய நம: । ஓம் தே³வதே³வாய நம: । ஓம் வ்ருஷாகபயே நம: । ஓம் தா³மோத³ராய நம: । ஓம் தீ³னப³ன்த⁴வே நம: । ஓம் ஆதி³தே³வாய நம: । ஓம் அதி³தேஸ்துதாய நம: । ஓம் புண்ட³ரீகாய நம: (1௦) ஓம் பரானந்தா³ய நம: । ஓம் பரமாத்மனே நம: । ஓம் பராத்பராய நம:…

വിഷ്ണു അഷ്ടോത്തര ശതനാമാവലി

||വിഷ്ണു അഷ്ടോത്തര ശതനാമാവലി|| ഓം കൃഷ്ണായ നമഃ | ഓം കേശവായ നമഃ | ഓം കേശിശത്രവേ നമഃ | ഓം സനാതനായ നമഃ | ഓം കംസാരയേ നമഃ | ഓം ധേനുകാരയേ നമഃ | ഓം ശിശുപാലരിപവേ നമഃ | ഓം പ്രഭുവേ നമഃ | ഓം യശോദാനംദനായ നമഃ | ഓം ശൗരയേ നമഃ || ൧ || ഓം പുംഡരീകനിഭേക്ഷണായ നമഃ | ഓം ദാമോദരായ നമഃ | ഓം ജഗന്നാഥായ…

વિષ્ણુ અષ્ટોત્તર શતનામાવલિ

||વિષ્ણુ અષ્ટોત્તર શતનામાવલિ|| ૐ કૃષ્ણાય નમઃ | ૐ કેશવાય નમઃ | ૐ કેશિશત્રવે નમઃ | ૐ સનાતનાય નમઃ | ૐ કંસારયે નમઃ | ૐ ધેનુકારયે નમઃ | ૐ શિશુપાલરિપવે નમઃ | ૐ પ્રભુવે નમઃ | ૐ યશોદાનંદનાય નમઃ | ૐ શૌરયે નમઃ || ૧ || ૐ પુંડરીકનિભેક્ષણાય નમઃ | ૐ દામોદરાય નમઃ | ૐ જગન્નાથાય…