Lord Vishnu Most Powerful Mantra – भगवान विष्णु के शक्तिशाली मंत्र, करें इन मंत्रों का जाप, होगी हर इच्छा पूरी

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भगवान विष्णु को गुरुवार का दिन अत्यंत प्रिय माना जाता है। इस दिन जगत के पालनहार श्री हरि विष्णु और बृहस्पति देव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि गुरुवार के दिन श्रद्धापूर्वक व्रत रखने से साधक की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख, समृद्धि तथा सौभाग्य की वृद्धि होती…

श्री विष्णु मत्स्य अवतार पौराणिक कथा

|| श्री विष्णु मत्स्य अवतार पौराणिक कथा || एक बार ब्रह्मा जी के पास से वेदों को एक बहुत बड़े दैत्य हयग्रीव ने चुरा लिया। चारों ओर अज्ञानता का अंधकार फैल गया और पाप तथा अधर्म का बोल-बाला हो गया। तब भगवान ने धर्म की रक्षा के लिए मत्स्य रूप धारण करके उस दैत्य का…

प्रहलाद कृत नृसिंह स्तोत्र

|| प्रहलाद कृत नृसिंह स्तोत्र || ब्रह्मादयः सुरगणा मुनयोऽथ सिद्धाः सत्त्वैकतानमतयो वचसां प्रवाहैः। नाराधितुं पुरुगुणैरधुनापि पिप्रुः किं तोष्टुमर्हति स मे हरिरुग्रजातेः॥ मन्ये धनाभिजनरूपतपःश्रुतौज- स्तेजःप्रभावबलपौरुषबुद्धियोगाः। नाराधनाय हि भवन्ति परस्य पुंसो भक्त्या तुतोष भगवान् गजयूथपाय॥ विप्राद्द्विषड्गुणयुतादरविन्दनाभ- पादारविन्दविमुखाच्छ्वपचं वरिष्ठम्। मन्ये तदर्पितमनोवचनेहितार्थ- प्राणं पुनाति स कुलं न तु भूरिमानः॥ नैवात्मनः प्रभुरयं निजलाभपूर्णो मानं जनादविदुषः करुणो वृणीते । यद्यज्जनो भगवते…

श्री लक्ष्मी नरसिंह करावलंबा स्तोत्रम

|| श्री लक्ष्मी नरसिंह करावलंबा स्तोत्रम || श्रीमत्पयॊनिधिनिकॆतन चक्रपाणॆ भॊगीन्द्रभॊगमणिराजित पुण्यमूर्तॆ । यॊगीश शाश्वत शरण्य भवाब्धिपॊत लक्ष्मीनृसिंह मम दॆहि करावलम्बम् ॥ ब्रह्मॆन्द्ररुद्रमरुदर्ककिरीटकॊटि सङ्घट्टिताङ्घ्रिकमलामलकान्तिकान्त । लक्ष्मीलसत्कुचसरॊरुहराजहंस लक्ष्मीनृसिंह मम दॆहि करावलम्बम् ॥ संसारदावदहनाकरभीकरॊरु- ज्वालावलीभिरतिदग्धतनूरुहस्य । त्वत्पादपद्मसरसीरुहमागतस्य लक्ष्मीनृसिंह मम दॆहि करावलम्बम् ॥ संसारजालपतिततस्य जगन्निवास सर्वॆन्द्रियार्थ बडिशाग्र झषॊपमस्य । प्रॊत्कम्पित प्रचुरतालुक मस्तकस्य लक्ष्मीनृसिंह मम दॆहि करावलम्बम् ॥ संसारकूमपतिघॊरमगाधमूलं सम्प्राप्य…

लक्ष्मी नरसिंह करावलंबा स्तोत्रम लाभ सहित

|| श्री लक्ष्मी नरसिंह करावलंबा स्तोत्रम के लाभ || नरसिंह मंत्रों का जाप करने का लाभ सभी प्रकार के भय और चिंताओं को दूर करना है। ये मंत्र सूक्ष्म तरीके से काम करता हैं और जाप करने वाले को साहस, आत्मविश्वास, विश्वास और निडरता देता है | शत्रुओं को वश में करने में मदद करता…

ಬೃಹಸ್ಪತಿ ವಾರ (ಗುರುವಾರ) ವ್ರತ ಕಥಾ

|| ಮಾರ್ಗಶಿರ ಲಕ್ಷ್ಮಿ ವ್ರತ ಪೂಜಾ ಮತ್ತು ಕಥೆ ಸಹಿತ || ಇದು ಪ್ರಾಚೀನ ಕಾಲದ ವಿಷಯ. ದೊಡ್ಡ ಭವ್ಯ ಮತ್ತು ದಾನಶೀಲ ರಾಜನು ಒಂದು ರಾಜ್ಯವನ್ನು ಆಳುತ್ತಿದ್ದನು. ಪ್ರತಿ ಗುರುವಾರದಂದು ಉಪವಾಸವಿದ್ದು ದೀನದಲಿತರಿಗೆ ಸಹಾಯ ಮಾಡುತ್ತಾ ಪುಣ್ಯವನ್ನು ಪಡೆಯುತ್ತಿದ್ದನು, ಆದರೆ ಈ ವಿಷಯ ಅವನ ರಾಣಿಗೆ ಇಷ್ಟವಾಗಲಿಲ್ಲ. ಅವಳು ಉಪವಾಸ ಮಾಡಲಿಲ್ಲ ಅಥವಾ ರಾಜನಿಗೆ ದಾನ ಮಾಡಲು ಅವಕಾಶವನ್ನೂ ನೀಡಲಿಲ್ಲ. ಒಮ್ಮೆ ರಾಜ ಬೇಟೆಗೆ ಹೋಗಿದ್ದನು. ಆ ದಿನ, ಗುರು ಬೃಹಸ್ಪತಿ ದೇವನು ಸನ್ಯಾಸಿ ರೂಪದಲ್ಲಿ…

श्री वाराही सहस्त्रनाम पाठ – महत्व, पूजा विधि, प्रभाव और लाभ

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हिंदू धर्म में देवी वाराही को शक्ति और ज्ञान का प्रतीक माना जाता है। देवी वाराही महाविद्याओं में से एक हैं और भगवान विष्णु के वराह अवतार की शक्तिरूपा हैं। उनके सहस्त्रनाम का पाठ (1000 नामों का जप) भक्तों के लिए अनेक लाभकारी और कल्याणकारी प्रभाव देता है। इस लेख में हम श्री वाराही सहस्त्रनाम…

श्रीमान नारायण नाम संकीर्तन

|| श्रीमान नारायण नाम संकीर्तन || श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ।टेक। लक्ष्मीनारायण नारायण नारायण नारायण बद्रीनारायण नारायण नारायण नारायण मुक्तिनारायण नारायण नारायण नारायण सत्यनारायण नारायण नारायण नारायण गोदानारायण नारायण नारायण नारायण वेंकटनारायण नारायण नारायण नारायण श्रीविष्णुपुराण भागवत गीता (स्वमी), वाल्मीकिजीकी रामायण । श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ॥ चारिहूँ वेद पुराण अष्टादश, वेदव्यासजी की पारायण ।…

श्री नारायणाष्टकम्

॥ श्री नारायणाष्टकम् ॥ वात्सल्यादभयप्रदान-समयादार्तिनिर्वापणा- दौदार्यादघशोषणाद-गणितश्रेयःपदप्रापणात्। सेव्यः श्रीपतिरेक एवजगतामेतेऽभवन्साक्षिणः प्रह्लादश्च विभीषणश्चकरिराट् पाञ्चाल्यहल्या ध्रुवः॥ प्रह्लादास्ति यदीश्वरो वदहरिः सर्वत्र मे दर्शय स्तम्भे चैवमितिब्रुवन्तमसुरं तत्राविरासीद्धरिः। वक्षस्तस्य विदारयन्निजन-खैर्वात्सल्यमापाद- यन्नार्तत्राणपरायणः सभगवान्नारायणो मे गतिः॥ श्रीरामात्र विभीषणोऽयमनघोरक्षोभयादागतः सुग्रीवानय पालयैनमधुनापौलस्त्यमेवागतम्। इत्युक्त्वाभयमस्यसर्वविदितं यो राघवो दत्तवानार्तत्राणपरायणः सभगवान्नारायणो मे गतिः॥ नक्रग्रस्तपदं समुद्धतकरंब्रह्मादयो भो सुराः पाल्यन्तामिति दीनवाक्यकरिणंदेवेष्वशक्तेषु यः। मा भैषीरिति यस्यनक्रहनने चक्रायुधः श्रीधर। आर्तत्राणपरायणः सभगवान्नारायणो मे गतिः॥…

जानिए विजया एकादशी व्रत के दौरान किन नियमों का पालन करना चाहिए और कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए

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विजया एकादशी हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है। यह व्रत फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की आराधना करने से सभी पाप नष्ट होते हैं और व्यक्ति को विजय एवं सफलता की प्राप्ति होती है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि…

जानें नारायण कवच पाठ करते समय किन नियमों और सावधानियों का पालन करना चाहिए। जानें पाठ का उचित समय और इसके लाभ।

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नारायण कवच एक अत्यंत शक्तिशाली वैदिक मंत्र है, जो भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए पढ़ा जाता है। यह कवच भक्तों को नकारात्मक ऊर्जा, बुरी शक्तियों और जीवन में आने वाली विभिन्न बाधाओं से बचाने में सहायक होता है। इस लेख में, हम नारायण कवच पाठ करने के नियमों, सावधानियों, उचित समय और…

वामन अवतार कथा तथा पूजा विधि

वामन जयंती पूजा विधि इस दिन भगवान विष्णु को उनके वामन रूप में पूजा जाता है। इस दिन उपासक को सूर्योदय से पहले उठना चाहिए। नित्यक्रिया के बाद स्नान और भगावन विष्णु का ध्यान कर दिन की शुरुआत करनी चाहिए। इसके बाद दिन की शुरुआत में आप वामन देव की सोने या फिर मिट्टी से…

श्री विष्णु स्तुति

॥ श्री विष्णु स्तुति ॥ शान्ताकारं भुजंगशयनं पद्मनाभं सुरेशं विश्वाधारं गगन सदृशं मेघवर्ण शुभांगम् । शान्ताकारं भुजंगशयनं….. लक्ष्मीकांत कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं वन्दे विष्णु भवभयहरं सर्व लौकेक नाथम् ॥ शान्ताकारं भुजंगशयनं….. यं ब्रह्मा वरुणैन्द्रु रुद्रमरुत: स्तुन्वानि दिव्यै स्तवैवेदे: । सांग पदक्रमोपनिषदै गार्यन्ति यं सामगा: । शान्ताकारं भुजंगशयनं…. ध्यानावस्थित तद्गतेन मनसा पश्यति यं योगिनो यस्यातं न विदु: सुरासुरगणा…

नृसिंह अवतरण पौराणिक कथा

|| नृसिंह अवतरण पौराणिक कथा || पौराणिक कथा के अनुसार, हिरण्यकश्यप को ब्रह्माजी से वरदान प्राप्त था कि वह न तो किसी मनुष्य द्वारा मारा जा सके न ही किसी पशु द्वारा। न दिन में मारा जा सके, न रात में, न जमींन पर मारा जा सके, न आसमान में। इस वरदान के नशे में…

आज है षटतिला एकादशी कैसे करें? जानिए व्रत के नियम, कथा और पूजा विधि – Shattila Ekadashi 2025

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षटतिला एकादशी का व्रत माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। इस एकादशी का अत्यधिक धार्मिक महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से समस्त पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है। “षटतिला” का अर्थ है छह प्रकार के तिलों का उपयोग, जो इस व्रत…

षटतिला एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

॥ षटतिला एकादशी व्रत पूजा विधि ॥ षटतिला एकादशी व्रत में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस दिन तिल का प्रयोग 6 तरीकों से किया जाता है। तिल स्नान, तिल का उबटन, तिल का हवन, तिल का तर्पण, तिल का भोग और तिल का दान। पूजा के लिए इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में…

Parivartini Ekadashi 2025 – परिवर्तिनी एकादशी के दिन क्या करें और क्या न करें?

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परिवर्तिनी एकादशी, जिसे ‘परिवर्तिनी’ या ‘आश्वयुज एकादशी’ भी कहते हैं, हिंदू कैलेंडर के अनुसार आश्वयुज मास की एकादशी को मनाई जाती है। इस वर्ष, परिवर्तिनी एकादशी 2025 में बुधवार, 3 सितंबर को पड़ रही है। यह एकादशी विशेष रूप से व्रत और पूजा के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है और इसके विशेष महत्व को लेकर…

पापांकुशा एकादशी 2025 कब है? कैसे करें व्रत? क्या है महत्व?

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पापांकुशा एकादशी हिंदू धर्म में आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। यह एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है और इसे अत्यंत शुभ माना जाता है। पापांकुशा एकादशी एक पवित्र अवसर है जब हम अपने पापों का प्रायश्चित कर सकते हैं और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। यदि…

वैकुण्ठ चतुर्दशी 2025 शुभ मुहूर्त – जानिए व्रत कथा, पूजा विधि और आसान उपाय

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वैकुण्ठ चतुर्दशी 2025 हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जिसे भगवान विष्णु और भगवान शिव की उपासना के लिए जाना जाता है। यह दिन विशेष रूप से भक्तों के लिए परम मोक्ष प्राप्ति का समय माना जाता है। वैकुण्ठ, भगवान विष्णु का निवास स्थान है, और यह दिन उन्हीं की कृपा से मोक्ष की…

उत्पन्ना एकादशी 2025 व्रत क्यों और कैसे करें? जानिए व्रत का संपूर्ण विवरण और रहस्य

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उत्पन्ना एकादशी का व्रत हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह व्रत मार्गशीर्ष (अगहन) मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने माता एकादशी को उत्पन्न किया था, जिन्होंने राक्षस मुर का वध करके धर्म की रक्षा की थी। इस दिन व्रत…

मोक्षदा एकादशी 2025 – जानिए व्रत का महत्व और कथा, पाएं मोक्ष का वरदान

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हिंदू धर्म में एकादशी के व्रत को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। साल में 24 एकादशियां आती हैं, जिनमें से कुछ का विशेष महत्व होता है। मोक्षदा एकादशी 2025 भी उन्हीं में से एक है। यह मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष में आती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और व्रत…

सफला एकादशी 2025 – जानें शुभ मुहूर्त, महत्व, व्रत कथा और पूजा विधि

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पौष माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को सफला एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह एकादशी, अपने नाम के अनुरूप ही फलदायी मानी जाती है। एकादशी व्रत, हिंदू धर्म में आध्यात्मिक जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग माना जाता है। वर्ष में 24 एकादशियां आती हैं, जो कि कृष्ण पक्ष और शुक्ल…

श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा

|| बृहस्पतिवार व्रत का महत्व || बृहस्पतिवार का व्रत हिंदू धर्म में विशेष रूप से भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की पूजा के लिए किया जाता है। इसे गुरु वार व्रत के नाम से भी जाना जाता है। इस व्रत का पालन करने से भक्तों को शुभ फल की प्राप्ति होती है और उनके जीवन…

Govinda Namalu Telugu

|| గోవింద నామాలు – Govinda Namalu || శ్రీ శ్రీనివాసా గోవిందా శ్రీ వేంకటేశా గోవిందా భక్తవత్సలా గోవిందా భాగవతప్రియ గోవిందా నిత్యనిర్మలా గోవిందా నీలమేఘశ్యామ గోవిందా పురాణపురుషా గోవిందా పుండరీకాక్ష గోవిందా గోవిందా హరి గోవిందా గోకులనందన గోవిందా నందనందనా గోవిందా నవనీతచోరా గోవిందా పశుపాలక శ్రీ గోవిందా పాపవిమోచన గోవిందా దుష్టసంహార గోవిందా దురితనివారణ గోవిందా శిష్టపరిపాలక గోవిందా కష్టనివారణ గోవిందా గోవిందా హరి గోవిందా గోకులనందన గోవిందా వజ్రమకుటధర గోవిందా వరాహమూర్తివి…

श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र पाठ

।। श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र पाठ ।। ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम: ॐ विश्वं विष्णु: वषट्कारो भूत-भव्य-भवत-प्रभुः । भूत-कृत भूत-भृत भावो भूतात्मा भूतभावनः ।। पूतात्मा परमात्मा च मुक्तानां परमं गतिः। अव्ययः पुरुष साक्षी क्षेत्रज्ञो अक्षर एव च ।। योगो योग-विदां नेता प्रधान-पुरुषेश्वरः । नारसिंह-वपुः श्रीमान केशवः पुरुषोत्तमः ।। सर्वः शर्वः शिवः स्थाणु: भूतादि: निधि: अव्ययः…

श्री विष्णु सहस्रनाम स्तोत्रम पाठ

|| श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र || ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम: ॐ विश्वं विष्णु: वषट्कारो भूत-भव्य-भवत-प्रभुः। भूत-कृत भूत-भृत भावो भूतात्मा भूतभावनः ।। पूतात्मा परमात्मा च मुक्तानां परमं गतिः। अव्ययः पुरुष साक्षी क्षेत्रज्ञो अक्षर एव च ।। योगो योग-विदां नेता प्रधान-पुरुषेश्वरः । नारसिंह-वपुः श्रीमान केशवः पुरुषोत्तमः ।। सर्वः शर्वः शिवः स्थाणु: भूतादि: निधि: अव्ययः । संभवो…

कूर्म द्वादशी की पौराणिक कथा और पूजा विधि

|| कूर्म द्वादशी पौराणिक कथा || पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार देवराज इंद्र ने अहंकार में आकर दुर्वासा ऋषि द्वारा दी गई बहुमूल्य माला का अपमान कर दिया। इससे क्रोधित होकर दुर्वासा ऋषि ने इंद्र को श्राप दिया कि वे अपनी सारी शक्तियां और बल खो देंगे। इस श्राप का प्रभाव समस्त देवताओं पर…

अनंत चतुर्दशी 2025 – जानिए व्रत की कहानी, पूजा विधि और महत्व, कैसे करें व्रत उद्यापन

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अनंत चतुर्दशी हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत है। इस बार अनन्त चतुर्दशी शनिवार, सितम्बर 06, 2025 को  है। यह भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इसे भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी के दिन मनाया जाता है। इस दिन अनंत रूपी भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस व्रत के माध्यम से भक्त अपने जीवन…

कल्कि जयन्ती 2025 कब है, कैसे मनाएं, क्या महत्व है?

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कल्कि जयंती हिन्दू धर्म के वैष्णव संप्रदाय का एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह भगवान विष्णु के दसवें और अंतिम अवतार, भगवान कल्कि के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। कल्कि जयन्ती भगवान विष्णु के दसवें अवतार, कल्कि, के जन्म का उत्सव है। इसे हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। कल्कि अवतार को…

रमा एकादशी व्रत 2025 – जानिए व्रत विधि, कथा, पारण का समय और महत्व

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रमा एकादशी हिंदू धर्म के पवित्र व्रतों में से एक है। यह व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष में एकादशी तिथि को रखा जाता है। इस वर्ष रमा एकादशी का व्रत 17 अक्टूबर 2025 को रखा जाएगा। रमा एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। इस व्रत को रखने से भगवान विष्णु की कृपा…

वामन द्वादशी 2025 – जानें कहानी, व्रत, अनुष्ठान और पूजा विधि

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भगवान विष्णु को समर्पित पवित्र वामन द्वादशी प्रति वर्ष 2 बार मनाई जाती है। साल 2025 में वामन द्वादशी का व्रत बुधवार 09 अप्रैल 2025 को पड़ रहा है। एक चैत्र माह की शुक्ल द्वादशी तिथि को, और दूसरी बार भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को। विष्णु जी के दस अवतारों में…

श्री बृहस्पतिवार की कथा

॥ बृहस्पतिवार की कथा॥ भारतवर्ष में एक प्रतापी और दानी राजा राज्य करता था। वह नित्य गरीबों और ब्राह्मणों की सहायता करता था। यह बात उसकी रानी को अच्छी नहीं लगती थी, वह न ही गरीबों को दान देती, न ही भगवान का पूजन करती थी और राजा को भी दान देने से मना किया…

कितने गुरुवार व्रत रखें? जानिए व्रत की कथा और पूजा विधि, बृहस्पतिवार व्रत के फायदे

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बृहस्पतिवार का व्रत भगवान बृहस्पति को समर्पित है, जो ज्ञान, धन और बुद्धि के देवता हैं। यह व्रत करने से व्यक्ति को इन सभी गुणों की प्राप्ति होती है। बृहस्पतिवार व्रत की कई कथाएं प्रचलित हैं। इन कथाओं में भगवान बृहस्पति के भक्तों की भक्ति और उनके द्वारा प्राप्त फल का वर्णन होता है। इन…

एकादशी के दिन भगवान विष्णु को लगाएं ये 4 विशेष भोग, मिलेगी असीम कृपा

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एकादशी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है जो भगवान विष्णु को समर्पित है। यह व्रत हर महीने में दो बार, शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में आता है। एकादशी के दिन, भक्त उपवास रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए, भक्त उन्हें भोग भी लगाते…

भगवान विष्णु सहस्रनामावली

भगवान विष्णु सहस्रनामावली में भगवान विष्णु के एक हजार पवित्र नामों का वर्णन है। भगवान विष्णु सृष्टि के पालनकर्ता और समस्त ब्रह्मांड के संरक्षक हैं। उनका यह सहस्रनाम उनके दिव्य गुणों, स्वरूपों और महिमा का गुणगान करता है। विष्णु सहस्रनामावली का पाठ भक्तों को हर प्रकार के संकटों से मुक्ति दिलाने, आत्मिक शांति प्राप्त करने,…

विष्णु सहस्रनाम जाप करने के लाभ, नियम, कथा और महत्व

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विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र एक वैदिक भजन है जो भगवान विष्णु, हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक, के 1000 नामों का गुणगान करता है। यह स्तोत्र महाभारत के अनुशासनिक पर्व में भीष्म पितामह द्वारा युधिष्ठिर को सुनाया गया था। यह स्तोत्र भगवान विष्णु के विभिन्न गुणों, शक्तियों और अवतारों का वर्णन करता है। विष्णु…

श्री नारायण कवच

॥ श्री नारायण कवच ॥ ॐ श्री विष्णवे नमः ॥ ॐ श्री विष्णवे नमः ॥ ॐ श्री विष्णवे नमः ॥ ॐ नमो नारायणाय ॥ ॐ नमो नारायणाय ॥ ॐ नमो नारायणाय ॥ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॥ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॥ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॥ ॐ हरिर्विदध्यान्मम सर्वरक्षां न्यस्ताड़् घ्रिपद्मः पतगेन्द्रपृष्ठे । दरारिचर्मासिगदेषुचापपाशान्…

घर पर कैसे करें सत्यनारायण व्रत? श्री सत्यनारायण व्रत कथा, विधि, सामग्री और महत्व

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सत्यनारायण व्रत कथा का हिंदू धर्म में अत्यंत महत्व है। यह व्रत भगवान विष्णु के सत्यनारायण स्वरूप की पूजा के रूप में किया जाता है। इस व्रत की कथा का श्रवण एवं पूजा से सुख, शांति, समृद्धि और संतान सुख की प्राप्ति होती है। सत्यनारायण व्रत को पूर्ण विधि-विधान और श्रद्धा के साथ करने से…

बैकुंठ चतुर्दशीच्या कथा

|| बैकुंठ चतुर्दशीच्या कथा || एकदा भगवान विष्णू काशीला भगवान शिवाची पूजा करण्यासाठी आले. त्यांनी मणिकर्णिका घाटावर स्नान केलं आणि 1000 सुवर्ण कमळाच्या फुलांनी भगवान विश्वनाथाची पूजा करण्याचं ठरवलं. अभिषेकानंतर पूजा सुरू केली, तेव्हा भगवान शिवांनी त्यांच्या भक्तीची परीक्षा घेण्यासाठी एक फूल कमी केलं. भगवान विष्णूला 1000 कमळाची फुलं अर्पण करायची होती. फुलं कमी असल्याचं…

वैकुण्ठ चतुर्दशी प्रचलित पौराणिक कथा

।। वैकुण्ठ चतुर्दशी प्रचलित पौराणिक कथा ।। पौराणिक मतानुसार एक बार भगवान विष्णु देवाधिदेव महादेव का पूजन करने के लिए काशी आए। वहाँ मणिकर्णिका घाट पर स्नान करके उन्होंने एक हजार कमल पुष्पों से भगवान विश्वनाथ के पूजन का संकल्प किया। अभिषेक के बाद जब वे पूजन करने लगे तो शिवजी ने उनकी भक्ति की…

देवउठनी एकादशी कथा, पूजा विधि, महत्व, शुभ मुहूर्त और व्रत के नियम

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देवउठनी एकादशी, जिसे प्रबोधिनी एकादशी, देवोत्थान एकादशी और तुलसी विवाह के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण व्रतों में से एक है। यह व्रत कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु चार महीने की योग निद्रा (चतुर्मास) से जागते हैं और…

श्री हरि स्तोत्रम्

॥ श्री हरि स्तोत्र पाठ विधि ॥ पाठ शुरू करने से पहले सुबह उठकर नित्य क्रिया के बाद स्नान कर लें। श्री गणेश का नाम ले कर पूजा शुरू करें। पाठ को शुरू करने के बाद बीच में रुकना या उठना नहीं चाहिए। ॥ श्री हरि स्तोत्र एवं अर्थ ॥ जगज्जालपालं कचतकण्ठमालं, शरच्चन्द्रभालं महादैत्यकालम्। नभोनीलकायं…

देवउठनी एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

देव प्रबोधिनी एकादशी

हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी का व्रत रखा जाता है। यह एकादशी काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है, क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु अपनी योग निद्रा से जागते हैं और चातुर्मास समाप्त होता है और मांगलिक कार्य आरंभ हो जाते हैं। इस दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने…

श्री नारायण कवच अर्थ सहित

॥ श्री नारायण कवच अर्थ सहित ॥ ॐ श्री विष्णवे नमः ॥ ॐ श्री विष्णवे नमः ॥ ॐ श्री विष्णवे नमः ॥ ॐ नमो नारायणाय ॥ ॐ नमो नारायणाय ॥ ॐ नमो नारायणाय ॥ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॥ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॥ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॥ ॐ हरिर्विदध्यान्मम सर्वरक्षां न्यस्ताड़् घ्रिपद्मः पतगेन्द्रपृष्ठे…

वराह अवतार की कथा

।। वराह अवतार की कथा ।। हिरण्याक्ष नामक एक दश्यू के अत्याचारों से पृथ्वी को मुक्ति दिलाने के लिए प्रभु ने वराह रूप में अवतार लिया था। आज हम आपको इसी कथा के बारे में बताने जा रहे हैं। जब कश्यप ऋषि की पत्नी दिती की गर्भ से हिरण्याक्ष और हिरण्यकश्यप नाम के दो जुड़वां…

श्री वराह कवचम्

॥ श्रीवराहकवचम् ॥ आद्यं रङ्गमिति प्रोक्तं विमानं रङ्गसंज्ञितम् । श्रीमुष्णं वेङ्कटाद्रिं च साळग्रामं च नैमिशम् ॥ तोयाद्रिं पुष्करं चैव नरनारायणाश्रमम् । अष्टौ मे मूर्तयः सन्ति स्वयं व्यक्ता महीतले ॥ श्रीसूतः – श्रीरुद्रमुखनिर्णीतमुरारिगुणसत्कथा । सन्तुष्टा पार्वती प्राह शङ्करं लोकशङ्करम् ॥ श्रीपार्वत्युवाच – श्रीमुष्णेशस्य माहात्म्यं वराहस्य महात्मनः । श्रुत्वा तृप्तिर्न मे जाता मनः कौतूहलायते । श्रोतुं तद्देवमाहात्म्यं…

अजा एकादशी व्रत रखने की विधि, पूजा सामग्री, मंत्र और आरती

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अजा एकादशी भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को कहते हैं। यह एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है और इसे बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। अजा एकादशी का व्रत हिंदू धर्म में…

108 Names of Lord Vishnu

|| Vishnu Ashtothram Shatnamavali || Om vishnave namah | Om jishnave namah | Om vashatkaraya namah | Om devadevaya namah | Om vrishakapaye namah | Om damodaraya namah | Om dinabandhave namah | Om adidevaya namah | Om aditestutaya namah | 9 Om pundarikaya namah | Om paranandaya namah | Om paramatmane namah | Om…

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