दर्श अमावस्या व्रत कथा

|| दर्श अमावस्या व्रत कथा || हिन्दू कैलेंडर में नए चंद्रमा के दिन को अमावस्या कहा जाता है। यह दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि कई धार्मिक अनुष्ठान और कर्मकांड केवल अमावस्या तिथि पर ही संपन्न किए जाते हैं। जब अमावस्या सोमवार को आती है, तो उसे सोमवती अमावस्या कहा जाता…

त्रिलता स्तुतिमुक्तावली (Trilata Stutimuktavali)

त्रिलता स्तुतिमुक्तावली (Trilata Stutimuktavali)

त्रिलता स्तुतिमुक्तावली एक उत्कृष्ट आध्यात्मिक कृति है, जिसे पंडित तेजभानु शर्म्मणा ने रचा है। यह पुस्तक देवताओं की स्तुति और प्रार्थनाओं का अनूठा संग्रह है, जिसमें भारतीय संस्कृति और भक्ति परंपरा की गहराई झलकती है। यह ग्रंथ भक्तों के लिए ईश्वर के प्रति अपनी श्रद्धा और समर्पण प्रकट करने का एक सशक्त माध्यम है। पंडित…

Bhogi Pandigai 2025 – जानें भोगी पण्डिगाई का इतिहास और इसे मनाने के प्रमुख स्थल

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भोगी पण्डिगाई दक्षिण भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो पोंगल उत्सव की शुरुआत का प्रतीक है। यह त्योहार पारंपरिक रूप से फसल कटाई के समय मनाया जाता है और किसानों के जीवन में एक विशेष महत्व रखता है। भोगी पण्डिगाई 2025 में 13 जनवरी को मनाई जाएगी। भारत, विविधताओं का देश है,…

चंपा षष्ठी की पौराणिक कथा

|| चंपा षष्ठी की पौराणिक कथा || चंपा षष्ठी का पर्व भगवान शिव के कार्तिकेय (मुरुगन) स्वरूप को समर्पित है। यह पर्व मुख्य रूप से महाराष्ट्र, कर्नाटक और दक्षिण भारत के कुछ भागों में मनाया जाता है। मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को यह पर्व आता है। इसे भगवान शिव और उनके…

विवाह पंचमी की कथा

|| विवाह पंचमी की कथा || विवाह पंचमी का पर्व हिन्दू धर्म में एक प्रमुख त्योहार है, जो भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। यह पर्व मार्गशीर्ष (अगहन) मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विशेष रूप से मनाया जाता है। यह कथा त्रेतायुग की उस महत्वपूर्ण घटना…

श्री विष्णु मत्स्य अवतार पौराणिक कथा

।। श्री विष्णु मत्स्य अवतार पौराणिक कथा ।। एक बार ब्रह्मा जी के पास से वेदों को एक बहुत बड़े दैत्य हयग्रीव ने चुरा लिया। चारों ओर अज्ञानता का अंधकार फैल गया और पाप तथा अधर्म का बोल-बाला हो गया। तब भगवान ने धर्म की रक्षा के लिए मत्स्य रूप धारण करके उस दैत्य का…

त्रिपिण्डीश्राद्धपद्धति (Tripindi Shraddh Paddhati)

त्रिपिण्डीश्राद्धपद्धति (Tripindi Shraddh Paddhati)

त्रिपिण्डीश्राद्धपद्धति गीताप्रेस गोरखपुर द्वारा प्रकाशित एक अद्वितीय और उपयोगी ग्रंथ है, जो हिंदू धर्म में श्राद्ध कर्म और पितृ-तर्पण की विधियों को समझाने के लिए लिखा गया है। यह पुस्तक विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी है, जो पितृ तर्पण, त्रिपिंडी श्राद्ध और पूर्वजों के निमित्त किए जाने वाले कर्मकांडों का शास्त्रीय और…

धूमावती एवं बगलामुखी तांत्रिक साधनाएं (Dhumavati Evam Baglamukhi Tantrik Sadhanayen)

धूमावती एवं बगलामुखी तांत्रिक साधनाएं (Dhumavati Evam Baglamukhi Tantrik Sadhanayen)

धूमावती एवं बगलामुखी तांत्रिक साधनाएं एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जिसे राधा कृष्ण जी ने लिखा है। यह पुस्तक तंत्र साधना, विशेषकर धूमावती और बगलामुखी देवी की साधनाओं पर आधारित है। तंत्रशास्त्र और देवी उपासना में रुचि रखने वालों के लिए यह पुस्तक एक गहन और उपयोगी मार्गदर्शक है। राधा कृष्ण जी एक विद्वान लेखक और…

भृगु बंशी राम (Bhrigu Banshi Ram)

भृगु बंशी राम (Bhrigu Banshi Ram)

भृगु बंशी राम एक प्रसिद्ध पुस्तक है, जिसे लेखक श्री त्रिवेणी प्रसाद सिंह ने लिखा है। यह पुस्तक भारतीय साहित्य और संस्कृति के अनमोल खजाने में से एक है। यह कृति भारतीय इतिहास, समाज और पारंपरिक मूल्यों को बड़े ही रोचक और गहन तरीके से प्रस्तुत करती है। भृगु बंशी राम पुस्तक की विशेषताएं भृगु…

लव और कुश (Lav Aur Kush)

लव और कुश (Lav Aur Kush)

लव और कुश पुस्तक लेखक रंधीर द्वारा लिखी गई है, जो रामायण के दो प्रमुख पात्रों, लव और कुश, के जीवन और उनकी कहानियों को केंद्रित करती है। यह पुस्तक न केवल उनके साहस और संघर्षों का वर्णन करती है, बल्कि उनके व्यक्तित्व, उनके विचारों और उनकी भूमिका को भी गहराई से समझाती है। रंधीर…

श्री मयूरेश स्तोत्रम्

॥ श्री मयूरेश स्तोत्रम् ॥ | ब्रह्मोवाच | पुराणपुरुषं देवं नानाक्रीडाकरं मुदा। मायाविनं दुर्विभाव्यं मयूरेशं नमाम्यहम्॥ परात्परं चिदानन्दं निर्विकारं हृदि स्थितम्। गुणातीतं गुणमयं मयूरेशं नमाम्यहम्॥ सृजन्तं पालयन्तं च संहरन्तं निजेच्छया। सर्वविघ्नहरं देवं मयूरेशं नमाम्यहम्॥ नानादैत्यनिहन्तारं नानारूपाणि बिभ्रतम्। नानायुधधरं भक्त्या मयूरेशं नमाम्यहम्॥ इन्द्रादिदेवतावृन्दैरभिष्टुतमहर्निशम्। सदसद्व्यक्तमव्यक्तं मयूरेशं नमाम्यहम्॥ सर्वशक्तिमयं देवं सर्वरूपधरं विभुम्। सर्वविद्याप्रवक्तारं मयूरेशं नमाम्यहम्॥ पार्वतीनन्दनं शम्भोरानन्दपरिवर्धनम्। भक्तानन्दकरं…

श्री विश्वनाथाष्टकम् स्तोत्रम्

॥ श्री विश्वनाथाष्टकम् स्तोत्र ॥ गङ्गातरङ्गरमणीयजटाकलापं गौरीनिरन्तरविभूषितवामभागम्। नारायणप्रियमनंगमदा पहारं वाराणसीपुरपतिं भज विश्वनाथम्॥ वाचामगोचरमनेकगुणस्वरूपं वागीशविष्णु सुरसेवितपादपीठम्। वामेन विग्रहवरेण कलत्रवन्तं वाराणसीपुरपतिं भज विश्वनाथम्॥ भूताधिपं भुजगभूषणभूषिताङ्गं, व्याघ्राजिनाम्बरधरं जटिलं त्रिनेत्रम्। पाशाङ्कुशाभयवर प्रदशूलपाणिं, वाराणसीपुरपतिं भज विश्वनाथम्॥ शीतांशुशोभितकिरीटविराजमानं, भाक्षणानल-विशोषितपञ्चवाणम्। नागाधिपा रचितभासुरकर्णपूरं, वाराणसीपुरपतिं भज विश्वनाथम्॥ पञ्चानन्दुरितमत्तमतंगजानां, नागान्तकं दनुजपुंगवपन्नगानाम्। दावानलं मरणशोकजराटवीनां, वाराणसीपुरपतिं भज विश्वनाथम्॥ तेजोमयं सगुणनिर्गुणमद्वितीय, मानन्दकन्दमपराजितमप्रमेयम्। नागात्मकं सकलनिष्कलमात्मरूपं, वाराणसीपुरपतिं भज विश्वनाथम्॥ रागादिदोषरहितं…

श्री गणेशाष्टक स्तोत्र

॥ श्री गणेशाष्टक स्तोत्र ॥ यतोऽनन्तशक्तेरनन्ताश्च जीवा यतो निर्गुणादप्रमेया गुणास्ते। यतो भाति सर्वं त्रिधा भेदभिन्नं सदा तं गणेशं नमामो भजामः॥ यतश्चाविरासीज्जगत्सर्वमेतत्तथाब्जासनो विश्वगो विश्वगोप्ता। तथेन्द्रादयो देवसङ्घा मनुष्याः सदा तं गणेशं नमामो भजामः॥ यतो वह्निभानूद्भवो भूर्जलं च यतः सागराश्चन्द्रमा व्योम वायुः। यतः स्थावरा जङ्गमा वृक्षसङ्घाः सदा तं गणेशं नमामो भजामः॥ यतो दानवाः किंनरा यक्षसङ्घा यतश्चारणा वारणाः श्वापदाश्च।…

श्री गजानन स्तोत्र

॥ श्री गजानन स्तोत्र ॥ || देवर्षि उवाचुः ||  विदेहरूपं भवबन्धहारं सदा स्वनिष्ठं स्वसुखप्रद तम्। अमेयसांख्येन च लक्ष्यमीशं गजाननं भक्तियुतं भजामः॥ मुनीन्द्रवन्यं विधिबोधहीनं सुबुद्धिदं बुद्धिधरं प्रशान्तम्। विकारहीनं सकलाङ्गकं वै गजाननं भक्तियुतं भजामः॥ अमेयरूपं हृदि संस्थितं तं ब्रह्माहमेकं भ्रमनाशकारम्। अनादिमध्यान्तमपाररूपं गजाननं भक्तियुतं भजामः॥ जगत्प्रमाणं जगदीशमेवमगम्यमाद्यं जगदादिहीनम्। अनात्मनां मोहप्रदं पुराणं गजाननं भक्तियुतं भजामः॥ न पृथ्विरूपं न जलप्रकाशं…

श्री दत्तात्रेय हृदयम्

|| श्री दत्तात्रेय हृदयम् || प्रह्लाद एकदारण्यं पर्यटन्मृगयामिषात् । भाग्याद्ददर्श सह्याद्रौ कावेर्यां निद्रिता भुवि ॥ कर्माद्यैर्वर्णलिङ्गाद्यैरप्रतक्र्यं रजस्वलम् । नत्वा प्राहावधूतं तं निगूढामलतेजसम् ॥ कथं भोगीव धत्तेऽस्वः पीनां तनुमनुद्यमः । उद्योगात्स्वं ततो भोगो भोगात्पीना तनुर्भवेत् ॥ शयानोऽनुद्यमोऽनीहो भवानिह तथाप्यसौ । पीना तनुं कथं सिद्धो भवान्वदतु चेत्क्षमम् ॥ विद्वान्दक्षोऽपि चतुरश्चित्रप्रियकथो भवान् । दृष्ट्वापीह जनांश्चित्रकर्मणो वर्तते समः ॥…

आदित्य हृदयम्

|| आदित्य हृदयम् || ध्यानम् नमस्सवित्रे जगदेक चक्षुसे जगत्प्रसूति स्थिति नाशहेतवे त्रयीमयाय त्रिगुणात्म धारिणे विरिंचि नारायण शंकरात्मने ततो युद्ध परिश्रांतं समरे चिंतयास्थितम् । रावणं चाग्रतो दृष्ट्वा युद्धाय समुपस्थितम् ॥ 1 ॥ दैवतैश्च समागम्य द्रष्टुमभ्यागतो रणम् । उपागम्याब्रवीद्रामं अगस्त्यो भगवान् ऋषिः ॥ 2 ॥ राम राम महाबाहो शृणु गुह्यं सनातनम् । येन सर्वानरीन् वत्स समरे विजयिष्यसि…

गायत्री हृदयम्

|| गायत्री हृदयम् || ॐ इत्येकाक्षरं ब्रह्म, अग्निर्देवता, ब्रह्म इत्यार्षम्, गायत्रं छन्दं, परमात्मम् स्वरूपं, सायुज्यं विनियोगम् । आयातु वरदा देवी अक्षर ब्रह्म सम्मितम् । गायत्री छन्दसां माता इदं ब्रह्म जुहस्व मे ॥ यदन्नात्कुरुते पापं तदन्नत्प्रतिमुच्यते । यद्रात्र्यात्कुरुते पापं तद्रात्र्यात्प्रतिमुच्यते ॥ सर्व वर्णे महादेवि सन्ध्या विद्ये सरस्वति । अजरे अमरे देवि सर्व देवि नमोऽस्तुते ॥ ओजोऽसि…

शाकम्भरी देवी की कथा

|| शाकम्भरी देवी की कथा || प्राचीन काल में दुर्गम नाम का एक शक्तिशाली और अहंकारी दैत्य था। उसके पिता महादैत्य रूरू थे। एक दिन दुर्गम ने सोचा, “देवताओं की शक्ति और उनकी सत्ता वेदों में निहित है। यदि वेदों को नष्ट कर दिया जाए, तो देवताओं का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।” इस विचार के…

गुरु गोबिंद सिंह जी के 52 हुक्म

|| गुरु गोबिंद सिंह जी के 52 हुक्म || गुरु गोबिंद सिंह जी, सिख धर्म के दसवें गुरु, ने अपने अनुयायियों के जीवन को एक धार्मिक, नैतिक और अनुशासित मार्ग पर चलाने के लिए ५२ हुक्म (आदेश) दिए। ये हुक्म न केवल सिख समुदाय के लिए बल्कि हर व्यक्ति के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।…

स्यमंतक मणि कथा

|| स्यमंतक मणि कथा || एक बार जरासंध के बार-बार आक्रमण से तंग आकर श्रीकृष्ण ने मथुरा छोड़ समुद्र के मध्य एक नई नगरी बसाई, जिसे द्वारिकापुरी के नाम से जाना जाता है। इसी नगरी में सत्राजित नामक व्यक्ति ने सूर्यनारायण की कठोर तपस्या की। उनकी आराधना से प्रसन्न होकर भगवान सूर्य ने उन्हें स्यमन्तक…

पौष अमावस्या व्रत कथा

|| पौष अमावस्या व्रत कथा || पौष अमावस्या से जुड़ी एक प्राचीन कथा है जो एक निर्धन ब्राह्मण परिवार की कहानी को दर्शाती है। इस परिवार में पति-पत्नी और उनकी एक सुंदर और गुणवान पुत्री रहती थी। समय के साथ बेटी बड़ी होने लगी और उसमें सभी अच्छे गुण विकसित हो गए। हालांकि, गरीबी के…

साल 2025 में संकष्टी चतुर्थी कब-कब है? देखें पूरी लिस्ट

Sankashti Chaturthi

संकष्टी चतुर्थी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह पर्व भगवान गणेश की पूजा के लिए समर्पित होता है और प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। पूर्णिमा के बाद आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी और अमावस्या के बाद आने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है….

फाल्गुन अमावस्या की पौराणिक कथा

|| फाल्गुन अमावस्या की पौराणिक कथा || फाल्गुन अमावस्या की पौराणिक कथा के अनुसार, एक गरीब ब्राह्मण परिवार था, जिसमें पति-पत्नी और उनकी एक कन्या थी। उनका जीवन सामान्य रूप से चल रहा था। जैसे-जैसे समय बीतता गया, उनकी बेटी बड़ी होने लगी और उसमें स्त्रियों के गुणों का विकास हुआ। वह सुंदर, सुशील और…

2025 Amavasya Date List – 2025 अमावस्या कैलेंडर, जानें हर महीने की अमावस्या तिथि

Amavasya list

हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। यह तिथि पितरों को श्रद्धांजलि देने, व्रत, पूजा-पाठ और ध्यान के लिए उपयुक्त मानी जाती है। अमावस्या पर किए गए कार्यों का प्रभाव गहरा और सकारात्मक माना जाता है। 2025 में आने वाली अमावस्या तिथियों की पूरी जानकारी नीचे दी गई है। हिंदू धर्म में अमावस्या…

श्रीमद्भगवदगीता (Shrimadbhagavad geeta)

श्रीमद्भगवदगीता (Shrimadbhagavad geeta)

श्रीमद्भगवद्गीता भारतीय आध्यात्मिक ग्रंथों में एक अद्वितीय स्थान रखती है। यह महाभारत के भीष्म पर्व का हिस्सा है और भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेशों का संग्रह है। स्वामी ब्रह्मविद्यानंद ने इस पवित्र ग्रंथ की गूढ़ शिक्षा को सरल और बोधगम्य भाषा में व्याख्यायित किया है, जिससे यह हर पाठक के लिए प्रेरणा…

एकादशी के दिन भगवान विष्णु को लगाएं ये 4 विशेष भोग, मिलेगी असीम कृपा

Saphla ekadashi

एकादशी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है जो भगवान विष्णु को समर्पित है। यह व्रत हर महीने में दो बार, शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में आता है। एकादशी के दिन, भक्त उपवास रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए, भक्त उन्हें भोग भी लगाते…

गुरु गीता (Guru Gita)

गुरु गीता (Guru Gita)

गुरु गीता हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जो शिव पुराण का हिस्सा मानी जाती है। इसमें भगवान शिव द्वारा माता पार्वती को गुरु की महिमा और महत्व के बारे में उपदेश दिया गया है। यह ग्रंथ गुरु-शिष्य परंपरा को समर्पित है और इसमें गुरु के महत्व, गुरु की उपासना और गुरु के ज्ञान…

श्री भगवद्‍ गीता आरती

|| श्री भगवद्‍ गीता आरती || जय भगवद् गीते, जय भगवद् गीते । हरि-हिय-कमल-विहारिणि, सुन्दर सुपुनीते ॥ कर्म-सुमर्म-प्रकाशिनि, कामासक्तिहरा । तत्त्वज्ञान-विकाशिनि, विद्या ब्रह्म परा ॥ जय भगवद् गीते…॥ निश्चल-भक्ति-विधायिनि, निर्मल मलहारी । शरण-सहस्य-प्रदायिनि, सब विधि सुखकारी ॥ जय भगवद् गीते…॥ राग-द्वेष-विदारिणि, कारिणि मोद सदा । भव-भय-हारिणि, तारिणि परमानन्दप्रदा ॥ जय भगवद् गीते…॥ आसुर-भाव-विनाशिनि, नाशिनि तम…

मासिक दुर्गाष्टमी व्रत कथा

|| मासिक दुर्गाष्टमी व्रत कथा || पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, प्राचीन काल में असुर दंभ को महिषासुर नाम का एक पुत्र हुआ। महिषासुर में बचपन से ही अमर होने की प्रबल इच्छा थी। इस इच्छा को पूरा करने के लिए उसने ब्रह्मा जी की कठोर तपस्या शुरू की। उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी…

अभ्युदय (Abhyudaya)

अभ्युदय (Abhyudaya)

अभ्युदय नरेंद्र कोहली द्वारा लिखित एक कालजयी उपन्यास है, जो महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण के आदर्श पात्र श्रीराम के जीवन को एक नए दृष्टिकोण से प्रस्तुत करता है। यह पुस्तक न केवल श्रीराम के जीवन की घटनाओं का वर्णन करती है, बल्कि उनके व्यक्तित्व, उनके संघर्षों और उनके आदर्शों को आधुनिक समाज के संदर्भ…

वृहत पूजा संग्रह (Vrihat Pooja Sangrah)

वृहत पूजा संग्रह (Vrihat Pooja Sangrah)

वृहत पूजा संग्रह एक बहुमूल्य धार्मिक ग्रंथ है, जो विभिन्न प्रकार की पूजा विधियों, व्रत, अनुष्ठान, और धार्मिक कर्मकांडों का विस्तृत वर्णन प्रस्तुत करता है। यह पुस्तक भारतीय धर्म और संस्कृति की गहराई से समझ के साथ लिखी गई है, जिसमें हिंदू धर्म के अनुसार पूजापाठ की समस्त विधियाँ सरल और व्यवस्थित रूप से दी…

यम पितृ परिचय (Yama Pitru Parichay)

यम पितृ परिचय (Yama Pitru Parichay)

यम पितृ परिचय एक महत्वपूर्ण धार्मिक और आध्यात्मिक पुस्तक है, जिसे प्रसिद्ध विद्वान पं. प्रियरत्न जी ने लिखा है। यह पुस्तक भारतीय धर्मग्रंथों और परंपराओं में यमराज और पितरों के महत्त्व पर केंद्रित है। इसमें यमराज के न्याय, पितृ दोष, और पितरों की पूजा से संबंधित विषयों को विस्तारपूर्वक समझाया गया है। यह पुस्तक उन…

महावीर कर्ण (Mahaveer Karn)

महावीर कर्ण (Mahaveer Karn)

महावीर कर्ण पुस्तक पंडित रामनारायण द्वारा लिखित एक अद्भुत महाकाव्य है जो महाभारत के महानायक कर्ण के जीवन, संघर्षों और उनके वीरता से भरे व्यक्तित्व को केंद्र में रखकर लिखा गया है। यह पुस्तक कर्ण के जीवन के उन पहलुओं को उजागर करती है, जो सामान्य रूप से महाभारत की मुख्य कथाओं में अनदेखे रह…

वर्ष 2025 में आने वाली सभी एकादशी व्रत की सूची और एकादशी व्रत के फायदे

lord vishnu ji

हिन्दू धर्म में एकादशी व्रत को बहुत महत्व दिया जाता है। इस दिन श्री विष्णु की पूजा की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह की ग्यारहवीं तिथि को एकादशी या ग्यारस कहा जाता है। एकादशी साल में 24 बार आती है, एक शुक्ल पक्ष और एक कृष्ण पक्ष में। अमावस्या के बाद आने…

सम्पूर्ण प्रदोष व्रत कैलेंडर 2025 – जानें व्रत पूजा विधि और लाभ

Om Namah Shivay

प्रदोष व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि पर आता है और हर महीने दो बार मनाया जाता है – एक कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष में। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और उनके पूरे परिवार का विधिपूर्वक पूजन किया जाता है। इस दिन शनि देव की भी पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक…

स्कन्द षष्ठी 2025 लिस्ट – पूजा विधि, सामग्री जानिये महत्व और इसकी तैयारियां

lord kartikeya

स्कन्द षष्ठी भगवान स्कन्द, जिन्हें कार्तिकेय और मुरुगन के नाम से भी जाना जाता है, की पूजा का विशेष पर्व है। यह षष्ठी तिथि को मनाया जाता है, जो कि भगवान स्कन्द के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है। स्कन्द षष्ठी का पर्व विशेष रूप से तमिलनाडु और दक्षिण भारत में बड़े धूमधाम से…

सूर्य सहस्रनामावली (भविष्य पुराण)

भविष्य पुराण में वर्णित सूर्य सहस्रनामावली भगवान सूर्य के एक हजार नामों का संग्रह है। यह सहस्रनामावली भगवान सूर्य की महिमा, उनके स्वरूप, और उनके द्वारा विश्व में प्रदान की जाने वाली ऊर्जा और जीवन के विभिन्न पहलुओं का वर्णन करती है। भगवान सूर्य वेदों में आदित्य के रूप में पूजित हैं और उन्हें जीवनदाता,…

रुद्रयामल सूर्य सहस्रनामावली

रुद्रयामल तंत्र एक प्रमुख तांत्रिक ग्रंथ है, जिसमें विविध देवताओं की स्तुतियों और साधनाओं का वर्णन है। इसमें वर्णित सूर्य सहस्रनामावली भगवान सूर्य के एक हजार दिव्य नामों का संग्रह है। यह सहस्रनामावली सूर्य देव के विभिन्न स्वरूपों, गुणों और उनकी अनंत शक्ति का वर्णन करती है। भगवान सूर्य को वेदों में आदित्य, सविता और…

रुद्रयामल भगवान शिव सहस्रनामावली

रुद्रयामल तंत्र भगवान शिव की महिमा का विस्तारपूर्वक वर्णन करने वाला एक अद्वितीय ग्रंथ है। इस ग्रंथ में शिव सहस्रनामावली भगवान शिव के एक हजार दिव्य नामों का संग्रह है, जो उनके विभिन्न स्वरूपों, शक्तियों और गुणों को प्रकट करते हैं। यह सहस्रनामावली शिव की अनंत कृपा, उनकी भौतिक और आध्यात्मिक महिमा को व्यक्त करती…

स्कन्द पुराण सूर्य सहस्रनामावली

स्कन्द पुराण भारतीय धर्मग्रंथों में सबसे बड़ा पुराण है, जिसमें सृष्टि, धर्म और अध्यात्म से संबंधित कई महत्वपूर्ण कथाएं और स्तोत्र शामिल हैं। इस पुराण में सूर्य देव की महिमा का विस्तृत वर्णन मिलता है। सूर्य सहस्रनामावली भगवान सूर्य के एक हजार दिव्य नामों का संग्रह है, जो उनके स्वरूप, शक्ति और उपकारकता को प्रकट…

2025 में विनायक चतुर्थी कब-कब मनाई जाएगी? जानिए पूरी लिस्ट

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विनायक चतुर्थी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है और इसे भगवान गणेश की पूजा के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता, बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता माना जाता है। विनायक चतुर्थी के दिन भक्त सुबह स्नान…

मोक्षदा एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

॥ मोक्षदा एकादशी पूजा विधि ॥ इस दिन सुबह जल्दी उठ जाएं। फिर मंदिर और घर को अच्छे से साफ करें। पूरे घर में गंगाजल छिड़क लें। स्नानादि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लें। विष्णु जी को गंगाजल से स्नान कराएं। फिर उन्हें रोली, चंदन, अक्षत आदि अर्पित करें। सबसे पहले भगवान गणेश की…

मोक्षदा एकादशी 2024 – जानिए व्रत का महत्व और कथा, पाएं मोक्ष का वरदान

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हिंदू धर्म में एकादशी के व्रत को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। साल में 24 एकादशियां आती हैं, जिनमें से कुछ का विशेष महत्व होता है। मोक्षदा एकादशी भी उन्हीं में से एक है। यह मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष में आती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और व्रत रखा…

जनवरी 2025 में कौन-कौन से हिन्दू त्यौहार और व्रत होंगे? जनवरी 2025 का त्यौहार और व्रत पंचांग

makar-sankrati

जनवरी 2025 में हिन्दू धर्म के विभिन्न व्रतों और त्यौहारों का शुभारंभ नए साल की आध्यात्मिक ऊर्जा के साथ होगा। महीने की शुरुआत पौष पूर्णिमा (13 जनवरी) से होगी, जो दान और स्नान के लिए महत्वपूर्ण है। मकर संक्रांति (14 जनवरी) पर सूर्य देव की पूजा और तिल-गुड़ का विशेष महत्व है। इसके बाद शत्रुध्न…

मार्गशीर्ष महालक्ष्मी व्रत कथा व पूजा विधि (मार्गशीर्ष गुरुवार व्रत कथा)

।। मार्गशीर्ष महालक्ष्मी व्रत पूजा विधि ।। यह व्रत करने वाले स्त्री तथा पुरुष दोनों मन से स्वस्थ एवं आनंदमय होने चाहिये। इस व्रत को किसी भी महीने के प्रथम गुरुवार (बृहस्पति वार) से शुरु कर सकते हैं। विधि नियम अनुसार हर गुरुवार को महालक्ष्मी व्रत करे। श्री महालक्ष्मी की व्रतकथा को पढ़ें लगातार आठ…

भगवान गणेश गकार सहस्रनामावली

भगवान गणेश गकार सहस्रनामावली में भगवान गणेश के 1000 दिव्य नाम गकार अक्षर से आरंभ होते हैं। यह सहस्रनामावली भगवान गणेश के ज्ञान, बुद्धि, सिद्धि, और विघ्नहर्ता स्वरूप का वर्णन करती है। गकार से आरंभ होने वाले नाम भगवान गणेश के अद्भुत रूप, कार्य और प्रभाव को दर्शाते हैं। गकार सहस्रनामावली का पाठ न केवल…

श्री वाल्मीकि कृत सीता सहस्रनामावली

श्री वाल्मीकि कृत सीता सहस्रनामावली में माता सीता के 1000 दिव्य और महिमामय नामों का वर्णन किया गया है। ये नाम देवी सीता के विभिन्न स्वरूपों, गुणों, और उनके जीवन के आदर्श पहलुओं को उजागर करते हैं। माता सीता को त्याग, समर्पण, प्रेम, और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। इस सहस्रनामावली का पाठ वाल्मीकि…

देवी राधा सहस्रनामावली

देवी राधा सहस्रनामावली राधा रानी के 1000 दिव्य और मधुर नामों का संग्रह है। यह सहस्रनामावलि उनके प्रेम, भक्ति, करुणा और आध्यात्मिक स्वरूप को समर्पित है। राधा रानी भगवान श्रीकृष्ण की परम प्रेयसी और भक्ति के उच्चतम आदर्श का प्रतीक मानी जाती हैं। इस सहस्रनामावलि का पाठ करने से साधक राधा-कृष्ण की अलौकिक प्रेमलीला और…