दुर्गा सप्तशती सिद्ध सम्पुट मंत्र

|| दुर्गा सप्तशती सिद्ध सम्पुट मंत्र || सामूहिक कल्याण के लिये मंत्र देव्या यया ततमिदं जगदात्मशक्त्या निश्शेषदेवगणशक्तिसमूहमूत्‍‌र्या । तामम्बिकामखिलदेवमहर्षिपूज्यां भक्त्या नताः स्म विदधातु शुभानि सा नः ॥ विश्‍व के अशुभ तथा भय का विनाश करने के लिये मंत्र – यस्याः प्रभावमतुलं भगवाननन्तो ब्रह्मा हरश्‍च न हि वक्तुमलं बलं च । सा चण्डिकाखिलजगत्परिपालनाय नाशाय चाशुभभयस्य मतिं…

माँ दुर्गा शाबर मंत्र लाभ सहित

।। माँ दुर्गा शाबर मंत्र ।। डण्ड भुज-डण्ड, प्रचण्ड नो खण्ड। प्रगट देवि! तुहि झुण्डन के झुण्ड। खगर दिखा खप्पर लियां, खड़ी कालका। तागड़दे मस्तंग, तिलक मागरदे् मस्तंग। चोला जरी का, फागड़ दीफू, गले फुल माल, जय जय जयन्त। जय आदि शक्ति। जय कालका खपर-धनी। जय मचकुट छन्दनी देव। जय-जय महिरा, जय मरदिनी। जय-जय चुण्ड-मुण्ड,…

सर्वपितृ अमावस्या पौराणिक कथा

|| सर्वपितृ अमावस्या पौराणिक कथा || श्राद्ध पक्ष में सर्वपितृ अमावस्या का विशेष महत्व है। इसे पितरों को विदा करने की अंतिम तिथि माना जाता है। यदि किसी कारणवश व्यक्ति श्राद्ध की निर्धारित तिथि पर श्राद्ध नहीं कर पाया हो या उसे तिथि ज्ञात न हो, तो सर्वपितृ अमावस्या पर श्राद्ध कर सकता है। इस…

श्री दुर्गा सहस्रनामावली

।। श्री दुर्गा सहस्रनामावली ।। 1) ॐ महाविद्यायै नमः। 2) ॐ जगन्मात्रे नमः। 3) ॐ महालक्ष्म्यै नमः। 4) ॐ शिवप्रियायै नमः। 5) ॐ विष्णुमायायै नमः। 6) ॐ शुभायै नमः। 7) ॐ शान्तायै नमः। 8) ॐ सिद्धायै नमः। 9) ॐ सिद्धसरस्वत्यै नमः। 10) ॐ क्षमायै नमः। 11) ॐ कान्त्यै नमः। 12) ॐ प्रभायै नमः। 13) ॐ…

श्री दुर्गा चालीसा

|| श्री दुर्गा चालीसा || ॥ चौपाई ॥ नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूं लोक फैली उजियारी॥ शशि ललाट मुख महाविशाला। नेत्र लाल भृकुटि विकराला॥ रूप मातु को अधिक सुहावे। दरश करत जन अति सुख पावे॥ तुम संसार शक्ति लै कीना। पालन हेतु अन्न धन दीना॥…

दुर्गा जी आरती

|| दुर्गा जी आरती || ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी । तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ।। ॐ जय अम्बे गौरी । मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को । उज्ज्वल से दोउ नैना, चन्द्रबदन नीको ।। ॐ जय अम्बे गौरी । कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै । रक्त पुष्प माला, कण्ठन…

Shardiya Navratri 2024 – क्या है इस नवरात्रि का विशेष योग? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

durga mata

Shardiya Navratri हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण पर्व है, जो देवी दुर्गा के नौ रूपों की आराधना के लिए मनाया जाता है। यह पर्व आश्विन महीने में आता है और विशेष रूप से शरद ऋतु के आगमन का प्रतीक है। यह नवरात्रि पूरे भारत में भक्तों द्वारा हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। हिंदू धर्म…

श्री दुर्गाष्टकम्

|| दुर्गाष्टकम् || कात्यायनि महामाये खड्गबाणधनुर्धरे । खड्गधारिणि चण्डि श्री दुर्गादेवि नमोऽस्तु ते ॥ वसुदेवसुते काळि वासुदेवसहोदरि। वसुन्धरश्रिये नन्दे दुर्गादेवि नमोऽस्तु ते॥ योगनिद्रे महानिद्रे योगमाये महेश्वरि। योगसिद्धिकरी शुद्धे दुर्गादेवि नमोऽस्तु ते ॥ शंखचक्रगदापाणे शार्ङ्गज्यायतबाहवे। पीतांबरधरे धन्ये दुर्गादेवि नमोऽस्तु ते॥ ऋग्यजुस्सामाथर्वाणश्चतुस्सामन्तलोकिनि। ब्रह्मस्वरूपिणि ब्राह्मि दुर्गादेवि नमोऽस्तु ते॥ वृष्णीनां कुलसंभूते विष्णुनाथसहोदरि। वृष्णिरूपधरे धन्ये दुर्गादेवि नमोऽस्तु ते॥ सर्वज्ञे सर्वगे…

श्री दुर्गा माता स्तुति

|| श्री दुर्गा माता स्तुति || || मंत्र || सर्व मंगल मांगल्ए शिवे सर्वार्थ साधिके, शरण्ए त्र्यंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते।। || स्तुति प्रारंभ || जय जग जननी आदि भवानी, जय महिषासुर मारिणी मां । उमा रमा गौरी ब्रह्माणी, जय त्रिभुवन सुख कारिणी मां ।। हे महालक्ष्मी हे महामाया, तुम में सारा जगत समाया । तीन…

पितृपक्ष में एकादशी का व्रत करना चाहिए या नहीं?

pitra paksha ekadashi

एक सवाल अक्सर लोगों के मन में आता है कि एकादशी के दिन श्राद्ध करना सही है या नहीं? शास्त्रों में साफ तौर पर कहा गया है कि एकादशी के दिन श्राद्ध नहीं करना चाहिए। भगवान शंकर ने खुद पार्वती जी को बताया कि अगर कोई व्यक्ति एकादशी के दिन श्राद्ध करता है, तो श्राद्ध…

कब है इंदिरा एकादशी 2024 व्रत – तिथि मुहूर्त, पूजा विधि, अनुष्ठान और महत्व

lord vishnu ji

हिंदू धर्म में इंदिरा एकादशी को सबसे महत्वपूर्ण व्रतों में से एक माना जाता है। यह एकादशी पितृ पक्ष के महीने में मनाई जाती है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार यह एकादशी सितंबर में आती है। इसी तरह इंदिरा एकादशी 2024 (28 सितंबर) यानी शनिवार को होगी। इस एकादशी की तिथि 27 सितंबर को दोपहर 01:20…

एकादशी के दिन भगवान विष्णु को लगाएं ये 4 विशेष भोग, मिलेगी असीम कृपा

Saphla ekadashi

एकादशी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है जो भगवान विष्णु को समर्पित है। यह व्रत हर महीने में दो बार, शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में आता है। एकादशी के दिन, भक्त उपवास रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए, भक्त उन्हें भोग भी लगाते…

इंदिरा एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

॥ इंदिरा एकादशी व्रत कथा ॥ प्राचीनकाल में सतयुग के समय में महिष्मति नाम की एक नगरी में इंद्रसेन नाम का एक प्रतापी राजा धर्मपूर्वक अपनी प्रजा का पालन करते हुए शासन करता था। वह राजा पुत्र, पौत्र और धन आदि से संपन्न और विष्णु का परम भक्त था। एक दिन जब राजा सुखपूर्वक अपनी…

एकादशी माता आरती

॥ एकादशी माता आरती ॥ ॐ जय एकादशी, जय एकादशी, जय एकादशी माता। विष्णु पूजा व्रत को धारण कर, शक्ति मुक्ति पाता॥ ॐ जय एकादशी…॥ तेरे नाम गिनाऊं देवी, भक्ति प्रदान करनी। गण गौरव की देनी माता, शास्त्रों में वरनी॥ ॐ जय एकादशी…॥ मार्गशीर्ष के कृष्णपक्ष की उत्पन्ना, विश्वतारनी जन्मी। शुक्ल पक्ष में हुई मोक्षदा,…

कितने गुरुवार व्रत रखें? जानिए व्रत की कथा और पूजा विधि, बृहस्पतिवार व्रत के फायदे

brihaspati bhagwan

बृहस्पतिवार का व्रत भगवान बृहस्पति को समर्पित है, जो ज्ञान, धन और बुद्धि के देवता हैं। यह व्रत करने से व्यक्ति को इन सभी गुणों की प्राप्ति होती है। बृहस्पतिवार व्रत की कई कथाएं प्रचलित हैं। इन कथाओं में भगवान बृहस्पति के भक्तों की भक्ति और उनके द्वारा प्राप्त फल का वर्णन होता है। इन…

जीवित्पुत्रिका व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| जीवित्पुत्रिका पूजा व‍िध‍ि || जीवित्पुत्रिका व्रत के पहले दिन महिलाएं सुबह जल्दी उठकर, सूर्योदय से पहले स्नान करती हैं और फिर पूजा करती हैं। इसके बाद वे एक बार भोजन करती हैं। दूसरे दिन सुबह फिर से स्नान करने के बाद महिलाएं पूजा करती हैं और पूरा दिन बिना पानी पिए यानी निर्जला व्रत…

जितिया व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| जितिया व्रत की पूजा व‍िध‍ि || जितिया व्रत के पहले दिन महिलाएं सूर्योदय से पहले जागकर स्‍नान करके पूजा करती हैं और फिर एक बार भोजन ग्रहण करती हैं और उसके बाद पूरा दिन निर्जला व्रत रखती हैं। इसके बाद दूसरे दिन सुबह-सवेरे स्‍नान के बाद महिलाएं पूजा-पाठ करती हैं और फिर पूरा दिन…

वर्ष 2024 में आने वाली सभी एकादशी व्रत की सूची और एकादशी व्रत के फायदे

हिन्दू धर्म में एकादशी व्रत को बहुत महत्व दिया जाता है। इस दिन श्री विष्णु की पूजा की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह की ग्यारहवीं तिथि को एकादशी या ग्यारस कहा जाता है। एकादशी साल में 24 बार आती है, एक शुक्ल पक्ष और एक कृष्ण पक्ष में। अमावस्या के बाद आने…

त्रिस्पृशा एकादशी महायोग कथा (पूजा विधि)

।। त्रिस्पृशा एकादशी महायोग कथा ।। पद्म पुराण के अनुसार देवर्षि नारदजी ने भगवान शिवजी से पूछा: सर्वेश्वर! आप त्रिस्पृशा नामक व्रत का वर्णन कीजिये, जिसे सुनकर लोग कर्मबंधन से मुक्त हो जाते हैं। महादेवजी बोले: विद्वान्! देवाधिदेव भगवान ने मोक्षप्राप्ति के लिए इस व्रत की सृष्टि की है, इसीलिए इसे वैष्णवी तिथि कहते हैं।…

महालया पूजा की पौरणिक कथा

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, महालया पितृ पक्ष के अंतिम दिन मनाया जाता है। इस दिन, पितरों को श्रद्धांजलि देने के बाद, देवी दुर्गा की पूजा की शुरुआत होती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब असुरों का उत्पात बढ़ गया था, तब देवताओं ने देवी दुर्गा की रचना की थी। महालया के दिन, देवी दुर्गा अपनी…

महालक्ष्मी व्रत कथा और पूजा विधि

|| महालक्ष्मी व्रत पूजा विधि || सबसे पहले एक चौकी पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना करें। ध्यान रखें की मूर्ति का मुख पूर्व या पश्चिम दिशा में रखें। इसके बाद थोड़ा से चावल डालकर लक्ष्मी जी के पास कलश की स्थापना करें। कलश के ऊपर एक नारियल में कपड़ा बांधकर…

Pitru Paksha 2024 – पितृ पक्ष की तिथियां, नियम, महत्व और मान्यताएं

pitra paksha shrad

पितृपक्ष 17 सितंबर से शुरू हो रहा है। पितृपक्ष के समय लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान और अन्य धार्मिक कार्य करते हैं। इस दौरान, लोग अपने पितरों की तृप्ति के लिए भोजन और जल अर्पित करते हैं। साथ ही ब्राह्मणों को भोजन कराना, उन्हें दान-दक्षिणा देना और पितरों की…

(विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी) आश्विन संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा

|| आश्विन संकष्टी गणेश (विघ्नराज) चतुर्थी व्रत कथा || आश्विन मास की संकष्टी चतुर्थी को श्रीकृष्ण और बाणासुर की कथा इस प्रकार है: एक समय की बात है, बाणासुर की कन्या उषा ने सुषुप्तावस्था में अनिरुद्ध का स्वप्न देखा। अनिरुद्ध के विरह से वह इतनी अभिलाषी हो गई कि उसके चित को किसी भी प्रकार से…

श्री तुलसी कवचम्

|| श्री तुलसी कवचम् || अस्य श्रीतुलसीकवचस्तोत्रमन्त्रस्य श्रीमहादेव ऋषिः, अनुष्टुप्छन्दः श्रीतुलसीदेवता, मम ईप्सितकामना सिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः । तुलसी श्रीमहादेवि नमः पङ्कजधारिणि । शिरो मे तुलसी पातु फालं पातु यशस्विनी ॥ १ ॥ दृशौ मे पद्मनयना श्रीसखी श्रवणे मम । घ्राणं पातु सुगन्धा मे मुखं च सुमुखी मम ॥ २ ॥ जिह्वां मे पातु शुभदा कण्ठं…

श्री यमाष्टकम्

|| श्री यमाष्टकम् || सावित्र्युवाच । तपसा धर्ममाराध्य पुष्करे भास्करः पुरा । धर्मं सूर्यःसुतं प्राप धर्मराजं नमाम्यहम् ॥ १ ॥ समता सर्वभूतेषु यस्य सर्वस्य साक्षिणः । अतो यन्नाम शमनमिति तं प्रणमाम्यहम् ॥ २ ॥ येनान्तश्च कृतो विश्वे सर्वेषां जीविनां परम् । कामानुरूपं कालेन तं कृतान्तं नमाम्यहम् ॥ ३ ॥ बिभर्ति दण्डं दण्डाय पापिनां शुद्धिहेतवे ।…

ललिता पंचमी व्रत कथा

|| ललिता पंचमी व्रत कथा || शारदीय नवरात्रि के समय, आश्विन शुक्ल पंचमी को ललिता पंचमी का पर्व मनाया जाता है। यह पर्व देवी ललिता को समर्पित है, जो माता सती पार्वती का ही एक रूप मानी जाती हैं। इस दिन भक्त ललिता पंचमी व्रत रखते हैं। देवी ललिता को ‘त्रिपुर सुंदरी’ भी कहा जाता…

2024 पितृ दोष से मुक्ति – जानिए लक्षण, कारण और कारगर उपाय

pitra dosh

ज्योतिष शास्त्र में, पितृ दोष को एक ऐसा दोष माना जाता है जो हमारे पूर्वजों (पितरों) के अधूरे कर्मों या उनके प्रति हमारे गलत व्यवहार के कारण होता है। यह दोष व्यक्ति के जीवन में कई तरह की बाधाएं और समस्याएं पैदा कर सकता है पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए धार्मिक, आध्यात्मिक, और…

साल 2024 में संकष्टी चतुर्थी कब-कब है? देखें पूरी लिस्ट

Sankashti Chaturthi

संकष्टी चतुर्थी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह पर्व भगवान गणेश की पूजा के लिए समर्पित होता है और प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। पूर्णिमा के बाद आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी और अमावस्या के बाद आने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है….

भाद्रपद संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा

|| भाद्रपद संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा || पूर्वकाल में राजाओं में श्रेष्ठ राजा नल थे, और उनकी रूपवती रानी का नाम दमयन्ती था। शापवश राजा नल को राज्य खोना पड़ा और रानी के वियोग से कष्ट सहना पड़ा। तब दमयन्ती ने इस व्रत के प्रभाव से अपने पति को पुनः प्राप्त किया। राजा नल…

एकदंत गणेश स्तोत्रम्

|| एकदंत गणेश स्तोत्रम् || श्रीगणेशाय नमः । मदासुरं सुशान्तं वै दृष्ट्वा विष्णुमुखाः सुराः । भृग्वादयश्च मुनय एकदन्तं समाययुः ॥ १॥ प्रणम्य तं प्रपूज्यादौ पुनस्तं नेमुरादरात् । तुष्टुवुर्हर्षसंयुक्ता एकदन्तं गणेश्वरम् ॥ २॥ देवर्षय ऊचुः सदात्मरूपं सकलादि- भूतममायिनं सोऽहमचिन्त्यबोधम् । अनादि-मध्यान्त-विहीनमेकं तमेकदन्तं शरणं व्रजामः ॥ ३॥ अनन्त-चिद्रूप-मयं गणेशं ह्यभेद-भेदादि-विहीनमाद्यम् । हृदि प्रकाशस्य धरं स्वधीस्थं तमेकदन्तं शरणं…

आरती: श्री गणेश – शेंदुर लाल चढ़ायो

|| आरती: श्री गणेश – शेंदुर लाल चढ़ायो || शेंदुर लाल चढ़ायो अच्छा गजमुखको । दोंदिल लाल बिराजे सुत गौरिहरको । हाथ लिए गुडलद्दु सांई सुरवरको । महिमा कहे न जाय लागत हूं पादको ॥ जय देव जय देव, जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता, जय देव जय देव…

श्री गणेश व्रत कथा

|| श्री गणेश जी पूजन विधि || भगवान श्री गणेश जी की पूजन में वेद मंत्र का उच्चारण किया जाता है। पर जिन्हें वेद मंत्र न आता हो, वो नाम – मंत्रों से भी पूजन कर सकते है। सबसे पहले आप स्नान करले और उसके पश्चात अपने पास पूजा सम्बंधित समस्त सामग्री रख लें फिर…

गणेश अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र

|| गणेश अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र || गणेश्वरो गणक्रीडो महागणपतिस्तथा । विश्वकर्ता विश्वमुखो दुर्जयो धूर्जयो जयः ॥ स्वरूपः सर्वनेत्राधिवासो वीरासनाश्रयः । योगाधिपस्तारकस्थः पुरुषो गजकर्णकः ॥ चित्राङ्गः श्यामदशनो भालचन्द्रश्चतुर्भुजः । शम्भुतेजा यज्ञकायः सर्वात्मा सामबृंहितः ॥ कुलाचलांसो व्योमनाभिः कल्पद्रुमवनालयः । निम्ननाभिः स्थूलकुक्षिः पीनवक्षा बृहद्भुजः ॥ पीनस्कन्धः कम्बुकण्ठो लम्बोष्ठो लम्बनासिकः । सर्वावयवसम्पूर्णः सर्वलक्षणलक्षितः॥ इक्षुचापधरः शूली कान्तिकन्दलिताश्रयः । अक्षमालाधरो ज्ञानमुद्रावान्…

गणेश पुराण (Ganesh Puran)

गणेश पुराण (Ganesh Puran)

गणेश पुराण हिंदू धर्म के 18 प्रमुख पुराणों में से एक है, जिसमें भगवान गणेश की महिमा, उनके जीवन की कथाएँ, और उनकी उपासना से संबंधित गूढ़ ज्ञान का वर्णन किया गया है। यह पुराण दो खंडों में विभाजित है: उपासना खंड और क्रीड़ा खंड। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता, शुभकर्ता और ज्ञान का प्रतीक माना…

Vishwakarma Puja 2024 – जानें विश्वकर्मा जयंती पूजा मुहूर्त, पूजन विधि, व्रत कथा और महत्व

vishwakarma puja

विश्वकर्मा जयंती भगवान विश्वकर्मा के जन्म दिवस के रूप में मनाई जाती है, जिसे लोग प्रायः विश्वकर्मा पूजा के नाम से भी जानते हैं। जैसे मकर संक्रांति जनवरी में आती है, वैसे ही विश्वकर्मा पूजा हर वर्ष कन्या संक्रांति के दिन मनाई जाती है, जो 16-17 सितंबर के आसपास पड़ती है। भगवान विश्वकर्मा को दुनिया…

अनंत चतुर्दशी व्रत उद्यापन कैसे करें? जानिए व्रत की कहानी, पूजा विधि और महत्व

anant bhagwan

अनंत चतुर्दशी हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत है। इस बार अनन्त चतुर्दशी मंगलवार, सितम्बर 17, 2024 को  है। यह भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इसे भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी के दिन मनाया जाता है। इस दिन अनंत रूपी भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस व्रत के माध्यम से भक्त अपने जीवन में सुख,…

अनंत चतुर्दशी व्रत कथा और पूजा विधि

।। अनंत चतुर्दशी पूजा विधि ।। इस दिन प्रातःकाल स्नान के बाद पूजा स्थल पर कलश स्थापित करें। इसके बाद कलश पर भगवान विष्णु की तस्वीर भी लगाएं। एक धागे को कुमकुम, केसर और हल्दी से रंगकर अनंत सूत्र बनाएं, इसमें 14 गांठें लगी होनी चाहिए। इस सूत्रो भगवान विष्णु की तस्वीर के सामने रखें।…

भगवान श्री विश्वकर्मा की कथा

|| भगवान श्री विश्वकर्मा की कथा || पहला अध्याय कई ऋषि एक दिन धर्मक्षेत्र में इकट्ठे हुए और उन्होंने सूत जी से पूछा, “हे महात्मा, आप हमें यह बताइए कि विष्णु के कई रूपों में से कौन सा सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण है?” सूत जी बोले, “हे ऋषियो, आपने बहुत अच्छा सवाल पूछा है, जो…

भगवान श्री विश्वकर्मा जी के 108 नाम

|| भगवान श्री विश्वकर्मा जी के 108 नाम || ॐ विश्वकर्मणे नमः ॐ विश्वात्मने नमः ॐ विश्वस्माय नमः ॐ विश्वधाराय नमः ॐ विश्वधर्माय नमः ॐ विरजे नमः ॐ विश्वेक्ष्वराय नमः ॐ विष्णवे नमः ॐ विश्वधराय नमः ॐ विश्वकराय नमः । ॐ वास्तोष्पतये नमः ॐ विश्वभंराय नमः ॐ वर्मिणे नमः ॐ वरदाय नमः ॐ विश्वेशाधिपतये नमः…

श्री विश्वकर्मा चालीसा

॥ दोहा ॥ श्री विश्वकर्म प्रभु वन्दऊं, चरणकमल धरिध्यान । श्री, शुभ, बल अरु शिल्पगुण, दीजै दया निधान ॥ ॥ चौपाई ॥ जय श्री विश्वकर्म भगवाना । जय विश्वेश्वर कृपा निधाना ॥ शिल्पाचार्य परम उपकारी । भुवना-पुत्र नाम छविकारी ॥ अष्टमबसु प्रभास-सुत नागर । शिल्पज्ञान जग कियउ उजागर ॥ अद्‍भुत सकल सृष्टि के कर्ता ।…

श्री विश्वकर्मा आरती

॥आरती॥ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा । सकल सृष्टि के करता, रक्षक स्तुति धर्मा ॥ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा । आदि सृष्टि मे विधि को, श्रुति उपदेश दिया । जीव मात्र का जग में, ज्ञान विकास किया ॥ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा । ऋषि अंगीरा तप से,…

परिवर्तिनी एकादशी 2024 मुहूर्त, व्रत कथा और पूजा विधि

bhagwan vishnu

परिवर्तिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा की जाती है। इसे भारत के कई क्षेत्रों में पार्श्व एकादशी के रूप में भी जाना जाता है। इस एकादशी पर श्री हरि शयन करते हुए करवट लेते हैं इसलिए इसे एकादशी को परिवर्तिनी एकादशी कहा जाता है। इसे पद्मा एकादशी के नाम से…

Parivartini Ekadashi 2024 – परिवर्तिनी एकादशी के दिन क्या करें और क्या न करें?

lord vishnu

परिवर्तिनी एकादशी, जिसे ‘परिवर्तिनी’ या ‘आश्वयुज एकादशी’ भी कहते हैं, हिंदू कैलेंडर के अनुसार आश्वयुज मास की एकादशी को मनाई जाती है। इस वर्ष, परिवर्तिनी एकादशी 2024 में शनिवार, 14 सितंबर को पड़ रही है। यह एकादशी विशेष रूप से व्रत और पूजा के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है और इसके विशेष महत्व को लेकर…

परिवर्तिनी एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

।। परिवर्तिनी एकादशी पूजा विधि ।। सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें। भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें। भगवान की आरती करें। अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें। भगवान को भोग लगाएं। इस…

जन्म-जीवन-मृत्यु (Janam Jivan Mrityu)

जन्म-जीवन-मृत्यु (Janam Jivan Mrityu)

“जन्म-जीवन-मृत्यु” पुस्तक जीवन और मृत्यु के गहरे रहस्यों को उजागर करती है और व्यक्ति को एक व्यापक दृष्टिकोण से जीवन को देखने की प्रेरणा देती है। यह पुस्तक जीवन के वास्तविक उद्देश्य को समझने, कर्मों की महत्ता को पहचानने और मृत्यु के भय से मुक्त होकर जीवन को जीने का संदेश देती है। इसका अध्ययन…

भर्तृहरि शतक (Bhartrihari Shatak)

भर्तृहरि शतक (Bhartrihari Shatak)

भर्तृहरि शतक एक प्रसिद्ध संस्कृत ग्रंथ है, जिसे महाकवि भर्तृहरि ने रचा है। यह ग्रंथ तीन प्रमुख शतकों (सौ श्लोकों के संग्रह) में विभाजित है, जो जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हैं। भर्तृहरि ने अपने अनुभवों, ज्ञान और दृष्टिकोण को अत्यंत सटीक और काव्यात्मक ढंग से प्रस्तुत किया है। इस ग्रंथ के श्लोक…

गुरु गीता (Guru Gita)

गुरु गीता (Guru Gita)

गुरु गीता हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जो शिव पुराण का हिस्सा मानी जाती है। इसमें भगवान शिव द्वारा माता पार्वती को गुरु की महिमा और महत्व के बारे में उपदेश दिया गया है। यह ग्रंथ गुरु-शिष्य परंपरा को समर्पित है और इसमें गुरु के महत्व, गुरु की उपासना और गुरु के ज्ञान…

मन्यु सूक्तं

|| मन्यु सूक्तं || यस्ते म॒न्योऽवि॑धद् वज्र सायक॒ सह॒ ओजः॑ पुष्यति॒ विश्व॑मानु॒षक् । सा॒ह्याम॒ दास॒मार्यं॒ त्वया यु॒जा सह॑स्कृतेन॒ सह॑सा॒ सह॑स्वता ॥ १ ॥ म॒न्युरिंद्रो म॒न्युरे॒वास॑ दे॒वो म॒न्युर् होता॒ वरु॑णो जा॒तवे दाः । म॒न्युं-विँश॑ ईळते॒ मानु॑षी॒र्याः पा॒हि नो मन्यो॒ तप॑सा स॒जोषाः ॥ २ ॥ अ॒भी हि मन्यो त॒वस॒स्तवी या॒न् तप॑सा यु॒जा वि ज॑हि शत्रू न् ।…

वैकुण्ठ चतुर्दशी 2024 शुभ मुहूर्त – जानिए व्रत कथा, पूजा विधि और आसान उपाय

vaikuntha chaturdashi

वैकुण्ठ चतुर्दशी हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जिसे भगवान विष्णु और भगवान शिव की उपासना के लिए जाना जाता है। यह दिन विशेष रूप से भक्तों के लिए परम मोक्ष प्राप्ति का समय माना जाता है। वैकुण्ठ, भगवान विष्णु का निवास स्थान है, और यह दिन उन्हीं की कृपा से मोक्ष की प्राप्ति…

आंवला नवमी (अक्षय नवमी) की व्रत कथा व पूजा विधि

।। आंवला नवमी की पूजा विधि ।। अक्षय नवमी के दिन आंवला वृक्ष की पूजा की जाती है। वृक्ष की हल्दी कुमकुम आदि से पूजा करके उसमें जल और कच्चा दूध अर्पित करें। इसके बाद आंवले के पेड़ की परिक्रमा करते हुए तने में कच्चा सूत या मौली आठ बार लपेटी जाती है। पूजा के…