श्री पुरुषोत्तम देव आरती

॥ आरती ॥ जय पुरुषोत्तम देवा, स्वामी जय पुरुषोत्तम देवा। महिमा अमित तुम्हारी, सुर-मुनि करें सेवा॥ जय पुरुषोत्तम देवा॥ सब मासों में उत्तम, तुमको बतलाया। कृपा हुई जब हरि की, कृष्ण रूप पाया॥ जय पुरुषोत्तम देवा॥ पूजा तुमको जिसने सर्व सुक्ख दीना। निर्मल करके काया, पाप छार कीना॥ जय पुरुषोत्तम देवा॥ मेधावी मुनि कन्या, महिमा…

नटराज जी आरती

॥ आरती ॥ सत सृष्टि तांडव रचयिता नटराज राज नमो नमः… हेआद्य गुरु शंकर पिता नटराज राज नमो नमः… गंभीर नाद मृदंगना धबके उरे ब्रह्मांडना नित होत नाद प्रचंडना नटराज राज नमो नमः… शिर ज्ञान गंगा चंद्रमा चिद्ब्रह्म ज्योति ललाट मां विषनाग माला कंठ मां नटराज राज नमो नमः… तवशक्ति वामांगे स्थिता हे चंद्रिका अपराजिता…

श्री सत्यनारायण आरती

|| आरती || जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा। सत्यनारायण स्वामी, जन पातक हरणा ॥ जय लक्ष्मी रमणा.. रत्न जडि़त सिंहासन अद्भुत छवि राजै। नारद करत निरंजन, घण्टा ध्वनि बाजै ॥ जय लक्ष्मी रमणा.. प्रगट भये कलि कारण, द्विज को दर्श दियो। बूढ़ो ब्राह्मण बनकर, कञ्चन महल कियो ॥ जय लक्ष्मी रमणा.. दुर्बल भील…

श्री सत्यनारायण व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| श्री सत्य नारायण पूजन विधि || जो व्यक्ति भगवान् श्री सत्य नारायण की पूजा का संकल्प लेते हैं, उन्हें दिन भर व्रत रखना चाहिए। पूजन स्थल को गाय के गोबर से पवित्र करके वहाँ एक अल्पना बनाएँ और उस पर पूजा की चौकी रखना चाहिये। इस चौकी के चारों पायों के पास केले के…

मृत्युंजय महाकाल आरती

।। आरती ।। काल की विकराल की, त्रिलोकेश्वर त्रिकाल की, भोले शिव कृपाल की, करो रे मंगल आरती, मृत्युंजय महाकाल की, करो रे मंगल आरती, मृत्युंजय महाकाल की, बाबा महाकाल की, ओ मेरे महाकाल की, करो रे मंगल आरती, मृत्युंजय महाकाल की।। पित पुष्प बाघम्बर धारी, नंदी तेरी सवारी, त्रिपुंडधारी हे त्रिपुरारी, भोले भव भयहारी,…

श्री केदारनाथजी आरती

।। आरती ।। जय केदार उदार शंकर, मन भयंकर दुख हरम्, गौरी गणपति स्कंद नंदी, श्री केदार नमाम्यहम्। शैली सुंदर अति हिमालय, शुभ मंदिर सुंदरम्, निकट मंदाकिनी सरस्वती जय केदार नमाम्यहम्। उदक कुंड है अधम पावन रेतस कुंज मनोहरम्, हंस कुंड समीप सुंदर जै केदार नमाम्यहम्। अन्नपूर्णा सहं अर्पणा काल भैरव शोभितम्, पंच पांडव द्रोपदी…

श्री युगलकिशोर आरती

॥ आरती ॥ आरती युगलकिशोर की कीजै । तन मन धन न्योछावर कीजै ॥ गौरश्याम मुख निरखन लीजै । हरि का रूप नयन भरि पीजै ॥ रवि शशि कोटि बदन की शोभा । ताहि निरखि मेरो मन लोभा ॥ ओढ़े नील पीत पट सारी । कुंजबिहारी गिरिवरधारी ॥ फूलन सेज फूल की माला । रत्न…

श्री रघुवर आरती

॥ आरती ॥ आरती कीजै श्री रघुवर जी की, सत् चित् आनन्द शिव सुन्दर की। दशरथ तनय कौशल्या नन्दन, सुर मुनि रक्षक दैत्य निकन्दन। अनुगत भक्त भक्त उर चन्दन, मर्यादा पुरुषोतम वर की। आरती कीजै श्री रघुवर जी की…। निर्गुण सगुण अनूप रूप निधि, सकल लोक वन्दित विभिन्न विधि। हरण शोक-भय दायक नव निधि, माया…

रामदेव जी आरती

॥ आरती ॥ ॐ जय श्री रामादे स्वामी जय श्री रामादे। पिता तुम्हारे अजमल मैया मेनादे ॥ ॐ जय श्री रामादे स्वामी…. रूप मनोहर जिसका घोड़े असवारी। कर में सोहे भाला मुक्तामणि धारी॥ ॐ जय श्री रामादे स्वामी…. विष्णु रूप तुम स्वामी कलियुग अवतारी । सुरनर मुनिजन ध्यावे जावे बलिहारी॥ ॐ जय श्री रामादे स्वामी…….

मंगला गौरी आरती

।। आरती ।। जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता ब्रह्मा सनातन देवी शुभ फल दाता। जय मंगला गौरी… अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता, जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुण गाता। जय मंगला गौरी… सिंह को वाहन साजे कुंडल है, साथा देव वधु जहं गावत नृत्य करता था। जय मंगला गौरी… सतयुग शील सुसुन्दर…

ऋषि पंचमी आरती

।। आरती ।। श्री हरि हर गुरु गणपति, सबहु धरि ध्यान। मुनि मंडल श्रृंगार युक्त, श्री गौतम करहुँ बखान।। ॐ जय गौतम त्राता, स्वामी जी गौतम त्राता । ऋषिवर पूज्य हमारे, मुद मंगल दाता।। ॐ जय गौतम त्राता…. द्विज कुल कमल दिवाकर, परम् न्याय कारी। जग कल्याण करन हित, न्याय रच्यौ भारी।। ॐ जय गौतम…

श्री रामनवमी व्रत कथा

|| श्री रामनवमी व्रत कथा || पौराणिक कथानुसार राम नवमी के ही दिन त्रेता युग में महाराज दशरथ के घर विष्णु जी के अवतार भगवान श्री राम का जन्म हुआ था। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का जन्म रावण के अंत के लिए हुआ था। श्रीराम को लोग उनके सुशासन, मर्यादित व्यवहार और सदाचार युक्त शासन…

मंगलवार व्रत की आरती

|| आरती || आरती कीजै हनुमान लला की । दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ।। जाके बल से गिरिवर कांपै । रोग-दोष जाके निकट न झांपै ।। अंजनि पुत्र महा बलदाई । संतन के प्रभु सदा सहाई ।। दे बीरा रघुनाथ पठाए । लंका जारि सिया सुधि लाये ।। लंका सो कोट समुद्र सी खाई…

पूर्णिमा व्रत कथा

|| पूर्णिमा व्रत का महत्व || पूर्णिमा तिथि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इसे धन दायक और संतान दायक व्रत माना गया है। जो लोग पूरे विधि विधान से पूर्णिमा का व्रत करते हैं और ||पूर्णिमा के दिन चंद्रमा का अर्घ देते हैं उनपर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष कृपा होती…

श्री गोगा नवमी व्रत कथा

|| गोगा नवमी की पूजन विधि || भाद्रपद कृष्ण पक्ष की नवमी को सुबह जल्दी उठ कर नहा धोकर खाना, खीर, चूरमा, गुलगुले आदि बनाकर जब मिट्टी की मूर्तियां लेकर महिलाएं आती हैं तो इनकी पूजा होती है। रोली, चावल से टीका कर बनी हुई रसोई का भोग लगाएं, गोगाजी के घोड़े के आगे दाल…

भक्त श्रीधर की कथा

|| भक्त श्रीधर की कथा || माता से जुड़ी एक पौराणिक कथा काफी प्रसिद्ध है जो माता के एक भक्त श्रीधर से जुड़ी है। इस कथा के अनुसार वर्तमान कटरा क़स्बे से 2 कि.मी. की दूरी पर स्थित हंसाली गांव में मां वैष्णवी के परम भक्त श्रीधर रहते थे, जो कि नि:संतान थे। संतान ना…

माता वैष्णो देवी की कथा

|| वैष्णो देवी मंदिर की कथा || हिंदू महाकाव्य के अनुसार, मां वैष्णो देवी ने भारत के दक्षिण में रत्‍‌नाकर सागर के घर जन्म लिया। उनके लौकिक माता-पिता लंबे समय तक नि:संतान थे। दैवी बालिका के जन्म से एक रात पहले, रत्‍‌नाकर ने वचन लिया कि बालिका जो भी चाहे, वे उसकी इच्छा के रास्ते…

मौनी अमावस्या व्रत कथा और पूजा विधि

॥ मौनी अमावस्या पूजा विधि ॥ मौनी अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहुर्त में उठ कर और नित्य क्रियाओं से निवृत्त हो कर गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए। स्नान करने के बाद भगवान विष्णु की पूजा विधि अनुसार करनी चाहिए। पूजा करते समय भगवान विष्णु को पीले फूल, केसर, घी, दिपक और…

रवि प्रदोष व्रत कथा और पूजा विधि

॥ रवि प्रदोष व्रत पूजा विधि ॥ रवि प्रदोष व्रत का पालन करने वाले व्यक्ति को प्रातः उठकर स्नान आदि से निवृत होकर स्वच्छ हो जाना चाहिए। तत्पश्चात पूजा स्थल को स्वच्छ कर सूर्यदेव, भगवान शिव व देवी पार्वती का आवाहन करें। अब भगवान शिव को बेल पत्र तथा सूर्यदेव को अक्षत , फूल, धूप…

प्रदोष व्रत कथा और पूजा विधि

॥ प्रदोष व्रत कथा पूजा विधि ॥ इस दिन सुबह जल्दी उठ जाएं और स्नान कर व्रत का संकल्प लें। भगवान शिव का अभिषेक करें। उन्हें उनकी प्रिय वस्तुओं का भोग लगाएं। व्रत रखने वाले लोग इस दिन फलाहार ग्रहण करते हैं। प्रदोष व्रत की पूजा शाम को प्रदोष काल यानी की गोधूली बेला में…

संतान सप्तमी व्रत की कथा

|| संतान सप्तमी व्रत के लिए नियम || संतान की कामना से जो लोग संतान सप्तमी का व्रत रखते हैं उनके लिए नियम है कि इस व्रत को दोपहर तक कर लें। शिव पार्वती की प्रतिमा को सामने चौकी पर रखकर उनकी पूजा करें। पूजा में नारियय, सुपारी और धूप दीप अर्पित करें। माताएं संतान…

श्री खाटू श्याम जी कथा

|| श्री खाटू श्याम जी कथा || महाभारत काल में लगभग साढ़े पांच हज़ार वर्ष पहले एक महान आत्मा का अवतरण हुआ जिसे हम भीम पौत्र बर्बरीक के नाम से जानते हैं महीसागर संगम स्थित गुप्त क्षेत्र में नवदुर्गाओं की सात्विक और निष्काम तपस्या कर बर्बरीक ने दिव्य बल और तीन तीर व धनुष प्राप्त…

योगिनी एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

योगिनी एकादशी पूजा विधि सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें। भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें। अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें। योगिनी एकादशी व्रत कथा स्वर्गधाम की अलकापुरी नामक नगरी में कुबेर नाम…

कामदा एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

।। कामदा एकादशी पूजा विधि ।। इस दिन स्नान से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लें और भगवान की पूजा करें। एकादशी व्रत के एक दिन पहले से ही नियमों का पालन शुरू कर देना चाहिए। एकादशी के एक दिन पहले यानी 11 अप्रैल, सोमवार को पूरे दिन और रात्रि में संयम पूर्वक व्यवहार करना…

जया एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

॥ जया एकादशी की पूजा विधि ॥ इस दिन जल्‍दी उठना चाहिए। फिर घर की साफ-सफाई करें। झाड़ू और पोंछा लगाने के बाद पूरे घर में गौमूत्र का छिड़काव करें। उसके बाद शरीर पर तिल और मिट्टी का लेप लगा कर कुशा से स्नान करें। घर में पूजा के स्थान पर या पूर्व दिशा में…

पद्मिनी एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

।। पद्मिनी एकादशी पूजा विधि ।। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पद्मिनी एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर अपनी दोनों हथेलियों को देखते हुए इस मंत्र का जाप करें। मंत्र कराग्रे वसते लक्ष्मी: करमध्ये सरस्वती । करमूले तु गोविन्द: प्रभाते करदर्शनम् ।। इसके बाद स्नानादि ने निवृत्त होकर पीले रंग के स्वच्छ वस्त्र धारण करें….

माँ महाकाली चालीसा

॥ दोहा ॥ जय जय सीताराम के मध्यवासिनी अम्ब, देहु दर्श जगदम्ब अब करहु न मातु विलम्ब ॥ जय तारा जय कालिका जय दश विद्या वृन्द, काली चालीसा रचत एक सिद्धि कवि हिन्द ॥ प्रातः काल उठ जो पढ़े दुपहरिया या शाम, दुःख दरिद्रता दूर हों सिद्धि होय सब काम ॥ ॥ चौपाई ॥ जय…

खाटू श्याम चालीसा सीकर

॥ दोहा ॥ श्री गुरु पदरज शीशधर प्रथम सुमिरू गणेश ॥ ध्यान शारदा ह्रदयधर भजुँ भवानी महेश ॥ चरण शरण विप्लव पड़े हनुमत हरे कलेश । श्याम चालीसा भजत हुँ जयति खाटू नरेश ॥ ॥ चौपाई ॥ वन्दहुँ श्याम प्रभु दुःख भंजन । विपत विमोचन कष्ट निकंदन ॥ सांवल रूप मदन छविहारी । केशर तिलक…

श्री महालक्ष्मी स्तुति

|| स्तुति || आदि लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु परब्रह्म स्वरूपिणि। यशो देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।। सन्तान लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु पुत्र-पौत्र प्रदायिनि। पुत्रां देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।। विद्या लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु ब्रह्म विद्या स्वरूपिणि। विद्यां देहि कलां देहि सर्व कामांश्च देहि मे।। धन लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व दारिद्र्य नाशिनि। धनं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च…

श्री बालाजी की स्तुति

|| स्तुति || संसार के पालन हार हो तुम‚ बाला जी तुम्हारी जय होवे‚ हम सबके प्राण आधार हो तुम‚ बाला जी तुम्हारी जय होवे। संसार के पालन हार हो तुम‚ बाला जी तुम्हारी जय होवे। आराम सुखों के दाता हो तुम‚ सबके भाग्य विधाता हो‚ संसार का सार तुम्हीं तो हो‚ बाला जी तुम्हारी…

सांझी माता की आरती

|| आरती || आरता री आरता, सांझी माई आरता, आरता के मूर्ख, चमेली का डोरा, डोरा री डोरा, सांझी का भैया गोरा, गोरी बावड़िया, चमके चुड़ला, अस्सी तेरे पान, पिचासी तेरे …… नो नोर्ते देवी के, सोलह कनागत पितरो के, उठ मेरी देवी खोल किवाड़, पूजन आये तेरे दरबार, पूजा-पाठ के क्या मांगे, भाई भतीजे…

गंगा स्तुति

॥ गंगा स्तुति ॥ जय जय भगीरथनन्दिनि, मुनि-चय चकोर-चन्दिनि, नर-नाग-बिबुध-बन्दिनि जय जह्नु बालिका । बिस्नु-बिस्नुपद-सरोजजासि, ईस-सीसपर बिभासि, त्रिपथगासि, पुन्यरासि, पाप-छालिका ॥ जय जय भगीरथनन्दिनि…… बिमल बिपुल बहसि बारि, सीतल त्रयताप-हारि, भँवर बर बिभंगतर तरंग-मालिका । पुरजन पूजोपहार, सोभित ससि धवलधार, भंजन भव-भार, भक्ति-कल्पथालिका ॥ जय जय भगीरथनन्दिनि….. निज तटबासी बिहंग, जल-थल-चर पसु-पसुपतंग, कीट,जटिल तापस सब…

श्री विष्णु स्तुति

॥ विष्णु स्तुति ॥ शान्ताकारं भुजंगशयनं पद्मनाभं सुरेशं विश्वाधारं गगन सदृशं मेघवर्ण शुभांगम् । शान्ताकारं भुजंगशयनं….. लक्ष्मीकांत कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं वन्दे विष्णु भवभयहरं सर्व लौकेक नाथम् ॥ शान्ताकारं भुजंगशयनं….. यं ब्रह्मा वरुणैन्द्रु रुद्रमरुत: स्तुन्वानि दिव्यै स्तवैवेदे: । सांग पदक्रमोपनिषदै गार्यन्ति यं सामगा: । शान्ताकारं भुजंगशयनं…. ध्यानावस्थित तद्गतेन मनसा पश्यति यं योगिनो यस्यातं न विदु: सुरासुरगणा दैवाय…

श्री जानकी स्तुति

॥जानकी स्तुति॥ भई प्रगट कुमारी भूमि-विदारी जन हितकारी भयहारी । अतुलित छबि भारी मुनि-मनहारी जनकदुलारी सुकुमारी ॥ सुन्दर सिंहासन तेहिं पर आसन कोटि हुताशन द्युतिकारी । सिर छत्र बिराजै सखि संग भ्राजै निज -निज कारज करधारी ॥ सुर सिद्ध सुजाना हनै निशाना चढ़े बिमाना समुदाई । बरषहिं बहुफूला मंगल मूला अनुकूला सिय गुन गाई ॥…

माँ कूष्मांडा आरती

|| आरती || कूष्मांडा जय जग सुखदानी । मुझ पर दया करो महारानी ॥ पिगंला ज्वालामुखी निराली । शाकंबरी मां भोली भाली ॥ लाखों नाम निराले तेरे । भक्त कई मतवाले तेरे ॥ भीमा पर्वत पर है डेरा । स्वीकारो प्रणाम ये मेरा ॥ सबकी सुनती हो जगदंबे । सुख पहुंचती हो मां अंबे ॥…

श्री सिद्धिदात्री माता आरती

|| आरती || जय सिद्धिदात्री तू सिद्धि की दाता तू भक्तों की रक्षक तू दासों की माता, तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि कठिन काम सिद्ध कराती हो तुम हाथ सेवक के सर धरती हो तुम, तेरी पूजा में न कोई विधि है तू जगदंबे दाती…

श्री शाकंभरी जी की आरती

|| आरती || शाकम्भर अम्बाजी की आरती कीजो ॥ ऐसा अदभुत रूप हृदय धर लीजो, शताक्षी दयालु की आरती कीजो ॥ तुम परिपूर्ण आदि भवानी माँ, सब घट तुम आप बखानी माँ ॥ तुम्ही हो शाकम्भर, तुम ही हो शताक्षी माँ ॥ शिवमूर्ति माया, तुम ही हो प्रकाशी माँ ॥ नित जो नर नारी अम्बे…

श्री शाकंभरी चालिसा

॥ दोहा ॥ बन्दउ माँ शाकम्भरी चरणगुरू का धरकर ध्यान, शाकम्भरी माँ चालीसा का करे प्रख्यान ॥ आनंदमयी जगदम्बिका अनन्तरूप भण्डार, माँ शाकम्भरी की कृपा बनी रहे हर बार ॥ ॥ चालीसा ॥ शाकम्भरी माँ अति सुखकारी, पूर्ण ब्रह्म सदा दुःखहारी ॥ कारण करण जगत की दाता, आंनद चेतन विश्वविधाता ॥ अमर जोत है मात…

Navgrah Chalisa

॥ Doha॥ Shri Ganapati Gurupada Kamala, Prema Sahita Shiranaya। Navagraha ChalIsa Kahata, Sharada Hot Sahaya॥ Jay Jaya Ravi Shashi Soma Budha, Jaya Guru Bhragu Shani Raaja। Jayati Rahu Aru Ketu Graha, Karahu Anugraha Aaja॥ ॥ Chaupai ॥ ॥ Shri Surya Stuti ॥ Prathamahi Ravi Kahan Naavon Maathaa, Karahu Kripaa Jan Jaani Anaathaa। He Aaditya Divaakar…

श्री शालिग्राम आरती

।। आरती ।। शालिग्राम सुनो विनती मेरी । यह बरदान दयाकर पाऊं ।। प्रात: समय उठी मंजन करके । प्रेम सहित सनान कराऊँ ।। शालिग्राम सुनो विनती मेरी… चन्दन धुप दीप तुलसीदल । वरन -बरन के पुष्प चढ़ाऊँ ।। शालिग्राम सुनो विनती मेरी… तुम्हरे सामने नृत्य करूँ नित । प्रभु घंटा शंख मृदंग बजाऊं ।।…

बाबा बालक नाथ आरती

।। आरती ।। ओम जय कलाधारी हरे, स्वामी जय पौणाहारी हरे भगत जनों की नइया, भव से पार करे। ओ३म् जय… बालक उम्र सुहानी, नाम बाबा बालक नाथा। अमर हुए शंकर से, सुन कर अमर गाथा। ओम जय कलाधारी हरे… शीश पे बाल सुनहरी, गल रूद्राक्षी माला हाथ में झोली चिमटा, आसन मृगशाला। ओम जय…

मंगलवार व्रत कथा पूजा विधि

।। मंगलवार व्रत कथा ।। प्राचीन काल की बात है एक नगरी में एक ब्राह्मण पति-पत्नी रहते थे उनके पास कोई भी संतान न होन की वजह से वह बहुत दुखी रहते थे। हर बार की तरह इस बार भी ब्राह्मण वन में पूजा के करने के लिए गया और वह ब्राह्मण वन में बैठकर…

विनय चालीसा (नीम करौरी बाबा)

॥ दोहा ॥ मैं हूँ बुद्धि मलीन अति । श्रद्धा भक्ति विहीन ॥ करूँ विनय कछु आपकी । हो सब ही विधि दीन ॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय नीब करोली बाबा । कृपा करहु आवै सद्भावा ॥ कैसे मैं तव स्तुति बखानू । नाम ग्राम कछु मैं नहीं जानूँ ॥ जापे कृपा द्रिष्टि तुम…

श्री पार्श्वनाथ जी की आरती

|| आरती || ओं जय पारस देवा स्वामी जय पारस देवा ! सुर नर मुनिजन तुम चरणन की करते नित सेवा | पौष वदी ग्यारस काशी में आनंद अतिभारी, अश्वसेन वामा माता उर लीनों अवतारी | ओं जय पारस देवा स्वामी जय पारस देवा ! श्यामवरण नवहस्त काय पग उरग लखन सोहैं, सुरकृत अति अनुपम…

श्री पार्शवनाथ चालीसा

|| दोहा || शीश नवा अरिहंत को, सिद्धन करुं प्रणाम | उपाध्याय आचार्य का ले सुखकारी नाम | सर्व साधु और सरस्वती, जिन मन्दिर सुखकार | अहिच्छत्र और पार्श्व को, मन मन्दिर में धार || || चौपाई || पार्श्वनाथ जगत हितकारी, हो स्वामी तुम व्रत के धारी | सुर नर असुर करें तुम सेवा, तुम…

श्री आदि शंकराचार्य आरती

|| आरती || जयदेव जयदेव आदिशंकरा श्री आदिशंकरा अज्ञानासि हरुनि उद्धरिसी जगता जयदेव जयदेव ॥ध्रु०॥ जगती झाले थोर ज्ञानावतार व्यासांनंतर प्रकटे आदिशंकर भाष्यकारा पुसतु ज्ञानेश्वर बोले ब्रह्मानंदी डुंबून वारकरी चाले जयदेव जयदेव …….. ॥१॥ नस्तिक मत करिती श्रुतिमत उध्वस्त त्यांचे खंडन करुनि स्थापिसी वेदांत अज्ञानाने जगती पडल्या ज्या रुढी मोडुनि सांगसी सर्वा ज्ञानाची प्रौढी जयदेव…

श्री पंच परमेष्ठी आरती

|| आरती || इह विधि मंगल आरति कीजे, पंच परमपद भज सुख लीजे । इह विधि मंगल आरति कीजे, पंच परमपद भज सुख लीजे ॥ पहली आरति श्रीजिनराजा, भव दधि पार उतार जिहाजा । इह विधि मंगल आरति कीजे, पंच परमपद भज सुख लीजे ॥ दूसरी आरति सिद्धन केरी, सुमिरन करत मिटे भव फेरी ।…

कांगड़ा माता आरती

॥ आरती ॥ ॐ जय बज्रेश्वरी माता मैया जय बज्रेश्वरी माता । कांगड़ा मंदिर तेरा सबके मन भाता ॥ ॐ जय बज्रेश्वरी माता… शक्तिधाम है आंचल पिंडी रूप लिया । पालनहारी बनकर जग कल्याण किया ॥ ॐ जय बज्रेश्वरी माता… जगमग ज्योति जागे अंधियारा हरती । अन्नपूर्णा तू ही भंडारे भरती ॥ ॐ जय बज्रेश्वरी…